पेशेवर उपकरण

विदेशी मुद्रा समाचार बिहार

विदेशी मुद्रा समाचार बिहार
रिजर्व बैंक के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 11 मार्च को समाप्त सप्ताह में 9.646 अरब डॉलर घटकर 622.275 अरब डॉलर पर आ गया. इससे पूर्व चार मार्च को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 39.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 631.92 अरब डॉलर हो गया था. इससे पूर्व तीन सितंबर, 2021 को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 642.453 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर जा पहुंचा था.आरबीआई के शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट, विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों के घटने की वजह से आई जो कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. आंकड़ों के अनुसार 11 फरवरी को समाप्त सप्ताह में एफसीए 11.108 अरब डॉलर घटकर 554.359 अरब डॉलर रह गया था. हालांकि गोल्ड रिजर्व में बढ़त से एफसीए में गिरावट का असर कुछ कम हुआ. सप्ताह के दौरान स्वर्ण भंडार 1.522 अरब डॉलर बढ़कर 43.842 अरब डॉलर हो गया.

जरुरी जानकारी | विदेशी मुद्रा भंडार 2.9 अरब डॉलर बढ़कर 550.14 अरब डॉलर पर

जरुरी जानकारी | विदेशी मुद्रा भंडार 2.9 अरब डॉलर बढ़कर 550.14 अरब डॉलर पर

मुंबई, दो दिसंबर देश का विदेशी मुद्रा भंडार में 25 नवंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान लगातार तीसरे हफ्ते बढ़त में रहा। सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार 2.9 अरब डॉलर बढ़कर 550.14 अरब डॉलर पर पहुंच गया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, 18 नवंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.54 अरब डॉलर बढ़कर 547.25 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। अगस्त, 2021 के बाद देश के विदेशी मुद्रा भंडार में इस सप्ताह सबसे तेज वृद्धि हुई है।

गौरतलब है कि अक्टूबर, 2021 में विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया था। वैश्विक घटनाक्रमों के बीच केंद्रीय बैंक के रुपये की विनियम दर में तेज गिरावट को रोकने के लिए मुद्रा भंडार का उपयोग करने की वजह से इसमें कमी आई है।

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 2 साल की सबसे बड़ी गिरावट, जानिये क्यों घटा देश का रिजर्व

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 2 साल की सबसे बड़ी गिरावट, जानिये क्यों घटा देश का रिजर्व

TV9 Bharatvarsh | Edited By: सौरभ शर्मा

Updated on: Mar 19, 2022 | 7:59 PM

शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 11 मार्च को खत्म हुए हफ्ते के दौरान देश का विदेशी मुद्रा भंडार (forex reserve) करीब 10 अरब डॉलर घट गया है. बीते 2 साल में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में दर्ज हुई ये सबसे बड़ी गिरावट है. इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक विदेशी मुद्रा भंडार में ये गिरावट डॉलर के मुकाबले रुपये (Dollar vs Rupee) में तेज गिरावट को रोकने के लिये रिजर्व बैंक के द्वारा उठाये गये कदमों की वजह से देखने को मिली है. इसी सप्ताह के दौरान रूपये में तेज गिरावट देखने को मिली थी, जिसे थामने को लिये रिजर्व बैंक को सिस्टम में डॉलर का प्रवाह बढ़ाना पड़ा जिससे फॉरेन करंसी एसेट्स में 11 अरब डॉलर की कमी देखने को मिली और पूरा विदेशी मुद्रा भंडार पर इसका असर दिखा.

क्यों आई विदेशी मुद्रा भंडार में तेज गिरावट

भंडार में ये गिरावट बीते 2 साल की सबसे बड़ी गिरावट रही है. इससे पहले 20 मार्च 2020 को देश का विदेशी मुद्रा भंडार 11.9 अरब डॉलर घट गया था. 11 मार्च को खत्म हुए हफ्ते में ही डॉलर के मुकाबले रुपये में तेज गिरावट देखने को मिली थी. 7 मार्च को डॉलर के मुकाबले रुपया 77 के स्तर को पार कर गया था, बाजार के जानकारों के हवाले ईटी में छपी रिपोर्ट में कहा गया है कि रुपये में और गिरावट को रोकने के लिये रिजर्व बैंक ने हस्तक्षेप किया था और बाजार में डॉलर की बिक्री की. अनुमान के मुताबिक रिजर्व बैंक ने हफ्ते के दौरान करीब 1 अरब डॉलर प्रति दिन के हिसाब से बाजार में डॉलर उतारे थे. इससे रूपये को ज्यादा गिरने से रोका जा सका था. हालांकि इस प्रक्रिया में फॉरेन करंसी एसेट्स में कमी आई. फिलहाल देश का विदेशी मुद्रा भंडार अपने उच्चतम स्तर से ज्यादा दूर नहीं है इसी वजह से इस गिरावट विदेशी मुद्रा समाचार बिहार का भी खास असर नहीं पड़ेगा. भारत का मौजूदा भंडार एक साल से ज्यादा के आयात बिल के लिये पर्याप्त है.

भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार 2.73 अरब डॉलर से बढ़कर 593.323 अरब डॉलर पर

देश का विदेशी मुद्रा भंडार 24 जून को समाप्त सप्ताह में 2.734 अरब डॉलर बढ़कर 593.323 अरब डॉलर हो गया। इस वृद्धि का कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों का बढ़ना है। भारतीय रिजर्व विदेशी मुद्रा समाचार बिहार बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के अनुसार इससे पिछले सप्ताह, विदेशी मुद्रा भंडार 5.87 अरब डॉलर घटकर 590.588 अरब डॉलर हो गया था।

चौबीस जून को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ने का कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों का बढ़ना है जो कुल मुद्रा भंडार का विदेशी मुद्रा समाचार बिहार एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके अलावा स्वर्ण आरक्षित भंडार के बढ़ने से भी विदेशीमुद्रा भंडार बढ़ा है। आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 2.334 अरब डॉलर बढ़कर 529.216 अरब डॉलर हो गई। डॉलर में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा भंडार में रखे जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पौंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में मूल्यवृद्धि अथवा मूल्यह्रास के प्रभावों को शामिल किया जाता है।

राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार 2022 के लिए आवेदन आमंत्रित किए

सक्षम ऐप चुनाव प्रक्रिया में दिव्यांगजनों की भागीदारी को संभव बनाएगा

सपा का झंडा गुंडागर्दी का प्रतीक, अखिलेश की सपा पर केशव प्रसाद मौर्य ने साधा निशाना

JCBL कृषि मशीनीकरण क्षेत्र में आधुनिकता को बढ़ावा दे रहे हैं: आर.जी. अरोड़ा

बिहार का उपचुनाव प्रतिष्ठा का मामला

बिहार में हाल में ही दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे और सत्तारूढ़ महागठबंधन व मुख्य विपक्षी भाजपा के बीच मुकाबला बराबरी पर छूटा था। दोनों पार्टियों ने एक एक सीटें जीती थीं। अब फिर एक सीट पर उपचुनाव हो रहा है और इसे निर्णायक माना जा रहा है। यह सीट जो पार्टी जीतेगी उसका पलड़ा भारी माना जाएगा। बिहार की कुढ़नी विधानसभा सीट राजद की थी लेकिन उसने यह सीट सहयोगी पार्टी जदयू के लिए छोड़ी है। अक्टूबर में हुए दो सीटों के उपचुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रचार के लिए नहीं गए थे लेकिन इस बार कुढ़नी विधानसभा सीट पर वे प्रचार करने पहुंचे।

अगस्त में भाजपा से गठबंधन तोड़ कर राजद के साथ सरकार बनाने के बाद पहली बार वे राजद नेता और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ प्रचार के लिए पहुंचे। दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी ने भी पूरी ताकत लगाई है। उसके सारे दिग्गज नेता गुजरात और दिल्ली नगर निगम में प्रचार करने के साथ साथ कुढ़नी में भी प्रचार करने पहुंचे थे। सात साल पहले 2015 में इस सीट पर अभी के विदेशी मुद्रा समाचार बिहार जैसा ही मुकाबला हुआ था। जदयू के उम्मीदवार थे मनोज कुशवाहा और भाजपा ने केदार गुप्ता को उतारा था। तब केदार गुप्ता चुनाव जीते थे। इस बार फिर ये ही दोनों उम्मीदवार हैं। फर्क यह है कि इस बार भाजपा के साथ सिर्फ चिराग पासवान की पार्टी है, जबकि 2015 में उपेंद्र कुशवाहा व जीतन राम मांझी की पार्टी और मुकेश साहनी का भी साथ था। इस बार ये तीनों महागठबंधन के साथ हैं। इसलिए काफी कांटे की टक्कर हो गई है।

रेटिंग: 4.82
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 105
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *