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क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है

क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है

क्या डूबने वाला है Cryptocurrency में लगा आपका पैसा? जानें क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े हर सवाल का जवाब

भारत सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी पर बिल ला सकती है. बिल के जरिए सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी लगाई जा सकती है. इस बिल से स्पष्ट हो जाएगा कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या होगा. संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू हो रहा है. क्रिप्टोकरेंसी को लेकर संसद में आने जा रहे बिल के बाद वो लोग सकते में है जिन्होने इस करेंसी में भारी निवेश कर रखा है. सवाल उठ रहे हैं कि क्या क्रिप्टो में किया गया निवेश डूबने वाला है? इस Video में पाएं क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े हर सवाल का जवाब.

The bill that seeks a ban on all private cryptocurrencies is expected to be introduced in the winter session of Parliament that begins on November 29. The investors who have invested in cryptocurrencies are now worried. Watch this video to clear your doubts about the possible future of cryptocurrency in India.

अब आधिकारिक तौर पर ‘क्रिप्टोकरेंसी’ खत्म होने के कगार पर है

Cryptocurrency

10 नवंबर 2021 को बिटकॉइन का मूल्य 69,000 डॉलर था. किन्तु, उसके बाद से अचानक से ही सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन ने अपना आधा मूल्य खो दिया है। 69,000 डॉलर से यह सीधे 30,000 डॉलर पर गिरा। 12 मई 2022 को तो इसने अपने 17 महीने के सबसे निचले स्तर को छू लिया, जो 25,401 डॉलर था। हालांकि, मार्केट कैप के हिसाब से क्रिप्टोकरेंसी अभी भी सबसे बड़ी डिजिटल संपत्ति बनी हुई है, लेकिन अब स्थिति उतनी अच्छी नहीं रही। क्रिप्टोकरेंसी का कुल बाजार मूल्य अब $1.3 ट्रिलियन है। डेटा प्लेटफॉर्म कॉइनग्लास का बिटकॉइन फियर एंड ग्रीड इंडेक्स ऑफ मार्केट सेंटिमेंट जो इसके संभावित नुकसान और मुनाफे को दर्शाता है उसकी वैल्यू (-13) हो चुकी है। अगर साधारण शब्दों में समझे तो यह आंकड़ा इसके नकारात्मक विकास को इंगित करता है।

अब आते हैं ईथर पर, जो बाजार मूल्य के अनुसार नंबर 2 की क्रिप्टोकरेंसी है। अभी इसका मूल्य $2,000 है। आपको जानकार आश्चर्य होगा कि 10 नवंबर को इसका मूल्य $4,868 था। इसका अर्थ है कि मात्र कुछ महीनों में ही इसका लगभग 60% अवमूल्यन हो चुका है। शोध फर्म मैक्रो हाइव के सीईओ बिलाल हफीज ने चेतावनी दी कि अल्पावधि में इन क्रिप्टोकरेंसी का अप्रत्याशित अवमूल्यन मंदी का संकेतक होगा। वैसे आप इस वाकया को इस तरह से भी समझ सकते हैं कि मंदी क्रिप्टो के वर्चस्व को ध्वस्त कर देगा।

समाचार और शोध साइट ‘द ब्लॉक’ के अनुसार, दुनिया के सभी प्रमुख एक्सचेंजों में सभी क्रिप्टोकरेंसी का कुल बाजार मूल्य 14 मई को देखे गए $48.2 बिलियन से गिरकर 18.4 बिलियन डॉलर हो गया जो कि आधे से भी कम है। सर्वेक्षण से, यह देखा गया है कि कुल भारतीयों में से 95.20% का मानना ​​​​था कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी एक दशक के बाद भी मौजूद रहेगी। जबकि शेष 4.80% उत्तरदाताओं का मानना ​​​​है कि भविष्य में आने वाले सरकारी नियमों के चलते क्रिप्टोकरेंसी मौजूद नहीं होगी। लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि आखिर क्यों भारत में खत्म होगा क्रिप्टो?

