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स्मार्ट निवेश

स्मार्ट निवेश
जबकि भारत 100 स्मार्ट शहर बसाने की अपनी महत्वाकांक्षा पर काम करने जा रहा है, ब्रिटेन इसमें एक महत्वपूर्ण साझेदार की भूमिका निभाने को आशान्वित है। स्मार्ट शहरों के निर्माण में हम अपनी विशेषज्ञता भारत के साथ साझा करने को इच्छुक हैं। हम इस अवसर को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं और यूकेटीआई की ओर से पेश यह रिपोर्ट उन बिन्दुओं को रेखांकित करती है जहां ब्रिटेन भारत की आकांक्षाओं की पूर्ति में सर्वोत्तम सहायता कर सकता है।

इन स्मार्ट तरीकों से निवेश करते हैं अमीर, तभी तो बढ़ता जाता है उनका पैसा

मध्यम वर्ग के लोगों के साथ एक बड़ी समस्या यह रहती है कि वह अपनी आय की बड़ी मात्रा को खर्च कर देते हैं और बचाने के लिए उनके पास कुछ भी नहीं रहता है. हालांकि अगर देखा जाए कि तो उनकी जिंदगी भर पाए कुछ कम नहीं होती है निवेश की जानकारी न होने की वजह से वह जो भी बचाते हैं उसमें उनको बेहतरीन रिटर्न नहीं मिल पाता है. इसके उल्टा जो पैसे वाले लोग होते हैं उनके फाइनेंशियल एडवाइजर उनको निवेश की अच्छी सलाह देते हैं.

क्या हैं वह तरीके जो अमीर को और अमीर बना रहे हैं
एक रिपोर्ट की मानें तो दुनिया भर के अमीर अब अपने पास ज्यादा कैश रख रहे हैं. ये वह लोग जिनके पास 5 से 6 करोड़ रुपये स्मार्ट निवेश के आसपास धन है और यह लोग कुछ ऐसे तरीके अपना रहे हैं जिनसे इनकी संपत्ति में इजाफा हो रहा है.

1- अगर आप सोचते हैं कि पैसे वाले लोग अपना ज्यादा पैसा कारोबार में लगा देते हैं तो यह ट्रेंड अब खत्म हो गया है. दुनिया में जिस तरह से आर्थिक हालात बदल रहे हैं उससे अब यह लोग ज्यादा पैसा अपने पास रखते हैं क्योंकि ऐसा उनको लगता है कि पता नहीं है कि कब कहां बड़े निवेश का मौका मिल जाए.

2- अमीर अपनी फिक्स इनकम से समझौता नहीं करते हैं. आमतौर पर फिक्स इनकम का पैसा बॉड में लगा दिया जाता है फिर चाहे रिटर्न कम ही क्यों न मिले.

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3- भारत में आम धारणा है कि रियल इस्टेट में निवेश करने से अच्छा रिटर्न मिलता है लेकिन अब बड़े निवेशक इससे निकल रहे हैं और अब उनके पास अच्छा-खासा कैश होने से वह दूसरी जगहों पर निवेश कर पाने की स्थिति में हैं.

4- दुनिया भर के इक्विटी मार्केट में भले ही उठापटक चल रही हो लेकिन पैसे वाले निवेशकों इसमें लगातार स्मार्ट निवेश निवेश कर रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक 2016 की तुलना में 2017 में इक्विटी मार्केट में निवेश बढ़ गया है.

5- बड़े निवेशकों का अब स्टॉक मार्केट, बांड और रियल इस्टेट के अलावा किए जाने वाले निवेश जिसे (अल्टरनेटिव निवेश) में अब रुचि नहीं दिखा रहे हैं और यहां से भी पैसा निकालना शुरू कर दिया है और इक्विटी मार्केट में पैसा लगा रहे हैं.

लेकिन किसी भी ऐसे निवेश से पहले फाइनेंसियल एडवाइजर की सलाह जरूर लेनी चाहिए कई बार नासमझी की वजह से भी नुकसान की आशंका रहती है.

रिलायंस हरित ऊर्जा में 75,000 करोड़ रुपये निवेश करेगी, सस्ता स्मार्ट फोन लाएगी: अंबानी

Reliance to invest Rs 75,000 cr in green energy, bring cheaper smart phones: Ambani | रिलायंस हरित ऊर्जा में 75,000 करोड़ रुपये निवेश करेगी, सस्ता स्मार्ट फोन लाएगी: अंबानी

रिलायंस हरित ऊर्जा में 75,000 करोड़ रुपये निवेश करेगी, सस्ता स्मार्ट फोन लाएगी: अंबानी

मुंबई, 24 जून जाने-माने उद्योगपति मुकेश अंबानी ने हरित ऊर्जा क्षेत्र में रिलायंस उद्योग समूह की नयी महत्वाकांक्षी और नवोन्मेषी भूमिका निभाने के लिए अगले तीन साल में 75,000 करोड़ रुपये निवेश करने की बृहस्पतिवार को घोषणा की। उन्होंने 2030 तक एक लाख मेगवाट सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता स्थापित करने और गुजरात में जामनगर को इस क्षेत्र में प्रौद्योगिकी और उपकरणों के विनिर्माण का बड़ा केंद्र विकसित करने की योजना प्रस्तुत की।

