ईएमए क्या है

कोविशील्ड की मंजूरी का मामला: यूरोपीय संघ बोला- नहीं मिला कोई आवदेन, सदस्य देश भारतीयों को दे सकते हैं इजाजत
यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) ने मंगलवार को कहा कि कोविशील्ड की ओर से मंजूरी के लिए आवेदन ही नहीं दिया गया है। अगर कोविशील्ड का आवेदन प्राप्त होता है, तो वह ईएमए क्या है इस विचार करेगी।
यूरोपीय संघ की ओर से भारतीय वैक्सीन कोविशील्ड लगवाने वालों को ग्रीन पास न देने के मामले में मंगलवार को एक नया मोड़ आ गया है। यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) ने मंगलवार को कहा कि कोविशील्ड की ओर से मंजूरी के लिए आवेदन ही नहीं दिया गया है। अगर कोविशील्ड का आवेदन प्राप्त होता है, तो वह इस विचार करेगी। साथ ही कहा कि अगर सदस्य देश चाहें तो अपने यहां भारतीयों को यात्रा की अनुमति दे सकते हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई ने यूरोपीय संघ के एक अधिकारी के हवाले से बताया, ''यूरोपीय चिकित्सा एजेंसी (ईएमए) को सोमवार शाम तक कोविशील्ड की मंजूरी के लिए आवेदन नहीं मिला है। अगर उसे आवेदन मिला है, तो जांच कर मंजूरी देने पर विचार किया जाएगा। साथ ही कहा कि ईएमए नई दवाओं और वैक्सीन की खुद से जांच तब तक नहीं करती, जब तक संबंधित कंपनियों की ओर से आवेदन दे कर नहीं कहा जाता।''
भारतीय यात्रियों को लेकर ईयू के अधिकारी ने कहा कि कोरोना के चलते गैर यूरोपीय संघ देशों से आने वाले यात्रियों के यूरोपीय देशों में अस्थायी प्रतिबंध लागू है। ऐसे में अगर यूरोपीय संघ के देश अपने यहां बाहर के यात्रियों को आने ईएमए क्या है की अनुमति देना चाहें, तो वे दे सकते हैं। फिर चाहे वो कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वाले पर्यटक हों या फिर अन्य।
क्या है मामला?
सोमवार को खबर आई थी कि यूरोपीय संघ ने अब तक भारतीय वैक्सीन कोविशील्ड को ईएमए क्या है मंजूरी नहीं दी है, जिससे इस वैक्सीन को लगवाने वालों को ग्रीन पास नहीं दिया जाएगा। इस वजह से भारतीय यूरोपीय देशों की यात्रा नहीं कर पाएंगे। यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) ने कोविशील्ड को मंजूरी न देने के पीछे की वजह बताते हुए कहा कि वैक्सीन के पास वर्तमान में यूरोपीय संघ में मार्केटिंग ऑथराइजेशन नहीं है। वहीं अब यूरोपीय संघ अपने इस बयान से पलट गया है।
विस्तार
यूरोपीय संघ की ओर से भारतीय वैक्सीन कोविशील्ड लगवाने वालों को ग्रीन पास न देने के मामले में मंगलवार को एक नया मोड़ आ गया है। यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) ने मंगलवार को कहा कि कोविशील्ड की ओर से मंजूरी के लिए आवेदन ही नहीं दिया गया है। अगर कोविशील्ड का आवेदन प्राप्त होता है, तो वह इस विचार करेगी। साथ ही कहा कि अगर सदस्य देश चाहें तो अपने यहां भारतीयों को यात्रा की अनुमति दे सकते हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई ने यूरोपीय संघ के एक अधिकारी के हवाले से बताया, ''यूरोपीय चिकित्सा एजेंसी (ईएमए) को सोमवार शाम तक कोविशील्ड की मंजूरी के लिए आवेदन नहीं मिला है। अगर उसे आवेदन मिला है, तो जांच कर मंजूरी देने पर विचार किया जाएगा। साथ ही कहा कि ईएमए नई दवाओं और वैक्सीन की खुद से जांच तब तक नहीं करती, जब तक संबंधित कंपनियों की ओर से आवेदन दे कर नहीं कहा जाता।''
EU Digital COVID Certificate is meant to facilitate safe free movement during COVID19 within the EU. It will serve as proof that a person was vaccinated & received a negative test result or recovered from it. It is not a pre-condition to travel: EU Official
— ANI (@ANI) June 29, 2021
भारतीय यात्रियों को लेकर ईयू के अधिकारी ने कहा कि कोरोना के चलते गैर यूरोपीय संघ देशों से आने वाले यात्रियों के यूरोपीय देशों में अस्थायी प्रतिबंध लागू है। ऐसे में अगर यूरोपीय संघ के देश अपने यहां बाहर के यात्रियों को आने की अनुमति देना चाहें, तो वे दे सकते हैं। फिर चाहे वो कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वाले पर्यटक हों या फिर अन्य।
क्या है मामला?