ट्रेडिंग वॉल्यूम गिर गया

1 अप्रैल को बजट पास होने के बाद से इसके ट्रेडिंग वॉल्यूम में 50% तक की गिरावट आएगी। वॉल्यूम के हिसाब से भारत के सबसे बड़े एक्सचेंज वज़ीर एक्स ने अपने कारोबार में 90% तक की गिरावट देखी। जैसे ही क्रिप्टोकरेंसी लोकप्रिय हुई, लोगों ने दुनिया भर में क्रिप्टो में निवेश और व्यापार करना शुरू कर दिया। यही बात भारत में भी देखी जा सकती है। भारत में इसका प्रचलन मुख्यतः वर्ष 2020-2021 के आरम्भ में हुआ। RBI ने भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कई नियम बनाए हैं, लेकिन इसके ट्रेडिंग में अभी भी कुछ खास गिरावट देखने को नहीं मिली है।

अब इसे न तो उन्हें सरकार द्वारा कानूनी निविदा के रूप में मान्यता दी जाती है और न ही उन्हें RBI द्वारा विनियमित किया जाता है। उसके बाद बजट में वित्त मंत्री और फिर RBI ने डिजिटल करेंसी की बात कर दी। सरकार द्वारा बनाए गए कानून में क्रिप्टो में ट्रेडिंग को प्रतिबंधित करने वाला कोई कानून तो नहीं है, लेकिन उसकी स्वछंदता सीमित कर दी गयी है। उस अर्थ में क्रिप्टोकरेंसी अब सोना, कमोडिटी इत्यादि जैसी किसी अन्य संपत्ति जैसी हो गयी है।

मौजूदा खतरे

दमनकारी कर व्यवस्था क्रिप्टो निवेशकों के साथ जुआरी से भी बदतर व्यवहार करती है। कोई भी निवेशक 30 फीसदी के निषेधात्मक कर ब्रैकेट के साथ अपने निवेश को सुरक्षित कर सकता है, लेकिन क्रिप्टो व्यापारी अपने कर के बोझ को कम करने के लिए नुकसान की भरपाई नहीं कर सकते। उद्योग की शुरुआती और अस्थिर प्रकृति को देखते हुए यह एक बहुत बड़ा अवरोध है। सभी क्रिप्टो लेनदेन पर स्रोत (TDS) पर 1% कर कटौती ट्रेडिंग वॉल्यूम को और प्रभावित करेगी और व्यापारियों को दूर भगाएगी।

भुगतान एक समस्या है

हम सभी जानते हैं कि भारतीय एक्सचेंजों ने स्थिर भुगतान भागीदारों (बैंक, भुगतान एग्रीगेटर, ई-वॉलेट) के लिए संघर्ष किया है। हालांकि, 1 अप्रैल के बाद से ये चुनौतियां कई गुना बढ़ गई हैं। सबसे पहले वॉलेट प्रदाता MobiKwik ने एक्सचेंजों के साथ काम करना बंद कर दिया। यह एक मुख्य कारण था कि अधिकांश बड़े प्लेटफॉर्म जीवित रहने में सक्षम थे। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ऑपरेटर, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने भी क्रिप्टो एक्सचेंजों से खुद को अलग कर लिया, जिसके कारण कॉइनस्विच कुबेर और कॉइनबेस दोनों ने अपने प्लेटफॉर्म से विकल्प को हटा दिया।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

क्रिप्टो उद्योग किसी तरह से टिका है लेकिन वर्ष 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने बैंकों को क्रिप्टो कंपनियों से निपटने से प्रतिबंधित करने वाले भारतीय रिजर्व बैंक के 2018 के फैसले को उलट दिया। अब उद्योग के पास अपने मामले को एक बार फिर अदालत में ले जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा होगा, क्योंकि सरकार नियमों पर अपना समय लेती है। किसी भी संपत्ति की कीमत इस बात पर निर्भर करती है कि नए निवेशक उसे कितना चाहते हैं। किसी न किसी रूप में नियमों के संकेत के साथ-साथ केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) की घोषणा ने इसके प्रति सभी आशाओं को ध्वस्त कर दिया है। भले ही खुदरा निवेशकों की दिलचस्पी और भावना दुनिया भर में बढ़ती रही हो, लेकिन क्रिप्टो व्यापार की मात्रा और निवेश में तेजी नहीं आई है। ऐसा लगता है कि दुनिया भर में लोग क्रिप्टो बाजार दुर्घटना की तैयारी कर रहे हैं। इसलिए वे क्रिप्टो जैसे उच्च-जोखिम, उच्च-वापसी परिसंपत्ति वर्गों की तुलना में सुरक्षित संपत्ति में निवेश करने की अधिक संभावना रखते हैं।

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Cryptocurrency in Hindi | क्रिप्टोकरेंसी क्या है और मैं इसमें कैसे निवेश करूं?

