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US Federal Reserve: महंगाई रोकने के लिए US फेड ने फिर 0.75% बढ़ाई ब्याज दर, जानें इसका क्या होगा असर

US Federal Reserve: अमेरिका में महंगाई चरम पर है और इस पर काबू पाने के लिए अमेरिकी केंद्रीय बैंक यूएस फेडरल रिजर्व (US Fed) लगातार कदम उठा रहा है। इसी कड़ी में यूएस फेडरल रिजर्व ने एक बार फिर ब्‍याज दरों में बड़ा इजाफा किया है।

US Federal Reserve: अमेरिका में महंगाई चरम पर है और इस पर काबू पाने के लिए अमेरिकी केंद्रीय बैंक यूएस फेडरल रिजर्व (US Fed) लगातार कदम उठा रहा है। इसी कड़ी में यूएस फेडरल रिजर्व ने एक बार फिर ब्‍याज दरों में बड़ा इजाफा किया है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में 0.75 फीसदी की बढ़ोतरी की है। इस लगातार दूसरा मौका है जब यूएस फेड ने महंगाई पर लगाम लगाने के लिए लगातार दूसरी बार अपनी पॉलिसी को सख्त करते हुए ब्याज दरों में इजाफा किया है।

इस बढ़ोतरी के बाद अमेरिका में अब ब्‍याज दर बढ़कर 2.50 फीसदी तक हो गई हैं। इससे पहले फेडरल रिजर्व ने जून में ब्‍याज दरों में 75 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया था।

आपको बता दें कि अमेरिका में महंगाई दर 1980 के बाद से सबसे ज्‍यादा हैं। इस इजाफे के बाद अमेरिका में मंदी की आहट सुनाई देना तय माना जा रहा है। हालांकि, फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने फिलहाल आर्थिक सुस्‍ती की किसी भी आशंका से इनकार किया है। साथ ही यूएस फेड का कहना है कि महंगाई काबू में नहीं आने पर ब्‍याज दरों में फिर इजाफा किया जा सकता है।

अमेरिकी केंद्रीय बैंक यूएस फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दर में 0.75 फीसदी की बढ़ोतरी के अमेरिकी शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक नैस्डैक, डाउ जोंस और एनवाईएसई में तेजी देखने को मिल रही है। कॉमेक्स बाजार में सोने और चांदी के दाम में इजाफा देखने को मिल रहा है। क्रूड ऑयल के दाम भी तेजी के साथ कारोबार करता हुआ दिखाई दे रहा है।

जानकारों की मानें तो अमेरिकी ब्याज दरों में बढ़ोतरी का असर डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत पर भी पड़ सकता है। रुपया पहले ही डॉलर के मुकाबले 80 के आसपास है और डॉलर की मजबूती के बाद विदेशी निवेशकों की बिकवाली और तेज हो सकती है, जिससे रुपये पर असर पड़ना स्वाभाविक है। भारत में भी महंगाई का स्तर अभी भी चिंताजनक स्तर पर है और रिजर्व बैंक अगस्त माह में मौद्रिक नीति की समीक्षा के दौरान ब्याज दरों में तीसरी बार बढ़ोतरी कर सकता है।

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Gold Silver Rate Today 16 Dec 2021: US Fed ने ब्याज दरों में नहीं किया बदलाव, सोने-चांदी में अब क्या करें?

