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मोमबत्ती क्या है और यह कहाँ से आती है

मोमबत्ती क्या है और यह कहाँ से आती है
Hint

class 6 science chapter 15 Solutions हमारे चारो ओर वायु

आज हम class 6 science chapter 15 Solutions हमारे चारो ओर वायु/ एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 विज्ञान Chapter 13 चुंबको द्वारा मनोरंजन (Hindi Medium) के बारें में बताने वाले है जो स्टूडेंट्स के लिए काफ़ी ज्यादा उपयोगी होगा …

class 6 विज्ञान chapter 15 Solutions हमारे चारो ओर वायु (Hindi Medium)

class 6 science chapter 15 Solutions हमारे चारो ओर वायु (Hindi Medium) का पूरा समाधान निचे दिया जा रहा है।

Class: 6th
Medium: Hindi
Subject : Science
Chapter :15
class 6 science chapter 15 हमारे चारो ओर वायु
Book : NCERT

ncert solution class 6 science pdf (Hindi Medium)-
class 6 science chapter 15 Solutions हमारे चारो ओर वायु

Q.1 वायु के संघटक क्या हैं?
Answer. नाइट्रोजन 76% और ऑक्सीजन 23% गैसें है जो मिलकर वायु का 99% भाग बनाती हैं। शेष 1% में
कार्बन डाइऑक्साइड, कुछ अन्य गैसें, जलवाष्प तथा धूल के कण होते हैं।

Q.2 वायुमंडल की कौन-सी गैस श्वसन के लिए आवश्यक है?
Answer. श्वसन के लिए ऑक्सीजन गैस आवश्यक है।

Q.3 आप यह कैसे सिद्ध करेंगे कि वायु ज्वलन में सहायक होती है।
Answer. जब हम जलती हुई मोमबत्ती को किसी बड़े काँच के गिलास से ढक देते हैं तो मोमबत्ती तुरंत बुझ जाती है । ऐसा जलती हुई मोमबत्ती के वायु से संपर्क टूट जाने के कारण होता है । वायु का एक घटक ऑक्सीजन किसी भी
पदार्थ के जलने में सहायक है। अत: हम कह सकते हैं कि वायु ज्वलन में सहायक है।

Q.4 आप यह कैसे दिखाएँगे कि वायु जल में घुली होती है?
Answer. बीकर या किसी काँच के बर्तन में थोड़ा पानी लीजिए। इसको त्रिपाद स्टैंड के ऊपर रखकर धीरे-धीरे गर्म
करें। पानी के उबलने से पहले सावधानीपूर्वक पात्र के अंदर की सतह को देखिए, छोटे-छोटे बुलबुले इससे चिपके
हुए देखते हैं। ये बुलबुले पानी में घुली हुई वायु के कारण बनते हैं। जब आप पानी गर्म करते हैं तो घुली हुई वायु
बुलबुलों के रूप में बाहर आती है।

Q.5 रुई का ढेर जल में क्यों सिकुड़ जाता है?
Answer. रुई का ढेर जल में सिकुड़ जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि रुई में मौजूद वायु बाहर निकल जाती

Q.6 पृथ्वी के चारों ओर की वायु की परत कहलाती है।
Answer. वायुमंडल

Q.7 हरे पौधों को भोजन बनाने के लिए वायु के अवयव न की आवश्यकता होती है।
Answer. कार्बन डाइऑक्साइड

Q.8 पाँच क्रियाकलापों की सूची बनाइए, जो वायु की उपस्थिति के कारण संभव
Answer. (क) श्वसन
(ख) प्रकाश-संश्लेषण
(ग) ज्वलन
(घ) वायु की उपस्थिति में पवन चक्की विद्युत उत्पन्न करती है।
(ङ) ग्लाइडर पैराशूट को चलाने में सहायता करती है

Q.9 वायुमंडल में गैसों के आदान-प्रदान में पौधे तथा जंतु एक-दूसरे की किस प्रकार सहायता करते हैं?
Answer. पौधे प्रकाश-संश्लेषण की सहायता से वायु में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग करते हैं तथा
इसके साथ ही ऑक्सीजन उत्पन्न करते हैं। जंतु इस ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं और बदले में कार्बन
डाइऑक्साइड उत्पन्न करते हैं।
इस प्रकार पौधे और जंतु गैसों के आदान-प्रदान में एक दूसरे की सहायता करते हैं।

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चैप्टर नंबर व चैप्टर का नाम-

