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India Forex Reserve: विदेशी मुद्रा कोष में जारी है गिरावट, 550.87 अरब डॉलर रह गया भंडार
Forex Reserve: फरवरी के आखिर में रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला करने के बाद से विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का सिलसिला जारी है. मार्च के आखिर में विदेशी मुद्रा भंडार 607 अरब डॉलर था.
By: ABP Live | Updated at : 16 Sep 2022 07:17 PM (IST)
India Forex Reserve: देश के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट देखी जा रही है आरबीआई द्वारा जारी किए गए आंकड़े के मुताबिक 9 सितंबर 2022 को हफ्ते में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2.23 अरब डॉलर गिरकर 550.87 अरब डॉलर हो गया. इससे पहले के सप्ताह में 2 सितंबर को खत्म हफ्ते के दौरान देश का विदेशी मुद्रा भंडार 553.10 अरब डॉलर रहा था.
लगातार गिर रहा है विदेशी मुद्रा भंडार
जुलाई के अंतिम सप्ताह में बढ़ोतरी को छोड़कर हर एक सप्ताह में रिजर्व में गिरावट आई थी. फरवरी के आखिर में रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला करने के बाद से विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का सिलसिला जारी है. मार्च के आखिर में विदेशी मुद्रा भंडार 607 अरब डॉलर था. फॉरेन करेंसी ऐसेट में गिरावट के चलते देश के विदेशी मुद्रा भंडार में ये गिरावट आई है क्योंकि रिजर्व का सबसे बड़ा हिस्सा है. समीक्षाधीन सप्ताह में फॉरेन करेंसी ऐसेट 2.52 अरब डॉलर गिरकर 489.60 अरब डॉलर हो गया.
जानकारों का मानना है कि विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का सिलसिला जारी रह सकता है. आने वाले दिनों में ये घटकर 510 अरब डॉलर तक गिर सकता है. खासतौर से चालू खाते के घाटा 4 फीसदी तक आया है विदेशी मुद्रा भंडार में और भी गिरावट आ सकती है.
Deutsche Bank ने हाल ही में जारी किए रिपोर्ट में कहा है कि इस वर्ष भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट के आसार हैं. खासतौर से आरबीआई द्वारा रुपये को गिरने से थामने के प्रयासों और चालू खाते के घाटे के बढ़ने के चलते विदेशी मुद्रा भंडार में और गिरावट आ सकती है. इससे पहले शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 79.74 पर किलोज हुआ है. रुपये में 3 पैसे की मजबूती देखी गई.
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Published at : 16 Sep 2022 07:17 विदेशी मुद्रा कंपनी PM (IST) Tags: Russia - Ukraine War RBI India's forex reserves हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
ED ने पकड़ा 700 करोड़ रुपये का फॉरेन एक्सचेंज घोटाला, खरीदी गई थी विदेशी मुद्रा
कैप्सटोन फॉरेक्स ने फर्जी एयर टिकटों और पासपोर्ट के आधार पर विदेशी मुद्रा खरीदी. ED की जांच में सामने आया है कि कैप्सटोन के खातों में शैल कंपनियों से 700 करोड़ रुपये से अधिक आए.
मुनीष पांडे
- नई दिल्ली ,
- 14 फरवरी 2020,
- (अपडेटेड 14 फरवरी 2020, 12:29 AM IST)
- कैप्सटोन फॉरेक्स ने फर्जी एयर टिकटों के आधार पर किया करोड़ों का हेरफेर: ED
- शैल कंपनियों से फंड ट्रांसफर को लेकर जय मेहता के ग्रुप की कंपनी भी रडार पर
महाराष्ट्र स्थित कंपनी कैपस्टोन फॉरेक्स प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े 700 करोड़ रुपये के विदेशी मुद्रा घोटाले का प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पता लगाया है. एडेलवेइस फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड की जांच के दौरान ED के स्कैनर पर कैपस्टोन फॉरेक्स आई. एडेलवेइस के चेयरमैन रमेश शाह से एजेंसी ने हाल में पूछताछ की थी.