Gold Silver Rate Today 16 Dec 2021

Gold Silver Rate Today 16 Dec 2021: अमेरिकी फेडरल रिजर्व के द्वारा 2022 में बॉन्ड खरीद कार्यक्रम घटाने के फैसले और ब्याज दरों में तीन बार बढ़ोतरी किए जाने की संभावना से बीते सत्र में सोने-चांदी में गिरावट दर्ज की गई. बुधवार को विदेशी बाजार में सोना-चांदी गिरावट के साथ बंद हुआ था. वहीं दूसरी ओर रुपये में कमजोरी की वजह से घरेलू वायदा बाजार यानी MCX पर सोना-चांदी उतार-चढ़ाव के साथ बंद हुआ था. फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं किया है. हालांकि महंगाई में बढ़ोतरी और जॉब मार्केट में सुधार को देखते हुए FOMC समिति ने ट्रेजरी के लिए मासिक शुद्ध संपत्ति खरीद को 20 अरब डॉलर और प्रतिभूतियों के लिए 10 अरब डॉलर कम करने का निर्णय लिया है. अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने कहा है कि मार्च 2022 तक बॉन्ड खरीदारी बंद की जाएगी.

सोने-चांदी पर जानकारों का नजरिया

इंडिया इंफोलाइन सिक्योरिटीज (IIFL Securities) के वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी एंड करेंसी) अनुज गुप्ता (Anuj Gupta) के मुताबिक इंट्राडे में MCX पर सोना फरवरी वायदा में 48,300 रुपये के लक्ष्य के लिए 47,900 रुपये के भाव पर खरीदारी की जा सकती है. सोने के इस सौदे के लिए 47,700 रुपये का स्टॉपलॉस लगाना चाहिए. वहीं दूसरी ओर चांदी मार्च वायदा में 60,000 रुपये के भाव पर खरीदारी करके 60,800 रुपये का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है. चांदी के इस कॉन्ट्रैक्ट के लिए 59,500 रुपये का स्टॉपलॉस लगा सकते हैं.

मोतीलाल ओसवाल (Motilal Oswal) के वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी एंड करेंसी) अमित सजेजा (Amit Sajeja) के मुताबिक आज के कारोबार में MCX पर सोना फरवरी वायदा में 48,200 रुपये FOMC क्या है के लक्ष्य के लिए 47,800 रुपये के भाव पर खरीदारी फायदे का सौदा साबित हो सकती है. सोने के इस सौदे के लिए 47,550 रुपये का स्टॉपलॉस लगाया जा सकता है. दूसरी ओर चांदी मार्च वायदा में 60,100 रुपये के भाव पर खरीदारी करके 61,FOMC क्या है 200 रुपये का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है. चांदी के इस सौदे के लिए 59,500 रुपये का स्टॉपलॉस लगाना चाहिए.

फिनलिट कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड (Finlit Consulting Private Limited) के डायरेक्टर वीरेश हीरेमथ के मुताबिक आज के कारोबार में MCX पर सोना फरवरी वायदा में 48,000 रुपये के भाव पर खरीदारी करके 48,200 रुपये का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है. सोने के इस सौदे के लिए 47,900 रुपये का स्टॉपलॉस लगा सकते हैं. वहीं दूसरी ओर चांदी मार्च वायदा में 60,800 रुपये के लक्ष्य के लिए 60,400 रुपये के भाव पर खरीदारी की जा सकती है. चांदी के इस कॉन्ट्रैक्ट के लिए 60,200 रुपये का स्टॉपलॉस लगा सकते हैं.

पृथ्वी फिनमार्ट प्राइवेट लिमिटेड (Prithvi Finmart Pvt Ltd) के डायरेक्टर (कमोडिटी एंड करेंसी) मनोज कुमार जैन (Manoj Kumar Jain) के मुताबिक आज के कारोबार में MCX पर सोने में सपोर्ट लेवल 47,880-47,750 रुपये और रेसिस्टेंस लेवल 48,220-48,380 रुपये है. चांदी में सपोर्ट लेवल 59,800-59,500 रुपये और रेसिस्टेंस 60,700-61,100 रुपये है. उनका कहना है कि MCX पर सोना फरवरी वायदा में 48,400 रुपये के लक्ष्य के लिए 48,100 रुपये के भाव पर खरीदारी की जा सकती है. सोने के इस सौदे के लिए 47,880 रुपये का स्टॉपलॉस लगाया जा सकता है. चांदी में 60,300 रुपये के भाव पर खरीदारी करके 61,100 रुपये का लक्ष्य हासिल कर सकते हैं. चांदी के इस सौदे के लिए 59,800 रुपये के स्टॉपलॉस लगा सकते हैं.

