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विदेशी मुद्रा भंडार कमी का कारण

विदेशी मुद्रा भंडार कमी का कारण

विदेशी मुद्रा भंडार में 2.64 अरब डॉलर की गिरावट

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। देश के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार 5वें सप्ताह गिरावट दर्ज की गई है और गत 18 मई के समाप्त सप्ताह में यह 2.64 अरब डॉलर घटकर 415.05 अरब डॉलर पर आ गया। रिजर्व बैंक के आज जारी आंकड़ों के अनुसार इससे पिछले सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 417.70 अरब डॉलर रहा था।

इससे पहले सप्ताह में यह 418.94 अरब डॉलर, 27 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में 420.37 अरब डॉलर और 20 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में 423.58 अरब डॉलर रहा था। अब 18 मई को समाप्त सप्ताह में भी इसमें गिरावट का रुख बना रहा है। विदेशी मुद्रा भंडार के सबसे बड़े घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति में 2.63 अरब डॉलर की कमी आने के कारण यह घटकर 389.82 अरब डॉलर रही है।

हालांकि इस दौरान स्वर्ण भंडार में 1.3 करोड़ डॉलर की बढ़त दर्ज की गई और यह 21.70 अरब डॉलर पर पहुंच गया। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास आरक्षित निधि 1.42 करोड़ डॉलर घटकर 2.03 अरब डॉलर पर और विशेष आहरण अधिकार भी 1.42 करोड़ डॉलर उतर कर 1.50 अरब डॉलर पर आ गया।

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रुपया गिरने से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 5 अरब अमेरिकी डॉलर की गिरावट, ऐसे विश्वगुरु बनेगा भारत?

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार कमी आ रही है. अगस्त में भी देश के विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी. अब सातवें सप्ताह गिरकर 16 सितंबर को ये 545.652 बिलियन डॉलर तक गिर गया है.

भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार में 5.219 अरब अमेरिकी डॉलर की घटोतरी हुई है. 2 अक्टूबर, 2020 के बाद से ये इसका सबसे निचला स्तर है. पिछले सप्ताह के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार 550.871 अरब डॉलर था.

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, रुपये की कीमत ने रिजर्व बैंक की टेंशन थोड़ी बढ़ा दी है. लिहाजा आरबीआई रुपये की कीमत को नियंत्रित करने के लिए कदम उठा रहा है.

इन चीजों का असर मुद्रा भंडार पर दिख रहा है. डॉलर में तेजी की वजह से भारतीय रुपया पर लगातार दबाव बना हुआ है.

अगस्त में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी. 2 सितंबर को समाप्त विदेशी मुद्रा भंडार कमी का कारण सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 560 अरब डॉलर से गिरकर 553.105 अरब डॉलर पर आ गया था. इसमें 7.941 अरब डॉलर की गिरावट देखने को मिली थी.

इस समय मुद्रा भंडार 2 विदेशी मुद्रा भंडार कमी का कारण साल के निचले स्तर पर आ गया था. 26 अगस्त 2022 को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 561.046 अरब डॉलर था.

रुपया कमजोर होने से विदेशी मुद्रा भंडार कमजोर होता है. देश को आयात के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ते हैं तो जाहिर सी बात है कि खजाना खाली होगा. यह आर्थिक लिहाज से ठीक बात नहीं है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, करीब विदेशी मुद्रा भंडार कमी का कारण तीन महीने पहले तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब अमेरिकी डॉलर था.

इसके पहले हफ्ते में भी 2.23 अरब अमेरिकी डॉलर की कमी आई थी. भारतीय रूपये के गिरने के कारण इसका असर भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार पर प्रत्यक्ष रूप से पड़ता है.

