क्या इंट्रा डे ट्रेडिंग में ट्रिगर कीमत है

ट्रिगर प्राइस क्या होता है?
इसका मतलब यह है कि ट्रिगर प्राइस आपके दोनों ऑर्डर में से किसी एक को एक्टिवेट करने का काम करता है।
ट्रिगर प्राइस का इस्तेमाल स्टॉप लॉस ऑर्डर के लिए किया जाता है। अगर आपने Buy की पोजीशन क्रिएट की है तो उसमें आप स्टॉपलॉस लगाकर ट्रिगर प्राइस का यूज क्या इंट्रा डे ट्रेडिंग में ट्रिगर कीमत है कर सकते हैं। अगर आपने सेल की पोजीशन क्रिएट की है तो उसमें भी आप स्टॉपलॉस लगाकर ट्रिगर प्राइस का यूज कर सकते हैं।
जब भी आप स्टॉप लॉस ऑर्डर प्लेस करते हैं तो आपको दो तरह के प्राइस एंटर करने पड़ते हैं: ट्रिगर प्राइस और लिमिट प्राइस। जब भी शेयर का मूल्य आपके द्वारा दर्ज किए गए ट्रिगर प्राइस तक पहुंच जाता है तो सिस्टम द्वारा आपका स्टॉप लॉसआर्डर एक्टिवेट हो जाता है और जब वह प्राइस आपके द्वारा दर्ज किए गए लिमिट प्राइस पर पहुंच जाता है तो आपका स्टॉपलॉस आर्डर एग्जीक्यूट हो जाता है।
जब तक स्टॉक का प्राइस आपके द्वारा दर्ज किए गए ट्रिगर प्राइस तक नहीं पहुंचता है तब तक आपका ऑर्डर सिर्फ आपके स्टॉक ब्रोकर तक ही रहता है। यह एक्सचेंज में नहीं भेजा जाता है और जैसे ही स्टॉक का प्राइस ट्रिगर प्राइस क्या इंट्रा डे ट्रेडिंग में ट्रिगर कीमत है तक पहुंच जाता है आपका ऑर्डर एक्टिव ऑर्डर में आ जाता है और लिमिट प्राइस तक पहुंचते ही एग्जीक्यूट हो जाता है।
उदाहरण के तौर पर मान लीजिए आपने कोई शेयर 100 रुपए में खरीदा है और आप उसका स्टॉप लॉस ₹90 रखना चाहते हैं। स्टॉप लॉस का यहां मतलब यह है कि जब भी स्टॉक का प्राइस गिरने लगे और ₹90 से नीचे चला जाए तो आप उस स्टॉक को बेचना चाहेंगे तो ज्यादा नुकसान सहना नहीं जाएंगे और आप ₹10 के नुकसान के साथ ही मार्केट से एग्जिट करना पसंद करेंगे।
इस स्थिति में जब आप अपना स्टॉपलॉस आर्डर लगाने लगेंगे तो आपको ट्रिगर प्राइस दर्ज करने के लिए पूछा जाएगा। वह ट्रिगर प्राइस आपकी मर्जी का होगा आप जहां चाहे वहां ट्रिगर प्राइस रख सकते हैं। मान लीजिए अगर आप ट्रिगर प्राइस ₹95 रख देते हैं और लिमिट प्राइस ₹90 दर्ज कर देते हैं।
तो इस स्थिति में जब भी स्टॉक का प्राइस गिरने लगेगा और ₹95 पर आ जाएगा तो आपका स्टॉप लॉस ऑर्डर ऑटोमेटिकली एक्टिवेट हो जाएगा और जब यह गिरते-गिरते ₹90 को पार कर जाएगा तो आपका स्टॉप लॉस ऑर्डर एक्जिक्यूट हो जाएगा और आपके द्वारा खरीदा गया शेयर अपने आप ₹90 पर बिक जाएगा।
ट्रिगर प्राइस को शेयर को कम दाम पर खरीदने और ज्यादा दाम पर बेचने के लिए भी सेट किया जाता है।
स्टॉक मार्केट में बने रहना हो तो हमें हमेशा स्टॉप लॉस के साथ ही काम करना चाहिए और एक सीमित नुकसान के साथ मार्केट से निकल जाना चाहिए अगर मार्केट हमारी दिशा में ना चल रहा हो।
इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान तो Intraday Trading मे मिल सकता है बेहतर मुनाफा, जानिए कैसे
जो लोग शेयर बाजार में एक ही दिन में पैसा लगाकर मुनाफा कमाना चाहते हैं उनके लिए इंट्रा डे ट्रेडिंग बेहतर विकल्प है. इसमें पैसा लगाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
Soma Roy | Edited By: मनीष रंजन
Updated on: May 14, 2021 | 10:32 PM
लोग अक्सर कहते हैं कि शेयर बाजार से मोटा कमाया जा सकता है लेकिन ये इतना आसान भी नहीं है. हालांकि अगर आप बेहतर रणनीति बनाकर लॉन्ग टर्म में सोच कर निवेश करेंगे तो यहां से कमाई की जा सकती है. वहीं इक्विटी मार्केट में इंट्रा डे के जरिए कुछ घंटों में ही अच्छा पैसा बनाया जा सकता है. इंट्रा डे में डिलवरी ट्रेडिंग के मुकाबले पैसा जल्दी क्या इंट्रा डे ट्रेडिंग में ट्रिगर कीमत है बनाया जा सकता है लेकिन इसके जोखि से बचने के लिए आपको बेहतर रणनीति, कंपनी के फाइनेंशियल और एक्सपर्ट की सलाह जैसी चीजों का ध्यान रखना होता है.
क्या है इंड्रा डे ट्रेडिंग
शेयर बाजार में कुछ घंटो के लिए या एक ट्रेडिंग सेशन के लिए पैसा लगाने को इंट्रा डे कहा जाता है. मान लिजिए बाजार खुलने के समय आपने एक शेयर में पैसा लगाया और देखा की आपको आपके मन मुताबिक मुनाफा मिल रहा है तो आप उसी समय उस शेयर को बेचकर निकल सकते है. इंट्रा डे में अगर आप शेयर उसी ट्रेंडिग सेशन में नही भी बेचेंगे तो वो अपने आप भी सेल ऑफ हो जाता है. इसका मतलब आपको मुनाफा हो या घाटा हिसाब उसी दिन हो जाता है. जबकि डिलवरी ट्रेडिंग में आप शेयर को जबतक चाहे होल्ड करके रख सकते हैं. इंट्रा डे में एक बात यह भी है कि आपको ब्रोकरेज ज्यादा देनी पड़ती है. हां लेकिन इस ट्रेडिंग की खास बात यह है कि आप जब चाहे मुनाफा कमा कर निकल सकते है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
बाजार के जानकारों के मुताबिक शेयर बाजार में इंट्रा डे में निवेश करें या डिलिवरी ट्रेडिंग करें आपको क्या इंट्रा डे ट्रेडिंग में ट्रिगर कीमत है पहले इसके लिए अपने आप को तैयार करना होता कि आप किसलिए निवेश करना चाहते हैं और आपका लक्ष्य क्या है. फिर इसके बाद आप इसी हिसाब क्या इंट्रा डे ट्रेडिंग में ट्रिगर कीमत है से अपनी रणनीति और एक्सपर्ट के जरिए बाजार से कमाई कर सकते हैं. एंजल ब्रोकिंग के सीनियर एनालिस्ट शमित चौहान के मुताबिक इंट्रा डे में रिस्क को देखते हुए आपकी रणनीति बेहतर होनी चाहिए. इसके लिए आपको 5 अहम बाते ध्यान मं रखनी चाहिए.
1. इंट्रा डे ट्रेडिंग में सिर्फ लिक्विड स्टॉक में पैसा लगाना चाहिए. जबकि वोलेटाइल स्टॉक से दूरी बनानी चाहिए.
2. इंट्रा डे में बहुत ज्यादा स्टॉक की जगह अच्छे 2-3 शेयर्स का चुनाव करना चाहिए.
