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क्रिप्टोबो फैसले

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Earlier in the day, the Finance Minister held an engaging and lively interaction with a group of students studying at @Stanford. The free-wheeling conversation covered a variety of topics. https://t.co/UW0G68Ec7u pic.twitter.com/4UdVDEkzXk — Ministry of Finance (@FinMinIndia) April 26, 2022

Binance-WazirX Rift: भारत के 1.5 करोड़ क्रिप्टो इंवेस्टर्स हैं परेशान, इन वजहों से हो रही है सबसे ज्यादा परेशानी

भारत में WazirX का संचालन करने वाली Zanmai Labs दुनिया के सबसे बड़े एक्सचेंज के साथ मालिकाना हक को लेकर हुए विवाद के बाद कानूनी रास्ता तलाश कर रही है. लेकिन WazirX एवं Binance के बीच शुरू हुए इस विवाद से भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज के करीब 1.5 करोड़ यूजर्स पर असर देखने को मिल रहा है.

Binance

झाओ ने शनिवार को ट्वीट कर कहा कि WazirX के यूजर्स को अपने फंड्स बाइनेंस में ट्रांसफर कर लेने चाहिए. इस वजह से बहुत अधिक पैनिक की स्थिति पैदा हो गई थी.

CZ ने शनिवार को ट्वीट किया, "हम WazirX को बंद कर सकते थे. लेकिन हम ऐसा नहीं कर सकते हैं क्योंकि. इससे यूजर्स को परेशानी होगी."

यूजर्स हो रहे हैं परेशान

Binance द्वारा WazirX को किए जाने वाले ऑफ चेन ट्रांसफर को डिसेबल किए जाने के बाद एक यूजर ने एक स्क्रीनशॉट शेयर किया है. इस स्कीनशॉट से पता चलता है कि यूजर्स को किस प्रकार दोनों एक्सचेंज के बीच आंतरिक तौर पर फंड ट्रांसफ करने में परेशानी हो रही है. ऑफ-चेन ट्रांजैक्शन ब्लॉकचेन से इतर होते हैं.

क्रिप्टो में पैसे लगाने वाले निवेशक क्रिप्टो की कीमतों में गिरावट और भारत में लागू टैक्स व्यवस्था से पहले से परेशान थे. अब ये यूजर्स WazirX के पास जमा अपने फंड्स की सेफ्टी को लेकर चिंतित हैं. इन निवेशकों की चिंता इस बात को लेकर है कि दोनों कंपनियों के रिश्तों में आई खटास उन्हें किस तरह नुकसान पहुंचा सकती है.

Cryptocurrency पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बड़ा बयान, कहा- भारत क्रिप्टो पर सोच-विचार कर लेगा फैसला

Nirmala Sitharaman on crypto: सीतारमण ने कहा कि हमारा इरादा किसी भी तरह से इसे (क्रिप्टो से जुड़े इनोवेशन) को प्रभावित करना नहीं है. उन्होंने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग या आतंकवादियों की फंडिंग को लेकर क्रिप्टोकरेंसी में हेराफेरी भी की जा सकती है.

वित्त मंत्री ने कहा कि भारत क्रिप्टो करेंसी के रेगुलेशन को लेकर सोच-विचार कर निर्णय करेगा. (फोटो: twitter.com/FinMinIndia)

Nirmala Sitharaman on crypto: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टो करेंसी के दुरुपयोग की आशंका जताते हुए कहा कि भारत इस डिजिटल मुद्रा के रेगुलेशन को लेकर सोच-विचार कर निर्णय करेगा. उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम के दौरान बातचीत में कहा कि क्रिप्टो पर निर्णय जल्दबाजी में नहीं लिया जाएगा.

सीतारमण ने कहा, ‘‘ हमें यह सुनिश्चित करना है कि जो भी उपलब्ध जानकारी है, उसके आधार पर उचित निर्णय लिया जाए. इसमें जल्दबाजी नहीं की जा सकती. इसमें समय लगेगा.क्रिप्टोबो फैसले ’’ मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार ‘ब्लॉकचेन’ से जुड़ी प्रौद्योगिकी में इनोवेशन और उसे आगे बढ़ाने को लेकर पूरी तरह से तैयार है.

