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एनएचआरसी ने फ़िरोज़पुर जिले के सतलुज से घिरे सीमावर्ती क्षेत्रों में बच्चों के लिए शिक्षा सुविधाओं तक उचित पहुँच की कमी को लेकर पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत ने पंजाब के कालुवारा गाँव में विद्यार्थियों की दुर्दशा के बारे में एक मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया है, रिपोर्ट में विशेष रूप से लड़कियों, जिन्हें राज्य के फिरोजपुर जिले के गट्टी रजोक इलाके में सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल पहुंचने के लिए सतलुज नदी के कीचड़ भरे किनारे पर पैदल चलना पड़ता है, फिर बेरही (एक लकड़ी की नाव) और फिर पाकिस्तान सीमा के साथ-साथ 4 किलोमीटर और चलकर नदी पार कर करना पड़ता है, के बारे में कहा गया है।

समाचार रिपोर्ट में आगे खुलासा किया गया है कि कालूवारा तीन तरफ नदी के पानी से और चौथी तरफ अंतरराष्‍ट्रीय सीमा से घिरा हुआ है। यह भी कहा जाता है कि भारी बारिश के दौरान, नदी से खेतों और घरों में बाढ़ आ जाती है, जिससे निवासियों को अपनी छतों पर एक साथ दिन बिताने के लिए मजबूर होना पड़ता है। गांव में 50 परिवार हैं और यहां केवल एक प्राथमिक विद्यालय है। प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाली अधिकांश लड़कियां उच्च शिक्षा के लिए स्कूल जाने में आने वाली अत्यधिक कठिनाइयों के कारण पांचवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ देती हैं।

आयोग ने पाया है कि समाचार रिपोर्ट की सामग्री, यदि सही है, तो विद्यार्थियों के शिक्षा के अधिकार के साथ-साथ क्षेत्र में रहने वाले लोगों के जीवन और गरिमा के अधिकार के प्रति राज्य के अधिकारियों की उदासीनता से संबंधित मुद्दों को उठाती है। राज्य की जिम्मेदारी है कि वह उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करे और उन्हें गरिमा के साथ जीने का वातावरण प्रदान कर, उनके मानवाधिकारों की रक्षा करे।

तदनुसार, आयोग ने पंजाब सरकार को उसके मुख्य सचिव के माध्यम से क्षेत्र में विद्यार्थियों को बेहतर और परेशानी मुक्त शिक्षा सुविधाओं तक उचित पहुँच प्रदान करने के लिए या तो पास के स्थान पर एक नया स्कूल बनाकर या स्कूल पहुँचने के दौरान सतलुज / बेरही नदी से बचते हुए बेहतर पहुँच प्रदान करने के लिए उठाए जा रहे या उठाए जाने वाले कदमों के बारे में की गई कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए एक नोटिस जारी किया है।

नोटिस जारी करते हुए आयोग ने कहा है कि यह अनिवार्य हो जाता है कि राज्य सरकार बिना किसी बाधा या कठिनाई के प्रत्येक बच्चे के लिए शिक्षा प्रणाली तक पहुंच को संभव बनाए ताकि जीवन के मौलिक महत्व को प्राप्त किया जा सके।

इस संदर्भ में, आयोग ने अविनाश मेहरोत्रा बनाम भारत संघ, (2009) 6 एससीसी 398 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के साथ-साथ संविधान में अनुच्छेद 21-ए की भूमिका को भी संज्ञान में लिया, जो छह से चौदह वर्ष की आयु के सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने के लिए राज्य को उत्तरदायी बनाता है।

आयोग ने आगे कहा है कि भारत सरकार लड़कियों की शिक्षा पर जोर देती रही है। आयोग ने देश भर में बालिकाओं को लाभ प्रदान करने के लिए कई योजनाओं की घोषणा और कार्यान्वयन किया है, लेकिन ऐसी समाचार रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि कई दुर्गम क्षेत्र हैं, जहां अभी बहुत काम किया जाना बाकी है। गरीब नागरिकों को स्कूल, बाजार या अपने कार्यस्थल तक पहुंचने के लिए प्रतिदिन नदी पार करने के लिए बेरही का उपयोग करने के लिए उनके भाग्य पर नहीं छोड़ा जा सकता है।

16 नवंबर, 2022 की मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इतनी बाधाओं के बीच हाई स्कूल शिक्षा के लिए विद्यालय जाने वाली दो लड़कियों का कहना है कि कभी-कभी ऐसा भी होता है कि वे बिना किसी बोट मैन के बेरही में अकेली होती हैं, जिसे एक ओवर हेड केबल का उपयोग करके संचालित किया जाता है जो नदी के दोनों किनारों पोल से बंधी होती है। लड़कियों को अपनी पूरी ताकत के साथ सिर के ऊपर की रस्सी को खींचना पड़ता है, नाव को खुद ही चलाना पड़ता है और दूसरी तरफ जाने से पहले इसके स्थिर होने का इंतजार करना पड़ता है। यह भी उल्लेख किया गया है कि कभी-कभी विद्यार्थियों को बेरही के लिए दो घंटे से अधिक समय तक इंतजार करना पड़ता है क्योंकि उन्हें दूसरी तरफ से अपनी ओर बेरही के आने का इंतजार करना पड़ता है। कथित तौर पर क्षेत्र में बेरही जल परिवहन का एक सामान्य साधन है, जिसका उपयोग लोगों, मवेशियों और वाहनों जैसे साइकिल और मोटर बाइक यहां तक कि ट्रैक्टरों को पार उतारने लिए किया जाता है क्योंकि गट्टी राजोक नामक क्षेत्र तक पहुंचने के लिए कोई सड़क नहीं है।

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1. संगठित पूंजी बाजार(FORMAL OR ORGANISED CAPITAL MARKET)बाजार साधन - संगठित पूंजी बाजार के अंतर्गत वित्त संबंधी कार्य पंजीबद्ध विभिन्न वित्तीय संस्थाएं करती हैं, जो विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्रों से निजी वस्तुओं को एकत्र कर दीर्घकालीन पूंजी की व्यवस्था करती है जैसे-

भारतीय यूनिट ट्रस्ट (UTI), जीवन बीमा निगम (LIC), भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक(SIDBI), वाणिज्य बैंक, उद्योग वित्त निगम (IFC), भारतीय उद्योग साख एवं विनियोग निगम (ICICI, भारतीय उद्योग विकास बैंक (IDBI), राष्ट्रीय औद्योगिक विकास निगम (NIDC), भारतीय औद्योगिक पुनर्निर्माण बैंक (IRBI), सामान्य बीमा निगम (GIC), राज्य वित्तीय संस्थाएं (SFCs), आवासीय वित बैंक (RFB) आदि प्रमुख है‌। इन सभी का नियंत्रण भारतीय विनियम बोर्ड (SEBI) द्वारा किया जाता है।

2. असंगठित या गैर संगठित बाजार (INTERNAL OR UNORGANISED MARKET)- इसे अनौपचारिक बाजार भी कहा जाता है, इसमें देसी बैंकर्स, साहूकार, महाजन आदि प्रमुख होते हैं। काले धन का बहुत बड़ा भाग गए असंगठित क्षेत्र में वित्त व्यवस्था करता है। यह उद्योग व्यापार तथा कृषि क्षेत्रों में पूंजी का विनियोजन करते हैं। इनकी ब्याज दरें और वित्तीय नीति कभी भी एक समान नहीं होती है। जिसके परिणाम स्वरुप यह साहूकार कभी-कभी ऊंची दर पर ऋण देकर अधिक लाभ कमाने का प्रयास करते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक इन पर नियंत्रण करने के लिए प्रयास करता है।

प्राथमिक पूंजी बाजार क्या है

prathmik punji bajar kya hai;प्राथमिक पूंजी बाजार का आशय उस बाजार से है, जिसमें नए ब्रांड का निर्माण किया जाता है, इसे नवीन निर्गम बाजार भी कहा जाता है। जिस बाजार में कंपनियों द्वारा प्रथम बार कोई नई चीज बेची जाती है, उसे प्राथमिक बाजार कहा जाता है।

