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शेयर मार्केट में राकेश झुनझुनवाला की सफलता की कहानी | Rakesh jhunjhunwala success story in hindi

राकेश झुनझुनवाला जिन्हें बिग बुल या इंडियन वारेन बुफेट के नाम से भी जाना जाता है। राकेश एक भारतीय निवेशक ओर ट्रेडर्स हैं ओर इसी के साथ वह चार्टर्ड अकॉउंटेड भी हैं। वह जुलाई 1960 में मुंबई में पैदा हुए थे और उनके पिता एक इनकम टैक्स ऑफिसर थे राकेश बचपन में अपने पिता को उनके दोस्तों के साथ हमेशा स्टॉक मार्केट के बारे में बात करते हुए सुनते थे और यहीं से उनके मन में स्टॉक मार्केट को लेकर उत्सुकता पैदा होने लगी।

ऐसे ही बचपन में उन्होंने एक दिन सक्सेसफुल ट्रेडर्स अपने पिता से पूछा कि यह स्टॉक प्राइस हमेशा Up and Down क्यों होते रहते हैं? तब उनके पिता ने उनसे कहा जरा देखना आज के न्यूज़पेपर में gwalir rayon के बारे में कुछ खबर छपा है या नहीं अगर छपा है तो कल gwalir rayon का प्राइस अप एंड डाउन होने वाला है। उनको यह चीज काफी इंटरेस्टिंग लगी और वस्तु स्टॉक प्राइस को लेकर और ज्यादा उत्सुक होने लगे। वह खुद अपने से ही स्टॉक मार्केट के बारे में सीखने लगे थे इसके कुछ दिन बाद राकेश अपने पिता को स्टॉक मार्केट में अपना करियर बनाने को कहने लगे थे।

राकेश झुनझुनवाला कॅरियर

यह सुनकर उनके पिता ने उनसे कहा देखो बेटा तुम जिंदगी में जो करना चाहते हो वही कर सकते हो। लेकिन सबसे पहले अपना ग्रेजुएशन पूरा करके पहले एक प्रोफेशनल डिग्री हासिल कर लो। अपने पिता की बात मानकर सिडेनहैम कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स मुम्बई से 1985 में बी कॉम ओर चार्टर्ड अकाउंटेंट की डिग्री हासिल कर लेते हैं और अपना ग्रेजुएशन कंप्लीट कर लेते हैं और फिर ग्रेजुएशन कंप्लीट होने के बाद वह फिर से अपने पिता को स्टॉक मार्केट में अपना करियर शुरू करने की इच्छा के बारे में बताते हैं। उनके पिता उनसे कहते हैं बिल्कुल अब तुम अपनी मर्जी से अपना प्रोफेशनल करियर शुरू कर सकते हो लेकिन मुझसे या मेरे किसी दोस्त से पैसा उधार लेकर मत करना साथ में उनके पिता यह भी कहते हैं कि अगर तुम किसी वजह से स्टॉक मार्केट में अच्छा परफॉर्म नहीं कर पाते हो तो तुम चाहो तो अपनी पूरी जिंदगी मुंबई में हमारे इसी घर में बिता सकते हो और वैसे भी सीए की नौकरी करके तुम अपने घर का खर्चा चला सकते हो यह सेंस आफ सिक्योरिटी होने की वजह से राकेश को अपनी जिंदगी में आगे बढ़ने का अच्छा मौका मिल पाया।

1985 में सिर्फ ₹5000 लेकर राकेश झुनझुनवाला स्टॉक मार्केट में एंट्री लेटे हैं। 1986 में पहली बार वह 5,00,000 का एक बड़ा प्रॉफिट प्राप्त कर लेते हैं उस समय उन्होंने 43 प्रति शेयर के रूप में टाटा टी कंपनी के 5000 शेयर खरीदे थे और अगले 3 महीनों में उसी शेयर की प्राइस बढ़कर सक्सेसफुल ट्रेडर्स हो गयी थी 143 जिससे टाटा टी के शेयर बेचकर उन्हीने करीब 3 गुना मुनाफा कमाया था।

