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चिट फंड के प्रकार

चिट फंड के प्रकार
लेकिन आपको बता दें की हर महीने यह बेनिफिट वाले पैसे सभी सदस्यों में बराबर बांटने से पहले चिटफण्ड चलाने वाली ऑर्गनाइजेशन टोटल बेनिफिट का 5% से 10% हिस्सा पहले काट लेती है, उसके बाद बाकी बचे हुए पैसे सदस्यों में बांटे जाते है।

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चिट फंड, आवर्ती (रेकरिंग) जमा या म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) – कहां निवेश करें New 2022

चिट फंड, आवर्ती (रेकरिंग) जमा या म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) : अक्सर बहुत से लोग हमें पैसे बचाने या निवेश करने के लिए कहते हैं या सलाह देते रहते हैं लेकिन वे सभी लोग वास्तव में हमें यह नहीं बताते कि यह कैसे करना है। यदि आप अपने पैसों की बचत करना या स्मार्ट निवेश करना चाहते हैं, लेकिन आपको यह सुनिश्चित नहीं है कि निवेश अथवा बचत की शुरुआत कहां से और कैसे करें तो आप एकदम सही जगह पर आए हैं।

यहां, हम तीन निवेश विकल्पों को देखेंगे जिन पर आप अपनी संपत्ति बढ़ाने और अपने भविष्य को आर्थिक रूप से सुरक्षित करने के लिए विचार कर सकते हैं।

चिट फंड

यदि आपने चिट फंड के बारे में काफी लोगों से सुना अवश्य है परंतु आप अभी तक “चिट फंड क्या है” यह सही प्रकार से नही जानते हैं तो आइए इसे विस्तारपूर्वक समझते हैं।

चिट फंड एक सामुदायिक फंडिंग पद्धति है, जहां कई योगदानकर्ता एक साथ आते हैं और हर महीने एक निश्चित राशि का निवेश करते हैं। हर महीने एकत्र किए गए धन को नीलामी के लिए रखा जाता है। सबसे कम बोली लगाने वाले को चिटफंड आयोजक को कमीशन देने के बाद वह राशि मिलती है।

शेष राशि को शेष योगदानकर्ताओं के बीच समान चिट फंड के प्रकार रूप से वितरित किया जाता है। इस प्रक्रिया का हर महीने पालन किया जाता है जब तक कि प्रत्येक योगदानकर्ता को एक बार राशि प्राप्त न हो जाए।

वर्तमान समय में यह एक ऑनलाइन चिट फंड के रूप में आधुनिक हो गया है जहां इस प्रक्रिया को डिजिटल रूप से संचालित किया जाता है।

यह किस प्रकार कार्य करता है?

मान लीजिए कि 10 योगदानकर्ता एक चिट फंड प्रणाली में अपने पैसों का निवेश करते हैं जिसके अंतर्गत प्रत्येक योगदानकर्ता प्रत्येक माह 10,000 रुपए का निवेश करता है। इस हिसाब से हर महीने एकत्र की गई कुल राशि 1,00,000 रुपये होगी और हर महीने इसी राशि की नीलामी की जाएगी।

म्यूचुअल फंड (Mutual Fund)

अपने पैसों की बचत या निवेश करने का यह एक अच्छा विकल्प है जो निवेशकों से धन एकत्र करता है और स्टॉक, बॉन्ड, इक्विटी और अन्य प्रतिभूतियों में निवेश करता है। इसके बाद निवेशकों को उनके निवेश पर रिटर्न मिलता है। हालांकि, इसमें कुछ जोखिम शामिल हैं क्योंकि निवेशक रिटर्न पाने के बजाय अपने पैसे खो भी सकते हैं।

इसके अंतर्गत निवेशक अपनी वित्तीय क्षमता और जो जोखिम लेने को तैयार हैं, उसके आधार पर कितनी भी राशि निवेश कर सकते हैं।

यह किस प्रकार कार्य करता है?

मान लीजिए कि एक बैंक, एक म्यूचुअल फंड योजना शुरू करता है जहां वह 100 निवेशकों से कुल मिलाकर 1 करोड़ रुपए एकत्र करता है। इस योजना का उद्देश्य निवेशकों द्वारा दिए गए पैसों को 20 शेयरों में निवेश करना है। इसलिए, चिट फंड के प्रकार फंड मैनेजर उन शीर्ष 20 शेयरों को चुनता है जो सबसे अच्छा और महत्वपूर्ण रिटर्न देने की संभावना रखते हैं। प्रत्येक निवेशक के पोर्टफोलियो के आधार पर रिटर्न, समय के साथ साझा किया जाता है।

आवर्ती (रेकरिंग) जमा

यह निवेश बैंकों द्वारा पेश किया जाता है। इसमें वेतनभोगी व्यक्ति बैंक के साथ एक आवर्ती जमा (आरडी) खाता खोल सकते हैं जहां उन्हें हर महीने एक निश्चित राशि जमा करनी होती है। वे कुल राशि पर सावधि जमा पर लागू ब्याज दर अर्जित करते हैं। जमा के मैच्योर होने के बाद बैंक द्वारा खाताधारक को एकमुश्त राशि का भुगतान किया जाता है।

यह किस प्रकार कार्य करता है?

