किसी भी कंपनी को शेयर मार्केट में लिस्ट कैसे करें?

शेयर क्या है और शेयर कितने प्रकार के होते हैं (What Is Share In Hindi)
Share Kya किसी भी कंपनी को शेयर मार्केट में लिस्ट कैसे करें? Hai In Hindi: शेयर मार्केट के बारे में तो आपने सुना ही होगा. आज एक इस लेख में हम शेयर बाजार की सबसे छोटी इकाई शेयर के बारे में आपको बताने वाले हैं. इस लेख में हम आपको शेयर से जुडी अनेक सारी बेसिक जानकारी देने वाले हैं.
आज के इस लेख में आपको जानने को मिलेगा की Share क्या है, शेयर कितने प्रकार के होते हैं, शेयर क्यों जारी किये जाते हैं, शेयर कैसे बनते हैं, शेयर कैसे खरीदें और शेयर खरीदने के फायदे व नुकसान क्या हैं.
जब भी आप शेयर मार्केट सीखना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको शेयर के बारे में ही बताया जाता है, तो चलिए बिना देरी के शुरू करते हैं इस लेख को और समझते हैं शेयर क्या होता है हिंदी में.
क्यों शेयर बाजार से डीलिस्ट होती है कंपनियां, क्या होता है निवेशकों पर इसका असर?
कंपनी के स्टॉक को शेयर बाजार बाहर करने की प्रक्रिया डीलिस्टिंग कहलाती है. .कंपनियां अपनी इच्छा से या फिर SEBI के निर्देश पर अपने स्टॉक को बाजार से डीलिस्ट कराती है.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: सौरभ शर्मा
Updated on: Mar 31, 2022 | 6:41 AM
साल 2021 को शेयर बाजार (Stock Market) के इतिहास में आईपीओ (IPO) के साल के रूप में जाना जाता है. करीब 65 कंपनियों ने अपने शेयरों को बाजार में उतारकर कुल 1.29 लाख करोड़ रुपये जुटा लिए. आईपीओ के इस मेले ने शेयर बाजार में नए निवेशकों की कतार लगा दी. कई आईपीओ में जबरदस्त पैसा कूटने से नए निवेशक काफी उत्साहित हैं. साहिल भी ऐसे ही एक निवेशक हैं उन्होंने एक आईपीओ में पैसा लगाया था और उसमें उन्होंने खूब मुनाफा कमाया. लेकिन हाल में आई एक खबर से वे चकित रह गए. उन्होंने एक कंपनी में कई साल पहले पैसा लगाया था, जो अब शेयर बाजार से डीलिस्ट (delisting of share) हो रही है. यह क्या नई चीज आ गई यार… वे परेशान हो गए.
अब मुझे क्या करना होगा? इन सब सवालों पर मंथन करते हुए वे पहुंच गए शेयर बाजार के जानकार दोस्त अतुल के पास. अतुल ने कहा…. घबराओ नहीं, पहले कॉफी पीओ… मैं तुम्हें सब बताता हूं… जिस तरह से एक्सचेंजों पर कंपनियां लिस्ट होती हैं, उसी तरह से उन्हें किसी भी कंपनी को शेयर मार्केट में लिस्ट कैसे करें? डीलिस्ट भी किया जाता है. यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें किसी लिस्टेड कंपनी के शेयर को स्टॉक एक्सचेंजों से हटाया यानी डीलिस्ट किया जाता है.
क्यों होती हैं कंपनियां डीलिस्ट
वैसे तो यह बहुत गंभीर और अनिष्टकारी जैसा लगता है, लेकिन सच तो यह है कि डीलिस्टिंग हमेशा बुरी चीज नहीं होती. असल में यह अक्सर किसी भी कंपनी को शेयर मार्केट में लिस्ट कैसे करें? कंपनी किसी भी कंपनी को शेयर मार्केट में लिस्ट कैसे करें? के अनुरोध पर स्वैच्छिक रूप से होता है. दूसरी तरफ, जब कोई कंपनी बाजार नियामक SEBI द्वारा जबरन डीलिस्ट की जाती है, तो इसे कम्पल्सरी या अनिवार्य डीलिस्टिंग कहते हैं.