सोमवार को खबर आई थी कि यूरोपीय संघ ने अब तक भारतीय वैक्सीन कोविशील्ड को मंजूरी नहीं दी है, जिससे इस वैक्सीन को लगवाने वालों को ग्रीन पास नहीं दिया जाएगा। इस वजह से भारतीय यूरोपीय देशों की यात्रा नहीं कर पाएंगे। यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) ने कोविशील्ड को मंजूरी न देने के पीछे की वजह बताते हुए कहा कि वैक्सीन के पास वर्तमान में यूरोपीय संघ में मार्केटिंग ऑथराइजेशन नहीं है। वहीं अब यूरोपीय संघ अपने इस बयान से पलट गया है।
गाइड Binomo पर ईएमए संकेतक का उपयोग करने के लिए
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ईएमए संकेतक क्या है?
एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज (ईएमए) सूचक एक चलती औसत संकेतक है। मूविंग एवरेज इंडीकेटर्स मूल रूप से ट्रेंड-फॉलोइंग इंडिकेटर्स हैं जो शॉर्ट-टर्म उतार-चढ़ाव को फ़िल्टर करके प्राइस एक्शन को स्मूथ करते हैं, इस प्रकार एक ईएमए क्या है लाइन बनाते हैं जो ट्रेंड्स को फॉलो करता है।
पर कई व्यापारियों के लिए Binomo प्लेटफ़ॉर्म, EMA इंडिकेटर सिंपल मूविंग एवरेज (SMA) इंडिकेटर से बेहतर है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ईएमए पुराने डेटा के बजाय हाल ही में या वर्तमान डेटा पर अधिक भार रखता है। एसएमए केवल औसत की गणना करता है, जो कम उपयोगी है यदि आप वास्तविक समय में इस सूचक का उपयोग करने की उम्मीद कर रहे हैं। दूसरे शब्दों में, ईएमए अधिक वजन देता है हाल ही में डेटा अधिक है, जबकि एसएमए सभी डेटा को समान रूप से वजन देता है।
आप बाईं ओर बटन पर क्लिक करके एक्सेस मूविंग एवरेज इंडिकेटर्स की जांच कर सकते हैं
बिनोमो पर ईएमए संकेतक कैसे सेट करें?