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency in Hindi) आज के युवा पीढ़ी का पसंदीदा एसेट है। आज हर कोई क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना चाहता है, सिर्फ और सिर्फ बिटकॉइन की प्राइस को देखकर। एक सर्वे के मुताबिक भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने बाले लोगों की संख्या 10 करोड़ के करीब है जब की शेयर मार्किट में यह आंकड़ा 8 करोड़ के करीब है। भारत के क्रिप्टो करेंसी निवेशक में 62 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जिन्होंने आपना पहला Investment क्रिप्टो में किया हुआ है।

इस डाटा के आधार पर यह कह सकते हैं के भारत में क्रिप्टो में इन्वेस्ट करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। लेकिन क्या इन सभी लोगों को क्रिप्टो करेंसी के बारे में जानकारी है और क्या हम क्रिप्टो में निवेश करने से पहले उसके बारे में रिसर्च करते हैं ? अगर में क्रिप्टो करेंसी में निवेश करूं तो मुझे क्रिप्टोकरेंसी क्या है (What is Cryptocurrency in Hindi) समझना होगा और साथ ही शेयर बाजार की पूरी जानकारी भी रखनी होगी।

Cryptocurrency in Hindi | क्रिप्टोकरेंसी क्या है?

क्रिप्टोकरेंसी एक वर्चुअल और डिजिटल मुद्रा है जिसे क्रिप्टोग्राफ़ी के मदद से बनता है, जिसे न हम छू सकते हैं न हम देख सकते हैं। यह एक फिजिकल करेंसी नहीं है जैसे की डॉलर, रुपया आदि। इसे केवल एक सिक्योर ट्रांज़ैक्शन के तोर पे इस्तेमाल करने के लिए बनाया जाता है। क्रिप्टो करेंसी की ट्रांज़ैक्शन के लिए कोई थर्ड पार्टी (जैसे की बैंक) की जरुरत नहीं होती।

आज हज़ारों क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency in Hindi) मार्किट में Available हैं, इनमे से कई Decentralized करेंसी होते हैं, कई Privacy कॉइन होते हैं, कई Stable कॉइन होते और कई टोकन होते हैं जो दूसरे ब्लॉकचैन प्लेटफार्म का इस्तेमाल करते हैं। ये सभी कॉइन और टोकन Private होते हैं क्यूंकि इन Crypto Coins और Tokens को किसी भी देश की सरकार नहीं चलाती।

दुनिया का पहला क्रिप्टोकरेंसी 2009 में Santoshi Nakamoto ने Invent किया था, जिसे हम Bitcoin के नाम से जानते हैं। क्रिप्टो करेंसी में बिटकॉइन काफी पॉपुलर है और इसकी Success के बाद आज हज़ारों Cryptocurrency मार्किट में देखने को मिलते हैं।

क्रिप्टो करेंसी के प्रकार

Crypto Exchanges में हमे कई सारे कॉइन और टोकन देखने को मिलते हैं जिन्हे हम क्रिप्टो करेंसी कहते हैं। इनमे से हर एक क्रिप्टो करेंसी की अलग अलग यूज़ केस है और कई प्रकार के होते हैं। यूज़ केस के अनुसार Cryptocurrencies कई प्रकार के होते हैं, जैसे की

  • Payment क्रिप्टोकरेंसी
  • Blockchain क्रिप्टोकरेंसी
  • Privacy क्रिप्टोकरेंसी
  • Stable क्रिप्टोकरेंसी

Payment क्रिप्टोकरेंसी

इन क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency in Hindi) को किसी भी प्रकार के प्रोडक्ट को खरीदने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। कई कंपनी और कई ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट आपने प्रोडक्ट और सर्विसेस को बेचने के लिए क्रिप्टो करेंसी में भी Payment लेते हैं।

Bitcoin और Litecoin दो पॉपुलर क्रिप्टो करेंसी हैं जिनको Payment के तोर पे यूज़ किया जाता है।