3. शेयर चुनते वक्त बाजार का ट्रेंड देखना चाहिए. इसके बाद कंपनी की पोर्टफोलियो चेक करें. आप चाहे तो शेयर को लेकर एक्सपर्ट की राय भी ले सकते हैं.
4. इंट्रा डे ट्रेडिंग में स्टॉक में उछाल और गिरावट तेजी से आते है, इसलिए ज्यादा लालच नहीं करना चाहिए और पैसा लगाने के पहले उसका लक्ष्य और स्टॉप लॉस जरूर तय कर लेना चाहिए. जिससे टारगेट पूरा होते देख स्टॉक को सही समय पर बेचा जा सके.
5.इंट्रा डे में अच्छे कोरेलेशन वाले शेयरों की खरीददारी करना बेहतर होता है.
डीमैट अकाउंट से कर सकते हैं ट्रेडिंग
अगर शेयर बाजार में ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होगा. आप ऑनलाइन खुद से ट्रेडिंग कर सकते हैं या ब्रोकर को ऑर्डर देकर शेयर का कारोबार कर सकते हैं. इंट्रा डे में किसी शेयर में आप जितना चाहे उतना पैसा लगा सकते हैं.
डिस्क्लेमर : आर्टिकल में इंड्रा डे ट्रेडिंग को लेकर बताए गए टिप्स मार्केट एक्सपर्ट्स के सुझावों पर आधारित हैं. निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.
Trigger Price Meaning in Hindi
शुरआती निवेशकों और ट्रेडर्स को अक्सर ऐसा लगता है की वह निर्धारित कीमत पर ही शेयर को खरीद और बेच सकते है। लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है, आप चाहे तो अपने विश्लेषण के अनुसार अपने मनचाहे प्राइस पर भी शेयर का क्रय और विक्रय कर सकते है। ऐसा करने के लिए आपको ट्रिगर प्राइस दर्ज़ करना होता है। लेकिन ट्रिगर प्राइस क्या है और कैसे इस्तेमाल किया जाता है, आज इस लेख में trigger price meaning in hindi को विस्तार में जानेंगे।
ट्रिगर प्राइस क्या होता है?
हर एक ट्रेडर और निवेशक का शेयर बाजार में एक ही उद्देश्य होता है कम में खरीदकर, ज़्यादा में बेचना और ऐसा करने के लिए ज़रूरी होता है सही विशलेषण करना और सही समय पर स्टॉक को खरीदने और बेचने का निर्णय लेना ।
ऐसा करने के लिए जब भी आप शेयर मार्केट में निवेश कर रहे हो तो आप जिस भी कीमत पर शेयर को खरीदना या बेचना चाह रहे क्या इंट्रा डे ट्रेडिंग में ट्रिगर कीमत है हो उस पर ट्रेड करने के लिए अपनी मनचाही वैल्यू या ट्रिगर प्राइस का इस्तेमाल कर सकते है ।
अब ट्रेडिंग करने के साथ-साथ ट्रिगर प्राइस का इस्तेमाल स्टॉप-लॉस के लिए भी किया जाता है ।
तो आइये विस्तार में चर्चा करते है की ट्रिगर प्राइस को आप किस तरह से लाभ कमाने और अपने लॉस को कम करने के लिए कर सकते है ।
Limit Order Trigger Price in Hindi
लिमिट ऑर्डर में ट्रिगर प्राइस का उपयोग करके स्टॉक को कम कीमत पर खरीदने और अधिक कीमत पर बेचने के लिए किया जाता है।
उदाहरण के लिए, आप किसी कंपनी के स्टॉक को खरीदना चाहते है और उस स्टॉक का मार्केट प्राइस 50 रुपये है लेकिन आप ट्रिगर प्राइस का उपयोग करके उस स्टॉक की कीमत को 40 रुपये पर सेट कर देते है। तो जब उस स्टॉक की कीमत 40 रुपये तक पहुँच जाती है तो ‘ट्रिगर प्राइस आर्डर’ के तहत आपका ऑर्डर अपने आप ही लागू हो जाएगा।
इसी तरह अगर आप 50 वाले शेयर को 30 रुपये अधिक पर बेचना चाहते है तो आप ट्रिगर प्राइस को 80 रुपये पर सेट कर सकते है और स्टॉक की कीमत 80 रुपये पहुँचने पर आपका ऑर्डर स्वचालित रूप से लागू हो जाता है।
