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अगर ट्रेडिंग करे या न करें?

अगर ट्रेडिंग करे या न करें?

कैसे इंडियन स्टॉक्स में इन्वेस्ट करें या ट्रेडिंग करें (Buy Indian Stocks, Trading Tips)

यह आर्टिकल लिखा गया सहयोगी लेखक द्वारा Marcus Raiyat. मार्कस रैयत एक U.K., फॉरेन एक्सचेंज ट्रेडर हैं और ये Logikfx के संस्थापक/CEO और इंस्ट्रक्टर भी हैं | लगभग 10 वर्षों के अनुभव के साथ मार्कस सक्रिय रूप से ट्रेडिंग फोरेक्स, स्टॉक्स और क्रिप्टो में भी माहिर हैं और CFD ट्रेडिंग, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट और क्वांटिटेटिव एनालिसिस में विशेषज्ञ हैं | मार्कस ने एस्टोन यूनिवर्सिटी से मैथमेटिक्स में BS की डिग्री हासिल की है | Logikfx में इनके काम के लिए इन्हें ग्लोबल बैंकिंग और फाइनेंस रिव्यु के द्वारा "बेस्ट फोरेक्स एजुकेशन एंड ट्रेनिंग U.K. 2021 के रूप में नामांकित किया गया था |

नौकरी करने वाले कैसे करें शेयर ट्रेडिंग

किसी भी नौकरीपेशा शख्स के लिए शेयर बाजार में सक्रिय तौर पर ट्रेडिंग करना मुश्किल काम होता है। ऐसे व्यक्तियों के लिए रास्ता बता रहे हैं निखिल वालवलकर.

इनसाइडर ट्रेडिंग
तकनीकी बाधा जहां वेतनभोगियों के लिए ट्रेडिंग करने में दिक्कत पैदा करती है, वहीं एक और बड़ी समस्या कुछ नियोक्ताओं की ओर अगर ट्रेडिंग करे या न करें? से आती है, जहां कंपनियां अपने कर्मचारियों के लिए ट्रेडिंग करने पर सख्त नियम लगा देती हैं। बाजार अब जिस तरह से संवेदनशील हो रहा है, उसमें कर्मचारियों को इनसाइडर ट्रेडिंग के नियमों और शर्तों के बारे में गहराई से जानना जरूरी हो जाता है। अपनी कंपनी के शेयरों या ऐसी कंपनियों में जिनके साथ कंपनी का लेना-देना है, उनके शेयरों में कारोबार करते वक्त इनसाइडर ट्रेडिंग की शर्तों की जानकारी होना जरूरी है। इनसाइडर ट्रेडिंग के दिशा-निर्देश ऐसे व्यक्तियों पर लागू होते हैं जो या तो कंपनी में होते हैं या उसमें कभी काम कर चुके होते हैं और उस कंपनी के शेयरों की कीमतों अगर ट्रेडिंग करे या न करें? में उतार-चढ़ाव पैदा करने लायक किसी जानकारी तक उनकी पहुंच होती है। अगर आप इस तरह की कैटेगरी में आते हैं तो आपको इस बारे में काफी सतर्क रहने की जरूरत है।

निशीथ देसाई एसोसिएट्स के हेड एचआर (एम्लॉयमेंट एंड लेबर) लॉ प्रैक्टिस, विक्रम श्रॉफ के मुताबिक, 'निवेश करने से पहले नियोक्ता के नियमों को अच्छी तरह से पढ़ लेना और उनका पालन करना जरूरी है। इन कानूनों को तोड़ने या इनकी उपेक्षा करने से दिक्कत पैदा हो सकती है।' बड़ी कंपनियां अपने सभी कर्मचारियों को इनसाइडर ट्रेडिंग के बारे में जानकारी देती हैं। कुछ इकाइयां अपने कोड ऑफ कंडक्ट और प्रक्रियाओं को कंपनी की वेबसाइट पर डाल देती हैं। अपनी कंपनी के शेयरों में कारोबार करने से पहले आपको इसकी मंजूरी कंपनी से लेनी होगी।

कुछ बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपने कर्मचारियों को मेल के जरिए इनसाइडर ट्रेडिंग न करने की अवधि के बारे में सूचना देती हैं। अगर ऐसी मेल आपके पास आती है तो आपको दी गई अवधि में अपनी कंपनी में इनसाइडर ट्रेडिंग नहीं करनी चाहिए। इस तरह की अवधि अमूमन 15 दिन की होती है और इस अवधि का एलान ज्यादातर किसी बड़ी कॉरपोरेट घोषणा से पहले किया जाता है।