पहला कदम अपने Binomo खाते में प्रवेश करना होगा।
एक बार जब आप पहले से ही ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर हों, तो अपनी चार्ट वरीयताओं को देखने के लिए स्क्रीन के बाईं ओर स्थित इंडिकेटर बटन पर क्लिक करें।
चार्ट वरीयताओं के तहत, ईएमए क्या है आप दो विकल्प देख सकते हैं: 'संकेतक' और 'टूल'। संकेतक टैब के अंतर्गत 'मूविंग एवेर्स' पर क्लिक करें।
आप फ़ील्ड, ऑफसेट, अवधि, प्रकार जैसे कई विकल्प देख सकते हैं। फ़ील्ड का अर्थ है मूल्य या कीमतों का संयोजन जो औसत गणना के लिए आधार के रूप में उपयोग किया जाएगा। अवधि उन बारों की संख्या दर्शाती है जिनका उपयोग गणनाओं में किया जाएगा। प्रकार का अर्थ है उस प्रकार का मूविंग एवरेज इंडिकेटर जिसे आप पसंद करते हैं, जो इस मामले में 'एक्सपोनेंशियल' है। आप ऑफ़सेट को वैसे ही छोड़ सकते हैं जैसा कि 0 है।
केवल पीरियड्स और टाइप के मूल्यों को बदलें, बाकी चीजों को छोड़ दें
मूविंग एवरेज की सेटिंग्स को समायोजित करना
फ़ील्ड को 'बंद' के रूप में छोड़ दें, लेकिन अवधि के लिए संख्या को एक अधिक सटीक ईएमए के लिए 10 से अधिक कुछ के लिए बदल दें। मैंने इस उदाहरण के लिए 14 और 28 का उपयोग किया। टाइप टू 'एक्सपोनेंशियल' बदलें और अपनी सेटिंग्स को बचाने के लिए 'लागू करें' पर क्लिक करें। आप तुरंत अपने चार्ट पर एक रंगीन ट्रेंड लाइन दिखाई देंगे।
इस उदाहरण में, हम एक करीबी क्षेत्र का उपयोग करेंगे, एक करीबी क्षेत्र 14-अवधि ईएमए के साथ 28-अवधि ईएमए। दो लाइनों के साथ बाहर आने के लिए दो बार चरणों को दोहराना सुनिश्चित करें। इसके अलावा, दो अलग-अलग रंगों का चयन करें ताकि आप दोनों को अलग कर सकें। जब आप पूरा कर लें तो 'लागू करें' पर क्लिक करना न भूलें!
EMA14 और EMA28 का उपयोग करके Binomo पर व्यापार कैसे करें
इन दो पंक्तियों के बीच के संबंध को जानने से आपको बहुत मदद मिल सकती है
जैसा कि आप ऊपर मेरे उदाहरण में देख सकते हैं, मैं अपने संकेतक के रूप में ईएमए 14 और ईएमए 28 का उपयोग कर व्यापार कर रहा हूं। मेरा उद्देश्य, इस मामले में, यह निर्धारित करना होगा कि ये दोनों लाइनें एक-दूसरे को कहां पार करेंगी। मैं भी उनके बीच की दूरी जानने में दिलचस्पी रखता हूं क्योंकि वे कीमतें ट्रैक करते हैं।
क्या आप वह भाग देखते हैं जहाँ EMA28 EMA14 के अंतर्गत है? आप देख सकते हैं कि एक बिंदु पर दोनों लाइनों के बीच की दूरी अधिक चौड़ी है। कुछ इस तरह का मतलब है कि एक मजबूत अपट्रेंड चल रहा है क्योंकि कीमतें इन दोनों संकेतकों से ऊपर हैं। खरीदने की स्थिति में प्रवेश करने के लिए यह एक बढ़िया समय है। एक बार अंतराल कम होने लगे तो इसका मतलब है कि अपट्रेंड समाप्त होने लगा है।
दूसरी ओर, जब आप ईएमए 28 को ईएमए 14 से पार करते देखते हैं, तो यह मजबूत गिरावट का संकेत देता है। कीमतें दोनों संकेतकों से नीचे हैं, जिससे बिक्री ईएमए क्या है ईएमए क्या है स्थिति में प्रवेश करने का एक अच्छा समय है।
मोमबत्तियों के माध्यम से काटने वाली रेखा एक बाजार को दर्शाती है
यदि संकेतक कीमतों के माध्यम से चल रहे हैं, तो इसका मतलब है कि बाजार को लेकर हैं। जब तक आप आज अतिरिक्त बहादुर महसूस नहीं कर रहे हैं, तब तक आपको किसी भी स्थिति में प्रवेश करने से पहले शायद बस बैठना चाहिए और स्पष्ट प्रवृत्ति की प्रतीक्षा करनी चाहिए।
EMA30 का उपयोग करके Binomo पर व्यापार कैसे करें
विकासशील रुझान देखने के लिए आप ईएमए 30 का उपयोग कर सकते हैं
सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला ईएमए संकेतक में से एक 30-अवधि ईएमए है। अधिकांश समय, इस ईएमए संकेतक का उपयोग उन रुझानों की पहचान करने के लिए किया जाता है जो अभी भी विकसित हो रहे हैं।
यदि आप अनिश्चित हैं कि वास्तव में इसे एक विकासशील प्रवृत्ति पर कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है, तो बस नीचे दिए गए स्क्रीनशॉट की जांच करें, जो कि उपरोक्त स्क्रीनशॉट का एक निरंतरता है। चार्ट पर, आप ईएमए 30 कटौती को एक मंदी की मोमबत्ती में देख सकते हैं, जैसे कि प्रवृत्ति उलटने लगती है।
यदि ईएमए संकेतक एक मोमबत्ती के माध्यम से कट जाता है, तो यह मोमबत्ती के रंग के आधार पर स्थिति में प्रवेश करने के लिए एक शानदार जगह है
चूंकि बाजार ने पहले ही मंदी की शुरुआत कर दी है, आप देख सकते हैं कि ईएमए 30 सूचक अब उनके नीचे की बजाय कीमतों से ऊपर चल रहा है। जब ऐसा होता है, तो खरीदारी की स्थिति में प्रवेश करना बहुत अच्छा संकेत होता है।
फिर, रिवर्स सच है। जब आप कीमतों के नीचे ईएमए 30 सूचक को देखते हैं, तो यह एक संकेत है कि आपको शायद बेचने की स्थिति में प्रवेश करना चाहिए।
यदि रेखा कीमतों से नीचे चलती है, तो बिक्री दर्ज करने का एक अच्छा समय है
जैसा कि आप देख सकते हैं, ईएमए संकेतक एक बहुत ही सरल संकेतक है जिसका उपयोग आप विकासशील रुझानों और ट्रेंड रिवर्सल की पहचान करने के लिए कर सकते हैं। बस ईएमए लाइन को देखकर, आप तुरंत बाजार की स्थिति बता सकते हैं, चाहे वह ऊपर या नीचे हो, चाहे वह एक मजबूत प्रवृत्ति हो या नहीं, और यह प्रवृत्ति जल्द ही रिवर्स होने वाली है या नहीं।
मेरे जाने से पहले एक अतिरिक्त टिप: याद रखें कि ईएमए के बारे में मैंने क्या कहा है कि क्या आप 10 से ऊपर की संख्या के लिए अवधि निर्धारित करते हैं? इसका मतलब है कि ईएमए संकेतक लंबे समय तक व्यापार करने के लिए बहुत बेहतर हैं।
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ईएमए ने बताया AstraZeneca को 'सेफ और प्रभावी', कई यूरोपियन देश फिर शुरू करेंगे इस्तेमाल
एजेंसी एजेंसी ने कहा है कि इस वैक्सीन का ऐसी घटनाओं से कोई लेना-देना नहीं है. इसके बाद स्पेन, इटली और फ्रांस समेत कई देशों ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राएनेका COVID-19 वैक्सीन का संचालन फिर से शुरू करने पर विचार किया है.
AstraZeneca की वैक्सीन से खून के थक्के जमने की आशंकाओं पर था विवाद.
Astrazeneca Covid-19 Vaccine: यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी (EMA) ने कहा कि AstraZeneca की कोविड वैक्सीन 'सुरक्षित और प्रभावी' है. कुछ यूरोपीय देशों में इस वैक्सीन से खून का थक्का जमने की आशंका के चलते इसका इस्तेमाल रोक दिया था. एजेंसी एजेंसी ने कहा है कि इस वैक्सीन का ऐसी घटनाओं से कोई लेना-देना नहीं है. इसके बाद स्पेन, इटली और फ्रांस समेत कई देशों ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राएनेका COVID-19 वैक्सीन का संचालन फिर से शुरू करने पर विचार किया है. विवादों में चल रही AstraZeneca की कोविड वैक्सीन पर कई यूरोपीय देशों ने गुरुवार को कहा है कि वो इस वैक्सीन से अपने-अपने देश में फिर से वैक्सीनेशन शुरू करने जा रही है. इस वैक्सीन के लगाने पर खून का थक्का जमने की बात की जा रही थी, लेकिन एजेंसी ने कहा है कि इस वैक्सीन का ऐसी घटनाओं से कोई लेना-देना नहीं है. इस वैक्सीन की सुरक्षा को लेकर कई दिनों से बहस चल रही थी.
