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कमोडिटी मार्केट क्या है?

कमोडिटी मार्केट क्या है?
Sebi Approves Stock & Commodity Exchange convergence from Oct 2018

कम जोखिम में ज्यादा फायदा पाने का आसान तरीका है ऑप्शन ट्रेडिंग से निवेश, ले सकते हैं बीमा

यूटिलिटी डेस्क. हेजिंग की सुविधा पाते हुए अगर आप मार्केट में इनवेस्टमेंट करना चाहते हैं तो फ्यूचर ट्रेडिंग के मुकाबले ऑप्शन ट्रेडिंग सही चुनाव होगा। ऑप्शन में ट्रेड करने पर आपको शेयर का पूरा मूल्य दिए बिना शेयर के मूल्य से लाभ उठाने का मौका मिलता है। ऑप्शन में ट्रेड करने पर आप पूर्ण रूप से शेयर खरीदने के लिए आवश्यक पैसों की तुलना में बेहद कम पैसों से स्टॉक के शेयर पर सीमित नियंत्रण पा सकते हैं।

आपके इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो के लिए कितना जरूरी है कमोडिटी, यहां समझें पूरा गणित

कमोडिटी बाजार में एक तो महंगाई से कवर मिलता है. इसके अलावा आपको डायवर्सिफिकेशन मिलेगा और शेयरों-बॉन्ड के झंझटों का कोई असर नहीं होगा.

आपके इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो के लिए कितना जरूरी है कमोडिटी, यहां समझें पूरा गणित

TV9 Bharatvarsh | Edited By: सुनील चौरसिया

Updated on: Apr 01, 2022 | 3:56 PM

इन्वेस्टमेंट (Investment) के मामले में पंकज बड़े सीधे से कॉन्सेप्ट पर चलते हैं. पोर्टफोलियो में FD, म्यूचुअल फंड, PPF और स्टॉक्स होने चाहिए. एक दिन उनका कॉन्सेप्ट हिल गया. हुआ यूं कमोडिटी मार्केट क्या है? कि उनके एक दोस्त ये जानकर हैरान रह गए कि पंकज का कमोडिटीज में कोई निवेश नहीं है. तो क्या कमोडिटीज (Commodities) में भी पैसा लगाना चाहिए था? क्‍या मैं पैसा बनाने से चूक गया? ये सोचकर पंकज चकराए हुए थे. फिर पंकज ने खुद को तसल्ली दी कि यार कमोडिटीज के बारे में अपन जब कुछ जानते ही नहीं तो पैसा लगाना क्या ही ठीक होता. तब तो पंकज अपने दोस्त के सामने टालमटोल करके निकल गए. लेकिन, बात मन में अटक गई थी. ठान लिया कि गुरु, कमोडिटीज की गुत्थी सुलझा कर ही दम लूंगा. बस शुरू हो गया रिसर्च का दौर.

कमोडिटी कारोबार होता क्या है

पहली बात आई कि आखिर कमोडिटी कारोबार होता क्या है? खंगाला तो पता चला कि कमोडिटीज एक खास एसेट क्लास है. मोटे तौर पर शेयरों या बॉन्‍ड से इसका कोई रिश्‍ता नहीं होता. तो इसका क्या फायदा होता है? होता ये है कि कमोडिटीज में पैसा लगा हो तो स्‍टॉक और बॉन्‍ड पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करने में मदद मिलती है. आई बात समझ!! ना. पंकज सोच रहे हैं ऐसा कैसे होता है?