एक बात और कि इनसाइडर केवल वही नहीं होते जो कि कंपनी में काम कर रहे हैं। कई बार ऐसा होता है कि जो लोग कंपनी से सीधे तौर पर नहीं जुड़े हुए हैं, उनके पास भी कुछ खास सूचनाएं पहुंच जाती हैं। मिसाल के तौर पर, सॉफ्टवेयर सॉल्यूशंस देने वाली कंपनी में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर काम करता है और उसकी पहुंच कुछ अहम सूचनाओं तक होती है। यह व्यक्ति इनसाइडर कहलाएगा। इसी तरह से इन कंपनी के ऑडिट, बिजनेस कंसल्टेंसी या कानूनी कामकाज को देखने वाली फर्मों के पास भी कुछ अहम सूचनाओं की जानकारी हो सकती है। ऐसे में इन कंपनियों के कर्मचारी भी इनसाइडर ट्रेडिंग के दायरे में आते हैं। इस तरह की फर्म का कर्मचारी होने पर आपको इनसाइडर ट्रेडिंग के नियमों और शर्तों की पूरी जानकारी रखना चाहिए।

विक्रम श्रॉफ के मुताबिक, 'जो व्यक्ति एक इनसाइडर के तौर पर माना जाता है, उसे अपने पोर्टफोलियो मैनेजर या शेयर ब्रोकर के साथ कारोबार शुरू करते वक्त इस तरह की सभी चीजों का खुलासा करना चाहिए।' स्थिति तब काफी जटिल हो जाती है जबकि आप एक से ज्यादा कंपनियों में इनसाइडर होते हैं। ऐसे में अपने इनसाइडर स्टेटस को बार-बार अपडेट करना जरूरी हो जाता है।

नियमों और शर्तों का पालन न करने की स्थिति में आप पर जुर्माना लग सकता है और हो सकता है कि आप पर शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने से रोक भी दिया जाए। इसके अलावा और बुरी स्थिति में आपकी प्रोफेशनल लाइफ पर भी संकट आ सकता है।

कॉर्पोरेट पॉलिसी
कंपनियां अपने कर्मचारियों के लिए शेयरों में कारोबार करने संबंधी नियम बनाती हैं। डेरिवेटिव्स में कारोबार पर जहां रोक होती है, वहां कर्मचारियों को अपनी कंपनी के नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ कंपनियों ने न्यूनतम होल्डिंग अवधि का नियम बना रखा है, मसलन 30 दिन या 90 दिन। इस तरह की किसी शर्त से अगर आप बंधे हुए हैं तो आपको नियत अवधि तक आपको शेयरों को होल्ड करना पड़ेगा।

मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशल सर्विसेज के हेड, ह्यूमन रिर्सोसेज सुधीर धर के मुताबिक, 'हम कंपनी के अंदर इंट्रानेट के जरिए कर्मचारियों के शेयरों में निवेश पर नजर रखते हैं।'

एस. एन. गुप्ता ऐंड कंपनी के पार्टनर एडवोकेट अमित अग्रवाल के मुताबिक, 'नियोक्ता की कंपनी की नीति के पालन नहीं करने पर कर्मचारी की नौकरी तक जा सकती है।' यहां तक कि अगर आप इनसाइडर नहीं हैं, लेकिन आपने घोषणापत्र पर दस्तखत किए हैं तो इन शर्तों को मानना होगा।

Zerodha में अपने Trading Charges की Details कैसे पता करें ?

zerodha trading charges in hindi : अगर आप जेरोधा में ट्रेडिंग करते है तो आपको ट्रेडिंग में काटे गये charges को निकालना आना चाहिए. जब हम ट्रेडिंग करते हैं तो हमे Profit हो या Loss हो Zerodha अपने charges काट लेता है.

कभी कभी लगता है की Zerodha ने जरूरत से ज्यादा पैसे काट लिए हैं ऐसे में अगर आपको Zerodha Trading charges की details निकलना आता है तो आप बड़ी आसानी से जान लेते हो की किस ट्रेड में कितने और किस हिसाब से पैसे काटे गये हैं.