Chapter 1 भोजन : यह कहाँ से आता है
Chapter 2 भोजन के घटक
Chapter 3 तंतु से वस्त्र तक
Chapter 4 वस्तुओं के समूह बनाना
Chapter 5 पदार्थों का पृथक्करण
Chapter 6 हमारे चारो ओर के परिवर्तन
Chapter 7 पौधो को जानिए
Chapter 8 शरीर में गति
Chapter 9 सजीव एवं उनका परिवेश
Chapter 10 गति एवं दूरियों का मापन
Chapter 11 प्रकाश – छायाएं एवं परिवर्तन
Chapter 12 विद्युत् तथा परिपथ
Chapter 13 चुंबको द्वारा मनोरंजन
Chapter 14 जल
Chapter 15 हमारे चारो मोमबत्ती क्या है और यह कहाँ से आती है ओर वायु
Chapter 16 कचरा- संग्रहण एवं निपटान

उम्मीद है की यहाँ पर दिए गए class 6 science chapter 15 Solutions हमारे चारो ओर वायु से आपको बहुत help हुई होगी। हम इस https://gkonlinetest.in पेज पर हमेशा यही कोशिश करते है की students को अपने मुश्किल chapter का हल प्राप्त हो सके और exams में छात्र अच्छे से अच्छे अंक प्राप्त कर सके।

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class 6 science chapter 15 Solutions हमारे चारो ओर वायु

केक और मोमबत्ती से जन्मदिन मनाते हो तो हो जाइये सावधान: अमेरिकी वैज्ञानिक

भारतीय संस्कृति में जन्मदिन वैदिक तरीके से मनाते थे, मोमबत्ती फूंकना और केक काटना था ही नही। पश्चिमी सभ्यता से ये परम्परा आई है और विदेशी कम्पनियों ने अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए केक का प्रचार किया जिसके कारण हर कोई जन्मदिन पर केक काटता है और मोमबत्ती पर फूक मारकर ताली बजाते है पर इस पर वैज्ञानिकों ने चौकाने वाला खुलासा किया है और अभी कोरोना महामारी में यह परंपरा बंद नही की तो ये मौत का कारण भी बन सकती है।

आपको बता दे कि कुछ समय पूर्व वैज्ञानिकों ने दावा किया था कि, केक पर लगी मोमबत्तियों को फूंक मारकर बुझाने से केक बैक्टीरिया से भर जाता है। अमेरिका की क्लेमसन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कहा की जन्मदिन पर केक पर लगी मोमबत्तियाँ बुझाते समय केक पर थूक फैल जाता है जिसके कारण केक पर 1400% बैक्टीरिया बढ जाते हैं।

शोधकर्ताओं के अनुसार, इंसान की सांस में मौजूद बायोएरोसोल बैक्टीरिया का स्त्रोत है जो फूंक मारने पर केक की सतह पर फैल जाता है। इंसानों का मुहं बैक्टीरिया से भरा होता है। (स्त्रोत : हिन्दू जन जागृति)

इस कोरोना महामारी में और आगे भी इस परंपरा को बंद कर देना चाहिए नही तो इससे बैक्टीरिया का संक्रमण बढ़ने की संभावना बढ़ जाएगी और इससे मृत्य दर भी बढ़ सकती है वैसे ये हमारी परंपरा रही ही नही है तो बंद ही कर देना चाहिए।

जन्मदिवस के अवसर पर महामृत्युंजय मंत्र का जप करते हुए घी, दूध, शहद और दूर्वा घास के मिश्रण की आहुतियाँ डालते हुए हवन करना चाहिए। ऐसा करने से आपके जीवन में कितने भी दुःख, कठिनाइयाँ, मुसीबतें हों या आप ग्रहबाधा से पीड़ित हों, उन सभी का प्रभाव शांत हो जायेगा और आपके जीवन में नया उत्साह आने लगेगा।

मार्कण्डेय ऋषि का नित्य सुमिरन करने वाला और संयम-सदाचार का पालन करने वाला व्यक्ति सौ वर्ष जी सकता है – ऐसा शास्त्रों में लिखा है। कोई एक तोला (11.5) ग्राम गोमूत्र लेकर उसमें देखते हुए सौ बार ‘मार्कण्डेय’ नाम का सुमिरन करके उसे पी ले तो उसे बुखार नहीं आता, उसकी बुद्धि तेज हो जाती है और शरीर में स्फूर्ति आती है।

अपने जन्मदिवस पर मार्कण्डेय तथा अन्य चिरंजीवी ऋषियों का सुमिरन, प्रार्थना करके एक पात्र में दो पल (93 ग्राम) दूध तथा थोड़ा-सा तिल व गुड़ मिलाकर पीये तो व्यक्ति दीर्घजीवी होता है। प्रार्थना करने का मंत्र हैः

