बिटकॉइन के लाभ

बिटकॉइन क्या है किसने बनाया और कैसे खरीदें | Bitcoin In Hindi
Bitcoin Kya Hai In Hindi: बिटकॉइन का नाम तो आप लोगों ने जरुर सुना होगा, क्योंकि आज के समय में यह Crptocurrency बहुत चर्चा में है इसलिए सभी लोग बिटकॉइन के बारे में जानना चाहते हैं. बिटकॉइन या टेक्नोलॉजी में रूचि रखने वाले लोग अक्सर इंटरनेट पर सर्च करते हैं कि Bitcoin क्या होता है.
अगर आपको भी बिटकॉइन के बारे में जानना है तो यह लेख आपके लिए ही है. हमने इस लेख के द्वारा कोशिस की है कि आपको बिटकॉइन के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करा सकें.
इस लेख में आपको जानने को मिलेगा कि Bitcoin क्या है इन हिंदी, बिटकॉइन का आविष्कार किसने किया, बिटकॉइन का बिटकॉइन के लाभ उपयोग कहाँ किया जाता है, आप कैसे एक बिटकॉइन खरीद सकते हैं, बिटकॉइन के फायदे और नुकसान क्या हैं और क्या भारत में बिटकॉइन लीगल है.
हमें पूरी उम्मीद है कि इस लेख में आपके बिटकॉइन से सम्बंधित अनेक सारे Confusion दूर हो जायेंगे, लेकिन उसके लिए आपको इस लेख को पूरा पढना होगा. तो चलिए शुरू करते हैं आज का यह लेख और जानते हैं बिटकॉइन क्या होता है विस्तार से.
क्या है बिटकॉइन, कैसे काम करती है और कितनी सुरक्षित है, यहां मिलेगा जवाब
दुनिया भर में बिटकॉइन का वर्चस्व बढ़ रहा है। अब दुनिया बिटकॉइन के लाभ की जानी मानी इलेक्ट्रिक कंपनी टेस्ला ने भी कह दिया है कि वह जल्द ही बिटकॉइन को अपने वाहनों के लिए भुगतान के रूप में स्वीकार करेगी। साथ ही उबर कंपनी भी बिटकॉइन की तरफ बढ रही है।
क्या है बिटकॉइन
बिटकॉइन वर्चुअल करेंसी है। इसकी शुरुआत साल 2009 में हुई थी, जो कि अब धीरे-धीरे इतनी लोकप्रिय हो गई है कि इसकी एक बिटकॉइन की कीमत लाखों रुपये में के बराबर पहुंच गई है। इसे क्रिप्टोकरेंसी भी कहा जाता है, क्योंकि भुगतान के लिए यह क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल करता है। यानी, अब इस करेंसी को भविष्य की करेंसी भी कह सकते हैं।
कैसे होता है लेन-देन
बिटकॉइन के लेन-देन के लिए उपभोक्ता को प्राइवेट की (कुंजी) से जुड़े डिजिटल माध्यमों से भुगतान का संदेश भेजना पड़ता है, जिसे दुनिया भर में फैले विकेंद्रीकृत नेटवर्क के जरिये सत्यापित किया जाता है।
इसके जरिए होने वाला भुगतान डेबिट या क्रेडिट कार्ड के जरिए होने वाले भुगतान के विपरीत है। बिटकॉइन एक आभासी मुद्रा है, जिसका इस्तेमाल केवल ऑनलाइन लेनदेन के लिए किया जाता है। बिटकॉइन के मूल्यों में भारी उतार-चढ़ाव के कारण अक्सर यह सवाल उठता है कि क्या एक मुद्रा के रूप में कार्य करने में यह सक्षम है.