अगर आपको नही पता की zerodha में किये हुए ट्रेड और उन पर लगे charges को कैसे निकालें तो चिंता करने की जरूरत नही है यहाँ मै आपको विस्तार से इसी के बारे में बताऊंगा तो आइये जानते हैं.

Table of Contents

Intraday Trading में कटे charges कैसे निकालें ?

अगर आप intraday ट्रेडिंग करते हैं तो बताये हुए तरीके से आप बड़ी आसानी से ट्रेडिंग में कटे हुए charges के बारे में पता कर सकते हो.

1. सबस पहले zerodha App को ओपन करके सबसे Last में अपनी ID वाले विकल्प पर क्लिक करना है इसके बाद थोडा नीचे स्क्रॉल करके Console में P&L पर क्लिक करना है.

2. इसके बाद एक नया पेज खुलेगा जहाँ पर आपको तारिख सेलेक्ट करके Equity पर क्लिक करना है. अगर आप किसी खास दिन की ट्रैड पर लगे शुल्क को देखना चाहते हैं तो From और to में उसी दिन को सलेक्ट करना होता है.

3. तारिख चुनने के बाद equity पर क्लिक कर देना है इसके बाद आपने जितने भी दिन सलेक्ट किये होंगे उतने दिन की ट्रेड सामने आ जाएगी. बेहतर होगा आप किसी एक दिन की ट्रेड देखे ताकि आपको उस दिन कटे हुए charges को समझने में आसानी होगी.

4. अपने चार्ज को विस्तार से जानने के लिए View Charges Breakdown पर क्लिक करना होगा जिसके बाद कटे गये सभी टैक्सेज की इनफार्मेशन आ जाएगी

5. अगर आपको फिर भी समझ नही आ रहा है की zerodha ने किस हिसाब से पैसे काटे हैं तो यहाँ मै आपको उदाहरण देकर भी समझा देता हूँ की zerodha intraday में कितना ब्रोकरेज काटता है.

Zerodha intraday Charges per trade

जैसा की आप जानते ही होंगे की Zerodha Intraday में ट्रेड करने के लिए 5x मार्जिन देता है. लेकिन जब वो ब्रोकरेज लेता है तो इसका उससे कोई मतलब नही होता है तो आप मार्जिन के बाद शेयर के प्राइस में ध्यान मत दें

Zerodha intraday में 20 रूपए या फिर 0.03% में जो कम होगा वही ब्रोकरेज काटेगा. यहाँ हम पहले उदाहरण के माध्यम से ट्रेड करेंगे फिर उसमे लगे ब्रोकरेज की गणना करेंगे

उदाहरण के लिए : मान लीजिये कोई शेयर का प्राइस 500 रूपए है तो उसमे 5x मार्जिन मिलने के बाद उसका प्राइस 100 रूपए हो जायेगा. इस तरह से अगर आपका बजट 1000 रूपए का है तो आप 10 क्वांटिटी खरीद सकते हो

मान लीजिये शेयर का प्राइस बढ़कर 110 रूपए हो जाता है तो लगाये हुए पैसे बढ़कर 1100 हो जायेंगे इस हिसाब से आपको 100 का प्रॉफिट होगा यानि 1000 रूपए लगाये जो बढ़कर 1100 हो गये जिसमे 100 रूपए प्रॉफिट हुआ

ब्रोकरेज की गणना – जैसा की आपको पहले बताया इंट्राडे में शेयर में मिले मार्जिन से कोई मतलब नही होता है इसलिए ब्रोकरेज की गणना करते समय हम शेयर का जो वास्तविक प्राइस हैं उसी को मानेंगे

इस हिसाब से शेयर का प्राइस 500 रूपए है चूँकि ट्रेड करते समय 10 Quantity ली थी तो टोटल Amount 5000 रूपए हुआ. मुझे पता है मैंने 5000 रूपए नही 1000 रूपए लगाये थे लेकिन ब्रोकरेज की गणना इसी तरह होती है.

इस हिसाब से 5000 रूपए में शेयर खरीदें और 5500 रूपए शेयर बेचे जिसमे 500 रूपए का प्रॉफिट हुआ. चूँकि Zerodha, intraday में 0.03% या 20 रूपए में से जो कम होगा वो काटता है तो यहाँ हम इस ट्रेड में कितने charges कटेंगे इसकी भी गणना कर लेते हैं.