अथवा तो नींद खुलने पर अश्वत्थामा, राजा बलि, वेदव्यासजी, हनुमानजी, विभीषण, परशुरामजी, कृपाचार्यजी, मार्कण्डेयजी – इन चिरंजीवियों का सुमिरन करे तो वह निरोग रहता है।

जन्मदिवस के दिन बच्चा ‘केक’ पर लगी मोमबत्ती क्या है और यह कहाँ से आती है मोमबत्तियाँ जलाकर फिर फूँक मारकर बुझा देता है । जरा सोचिये, हम कैसी उलटी गंगा बहा रहे हैं ! जहाँ दीये जलाने चाहिए वहाँ बुझा रहे हैं ! जहाँ मोमबत्ती क्या है और यह कहाँ से आती है शुद्ध चीज खानी चाहिए वहाँ फूँक मारकर उडे हुए थूक से जूठे, जीवाणुओं से दूषित हुए ‘केक’ को बडे चाव से खा-खिला रहे हैं ! हमें चाहिए कि हम अपने बच्चों को उनके जन्मदिवस पर भारतीय संस्कार व पद्धति के अनुसार ही कार्य करना सिखायें ताकि इन मासूमों को हम अंग्रेज न बनाकर सम्माननीय भारतीय नागरिक बनायें। यह शरीर, जिसका जन्मदिवस मनाना है, पंचभूतों से बना है जिनके अलग-अलग रंग हैं । पृथ्वी का पीला, जल का सफेद, अग्नि का लाल, वायु का हरा व आकाश का नीला। थोडे-से चावल हल्दी, कुमकुम आदि उपरोक्त पाँच रंग के द्रव्यों से रंग लें । फिर उनसे स्वस्तिक बनायें और जितने वर्ष पूरे हुए हों, मान लो 4 उतने छोटे दीये स्वस्तिक पर रख दें तथा 5 वें वर्ष की शुरुआत के प्रतीक रूप में एक बडा दीया स्वस्तिक के मध्य में रखें । फिर घर के सदस्यों से सब दीये जलवायें तथा बडा दीया कुटुम्ब के श्रेष्ठ, ऊँची समझवाले, भक्तिभाववाले व्यक्ति से जलवायें । इसके बाद जिसका जन्मदिवस है, उसे सभी उपस्थित लोग शुभकामनाएँ दें । फिर आरती व प्रार्थना करें ।

अभिभावक एवं बच्चे ध्यान दें – पार्टियों में फालतू का खर्च करने के बजाय बच्चों के हाथों से गरीबों में, अनाथालयों में भोजन, वस्त्र इत्यादि का वितरण करवाकर अपने धन को सत्कर्म में लगाने के सुसंस्कार डालें । लोगों से चीज-वस्तुएँ (गिफ्ट्स) लेने के बजाय अपने बच्चे को गरीबों को दान करना सिखायें ताकि उसमें लेने की नहीं अपितु देने की सुवृत्ति विकसित हो ।

जन्मदिवस पर बच्चे बडे-बुजुर्गों को प्रणाम करें, उनका आशीर्वाद पायें । बच्चे संकल्प करें कि आनेवाले वर्षों में पढाई, साधना, सत्कर्म आदि में सच्चाई और ईमानदारी से आगे बढकर अपने माता-पिता व देश का गौरव बढायेंगे । (स्त्रोत्र : संत आसारामजी बापू के प्रवचन से )

अभी समय आ गया है कि हम हिन्दुआें पाश्चिमात्य संस्कृति का दुष्परिणाम ध्यान में लेकर हिन्दु संस्कृति के अनुसार जन्मदिन मनाए !

4.5 सेमी आकार की एक छोटी मोमबत्ती 42 सेमी वक्रता त्रिज्या वाले अवतल दर्पण के सामने 30 सेमी की दूरी पर स्थित है। तीक्ष्ण प्रतिबिम्ब प्राप्त करने के लिए दर्पण से दूरी ज्ञात कीजिए?