अब अगले कुछ सालों में राकेश कुछ बहुत ही बढ़िया स्टॉक से बहुत सारा मुनाफा कमाने में कामयाब हो जाते हैं। उनका अगला बड़ा इन्वेस्टमेंट था sesa goa जो कि वह सिर्फ 28 रुपये प्रति शेयर के रूप में खरीदा था और कुछ समय बाद उस शेयर का प्राइस बढ़कर बन गया था ₹65 जिसमें करीब 1 करोड रुपए इन्वेस्ट करके उन्होंने खरीदा ओर sesa goa के 400000 शेयर बेचकर उन्होंने उस समय एक बहुत ही बड़ा मुनाफा था।

1986 - 1989 सिर्फ 3 साल में वह 20 से 25 लाख रुपए सक्सेसफुल ट्रेडर्स का मुनाफा कमा चुके थे। इसके बाद सन् 2002 में राकेश झुनझुनवाला ₹3 प्रति शेयर के रूप में टाइटन कंपनी लिमिटेड के तीन करोड़ शेयर खरीद लेते हैं और अभी टाइटन कंपनी कॉपर शेयर वैल्यू बन चुका है 1100 रुपए ।

सन 2006 में वह 150 प्रति शेयर के रूप में लूपिन लिमिटेड कंपनी का शेयर खरीद लेते हैं और अभी उसका प्राइस बन चुका है ₹600 प्रति शेयर।

जिस तरह से राकेश जी को मीडिया में रिप्रेजेंट किया जाता है उससे लग सकता है कि राकेश झुनझुनवाला ग्रीक माइथॉलजी के किंग मिड्स के जैसा है। जो चीज वह छू लेते हैं वही सोना बन जाता है या फिर वह अपनी जिंदगी में हर डिसीजन सही लेते हैं इसलिए वह यहां तक पहुंच पाए। लेकिन उनका मानना है कि उन्होंने ज़िंदगी में जो गलत डिसीजन लिए थे वही सारे डिसीजन ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचने में मदद की है।

इकोनामिक क्राइसिस के कारण झुनझुनवाला के स्टॉक प्राइस 30% तक गिर गए थे। लेकिन 2012 में बुद्धिमानी से वह अपना पूरा नुकसान रिकवर करने में कामयाब रहे। उनका मानना है कि स्टॉक मार्केट सक्सेसफुल इन्वेस्टर बनने के लिए हमें अपनी गलतियों को समझना और उससे सीखना बहुत जरूरी है एक रिस्क टेकिंग इन्वेस्टर के नाम से राकेश जी काफी फेमस हैं।

4 नवंबर 2009 को राकेश जी ने 87 करोड रुपए इन्वेस्ट करके यस बैंक के 1.3 करोड़ शेयर खरीद लिए। वो भी ऐसे समय पर जब यस बैंक क्राइसिस से गुजर रहा था झुनझुनवाला का मानना है कि अगले 20 सालों में इंडियन स्टॉक मार्केट में भी एक Bull run देखने को मिलेगा। जैसे कि नाइट 1987 में wall street में देखने को मिला था। forbes की अमीरों की लिस्ट के मुताबिक इंडिया में 48 रेंक पर सक्सेसफुल ट्रेडर्स ओर पूरी दुनिया मे 804 रैंक पर हैं वह बॉलीवुड की कई मूवी में को प्रोड्यूसर भी रह चुके हैं।

राकेश झुनझुनवाला का परिवार (Rakesh jhunjhunwala wife family)

राकेश झुनझुनवाला की वाइफ रेखा झुनझुनवाला हैं राकेश झुनझुनवाला की 3 बच्चे भी हैं जिनमें उनकी एक बेटी है निष्ठा और दो बेटे आर्यमन और आर्यवीर है। राकेश और उनकी पत्नी रेखा इन दोनों के नाम के पहले अक्षरों को मिलाकर उन्होंने अपने स्टॉक ट्रेडिंग फर्म का नाम रखना है Rare enterprises. राकेश फैमिली मैन की तरह ही जाने जाते हैं वह अपने माता-पिता भाई-बहन और अपने बच्चों से बहुत प्यार करते हैं वह अपने बच्चों की परवरिश इस तरह से करने में भरोसा रखते हैं ताकि उनको कभी यह ना लगे कि सिर्फ पैसे से ही जिंदगी में हर तरह की खुशी मिल सकती है।