प्राथमिक पूंजी बाजार की पांच विशेषताएं | prathmik punji bajar ki panch vhishestayen

1. प्राथमिक बाजार में नवीन प्रतिभूतियों के व्यवहार का निर्गम होता है।

2. कीमत का निर्धारण- प्रतिभूतियों की कीमत कंपनी के प्रबंधकों द्वारा निर्धारित की जाती है।

3. प्रत्यक्ष निर्माण- प्राथमिक बाजार में कंपनी सीधे बिचौलियों के माध्यम से नियोजकों को प्रतिभूतियों का निर्गम कराती है।

4. स्थान- प्राथमिक बाजार के लिए कोई विशेष स्थान नहीं होता है।

5. पूंजी निर्माण- प्राथमिक बाजार प्रत्यक्ष रूप से पूंजी निर्माण में वृद्धि करता है, और उससे नए यंत्र, मशीनरी भवन आदि के लिए उनका उपयोग करते हैं।

पूंजी बाजार के महत्व | punji bajar ke mahatv

1. पूंजी बाजार पूंजी निवेशकों और बचत करने वालों के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

2. अपनी समस्त आय खर्च ना करने वाले बचत कर्ताओं के लिए सरल साधन पूंजी बाजार होता है।

3. आम जनता की छोटी-छोटी बचतों के लिए पूंजी बाजार एक अच्छा व लाभकारी क्षेत्र प्रदान करता है।

4. इस प्रकार कम दर पर अधिक समय के लिए पूंजी प्राप्त करने का एक अच्छा मार्ग पूंजी बाजार होता है।

5. पूंजी बाजार में मांग व पूर्ति के मध्य संतुलन बनाए रखने का कार्य पूंजी बाजार अपने उपकरणों के माध्यम से करता है।

पूंजी बाजार की विशेषता | punji bajar ki vhishestayen

1. पूंजी बाजार निगमों और सरकारी ब्रांड प्रतिभूतियों आदि में लेन-देन करता है।

2. पूंजी बाजार में कार्य करने वाले व्यक्ति, व्यापारिक बैंक, वाणिज्य बैंक, बीमा कंपनियां और औद्योगिक बैंक, औद्योगिक वित्त निगम, यूनिट ट्रस्ट, निवेश ट्रस्ट, भवन समिति आदि प्रमुख होते हैं।

3. पूंजी बाजार में नई एवं पुराने सभी प्रकार की प्रतिभूतियों का क्रय विक्रय होता है।

IGNOU BECC-132 Study Material in Hindi

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Program Name: कला स्नातक (सामान्य) (बी.ए.जी.)

BECC-132 Books Medium: Hindi

List of Available BECC-132 Study Material in Hindi:

BECC-132 व्यष्टि अर्थशास्त्र के सिद्धान्त-II क्लिक करे
खंड-01 बाजार संरचना Download
खंड-02 साधन बाजार Download
खंड-03 आर्थिक क्षेम: बाजार की विफलता एवं राज्य की भूमिका Download
खंड-04 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार Download

You can also download BECC-132 Study Materials for the English medium which is already available in our collection.

Is it required to download BECC-132 Materials (Hindi)?

To attend IGNOU BECC-132 TEE Examination, it is necessary to first submit your Assignments to IGNOU and it is possible from IGNOU Study Materials. You can solve your BECC-132 Assignments by using Books/Materials. Not only Assignments, but you can use it for preparation of Examination and you can get good marks in your Annual Exams with good grades.

बाल पुराण!