वित्तीय जांच एजेंसी के दावे के मुताबिक, कैप्सटोन फॉरेक्स ने फर्जी एयर टिकटों और पासपोर्ट के आधार पर विदेशी मुद्रा खरीदी. ED की जांच में सामने आया है कि कैप्सटोन के खातों में शैल कंपनियों से 700 करोड़ रुपये से अधिक आए.
सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ के दौरान अधिकतर कंपनियां कैप्सटोन फॉरेक्स को किए गए फंड ट्रांसफर के कारणों को जायज ठहराने में नाकाम रही.
टर्नओवर में पिछले वर्षों की तुलना में तेजी
ED दस्तावेज बताते हैं कि 2017-18 में कंपनी के टर्नओवर में पिछले वर्षों की तुलना में अचानक तेजी आई, इससे कंपनी के रेवेन्यू के स्रोत और बिजनेस के तौर तरीकों की जांच करने की जरूरत समझी गई. बैंक खातों की जांच से पता चला कि संबंधित कंपनी को 2017-19 के बीच विभिन्न कारोबारी प्रतिष्ठानों और कंपनियों से सैकड़ों करोड़ रुपए मिले.
ED के मुताबिक, कंपनी ने ग्राहकों के सबूत के पासपोर्ट और एयर टिकट की प्रतियां पेश कीं, जिन्हें उसने विदेशी मुद्रा बेची थी. कुछ एयर टिकट की जांच से पता चला कि वो फर्जी थीं. कैपस्टोन फॉरेक्स प्राइवेट लिमिटेड विदेशी मुद्रा विनिमय और खरीद अन्य AD बैंकों और FFMC से खरीदता रहा है. इसके लिए वो उसी पैसे का इस्तेमाल करता जो उसके खातों में आता था.
जांच से पता चला कि कई शैल कंपनियों ने बड़े कॉर्पोरेट्स और नामी कंपनियों को भी फंड ट्रांसफर किए.
फंड ट्रांसफर पर जवाब?
ED जांच के रडार पर जो कॉर्पोरेट्स हैं उनके नाम हैं- CG पॉवर सॉल्यूशन्स, इंडियानापोल्स हॉस्पिटेलिटी (जय मेहता ग्रुप), कंसल्टशाह फाइनेंशियल सर्विसेज, इरोज इंटरनेशनल मीडिया, जैन एनर्जी (जैन इरिगेशन ग्रुप), नवारकर बिल्डर्स, नेक्स्ट जेन फिल्म्स, स्वतंत्रयावीर वी डी सावरकर मल्टीस्टेट कोऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी.
जय मेहता बॉलिवुड एक्ट्रेस जूही चावला के पति हैं. शैल कंपनियों से फंड ट्रांसफर पर ED के सवालों पर अधिकतर कॉरपोरेट्स संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए हैं.
'विदेशी मुद्रा बाजार'
विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि विदेशी बाजार में कमजोर डॉलर और ताजा विदेशी पूंजी प्रवाह ने नुकसान को सीमित कर दिया.
Dollar Vs Rupee : अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 81.18 के भाव पर मजबूती के साथ खुला और थोड़ी ही देर में यह 81.14 के स्तर तक भी पहुंच गया.
कच्चे तेल की कीमतों और डॉलर (Dollar) सूचकांक में मजबूती से अमेरिकी मुद्रा (American ) के मुकाबले रुपया गुरुवार को 55 पैसे गिरकर 82.17 प्रति डॉलर के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया.
अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 81.65 प्रति डॉलर के भाव पर खुला और जल्द ही 81.78 के स्तर पर गिर गया. इस तरह पिछले कारोबारी दिवस की तुलना में रुपये में 38 पैसे की गिरावट दर्ज की गई.