राकेश झुनझुनवाला की नेटवर्थ | Rakesh jhunjhunwalal net worth rupees

शेयर बाजार में निवेश की बात करें तो राकेश झुनझुनवाला ने 1985 में इसमे कदम रखा था जब वह कॉलेज में थे। उस वक्त बीएसई सेंसेक्स 150 अंक के आस-पास था। उस समय राकेश झुनझुनवाला ने सिर्फ 5000 रुपए से शेयर बाजार में निवेश की शुरुआत की थी। फोर्ब्स की रिपोर्ट के अनुसार राकेश झुनझुनवाला की कुल आय इस समय 4.6 बिलियन डॉलर यानि 34,387 करोड़ रुपए है।

बिहार की मिट्टी में है उर्वरकता : डॉ पवन अग्रवाल

पटना के मौर्य होटल में बिहार इलेक्ट्रिक ट्रेडर्स एसोसिएशन की 12वीं सालाना जेनरल मीटिंग का भव्य आयोजन किया गया था, जहां बिहार सरकार के मिनिस्टर ऑफ इंडस्ट्रीज सय्यद शाहनवाज हुसैन चीफ गेस्ट के रूप में मौजूद थे वहीं इंटरनेशनल मोटिवेशनल स्पीकर डॉ पवन अग्रवाल की स्पीच ने सभी को प्रभावित किया।
सय्यद शाहनवाज हुसैन भी डॉ पवन अग्रवाल के फैन रहे हैं। उनकी मोटिवेशनल स्पीच को वे सुनते आए हैं। पवन अग्रवाल ने मराठी टोपी पहनाकर सय्यद शाहनवाज हुसैन का सम्मान किया। बिहार में जिस तरह सय्यद शाहनवाज हुसैन उद्योग को बढ़ावा दे रहे हैं यह युवाओं के लिए स्कोप है। अब बिहार बदल रहा है, बेहतर हो रहा है।
हर प्रोग्राम तभी सक्सेसफुल होता है जब उसमें चार अच्छे लोग होते हैं इस बार इस प्रोग्राम में शाहनवाज हुसैन, डॉ पवन अग्रवाल के साथ चार्ली चैप्लिन द्वितीय हिरो राजन कुमार भी उपस्थित रहे। उन्होने भी अपनी बातों से तमाम इलेक्ट्रिक ट्रेडर्स के लोगों को मोटिवेट किया, जिसकी तारीफ सभी ने की। राजन कुमार चार्ली चैप्लिन 2 तो हैं ही, एंकर भी हैं अब धीरे धीरे उन्होंने मोटिवेशनल स्पीकर के रुप में भी काम करना शुरू किया है।
डॉ पवन अग्रवाल की दो दिवसीय पटना यात्रा कमाल की रही, जिस दौरान कई आईपीएस, आईएएस अधिकारियों ने उनका स्वागत किया और भविष्य में और भी प्रोग्राम में भाग लेने के लिए इनवाइट किया।
बिहार इलेक्ट्रिक ट्रेडर्स एसोसिएशन ने डॉ पवन अग्रवाल की होर्डिंग्स पूरे पटना शहर में लगवाई, जिससे हॉल खचाखच भर गया और जिसने भी डॉ पवन अग्रवाल की मोटिवेशनल स्पीच को सुना सब उनके फैन हो गए।

*डॉ पवन अग्रवाल के बारे में*

विश्वविख्यात मुम्बई के डब्बावालों पर पीएचडी कर चुके डॉ पवन अग्रवाल एक अंतरराष्ट्रीय मोटिवेशनल स्पीकर हैं। उनकी कार्यशैली उनके नाम के अनुरूप है, वह सक्सेसफुल ट्रेडर्स पवन की तरह गतिमान रहते हैं, उनके पैर जमीन पर नहीं पड़ते हैं, पटना से लौटते ही वह गोवा निकल गए जहां उनका कार्यक्रम है। देश विदेश की कई कंपनियों के लिए वह मोटिवेशनल स्पीच देते हैं। जीते जी एक मिसाल हैं डॉ पवन अग्रवाल। एजीआई अग्रवाल इंस्टिट्यूट के फॉउंडर प्रेसीडेंट डॉ पवन अग्रवाल 5 हजार बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। बिहार के लिए बहुत कुछ करने का जज़्बा रखने वाले डॉ पवन अग्रवाल के नाम पर बिहार में लाइब्रेरी भी चलती है।

