स्टॉप आउट रेट

चेक के बाउंस होने के 12 कारण
चेक माननीय तब कहा जाता है, जब बैंक प्राप्त कर्ता को राशि देता हैं। जबकि, यदि बैंक प्राप्त कर्ता को राशि देने से इंकार करता है, तो चेक को खारिज माना जाता है। दूसरे शब्दों में, चेक का खारिज होना एक ऐसी स्थिति है जिसमें बैंक प्राप्त कर्ता को चेक की राशि देने से इंकार कर देता है।
जब भी चेक को खारिज किया जाता है, तो अदाकर्ता बैंक तुरन्त चेक के ख़ारिज होने के कारणों को एक ‘चेक रिटर्न मेमो’ जारी करते हुए पेयी बैंकर को निर्दिष्ट स्टॉप आउट रेट करता है । पेयी बैंकर मेमो और ख़ारिज चेक प्राप्त कर्ता को प्रदान करता है। चेक के खारिज होने के कारण को पूरा करने के बाद चेक पर निर्दिष्ट तिथि के तीन महीने के भीतर प्राप्त कर्ता को स्टॉप आउट रेट फिर से चेक जमा करने का विकल्प होता है।
इसके अलावा, प्राप्त कर्ता को बैंक से “चेक रिटर्न मेमो” प्राप्त करने की तारीख से 30 दिनों के भीतर ड्रॉअर को एक नोटिस देना होगा। नोटिस में कहा जाना चाहिए कि ड्रॉअर द्वारा नोटिस प्राप्त होने की तारीख से 15 दिनों के भीतर चेक राशि का भुगतान प्राप्त कर्ता के द्वारा किया जाएगा।
हालांकि, यदि नोटिस प्राप्त करने के 30 दिनों के भीतर ड्रॉअर एक नया भुगतान करने में असफल रहता है, तो प्राप्त कर्ता को ‘निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट’ की धारा 138 के अनुसार डिफॉल्टर के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने का अधिकार है।
चेक के खारिज होने की वजह:
- यदि चेक अधिलेखित है। जानिए ‘चेक कैसे लिखें?
- यदि हस्ताक्षर अनुपस्थित है या चेक में हस्ताक्षर बैंक द्वारा रखे गए नमूना हस्ताक्षर से मेल नहीं खाता हैं।
- यदि प्राप्त कर्ता का नाम अनुपस्थित है या स्पष्ट रूप से नहीं लिखा गया है।
- यदि शब्दों और स्टॉप आउट रेट आंकड़ों में लिखी गई राशि एक दूसरे से मेल नहीं खाती है।
- यदि खाता संख्या स्पष्ट रूप से उल्लिखित नहीं है या पूरी तरह से अनुपस्थित है।
- अगर ड्रॉअर बैंक को चेक का पेमेंट रोकने का आदेश देता है।
- अगर कानून की अदालत ने बैंक को चेक पर पेमेंट रोकने का आदेश दिया है।
- यदि ड्रॉअर ने खाता बंद कर दिया है चेक पेश होने के पहले ।
- यदि चेक के पेमेंट को पूरा करने के लिए बैंक खाते में अपर्याप्त राशि है।
- यदि बैंक को ड्रॉअर की मृत्यु या पागलपन या दिवालिया होने की सूचना मिलती है।
- यदि चेक पर किए गए किसी भी परिवर्तन को ड्रॉअर ने अपना हस्ताक्षर देकर साबित नहीं किया है।
- यदि तारीख का उल्लेख नहीं किया गया है या गलत तरीके से लिखा गया है या उल्लिखित तारीख तीन महीने पहले की है।
किसी चेक के ख़ारिज होने के प्रमुख कारणों की अधिक स्पष्ट समझ पाने के लिए, आप नीचे दिए गए वीडियो को देख सकते हैं:
क्या होता है जब एक चेक को खारिज कर दिया जाता है?