9 महीने में सबसे कम हुअा देश में विदेशी मुद्रा भंडार

विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति में एक अरब डॉलर से ज्यादा की गिरावट के कारण देश का विदेशी मुद्रा भंडार 27 जुलाई को समाप्त सप्ताह में 95.09 करोड़ डॉलर घटकर साढ़े आठ माह के निचेल स्तर 404.19 अरब डॉलर पर आ गया।

Published: August 03, 2018 10:33:32 pm

नर्इ दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से डाॅलर के मुकाबले रुपए में कमजोरी देखने को मिल रही है। उससे देश की स्थिति अंतर्राष्ट्रीय बाजार में काफी खस्ता हाेती जा रही है। जिसके कारण कर्इ आर्थिक एजेंसियों ने देश के विकास दर के कम होने का अनुमान लगाया है। वहीं दूसरी आेर पेट्रोल आैर डीजल के दाम भी बढ़ रहे हैं। इन दाे कारणों की वजह से देश में 9 महीने में विदेशी मुद्रा भंडार में सबसे बड़ी कमी देखने को मिली है।

विदेशी मुद्रा भंडार में आर्इ कमी
विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति में एक अरब डॉलर से ज्यादा की गिरावट के कारण देश का विदेशी मुद्रा भंडार 27 जुलाई को समाप्त सप्ताह में 95.09 करोड़ डॉलर घटकर साढ़े आठ माह के निचेल स्तर 404.19 अरब डॉलर पर आ गया। पिछले सात सप्ताह में से छह में इसमें गिरावट रही है।

पहले भी रह चुका है कम
इससे पहले 20 जुलाई को समाप्त सप्ताह हमें विदेशी मुद्रा भंडार 6.77 करोड़ डॉलर की बढ़त के साथ 405.14 अरब डॉलर पर रहा था। इसका इससे निचला स्तर 15 दिसंबर 2017 को समाप्त सप्ताह में 401.39 अरब डॉलर दर्ज किया गया था। रिजर्व बैंक के आज जारी आँकड़ों के अनुसार, 27 जुलाई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति 1.01 अरब डॉलर घटकर 379.04 अरब डॉलर रह गया। इसका भी यह 15 दिसंबर 2017 के बाद का निचला स्तर है।

सोने के भंडार में बढ़ोत्तरी
स्वर्ण भंडार 6.11 करोड़ डॉलर बढ़कर 21.20 अरब डॉलर पर पहुंच गया। आलोच्य सप्ताह में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास आरक्षित निधि पांच लाख डॉलर बढ़कर 2.47 अरब डॉलर पर और विशेष आहरण अधिकार तीन लाख डॉलर घटकर 1.48 अरब डॉलर हो गया। यह भारत के लिए अच्छी खबर है। इससे भारत को अंतर्राष्ट्रीय स्तर विदेशी मुद्रा भंडार कमी का कारण पर व्यापार करने में आसानी होगी। लेकिन भारत सरकार को अपनी मुद्रा को लेकर गंभीरता से विचार करना होगा। ताकि विदेश मुद्रा भंडार में किसी तरह की कोर्इ कटौती ना हो सके।

9 महीने में सबसे कम हुअा देश में विदेशी मुद्रा भंडार

विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति में एक अरब डॉलर से ज्यादा की गिरावट के कारण देश का विदेशी मुद्रा भंडार 27 जुलाई को समाप्त सप्ताह में 95.09 करोड़ डॉलर घटकर साढ़े आठ माह के निचेल स्तर 404.19 अरब डॉलर पर आ गया।

Published: August 03, 2018 10:33:32 pm

नर्इ दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से डाॅलर के मुकाबले रुपए में कमजोरी देखने को मिल रही है। उससे देश की स्थिति अंतर्राष्ट्रीय बाजार में काफी खस्ता हाेती जा रही है। जिसके कारण कर्इ आर्थिक एजेंसियों ने देश के विकास दर के कम होने का अनुमान लगाया है। वहीं दूसरी आेर पेट्रोल आैर डीजल के दाम भी बढ़ रहे हैं। इन दाे कारणों की वजह से देश में 9 महीने में विदेशी मुद्रा भंडार में सबसे बड़ी कमी देखने को मिली है।

विदेशी मुद्रा भंडार में आर्इ कमी
विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति में एक अरब डॉलर से ज्यादा की गिरावट के कारण देश का विदेशी मुद्रा भंडार 27 जुलाई को समाप्त सप्ताह में 95.09 करोड़ डॉलर घटकर साढ़े आठ माह के निचेल स्तर 404.19 अरब डॉलर पर आ गया। पिछले सात सप्ताह में से छह में इसमें गिरावट रही है।