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EMA ने गुरुवार को कहा कि एस्ट्राजेनेका टीके से खून के थक्के जमने का खतरा नहीं है और इसके इस्तेमाल के फायदे खतरे से ज्यादा हैं. इस घोषणा के बाद जर्मनी, फ्रांस, स्पेन, इटली, नेदरलैंड्स, पुर्तगाल, लिथुआनिया, लातविया, स्लोवेनिया और बुल्गेरिया ने इस वैक्सीन से वैक्सीनेशन फिर से शुरू करने की बात कही है.
यूरोपियन मेडिसिन्स एजेंसी की यह घोषणा तब आई है, जब विश्व स्वास्थ्य संगठन और ब्रिटिश हेल्थ वॉचडॉग ने भी इस वैक्सीन को सुरक्षित बताया था और कहा था कि ऐसे में जब कई देशों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, ऐसे में वैक्सीन न लगवाना ज्यादा खतरे की बात है.
EMA की चीफ एमर कूक ने कहा कि एस्ट्रजेनेका की वैक्सीन की जांच के बाद समिति इस स्पष्ट वैज्ञानिक निष्कर्ष पर पहुंची है कि 'यह एक सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन है.' उन्होंने यह भी कहा कि 'समिति ने यह भी पाया है कि वैक्सीन का थ्रोमबोमबॉलिक घटनाओं या खून का थक्का जमने की घटनाओं से कोई संबंध नहीं है.' हालांकि एजेंसी ने यह भी कहा है कि वो दुर्लभ क्लॉटिंग डिसऑर्डर से वैक्सीन के किसी संबंध को 'निश्चित तौर पर खारिज नहीं कर सकती है.'
बता दें कि पिछले सप्ताह, इस टीके की खुराक लेने के बाद लाखों में से कुछ लोगों के शरीर में खून के थक्के जमने की खबरें आई थीं जिसके बाद कई यूरोपीय देशों ने एस्ट्राजेनेका का टीका लगाए जाने पर रोक लगा दी थी. जर्मनी, फ्रांस और अन्य देशों ने कहा था कि वे टीके की खुराक देने से पहले ‘यूरोपियन मेडिकल एजेंसी' द्वारा इसकी मंजूरी देने का इंतजार करेंगे.
कोरोना वायरस: रूसी वैक्सीन स्पुतनिक को लेकर थम नहीं रहा है यूरोपियन यूनियन में सियासी विवाद
ईयू के सदस्य देशों हंगरी, चेक रिपब्लिक और स्लोवाकिया ने ईएमए के फैसले का इंतजार ना करते हुए अपने यहां स्पुतनिक-वी के इस्तेमाल को हरी झंडी दे दी। लेकिन पोलैंड और लिथुआनिया, एस्तोनिया आदि जैसे देश रूसी वैक्सीन को लेकर शक जताते रहे हैं.
यूरोपियन यूनियन (ईयू) के ड्रग्स रेगुलेटर- ईएमए कोरोना वायरस की रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-वी को हरी झंडी देने के बारे में जांच कर रहा है। ये काम उसने पिछले हफ्ते शुरू किया। लेकिन जानकारों का कहना है कि इस बारे में उसके सामने जो चुनौतियां हैं, उनमें एक का संबंध राजनीति से है। रूस के प्रति यूरोपीय देशों के विरोध को देखते हुए उसका काम कठिन हो गया है। हालांकि ईएमए वैज्ञानिक डाटा के आधार पर फैसला लेगी, लेकिन वह अपने फैसले को विवादों से मुक्त रख पाएगी, इसमें संदेह है।
विश्लेषकों का कहना है कि ईयू के भीतर रूसी वैक्सीन का सवाल पहले ही सियासी रंग ले चुका है। प्रतिष्ठित ब्रिटिश मेडिकल जर्नल द लासेंट ने स्पुतनिक-वी के बारे में सकारात्मक राय दी थी। इसके बावजूद ईएमए ने इस बारे में विचार करने में देर लगाई। वह भी उस हालत में जब यूरोपीय देशों में वैक्सीन की कमी लगातार बनी हुई है। आरोप है कि ये देर राजनीतिक कारणों से हुई।