जब चेक को खारिज कर दिया जाता है, तो बैंक द्वारा प्राप्त कर्ता को एक ‘चेक रेतुर्न मेमो’ प्रस्तुत किया जाता है कि चेक बाउंस क्यों हो गया है। प्राप्त कर्ता चेक को फिर से जमा कर सकता है यदि वह मानता है कि यह दूसरी बार स्वीकार किया जाएगा। यदि चेक फिर से बाउंस हो जाता है तो प्राप्त कर्ता कानूनी रूप से ड्रॉअर के खिलाफ मुकदमा चला सकता है।
‘निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट’, 1881 चेक के ख़ारिज होने के संबंधित मामलों के लिए लागू है। इस अधिनियम की धारा 138 के अनुसार, चेक का खारिज होना एक आपराधिक आरोप है और मौद्रिक दंड या 2 साल तक की कैद या दोनों के साथ दंडनीय है।
जुर्माना:
यदि कोई चेक बाउंस होता है, तो उनके संबंधित बैंकों द्वारा ड्रॉअर और प्राप्त कर्ता दोनों पर जुर्माना लगाया जाता है। यदि ऋण की अदायगी के खिलाफ खारिज चेक है तो व्यक्ति को अतिरिक्त भुगतान शुल्क देना होगा।
क्रेडिट इतिहास को नुकसान
आपके क्रेडिट इतिहास नकारात्मक रूप से प्रभावित होता है अगर आपका चेक ख़ारिज होता है क्यूंकि आपकी भुगतान गतिविधियों को वित्तीय संस्थानों द्वारा क्रेडिट ब्यूरो को सूचित किया जाता है। यदि आपके पास एक अच्छा क्रेडिट स्कोर है तो उधारदाता आप पर भरोसा करेंगे। एक अच्छा क्रेडिट स्कोर होने के लिए, एक अच्छा अभ्यास है की आप चेक को बाउंस होने से बचा सके। आपकी अच्छी भुगतान गतिविधियाँ आपको अच्छे सिबिल स्कोर बनाने में मदद करेंगी और वित्तीय संस्थानों से धन उधार लेने के समय आपको लाभान्वित करेंगी।
चेक लिखते समय उपरोक्त बिंदुओं को ध्यान में रखें ताकि चेक को ख़ारिज न किया जाए।
चेक लिखते समय उपरोक्त बिंदुओं को ध्यान में रखें ताकि चेक को बाउंस न किया जाए।
मौद्रिक नीति का प्रभाव: 0.50% रेपो रेट बढ़ाने से आपकी EMI पर कितना फर्क पड़ेगा?
rbi interest rate: रेपो रेट 5.40% से बढ़कर 5.90% हो गई है। इससे होम लोन,ऑटो और पर्सनल लोन महंगा हो सकता है और आपको ज्यादा EMI चुकानी होगी। आइए जानें कितना ईएमआई अधिक चुकानी पड़ेगी।
भारतीय रिजर्व बैंक ने आज नई मौद्रिक नीति की घोषणा की। इसके तहत महंगाई पर लगाम लगाने के लिए रेपो रेट में 0.50% का इजाफा किया है। इस इजाफे के बाद रेपो रेट 5.40% से बढ़कर 5.90% हो गई है। इससे होम लोन,ऑटो और पर्सनल लोन महंगा हो सकता है और आपको ज्यादा EMI चुकानी होगी।
कितनी बढ़ेगी ईएमआई
मान लीजिए आप ने 7.55 फीसद के रेट पर 20 साल के लिए 30 लाख रुपए का होम लोन लिया है। लोन की EMI 24260 रुपए है। 20 साल में आपको इस रेट से 28,22,304 रुपए का ब्याज देना होगा। यानी, आपको 30 लाख के बदले कुल 58,22,304 रुपए चुकाने होंगे।
अब आपके लोन लेने के एक महीने बाद RBI रेपो रेट में 0.50% का इजाफा कर देता है। इस कारण बैंक भी 0.50% ब्याज दर बढ़ा देते हैं। अब जब आपका एक दोस्त उसी बैंक में लोन लेने के लिए पहुंचता है तो बैंक उसे 7.55% की जगह 8.05% रेट ऑफ इंटरेस्ट बताता है।