चूंकि यह किसी केंद्रीय बैंक द्वारा समर्थित नहीं है, इसलिए निजी तौर पर इसका विनिमय होता है। इसे 'माइनिंग' नामक एक प्रक्रिया के जरिये जेनरेट किया जाता है, जिसके लिए एक खास किस्म के सॉफ्टवेयर की जरूरत होती है। इसके लिए बेहतर प्रोसेसर एवं निर्बाध बिजली आपूर्ति की जरूरत है, जो हमारे देश में मुश्किल है।
क्या बिटकॉइन सुरक्षित है
यह क्रिप्टोकरेंसी अत्यधिक अस्थिर है और इसलिए बहुत जोखिम भरा है। उदाहरण के लिए, जनवरी में बिटकॉइन का मूल्य बढ़कर बिटकॉइन के लाभ 42,000 डॉलर हो गया, और फिर 30,000 डॉलर तक गिर गया, फिर एक हफ्ते के दौरान फिर से बढ़कर 40,000 डॉलर हो गया था।
बिटकॉइन के लिए आपके पास एक ऐप होता है जिसके जरिए आप लेन देन करते हैं। मान कर चलिए कि सर्वर से आपकी फाइल हट गई या पासवर्ड गलत हो गया तो समझ लो आपके पैसे हमेशा के लिए खो गए। हाल ही में ऐसी खबरें आई थीं कि कुछ लोगों ने लाखों के बिटकॉइन इसलिए खो दिए क्योंकि उनके पास पासवर्ड नहीं है वह भूल गए।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी खरीदने-बेचने पर थी 10 साल की जेल
क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2019 के ड्राफ्ट में यह प्रस्ताव दिया गया था कि देश में क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री करने वालों को 10 साल की जेल की सजा मिलेगी। ड्राफ्ट के मुताबिक इसकी जद में वे सभी लोग आएंगे जो क्रिप्टोकरेंसी तैयार करेगा, उसे बेचेगा, क्रिप्टोकरेंसी रखेगा, किसी को भेजेगा या क्रिप्टोकरेंसी में किसी प्रकार की डील करेगा। इन सभी मामलों में दोषी पाए जाने वालों को 10 साल तक की जेल की सजा मिलती थी। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने यह प्रतिबंध हटा दिया है।
दुनिया भर में बिटकॉइन का वर्चस्व बढ़ रहा है। अब दुनिया की जानी मानी इलेक्ट्रिक कंपनी टेस्ला ने भी कह दिया है कि वह जल्द ही बिटकॉइन को अपने वाहनों के लिए भुगतान के रूप में स्वीकार करेगी। साथ ही उबर कंपनी भी बिटकॉइन की तरफ बढ रही है।
क्या है बिटकॉइन
बिटकॉइन वर्चुअल करेंसी है। इसकी शुरुआत साल 2009 में हुई थी, जो कि अब धीरे-धीरे इतनी लोकप्रिय हो गई है कि इसकी एक बिटकॉइन की कीमत लाखों रुपये में के बराबर पहुंच गई है। इसे क्रिप्टोकरेंसी भी कहा जाता है, क्योंकि भुगतान के लिए यह क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल करता है। यानी, अब इस करेंसी को भविष्य की करेंसी भी कह सकते हैं।
कैसे होता है लेन-देन
बिटकॉइन के लेन-देन के लिए उपभोक्ता को प्राइवेट की (कुंजी) से जुड़े डिजिटल माध्यमों से भुगतान का संदेश भेजना पड़ता है, जिसे दुनिया भर में फैले विकेंद्रीकृत नेटवर्क के जरिये सत्यापित किया जाता है।
इसके जरिए होने वाला भुगतान डेबिट या क्रेडिट कार्ड के जरिए होने वाले भुगतान के विपरीत है। बिटकॉइन एक आभासी मुद्रा है, जिसका इस्तेमाल केवल ऑनलाइन लेनदेन के लिए किया जाता है। बिटकॉइन के मूल्यों में भारी उतार-चढ़ाव के कारण अक्सर यह सवाल उठता है कि क्या एक मुद्रा के रूप में कार्य करने में यह सक्षम है.
