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बिजनेस में सफलता के टिप्स

बिजनेस में सफलता के टिप्स
आपकी अच्छी ग्राहक सेवा और समय पर आपूर्ति में ज्यादा खर्च नही आता लेकिन ये दोनों ही आपके ग्राहकों में आपकी लोकप्रियता बढाने में सहायक साबित होते हैं, यदि आप भी अपने बिजनेस को बढ़ावा देना चाहते हैं लेकिन इस पर ज्यादा खर्च नहीं करना चाहते तो यहाँ बताये गये ख़ास टिप्स पर अमल करने की दिशा में कदम बढाइये… ये टिप्स आपके बिजनेस को अच्छी तरह स्थापित करने में और प्रसार करवाने में काफी मददगार साबित हो सकते हैं…

शेयर बाजार में सफलता पाने के 10 उपाय

8. सिर्फ share का प्राइस बढ़ता हुआ देखकर पैसा मत लगाओ बल्कि उसके पीछे कारण जाने की कोशिश करो कि आखिर शेयर की कीमत क्यों बढ़ रही है.

9. ऐसी बिजनेस में सफलता के टिप्स इंडस्ट्री के शेयर में पैसा लगाओ जिनकी डिमांड भविष्य में बढ़ने वाली है जैसे इलेक्ट्रिक व्हीकल, रिन्यूएबल एनर्जी आदि।

शेयर बाजार में सफल होने के 10 उपायों के बारे में विस्तार से पढ़ने के लिए नीचे दी गई पोस्ट जरूर पढ़ें 👇👇👇

इन 8 टिप्स से दें अपने बिजनेस को बढ़ावा

आपका बिजनेस चाहे किसी भी क्षेत्र से जुड़ा हुआ क्यों न हो, आपकी तरफ से उठाये गये कुछ आसान कदम आपके बिजनेस को बढ़ावा देने में कारगर साबित हो सकते हैं… आपकी ओर से अपने फील्ड में की गयी रिसर्च, आपके प्रोडक्ट में लायी गयी थोड़ी-सी बेहतरी और अपने कस्टमर केयर में की गयी थोड़ी-सी मेहनत आपके बिजनेस को एक मजबूत आधार और व्यापक प्रसार देने में अहम भूमिका निभाएगी…

अपने बिजनेस को आगे बढाने के बारे में हर व्यक्ति सोचता है, बहुत से लोगों का यह भी सोचना है कि मौजूदा बिजनेस को तभी व्यापक प्रसार दिया जा सकता है, जब उसमें ढेर सारा पैसा लगा दिया जाए… लेकिन यह सच नही है.. कुछ ऐसे तरीके भी हैं जिन पर खर्च तो ज्यादा नहीं आता लेकिन इन्हें अपनाकर आप अपने मौजूदा बिजनेस को काफी मजबूती और प्रसार दे सकते हैं. इनमें से अधिकतर बिजनेस में सफलता के टिप्स तरीके ऐसे हैं, जो बिजनेस में, कामकाज के मौजूदा तरीके में सुधार करने से जुड़े हैं… बाकी के कुछ तरीकों में पैसा लगाने की जरूरत पड़ती है लेकिन उस खर्च पर भी समझदारी से नियन्त्रण रखा जा सकता है… इन तरीकों से आपको अपने फील्ड में मौजूद ऐसी संभावनाओं का तो पता चलता ही है, जिनका दोहन आपने अब तक नहीं किया है, साथ ही साथ उन सहयोगियों का भी पता चलता है, जिनके साथ एक मंच पर आने से आपका कस्टमर बेस बढ़ सकता है…

बिजनेस में सफलता के टिप्स

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इन 8 टिप्स से दें अपने बिजनेस को बढ़ावा

आपका बिजनेस चाहे किसी भी क्षेत्र से जुड़ा हुआ क्यों न हो, आपकी तरफ से उठाये गये कुछ आसान कदम आपके बिजनेस को बढ़ावा देने में कारगर साबित हो सकते हैं… आपकी ओर से अपने फील्ड में की गयी रिसर्च, आपके प्रोडक्ट में लायी गयी थोड़ी-सी बेहतरी और अपने कस्टमर केयर में की गयी थोड़ी-सी मेहनत आपके बिजनेस को एक मजबूत आधार और व्यापक प्रसार देने में अहम भूमिका निभाएगी…

अपने बिजनेस को आगे बढाने के बारे में हर व्यक्ति सोचता है, बहुत से लोगों का यह भी सोचना है कि मौजूदा बिजनेस को तभी व्यापक प्रसार दिया जा सकता है, जब उसमें ढेर सारा पैसा लगा दिया जाए… लेकिन यह सच नही है.. कुछ ऐसे तरीके भी हैं जिन पर खर्च तो ज्यादा नहीं आता लेकिन इन्हें अपनाकर आप अपने मौजूदा बिजनेस को काफी मजबूती और प्रसार दे सकते हैं. इनमें से अधिकतर तरीके ऐसे हैं, जो बिजनेस में, कामकाज के मौजूदा तरीके में सुधार करने से जुड़े हैं… बाकी के कुछ तरीकों में पैसा लगाने की जरूरत पड़ती है लेकिन उस खर्च पर भी समझदारी से नियन्त्रण रखा जा सकता है… इन तरीकों से आपको अपने फील्ड में मौजूद ऐसी संभावनाओं का तो पता चलता ही है, जिनका दोहन आपने अब तक नहीं किया है, साथ ही साथ उन सहयोगियों का भी पता चलता है, जिनके साथ एक मंच पर आने से आपका कस्टमर बेस बढ़ सकता है…