आपका दोस्त भी 30 लाख रुपये का ही लोन 20 साल के लिए लेता है, लेकिन उसकी EMI 25,187 रुपये की बनती है। यानी आपकी EMI से 927 रुपए ज्यादा। इस वजह से आपके दोस्त को 20 वर्षों में कुल 60,44,793 रुपये चुकाने होंगे। ये आपकी रकम से 2,22,489 रुपये ज्यादा है।
अगर आपका लोन फिक्स्ड है तो इसमें आपके लोन कि ब्याज दर शुरू से आखिर तक एक जैसी रहती है। इस पर रेपो रेट में बदलाव का कोई फर्क नहीं पड़ता।
स्कूल ड्रॉपआउट रेट को काम करने (एनएमएमएसएस) छात्रवृत्ति, आवेदन 31 अक्टूबर तक
नई दिल्ली
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने छात्रों के स्टॉप आउट रेट हितों को ध्यान में रखते हुए 'राष्ट्रीय साधन-सह-योग्यता छात्रवृत्ति योजना' (एनएमएमएसएस) के लिए आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर तक बढ़ा दी है। इस छात्रवृत्ति योजना के दो महत्वपूर्ण उद्देश्य है। इसके माध्यम से जहां आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को आर्थिक मदद मुहैया कराई जा रही है वहीं स्कूल ड्रॉपआउट रेट में भी कमी स्टॉप आउट रेट लाने का प्रयास किया जा रहा है। मंत्रालय के मुताबिक इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के मेधावी विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है ताकि कक्षा आठ में उनका ड्रॉप आउट रोका जा सके। साथ ही इस छात्रवृत्ति के माध्यम से छात्रों को माध्यमिक स्तर तक अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करने का एक सकारात्मक प्रयास भी किया जा रहा है।
कक्षा 9 से विद्यार्थियों को और राज्य सरकार के, सरकारी सहायता प्राप्त और स्थानीय निकाय के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की कक्षा 10 से 12 तक में निरंतरता या नवीनीकरण के लिए हर साल एक लाख नयी छात्रवृत्तियां दी जाती हैं। छात्रवृत्ति की ये राशि 12000 रुपये प्रति वर्ष होती है।
राष्ट्रीय साधन-सह-योग्यता छात्रवृत्ति योजना (एनएमएमएसएस) को राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल (एनएसपी) पर जोड़ा गया है जो कि छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति योजनाओं के लिए वन स्टॉप प्लेटफॉर्म है। एनएमएमएसएस छात्रवृत्तियां डीबीटी मोड को अपनाते हुए सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के जरिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर द्वारा चयनित छात्रों के बैंक खातों में सीधे वितरित की जाती है। ये 100 प्रतिशत केंद्र प्रायोजित योजना है।
जिन छात्रों के माता-पिता की सभी स्रोतों से आय प्रति वर्ष 3,50,000 रुपये से ज्यादा नहीं है वे इस छात्रवृत्ति को प्राप्त करने के पात्र हैं। स्टॉप आउट रेट छात्रवृत्ति पाने की चयन परीक्षा में बैठने के लिए छात्रों के कक्षा 7 की परीक्षा में न्यूनतम 55 प्रतिशत अंक या समकक्ष ग्रेड होनी चाहिए (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए 5 प्रतिशत की छूट)।
आईएनओ स्तर (एल1) के सत्यापन की अंतिम तिथि 15 नवंबर, 2022 है और डीएनओ स्तर (एल2) के सत्यापन की अंतिम तिथि 30 नवंबर, 2022 है।
दो बच्चे होने पर ही मिलेगा कन्या सुमंगला योजना का लाभ