घरेलू शेयर बाजार (Share Market) में गिरावट और विदेशी बाजारों में डॉलर (Dollar) के मजबूत होने के कारण अंतरबैंक विदेशीमुद्रा विनिमय बाजार में सोमवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपये की विनिमय दर 26 पैसे की गिरावट के साथ 80 रुपये प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुई.
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 79.81 पर खुला और फिर गिरकर 79.82 पर आ गया. इस तरह रुपया ने पिछले बंद भाव के मुकाबले 8 पैसे की गिरावट दर्ज की. शुरुआती सौदों में रुपये ने 79.79 के स्तर को छुआ था.
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले 79.70 पर खुला और फिर बढ़त के साथ 79.65 के स्तर पर पहुंच गया, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 16 पैसे की तेजी दर्शाता है. रुपया सोमवार को डॉलर के मुकाबले तीन पैसे गिरकर 79.81 पर बंद हुआ था.
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 79.53 पर खुला और शुरुआती सौदों में यह 79.47 तक गया जो पिछले बंद भाव के मुकाबले पांच पैसे की बढ़त दर्शाता है.
दुनिया की प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर (Dollar) के कमजोर पड़ने के साथ ही घरेलू स्तर पर शेयर बाजार में जारी तेजी से विदेशी मुद्रा प्रवाह बढ़ने के बल पर आज अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार में रुपया 36 पैसे की छलांग लगाकर 79.17 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गया.
घरेलू शेयर बाजारों में सकारात्मक रुख और विदेशी कोषों की आवक के बीच रुपया शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 12 पैसे बढ़कर 79.57 (अंतिम) पर बंद हुआ.अंतर बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले 79.66 पर खुला. दिन के कारोबार में रुपये ने 79.47 का ऊपरी और 79.66 का निचला स्तर देखा.
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 204 मिलियन USD की वृद्धि
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि: रिजर्व बैंक ने सोने की संपत्ति (gold assets) के मूल्य में वृद्धि की सूचना दी है, जो 7 अक्टूबर को समाप्त हुए सप्ताह में 204 मिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर 532.868 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया है।
पिछले रिपोर्टिंग वीक के दौरान, कुल भंडार 4.854 बिलियन अमरीकी डॉलर से घटकर 532.664 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया। ।
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा: प्रमुख बिंदु
- कुल विदेशी भंडार 30 सितंबर को समाप्त हुए पिछले सप्ताह के 4.854 बिलियन अमेरिकी डॉलर से घटकर 532.664 बिलियनअमेरिकी डॉलर हो गया।
विदेशी मुद्रा भंडार कई हफ्तों से कम हो रहा है क्योंकि केंद्रीय बैंक अपने धन का उपयोग रुपये को ज्यादातर अंतरराष्ट्रीय घटनाओं के दबाव से बचाने के लिए करता है।
अक्टूबर 2021 में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 645 बिलियन अमेरिकी डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के साप्ताहिक सांख्यिकीय पूरक के अनुसार, 7 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में, विदेशी मुद्रा संपत्ति (FCA), कुल भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा 1.311 बिलियन अमरीकी डॉलर घटकर 471.496 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया।
FCA, जो डॉलर के संदर्भ में व्यक्त किए जाते हैं, यूरो, पाउंड और येन जैसे विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गैर-अमेरिकी मुद्राओं की सराहना या मूल्यह्रास के प्रभाव को ध्यान में रखते हैं।
विशेष आहरण अधिकार (SDR) 155 मिलियन अमरीकी डॉलर बढ़कर 17.582 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया, जबकि गोल्ड होल्डिंग 1.35 बिलियन अमरीकी डॉलर बढ़कर 38.955 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गई।
RBI के अनुसार, इसने 7 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह के लिए कुल भंडार में वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
शीर्ष बैंक के आंकड़ों के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ देश की आरक्षित स्थिति समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान 10 मिलियन अमरीकी डालर बढ़कर 4.836 बिलियन अमरीकी डालर हो गई।
विदेशी मुद्रा भंडार क्या है?