उद्योग (कारखाने) के लिए वास्तुनिर्देश और बिज़नेस वास्तु टिप्स-

  1. उद्योग की भूमि के चारों ओर दीवार रखनी चाहिए। पूर्व व उत्तर दिशा की चार-दीवारी दक्षिण व पश्चिम दिशा की अपेक्षा नीची होनी चाहिए। साथ ही दक्षिण तथा पश्चिम की चारदीवारी पूर्व व उत्तर की चारदीवार से मोटी भी होनी चाहिए।
  2. भूमि का आकार चारो ओर से बराबर होना अच्छा होता है। जमीन की ईशान दिशा (Ishan Kon) कटी हुई नहीं होनी चाहिए नहीं तो खतरनाक संकट उत्पन्न हो सकते हैं। ईशान दिशा में न भारी सामान रखें और न भारी निर्माण करें। वायव्य भाग बंद न करें। हमेशा नैऋत्य दिशा 90 डिग्री की ही रखना सही होता है।
  3. तैयार माल को रखने की अधिक सही जगह वायव्य दिशा होती है। यहां माल रखने से वह जल्द ही बिक जाता है। इसके अलावा निर्मित माल को पूर्व, उत्तर या आग्नेय दिशा में भी रखते हैं। ईशान दिशा (Ishan Kon Disha), नैऋत्य दिशा व केंद्रीय भाग में तैयार माल कभी नहीं रखना चाहिए।
  4. KarKhana में पानी ईशान दिशा में रखना चाहिए। वैसे इसे उत्तर या पूर्व दिशा में भी रख सकते हैं लेकिन वहां कुआ जरूर होना चाहिए। यदि Over had Tank बनाना हो तो ईशान दिशा में न बनाएं। उसे नैऋत्य दिशा में बनाना चाहिए। भूमिगत टैंक दक्षिण, पश्चिम या वायव्य दिशा में नहीं बनाना चाहिए। इस बिज़नेस वास्तु टिप्स को अपनाएं। आपको बिजनेस में अवश्य ही लाभ मिलेगा।
  5. कारखानों में मशीनों की स्थापना दक्षिणी भाग में ही करनी चाहिए। हल्की मशीने उत्तरी भाग में भी रखी जा सकती है। भूमिगत मशीनें पूर्वी या उत्तरी भाग में स्थापित करें। कोई भी मशीन Ishan Kon में कभी नहीं रखनी चाहिए।
  6. बड़ी गाड़ियों के आने-जाने के लिए दो जगहों पर द्वार बनाने चाहिए। निकलने के लिए द्वार उत्तर या पश्चिम में सही होता है।
  7. गाड़ियों के लिए Parking की जगह उत्तरी या पूर्वी दिशा में करनी चाहिए लेकिन पार्किंग की व्यवस्था Compund Wall से लगाकर न करें।
  8. कच्चेमाल का भंडारण उत्तरी दिशा में अच्छा होता है। इसे ईशान दिशा, केंद्र व वायव्य दिशा में नहीं रखना चाहिए।
  9. कारखाने में कारीगरों को इस तरह खड़ा करना चाहिए कि उनका मुंह उत्तर या पूर्व की ओर रहे। बीम के नीचे कारीगरों को कभी खड़ा न करें। इनके रहने की जगह आग्नेय या ईशान दिशा में होनी चाहिए। इसे मकान की दीवार से हटाकर बनवाना चाहिए।
  10. यदि प्रशासनिक कार्यालय को पूर्व या उत्तर दिशा में बनवा पाना संभव न हो तो नैऋत्य में भी रखा जा सकता है। इसमें बैठने वाले अधिकारी को भी उत्तर व पूर्व दिशा में मुख करके बैठना चाहिए।
  11. ट्रांसफार्मर, बायलर, जैनेरेटर, बिजली का खम्भा आदि पूर्वी आग्नेय दिशा में स्थापित करना चाहिए।
  12. हमेशा सामान्य वास्तु सिद्धांतों (औद्योगिक वास्तुशास्त्र) के अनुरूप उत्तरी व पूर्वी भाग ज्यादा खाली रखें तथा दक्षिणी व पश्चिमी भाग में खाली जगह कम रखनी चाहिए।
  13. अगर ईशान दिशा में गेट हो तो दक्षिण भाग में और उत्तरी दिशा में हो तो पश्चिमी भाग में चौकीदार का कमरा बनवाना चाहिए।
  14. नैऋत्य दिशा में फर्श जमीन से ज्यादा ऊंचा तथा उत्तर, पूर्व व ईशान दिशा में अपेक्षाकृत नीचे होना चाहिए।
  15. कारखाने का प्रशासनिक कार्यालय पूर्व या उत्तर दिशा में रखना चाहिए।
  16. कारखाने का Mukhya Dwar नैऋत्य दिशा में कभी नहीं होना चाहिए।
  17. कारखाने या जनरल स्टोर का प्रवेशद्वार पूर्व, उत्तर व ईशान दिशा में रखना चाहिए।
  18. तोलने वाली भारी मशीन पश्चिमी या दक्षिणी दीवार के पास रखनी चाहिए।
  19. शौचालय वायव्य या आग्नेय दिशा में बनाना चाहिए। इसे कंपाउंड वाल से लगाकर न बनवाएं।
  20. कच्चेमाल का उत्पादन दक्षिण-पश्चिम दिशा से शुरू करके उत्तर-पूर्व की ओर से उसे निकाले।
  21. पूर्व या उत्तर में लॉन या छोटे पौधे लगाने चाहिए।
  22. जमीन के दक्षिणी-पश्चिमी भाग को ऊंचा रखना चाहिए।
  23. भूमि के दक्षिणी व पश्चिमी भाग में बड़े-बड़े पेड़ लगाने चाहिए।
  24. कोई भी उद्योग अनेक मजदूरों की रोजी रोटी का साधन होता है।
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