मान लीजिए आप एक आरडी खाता खोलते हैं और प्रति माह 1,000 रुपए 2 साल के कार्यकाल के लिए 8% ब्याज पर जमा करते हैं। दो साल बाद जमा के मैच्योर होने पर आप 2,029 रुपये का ब्याज अर्जित करेंगे और देय राशि रु. 26,029 होगी।

चिट फण्ड क्या होता है और कैसे काम करता है?

आपने देखा होगा कि कुछ झूठे लोग, अशिक्षित लोगों को 3 माह में पैसा डबल करने का लालच देकर, उनका पैसा लेकर रफूचक्कर हो जाते हैं. शारदा चित फण्ड धोखाधड़ी मामला इसी तरह का एक उदाहरण है. भारत चिट फंड के प्रकार में चिट फंड का रेगुलेशन चिट फंड अधिनियम, 1982 के द्वारा होता है. आइये जानते हैं कि चित फण्ड (Chit Fund)क्या होता है?

Chit Fund

चिट फण्ड क्या होता है?

चिट फंड अधिनियम, 1982 की धारा 2 (बी) के अनुसार:

चिट फंड स्कीम का मतलब होता है कि कोई शख्स या लोगों का समूह या पडोसी आपस में वित्तीय लेन देन के लिए एक समझौता करे. इस समझौते में एक निश्चित रकम या कोई चीज एक तय वक्त पर किश्तों में जमा की जाती है और परिपक्वता अवधि पूरी होने पर ब्याज सहित लौटा दी जाती है.

म्यूच्यूअल फंड्स बनाम चिट फंड्स

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म्यूच्यूअल फंड्स बनाम चिट फंड्स

जब निवेश योजनाओं की बात आती है, तो चिट फंड और म्यूचुअल फंड दोनों व्यवहार्य विकल्प होते हैं लेकिन इनमें से कौन सा बेहतर है? इस आलेख का उद्देश्य इस प्रश्न का जितना संभव हो सके उत्तर देना है। यहां, हम आपको चिट फंड और म्यूचुअल फंड के बीच विस्तृत तुलना के साथ प्रस्तुत करते हैं ताकि आप अपने लिए निर्णय ले सकें कि कौन सा आपके लिए बेहतर होगा।

चिट फंड्स कैसे काम करते हैं?

म्यूचुअल फंड चिट फंड से एक बेहद अलग हैं और निवेशकों के बीच काफी लोकप्रिय है । चिट फंड पंजीकृत वित्तीय उपकरण हैं जो उधारकर्ता और ऋणदाता को एक साथ लाते हैं। यह मुख्य रूप से निम्न वर्ग की आबादी को पूरा करता है जहां धन उधार लेने के लिए बैंकों तक सीमित पहुंच होती है। हम चिट फंड को उदाहरण से समझते हैं।

ऐसे 10 लोग हैं जो एक साथ आते हैं और चिट फंड कंपनी में अगले 10 वर्षों के लिए हर साल 10,000 रुपये निवेश करने का फैसला करते हैं। 10 वर्षों के बाद, प्रत्येक व्यक्ति ने 100,000 रुपये जमा किए होंगे। उनमें से कुणाल है जिसकी अपनी दुकान शुरू करने के लिए तत्काल धन की जरूरत है लेकिन बैंक से उधार नहीं ले सकता । दूसरी तरफ संजीव कुछ साल बाद अपनी बेटी की शिक्षा के लिए पैसा बचाना चाहता है।