वित्त मंत्री ने जाहिर की चिंताएं
सीतारमण ने कहा कि हमारा इरादा किसी भी तरह से इसे (क्रिप्टो से जुड़े इनोवेशन) को प्रभावित करना नहीं है. उन्होंने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग या आतंकवादियों की फंडिंग को लेकर क्रिप्टोकरेंसी में हेराफेरी भी की जा सकती है. वित्त मंत्री ने कहा कि ये कुछ चिंताएं हैं. ये चिंताएं केवल भारत के ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों की हैं. इस पर विभिन्न मंचों पर चर्चा भी हुई है.

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उल्लेखनीय है कि भारत केंद्रीय बैंक के समर्थन वाली डिजिटल मुद्रा ( CBDC) पेश करने की योजना बना रहा है. सीतारमण ने एक फरवरी को अपने बजट भाषण में घोषणा की थी कि भारतीय रिजर्व बैंक 2022-23 में डिजिटल रुपया या सीबीडीसी जारी करेगा.

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एचडीएफसी लिमिटेड और एचडीएफसी बैंक के विलय के बारे में सीतारमण ने कहा कि यह अच्छा कदम है क्योंकि भारत को बुनियादी ढांचे के लिये क्रिप्टोबो फैसले बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए कई बड़े बैंकों की जरूरत है. कोविड संक्रमण से मरने वालों की संख्या की सही जानकारी नहीं आने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकर ने जो आंकड़े दिये, वे राज्यों से प्राप्त हुए थे. सीतारमण ने कहा कि राज्य सरकारों के आंकड़ों में बदलाव के बाद कुल आंकड़ों को संशोधित किया गया. संक्रमण के कारण कुछ लोगों की मौत घरों पर हुई, उसे बाद में राज्यों ने अपडेट किया.

Budget 2022: क्रिप्टो करेंसी से कमाई पर बड़ा फैसला, वर्चुअल करेंसी से कमाई पर लगेगा इतना प्रतिशत टैक्स

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि डिजिटल संपत्ति के ट्रांसफर पर 30 फीसदी का टैक्स सरकार द्वारा लिया जाएगा।

फोटो: सोशल मीडिया

नवजीवन डेस्क

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण संसद में बजट 2022 को पेश कर रही हैं। बता दें कि इससे पहले सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 को लोकसभा के पटल पर रखा था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि डिजिटल संपत्ति के ट्रांसफर पर 30 फीसदी का टैक्स सरकार द्वारा लिया जाएगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि भारत में रेग्युलेटेड डिजिटल करेंसी लाने का भी ऐलान हो गया है। बिटकॉइन जैसी डिजिटल करेंसी में जोखिम वाले निवेश की जगह नए सुरक्षित निवेश का विकल्प पेश किया जा रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में रिजर्व बैंक डिजिटल रूपी लॉन्च करेगा। वित्त मंत्री ने कहा, 'ब्लॉकचेन और अन्य तकनीकों का इस्तेमाल करके डिजिटल करेंसी शुरू की जाएगी, आरबीआई 2022-23 से इसे जारी करेगा।

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Crypto को लेकर अमेरिका की टेंशन का रूस-यूक्रेन युद्ध कनेक्शन

अमेरीका में 18-29 आयु वर्ग के 43% पुरुषों ने अपना पैसा क्रिप्टोकरेंसी में डाल रखा है.

Crypto को लेकर अमेरिका की टेंशन का रूस-यूक्रेन युद्ध कनेक्शन

क्या क्रिप्टो पर अमेरिकी की टेढ़ी नजर के पीछे रूस-यूक्रेन युद्ध है? अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन (Joe Biden) ने अमेरिकी ट्रेजरी विभाग और अन्य संघीय एजेंसियों को वित्तीय स्थिरता और राष्ट्रीय सुरक्षा पर क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के प्रभाव का अध्ययन करने का निर्देश दिया है.