महंगाई बढ़ने पर ऊपर जाती हैं कमोडिटीज की कीमतें

तो बात ये है कि इसमें एक तो महंगाई से कवर मिलता है. दूसरा, आपको मिलेगा डायवर्सिफिकेशन. तीसरा, शेयरों और बॉन्ड के झंझटों का कोई असर नहीं. है ना फायदे की बात. पंकज सोच में पड़ गए कि यार कमोडिटीज में निवेश मंहगाई से कैसे बचाता है. मसला जटिल नहीं है. ऐसा होता है कि जब महंगाई बढ़ती है तो कमोडिटीज की कीमतें ऊपर जाती हैं. इससे शेयर बाजार पर प्रेशर पड़ता है. दूसरी तरफ, महंगाई न बढ़े तो मार्केट और बॉन्ड बाजार बढ़िया परफॉर्मेंस करते हैं. ये तो बात आ गई समझ. अब पंकज के दिमाग में बड़ा सवाल ये आया कि आखिर कमोडिटीज में भी कहां लगाया जाए पैसा? तो ऐसा है कि गोल्ड एक सेफ एसेट के तौर पर मशहूर है. उथल-पुथल वाले हालात में ये खूब कमाई कराता है. और महंगाई बढ़ी तो हो गई बल्ले-बल्ले. क्योंकि तब तो गोल्ड और ऊपर भागता है.

एग्री कमोडिटीज में पैसा लगा सकते हैं छोटे निवेशक

अब पंकज सोच रहे हैं कि क्या गोल्ड में पैसा लगाना सही होगा? अब उन्होंने ली एक्सपर्ट एडवाइज. तो मोतीलाल ओसवाल फाइनेंश‍ियल के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट नवनीत दमानी कहते हैं कि आप एक्‍सचेंज पर ट्रेडिंग कर सकते हैं या सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड में निवेश कर सकते हैं. आप ETF या डिजिटिल गोल्‍ड के जरिए भी निवेश कर सकते हैं. दाम गिरें तो खरीद लीजिए. छोटे निवेशक एग्री कमोडिटीज में भी पैसा लगा सकते हैं.

पंकज सोच रहे हैं इनमें क्या आता है. अरे भाई… तिलहन, वनस्‍पति तेल, मसाले, दाल, अनाज में होती है ट्रेडिंग. एग्रीकल्‍चर कमोडिटीज को MCX और NCDEX पर लिस्‍ट किया जाता है. इनवेस्‍टोग्राफी की फाउंडर और CFP श्‍वेता जैन कहती हैं, ‘छोटे निवेशक अपने एसेट का 10 फीसद हिस्‍सा गोल्‍ड और सिल्‍वर में रख सकते हैं. निवेशकों को हमेशा अपने टारगेट पर चलना चाहिए.

कैसे कमाए मुनाफा कमोडिटी मार्किट से, क्या हैं कमोडिटी में ट्रेडिंग का मन्त्र

अनिश्चितताओं से भरे कमोडिटी बाजार में मुनाफा कमाना आसान नहीं होता है। मोटे फायदे की संभावनाओं की तलाश अक्सर लोग इस वायदा आधारित जिंस (कमोडिटी) बाजार की ओर आकर्षित होते हैं, लेकिन कमोडिटी में ट्रेडिंग शुरू करने से पहले यह जानना काफी जरूरी है कि यह क्षेत्र काफी जोखिम भरा होता है। ऐसे में आवश्यक है कि आप इस ट्रेडिंग में प्रवेश करने से पहले अपना होमवर्क पूरा कर लें। जिंस बाजार के जानकारों का मानना है कि अगर ये तीन सूत्र अपनाए जाएं, तो निवेशक जोखिम से बचा पाएंगे और मुनाफा भी कमा सकेंगे। दरअसल किसी कमोडिटी में कई बार कोई खबर आने से उसमें काफी तेज उछाल या काफी तीखी गिरावट आती है। अगर आपकी उस पर नजर बनी हुई है तो आप अच्छा फायदा उठा सकते हैं। इसके अलावा बढ़ती महंगाई के दौर में भी कमोडिटी बाजार आपको शानदार कमाई का मौका मुहैया कराता है। आम तौर पर यह देखा गया है कि महंगाई में कई कमोडिटी की कीमतों में बढ़ोतरी का रुझान आ जाता है। यही नहीं, आप कमोडिटी का इस्तेमाल हेजिंग के लिए भी कर सकते हैं।

Beginners Guide to Commodities Trading in India What is Commodity Market | Why Invest in Commodities in hindi


