विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति

'बॉडी कॉरपोरेट' ऐसी इकाई होती है, जिसमें इसे तैयार करने वाले व्यक्तियों के अलावा इसका अलग कानूनी अस्तित्व होता है। फेमा नियमों के तहत कंपनियों में निवेश की अनुमति है मगर इनमें बॉडी कॉरपोरेट में विदेशी निवेश की अनुमति का जिक्र नहीं है। अधिकारी ने कहा कि इसी वजह से एफडीआई नीति में संशोधन किया जाएगा।विदेशी निवेश की सीमा में बदलाव से उन विदेशी निवेशकों के विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति लिए रास्ता खुल जाएगा, जो एलआईसी के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) में निवेश करना चाह रहे हैं। माना जा रहा है कि एलआईसी का आईपीओ देश का सबसे बड़ा आईपीओ होगा। सरकार को उम्मीद है कि एलआईसी का मूल्यांकन 10 लाख करोड़ रुपये तक आंका जा सकता है। सरकार मार्च 2020 में इसका आईपीओ लाना चाहती है। एलआईसी के आईपीओ से सरकार को विनिवेश से मिलने वाले राजस्व में बड़ी रकम जुड़ने की उम्मीद है।
FDI: प्रत्यक्ष विदेशी निवेश ने तोड़ा अब तक का रिकॉर्ड, विनिर्माण के क्षेत्र में भारत बन रहा पसंदीदा देश
वित्त वर्ष 2021-22 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में रिकॉर्डतोड़ बढ़ोतरी हुई है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने कहा कि भारत ने 2021-22 में 83.57 अरब अमेरिकी डॉलर का उच्चतम वार्षिक एफडीआई यानी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश दर्ज किया है। साल 2020-21 में यह 81.97 अरब अमेरिकी डॉलर थी।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को अपने आधिकारिक बयान में कहा कि भारत ने विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति वित्त वर्ष 2021-22 में 83.57 अरब अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हासिल किया है जो अब तक किसी भी वित्त वर्ष में सबसे ज्यादा है। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में 83.57 अरब अमेरिकी डॉलर की अब तक की सबसे अधिक सालाना एफडीआई दर्ज की है।
विस्तार
वित्त वर्ष 2021-22 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में रिकॉर्डतोड़ बढ़ोतरी हुई है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने कहा कि भारत ने 2021-22 में 83.57 अरब अमेरिकी डॉलर का उच्चतम वार्षिक एफडीआई यानी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश दर्ज किया है। साल 2020-21 में यह 81.97 अरब अमेरिकी विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति डॉलर थी।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को अपने आधिकारिक बयान में कहा कि भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में 83.57 अरब अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हासिल किया है जो अब तक किसी भी वित्त वर्ष में सबसे ज्यादा है। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में 83.57 अरब अमेरिकी डॉलर की अब तक की सबसे अधिक सालाना एफडीआई दर्ज की है।
भारत बन रहा निवेश के लिए पसंदीदा देश
मंत्रालय ने कहा कि भारत विनिर्माण के क्षेत्र में विदेशी निवेश के लिए एक पसंदीदा देश के रूप में तेजी से उभर रहा है। मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में एफडीआई इक्विटी प्रवाह में पिछले वित्त वर्ष 2020-21 के मुकाबले 76 प्रतिशत की भारी भरकम बढोतरी दर्ज की गई है। एफडीआई इक्विटी प्रवाह साल 2020-21 के 12.09 अरब अमेरिकी डॉलर के मुकाबले वर्ष 2021-22 में 21.34 अरब अमेरिकी डॉलर रहा है।
विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति
नई औद्योगिक नीति में विदेशी निवेश को प्रोत्साहन देते हुए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश FDI और अप्रत्यक्ष विदेशी निवेश FII दोनों को बढ़ावा दिया गया।
नई औद्योगिक नीति में विदेशी निवेश को प्रोत्साहन देते हुए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) और अप्रत्यक्ष विदेशी विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति निवेश (FII) दोनों को बढ़ावा दिया गया।
Make in India के आठ साल पूरे, विदेशी निवेश में देखी गई रिकॉर्ड बढ़ोतरी
Edited By: India TV Business Desk
Updated on: September 25, 2022 18:30 IST
Photo:IANS विदेशी निवेश में देखी गई रिकॉर्ड बढ़ोतरी
Make In india: भारत का वार्षिक विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) लगभग दोगुना होकर 83 बिलियन डॉलर हो गया है। वहीं निवेश की सुविधा और इनोवेशन विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रमुख योजना 'मेक इन इंडिया' ने आठ साल पूरे कर लिए हैं। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, 2014-2015 में एफडीआई 45.15 अरब डॉलर था। वहीं वर्ष 2021-22 में 83.6 अरब डॉलर का अब तक का सबसे अधिक एफडीआई दर्ज किया गया था।
2021-22 में दर्ज हुई विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति अब तक की सबसे अधिक FDI