Hint

  • अवतल दर्पण की फोकस दूरीऋणात्मक होती है क्योंकि दर्पण की सतह से परावर्तित मोमबत्ती क्या है और यह कहाँ से आती है होने वाली सभी समानांतर किरणें दर्पण के सामने अभिसरित हो जाती हैं और उत्तल दर्पण के लिए फोकस दूरी धनात्मक होती है क्योंकि समानांतर किरणें दर्पण के अंदर लगभग अभिसरित होती हैं।
  • परंपरागत रूप से, दर्पण के बाईं ओर को ऋणात्मक लिया जाता है और दाईं ओर को धनात्मक के रूप में लिया जाता है, जहां बाईं ओर से समानांतर किरणें आती हैं।

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Last updated on Nov 2, 2022

The RRB Group D Results are expected to be out soon! The Railway Recruitment Board released the RRB Group D Answer Key on 14th October 2022. The candidates will be able to raise objections from 15th to 19th October 2022. The exam was conducted from 17th August to 11th October 2022. The RRB (Railway Recruitment Board) is conducting the RRB Group D exam to recruit various posts of Track Maintainer, Helper/Assistant in various technical departments like Electrical, Mechanical, S&T, etc. The selection process for these posts includes 4 phases- Computer Based Test Physical Efficiency Test, Document मोमबत्ती क्या है और यह कहाँ से आती है Verification, and Medical Test.

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मोमबत्ती क्या है और यह कहाँ से आती है

लेकिन लेकिन यह सब क्या हो रहा है। यह आगंतुक मोमबत्ती लिये मुझे मेरी ही मोमबत्ती क्या है और यह कहाँ से आती है किन-किन अँधेरी गुफाओं में घुमाता फिर रहा है। किस अधिकार से? किस अनुमति-पत्र के सहारे? इसकी भूमिका जरूरत से ज्यादा लंबी नहीं होती जा रही क्या? आखिर यह चाहता क्या है? उँह, वह सब बाद में पूछ लेना, अभी जो बातें चल रही हैं, ऐसे ही चलने दो न!

"बीजी पैसे।" रत्ती थी, गेहूँ साफ कर पिसाने को ले जा रही थी।
मैं पैसों के साथ-साथ उसे हिदायतें देने लगी थी -- तुम आटे चावल के टीन ठीक से बंद नहीं करतीं, रत्ती! चूहे आने लगेंगे कसकर बंद करके ऊपर से बल्कि कोई भारी बाट या कुछ रख दिया करो
"उसी शादी में भी एक बार तुम शायद आटे-चावल वाली कोठरी में कुछ लेने गयी थीं कि उई --। जोर की चीख सुनाई पड़ी थी। सब लोग भागकर दौड़े आये तो तुम बदहवास पत्ते-सी सन्नो बुआ से चिपकी काँपती रोती जा रही थीं। तमाम लोग तुम्हें थपथपाते पुचकारते जा रहे थे पता चला, तुम्हारा पैर एक बड़े से चूहे पर पड़ गया था।" तुम हँसे थे फिर एक-एक कर मेरी आँखों में सीधे देखते हुए तुमने पूछा था --
"तुम्हें याद है?"
"थोड़ा-थोड़ा --" मैंने झेंपते हुए कहा।
लेकिन नहीं, मैं झूठ बोली थी। मुझे वह बात पूरी, वैसी-की-वैसी याद है यह भी कि किसी के कहने पर, तुम्हीं दौड़कर मेरा रोता मुणह धुलाने के लिए गिलास में पानी लाये थे मैंने यह बात एक बार रवि और बच्चों से भी बतायी थी पर बच्चों या रवि किसी के सामने भी पीले फ्रॉक और पीले रिबन वाली पत्नी या माँ की तसवीर नहीं आ पायी थी। मेरा उत्साह ठंडा पड़ गया था। वे फ्रॉक पहने चोटी किये मुझे बारह साल की कल्पना ही नहीं कर पाये थे।

सचमुच तब कहाँ मालूम था कि बाईस साल पहले की पीले फूलों वाली फ्रॉक वाली मैं, कहीं, किसी जिंदगी के कॉलम में सँवारकर सुरक्षित रखी हुई हूँ। यह जिंदगी भी अजीब कौतुकभरी हैं! जितने लोग उतने ही खानों में बंटी। कभी-कभी हमें पता ही नहीं चलता कि हमारी जिंदगी का कौन-सा हिस्सा किस खाने में बंट गया।

मुझे यह भी याद है कि खंभे से टिकी रोती हुई मैं सोच रही थी कि कोई देखता क्यों नहीं कि मैं इस घुप् अँधेरे में अकेली रो रही हूँ। वह 'कोई' कौन हो सकता है, इसका एहसास न था तब तक। सिर्फ एक अधूरा-सा एहसास।