Zerodha में इंट्राडे Charges निकालने के लिए टर्नओवर का 0.03 % निकालेंगे. यहाँ पर हमने 5000 रूपए में शेयर खरीदें थे और 5500 रूपए में शेयर बेचें थे तो टर्नओवर 5000+5500 = 10500 रूपए हुआ

इस हिसाब से ब्रोकरेज 10,500*0.03% = 3.15 रूपए हुआ. अब 3.15 रूपए यहाँ पर 20 रूपए से कम है तो आपसे 3.15 रूपए ही ब्रोकरेज लिया जायेगा.

अब आप समझ गये होंगे की Zerodha ट्रेडिंग में हुए टर्नओवर को निकालकर अपना ब्रोकरेज निकालता है. टर्नओवर = खरीदे गये शेयर का प्राइस + बेचे गये शेयर का प्राइस

Brokerage = Turnover*0.03%

आपको बता दूँ ब्रोकरेज के अलावा और भी बहुत से टैक्सेज और charges होते हैं जो की काट लिए जाते हैं इसके बाद ही आपका नेट अमाउंट कैलकुलेट होता है.

आप ज़ेरोधा ब्रोकरेज कैलकुलेटर की मदद से अपना सबसे charges को जानकार अपना Net profit or Loss की गणना कर सकते हो.

Option & Future Trading में कटे charges कैसे निकालें ?

इसमें भी आपको वही सब स्टेप फॉलो करने हैं जो आपने Intraday में फॉलो किये थे बस आपको Segment में Equity की जगह Future&Options सेलेक्ट करना है.

Zerodha trading charges details

Segment में Future&Options सेलेक्ट करने के बाद जिस दिन की ट्रेड में कटे charges को जानना हो वो डेट सेलेक्ट करनी है इसके बाद आगे वाले एरो पर क्लिक करना है और सारी डिटेल आपके सामने आ जाएगी.

  1. Kite App ओपन करें
  2. सबसे आखिरी विकल्प पर क्लिक करें
  3. थोडा नीचे स्क्रॉल करें फिर Console में P&L पर क्लिक करें
  4. Equity पर क्लिक करें
  5. Segment में Future&Options सेलेक्ट करें
  6. ट्रेड की Date चुने फिर आगे वाले एरो पर क्लिक करें
  7. बूम, उस दिन की ट्रैड और उस पर लगे charges सामने आ जायेंगे

Zerodha option charges per trade

Zerodha ने साफ साफ़ बताया है की वो आप्शन ट्रेडिंग में 20 रूपए/आर्डर लेगा. यानि अगर आप शेयर खरीदते हो तब भी 20 रूपए देने होगे और जब बेचोगे तब भी 20 रूपए देने होंगे.

इस हिसाब से एक ट्रेड कम्पलीट होने में यह 40 रूपए Brokerages आपसे चार्ज करता है. इसके बाद टैक्सेज और दुसरे चार्ज अलग से काटे जायेंगे.

सभी Charges के बारे में जानने के लिए Zerodha Brokerage Calculator सबसे अच्छा टूल है. यहाँ पर आपको F&O – Options में अपनी ट्रेड वैल्यू भरकर नेट प्रॉफिट या लोस निकाल सकते हो

कंप्यूटर में Intraday या Option Trading में कटे charges को कैसे पता करें ?

कंप्यूटर में ट्रेडिंग के charges को पता करना काफी आसान है इसके लिए सबसे पहले आपको कंप्यूटर में अपनी Zerodha की ID से लॉग इन हो जाना है.

इसके बाद Reports पर क्लिक करना है फिर P&Lपर क्लिक करके बड़ी आसानी से किसी भी ट्रेड में कटे charges को जान सकते हो.

अंतिम शब्द – उम्मीद करता हूँ आपको Zerodha trading charges की details निकलना अछ्छे अगर ट्रेडिंग करे या न करें? से समझ आ गया होगा और आपको यह भी पता चल गया होगा की Zerodha में अपने Trading Charges की Details कैसे पता करें ?

पोस्मुट में मैंने जानकारी को सरलतम भाषा में समझाने की कोशिश की है और मुझे उम्मीद है सारी जानकारी आपको अच्छे से समझ आ गयी होगी अगर कोई चीज समझ नही आ रही है तो कमेंट में पूछ सकते हैं.