मैं बालों की समस्या से परेशान हो गया हूँ। इधर बीस वर्ष पूर्व मेरे बाल काले हुआ करते थे। इधर अब हाल यह हो गया है कि सिर के बाल काले और सफेद मिलकर अजीब तरह की खिचड़ी बाजार साधन बन गये हैं। दाढ़ी की सफेदी को तो मैंने रोज शेव बनाकर सलटा दिया है। परन्तु ये सिर के बाल मेरी पोल खोलने पर तुले हुये हैं। पत्नी और बच्चे सदैव यह कहते रहते हैं कि मैं समय रहते इनका कोई स्थाई समाधान निकालूं, परन्तु मेरा दिमाग बिल्कुल काम नहीं कर रहा। इन बालों की वजह से मेरा चेहरा भी बदल गया है। उम्र ने तो खैर चेहरे का भूगोल बदला ही है, रही-सही कसर बालों ने पूरी कर दी है। बाल भी सख्त होकर खड़े हो गये हैं तथा उनका रेशमीपन जाता रहा है। इस पचपन वर्ष की उम्र ने मुझे लगभग जोकर सा बना दिया है। मेरे बालों को लेकर डॉक्टरों ने तो अपने हाथ खड़े कर दिये हैं, परन्तु टी.वी. पर आने वाले साबुनों, शैम्पुओं तथा डाइयों के विज्ञापनों ने मुझ में एक उम्मीद अवश्य जगा रखी है। बाल तो बदरंग हुये। मुझे जबरदस्त डैंड्रब का रोग अलग से है।

हमेशा बालों के ऊपर एक गर्द सी छाई रहती है। पत्नी ने अवश्य पचास की होने के बावजूद अपने बालों को मेनटेन कर रखा है। पता नहीं दिनभर क्या-क्या उपाय करती है, जिससे उसके बाल रेशमी, मुलायम, काले और आकर्षक हैं। हालांकि यह कार्य काफी व्ययसाध्य हो रहा है, परन्तु स्टेटस के लिए पत्नी को आकर्षक बनाये रखना आज की महती आवश्यकता भी है। मेरे खिचड़ी और भद्दे बालों के कारण वह बाजार, पार्टी अथवा किसी समारोह में न तो मेरे साथ जा पाती है और न अपने साथ मुझे ले जा पाती है। अजीब सी ऊहापोह बन गये हैं मेरे सिर के बाल। विज्ञापनों में आने वाले साबुन, शैम्पू, तेल और डाई रोगन इतने प्रकार के हैं कि तय करना मुश्किल है कि कौनसा साधन सस्ता, टिकाऊ और आकर्षक रहेगा। किसी में क्या विशेषता है तो किसी में क्या कमी है। इस चक्कर में कोई सर्वमान्य निर्णय नहीं कर पा रहा हूँ। बच्चों का तो सुझाव यह है कि मैं बालों में कलर करवाकर इस समस्या को ढक़ सकता हूँ।

लेकिन पत्नी कहती है कि पहले बालों को ऐसा पोषण दो ताकि ये शूल की तरह खड़ा रहना बंद करें। जब पोषण से ये सतह पर आ जायें तो इन्हें खूबसूरती से काला करो। मैंने पत्नी को समझाया भी कि जब ये काले थे, तब चेहरे का काला रंग और इनका काला रंग मिलकर क्या गुल खिला रहे थे, इससे तुम अनभिज्ञ नहीं हो। इसलिए बच्चों का कलरिंग वाला आयडिया अचित रहेगा। लेकिन पता नहीं वह क्यों बालों को काला करवाने पर तुली है। मेरे ये बाल अनचाहे बाल बन गये हैं, इस तरह मैं अनचाहे बालों की समस्या से ग्रस्त हूँ। एक दिन मैंने विशुुद्ध मेहंदी का प्रयोग कर उन्हें नये रूप में देखना चाहा तो वे और अधिक भयावह बन गये। पत्नी ने उसी दिन कहा काली मेंहंदी लगाकर और देख लो, यदि ये लुभावने हो जाते हैं तो ठीक है, वरना अपन कोई और आयुर्वेदिक उपाय खोजेंगे। मैंने काली मेहंदी लगाई तो जिसका डर था, वही हुआ, मैं लगभग लंगूर जैसा बन गया। बच्चे हंसने लगे। पत्नी ने उन्हें इस बदतमीजी के लिए डांटा और मुझे आंवला, अरीठा तथा दही से बाल धोने का नुस्खा दिया। मैंने कहा खाने को दही मिलता नहीं और बालों को दही से सींचो, कितनी असंगत बात है। लेकिन पत्नी के कथन की अनदेखी भी नहीं की जा सकती थी। अत: दो माह तक शीतकाल में मैंने आंवला, अरीठा और दही का प्रयोग किया तो मेरे ठण्ड ऐसी जमी कि इस उपचार को बंद करके, मैं डॉक्टर की तरफ कफ-खांसी और ज्वर की बाजार साधन दवा लेने दौड़ा। दफ्तर से छुट्टी ली, वह अलग थी।