Blockchain क्रिप्टोकरेंसी

Ethereum(ETH), Tron(TRX), Neo(NEO), Eos(EOS) जैसे कॉइन के पास अपना ब्लॉकचैन प्लेटफॉर्म्स है। इन प्लेटफॉर्म के मदद से दूसरे डेवलपर अपने क्रिप्टो टोकन बनाते हैं और इनके प्लेटफॉर्म पे टोकन को रन करते हैं।

Privacy क्रिप्टोकरेंसी

Privacy क्रिप्टो करेंसी का मकसद होता है की किसी भी ट्रांज़ैक्शन का Details किसी 3rd पार्टी के पास न रहे, इन ट्रांज़ैक्शन का डाटा केवल Sender और Receiver को पता हो। ZCash(ZEC), Monero(XMR) जैसे और भी Privacy Coin मार्किट में Available हैं।

Stable क्रिप्टोकरेंसी

इन क्रिप्टो करेंसी का नाम Stable Coin इसीलिए है क्यूंकि इनमे fluctuation बहुत ही कम या न के बराबर होता है। ये कॉइन हमेशा Stable रहते हैं और इन coins के साथ ट्रेडिंग करने में ट्रेडर्स को नुकसान होने का दर कम रहता है।

Stablecoins में USD Coin (USDC), Paxos (PAX), TrueUSD (TUSD), Tether (USDT), Binance USD (BUSD) जैसे कॉइन शामिल हैं।

क्रिप्टोकरेंसी कैसे काम करती है?

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency in Hindi) काम करती है ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी पे, यह एक डिजिटल Ledger होता है जिसमे क्रिप्टो करेंसी की साड़ी ट्रांज़ैक्शन का details स्टोर होता है। ब्लॉकचैन में ब्लॉक्स के मदद से डाटा को स्टोर किया जाता है। एक ब्लॉक में डाटा फुल होने के बाद Automatically दूसरा ब्लॉक Create हो जाता है, और फिर तीसरा, चौथा, पांचवा. ऐसे ब्लॉक्स बनते जाते हैं।

यह सारे ब्लॉक्स एक दूसरे के साथ एक Hash Code के जरिये जुड़े रहते हैं। पहला ब्लॉक का Current Hash दूसरे ब्लॉक का Previous Hash होता है, दूसरे ब्लॉक का Current Hash तीसरे ब्लॉक का Previous Hash होता है। इसीतरह सारे ब्लॉक्स आपस में जुड़े होते हैं।

क्या क्रिप्टोकरेंसी खरीदना सुरक्षित है?

क्रिप्टो करेंसी के हर एक ट्रांज़ैक्शन का डाटा ब्लॉकचैन में स्टोर होता है और ब्लॉकचैन नेटवर्क को काफी सुरक्षित माना जाता है। ऐसा इसीलिए क्यों की ब्लॉकचैन में जो भी डाटा स्टोर होता है वे किसी एक इंसान के द्वारा मैनेज नहीं किया जाता बल्कि दुनिया भर के लाखों लोगों के कंप्यूटर में यह डाटा स्टोर होता है।

ब्लॉकचैन नेटवर्क में कोई एक इंसान चाहे भी तो डाटा को मैनुपुलेट या उसे छेड़खानी नहीं कर सकता। क्यूंकि इस नेटवर्क में सारे ब्लॉक्स एक दूसरे के साथ जुड़े होते हैं और कोई एक ब्लॉक में डाटा को चेंज करता है तो वो डाटा दूसरे ब्लॉक के साथ मैच नहीं होगा।

इसीलिए सुरक्षा के आधार पर क्रिप्टो करेंसी को खरीदना या बेचना सुरक्षित है। लेकिन क्रिप्टो करेंसी एक Physical करेंसी नहीं है न ही भारत में अभी तक इसके लिए कोई रेगुलेशन नहीं लाया गया है। हालाँकि भारत सरकार क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट के खिलाप नहीं हैं।

क्रिप्टोकरेंसी में काफी Volatility देखने को मिलती है। इसीलिए आप जब भी क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्ट करने की सोचें तो उतना ही पैसे इन्वेस्ट करें जितना आप रिस्क उठा सकें।

क्या 2022 में क्रिप्टोकरेंसी एक अच्छा निवेश है?