पहले भी रह चुका है कम
इससे पहले 20 जुलाई को समाप्त सप्ताह हमें विदेशी मुद्रा भंडार 6.77 करोड़ डॉलर की बढ़त के साथ 405.14 अरब डॉलर पर रहा था। इसका इससे निचला स्तर 15 दिसंबर 2017 को समाप्त सप्ताह में 401.39 अरब डॉलर दर्ज किया गया था। रिजर्व बैंक के आज जारी आँकड़ों के अनुसार, 27 जुलाई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति 1.01 अरब डॉलर घटकर 379.04 अरब डॉलर रह गया। इसका भी यह 15 दिसंबर 2017 के बाद का निचला स्तर है।

सोने के भंडार में बढ़ोत्तरी
स्वर्ण भंडार 6.11 करोड़ डॉलर बढ़कर 21.20 अरब डॉलर पर पहुंच गया। आलोच्य सप्ताह में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास आरक्षित निधि पांच लाख डॉलर बढ़कर 2.47 अरब डॉलर पर और विशेष आहरण अधिकार तीन लाख डॉलर घटकर विदेशी मुद्रा भंडार कमी का कारण 1.48 अरब डॉलर हो गया। यह भारत के लिए अच्छी खबर है। इससे भारत को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापार करने में आसानी होगी। लेकिन भारत सरकार को अपनी मुद्रा को लेकर गंभीरता से विचार करना होगा। ताकि विदेश मुद्रा भंडार में किसी तरह की कोर्इ कटौती ना हो सके।

विदेशी मुद्रा भंडार कमी का कारण

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विदेशी मुद्रा भंडार 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.994 अरब डॉलर पर

विदेशी मुद्रा भंडार 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.994 अरब डॉलर पर

नई दिल्ली, 11 नवंबर (हि.स)। आर्थिक र्मोचे पर सरकार को झटका लगने वाली खबर आई है। देश के विदेशी मु्द्रा भंडार में फिर गिरावट दर्ज हुई है। विदेशी मुद्रा भंडार 4 नवंबर को समाप्त हफ्ते में 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर रह गया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी।

आरबीआई के जारी आंकड़ों के मुताबिक देश के विदेशी मु्द्रा भंडार में गिरावट की वजह स्वर्ण भंडार में आई कमी है। आंकड़ों के मुताबिक विदेशी मुद्रा भंडार 4 नवंबर को समाप्त हफ्ते में 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर रह गया। हालांकि, 28 अक्टूबर को समाप्त हफ्ते में 6.56 अरब डॉलर बढ़कर 531.08 अरब डॉलर पर पहुंच गया था, जो एक साल के दौरान किसी एक सप्ताह में सबसे अधिक तेजी थी।

आंकड़ों के मुताबिक चार नवंबर को समाप्त हफ्ते के दौरान मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण घटक विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) भी 12 करोड़ डॉलर घटकर 470.73 अरब डॉलर रह गई है। इसी तरह देश का स्वर्ण भंडार का मूल्य 70.5 करोड़ डॉलर घटकर 37.057 अरब डॉलर रह गया। इस दौरान विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) भी 23.5 करोड़ डॉलर घटकर 17.39 अरब डॉलर रह गया है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में रखा देश का मुद्रा भंडार भी 2.7 करोड़ डॉलर घटकर 4.82 अरब डॉलर रह गया।

उल्लेखनीय है कि एक साल पहले अक्टूबर, 2021 में देश का विदेश मुद्रा भंडार बढ़कर विदेशी मुद्रा भंडार कमी का कारण 645 अरब डॉलर के अबतक के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। जानकारों का कहना है कि देश के मुद्रा भंडार में गिरावट आने की मुख्य कारण वैश्विक घटनाक्रमों की वजह से रुपये की गिरावट को थामने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) का मुद्रा भंडार से मदद लेना रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार/प्रजेश शंकर

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