2 दिवसिय बिहार दौरे पर गए डॉ पवन अग्रवाल ने फ़िल्म अभिनेता राजन कुमार की तारीफ करते हुए कहा कि बिहार पुत्र राजन कुमार वाकई बिहार के लिए बहुत कुछ कर रहे हैं और उनकी इसी कर्मठता को देखते हुए मैं उनकी मुहिम में शामिल होता हूँ। चाहे वह सीनियर आईपीएस, आई ए एस अधिकारी हों, राजनेता सक्सेसफुल ट्रेडर्स हों या आम लोग हों, बिहार में जिस तरह से लोग फ़िल्म इंटरनेशनल मोटिवेशनल स्पीकर “डॉक्टर डब्बावाला” को चाहते हैं, उससे उनकी लोकप्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है।

*बॉलीवुड से भी गहरा कनेक्शन*

हिंदी फिल्म नमस्ते बिहार, शहर मसीहा नहीं के प्रेजेंटर डॉ पवन अग्रवाल का बॉलीवुड से भी गहरा कनेक्शन है। फुर्सत के लम्हों में वह खुद भी गाना गाते हैं। कई फंक्शन में वह स्टेज संभालते हुए नजर आते हैं। एक संजीदा विचार के धनी डॉ पवन अग्रवाल को पटना काफी रास आया। पटना में उनके दो दिन शानदार और यादगार गुजरे। कई लोगों से मिलना जुलना हुआ, उन्होंने बिहारी व्यंजन का लुत्फ उठाया। साथ मे हीरो राजन कुमार हों तो बात ही कुछ और होती है, इस बार की यात्रा में पवन अग्रवाल ने बिहार को बहुत करीब से महसूस किया।

Difference Between Investor and Trader in Hindi

Investor and Trader in Hindi :- जब भी स्टॉक मार्किट में प्रॉफिट gain करने की बात आती है तो Investor and Trader का जिक्र तो जरुर होता हैं और इसके साथ में एक उलझन भी होता है की ये Investor and Trader एक ही होतें हैं या अलग – अलग. एक ही होतें हैं तो इनके दो – दो नाम क्यों होतें हैं और अलग – अलग होतें है तो कैसे? आपको बहुत Confusion लग रहा होगा लेकिन चिंता मत कीजिये.

आज हम आपकी सारी उलझन को दूर करने वालें है, तो आप इस पोस्ट को पूरा जरुर पढियेगा क्योकिं स्टॉक मार्किट में success पाने के लिए Investor and Trader के बीच अच्छी जानकारी होना बहुत जरुरी है. तभी तो आप तय कर पाएंगे की आपके लिए ज्यादा प्रॉफिट क्या हो सकता है Investor बना या Trader बना, चलिए शुरू करतें हैं और जानते हैं Investment और Trading के जरिये Investor and Trader के बारें में…

Investor and Trader in Hindi

तो दोस्तों Investment और Trading ये दो different method होतें हैं स्टॉक मार्किट में प्रॉफिट कमाने के लिए. दोनों ही मेथड में स्टॉक मार्किट में भाग ले करके प्रॉफिट गेन करने का प्रयास किया जाता है लेकिन दोनों तरीकों को काफी अंतर होता है कुछ इस तरह.

अगर ट्रेंडिंग और इन्वेस्टिंग के पीरियड को देखें तो ट्रेडिंग में स्टॉक को बहुत ही कम समय के लिए होल्ड किया जाता है और ये समय एक हफ्ता भी हो सकता है, तो अक्सर केवल एक दिन भी क्योकिं ट्रेडर Short Term में भी मिलने वाले हाई लाभ तक ही स्टॉक को होल्ड करना पसंद करतें हैं यानि ट्रेडिंग का पीरियड बहुत ही short होता है. जबकि इन्वेस्टिंग इससे बहुत ही अलग है क्योंकि इसमें Investor उद्देश्य स्टॉक को खरीदने और होल्ड रखने का होता हैं यानि long term तक जिसमे कुछ सालों का समय भी हो सकता है, तो उससे कई ज्यादा लम्बा समय भी हो सकता है यानि इन्वेस्टिंग मेथड में पीरियड काफी लम्बा होता है.