पहला: स्टॉप लॉस लगाना जरूरी(Keep Stop Loss): जितना अधिक जोखिम, उतना अधिक लाभ, यह बात कमोडिटी कारोबार के ऊपर सटीक तरीके से लागू होती है। ऐसे में यदि आपने सही निर्णय लिया तो आप काफी तेजी से पैसे बना सकते हैं। इस क्षेत्र में जोखिम को कम करने के लिए सबसे पहले आपको स्टॉप लॉस निर्णयों को सटीक तरीके से लागू करना चाहिए। ध्यान रखें कि स्टॉप लॉस न लगाने पर आप पूरी पूंजी से हाथ धो सकते हैं।


दूसरा: घाटे की रणनीति गलत(Loss Planning): निवेशकों को अपने सौदे की लगातार समीक्षा करते रहना और गलतियों को सुधारते रहना चाहिए। अगर एक सौदे में हानि हो रही है तो कई कारोबारी उस हानि को खत्म करने के लिए नए-नए सौदे खड़े करने लगते हैं। कई बार यह रणनीति सफल नहीं हो पाती, कमोडिटी मार्केट क्या है? क्योंकि इससे हानि लगातार एकत्र होती जाती है, जिसकी वजह से उसे भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है। एक सफल कारोबारी बनने और जोखिम से खुद को सुरक्षित करने के लिए जरूरी है कि इस रणनीति से बचा जाए।


तीसरा: पूरी पूंजी नहीं लगाएं (Don’t Utilize All Capital in Commodity): निवेशक अपनी वित्तीय सीमा को कभी न भूले और हमेशा उस सीमा को ध्यान में रखते हुए ही कारोबार करे। कमोडिटी क्षेत्र में सफल कारोबारी बनने के लिए जरूरी है कि आप कभी भी अपनी पूरी पूंजी कारोबार में न लगाएं। आप अपनी पूंजी का एक तय हिस्सा (मान लें 30 फीसदी) ही कमोडिटी ट्रेडिंग में लगाएं। ध्यान रखें, कमोडिटी के कारोबार में अक्सर वही लोग नुकसान उठाते देखे जाते हैं जो अपनी पूरी पूंजी का इस्तेमाल करते हुए कारोबार करते हैं। लेकिन जो लोग सफलता हासिल करते नजर आते हैं जो अपनी पूंजी का एक निश्चित अनुपात हमेशा सुरक्षित रखते हैं। इसकी वजह यह है कि सुरक्षित पूंजी ही मुसीबत के वक्त आपकी सबसे बड़ी मददगार होती है।


सावधानी: अच्छे से जानकर समझकर ही शुरूआत (Fully Understanding after than opening): कमोडिटी ट्रेडिंग आरंभ करने के लिए अकाउंट होना चाहिए। ध्यान रहे अकाउंट उसी ब्रोकर के साथ खोलना होता है, जिसने प्रमुख कमोडिटी एक्सचेंजों जैसे एमसीएक्स, एनसीडीईएक्स आदि की सदस्यता ले रखी हो। इन एक्सचेंजों की वेबसाइट पर इनसे जुड़े ब्रोकरों की सूची आपको मिल जाएगी। यह खाता खोलने के लिए आपके पास पैन कार्ड, एड्रेस प्रूफ और बैंक खाता होना चाहिए। इस खाते के लिए ब्रोकर आपसे एक शुल्क लेते हैं। इसके अलावा आपके पास कम्प्यूटर और इंटरनेट की सुविधा होनी चाहिए।

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कमोडिटी बाजार में कच्चे उत्पाद और कीमती वस्तुओं जैसे तेल सोना या कॉफी खरीदना बेचना का व्यापार किया जाता है। कमोडिटी बाजार भी एक प्रकार से शेयर मार्केट की तरह काम करता है।

कमोडिटी बाजार के बारे में जानकारी

भारत में, आप पैसे का निवेश कर सकते हैं और अपने पोर्टफोलियो को कई तरह से स्वस्थ और लाभदायक बनाए रखने के लिए उसमें विविधता ला सकते हैं। सबसे लोकप्रिय तरीकों में से एक कमोडिटी ट्रेडिंग है।

जबकि कमोडिटी बाजार भारत में सौ से अधिक वर्षों से अस्तित्व में है, हालांकि कमोडिटी मार्केट क्या है? कमोडिटी बाजार शेयर बाजारों की तुलना में कम लोकप्रिय हैं, वे भारतीय अर्थव्यवस्था के कामकाज और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

इस पोस्ट में, आइए हम भारत में कमोडिटी बाजारों की भूमिका और महत्व को समझने की कोशिश करें।

कमोडिटी बाजार क्या हैं?