क्रिप्टो करेंसी की पॉपुलैरिटी को देखते हुए हम कह सकते हैं 2022 में क्रिप्टो करेंसी एक अच्छा निवेश का विकल्प हो सकता है, लेकिन हमे यह ध्यान रखना होगा की हम अच्छे fundamental वाले टॉप क्रिप्टो में इन्वेस्ट करे।

इन्वेस्ट करने से पहले कॉइन के बारे में रिसर्च करें। आज कल बहुत सारे meme कॉइन क्रिप्टो एक्सचेंज में देखने को मिलते हैं, उन कॉइन से दूर रहें।

Q-क्या क्रिप्टोकरेंसी को कैश में बदला जा सकता है?

ANS-जी हाँ आप क्रिप्टोकरेंसी को क्रिप्टो एक्सचेंज में sell करने के बाद आप आपने बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं।

Q-मुझे क्रिप्टो में कितना निवेश करना चाहिए?

ANS-हर एक व्यक्ति के अलग अलग Risk Appetite होते हैं, यानि जोखिम उठाने की क्षमता। यह आप पर निर्वर क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है करता है की आप कितने पैसों का रिस्क उठा सकते हैं ताकि अगर कल वो पैसे दुब जाये तो आपके जीवन सैली में कोई फर्क न पड़े।

Q-मैं क्रिप्टोकरेंसी कैसे खरीदूं?

ANS-क्रिप्टो एक्सचेंज के मदद से आप क्रिप्टो करेंसी खरीद सकते हैं। आपको कोई एक क्रिप्टो एक्सचेंज में आपने अकाउंट बनाना होगा, जैसे की WazirX, Zebpay, CoinDCX भारत के लोगों को ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट करने की सुविधा देते हैं।

Q-क्या क्रिप्टोकरेंसी कानूनी है?

ANS-जी नहीं भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेके कोई कानून नहीं आया है, लेकिन इसमें ट्रेडिंग के लिए सरकार के द्वारा कोई रोक नहीं है।

Q-आप क्रिप्टोकरेंसी के साथ क्या खरीद सकते हैं?

ANS-कई ऐसे प्लेटफॉर्म हैं जहाँ क्रिप्टोकरेंसी को Accept किया जाता है Goods and Services को खरीदने के लिए। लेकिन भारत में अभी आप क्रिप्टोकरेंसी से कुछ भी नहीं खरीद सकते।

दोस्तों क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency in Hindi) क्या है और इसमें निवेश कैसे कर सकते हैं आप समझ गए होंगे और उम्मीद है की आप कोई भी इन्वेस्टमेंट बिना किसी जानकारी के नहीं करेंगे। क्रिप्टो एक High Risk इन्वेस्टमेंट हे, इसीलिए जब भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करे आपने रिस्क को जरूर समझ लें। हमारी यह लेख आपको पसंद आया तो आपने दोस्तों में जरूर शेयर करें और हमे कमेंट करें।

अब आधिकारिक तौर पर ‘क्रिप्टोकरेंसी’ खत्म होने के कगार पर है

Cryptocurrency

10 नवंबर 2021 को बिटकॉइन का मूल्य 69,000 डॉलर था. किन्तु, उसके बाद से अचानक से ही सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन ने अपना आधा मूल्य खो दिया है। 69,000 डॉलर से यह सीधे 30,000 डॉलर पर गिरा। 12 मई 2022 को तो इसने अपने 17 महीने के सबसे निचले स्तर को छू लिया, जो 25,401 डॉलर था। हालांकि, मार्केट कैप के हिसाब से क्रिप्टोकरेंसी अभी भी सबसे बड़ी डिजिटल संपत्ति बनी हुई है, लेकिन अब स्थिति उतनी अच्छी नहीं रही। क्रिप्टोकरेंसी का कुल बाजार मूल्य अब $1.3 ट्रिलियन है। डेटा प्लेटफॉर्म कॉइनग्लास का बिटकॉइन फियर एंड ग्रीड इंडेक्स ऑफ मार्केट सेंटिमेंट जो इसके संभावित नुकसान और मुनाफे को दर्शाता है उसकी वैल्यू (-13) हो चुकी है। अगर साधारण शब्दों में समझे तो यह आंकड़ा इसके नकारात्मक विकास को इंगित करता है।