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तो इन्वेस्टर long period के लिए स्टॉक होल्ड कर के बड़ा रिटर्न लेने में रुचि रखते हैं, तो ट्रेडर्स को राइजिंग और कॉलिंग दोनों तरह के मार्केट में मिलने वाले शॉट लेकिन फ्रिक्वेंट प्रॉफिट यानी कि जल्दी-जल्दी छोटे-छोटे बेनिफिट इंजॉय करना पसंद आता है कैपिटल ग्रोथ के पॉइंट ऑफ यू से देखे तो ट्रेडर्स की नजर मार्केट स्टाफ के प्राइस मोमेंट पर रहती है अगर प्राइस हाई हुआ तो ट्रेडर्स स्टॉक्स को सेल कर देंगे यानी ट्रेडिंग में टाइमिंग काफी काफी बड़ा रोल है जो कैपिटल ग्रोथ को अफेक्ट करता है जबकि इन्वेस्टिंग में क्वॉलिटी स्टोक्स को बहुत सालों तक होल्ड करके कैपिटल ग्रोथ की जाती है, क्योंकि इन्वेस्टर को कंपाउंडिंग इंटरेस्ट और डिविडेंड के जरिए प्रॉफिट बनाना पसंद आता है.

रिस्क फैक्टर की बात करें तो यूँ तो स्टॉक मार्किट एक रिस्क मार्किट ही है जिसमे चाहे इन्वेस्टिंग की बात हो या ट्रेडिंग की रिस्क तो बना ही रहता है लेकिन ट्रेडिंग में ये रिस्क इन्वेस्टिंग से काफी ज्यादा होता है क्योंकि short टाइम में प्राइस कभी भी हाई और लो हो सकतें है और होते भी हैं वहीँ इन्वेस्टिंग में रिस्क होता तो है लेकिन काफी कम इसलिए शॉर्ट term में मिलने वाले return भी कम ही होते हैं लेकिन अगर लम्बे समय तक होल्ड रखा जाए तो compunding इंटरेस्ट और डिविडेंड के जरिये मिलने वालें return काफी ज्यादा हो सकते हैं.

वोर्किंग स्टाइल पर गौर करें तो ट्रेडर्स और इन्वेस्टर का वोर्किंग स्टाइल एक दूसरे से अलग होता है. ट्रेडर्स को one day गेम खेलना पसंद होता है तो इन्वेस्टर को टेस्ट मैच खेलना पसंद होता है. ट्रेडर्स को Quick Result attract करतें है तो इन्वेस्टर को Slow इन study का फार्मूला सही लगता है. ट्रेडर्स मार्किट को सिख कर सही समय पर हाई प्रॉफिट पर ध्यान देते हैं. तो इन्वेस्टर्स स्टॉक को एनालाइज कर के बेस्ट स्टॉक्स में इन्वेस्ट करना प्रेफर करते हैं लेकिन अगर सही टाइम मिस हो जाए तो loss होने के चांसेस काफी बढ़ सकते हैं क्योंकि ट्रेडर्स कंपनी के प्रजेंट परफॉर्मेंस को देखते हुए बाय एंड सेल करते हैं जबकि इन्वेस्टर्स को ट्रेंड्स से कोई मतलब नहीं होता.

उन्हें वैल्यू में इन्वेस्ट करना होता है और long पीरियड के लिए इन्वेस्ट कर के अपने पास होल्ड किए हुए स्टॉक्स पर नजर रखना उनका काम होता है उनमें पेशेंस काफी होता है इसलिए वह स्टाफ को उसके पोटेंशियल तक पहुंचने तक इंतजार करते हैं और जब डिसाइड प्रॉफिट तक पहुंचने पर ही स्टोक्स को सेल करते हैं. अब अगर यह देखें कि कौन ज्यादा स्मार्ट है या किसको ज्यादा प्रॉफिट होता है तो भाई ये कहना तो मुस्किल होगा क्योकिं ट्रेडर और इन्वेस्टर दोनों का तरीका अलग होता है और वोर्किंग स्टाइल भी एक दूसरे के अपॉजिट होता है हां लेकिन उन दोनों का गोल एक ही होता है प्रॉफिट कमाना और प्रॉफिट earn करना.