जिस तरह शेयर बाजार व्यापारिक शेयरों की सुविधा देता है, वैसे ही कमोडिटी मार्केट क्या है? धातु, सोना, चांदी, कृषि उत्पाद, और अन्य जैसी वस्तुओं का कारोबार कमोडिटी बाजार नामक समर्पित बाजारों में किया जाता है। व्यापारी, निर्माता, उत्पादक और अन्य लोग विभिन्न वस्तुओं की कीमत की खोज के लिए इन बाजारों का व्यापक रूप से उपयोग करते हैं।

शेयर बाजार की तरह, खरीदने और बेचने के लिए स्टैंडअलोन कमोडिटी एक्सचेंज हैं। वर्तमान में, देश में तीन मुख्य कमोडिटी एक्सचेंज संचालित होते हैं - एमसीएक्स (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज), आईसीईएक्स (इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज), और एनसीडीईएक्स (नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज)।

हालांकि, एमसीएक्स भारत में अग्रणी कमोडिटी एक्सचेंज है, जहां स्पॉट ट्रेडिंग और डेरिवेटिव दोनों में सबसे अधिक दैनिक कारोबार होता है।

भारत में कमोडिटी बाजार कितने महत्वपूर्ण हैं?

भारत में कमोडिटी बाजार देश की अर्थव्यवस्था, निवेशकों और अपने जीवन यापन के लिए वस्तुओं पर निर्भर लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। कमोडिटी बाजारों की कुछ सबसे महत्वपूर्ण विशेषताएं हैं:

ये बाजार लोगों को भारत में कृषि उत्पादों सहित विभिन्न वस्तुओं की वास्तविक कीमतों का पता लगाने की अनुमति देते हैं। ये बाजार सुनिश्चित करते हैं कि वस्तुओं को कम कीमत पर नहीं बेचा जाता है, जिससे कोई नुकसान नहीं होता है।

गुणवत्ता रखरखाव

कमोडिटी बाजारों में खरीद और बिक्री के लिए उपलब्ध वस्तुओं की गुणवत्ता के संबंध में सख्त आवश्यकताएं हैं। इस तरह की नीतियां सुनिश्चित करती हैं कि पूरे देश में माल की गुणवत्ता बेहतर हो, जिससे आपूर्तिकर्ताओं और उपभोक्ताओं को भी लाभ हो।

कमोडिटी फ्यूचर्स में ट्रेडिंग ब्रोकर के साथ बनाए गए मार्जिन के माध्यम से लीवरेज पर आधारित होती है। हाथ में बहुत कम मात्रा में नकदी के साथ एक बड़ा लेनदेन किया जा सकता है।

भारत में कमोडिटी बाजारों की भूमिका

इसके महत्व को देखते हुए, यह कहना आसान है कि भारत में कमोडिटी बाजारों की भूमिका नागरिकों की रक्षा और अर्थव्यवस्था के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। यहाँ कुछ तरीके हैं जिनसे बाजार अपनी भूमिका निभाता कमोडिटी मार्केट क्या है? है।

कृषि पारिस्थितिकी तंत्र में बड़ा निवेश

आज, कृषि क्षेत्र में सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है एक अच्छी तरह से डिजाइन की गई फसल के बाद की प्रणाली का अभाव, जो संचरण के दौरान खाद्यान्न की पर्याप्त हानि की ओर जाता है, कीमतों को प्रभावित करता है और किसानों को नीचे रखता है। नुकसान।

एक विनियमित वस्तु बाजार किसानों, दलालों, उपभोक्ताओं और निवेशकों के लिए बचाव का काम करता है। इस तरह की व्यवस्था बेहतर परिवहन सुविधाओं और वेयरहाउसिंग सिस्टम में कृषि कमोडिटी मार्केट क्या है? में बड़े निवेश को प्रोत्साहित करती है। यह बदले में, एक बेहतर विकसित पारिस्थितिकी तंत्र का परिणाम देगा।