चूंकि यह किसी केंद्रीय बैंक द्वारा समर्थित नहीं है, इसलिए निजी तौर पर इसका विनिमय होता है। इसे 'माइनिंग' नामक एक प्रक्रिया के जरिये जेनरेट किया जाता है, जिसके लिए एक खास किस्म के सॉफ्टवेयर की जरूरत होती है। इसके लिए बेहतर प्रोसेसर एवं निर्बाध बिजली आपूर्ति की जरूरत है, जो हमारे देश में मुश्किल है।
क्या बिटकॉइन सुरक्षित है
यह क्रिप्टोकरेंसी अत्यधिक अस्थिर है और इसलिए बहुत जोखिम भरा है। उदाहरण के लिए, जनवरी में बिटकॉइन का मूल्य बढ़कर 42,000 डॉलर हो गया, और फिर 30,000 डॉलर तक गिर गया, फिर एक हफ्ते के दौरान फिर से बढ़कर 40,000 बिटकॉइन के लाभ डॉलर हो गया था।
बिटकॉइन के लिए आपके पास एक ऐप होता है जिसके जरिए आप लेन देन करते हैं। मान कर चलिए कि सर्वर से आपकी फाइल हट गई या पासवर्ड गलत हो गया तो समझ लो आपके पैसे हमेशा के लिए खो गए। हाल ही में ऐसी खबरें आई बिटकॉइन के लाभ थीं कि कुछ लोगों ने लाखों के बिटकॉइन इसलिए खो दिए क्योंकि उनके पास पासवर्ड नहीं है वह भूल गए।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी खरीदने-बेचने पर थी बिटकॉइन के लाभ 10 साल की जेल
क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2019 के ड्राफ्ट में यह प्रस्ताव दिया गया था कि देश में क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री करने वालों को 10 साल की जेल की सजा मिलेगी। ड्राफ्ट के मुताबिक इसकी जद में वे सभी लोग आएंगे जो क्रिप्टोकरेंसी तैयार करेगा, उसे बेचेगा, क्रिप्टोकरेंसी रखेगा, किसी को भेजेगा या क्रिप्टोकरेंसी में किसी प्रकार की डील करेगा। इन सभी मामलों में दोषी पाए जाने वालों को 10 साल तक की जेल की सजा मिलती थी। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने यह प्रतिबंध हटा दिया है।
क्रिप्टोकरेंसी बैंकिंग के क्या हैं फायदे और नुकसान, सब कुछ जानें
क्रिप्टोकरेंसी बैंकिंग ज्यादातर लोगों को अपने फंड को डिजिटल वॉलेट में रखने या इसे पारंपरिक पैसे खर्च करने की तरह खर्च करने की अनुमति देती है. लोग एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर अपने क्रिप्टोकरेंसी बैलेंस का प्रबंधन कर सकते हैं.
cryptocurrency
gnttv.com
- नई दिल्ली,
- 14 नवंबर 2021,
- (Updated 14 नवंबर 2021, 11:59 AM IST)
क्या है क्रिप्टोकरेंसी
मदद के लिए कई डिजिटल प्लैटफॉर्म उपलब्ध
क्या है क्रिप्टोकरेंसी बैंकिंग
क्रिप्टो डेबिट कार्ड के जरिये कर सकते हैं खरीदारी
यूजर का वेरिफिकेशन जरूरी
देश में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का क्रेज बड़ी तेजी से बढ़ रहा है. आकर्षक मुनाफा पाने की चाहत में बड़ी संख्या में लोग क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं. इसे देखते हुए शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने क्रिप्टो ट्रेड’ विषय पर एक व्यापक बैठक की. आखिर क्या है क्रिप्टो करेंसी और लोग इसकी तरफ क्यों आकर्षित हो रहे हैं, आइये जानते हैं.
क्या है क्रिप्टोकरेंसी
मार्केट कैप के लिहाज से दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को वर्चुअल वॉलेट में रखा जाता है,जिनकी यूनीक कीज होती है. बिटकॉइन और अन्य डिजिटल सिक्के नकदी के बराबर हैं, लेकिन ये इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में होते हैं. ये एक तरीके की वर्चुअल मुद्रा होती है, जिसका फिजिकल एक्सिस्टेंस नहीं होता है. डिजिटल मुद्रा को ब्लॉकचेन नामक एक बही प्रणाली द्वारा विकेंद्रीकृत किया जाता है और यह किसी बैंक या केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा नियंत्रित नहीं होता.
मदद के लिए कई डिजिटल प्लैटफॉर्म उपलब्ध
क्रिप्टोकरेंसी के उदय और इसके नए युग के ब्लॉकचेन-आधारित तंत्र ने व्यापारियों, निवेशकों और वित्तीय संस्थानों को शुरुआत में ही अपनी ओर आकर्षित कर लिया था. हालांकि, वर्चुअल मीडियम से पैसे खर्च करने में उन लोगों को थोड़ी परेशानी आती है जो खर्चे के लिए नकद या नोट का इस्तेमाल करना पसंद करते हैं. हाल के दिनों में, लोगों को बिटकॉइन और ऐसे अन्य डिजिटल सिक्कों को दिन-प्रतिदिन इस्तेमाल में मदद करने के लिए नई सेवाओं और प्लेटफार्मों की शुरुआत की गई है.