तो इसका मतलब यह हुआ कि इन दोनों में से जिसने अपना गोल पा लिया यानी डिसाइड प्रॉफिट earn कर लिया वही सक्सेसफुल है जी हां और फिर ये आपकी चॉइस भी तो है कि आपको क्या पसंद है शॉर्ट टर्म में स्मॉल प्रॉफिट के जरिए वेल्थ बनाना या long टर्म पेशेंट के स्टॉक को होल्ड करके ज्यादा हाई प्राइस पर सक्सेसफुल ट्रेडर्स सेल करके वेल्थ जनरेट करना इसलिए आपके लिए जो करना इंटरेस्टिंग और आसान रहे आप वह कर सकते हैं चाहे इन्वेस्टिंग हो या ट्रेडिंग बस स्टॉक मार्किट से प्रॉफिट gain करने का पूरा उद्देश्य होना चाहिए.

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शेयर मार्केट में पैसा किन सावधानियों के साथ लगाना चाहिए, जानें Useful Tips

यहां पर आपको शेयर बाजार से जुड़ी सभी तरह की सावधानियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी जा रही है. स्टॉक मार्केट में मुनाफा कमाने और नुकसान से बचने में ये आपके बेहद काम आएंगी.

By: मीनाक्षी प्रकाश | Updated at : 24 Nov 2020 04:19 PM (IST)

नई दिल्लीः शेयर बाजार में निवेश करना बच्चों का खेल नहीं है और ये काम आसान भी नहीं है. स्टॉक मार्केट में निवेश करना चाहते हैं तो आपको कुछ बेसिक बातों की जानकारी अवश्य होनी चाहिए. अगर आप चाहते हैं कि इस इंवेस्टमेंट के जरिए आपको मुनाफा कमाने और पैसे बनाने का मौका मिले तो यहां हम कुछ ऐसी बातों को बता रहे हैं जिन्हें शेयर बाजार का गुरु मंत्र आप मान सकते हैं. शेयर बाजार में पैसा लगाते समय अगर आप इन बातों को अपनाएंगे तो आप अच्छा रिटर्न भी पाएंगे और घाटे से भी बचेंगे.

शेयर बाजार के कुछ नियम या सावधानियां हैं जिन्हें अपनाकर आप इस क्षेत्र के अच्छे खिलाड़ी बन सकते हैं, जानें

ट्रेडिंग प्लान या स्ट्रेटेजी जरूर बनाएंः स्टॉक मार्केट में निवेश करना है तो आपको सबसे पहले एक ट्रेडिंग प्लान बनाना चाहिए जो आपकी सारी जरूरतों, लक्ष्यों, उम्मीदों को कवर करता हो और मुनाफे की रणनीति के तौर पर काम करे. इसके तहत आपको इन बातों पर ध्यान रखना चाहिए जैसे-

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  • कितने समय का निवेश करना है-लॉन्ग टर्म या शॉर्ट टर्म
  • कितना पैसा लगा सकते हैं-कितना रिस्क ले सकते हैं
  • कैपिटल एलोकेशन कितना कर सकते हैं

स्टॉपलॉस का ध्यान रखें: आपने चाहे कितना ही पैसा शेयर बाजार में लगा रखा हो और चाहे कितने ही मुनाफे पर बैठे हों, स्टॉपलॉस का ध्यान जरूर रखेंगे. स्टॉपलॉस का अर्थ है कि आप कितने तक का नुकसान उठाकर किसी शेयर में बने रह सकते हैं. आपने किसी खास शेयर के लिए रिस्क उठाने की लिमिट तय कर रखी हो तो फिर उसका स्टॉपलॉस तय कर लें और उस लेवल पर आने के बाद शेयर से निकल जाएं. शेयरों में रेगुलर ट्रेडिंग करने वाले ट्रेडर्स स्टॉपलॉस की अहमियत अच्छी तरह समझते हैं और जानते हैं कि इसके जरिए वो बड़े नुकसान से बचे रह सकते हैं.

संतुलित और अनुशासित सक्सेसफुल ट्रेडर्स रहेंः शेयर बाजार में निवेश करते समय संयम और अनुशासन बेहद जरूरी है और इसके बिना आप सक्सेसफुल ट्रेडिंग नहीं कर सकते. अपने पोर्टफोलियो को समय समय पर मैनेज करते रहें और किसी भी शेयर के अचानक उछाल से प्रभावित न हो जाएं तब तक उसके फंडामेंटल ठीक न हों. अनुशासन से अर्थ है कि जो आपका ट्रेड है वो एक बैलेंस्ड रूप में चले और इसमें नियमित अंतराल पर आप बदलाव या अपग्रेड करते रहें.