LUCKNOW: कन्या सुमंगला योजना का फायदा उन परिवारों को ही मिलेगा जिनके केवल दो बच्चे ही है। हालांकि अगर पहली बार जुड़वा बच्चियां पैदा होती है और दोबारा भी बच्ची ही पैदा होती है,वह योजना का लाभ पाने के लिए पात्र होंगी। महिला कल्याण मंत्री प्रोफेसर रीता बहुगुणा जोशी ने रविवार को बताया कि इससे परिवार नियोजन को बढ़ावा मिलेगा। कन्या भ्रूण हत्या जैसी कुप्रथा से निजात मिलेगी। स्कूलों में बच्चियों का 'ड्रॉप आउट रेट' घटेगा। प्रदेश में करीब 95 लाख से ज्यादा परिवार ऐसे है जिनके दो बच्चे हैं।
आधे परिवार योजना के दायरे में आएंगे
इनमें से आधे परिवार योजना के दायरे में आएंगे। योजना का लाभ सिर्फ उनको ही मिलेगा जो प्रदेश के मूल निवासी हैं। सरकार ने योजना के पहले चरण के लिए बजट में 1200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। उन्होंने बताया कि महिलाओं के प्रति ङ्क्षहसा रोकने के लिए बने लखनऊ के वन स्टॉप सेंटर की परफॉरमेंस पूरे देश में सर्वश्रेष्ठ रही। आठ मार्च को दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सेंटर को पुरस्कृत करेंगे।
T20 वर्ल्ड कप फाइनल में फंसे बाबर आजम, पाकिस्तान को छोड़ा ‘बेसहारा’
बाबर आजम T20 वर्ल्ड कप के फाइनल में 32 रन बनाकर आउट, सिर्फ 2 चौके लगाए और आदिल रशीद की गुगली पर फंस गए
TV9 Bharatvarsh | Edited By: अनूप देव सिंह
Updated on: Nov 13, 2022 | 4:38 PM
T20 वर्ल्ड कप 2022 में बाबर आजम का खराब प्रदर्शन फाइनल में भी जारी रहा. इंग्लैंड के खिलाफ फाइनल मैच में बाबर ने 28 गेंदों में 32 रन बनाए. बाबर आजम का स्ट्राइक रेट सिर्फ 114 रहा. फाइनल मैच मे पाकिस्तानी कप्तान ने सिर्फ 2 चौके लगाए और 12 ओवर तक बल्लेबाजी करने के बाद वो अपना विकेट फेंककर चले गए. बता दें बाबर को आदिल रशीद ने आउट किया और इंग्लैंड ने पूरे प्लान के साथ पाकिस्तानी कप्तान को आउट किया.
दरअसल इंग्लैंड ने बाबर आजम की लंबे समय से चली आ रही कमजोरी पर वार किया. बाबर को गुगली गेंदों पर दिक्कत होती है और इसी का फायदा इंग्लैंड ने उठाया. बाबर के सामने आदिल रशीद गेंदबाजी करने आए और उन्होंने बाबर को गुगली पर ही आउट किया. रशीद की गुगली को बाबर नहीं समझ सके और अपना कैच उन्हें ही थमा दिया. बाबर जब आउट हुए तो पाकिस्तान ने 11.1 ओवर में 84 ही रन बनाए थे. टीम का रनरेट काफी कम था. बता दें बाबर आजम 9 बार गुगली गेंदों पर आउट हुए हैं और इन गेंदों के खिलाफ बाबर का बल्लेबाजी औसत सिर्फ 9 का है.
आदिल रशीद ने चौथी बार किया बाबर का शिकार
बता दें इंग्लैंड के लेग स्पिनर आदिल रशीद ने चौथी बार बाबर को टी20 क्रिकेट में आउट किया. रशीद जानते थे कि बाबर उनकी गुगली के खिलाफ तंग होते हैं और फाइनल में उन्होंने इसी गेंद का इस्तेमाल कर पाकिस्तानी कप्तान को चलता किया. बाबर आजम की बात करें तो उनके लिए ये टूर्नामेंट किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा. सिर्फ सेमीफाइनल में उनके बल्ले से रन निकले, बाकी 6 मैचों में वो फ्लॉप रहे.