खाद्य सुरक्षा प्राप्त करना

भारत सरकार कमोडिटी बाजारों के माध्यम से खाद्य सुरक्षा प्राप्त करती है। हाल की रिपोर्टों से पता चलता है कि कैसे पंजाब में खराब भंडारण के कारण 800 करोड़ रुपये से अधिक के अनाज नष्ट हो गए।

भारत में किसानों को ऐसी समस्या का सामना करना पड़ता है और वे खेतों में पैदा होने वाले भोजन को जोखिम में डालने के लिए मजबूर होते हैं। हालांकि, वे कीमतों में लॉक करके अपने अनाज को बेचने के लिए वायदा बाजार का उपयोग कर सकते हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उतार-चढ़ाव उनकी स्थिति को प्रभावित नहीं करते हैं।

बाजार में किसी वस्तु की अधिक आपूर्ति से कीमतें कमजोर हो जाती हैं, जिससे किसानों को लाभ पहुंचाने वाली कीमत पर कमोडिटी पर वायदा बेचकर इससे निपटा जा सकता है। पश्चिमी देशों में रहने वाले किसान आमतौर पर कृषि उत्पादों के लिए कीमतों में बदलाव को रोकने कमोडिटी मार्केट क्या है? के लिए वायदा बाजार का उपयोग करते हैं।

एकत्रीकरण और वित्तपोषण तंत्र

भारतीय किसानों की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक यह है कि वे छोटे और बिखरे हुए हैं। इस परिदृश्य में एक एग्रीगेटर ही एकमात्र उद्धारकर्ता है। इस समय, एग्रीगेटर की भूमिका बिचौलियों द्वारा निभाई जाती है, लेकिन यह सिस्टम की पारदर्शिता को सुनिश्चित कमोडिटी मार्केट क्या है? नहीं करता है।

एक सुव्यवस्थित वस्तु बाजार एक प्रभावी एग्रीगेटर साबित हो सकता है क्योंकि यह एक गारंटीकृत एकत्रीकरण प्रणाली प्रदान करता है जो बिखरे हुए किसानों की सुविधा प्रदान करता है। वित्त पोषण पण्य बाजार का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू है।

ये बाजार गोदाम प्राप्तियों के खिलाफ वित्त जुटाने में सक्षम हैं और कृषि क्षेत्र कमोडिटी मार्केट क्या है? को असंगठित वित्तपोषण पर निर्भर होने से छुटकारा दिलाते हैं।

खुदरा निवेशकों के लिए नया विकल्प

भारतीय व्यापारियों के लिए निवेश के विकल्प हमेशा रियल एस्टेट, सोना, इक्विटी, बॉन्ड और एफडी तक सीमित रहे हैं। हालांकि निवेशक परोक्ष रूप से इक्विटी बाजारों के माध्यम से वस्तुओं में निवेश कर सकते हैं, प्रत्यक्ष निवेश के लिए कमोडिटी एक परिसंपत्ति वर्ग के रूप में उपलब्ध नहीं थे।

कमोडिटी बाजार छोटे और बड़े निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने और अन्य निवेशों के जोखिम को कमोडिटी मार्केट क्या है? कम करने की अनुमति देता है। व्यापारियों को अपना पैसा लगाने के लिए कई तरह की वस्तुएं मिल सकती हैं।

कमोडिटी निवेश के साथ शुरुआत करना भारत पहली बार में कठिन लग सकता है, लेकिन इस बाजार के आसपास एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र है, जो शिक्षा और सलाहकार सेवाओं पर केंद्रित है, जो समग्र बाजार की पहुंच और कर्षण को बढ़ाता है।

जोखिम वितरण और हेजिंग

कमोडिटी बाजारों के सबसे महत्वपूर्ण कार्यों में से एक जोखिम और हेजिंग कीमतों को कम करके निवेशकों की रक्षा करना है। एक व्यापारी, उदाहरण के लिए, एक कीमती धातु में मूल्य आंदोलनों के खिलाफ हेजिंग में रुचि रखने वाला, वायदा के साथ कीमत को लॉक कर सकता है।