विदेशी मुद्रा भंडार: रिजर्व के रूप में विदेशी मुद्राओं में केंद्रीय बैंक द्वारा आयोजित महत्वपूर्ण संपत्ति और विदेशी मुद्रा भंडार के रूप में जाना जाता है।
वे आम तौर पर मौद्रिक नीति निर्धारित करने और मुद्रा दर का समर्थन विदेशी मुद्रा कंपनी करने के लिए नियोजित होते हैं।
भारत में, विदेशी भंडार में आईएमएफ से सोना, डॉलर और एक निश्चित मात्रा में एसडीआर शामिल हैं।
वैश्विक वित्तीय और व्यापार प्रणाली में मुद्रा के महत्व को देखते हुए, अधिकांश भंडार आमतौर पर अमेरिकी डॉलर में संग्रहीत किए जाते हैं।
कुछ केंद्रीय बैंक अमेरिकी डॉलर में भंडार रखने के अलावा यूरो, ब्रिटिश पाउंड, जापानी येन या चीनी युआन में भी भंडार रखते हैं।
विदेशी मुद्रा भंडार: महत्व
- विदेशी मुद्रा भंडार: अमेरिकी डॉलर सभी अंतरराष्ट्रीय लेनदेन के लिए मानक मुद्रा हैं, उन्हें भारत में आयात के लिए धन की आवश्यकता होती है।
अधिक महत्वपूर्ण रूप से, उन्हें केंद्रीय बैंक की कार्रवाइयों में विश्वास को बढ़ावा देने और बनाए रखने की आवश्यकता होती है, जिसमें मौद्रिक नीति में कोई भी बदलाव या देशी मुद्रा का समर्थन करने के लिए विनिमय दरों में कोई हेरफेर शामिल है।
यह विदेशी पूंजी प्रवाह में संकट से संबंधित अप्रत्याशित व्यवधान द्वारा लाई गई किसी भी भेद्यता को कम करता है।
इस प्रकार, तरल विदेशी मुद्रा रखने से ऐसे प्रभावों से सुरक्षा मिलती है और यह आश्वासन मिलता है कि बाहरी झटके की स्थिति में, देश के आवश्यक आयातों का समर्थन करने के लिए अभी भी पर्याप्त विदेशी मुद्रा होगी।
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विदेशी मुद्रा भंडार और स्वर्ण भंडार फिर लुढ़का
राज एक्सप्रेस। देश में जितना भी विदेशी मुद्रा भंडार और स्वर्ण भंडार जमा होता है, उसके आंकड़े समय-समय पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किए जाते हैं। इन आंकड़ों में हमेशा ही उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। काफी समय तक विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) में गिरावट के बाद पिछले सप्ताह दर्ज हुई बढ़त के बाद अब एक बार फिर इसमें बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि, स्वर्ण भंडार (Gold Reserves) में इस बार बढ़त दर्ज हुई है। इस बात का खुलासा RBI द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों से होता है। बता दें, यदि विदेशी मुद्रा परिस्थितियों में बढ़त दर्ज की जाती है तो, कुल विदेशी विनिमय भंडार में भी बढ़त दर्ज होती है।
RBI के ताजा आंकड़े :
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 19 अगस्त 2022 को खत्म हुए सप्ताह में 6.687 अरब डॉलर घटकर 564.053 अरब डॉलर पर आ पहुंचा है,जबकि, 12 अगस्त 2022 को खत्म हुए सप्ताह में 2.23 अरब डॉलर घटकर 570.74 अरब डॉलर पर आ पहुंचा था। वहीँ, अगर 5 अगस्त 2022 को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार देखे तो यह 2.23 अरब डॉलर 89.7 करोड़ डॉलर घटकर 572.978 अरब डॉलर पर आ पहुंचा था। जबकि, 29 जुलाई 2022 को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में 2.315 अरब डॉलर की बढ़त दर्ज हुई थी और यह 573.875 अरब डॉलर पर पहुच गया था। उससे पहले विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का दौर काफी समय तक जारी था।
गोल्ड रिजर्व की वैल्यू :