मंत्रालय के अनुसार, विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए सरकार ने एक उदार और पारदर्शी नीति बनाई है, जिसमें अधिकांश क्षेत्र स्वचालित मार्ग के तहत एफडीआई के लिए खुले हैं। वर्ष 2021-22 ने उच्चतम एफडीआई को 83.6 अरब डॉलर में दर्ज किया। यह एफडीआई 101 देशों से आया है, जिसे 31 राज्यों और यूटीएस और देश के 57 क्षेत्रों में निवेश किया गया है। हाल के वर्षो में आर्थिक सुधारों और 'व्यापार करने में आसानी' की पीठ पर, भारत चालू वित्तीय वर्ष में 10 अरब डॉलर एफडीआई को आकर्षित करने के लिए ट्रैक पर है।
इसमें कहा गया है कि 14 प्रमुख विनिर्माण क्षेत्रों में उत्पादन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना 2020-21 में मेक इन इंडिया इनिशिएटिव के लिए एक बड़े बढ़ावे के रूप में लॉन्च की गई थी। पीएलआई योजना रणनीतिक विकास क्षेत्रों में घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित करती है, जहां भारत को तुलनात्मक लाभ है। इसमें घरेलू विनिर्माण को मजबूत करना, लचीला आपूर्ति श्रृंखला बनाना, भारतीय उद्योगों विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाना और निर्यात क्षमता को बढ़ावा देना शामिल है। पीएलआई योजना से एमएसएमई इको-सिस्टम तक फैले लाभ के साथ उत्पादन और रोजगार के लिए महत्वपूर्ण लाभ उत्पन्न होने की उम्मीद है।
10 अरब डॉलर की प्रोत्साहन योजना शुरू
विश्व अर्थव्यवस्था में अर्धचालकों के महत्व को पहचानते हुए, सरकार ने भारत में एक अर्धचालक, प्रदर्शन और डिजाइन पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए 10 अरब डॉलर की प्रोत्साहन योजना विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति शुरू की है। घरेलू खिलौना निर्माताओं के ईमानदार प्रयासों से पूरक, भारतीय खिलौना उद्योग विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति की वृद्धि कोविड-19 महामारी के बावजूद दो साल से भी कम समय में उल्लेखनीय रही है।
वित्त वर्ष 2021-22 में खिलौनों का आयात 70 प्रतिशत तक कम हो गया। घरेलू बाजार में खिलौनों की गुणवत्ता में एक अलग सुधार हुआ है। इसके साथ ही उद्योग के प्रयासों ने वित्त वर्ष 21-22 में 2,601.5 करोड़ रुपये के खिलौनों का निर्यात किया है, जो वित्त वर्ष 18-19 में 1,612 करोड़ रुपये से अधिक 61 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि है।
एलआईसी में 20 फीसदी निवेश एफडीआई!
नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में 20 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति देने का निर्णय लिया है। सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की तर्ज पर ऐसा करेगी और इस दिशा विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति में आगे बढ़ने के लिए विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) में संशोधन करेगी। इस संशोधन के बाद मार्च में एलआईसी के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (एलआईसी) से पहले इसमें विदेशी विनिवेश को बढ़ावा देने का खाका तैयार हो जाएगा। इस बारे में एक अधिकारी ने कहा कि वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) और निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवद्र्धन (डीपीआईआईटी) के साथ मशविरा करने के बाद एफडीआई नीति में संशोधन का निर्णय लिया है।
अधिकारी ने कहा, 'इस संशोधन में 'बॉडी कॉरपोरेट' में एफडीआई की अनुमति का प्रावधान होगा। मौजूदा एफडीआई नीति के अनुसार केवल कंपनियों में ही विदेशी निवेश की अनुमति है मगर किसी निगम में इसकी इजाजत नहीं है।' अधिकारी ने कहा कि एलआईसी में निवेश की अनुमति देने के लिए एफडीआई नीति में उपयुक्त परिभाषा शामिल की जाएगी।
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सीआईआई समिट: भारत की एफडीआई नीति पूरी दुनिया में सबसे उदार, कोरोना काल में 1.6 लाख करोड़ का विदेशी निवेश मिला: अमिताभ कांत
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने एक बार फिर देश की प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति की सराहना की है। कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) की ओर से शनिवार को आयोजित मिशन-2020 समिट में बोलते हुए अमिताभ कांत ने कहा कि भारत की विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति एफडीआई नीति पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा उदार है।
भारी निवेश को आकर्षित किया: कांत
अमिताभ कांत ने कहा कि उदार एफडीआई नीति की बदौलत हमने भारी विदेशी निवेश को आकर्षित किया है। उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस महामारी के दौरान हमें 22 बिलियन डॉलर करीब 1.6 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का विदेशी निवेश मिला है। इसमें से करीब 98 फीसदी विदेशी निवेश आटोमैटिक रूट के माध्यम से आया है। नीति आयोग के सीईओ का बयान ऐसे समय में आया है जब कोविड-19 के कारण पूरी दुनिया के साथ भारत भी आर्थिक स्लोडाउन की ओर जा रहा है।