यार पूरा मामला समझ में नहीं किसी भी कंपनी को शेयर मार्केट में लिस्ट कैसे करें? आ रहा…थोड़ा विस्तार से समझाओ… साहिल ने कहा… अतुल ने कहा… डोन्ट वरी… मैं बताता हूं. जब कोई कंपनी स्वैच्छिक रूप से डीलिस्टिंग का ऐलान करती है तो वह रिवर्स बुक बिल्डिंग प्रक्रिया के द्वारा आम निवेशकों के पास मौजूद शेयरों को बायबैक करती है. इस प्रक्रिया के द्वारा आम शेयरधारकों को यह आजादी दी जाती है कि वे बायबैक के लिए उचित कीमत तय करें. जिस कीमत पर ज्यादा संख्या में बिड हासिल होता है, उसे बायबैक के लिए कट ऑफ कीमत मान लिया जाता है.
एक बार जब कट ऑफ कीमत तय किसी भी कंपनी को शेयर मार्केट में लिस्ट कैसे करें? हो जाती है, तो कंपनी के सामने दो ही विकल्प होते हैं, या तो इसे स्वीकार करे या काउंटर ऑफर करे. अगर कंपनी कट-ऑफ कीमत चुन लेती है, तो बायबैक हो जाता है. कंपनी की डीलिस्टिंग को तभी सफल माना जाता है, जब आम निवेशकों के शेयरों की खरीद के बाद प्रमोटर्स के शेयरों का हिस्सा कंपनी के कुल शेयर कैपिटल का 90% हो जाता है.
उदाहरण से समझें
उदाहरण के लिए साल 2012 में निरमा लिमिटेड ने स्वैच्छिक रूप से डीलिस्टंग की थी. कंपनी ने माइनॉरिटी शेयरहोल्डर्स की 18 फीसदी हिस्सेदारी 260 रुपये प्रति शेयर के भाव पर बायबैक कर लिया था. कंपनी ने नए वैल्युएशन हासिल करने और FMCG, फार्मा, केमिकल्स, सीमेंट, पोर्ट्स, इन्फ्रास्ट्रक्चर और पावर जैसे अपने तमाम वर्टिकल की नए सिरे से लिस्टिंग के लिए यह डीलिस्टिंग की थी. बाद में कंपनी ने अपनी सीमेंट इकाई Nuvuco Vistas को एक्सचेंजों पर लिस्ट कराया.
अनिवार्य डीलिस्टिंग के मामले में भी कंपनी के प्रमोटर्स को पब्लिक के सभी शेयरों की बायबैक करनी होती है. हालांकि, इसमें किस कीमत पर शेयरों का बायबैक होगा, यह रिवर्स बुक बिल्डिंग प्रॉसेस से नहीं बल्कि किसी स्वतंत्र मूल्यांकन एजेंसी के द्वारा तय किया जाता है. Lanco Infratech और Moser Baer India ऐसे अनिवार्य डीलिस्टिंग के कुछ उदाहरण हैं.
ओ हो… अब साहिल की समझ में पूरा मामला आता दिख रहा था.
मनी9 की सलाह
मनी9 की सलाह किसी भी कंपनी को शेयर मार्केट में लिस्ट कैसे करें? यह है कि अगर कोई कंपनी अनिवार्य रूप से डीलिस्ट होती है तो प्रमोटर्स को अपने शेयर बेचकर आपके लिए इसमें निवेश खत्म करना समझदारी भरा कदम होगा. किसी कंपनी के डीलिस्ट होने पर रिवर्स बुक बिल्डिंग प्रॉसेस क्या होता है, इसे समझने के लिए देखिए फार्मूला गुरु.