इसी का नतीजा है कि ईयू के सदस्य देशों हंगरी, चेक रिपब्लिक और स्लोवाकिया ने ईएमए के फैसले का इंतजार ना करते हुए अपने यहां स्पुतनिक-वी के इस्तेमाल को हरी झंडी दे दी। लेकिन पोलैंड और लिथुआनिया, एस्तोनिया आदि जैसे देश रूसी वैक्सीन को लेकर शक जताते रहे हैं। इन देशों ने आरोप लगाया है कि रूस वैक्सीन की राजनीति कर रहा है, जिसके जरिए वह ईयू में फूट डालना चाहता है। लेकिन जर्मनी जैसे देश ने स्पुतनिक-वी के बारे में अच्छी राय जताई है।
ईएमए को फैसला गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावशीलता के आधार पर करना है। उसे देखना है कि इन मानकों पर ये वैक्सीन खरी है या नहीं। लेकिन इस बारे में भरोसे की कमी के कारण यूरोपीय आयोग को इस बारे में सफाई देनी पड़ी है। उसके प्रवक्ता एरिक मामेर ने कहा- ईएमए के कामकाज का भू-राजनीति से कोई संबंध नहीं है। वह उस डाटा के आधार पर फैसला करेगी, जो वैक्सीन निर्माता कंपनी ने उपलब्ध कराए हैँ।
लेकिन इस सफाई के बावजूद इस बारे में जताए गए संदेहों का अंत नहीं हुआ है। बल्कि कुछ हलकों से निर्माता कंपनी की तरफ से दिए गए डाटा पर ही सवाल खड़े किए गए हैं। यूरोपियन पीपुल्स पार्टी के प्रवक्ता और यूरोपीय संसद के सदस्य पीटर लीसे ने कहा कि क्या इस कंपनी ने अपने परीक्षण लोगों के सही नमूने पर किए। या उसने सेना के स्वयं सेवकों पर परीक्षण किए, जो अपेक्षाकृत युवा और स्वस्थ होते हैं। इसलिए जरूरी है कि ईएमए गहराई से वैज्ञानिक तरीके एवं आलोचनात्मक ढंग से डाटा की जांच करे।
जर्मन ग्रीन पार्टी के कुछ नेताओं ने भी रूस में किए गए परीक्षणों को लेकर शक जताया है। उन्होंने पूछा है कि क्या इस टीके का ईयू के दूसरे देशों में स्वतंत्र रूप से परीक्षण हुआ। उन्होंने सवाल किया है कि क्या ईएमए यह सुनिश्चित कर पाएगा कि रूसी परीक्षण ईयू के मानदंडों का पालन करते हुए किए गए।
ईएमए यूरोपभर से लिए गए विशेषज्ञों की एजेंसी है। उसकी मानव औषधि समिति वैक्सीन का जायजा लेती है। वह पहले स्पुतनिक की निर्माता कंपनी से प्राप्त डाटा की जांच करेगी। वह इस बात को देखेगी कि ये वैक्सीन किस हद तक मानव शरीर में एंटीबॉडीज बनाने में सक्षम है। लेकिन जानकारों का कहना है कि ऐसा वह तभी निष्पक्षता से कर पाएगी, अगर ये एजेंसी ईयू की विभिन्न राजधानियों से पड़ रहे दबावों से खुद को दूर रख पाए। खासकर उन देशों के दबावों से, जिनके रूस से खराब संबंध हैं।
वैसे ईएमए का रिकॉर्ड प्रोफेशनल है। इसलिए विशेषज्ञों के बीच आम तौर पर ये धारणा है कि आखिरकार उसका फैसला वैक्सीन की गुणवत्ता के आधार पर ही होगा। ये और बात है कि उसके फैसले के बाद उसको लेकर राजनीति का नया दौर शुरू हो जाए।
विस्तार
यूरोपियन यूनियन (ईयू) के ड्रग्स रेगुलेटर- ईएमए कोरोना वायरस की रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-वी को हरी झंडी देने के बारे में जांच कर रहा है। ये काम उसने पिछले हफ्ते शुरू किया। लेकिन जानकारों का कहना है कि इस बारे में उसके सामने जो चुनौतियां हैं, उनमें एक का संबंध राजनीति से है। रूस के प्रति यूरोपीय देशों के विरोध को देखते हुए उसका काम कठिन हो ईएमए क्या है गया है। हालांकि ईएमए वैज्ञानिक डाटा के आधार पर फैसला लेगी, लेकिन वह अपने फैसले को विवादों से मुक्त रख पाएगी, इसमें संदेह है।