अब आते हैं ईथर पर, जो बाजार मूल्य के अनुसार नंबर 2 की क्रिप्टोकरेंसी है। अभी इसका मूल्य $2,000 है। आपको जानकार आश्चर्य होगा कि 10 नवंबर को इसका मूल्य $4,868 था। इसका अर्थ है कि मात्र कुछ महीनों में ही इसका लगभग 60% अवमूल्यन हो चुका है। शोध फर्म मैक्रो हाइव के सीईओ बिलाल हफीज ने चेतावनी दी कि अल्पावधि में इन क्रिप्टोकरेंसी का अप्रत्याशित अवमूल्यन मंदी का संकेतक होगा। वैसे आप इस वाकया को इस तरह से भी समझ सकते हैं कि मंदी क्रिप्टो के वर्चस्व को ध्वस्त कर देगा।

समाचार और शोध साइट ‘द ब्लॉक’ के अनुसार, दुनिया के सभी प्रमुख एक्सचेंजों में सभी क्रिप्टोकरेंसी का कुल बाजार मूल्य 14 मई को देखे गए $48.2 बिलियन से गिरकर 18.4 बिलियन डॉलर हो गया जो कि आधे से भी कम है। सर्वेक्षण से, यह देखा गया है कि कुल भारतीयों में से 95.20% का मानना ​​​​था कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी एक दशक के बाद भी मौजूद रहेगी। जबकि शेष 4.80% उत्तरदाताओं का मानना ​​​​है कि भविष्य में आने वाले सरकारी नियमों के चलते क्रिप्टोकरेंसी मौजूद नहीं होगी। लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि आखिर क्यों भारत में खत्म होगा क्रिप्टो?

ट्रेडिंग वॉल्यूम गिर गया

1 अप्रैल को बजट पास होने के बाद से इसके ट्रेडिंग वॉल्यूम में 50% तक की गिरावट आएगी। वॉल्यूम के हिसाब से भारत के सबसे बड़े एक्सचेंज वज़ीर एक्स ने अपने कारोबार में 90% तक की गिरावट देखी। जैसे ही क्रिप्टोकरेंसी लोकप्रिय हुई, लोगों ने दुनिया भर में क्रिप्टो में निवेश और व्यापार करना शुरू कर दिया। यही बात भारत में भी देखी जा सकती है। भारत में इसका प्रचलन मुख्यतः वर्ष 2020-2021 के आरम्भ में हुआ। RBI ने भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कई नियम बनाए हैं, लेकिन इसके ट्रेडिंग में अभी भी कुछ खास गिरावट देखने को नहीं मिली है।

अब इसे न तो उन्हें सरकार द्वारा कानूनी निविदा के रूप में मान्यता दी जाती है और न ही उन्हें RBI द्वारा विनियमित किया जाता है। उसके बाद बजट में वित्त मंत्री और फिर RBI ने डिजिटल करेंसी की बात कर दी। सरकार द्वारा बनाए गए कानून में क्रिप्टो में ट्रेडिंग को प्रतिबंधित करने वाला कोई कानून तो नहीं है, लेकिन उसकी स्वछंदता सीमित कर दी गयी है। उस अर्थ में क्रिप्टोकरेंसी अब सोना, कमोडिटी इत्यादि जैसी किसी अन्य संपत्ति जैसी हो गयी है।

मौजूदा खतरे

दमनकारी कर व्यवस्था क्रिप्टो निवेशकों के साथ जुआरी से भी बदतर व्यवहार करती है। कोई भी निवेशक 30 फीसदी के निषेधात्मक कर ब्रैकेट के साथ अपने निवेश को सुरक्षित कर सकता है, लेकिन क्रिप्टो व्यापारी अपने कर के बोझ को कम करने के लिए नुकसान की भरपाई नहीं कर सकते। उद्योग की शुरुआती और अस्थिर प्रकृति को देखते हुए यह एक बहुत बड़ा अवरोध है। सभी क्रिप्टो लेनदेन पर स्रोत (TDS) पर 1% कर कटौती ट्रेडिंग वॉल्यूम को और प्रभावित करेगी और व्यापारियों को दूर भगाएगी।

भुगतान एक समस्या है

हम सभी जानते हैं कि भारतीय एक्सचेंजों ने स्थिर भुगतान भागीदारों (बैंक, भुगतान एग्रीगेटर, ई-वॉलेट) के लिए संघर्ष किया है। हालांकि, 1 अप्रैल के बाद से ये चुनौतियां कई गुना बढ़ गई हैं। सबसे पहले वॉलेट प्रदाता MobiKwik ने एक्सचेंजों के साथ काम करना बंद कर दिया। यह एक मुख्य कारण था कि अधिकांश बड़े प्लेटफॉर्म जीवित रहने में सक्षम थे। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ऑपरेटर, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने भी क्रिप्टो एक्सचेंजों से खुद को अलग कर लिया, जिसके कारण कॉइनस्विच कुबेर और कॉइनबेस दोनों ने अपने प्लेटफॉर्म से विकल्प को हटा दिया।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

क्रिप्टो उद्योग किसी तरह से टिका है लेकिन वर्ष 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने बैंकों को क्रिप्टो कंपनियों से निपटने से प्रतिबंधित करने वाले भारतीय रिजर्व बैंक के 2018 के फैसले को उलट दिया। अब उद्योग के पास अपने मामले को एक बार फिर अदालत में ले जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा होगा, क्योंकि सरकार नियमों पर अपना समय लेती है। किसी भी संपत्ति की कीमत इस बात पर निर्भर करती है कि नए निवेशक उसे कितना चाहते हैं। किसी न किसी रूप में नियमों के संकेत के साथ-साथ केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) की घोषणा ने इसके प्रति सभी आशाओं को ध्वस्त कर दिया है। भले ही खुदरा निवेशकों की दिलचस्पी और भावना दुनिया भर में बढ़ती रही हो, लेकिन क्रिप्टो व्यापार की मात्रा और निवेश में तेजी नहीं आई है। ऐसा लगता है कि दुनिया भर में लोग क्रिप्टो बाजार दुर्घटना की तैयारी कर रहे हैं। इसलिए वे क्रिप्टो जैसे उच्च-जोखिम, उच्च-वापसी परिसंपत्ति वर्गों की तुलना में सुरक्षित संपत्ति में निवेश करने की अधिक संभावना रखते हैं।

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भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर बैन की तैयारी, जानिए अन्य देशों में इसको लेकर क्या है नियम

भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर बैन की तैयारी, जानिए अन्य देशों में इसको लेकर क्या है नियम

भारत में प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाए जाने की तैयारी हो रही है। इसके लिए केंद्र सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र में एक विधेयक लाने का निर्णय किया है। सरकार द्वारा लोकसभा में पेश किए जाने वाले विधेयकों की मंगलवार को जारी की गई सूची में भी क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित विधेयक शामिल था। हालांकि, भारत से पहले कई अन्य देश भी क्रिप्टोकरेंसी पर सख्ती बरत चुके हैं। यहां जानते हैं कि अन्य देशों में क्रिप्टोकरेंसी पर क्या नियम है।

क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह वर्चुअल या डिजिटल होती है। इसे देखा या छुआ नहीं जा सकता है, लेकिन डिजिटल कॉइन के रूप में ऑनलाइन वॉलेट में जमा किया जा सकता है। यह एक तरह की डिजिटल कैश प्रणाली है, जो पूरी तरह के कम्प्यूटर एल्गोरिदम पर निर्भर है। इसी पर किसी देश या सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। साल 2009 में बिटकॉइन के साथ इसकी शुरुआत हुई और ढेरों नाम इस वर्चुअल करेंसी सिस्टम से जुड़ते चले गए।

एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 10 करोड़ से अधिक लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रखा है। यह देश की आबादी का आठ क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है प्रतिशत हिस्सा है। सरकार के इस पर बैन लगाने से इन लोगों द्वारा निवेश किए गए 70,000 करोड़ फंस जाएंगे।

द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 की प्रस्तावना में लिखा है कि इसका मकसद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल करेंसी के निर्माण के लिए फ्रेमवर्क तैयार करना है। इसका मकसद भारत में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन करना भी है, हालांकि कुछ अपवादों को मंजूरी दी जाएगी ताकि क्रिप्टोकरेंसी की तकनीक और इसके उपयोगों को भविष्य में बढ़ावा दिया जा सके।

क्रिप्टोकरेंसी पर लगाम कसने के मामले में सबसे कड़ा रुख चीन का रहा है। चीन ने 2019 से क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाया था, लेकिन यह विदेशी एक्सचेंजों के माध्यम से ऑनलाइन जारी रहा। इस साल की शुरुआत में चीन ने क्रिप्टोकरेंसी में होने वाले लेनदेन को पूरी तरह से गैर-कानूनी बना दिया। सितंबर में सरकार ने स्पष्ट किया कि क्रिप्टोकरेंसी व्यवसाय में शामिल लोगों इससे होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार होंगे और उन पर मुकदमे भी दर्ज किए जाएंगे।