इस आर्डर को लगाने के अपने ट्रेडिंग एप में buy/sell बटन पर टेप करें । आप ट्रेडिंग विंडो पर लिमिट प्राइस का चयन करे और जिस भी प्राइस पर आप शेयर को खरीदना या बेचना चाह रहे है वह दर्ज़ करके मात्रा भरे और आर्डर को कन्फर्म करे। दर्ज़ की गयी डिटेल स्टॉक एक्सचेंज में भेज दी जाएगी और जैसे आपकी निर्धारित की हुए कीमत पर स्टॉक पहुंचेगा आपका आर्डर निष्पादित हो जाएगा।
SL Trigger Price Means in Hindi
इंट्राडे ट्रेडिंग ( intraday trading in hindi ) में स्टॉप लॉस का इस्तेमाल ट्रेडर्स को नुक्सान से बचाता है लेकिन आप चाहे तो डिलीवरी ट्रेडिंग के लिए भी स्टॉप लॉस का इस्तेमाल कर सकते है । ट्रेड चाहे जिस भी तरह का हो स्टॉप लॉस में ट्रिगर प्राइस क्या है और कैसे काम करता है उसका विवरण यहाँ दिया गया है।
स्टॉप लॉस ऑर्डर ( stop loss meaning in hindi ) को लागू करने के लिए आपको ट्रिगर प्राइस और लिमिट प्राइस दो तरह के वैल्यू दर्ज़ करनी पड़ती है। जब स्टॉक का मूल्य आपके द्वारा दर्ज किये गए ट्रिगर प्राइस तक पहुँच जाता है तो सिस्टम की तरफ से आपका ऑर्डर सक्रिय हो जाता है और जब आपका ऑर्डर लिमिट प्राइस तक पहुंच जाता है तो आपके ऑर्डर को एक्सचेंज द्वारा लागू कर दिया जाता है।
ऑर्डर के ट्रिगर प्राइस पर पहुँचने तक आपका आर्डर आपके स्टॉक ब्रोकर के पास ही रहता है।
स्टॉप लॉस ट्रिगर प्राइस बाय और सेल पोजीशन के लिए अलग तरीके से दर्ज़ के जाती है जिसे हम एक उदाहरण से समझते है ।
मान लीजिये की आपने किसी कंपनी के स्टॉक को 100 रुपये में ख़रीदा है और अब आपको लगता है की उस स्टॉक की कीमत अब नीचे जाने वाली है तो आप उस स्टॉक को 90 रुपये के स्टॉप लॉस पर सेट करते है, लेकिन जिस प्राइस पर आप अपने आर्डर को ट्रिगर करना चाहते है उसके लिए आपको स्टॉप लॉस से ज़्यादा वैल्यू पर ट्रिगर प्राइस दर्ज़ करना होता है। तो यहाँ पर मान लेते है की आपने 92 रुपये पर ट्रिगर प्राइस दर्ज़ किया है।
अब अगर स्टॉक की कीमत नीचे आकर 92 तक पहुंच जाता है तो आपका आर्डर एक्सचेंज को भेज दिया जाएगा और 90 रुपये तक पहुंचते ही आपका आर्डर निष्पादित कर दिया जाएगा ।
दूसरी तरफ अगर आपने शार्ट पोजीशन ली है और 100 रुपये का कोई शेयर बेचा है और उसका स्टॉप लोस्स 105 रुपये रखा है तो यहाँ पर ट्रिगर प्राइस स्टॉप लॉस से कम होगा यानी की 100-105 रुपये के बीच में इसकी वैल्यू निर्धारित कर सकते है ।
यहाँ पर ये जानना ज़रूरी है कि अगर आपका प्राइस ट्रेडिंग सेशन के अंतर्गत ट्रिगर प्राइस को हिट नहीं करता है तो वह अपने आप रद हो जाएगा और आपको अपने आर्डर में नुक्सान से बचने के लिए अगले दिन फिर से ट्रिगर प्राइस डालना होगा ।
इस लेख से आप अलग-अलग आर्डर टाइप में ट्रिगर प्राइस (trigger price meaning in hindi) को अच्छे से जान पाए होंगे और समझ पाए होंगे की किस तरह से ये आपको आपकी मनचाही वैल्यू में स्टॉक को खरीदने में मदद करता है और सही प्राइस पर स्टॉप लॉस को ट्रिगर कर आपके नुक्सान को सीमित करता है ।
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Stocks to Buy Today: अगर आप कुछ ऐसे ही स्टॉक की तलाश में हैं तो पैसे तैयार रखें, आज क्या इंट्रा डे ट्रेडिंग में ट्रिगर कीमत है की लिस्ट तैयार है. इसमें अलग-अलग सेक्टर के अलग-अलग शेयरों को शामिल किया गया है.