म्यूचुअल फंड और चैट फंड की तुलना नीचे की गयी है

म्यूचुअल फंड और चिट फंड के बीच की तुलना निम्नानुसार है-

  • म्यूचुअल फंड और चिट फंड दोनों में निवेशक अपने पैसे पूल करते हैं। म्यूचुअल फंड के मामले में, यह पैसा स्टॉक / बॉन्ड में निवेश किया जाता है। दूसरी ओर, चिट फंड, धन उधार देने के लिए इसका उपयोग करते हैं और आय सभी ग्राहकों के बीच समान रूप से विभाजित होती है।
  • म्यूचुअल फंड एक फंड मैनेजर द्वारा संचालित होते हैं, जो बहुत कम शुल्क लेते हैं। हालांकि चिट फंड में, संगठन जो योजना संचालित करता है वह वार्षिक खर्च के रूप में पैसे का एक हिस्सा निकाल देता है।
  • सेबी(SEBI) द्वारा म्यूचुअल फंड की बारीकी से निगरानी और विनियमन किया जाता है। चिट फंड ऐसे किसी भी सरकारी निकाय द्वारा नियंत्रित नहीं होते हैं, जिसे आसानी से धोखेबाज़ों द्वारा शोषित किया जाता है।
  • सख्त विनियमन सुनिश्चित करता है कि म्यूचुअल फंड सुरक्षित और भरोसेमंद हैं। जब चिट फंड की बात आती है तो सुरक्षा का ऐसा कोई आश्वासन नहीं होता है। वास्तव में, हाल के दिनों में कई चिट फंड गबन के मामले रहे हैं।
  • म्यूचुअल फंड बाजार पर निवेश करते हैं, इस प्रकार बाजार में गिरावट के चलते वे बाजार के रूप में अप्रत्याशित हो सकते हैं। चिट फंड बाजार से अवगत नहीं हैं, इसलिए वे किसी भी बाजार जोखिम से मुक्त हैं।

    Chit Fund क्या होता है ? यह कैसे काम करता है ?

    What is Chit Fund Full Information in Hindi:- आपने बहुत सी बार न्यूज़पेपर, टेलीविजन, मूवीज आदि में चिटफंड का नाम जरूर सुना होगा। लेकिन अगर आप नहीं जानते हैं कि चिटफंड क्या होता है ? चिटफंड कैसे काम करता है ? तो आपको इसके बारे में पता होना जरूरी है। क्योंकि यह शब्द अक्सर हमें सुनने को मिल जाता है। ऐसे में अगर हमें चिटफंड के बारे में पता हो, तो हम भविष्य में यह आसानी से तय कर सकते हैं कि हमें चिट फंड में पैसे इन्वेस्ट करने चाहिए या नहीं ?

    इसके अलावा हम अपने दोस्तों को भी इसके बारे में अपनी राय दे सकते हैं। इसलिए चलिये अभी हम जानते हैं कि chit fund mya hota hai in hindi

    Chit Fund क्या होता है ? यह कैसे काम करता है ?

    चिटफंड को देश के अलग-अलग राज्यों में अन्य कई नामों से भी जाना जाता है जैसे कि Chit Chitty, Kuree आदि।

    चिटफंड एक प्रकार से एक ऑर्गेनाइजेशन या कुछ निश्चित लोगों का एक समूह होता है। जिसमें समूह के प्रत्येक व्यक्ति को एक निश्चित समय के लिए हर महीने कुछ पैसे चिटफण्ड में जमा करने होते हैं। फिर उस निश्चित समय के पूर्ण होने पर समूह के सभी सदस्यों को उनके टोटल इकट्ठा हुए सारे पैसों के साथ उनका प्रॉफिट एक साथ वापस कर दिया जाता है।

    अगर समूह का कोई सदस्य उक्त समय सीमा से पहले कुछ पैसे चिटफंड से लेना चाहे ? तो वह पैसे ले सकता है। लेकिन ऐसा करने पर उसे चिटफण्ड से ली गयी मूल राशि के साथ कुछ एक्स्ट्रा पैसे भी चिटफंड में वापस जमा करवाने पड़ते हैं। जो एक्स्ट्रा चिट फंड के प्रकार पैसे वापस चित फंड में जमा करवाएं जाते है, वह एक्स्ट्रा पैसे चिटफंड समूह के सभी सदस्यों के बीच में बराबर बराबर बांट दिए जाते हैं।

    चिटफंड कम्पनी का अर्थ (meaning of chit fund company in hindi)

    वह कम्पनी जो चिट योजना का प्रबंध, पालन व निर्देशन करती है, चिटफंड कंपनी कहलाती है. सरल शब्दों में कहे तो चिटफंड एक ऐसी स्कीम हैं जिसमें कुछ लोग मिलकर एक चिट फंड के प्रकार निश्चित समय में मिलकर धन की पूलिंग करते हैं. ये व्यवस्था कैसे काम करती हैं एक उदाहरण के जरिये समझने का प्रयास करते हैं.

    अगर चार दोस्त या रिश्तेदार मिलकर 10-10 हजार रूपये जमा करते हैं तो हर माह चालीस हजार रूपये जमा होते हैं. अगर अब तीनों को ही एक ही महीने पैसे की जरूरत हो अथवा दोनों को हो तो बोली लगाई जाती हैं. जो सदस्य सबसे कम बोली लगाएगा माना सबसे कम बोली 25 हजार है तो उस सदस्य को पैसे दिए जाएगे.