राष्ट्रपति जो बिडेन ने क्रिप्टोक्यूरेंसी की सरकारी निगरानी पर एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं जो फेडरल रिजर्व से यह पता लगाने का आग्रह करता है कि क्या केंद्रीय बैंक को अपनी डिजिटल मुद्रा (CBDC) बनानी चाहिए.

एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि बिडेन प्रशासन क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती लोकप्रियता के कारण इस डिजिटल क्रिप्टोबो फैसले एसेट के रिस्क और फायदे को समझना चाहता है.

100 से ज्यादा देश अपने CBDC लाने पर कर रहे काम

क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती लोकप्रियता के कारण कई देश खुद की सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी लाने पर काम कर रहे हैं. भारत भी वित्तवर्ष 23 में ही अपनी सीबीडीसी का पायलट ट्रायल करेगा. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया खुद की डिजिटल करेंसी लाने के लिए अब कई दिनों से काम कर रहा है. इसका जिक्र वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में भी किया था.

RBI ला रहा भारत की पहली डिजिटल करेंसी, बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो से ये कैसे अलग?

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इस फैसले का रूस पर क्या पड़ेगा असर?

यह कार्रवाई तब हो रही है जब सांसदों और प्रशासन के अधिकारियों द्वारा चिंता व्यक्त की जा रही थी कि रूस यूक्रेन के आक्रमण के कारण अपने बैंकों, कुलीन वर्गों और तेल उद्योग पर लगाए गए प्रतिबंधों के प्रभाव से बचने के लिए क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग कर सकता है.

हालांकि बिडेन प्रशासन ने इसपर तर्क दिया है कि रूस क्रिप्टोकरेंसी की ओर रुख करके US और यूरोपीय व्यापार के नुकसान की भरपाई नहीं कर पाएगा. अधिकारियों ने कहा कि रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने से पहले जो बिडेन की सरकार इस फैसले पर काम कर रही थी.

युवाओं में क्रिप्टो का क्रेज

जोखिमों के बावजूद, अमेरिकी सरकार ने कहा, सर्वेक्षणों से पता चलता है कि लगभग 16% व्यस्क अमेरिकियों – या 40 मिलियन लोगों ने – क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया है. और 18-29 आयु वर्ग के 43% पुरुषों ने अपना पैसा क्रिप्टोकुरेंसी में डाल रखा है.

जो बिडेन द्वारा हस्ताक्षरित कार्यकारी आदेश मुख्य रूप से केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्राओं से जुड़े जोखिमों और लाभों के आकलन पर आधारित है. कई सरकारों ने पहले ही सीबीडीसी को लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

क्रिप्टोकरेंसी पर बैन भारत के लिए सबसे बेहतर विकल्प- RBI के डीप्टी गवर्नर

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निवेशकों ने क्रिप्टो कमाई पर 30% टैक्स के फैसले का स्वागत किया

क्रिप्टो करेंसी और वर्चुअल डिजिटल संपत्ति पर केंद्र सरकार के नये टैक्स प्रावधानों को लेकर क्रिप्टो निवेशक और विशेषज्ञ आशंकित है. उन्हें लगता है कि टैक्स लगने से काफी हद तक क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) को सरकार मान्यता दे रही है. लेकिन टैक्स की दर काफी ज्यादा है. हालांकि कई लोग इसे देश में वर्चुअल मुद्रा (virtual currency) के रेग्यूलेशन और स्वीकृति की दिशा में एक सकारात्मक कदम के रूप में देखते हैं. सरकार की घोषणा के बाद क्रिप्टो एक्सचेंजों पर कोई नकारात्मक प्रभाव भी देखने को नहीं मिला. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को अपने बजट भाषण 2022 में घोषणा की, कि डिजिटल वर्चुअल एसेट्स या क्रिप्टो से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत का एक फ्लैट टैक्स लगेगा. वहीं, घाटा होने पर भी टैक्स देना होगा. यूनोकॉइन के संस्थापक और सीईओ सात्विक विश्वनाथ ने टैक्स लगाए जाने पर स्पष्टीकरण दिया और टीवी9 को बताया कि क्रिप्टो में ट्रेडिंग पर हमेशा से टैक्स लगता था. यह कोई अचानक नहीं हुआ है. हां, पहले ये स्पष्ट नहीं था कि यह टैक्स किस श्रेणी के तहत भरना है.