शेयर बाजार में ऐप से कर रहे हैं ट्रेडिंग? याद रखें ये 5 टिप्स, सेफ रहेगा आपका पैसा

Stock Market Trading Tips: कोरोना महामारी के इस दौर में शॉपिंग से लेकर इन्वेस्टमेंट तक से सभी काम अमूमन हम अब अपने स्मार्टफोन के जरिए कर रहे हैं.

शेयर बाजार में ऐप से कर रहे हैं ट्रेडिंग? याद रखें ये 5 टिप्स, सेफ रहेगा आपका पैसा

Stock Market Trading Tips: कोरोनावायरस महामारी ने हर आदमी के लाइफ स्टाइल में बड़ा बदलाव ला दिया है. इसका असर शेयर बाजार में रोजमर्रा की ट्रेडिंग पर भी देखने को मिल रहा है. इस महामारी के दौर में हमारा अधिकांश कार्य डि​जिटल हो गया है. शॉपिंग से लेकर इन्वेस्टमेंट तक से सभी काम अमूमन हम अब अपने स्मार्टफोन के जरिए कर रहे हैं. ट्रेड और निवेश सहित रोजमर्रा की जरूरतों के लिए टेक्नोलॉजी आधारित सॉल्युशन ने हमें सशक्त बनाया है. आज के समय में यदि आप भी मोबाइल ऐप के जरिए शेयर बाजार में ट्रेडिंग कर रहे हैं तो आपको ट्रेडिंग सेफ रहे, इसके लिए कुछ बातों पर ध्यान देना चाहिए.

लॉगइन की जानकारी न साझा करें

अपने लॉगइन क्रेडेंशियल कभी किसी से शेयर न करें. हालांकि, यह थोड़ा फंडामेंटल लग सकता है, लेकिन अक्सर देखा गया है कि कुछ ट्रेडर अपने लॉगिन क्रेडेंशियल को हल्के में लेते हैं. यह बात याद रखें, न तो आपका ब्रोकर और न ही आपका बैंक (या कोई भी) कभी भी आपसे ट्रेडिंग आईडी और पासवर्ड मांगेगा. यदि कोई भी आपके पास आकर इस तरह के अनुरोध करता है, तो तुरंत इसकी सूचना सर्विस प्रोवाइडर के साथ-साथ पुलिस को भी दें. इसी तरह, अपने क्रेडेंशियल्स को ऐसी जगह पर लिखने और स्टोर करने से बचें, जहां कोई और इसे देख सकता है.

मजबूत पासवर्ड रखें

अपने ट्रेडिंग खाते के लिए कमजोर पासवर्ड रखने से बचें क्योंकि इसे साइबरअटैकर हासिल कर सकता है. अल्फान्यूमेरिक पासवर्ड का उपयोग करना आपके अकाउंट के लिए हाई सिक्युरिटी सुरक्षा सुनिश्चित करेगा. हालांकि, फाइनेंशियल सर्विस प्रोवाइडर इन दिनों स्वयं एक अल्फान्यूमेरिक पासवर्ड अनिवार्य करते हैं. यदि वे ऐसा नहीं कर रहे तो भी आप जरूर यह सुनिश्चित करें. अपने नाम और जन्मदिन के संयोजन वाले सरल पासवर्ड का उपयोग कभी न करें.

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रूटकिट इंस्टॉलेशन कभी न रखें

कई बार पेड एप्लिकेशन का मुफ्त ओवर-द-काउंटर वर्जन मिलने पर यह आकर्षक लग सकता है. हालांकि, जैसा कि यह केस स्टॉक ट्रेडिंग का है, अगर कोई डील बहुत ही अविश्वसनीय लग रही हो, तो वह सच नहीं ही होगी. इस तरह के ओवर-द-काउंटर वर्जन में या तो एप्लिकेशन-लेवल मालवेयर (एक नुकसान पहुंचाने वाला प्रोग्राम) है या इसे रूटकिट लेवल पर तैनात किया जाता है. किसी भी स्थिति में ऐसे एप्लिकेशन आपके फोन के सुरक्षा ढांचे को दरकिनार करते हैं और आपकी क्रेडिट और अन्य संवेदनशील जानकारी को आसानी से निकाल सकते हैं. ऐसे में ये ऐप इंस्टॉल करने पर पैसा बचता कम, नुकसान अगर ट्रेडिंग करे या न करें? ज्यादा होता है. इसे बचना चाहिए. यदि आपने ऐसा पहले किया है तो सुनिश्चित करें कि आपने अपने डिवाइस को फैक्टरी डिफॉल्ट पर रीस्टोर किया है.