क्या है क्रिप्टोकरेंसी बैंकिंग
क्रिप्टोकरेंसी बैंकिंग को लेकर लोगों के मन में कई संशय होते हैं, क्योंकि डिजिटल सिक्के केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा विनियमित नहीं होते हैं. एक्सचेंज कंपनियां और फर्म जो डिजिटल मुद्रा के प्रबंधन की सेवाएं प्रदान करती हैं, तकनीकी रूप से बैंक की तरह काम नहीं करती. क्रिप्टोकरेंसी बैंकिंग ज्यादातर लोगों को अपने फंड को डिजिटल वॉलेट में रखने या इसे पारंपरिक पैसे खर्च करने की तरह खर्च करने की अनुमति देती है. लोग एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर अपने क्रिप्टोकरेंसी बैलेंस का प्रबंधन कर सकते हैं.
क्रिप्टो डेबिट कार्ड के जरिये कर सकते हैं खरीदारी
क्रिप्टोकरेंसी बैंकिंग का मुख्य लाभ यह है कि एक्सचेंज प्लेटफॉर्म उपभोक्ताओं को किसी भी अन्य मुद्रा की तरह डिजिटल कॉइन बैलेंस का उपयोग करने की अनुमति देता है. आप चाहें तो इसे निवेश के रूप में रखने के बजाय, दिन-प्रतिदिन निकासी और खरीदारी करने के लिए नकद की तरह इस्तेमाल में लाया जा सकता है. क्रिप्टो डेबिट कार्ड जिसे आमतौर पर बिटकॉइन डेबिट कार्ड के रूप में बिटकॉइन के लाभ जाना जाता है क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म द्वारा जारी किए जाते हैं. ये प्रीपेड डेबिट कार्ड की तरह काम करते हैं.
यूजर का वेरिफिकेशन जरूरी
इन कार्ड्स में क्रिप्टोकरेंसी डाल कर ऑनलाइन और इन-स्टोर खरीदारी में इस्तेमाल में लाया जा सकता है. आमतौर पर क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों पर क्रिप्टो कार्ड के लिए आवेदन करने के लिए व्यक्तियों को एक खाता या डिजिटल वॉलेट बनाने की आवश्यकता होती है. कुछ प्लेटफॉर्म के लिए उपयोगकर्ताओं को अपने केवाईसी(Know Your Customer) वेरिफिकेशन प्रक्रिया का उपयोग करके अपनी पहचान को वैलिडेट करने की आवश्यकता होती है.
क्यों आपको बिटकॉइन से दूर रहना चाहिए ? जानिए 10 वजह
इस साल बिटकॉइन की कीमत में 1000 फीसदी से ज्यादा का उछाल आया है. इस साल की शुरुआत में एक बिटकाइन की कीमत करीब 1000 डॉलर थी.
ऐसे चढ़ी बिटकॉइन की कीमतें
2- अब तक कोई रेगुलेटर नहीं
बिटकॉइन या दूसरी क्रिप्टोकरेंसी पर निगरानी के लिए अब तक कोई रेगुलेटर नहीं हैं. न इस पर सरकार का नियंत्रण है और न ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का . इसके अलावा इस पर सेबी (भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड) का भी कोई कंट्रोल नहीं है. यानी अगर आप Zebpay, Unocoin और Coinsecure जैसे बिटकॉइन एक्सचेंजों से बिटकॉइन खरीदते हैं और आपके साथ कोई फ्रॉड होता है तो आपको बड़ा नुकसान हो सकता है. इसमें कोई आपकी मदद नहीं करेगा. आरबीआई कई बार कह चुका है कि जो लोग क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेड कर रहे हैं वो अपने रिस्क पर इसमें निवेश करें.
3- सरकार ने झाड़ा पल्ला
सरकार ने बिटकऑइन को लेकर शुक्रवार को बड़ा बयान दिया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने साफ कहा है कि फिलहाल बिटकॉइन को मान्यता देने का सरकार का इरादा नहीं है. वित्त मंत्री ने कहा कि अभी तक सरकार की पोजीशन यही है कि वर्च्युअल करेंसी को कानूनी मान्यता नहीं है. इस पर बनाई गई कमिटी की रिपोर्ट की समीक्षा की जा रही है जिसके बाद फैसला लिया जाएगा.
4-गैर कानूनी धंधों में इस्तेमाल
सरकार के नियंत्रण से बाहर होने से आतंकवादी, माफिया और हैकर्स बिटकॉइन का इस्तेमाल गैर कानूनी धंधों में करने का शक है. इसकी सबसे बड़ी वजह है कि इसमें लेनदेन में पहचान छुपी रहती है. इसलिए सरकार की पकड़ में ऐसे लोग नहीं आ पाते हैं. हैकर भी फिरौती के लिए बिटकॉइन को माध्यम बना रहे हैं. कुछ महीने पहले रैनसममवेयर के हैकर ने बिटकॉइन में फिरौती मांगी थी.