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राशिफल : कैसा रहेगा आज का दिन, जानिए क्या-क्या होगा लाभ

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18 नवम्बर शुक्रवार का दिन है। आइये प्रख्यात हस्तरेखा विशेषज्ञ विमल जैन से जानते है कि क्या कहते हैं आपके किस्मत के सितारे। कैसा जाएगा आपका आज का दिन।

मेष- शुभ भावनाओं का उदय, बुद्धि-विवेक से कार्यों में सफलता, जटिल समस्याओं का समाधान, दर्शनीय स्थलों की यात्रा, आनन्द की अनुभूति, बकाए धन की प्राप्ति।
वृषभ- नवयोजना अधूरी, व्यावसायिक पक्ष के प्रति चिन्तित, वैवाहिक अड़चनें, आत्मिक शांति में कमी, द्रव्य की क्षति, स्व-निर्णय अहितकर, यात्रा निरशशाजनक, बाजार साधन कष्ट भी ।
मिथुन- व्यावसायिक प्रगति का मार्ग प्रशस्त, परिश्रम के अनुरूप सफलता, श्रेष्ठजनों से सम्पर्क, कर्ज की अदायगी का प्रयास, जिन्दगी में सुख के बाजार साधन साधन सुलभ, हर्ष भी।
कर्क- भाग्योनतिकेनवीन आयाम, शिक्षा एवं प्रतियोगिता में सफलता, दूसरों के आश्वासनों से मानसिक राहत, दूर या समीप की यात्रा का प्रसंग, आत्मिक शांति से प्रसन्नता ।

सिंह- समय संतोषजनक, मित्रों एवं परिजनों के माध्यम से कुछेक मसला हल होने को, शत्रु हानि पहुँचाने में विफल, पुराने विवाद का समापन पक्ष में, तनाव में कमी ।
कन्या- कार्यों में व्यवधान, पारिवारिक मतभेद उजागर, व्यवहार के प्रति लापरवाही, शारीरिक सुख में व्यतिक्रम, कर्ज की अधिकता, उत्तरदायित्व की पूर्ति में अड़चनें।
तुला- सद्विचारों का उदय, विचारित कार्यों में सफलता, आनन्द की अनुभूति, मनोर॑जन की ओर रुझान, मनोविनोद के सुअवसर प्राप्त, विशिष्टजनों से सम्पर्क का अवसर।
वृश्चिक- स्वास्थ्य सुधार पर, किसी आयोजन में सम्मिलित होने का सुअवसर प्राप्त, शिक्षा एवं प्रतियोगिता में सफलता, परिवार में मंगल आयोजन सम्पादित, आत्मिक शांति ।

धनु- ग्रहस्थिति भाग्य के पक्ष में, आर्थिक स्थिति में सुधार, अधीनस्थ सहयोगियों से सहयोग, किसी योजना की शुरुआत, स्थान परिवर्तन की दिशा में कार्यक्रम ।
मकर- समय असन्तोषजनक, वरिष्ठजनों की सलाह अमान्य, वाद-विवाद से अड्चनें, मित्रों परिजनों से मतभेद, लाभ में कमी, परिवार में अनावश्यक खर्च, यात्रा असफल।
कुम्भ- व्यक्तिगत जीवन में नवीन उपलब्धि, जिम्मेदारियों को निभाने हेतु अधिक व्यय, दाम्पत्य जीवन में मधुरता, इच्छा का विकास ।
मीन- मनोबल में वृद्धि, पारिवारिक समस्याओं का समाधान, विचाराधीन योजना को कार्यरूप में परिणित, स्वाध्याय की ओर अभिरुचि, कुछेक मसला सुलझने की ओर।

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