मुझे यह भी याद है कि तुम उस अँधेरे में, खंभे के पास में जलती मोमबत्ती लिये गुजरे थे। तुम एक शर्मीले से किशोर। और मैंने सोचा था कि काश, तुम्हीं मुझे देख लेते। पर मैंने यही समझा था कि तुम अनजाने गुजर गये और तुमने कुछ भी नहीं देखा।
लेकिन तुमने वह सब देखा, समझा और सँवारकर अपने पास रख भी लिया
मुझे यह भी याद है कि मैंने हर गीत गाते हुए क्षणांश को सोचा था- तुम्हें भी मेरा गाना अच्छा लगा होगा क्या?
मुझे यह भी याद है कि खंभे से टिककर रोते हुए मैंने सोचा था, तुम देखते तो तुम्हें ममता आती क्या मुझ पर?
मुझे यह भी याद है कि
और यह भी याद है
और यह भी
नहीं, -- मुझे कुछ नहीं याद है।
"रवि जी कब तक आते हैं?"
मैं एकदम चौंक जाती हूँ रवि? हाँ, आते हैं -- कभी भी आ सकते हैं अब मेरा मतलब, टाइम हो गया है
"क्या सोचने लगीं?"
"मैं, कुछ नहीं, कुछ नहीं, हाँ, यही कि इतनी देर हो गयी आपको चाय या कॉफी तक नहीं पूछा।"
"हाँ, सो तो है ल़गता है बहुत सोचने-समझने के बाद ही किसी को चाय-कॉफी पूछती हो, न?"

मैं फिर संयत हो उठी थी कि तुमने हँसकर कहा था।" पर सच-सच कहूँ तो मुझे भी याद नहीं था कि तुम अब इतनी बड़ी हो चुकी हो कि बाकायदे चाय-कॉफी के लिए मुझे पूछोगी मैं खुद बाईस साल पीछे था मैं अभी भी तुम्हारे इस गृहिणी रूप के साथ जैसा तादात्म्य नहीं कर पाया हूँ मेरी नजरों में तुम वही।"
यह बाईस साल मुझे एकदम बेतरतीब करता चला जा रहा है। एकदम सबकुछ गड्मड्ड उलझ-सा गया है लेकिन तभी फोन की घंटी बजती है और सबकुछ संभल जाता है।
फोन रवि का रहता है। आगंतुक के बारे में पूछकर कहते हैं।" सुनो, जरा कुछ जरूरी काम आ पड़ा है। मैं देर में आऊँ तो कोई हर्ज? तुम्हीं चलता कर सकोगी उसे? बहुत जरूरी है रुकना, प्ली-ज।"
"उसे -- मैं -- हाँ -- ठीक है।"
"थैंक्स और हाँ, बिंदु का बुखार कैसा है?"
"बुखार? हाँ, पता नहीं -- अभी इधर टेंपरेचर नहीं ले पायी -- कम लगता है।"
"ओ. के.।" रवि ने आश्वस्त भाव से रिसीवर रख दिया है।
लौटने पर तुम पूछते हो
"रवि जी का फोन था?"
"हाँ।"
"आ रहे हैं क्या?"
"नहीं, कुछ जरूरी काम आ पड़ा आपसे क्षमा माँगी है।"
"ओह पर आ गये होते तो अच्छा था मन था उनसे मिलने का।"
मैंने कौतूहलभरी दृष्टि उठायी है।
"सुना है, बहुत अच्छे नेचर के हैं।"
"कैसे मालूम?" मैं हँसी
"यों ही कभी कहीं बातों के बीच किसी ने बताया था।"
मुझे एकदम से याद आया।" और आप शादी तो काफी पहले ही हो गयी थी न पत्नी बच्चे।"
"हाँ, हाँ, बिलकुल।" तुम हँसे थे, मुक्त हँसी।" एक अदद पत्नी निरूपमा -- नीरू और दो बच्चे मधु और छवि।"
बस! इसके बाद फिर एक असहज-सी चुप्पी। और क्या कैसे पूछूँ।
"काफी देर हो गयी चलता हूँ अब, है न!"
फिर से वही आँधी-बवंडर ऊपर-नीचे डावाँडोल किसी तरह संयत हो पूछती हूँ।
"लेकिन आपने यह तो बताया नहीं कि आप आये कैसे थे? मतलब, किस काम से।"
तुमने एक बेहद निष्पाद दृष्टि मुझ पर डाली थी, एक क्षण को वह दृष्टि झील की तरह थमी थी -- मेरे चेहरे पर -- क्या तुम सच-सच अब भी यह जानना चाहती हो।
और बस एक "अच्छा तो --" कहकर तेजी से दरवाजे के बाहर हो गये थे।

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