विश्लेषकों का कहना है कि ईयू के भीतर रूसी वैक्सीन का सवाल पहले ही सियासी रंग ले चुका है। प्रतिष्ठित ब्रिटिश मेडिकल जर्नल द लासेंट ने स्पुतनिक-वी के बारे में सकारात्मक राय दी थी। इसके बावजूद ईएमए ने इस बारे में विचार करने में देर लगाई। वह भी उस हालत में जब यूरोपीय देशों में वैक्सीन की कमी लगातार बनी हुई है। आरोप है कि ये देर राजनीतिक कारणों से हुई।
इसी का नतीजा है कि ईयू के सदस्य देशों हंगरी, चेक रिपब्लिक और स्लोवाकिया ने ईएमए के फैसले का इंतजार ना करते हुए अपने यहां स्पुतनिक-वी के इस्तेमाल को हरी झंडी दे दी। लेकिन पोलैंड और लिथुआनिया, एस्तोनिया आदि जैसे देश रूसी वैक्सीन को लेकर शक जताते रहे हैं। इन देशों ने आरोप लगाया है कि रूस वैक्सीन की राजनीति कर रहा है, जिसके जरिए वह ईयू में फूट डालना चाहता है। लेकिन जर्मनी जैसे देश ने स्पुतनिक-वी के बारे में अच्छी राय जताई है।
ईएमए को फैसला गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावशीलता के आधार पर करना है। उसे देखना है कि इन मानकों पर ये वैक्सीन खरी है या नहीं। लेकिन इस बारे में भरोसे की कमी के कारण यूरोपीय आयोग को इस बारे में सफाई देनी पड़ी है। उसके प्रवक्ता एरिक मामेर ने कहा- ईएमए के कामकाज का भू-राजनीति से कोई संबंध नहीं है। वह उस डाटा के आधार पर फैसला करेगी, जो वैक्सीन निर्माता कंपनी ने उपलब्ध कराए हैँ।
लेकिन इस सफाई के बावजूद इस बारे में जताए गए संदेहों का अंत नहीं हुआ है। बल्कि कुछ हलकों से निर्माता कंपनी की तरफ से दिए गए डाटा पर ही सवाल खड़े किए गए हैं। यूरोपियन पीपुल्स पार्टी के प्रवक्ता और यूरोपीय संसद के सदस्य पीटर लीसे ने कहा कि क्या इस कंपनी ने अपने परीक्षण लोगों के सही नमूने पर किए। या उसने सेना के स्वयं सेवकों पर परीक्षण किए, जो अपेक्षाकृत युवा और स्वस्थ होते हैं। इसलिए जरूरी है कि ईएमए गहराई से वैज्ञानिक तरीके एवं आलोचनात्मक ढंग से डाटा की जांच करे।
जर्मन ग्रीन पार्टी के कुछ नेताओं ने भी रूस में किए गए परीक्षणों को लेकर शक जताया है। उन्होंने पूछा है कि क्या इस टीके का ईयू के दूसरे देशों में स्वतंत्र रूप से परीक्षण हुआ। उन्होंने सवाल किया है कि क्या ईएमए यह सुनिश्चित कर पाएगा कि रूसी परीक्षण ईयू के मानदंडों का पालन करते हुए किए गए।
ईएमए यूरोपभर से लिए गए विशेषज्ञों की एजेंसी है। उसकी मानव औषधि समिति वैक्सीन का जायजा लेती है। वह पहले स्पुतनिक की निर्माता कंपनी से प्राप्त डाटा की जांच करेगी। वह इस बात को देखेगी कि ये वैक्सीन किस हद तक मानव शरीर में एंटीबॉडीज बनाने में सक्षम है। लेकिन जानकारों का कहना है कि ऐसा वह तभी निष्पक्षता से कर पाएगी, अगर ये एजेंसी ईयू की विभिन्न राजधानियों से पड़ रहे दबावों से खुद को दूर रख पाए। खासकर उन देशों के दबावों से, जिनके रूस से खराब संबंध हैं।