(Disclaimer: निवेशक निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की सलाह जरूर लें. न्यूजनेशनटीवीडॉटकॉम की खबर को आधार मानकर निवेश करने पर हुए लाभ-हानि का newsnationtv.com से कोई लेना-देना नहीं होगा. निवेशक स्वयं के विवेक के आधार पर निवेश के फैसले लें)

Sensex, Nifty दो महीने के उच्च स्तर पर!, आज इन वजहों से चढ़े शेयर बाजार

Stock Market: US FOMC ने बुधवार को देर रात ब्याज दरों में 0.75 फीसदी इजाफे का फैसला किया. हालांकि, इसका अनुमान पहले से था. हालांकि, फेड की कॉमेंट्री से निवेशकों को ये संकेत मिला कि आने वाले समय में ब्याज दरों में वृद्धि की रफ्तार थोड़ी कम होगी. इससे स्टॉक मार्केट को मजबूती FOMC क्या है मिली.

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3. FPI Flow: जुलाई महीने में FPI Outflow काफी कम रहा. अब तक के डेटा के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने शुद्ध आधार पर 1,368 करोड़ रुपये की निकासी की है. वहीं, जून में ये आंकड़ा 50,203 करोड़ रुपये पर रहा था. मई महीने में यह 39,993 करोड़ रुपये पर रहा था.

अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक ने 2018 के बाद अब की ब्याज दरों में बढ़ोतरी

Kavita Singh Rathore

अमेरिका। पिछले 21 दिनों के दौरान रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के चलते दुनियाभर के देशों पर कोई न असर कोई पड़ा ही है। चाहे वो पॉजिटिव हो या नेगेटिव। कई देशों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ा है। ऐसे में अब अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने का ऐलान किया है। बता दें, अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में यह बढ़ोतरी साल 2018 के बाद अब पहली बार की है।

ब्याज दरों में बढ़ोतरी :

दरअसल, अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक ने अपने ग्राहकों को एक झटका देते हुए ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर दी है। इस बढ़त के तहत बैंक द्वारा 0.25% का इजाफा किया गया है। इस बढ़त के साथ ही एक आक्रामक योजना तैयार की गई है जो, अत्यधिक मुद्रास्फीति और यूक्रेन में युद्ध से उत्पन्न आर्थिक जोखिमों का मुकाबला करने के लिए और कोरोना से जूझने से लेकर अगले साल प्रतिबंधात्मक स्तर तक उधार लेने की लागत को आगे बढ़ाने के लिए तैयार की गई है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक द्वारा यह बढ़त नीति निर्धारण फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) की दो दिवसीय बैठक खत्म होने के बाद की गई।

FOMC का विचार :

खबरों की मानें तो फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) का विचार है कि, वह शेष छह बैठकों में से प्रत्येक में दरों में बढ़ोतरी कर सकता है। जबकि, समिति 2023 में तीन और बढ़ोतरी देखती है। इसके अलावा बैंक आर्थिक विकास को प्रभावित किए बिना बढ़ती मुद्रास्फीति को संबोधित करने के लिए उधार दर को 0.25-0.5% की सीमा में लाएगा और इसका उपभोक्ता उधार और ऋण पर तत्काल प्रभाव पड़ सकता है।

इससे पहले ब्याज दरों में बढ़ोतरी :

बता दें, FOMC द्वारा इससे पहले दिसंबर 2018 में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की गई थी। उसके बाद फिर जुलाई 2019 में उन्हें वापस लाया गया। उसके बाद जब कोरोना का प्रभाव तेजी से बढ़ा तब इसको कम कर दिया गया। इस मामले में FOMC ने ऐसा भी कहा है कि, 'यह उम्मीद है कि लक्ष्य सीमा में चल रही बढ़ोतरी उचित होगी।'

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