निवेश से संबंधित टिप्स और जानकारियां
5- कीमतों को लेकर सटीक आकलन नहीं
जब हम किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो कंपनी की ग्रोथ होने पर उसके दाम भी चढ़ते हैं. लेकिन बिटकॉइन के मामले में ऐसा नहीं है. यानी कंपनी की कमाई, टर्नओवर, विस्तार का पूरा खाका होता है जबकि बिटकॉइन के मामले में ऐसी बात नहीं है.
6- बिटकॉइन से कोई चीज नहीं खरीद सकते
जब आप कोई सामान खरीदते हैं वीसा, मास्टर कार्ड और रुपे कार्ड से भुगतान करके उसे ले सकते हैं, जबकि बिटकॉइन के मामलें में ऐसा नहीं है. रिजर्व बैंक का साफ कहना है कि हम ऐसे लेनदेन की गांरटी नहीं लेते हैं.
7-न यह कमोडिटी है न ही करेंसी
पुराने जमाने में सोने-चांदी जैसी धातुओं बिटकॉइन के लाभ के सिक्के चलते थे. इसके बाद सरकार द्वारा या आरबीआई की ओर से चलाए गए सिक्के आए. इन्हें फिएट करेंसी बोला जाता था. जबकि बिटकॉइन अब तक न करेंसी की कैटेगरी में न ही कमोडिटी है.
एंजेल कमोडिटी के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट (कमोडिटी एवं करेंसी) अनुज गुप्ता का कहना है कि कम समय में भारी मुनाफा मिलने से निवेशक बिटकॉइन में निवेश बढ़ा रहे हैं. उनका कहना है कि कई निवेशक अभी गोल्ड की जगह बिटकॉइन में पैसा लगा रहे हैं.
8- पोंजी स्कीम का रैकेट
क्रिप्टोकरेंसी में सिर्फ ऑपरेशनल खतरे ही नहीं बल्कि इसमें दूसरे जोखिम भी हैं. ठगी के लिए पोंजी स्कीम लॉन्च की जा रही हैं. ये निवेशकों से गारंटीड रिटर्न का वादा कर रहे हैं. आईएफआईएम में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन बैकिंग के प्रोफेसर एवं चेयरमैन राजेन्द्र के सिन्हा का कहना है कि कुछ कंपनियां कम समय में दोगुना रिटर्न के वादा कर रही हैं . निवेशकों को इनसे बचना चाहिए क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी के भाव में बहुत उतार-चढ़ाव रहता है.
9- जेपी मार्गन ने बताया था फ्रॉड
अमेरिकी निवेश बैंक जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जैमी डिमॉन ने बिटकॉइन के बारे में यह तक बोल दिया है कि ये दुनिया का सबसे बड़ा फ्रॉड है और इसमें निवेश करना बेवफूकी है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF की डायरेक्टर ने भी बिटकॉइन की बढ़ती कीमतों को लेकर चिंता जताई थी.
10- चीन ने बढ़ाई सख्ती
बिटकॉइन का 90 फीसदी कारोबार चीनी एक्सचेजों से होता है. इसके बाद चीनी सरकार ने ट्रांजेक्शन फीस तेजी से बढ़ाई, जिसके बाद कारोबार का वॉल्यूम 20 फीसदी गिर गया. इसके अलावा ऑनलाइन टोकन पर रोक लगाई थी.
क्या है बिटकॉइन?
बिटकॉइन वर्चुअल करेंसी है. इसे क्रिप्टो करेंसी भी कहा जाता है. यह अन्य मुद्राओं की तरह जैसे डॉलर, रुपये या पॉन्ड की तरह भी इस्तेमाल की जा सकती है. ऑनलाइन पेमेंट के अलावा इसको डॉलर और अन्य मुद्राओं में एक्सचेंज किया जा सकता है. बिटकॉइन साल 2009 में चलन में आई थी. आज इसका इस्तेमाल ग्लोबल पेमेंट के लिए किया जा रहा है. बिटकॉइन की ख़रीद और बिक्री के लिए एक्सचेंज हैं. दुनियाभर के बडे बिजनेसमैन और कई बड़ी कंपनियां वित्तीय लेनदेन में इसका इस्तेमाल कर रही हैं.