वैसे ईएमए का रिकॉर्ड प्रोफेशनल है। इसलिए विशेषज्ञों के बीच आम तौर पर ये धारणा है कि आखिरकार उसका फैसला वैक्सीन की गुणवत्ता के आधार पर ही होगा। ये और बात है कि उसके फैसले के बाद उसको लेकर राजनीति का नया दौर शुरू हो जाए।
इलेक्ट्रोहोम्योपैथी चिकित्सा का विकल्प नहीं, जानिए और क्या बोले ईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. केपीएस चौहान
इलेक्ट्रोहोम्योपैथी मेडिकल एसोसिएशन (ईएमए) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. केपीएस चौहान ने कहा कि इलेक्ट्रोहोम्योपैथी चिकित्सा का विकल्प नहीं है। इलेक्ट्रोहोम्योपैथी औषधियां कैंसर रोग में अच्छा प्रभाव डालती हैं। बताया कि 33 वर्ष पहले इलेक्ट्रोहोम्योपैथी मेडिकल एसोसिएशन का गठन किया गया था।
जागरण संवाददाता, देहरादून: इलेक्ट्रोहोम्योपैथी मेडिकल एसोसिएशन (ईएमए) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. केपीएस चौहान ने कहा कि इलेक्ट्रोहोम्योपैथी चिकित्सा का विकल्प नहीं है। इलेक्ट्रोहोम्योपैथी औषधियां कैंसर रोग में अच्छा प्रभाव डालती हैं। बताया कि 33 वर्ष पहले इलेक्ट्रोहोम्योपैथी मेडिकल एसोसिएशन का गठन किया गया था, जिसमें आज देशभर से हजारों चिकित्सक जुड़े हैं। यह बात उन्होंने इलेक्ट्रोहोम्योपैथी मेडिकल एसोसिएशन इंडिया के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कही।
शनिवार को लालपुल स्थित एक होटल के सभागार में एसोसिएशन के स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य अतिथि एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. केपीएस चौहान ने बताया कि हरिद्वार में बालाजी इंस्टीट्यूट आफ अल्टरनेटिव मेडिकल साइंस एंड कैंसर रिसर्च सेंटर की स्थापना ईएमए की ओर से फरवरी में किया जा रहा है। जिसका लाभ उत्तराखंड की जनता को मिलेगा। इस दौरान डा. एमएस कश्यप, डा. एनएस ताकुली, डा. मुकेश चौहान को अवार्ड आफ एक्सीलेंसी दिया गया। डा. मनवर जहां को ईएमए के बेहतर सहयोग के लिए ईएमए क्या है सम्मानित किया गया। इस मौके पर ईएमए उत्तरकाशी से अध्यक्ष डा. निशा शर्मा, टिहरी से डा. एके लेखवाड़, पौड़ी जिलाध्यक्ष डा. केपी नौटियाल, सहारनपुर से जिला महामंत्री डा. सुरेंद्र कुमार, प्रदेश अध्यक्ष डा. एमके चौहान, प्रदेश सचिव डा. एके शर्मा मौजूद रहे।
चुनाव कंट्रोल रूम में एक कर्मचारी कोरोना पाजिटिव, हड़कंप
रुद्रप्रयाग: जिला निर्वाचन कंट्रोल रूम में एक कर्मचारी के कोरोना पाजिटिव मिलने से हड़कंप मच गया। पुष्टि होने पर कंट्रोल रूम को सैनिटाइज किया गया। कंट्रोल रूम में तैनात अन्य कर्मचारियों के भी कोरोना सैंपल लिए गए।
शनिवार को जिले में कोरोना संक्रमण के 35 मामले दर्ज हुए। इसमें जिला निर्वाचन कंट्रोल रूम में तैनेात कए कर्मचारी भी शामिल हैं। इस कर्मचारी को खांसी और जुकाम की शिकायत भी थी। जांच पर कोरोना की पुश्टि हुई और उसे होम आइशोलेशन पर भेज दिया गया। जिलाधिकारी मनुज गोयल ने बताया कि निर्वाचन कंट्रोल रूम को सैनिटाइज किया गया है। सभी कर्मचारियों को कोविड 19 नियमों का पालन करने की हिदायत दी गई है।