बताते चलें, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत के गोल्ड रिजर्व की वैल्यू में भी पिछले कुछ समय से गिरावट दर्ज होने के बाद एक बार की बढ़त के बाद अब समीक्षाधीन सप्ताह में गोल्ड रिजर्व की वैल्यू 70.4 करोड़ डॉलर घटकर 39.914 अरब डॉलर पर आ गिरी हैं। हालांकि, इससे पहले भी गोल्ड रिजर्व में बढ़त दर्ज हुई थी। रिजर्व बैंक ने बताया कि, आलोच्य सप्ताह के दौरान IMF के पास मौजूद भारत के भंडार में मामूली वृद्धि हुई। बता दें, विदेशी मुद्रा संपत्तियों (FCA) में आई गिरावट के चलते विदेशी मुद्रा भंडार में भी गिरावट दर्ज होती है, लेकिन अब जब FCA में बढ़त दर्ज हुई है तो विदेशी मुद्रा भंडार भी बढ़ा है। RBI के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी मुद्रा परिस्थितियों में बढ़त दर्ज होने की वजह से कुल विदेशी विनिमय भंडार में बढ़त हुई है और विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां, कुल विदेशी मुद्रा भंडार का एक अहम भाग मानी जाती है।
आंकड़ों के अनुसार FCA :
रिजर्व बैंक (RBI) के साप्ताहिक आंकड़ों पर नजर डालें तो, विदेशीमुद्रा परिसंपत्तियां, कुल विदेशी मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा होती हैं। बता दें, विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में बढ़त होने की वजह से मुद्रा भंडार में बढ़त दर्ज की गई है। FCA को डॉलर में दर्शाया जाता है, लेकिन इसमें यूरो, पौंड और येन जैसी अन्य विदेशी मुद्रा सम्पत्ति भी शामिल होती हैं। आंकड़ों के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (SDR) 14.6 करोड़ डॉलर घट कर 17.98 विदेशी मुद्रा कंपनी अरब डॉलर पर पहुंच गया है। जबकि, IMF में रखे देश का मुद्रा भंडार भी 5.8 करोड डॉलर गिर कर 4.936 अरब डॉलर हो गया। समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां (FCA) 5.77 अरब डॉलर घटकर 501.216 अरब डॉलर रह गई है।
क्या है विदेशी मुद्रा भंडार ?
विदेशी मुद्रा भंडार देश के रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं, जिनका उपयोग जरूरत पड़ने पर देनदारियों का भुगतान करने में किया जाता है। पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। इसका उपयोग आयात को समर्थन देने के लिए आर्थिक संकट की स्थिति में भी किया जाता है। कई लोगों को विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी का मतलब नहीं पता होगा तो, हम उन्हें बता दें, किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी अच्छी बात होती है, इसमें करंसी के तौर पर ज्यादातर डॉलर होता है, यानि डॉलर के आधार पर ही दुनियाभर में कारोबार किया जाता है। बता दें, इसमें IMF में विदेशी मुद्रा असेट्स, स्वर्ण भंडार और अन्य रिजर्व शामिल होते हैं, जिनमें से विदेशी मुद्रा असेट्स सोने के बाद सबसे बड़ा हिस्सा रखते हैं।
विदेशी मुद्रा भंडार के फायदे :
विदेशी मुद्रा भंडार से एक साल से अधिक के आयात खर्च की पूर्ति आसानी से की जा सकती है।
अच्छा विदेशी मुद्रा आरक्षित रखने वाला देश विदेशी व्यापार का अच्छा हिस्सा आकर्षित करता है।
यदि भारत के पास भुगतान के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा उपलब्ध है तो, सरकार जरूरी सैन्य सामान को तत्काल खरीदने का निर्णय ले सकती है।
विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता को कम करने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार की प्रभाव पूर्ण भूमिका होती है।
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