एक एफएमसीजी कंपनी खुद को बचाने के लिए कमोडिटी फ्यूचर्स मार्केट का इस्तेमाल करके कृषि उत्पादों में उतार-चढ़ाव से भी बचाव कर सकती है। एक विनियमित वस्तु बाजार बड़ी संख्या में निवेशकों को उनकी सुरक्षा के लिए जोखिम वितरित करता है।

यह एक और महत्वपूर्ण भूमिका है जो कमोडिटी बाजार निभाते हैं। इस बात को समझने के लिए सोने का उदाहरण लें। सोने की ज्यादातर मांग सट्टा उद्देश्यों से आती है। देश कितना सोना पैदा करता है इसकी एक सीमा है और हम मांग को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर हैं। सोने के आयात में बड़ी कमी है।

बिना किसी अतिरिक्त लाभ के बहुत सारे मूल्यवान विदेशी मुद्रा संसाधनों का उपयोग किया जा रहा है। यह बढ़ जाता है क्योंकि अधिक से अधिक व्यापारी संपत्ति को पकड़ना चुनते हैं। एक मजबूत कमोडिटी फ्यूचर्स मार्केट अर्थव्यवस्था के लिए कीमती संसाधनों की बचत करके, सोने की सट्टा मांग को अवशोषित करके इस समस्या को हल कर सकता है।

निष्कर्ष

भारतीय कमोडिटी बाजार बढ़ रहा है और आगे भी बढ़ता रहेगा। अन्य बाजारों की तुलना में कम लोकप्रिय होने के बावजूद, कमोडिटी बाजार जोखिम को कम करने, कीमतों को प्रभावित करने और कृषि क्षेत्र और भारतीय अर्थव्यवस्था को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

शेयर और कमोडिटी बाजार में पैसा लगाना होगा आसान, एक ही एक्सचेंज पर हो सकेगी दोनों की ट्रेडिंग

सेबी की इस मंजूरी के बाद शेयरों और कमोडिटीज में ट्रेडिंग के लिए अलग-अलग एकाउंट खुलवाने की जरूरत नहीं होगी

Reported by: Manoj Kumar @kumarman145
Updated on: December 28, 2017 16:11 IST

Stock & Commodity- India TV Hindi News

Sebi Approves Stock & Commodity Exchange convergence from Oct 2018

नई दिल्ली। जल्दी ही आपको शेयर और कमोडिटीज में ट्रेडिंग के लिए अलग-अलग खाते खुलवाने की जरूरत नहीं होगी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शेयर और कमोडिटी बाजार रेग्युलेटर सेबी ने एक एक्सचेंज पर ट्रेडिंग के लिए शेयर और कमोडिटीज को लिस्ट करने को मंजूरी दे दी है, अक्टूबर 2018 से देश के सभी शेयर एक्सचेंज अपने प्लेटफॉर्म पर कमोडिटीज और कमोडिटी एक्सचेंज अपने प्लेटफॉर्म पर शेयर ट्रेडिंग की सुविधा दे सकेंगे।

सेबी की इस मंजूरी के बाद शेयरों और कमोडिटीज में ट्रेडिंग के लिए अलग-अलग एकाउंट खुलवाने की जरूरत नहीं होगी, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ विक्रम लिमय ने एक निजी समाचार चैनल को बताया कि इस मंजूरी के बाद अब एक ट्रेडिंग खाते के जरिए सबी तरह के विकल्पों यानि शेयर और कमोडिटीज में ट्रेडिंग शुरू की जा सकेगी।

देश में मौजूदा समय में शेयरों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर नेशनल कमोडिटी मार्केट क्या है? स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में ज्यादा ट्रेडिंग होती है, जबकि कमोडिटीज में ट्रेडिंग के लिए मुख्य तौर पर मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) और नेशनल कमोडिटी डेरिवेटिव एक्सचेंज (NCDEX) में ट्रेडिंग होती है। सेबी की इस मंजूरी के बाद इन चारों एक्सचेंजों पर कमोडिटीज और शेयरों की ट्रेडिंग की सुविधा एक साथ मिलेगी।

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