Stocks to Buy Today: बाजार की इंट्राडे ट्रेडिंग में रोज की तरह आज भी कुछ शेयर खबरों या किसी नए सेंटीमेंट के चलते जोरदार तेजी दिखा सकते हैं. अगर आप कुछ ऐसे ही स्टॉक की तलाश में हैं तो पैसे तैयार रखें, आज की लिस्ट तैयार है. इस PRECISION CAMSHAFT, MCX, LUPIN, UTI, ASTRAZENECA PHARMA, MARUTI, SONATA SOFT, V-GUARD, ROYAL ORCHID HOTELS, SKF INDIA, ADOR WELDING, WIPRO FUT, क्या इंट्रा डे ट्रेडिंग में ट्रिगर कीमत है HINDALCO, TCS, LA OPALA, NTPC, SARDA ENERGY & MINERALS, HDFC Life FUT, DR REDDY'S, ITC शामिल हैं. आज किन स्टॉक में आपको पैसा लगाना चाहिए, इसके लिए जी बिजनेस (Zee Business) अपने Traders Diary प्रोग्राम में निवेशकों के लिए एक्शन वाले शेयर्स लेकर आया है. जी बिजनेस की रिसर्च टीम के आशीष और कुशल ने आपके लिए ऐसे ही कुछ स्टॉक्स चुनें हैं.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
आशीष के शेयर
CASH KA STOCK
BUY PRECISION CAMSHAFT TARGET 145 SL 135
FUTURES
BUY MCX TARGET 1450 SL 1390
OPTIONS
BUY LUPIN 660 CE TARGET 16 SL 7
TECHNO
BUY UTI AMC TARGET 720 SL 660
FUNDA
BUY ASTRAZENECA PHARMA TARGET 3300 DURATION 1 MONTH
INVEST STOCK
BUY MARUTI TARGET 10000 DURATION 1 YEAR
STOCK IN NEWS
BUY SONATA SOFT TARGET 700 SL 670
MY CHOICE
BUY V-GUARD TARGET 240 SL 225
BUY ROYAL ORCHID HOTELS TARGET 173 SL 160
BUY SKF INDIA TARGET 4050 SL 3800
MY BEST
BUY UTI AMC TARGET 720 SL 660
कुशल के शेयर
Cash
ADOR WELDING - Buy - 800, sl - 775
FTR
WIPRO FUT - Sell - 398, sl - 416
OPTN
HINDALCO - 370 [email protected] - Buy - 12, sl - 3
Techno
TCS - Buy क्या इंट्रा डे ट्रेडिंग में ट्रिगर कीमत है - 3263, SL - 3120
Funda
LA OPALA - Buy - 358, Duration - 1 year
Invest
NTPC - Buy - 180, Duration - 1 year
News
SARDA ENERGY & MINERALS - Buy - 915, sl - 880
Mychoice
HDFC Life FUT - Sell - 505, sl - 532
DR REDDY'S Buy 4570, SL 4400
ITC Buy 303, SL 295