सार्वजनिक जगह पर लॉगइन करने से बचें

जब भी आप किसी सार्वजनिक स्थान पर अपने अकाउंट एंटर करते हैं, तो संभावना है कि कोई व्यक्ति आपके पासवर्ड को झांककर देख सकता है. आपका कीबोर्ड उन की को सामने लाता है, जिन्हें आप लगातार टाइप करते हैं. इससे आपका अल्फान्यूमेरिक पासवर्ड भी बेकार हो जाता है. इसके अलावा, सार्वजनिक स्थानों पर मुफ्त हॉटस्पॉट का उपयोग करने से बचें, क्योंकि वे आपके डिवाइस को साइबर खतरों के प्रति संवेदनशील बनाते हैं.

हर ट्रेड को सुरक्षित करें

ट्रेड करते समय बाजार समय-समय पर काफी अस्थिर हो सकते हैं. कोविड-19 के बाद का बाजार पूरी तरह से ऐसे ट्रेडिंग पैटर्न को दर्शा रहा है. अस्थिर अवधि के दौरान यदि आपका ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म मजबूत टेक्नोलॉजीकल इंफ्रास्ट्रक्चर से सपोर्टेड नहीं है तो डायनामिक लोड आपके प्लेटफार्म को नुकसान पहुंचा सकता है. ऐसे मामलों में, आप अपने ट्रेड को पूरा नहीं कर सकेंगे और काफी हद तक नुकसान हो सकता है. इसलिए आपको हमेशा एक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म/मोबाइल ऐप पर भरोसा करना चाहिए जो आपके सभी ट्रेड को सुरक्षित रखें. ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के साथ खुद को रजिस्टर करने से पहले आपको इस संबंध में अच्छी तरह से रिसर्च करना चाहिए. उन प्लेटफॉर्म का उपयोग करने से बचें जिन्हें तकनीकी खामियों के लिए अक्सर जाना जाता है.

(Source: Agnel Broking)

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Crypto Trading : कैसे करते हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और कैसे होती है इसकी ट्रेडिंग, समझिए

Crypto Trading : क्रिप्टोकरेंसी ट्रेड ब्लॉकचेन तकनीक पर काम करती है और निवेश को सुरक्षित रखने के लिए एन्क्रिप्शन कोड का इस्तेमाल करती है. आप अपने क्रिप्टो टोकन या तो सीधे बायर को बेच सकते हैं या फिर ज्यादा सुरक्षित रहते हुए एक्सचेंज पर ट्रेडिंग कर सकते हैं.

Crypto Trading : कैसे करते हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और कैसे होती है इसकी ट्रेडिंग, समझिए

Cryptocurrency Trading : क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर है बहुत से भ्रम. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एन्क्रिप्शन के जरिए सुरक्षित रहने वाली एक डिजिटल करेंसी है. माइनिंग के जरिए नई करेंसी या टोकन जेनरेट किए जाते हैं. माइनिंग का मतलब उत्कृष्ट कंप्यूटरों पर जटिल गणितीय समीकरणों को हल करने से है. इस प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं और इसी तरह नए क्रिप्टो कॉइन जेनरेट होते हैं. लेकिन जो निवेशक होते हैं, वो पहले से मौजूद कॉइन्स में ही ट्रेडिंग कर सकते हैं. क्रिप्टो मार्केट में उतार-चढ़ाव का कोई हिसाब नहीं रहता है. मार्केट अचानक उठता है, अचानक गिरता है, इससे बहुत से लोग लखपति बन चुके हैं, लेकिन बहुतों ने अपना पैसा भी उतनी ही तेजी से डुबोया है.अगर ट्रेडिंग करे या न करें?

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अगर आपको क्रिप्टो ट्रेडिंग को लेकर कुछ कंफ्यूजन है कि आखिर यह कैसे काम करता है, तो आप अकेले नहीं हैं. बहुत से लोग यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि वर्चुअल करेंसी में कैसे निवेश करें. हम इस एक्सप्लेनर में यही एक्सप्लेन करने की कोशिश कर रहे हैं कि आप क्रिप्टोकरेंसी में कैसे निवेश कर सकते हैं, और क्या आपको निवेश करना चाहिए.