    फंड में शेष बचे 15 हजार रूपये सदस्यों के बीच नियत अवधि में वितरित कर दिए जाते हैं. अथवा उस धन को कही इन्वेस्ट कर दिया जाता हैं. छोटे शहरों और कस्बों में यह स्कीम बेहद लोकप्रिय हो रही हैं. बैंकों की तुलना में आसानी से कर्ज मिल जाता हैं.

    चिटफंड कंपनी की भारत में उपयोगिता (chit fund company in india in hindi)

    भारत में बचत की को बढ़ावा देने तथा लोगों को आसानी से ऋण उपलब्ध करवाने में चिटफंड कंपनियों का विशेष महत्व रहा है. चिटफंड भारत में चलने वाली विशेष बचत और ऋण की एक योजना है जो पारस्परिक लाभ प्रणाली पर आधारित है इसी कारण यह भारत में उपयोगी सिद्ध हो रही है.

    हमारे देश में चिटफंड की सफलता बड़े पैमाने पर हैं. ये कम्पनियां एजेंट्स के माध्यम से सफल हो रही हैं. लोगों की अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के बीच सम्पर्क के कारण आसानी से पैसे निवेश और कर्ज का विकल्प उपलब्ध हो जाता हैं.

    कई बार शहरों में काम करने वाले एजेंट साल, महीने या दिनों में या मुनाफे का लालच देकर लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. शारदा चिटफंड जैसी कम्पनियां इस तरह के प्रचार के जरिये लाखों लोगों का नेटवर्क बनाने में सफल रही थी और बड़े घोटाले में तब्दील हो गई थी.

    चिटफंड का इतिहास History of Chit Funds In Hindi

    भारत में ही कुछ दशक पूर्व चिटफंड चिट फंड के प्रकार की अवधारणा ने जन्म लिया था. वर्तमान में विश्व भर में इसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी हैं. भारत के केरल राज्य के एक छोटे से गाँव के किसान परिवारों ने मिलकर एक अवधारणा को जन्म दिया जो चिटफंड कहलाई.

    चिटफंड में किसानों का एक समूह अपने अनाज की एक निश्चित मात्रा एक चयनित ट्रस्टी को सुपर्द कर दिया करते थे, वह संस्था अपना एक हिस्सा रखने के पश्चात शेष अनाज को सदस्यों के मध्य एक नीलामी के द्वारा दे दिया जाता हैं.

    स्थानीय भाषा में इस प्रणाली को मालाबार कुरी के नाम से जानते हैं जो प्राचीन द्रविड़ काल से विद्यमान हैं. यह प्रणाली काफी हद तक चीनी लोटरी से मिलती जुलती हैं. केरल में चिटफंड का इतिहास राजा राम वर्मा के समय से माना जाता हैं.

    वर्तमान में भारत में करीब 15 हजार चिट फंड के प्रकार चिट फंड समूह या कम्पनियां कार्यरत हैं. केरल राज्य की अपनी एक सरकारी फंड कम्पनी भी हैं जिसे केरल राज्य वित्तीय उद्यम कम्पनी के नाम से जाना जाता हैं.

    चिटफंड अमेंडमेंट बिल, 2019

    चिटफंड अमेंडमेंट बिल, 2019 को ऐसे समय में लाया गया जब बड़ी संख्या में चिटफंड कम्पनियों के घोटाले उजागर होने लगे, सरकार ने चिटफंड स्कीम में अधिक पारदर्शिता लाने और इसमें निवेश करने वाले लोगों के हितों की रक्षा के लिए कानूनी प्रावधान किये हैं.

    इससे पूर्व हमारे देश में चिट फंड एक्ट-1982 लागू था जिसकी परिभाषा के अनुसार कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति या समूह के साथ समझौता करे. उनके एग्रीमेंट में राशि, समय और समय समय पर क़िस्त चिट फंड के प्रकार जमा की जाए समय पूरा होने पर धन की नीलामी से जो लाभ हो सभी सदस्यों में बराबर बांटा जाए.

    इन कानूनों के अनुसार रिश्तेदार या दोस्त मिलकर कोई चिटफंड ग्रुप चला सकते हैं. मगर लोगों ने इसे पब्लिक इन्वेस्टमेंट फील्ड में कम्पनी के रूप में चलाना शुरू कर दिया. खासकर आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम और त्रिपुरा में ऐसी हजारों कम्पनियां खुल गई.

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