सात्विक के मुताबिक कुछ लोग इसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन मान रहे थे, तो कुछ इसे दूसरे सोर्स से इनकम की श्रेणी समझ रहे थे और कुछ इसे बिजनेस इनकम मान कर टैक्स भर रहे थे. अब हमारे पास वर्गीकरण को लेकर चीजें स्पष्ट हैं,. सात्विक ने कहा, इसमें अब कहीं अस्पष्टता नहीं है. आपको डिजिटल करेंसी श्रेणी के तहत सीधे 30 प्रतिशत टैक्स का भुगतान करना होगा. इसके अलावा आपको 1 प्रतिशत टीडीएस भी देना होगा.

क्रिप्टो करेंसी से आय पर टैक्स लगाना बड़ा मुद्दा नहीं

वहीं यशोधन वालिम्बे एक सोशल मीडिया मैनेजर हैं और कई साल से क्रिप्टो करेंसी से जुड़े हैं. वो भारतीय और विदेशी ग्राहकों को अपनी सेवा देते हैं. उन्हें लगता है कि भविष्य डिसेंट्रलाइजेशन का है. उनकी राय में क्रिप्टो करेंसी से आय पर टैक्स लगाना बड़ा मुद्दा नहीं होगा. वालिम्बे ने आगे कहा, टैक्स की उचित राशि का भुगतान करने में कोई समस्या नहीं है. हालांकि 30 प्रतिशत का टैक्स दर, जो लगभग एक तिहाई है, निश्चित रूप से वीपीएन, टीओआर और दूसरे नेटवर्क के माध्यम से अज्ञात स्रोत से लेनदेन को बढ़ावा देगा. इन स्रोत को ट्रैक करने का कोई तरीका नहीं है.

क्रिप्टो पर टैक्स एक महत्वपूर्ण और सही फैसला

सुमित पंडित एक माइक्रोबायोलॉजिस्ट और तकनीक क्षेत्र के जानकार हैं. उन्होंने टैक्स लगाए जाने के फैसले का आंशिक रूप से स्वागत किया. उन्होंने क्रिप्टो में एक अतिरिक्त निवेश विकल्प के रूप में निवेश करना शुरू किया था जो कि पहले कर मुक्त था. लेकिन, 1 फरवरी की घोषणा के बाद उन्होंने कहा, अब से निवेश की राशि के साथ जोखिम का भी ध्यान रखना होगा. उन्होंने यह भी कहा, क्रिप्टो पर टैक्स एक महत्वपूर्ण और सही फैसला है. लेकिन एक छोटे निवेशक की हैसियत 30 फीसदी टैक्स देने की नहीं है. इसे जीएसटी की तरह करीब 10 से 15 प्रतिशत ही होना चाहिए था.

सरकार इसे कानूनी बनाकर मान्यता दे रही: चार्टर्ड अकाउंटेंट

वहीं विशेषज्ञ अब भी इसकी बारीकियों का अध्ययन कर रहे हैं. कुछ निवेशक क्रिप्टो को सिर्फ एक नए एसेट की तरह देख रहे हैं. आईटी कर्मचारी और पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट अभिमन्यु पंडित का कहना है कि, इस नए तरह की संपत्ति में निवेश में दिलचस्पी थी. इसने निवेश पोर्टफोलियो को बढ़ाने का विकल्प दिया है. क्रिप्टो या डिजिटल संपत्ति पर कर लगाने के फैसले पर उन्होंने कहा कि, सरकार इसे कानूनी बना कर मान्यता दे रही है. उन्हें लगता है कि ये डिजिटल संपत्तियां अप्रत्याशित फायदा देती हैं. कौन होगा जो अतिरिक्त पैसा नहीं चाहता हो. दरअसल ज्यादातर लोगों ने इस फैसला का स्वागत इसलिए किया क्योंकि उन्हें लगता है कि भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी को वैध करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है.