ट्रेडिंग और इंवेस्टमेंट के बीच फर्क बनाए रखेंः एक बात जरूर ध्यान रखें कि आप ट्रेडर हैं या इंवेस्टर इसको लेकर कंफ्यूजन में ना रहें. आपको ट्रेडिंग करनी है तो आप रिस्क लेने की क्षमता भी बनाकर रखें और अगर आप इंवेस्ट कर रहे हैं तो जोखिम जितना उठा सकते हैं उसका आकलन पहले ही करके रखें. इंवेस्टमेंट और ट्रेडिंग को मिक्स न करें वर्ना आपको घाटा उठाना पड़ सकता है.

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Published at : 24 Nov 2020 03:05 PM (IST) Tags: sensex nifty bse Stock Market Share Market NSE हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

GST R-2 रिटर्न अब तक क्यों नहीं फाइल किया? क्‍या आप भी हैं इस सवाल से परेशान

GST R-2 रिटर्न अब तक क्यों नहीं फाइल किया? क्‍या आप भी हैं इस सवाल से परेशान

ALLAHABAD: जीएसटी के नियमों में लगातार हो रहे बदलाव से एक तरफ जहां व्यापारी पहले से उलझन में हैं। वहीं लखनऊ के बेसिक नंबर से आ रही कॉल व्यापारियों को न सिर्फ परेशान कर रही है, बल्कि उनका बीपी भी बढ़ा रही है। क्योंकि जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-2 के साथ ही जीएसटीआर-3 बी रिटर्न भरने वाले व्यापारियों को कॉल कर कहा जा रहा है कि उनका रिटर्न सबमिट नहीं हुआ है, इसलिए वे दुबारा ट्राई करें।

परेशान हैं सैकड़ो व्यापारी

इस कॉल से एक-दो नहीं बल्कि सैकड़ो व्यापारी परेशान हैं। हैरानी वाली बात ये है कि सेल्स टैक्स और सेंट्रल एक्साइज डिपार्टमेंट के अधिकारी भी व्यापारियों को मोबाइल पर आ रही कॉल के बारे में कोई जानकारी नहीं दे पा रहे हैं। लूकरगंज निवासी व्यापारी एवं कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र गोयल भी दो दिन से मोबाइल पर आ रही कॉल से परेशान हैं। सोमवार को उनके मोबाइल पर लखनऊ के बेसिक नंबर 05226785301 और 05226785201 से दिन में एक-दो बार नहीं बल्कि चार-पांच बार कॉल आई। कॉल करने वाले व्यक्ति ने महेंद्र गोयल से कहा कि उनके फर्म का रिटर्न अभी तक जीएसटी पोर्टल पर सबमिट नहीं हुआ है, इसे जल्द सबमिट कर दें, नहीं तो लेट फीस के साथ पेनाल्टी भी लगेगी। महेंद्र गोयल का कहना है कि वे जीएसटी पोर्टल पर अपना रिटर्न सबमिट कर चुके हैं। रिपोर्ट में सक्सेसफुल का जवाब भी आ चुका है।

चेक करने पर बता रहा सही

दवा व्यापारी तरंग अग्रवाल के मोबाइल पर भी ऐसी कॉल आई थी। इसके बाद उन्होंने जीएसटी पोर्टल पर रिटर्न चेक किया तो पता चला कि उनका रिटर्न सबमिट है। खाद एवं यूरिया के डीलर केके अग्रवाल भी मोबाइल पर आ रही कॉल से परेशान हैं। इनसे जुलाई व अगस्त का जीएसटीआर थ्री बी सबमिट न होने की बात कही गई थी।

अधिकारियों ने किया इंकार

उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों व पदाधिकारियों ने संयोजक संतोष पनामा और अध्यक्ष सतीश चंद्र केसरवानी के नेतृत्व में एक्साईज अधिकारियों से मुलाकात कर इसकी शिकायत की थी। अधिकारियों ने इस तरह के किसी अधिकृत कॉल से इंकार किया था।

विभाग की ओर से ऐसी कॉल नहीं की जा रही है। रिटर्न सबमिट होने पर पोर्टल पर ओके का ऑप्शन आ रहा है, तो फिर वही सही माना जाएगा। कोई कॉल कर रहा है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। शिकायत पर कॉल करने वालों के खिलाफ जांच होगी।

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