क्रिप्टोकरेंसी क्या है?

क्रिप्टोकरेंसी क्या है, ये समझने के लिए समझिए कि यह क्या नहीं है. यह हमारा ट्रेडिशनल, सरकारी करेंसी नहीं है, लेकिन इसे लेकर स्वीकार्यता बढ़ रही है. ट्रेडिशनल करेंसी एक सेंट्रलाइज्ड डिस्टिब्यूशन यानी एक बिंदु से वितरित होने वाले सिस्टम पर काम करती है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नॉलजी, ब्लॉकचेन, के जरिए मेंटेन किया जाता है. इससे इस सिस्टम में काफी पारदर्शिता रहती है, लेकिन एन्क्रिप्शन के चलते एनॉनिमिटी रहती है यानी कि कुछ चीजें गुप्त रहती हैं. क्रिप्टो के समर्थकों का कहना है कि यह वर्चुअल करेंसी निवेशकों को यह ताकत देती है कि आपस में डील करें, न कि ट्रेडिशनल करेंसी की तरह नियमन संस्थाओं के तहत.

क्रिप्टो एक्सचेंज का एक वर्चुअल माध्यम है. इसे प्रॉडक्ट या सर्विस खरीदने के लिए इस्तेमाल में लिया जा सकता है. जो क्रिप्टो ट्रांजैक्शन होते हैं. उन्हें पब्लिक लेज़र यानी बहीखाते में रखा जाता है और क्रिप्टोग्राफी से सिक्योर किया जाता है.

क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग कैसे होती है?

इसके लिए आपको पहले ये जानना होगा कि यह बनता कैसे है. क्रिप्टो जेनरेट करने की प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं. और ये काम बहुत ही उत्कृष्ट कंप्यूटर्स में जटिल क्रिप्टोग्राफिक इक्वेशन्स यानी समीकरणों को हल करके किया जाता है. इसके बदले में यूजर को रिवॉर्ड के रूप में कॉइन मिलती है. इसके बाद इसे उस कॉइन के एक्सचेंज पर बेचा जाता है.

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कौन कर सकता है ट्रेडिंग?

ऐसे लोग जो कंप्यूटर या टेक सैवी नहीं हैं, वो कैसे क्रिप्टो निवेश की दुनिया में प्रवेश कर सकते हैं? ऐसा जरूरी नहीं है कि हर निवेशक क्रिप्टो माइनिंग करता है. अधिकतर निवेशक बाजार में पहले से मौजूद कॉइन्स या टोकन्स में ट्रेडिंग करते हैं. क्रिप्टो इन्वेस्टर बनने के लिए माइनर बनना जरूरी नहीं है. आप असली पैसों से एक्सचेंज पर मौजूद हजारों कॉइन्स और टोकन्स में से कोई भी खरीद सकते हैं. भारत में ऐसे बहुत सारे एक्सचेंज हैं तो कम फीस या कमीशन में ये सुविधा देते हैं. लेकिन यह जानना जरूरी है कि क्रिप्टो में निवेश जोखिम भरा है और मार्केट कभी-कभी जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखता है. इसलिए फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स निवेशकों से एक ही बार में बाजार में पूरी तरह घुसने की बजाय रिस्क को झेलने की क्षमता रखने की सलाह देते हैं.

यह समझना भी जरूरी है कि सिक्योर इन्वेस्टमेंट, सेफ इन्वेस्टमेंट नहीं होता है. यानी कि आपका निवेश ब्लॉकचेन में तो सुरक्षित रहेगा लेकिन बाजार में उतार-चढ़ाव का असर इसपर होगा ही होगा, इसलिए निवेशकों को पैसा लगाने से पहले जरूरी रिसर्च करना चाहिए.

क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल क्या है?

यह डिजिटल कॉइन उसी तरह का निवेश है, जैसे हम सोने में निवेश करके इसे स्टोर करके रखते हैं. लेकिन अब कुछ कंपनियां भी अपने प्रॉडक्ट्स और सर्विसेज़ के लिए क्रिप्टो में पेमेंट को समर्थन दे रही हैं. वहीं, कुछ देश तो इसे कानूनी वैधता देने पर विचार कर रहे हैं.

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