कैसे किसी कंपनी की मार्किट वैल्यू पता करें
यह आर्टिकल लिखा गया सहयोगी लेखक द्वारा Marcus Raiyat. मार्कस रैयत एक U.K., फॉरेन एक्सचेंज ट्रेडर हैं और ये Logikfx के संस्थापक/CEO और इंस्ट्रक्टर भी हैं | लगभग 10 वर्षों के अनुभव के साथ मार्कस सक्रिय रूप से ट्रेडिंग फोरेक्स, स्टॉक्स और क्रिप्टो में भी माहिर हैं और CFD ट्रेडिंग, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट और क्वांटिटेटिव एनालिसिस में विशेषज्ञ हैं | मार्कस ने एस्टोन यूनिवर्सिटी से मैथमेटिक्स में BS की डिग्री हासिल की है | Logikfx में इनके काम के लिए इन्हें ग्लोबल बैंकिंग और फाइनेंस रिव्यु के द्वारा "बेस्ट फोरेक्स एजुकेशन एंड ट्रेनिंग U.K. 2021 के रूप में नामांकित किया गया था |
यहाँ पर 8 रेफरेन्स दिए गए हैं जिन्हे आप आर्टिकल में नीचे देख सकते हैं।
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अगर आप किसी कंपनी में इन्वेस्ट करने की सोच रहे हैं, या फिर अपनी कंपनी बेचना चाह रहे हैं, तो उसकी कीमत का जायजा लगाना अच्छा रहता है क्योंकि इससे आपको पता चलता है की आपको कितनी आमदनी होने की सम्भावना है | कंपनी की मार्किट वैल्यू इन्वेस्टर की उसकी भविष्य में होने वाली आमदनी का आंकलन होता है | [१] X रिसर्च सोर्स बदकिस्मती से, हम एक पूरे बिज़नेस को स्टॉक शेयर जैसे लिक्विड एसेट की तरह वैल्यू नहीं कर सकते हैं; लेकिन, कंपनी की मार्किट वैल्यू को सही से आंकने के लिए कई तरीके मोजूद हैं | इनमें से कुछ आसान तरीकों में आप कंपनी की मार्किट कैपिटलाइजेशन (उसकी स्टॉक वैल्यू और शेयर्स का बकाया) का जायजा ले सकते हैं, उसी प्रकार की कंपनी से तुलना का आंकलन, या पूरी इंडस्ट्री से जुड़े मल्टीप्लायरज़ की मदद से मार्किट वैल्यू पता कर सकते हैं |
- ध्यान रहे की ये तरीका सिर्फ पब्लिकली- ट्रेडेड (Publically- traded) कम्पनीज के लिए काम करता है, क्योंकि आप सिर्फ उनकी शेयर वैल्यू को आसानी से पता कर सकते हैं |
- इस तरीका की एक खामी ये है की वो कंपनी की वैल्यू को बाज़ार के उतार चड़ाव के हिसाब से आंकती है | अगर किसी बाहरी कारण की वजह से स्टॉक मार्किट गिर गया है, कंपनी की मार्किट कैपिटलाइजेशन भी गिर जाएगी हांलाकि उसकी आर्थिक स्थिति अभी भी मज़बूत है |
- मार्किट कैपिटलाइजेशन, क्योंकि इन्वेस्टर के विश्वास पर निर्भर होती है, कंपनी की सही वैल्यू को पता करने का ये एक अस्थिर और अविश्वसनीय तरीका है | स्टॉक के शेयर की कीमत पता करने के लिए कई फैक्टर काम करते हैं, इसलिए एक कंपनी की मार्किट कैपिटलाइजेशन, की संख्या को भी थोड़ा बदला हुआ माना जाना चाहिए | लेकिन इसके बाद भी, कंपनी का कोई भी संभावित खरीदार को भी बाज़ार से ऐसी ही उम्मीदों होंगी और वो भी उसकी आमदनी पर उसी प्रकार की कीमत लगा सकते हैं |
कंपनी का मोजूदा शेयर प्राइस देखें: कंपनी का शेयर प्राइस कई वेबसाइट जैसे moneycontrol.com, economictimes.com, Yahoo! Finance, और Google Finance पर आपको मिल सकती है | कंपनी के नाम के बाद "stock" या स्टॉक का सिंबल (अगर आपको पता है) किसी सर्च इंजन में डाल कर स्टॉक कीमत पता करें | आप इस कैलकुलेशन के लिए जिस स्टॉक वैल्यू का प्रयोग करना चाहेंगे वो करंट मार्किट वैल्यू होनी चाहिए, जो की सभी प्रमुख फाइनेंश्यीयल वेबसाइट के स्टॉक रिपोर्ट पेज पर सामने ही दिख जानी चाहिए |
Performance after Listing: पिछले महीने तीन कंपनियों के शेयर हुए लिस्ट, सिर्फ दो में ही निवेशक हैं फायदे में