कानून बनाकर रेगुलेट करने की जरूरत

उधर, सीपीसी एनालिटिक्स के पार्टनर साहिल देव को लगता है कि यह सही दिशा में उठाया गया कदम है. उन्होंने कहा, इस क्षेत्र को कानून बनाकर रेगुलेट करने की जरूरत है. इससे धीरे-धीरे एक अच्छा स्वरूप सामने आएगा. उन्होंने यह भी कहा कि इस कदम से इस क्षेत्र को मुख्यधारा में लाने में मदद मिलेगी और अनिश्चितता का दौर खत्म होगा. जिस डर से कई निवेशक क्रिप्टो या डिजिटल करेंसी में निवेश करने से बचते हैं.

दरअसल सात्विक की भी कुछ ऐसी ही राय है. वो कहते हैं, अब भी रेगुलेटरी कैसे काम करेगा ये साफ नहीं है, लेकिन इसने क्रिप्टो करेंसी से आय को एक तरह से वैध कर दिया है. यह कुछ हद तक विकास को गति देगा. लेकिन वास्तविक विकास क्रिप्टो करेंसी को लेकर नियमों के लागू होने के बाद देखा जा सकेगा.

भारत में क्रिप्टो करेंसी

भारत में क्रिप्टो करेंसी का बाजार पहले ही अरबों डॉलर के आंकड़े को पार कर चुका है. वर्तमान में, लगभग 5-6 प्रमुख ऐप हैं जो क्रिप्टो में ट्रेडिंग सर्विस देते हैं. इनमें से दो महामारी के दौरान यूनिकॉर्न बन गईं. CoinDCX अगस्त 2021 में यूनिकॉर्न बना जबकि CoinSwitch Kuber ने अक्टूबर 2021 में इस स्तर को छुआ. 1 बिलियन डॉलर या उससे ज्यादा का मूल्यांकन होने पर कंपनियां "यूनिकॉर्न" बन जाती हैं. इन ऐप के यूजर बेस और ट्रेडिंग वॉल्यूम का अध्ययन करने पर देश में क्रिप्टो करेंसी की तस्वीर साफ हो जाएगी. कुल मिलाकर इन ऐप के लगभग 3 करोड़ सक्रिय यूजर्स हैं जो हर महीने क्रिप्टो में ट्रेडिंग करते हैं. सात्विक ने टीवी9 को बताया कि उनके ऐप Unocoin के 17 लाख से ज्यादा एक्टिव यूजर्स हैं और वहां हर साल लाखों डॉलर का लेनदेन होता है. ये सभी निवेशक अब नए टैक्स के दायरे में आएंगे.

क्रिप्टो करेंसी के लेनदेन पर 1 प्रतिशत टीडीएस

ऐप ने हर महीने 2 अरब रुपये से ज्यादा की ट्रेडिंग की है. क्रिप्टो करेंसी का एक और प्रमुख निवेश ऐप वजीरएक्स ने दावा किया है कि उसने अपनी स्थापना के बाद से कुल व्यापार के मामले में 38 बिलियन डॉलर का आंकड़ा पार कर लिया है. कंपनी की स्थापना निश्चल शेट्टी ने 2017 में की थी. इसके अलावा CoinDCX के सक्रिय यूजर साल 2021 में दोगुने हो गए. ऐप पर अब 75 लाख से ज्यादा एक्टिव यूजर्स हैं जो इस प्लेटफॉर्म पर ट्रेड कर रहे हैं. सात्विक ने बताया कि अब से ये सभी निवेशक और इनके लेन-देन टैक्स के दायरे में होगे. इसके अलावा सरकार क्रिप्टो करेंसी के लेनदेन पर 1 प्रतिशत टीडीएस भी लेगी.

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