नेपाल के केंद्रीय बैंक 'नेपाल राष्ट्र बैंक' ने अगस्त 2017 में ही क्रिप्टोकरेंसी को अवैध घोषित कर दिया था। इसी तरह वियतनाम के स्टेट बैंक ऑफ वियतनाम ने बिटकॉइन और बाकी अन्य क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल, जारी करने और आपूर्ति को अवैध करार दिया है। भुगतान में इसके इस्तेमाल पर वहां 1.5 करोड़ वियतनामी डोंग (करीब 50,000 रुपये) से लेकर 2 करोड़ वियतनामी डोंग (करीब 65,668 रुपये) तक का जुर्माना लगाया जाता है।

रूस की व्लादिमिर पुतिन सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को एक एसेट के रूप में मान्यता दे रखी है। ऐसे में इसे रखने वालों को रूस के कानून के हिसाब से कर चुकाना पड़ता है। इसी तरह फ्रांस सरकार ने साल 2019 में क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करना शुरू कर दिया था। फ्रांस में क्रिप्टोकरेंसी पर चल संपत्ति की तरह ही नियमानुसार कर लगाया जाता है। इसके चलते वहां इसमें निवेश करने वालों की संख्या में गिरावट देखने को मिली है।

इंडोनेशिया सरकार ने भी क्रिप्टोकरेंसी पर लगाम क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है कसने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। वहां की सरकार ने साल 2018 में ही क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी के लिए एक कानून बना दिया था। उसके बाद से यहां इस करेंसी का इस्तेमाल नहीं होता है।

तुर्की सरकार ने अप्रैल में वस्तुओं और सेवाओं की खरीद के लिए क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया। देश के केंद्रीय बैंक के नियमानुसार वितरित लेजर तकनीक पर आधारित क्रिप्टोकरेंसी और ऐसी अन्य डिजिटल संपत्ति का उपयोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भुगतान के रूप में नहीं किया जा सकता है। अमेरिका में इसको लेकर सभी राज्यों में अलग-अलग नियम है। हालांकि, अमेरिका शुरू से ही इसे मंजूरी देने के पक्ष में रहा है।

यूरोपीय संघ में के देशों में क्रिप्टोकरेंसी पर अलग-अलग नियम है। अधिकतर देशों ने सॉफ्ट-टच नियामक ढांचे का विकल्प चुना है। यूरोपीय आयोग ने पिछले साल सितंबर में 'मार्केट्स इन क्रिप्टो-एसेट्स रेगुलेशन' शीर्षक से जारी किए मसौदे में कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित वित्तीय साधनों के रूप में माना जाएगा। इसके अनुसार, किसी भी फर्म की होल्डिंग, ट्रेडिंग, ब्रोकरेज सेवाओं की पेशकश या निवेश सलाह देने के लिए पूर्व अनुमोदन की आवश्यकता होगी।

यूनाइटेड किंगडम (UK) में क्रिप्टोकरेंसी व्यापार सीधे नहीं होता है। वहां क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग जैसी सेवाओं के लिए प्राधिकरण की आवश्यकता होती है। वित्तीय आचरण प्राधिकरण (FCA) ही अधिकृत क्रिप्टोकरेंसी-संबंधित व्यवसायों को लाइसेंस प्रदान करता है। हालांकि, वह लोगों को सावधानी से निवेश की सलाह भी देता है। कनाड़ा में क्रिप्टोकरेंसी कानूनी तो है, लेकिन इस पर कर नियम लागू होते हैं। इसके इस्तेमाल पर कर में छूट नहीं मिलती है।

एक ओर जहां अधिकतर देश क्रिप्टोकरेंसी पर फैसला नहीं ले पा रहे हैं, वहीं मध्य अमेरिकी देश अल सल्वाडोर ने सितंबर में क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी रूप से मान्यता दे दी है। ऐसे में अब यहां रोजमर्रा की चीजों की खरीददारी के लिए होने वाले वित्तीय लेनदेन में बिटकॉइन को भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका मतलब है कि बिटकॉइन वहां पूरी तरह को कानूनी है। अल सल्वाडोर ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश है।

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