Performance after Listing: पिछले महीने सितंबर में घरेलू मार्केट में तीन कंपनियों के शेयर लिस्ट हुए जिसमें से सिर्फ दो कंपनियों के आईपीओ में पैसे लगाने वाले निवेशक अभी मुनाफे में हैं
पिछले महीने सितंबर में घरेलू मार्केट में तीन कंपनियों के शेयर लिस्ट हुए- हर्षा इंजीनियर्स (Harsha Engineers), ड्रीमफोक्स सर्विसेज (Dreamfolks Services) और तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक (Tamilnad Mercantile Bank)।
Performance after Listing: पिछले महीने सितंबर में घरेलू मार्केट में तीन कंपनियों के शेयर लिस्ट हुए- हर्षा इंजीनियर्स (Harsha Engineers), ड्रीमफोक्स सर्विसेज (Dreamfolks Services) और तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक (Tamilnad Mercantile Bank)। ये सभी इश्यू ओवरसब्सक्राइब हुए लेकिन इसमें से तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक को छोड़ बाकी दोनों आईपीओ के लिए निवेशकों ने अधिक शानदार रूझान दिखाया।
अब अगर इनके मौजूदा प्रदर्शन की बात करें तो तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक को छोड़ बाकी दोनों कंपनियों के आईपीओ में पैसे लगाने वाले निवेशक अभी मुनाफे में हैं।
Electronics Mart IPO: आज अलॉट होंगे इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया मार्ट के शेयर, ऐसे चेक करें लिस्ट में अपना नाम
Electronics Mart IPO इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया मार्ट के शेयर आवंटन की जानकारी बीएसई या केफिनटेक वेबसाइट पर लॉग इन करके हासिल की जा सकती है। इस आईपीओ के लिए आवेदन करने वालों की संख्या बहुत है ऐसे में कुछ लोगों को निराश होना पड़ सकता है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Electronics Mart IPO: इलेक्ट्रॉनिक्स मार्ट के 500 करोड़ के आईपीओ के आवंटन की घोषणा किसी भी समय की जा सकती है। इलेक्ट्रॉनिक्स मार्ट आईपीओ आवंटन की तारीख 12 अक्टूबर 2022 निर्धारित है। इलेक्ट्रॉनिक्स मार्ट के शेयर आज ग्रे मार्केट में लगभग 29 रुपये के प्रीमियम पर बिक रहे हैं। इसका मतलब है कि इलेक्ट्रॉनिक्स मार्ट आईपीओ का ग्रे मार्केट प्रीमियम (जीएमपी) आज 29 रुपये है।
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जिन लोगों ने इस आईपीओ के लिए आवेदन किया है, वे बीएसई की वेबसाइट या इसके आधिकारिक रजिस्ट्रार की वेबसाइट पर लॉग इन करके इलेक्ट्रॉनिक्स मार्ट आईपीओ आवंटन स्थिति की ऑनलाइन जांच कर सकते हैं। IPO का आधिकारिक रजिस्ट्रार KFin Technologies Limited है। इलेक्ट्रॉनिक्स मार्ट आईपीओ आवंटन की ऑनलाइन जांच करने के लिए बोलीदाता बीएसई लिंक- bseindia.com/investors/appli_check.aspx या सीधे केफिनटेक लिंक- kprism.kfintech.com/ipostatus पर लॉग इन कर सकते हैं। यहां से उनको इलेक्ट्रॉनिक्स मार्ट आईपीओ आवंटन स्थिति का पता चल जाएगा।
बीएसई पर जांच कैसे करें
- बीएसई की लिंक- bseindia.com/investors/appli_check.aspx पर लॉगिन करें।
- इलेक्ट्रॉनिक्स मार्ट आईपीओ का चयन करें
- अपना इलेक्ट्रॉनिक्स मार्ट आईपीओ आवेदन संख्या दर्ज करें
- अपना पैन कार्ड विवरण दर्ज करें
- 'मैं रोबोट नहीं हूं' पर क्लिक करें
- 'सबमिट' बटन पर क्लिक करें।
- बीएसई पर आपका इलेक्ट्रॉनिक्स मार्ट आईपीओ आवंटन स्थिति उपलब्ध हो जाएगी।
इलेक्ट्रॉनिक्स मार्ट आईपीओ आवंटन: केफिनटेक पर जांच कैसे करें
वे बोलीदाता जो आधिकारिक रजिस्ट्रार की वेबसाइट पर अपने आईपीओ आवेदन की स्थिति ऑनलाइन जांचना चाहते हैं, उन्हें सीधे केफिनटेक लिंक पर लॉग इन करना होगा। उनके लिए प्रोसेस यह है।