अंबानी ने गूगल- और रिलायंस जियो के संयुक्त रूप से विकसित वैश्विक स्तर पर सबसे किफायती स्मार्टफोन पेश करने का भी ऐलान किया।

साथ ही उन्होंने सऊदी अरामको के साथ 15 अरब डॉलर का सौदा इस साल पूरा हो जाने की उम्मीद जतायी।

रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अंबानी ने शेयरधारकों के साथ कंपनी की 44वीं सालाना आम बैठक में कहा कि रिलायंस सौर सेल, ऊर्जा भंडारण के लिये बैटरी, फ्यूल सेल और हरित हाइड्रोजन के लिये चार वृहत आकार के संयंत्र गुजरात के जामनगर में लगाएगी।

तेल से लेकर दूरसंचार क्षेत्र में काम कर रही कंपनी 2030 तक कम-से-कम 1,00,000 मेगावाट सौर बिजली उत्पादन क्षमता स्थापित करने के साथ साथ कार्बन फाबइर संयंत्र में भी निवेश करेगी।

अंबानी ने कहा कि सऊदी अरामको के चेयरमैन और वहां के प्रमुख संपत्ति कोष पीआईएफ के प्रमुख 51 वर्षीय यासिर ओथमान अल-रुमायन रिलायंस इंडस्ट्रीज के निदेशक मंडल में बतौर स्वतंत्र निदेशक शामिल होंगे।

उनकी नियुक्ति कंपनी की तेल-रसायन कारोबार इकाई (तेल रिफाइनरी, पेट्रोरसायन संयंत्र और खुदरा ईंधन कारोबार) में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी सऊदी अरामको बेचे जाने के सौदे के पूरा होने से पहले हुई है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम ओ2सी कारोबार में सऊदी अरामको को रणनीतिक भागीदार के रूप में स्वागत करने के लिये उत्सुक है. मुझे उम्मीद है कि हमारी भागीदारी को इस साल शीघ्रता से औपचारिक रूप दे दिया जाएगा।’’

शुरू में यह सौदा मार्च 2020 में पूरा होना था और इसका मूल्य 15 अरब डॉलर आंका गया था।

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने कारोबार को अलग-अलग खंडों में बांटा है। जहां जियो प्लेटफार्म्स कंपनी की डिजिटल और दूरसंचार इकाई से संबद्ध है वहीं खुदरा क्षेत्र एक अलग इकाई है। जबकि तेल रिफाइनिंग और पेट्रोरसायन को ओ2सी (तेल-रसायन) कारोबार के अंतर्गत रखा गया है।

अंबानी ने गूगल के साथ मिलकर तैयार सस्ता फोन पेश किये जाने की भी घोषणा की। इसका मकसद 2जी से 4जी अपनाये जाने में तेजी लाना है। हालांकि इसकी कीमत की जानकारी नहीं दी गयी।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत को '2जी मुक्त' बनाने के लिए एक काफी सस्ता 4जी स्मार्टफोन जरूरी है।" नया स्मार्टफोन जियो और गूगल के फीचर्स और ऐप से लैस होगा।

उन्होंने कहा कि देश में अभी भी 30 करोड़ फोन उपयोगकर्ता हें जो अकुशल 2जी सेवा को छोड़ पाने में असमर्थ हैं। इसका एक बड़ा कारण 4जी स्मार्टफोन का महंगा होना है।

अल्फाबेट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुंदर पिचाई ने वीडियो कांफ्रेन्स के जरिये कहा, ‘‘गूगल और जियो का किफायती स्मार्टफोन खासतौर से भारत के लिए बनाया गया है और यह उन लाखों नए उपयोगकर्ताओं के लिए नई संभावनाएं खोलेगा जो पहली बार इंटरनेट का अनुभव करेंगे।

हैंडसेट 10 सितंबर से उपल्ब्ध होगा।

स्वच्छ ऊर्जा कारोबार के क्षेत्र में घोषणा करते हुए अंबानी ने कहा, ‘‘अगले तीन साल में, हम हरित ऊर्जा क्षेत्र में विनिर्माण और अन्य संबंधित कार्यों पर 60,000 करोड़ रुपये निवेश करेंगे। इसके जरिये रिलायंस पूर्ण रूप से एकीकृत और जरूरतों के हिसाब से ऊर्जा परिवेश सृजित करेगी और उसकी पेशकश करेगी।’’

अंबानी ने कहा, ‘‘इसके अलावा, हम इन कारखानों के कच्चे माल और अन्य जरूरी उत्पादों के विनिर्माण के लिये इकाइयां तथा जरूरी ढांचागत सुविधाओं में 15,000 करोड़ रुपये खर्च करेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस प्रकार, नए ऊर्जा कारोबार में हमारे अपने आंतरिक संसाधनों से कुल शुरूआती निवेश तीन वर्षों में 75,000 करोड़ रुपये (10 अरब डालर से अधिक) रुपये होगा।’’

अंबानी ने कहा, ‘‘कंपनी ने जामनगर में 5,000 एकड़ में धीरूभाई अंबानी ग्रीन एनर्जी गीगा कॉम्प्लेक्स (हरित ऊर्जा वृहत परिसर) को विकसित करने का काम शुरू कर दिया है। यह दुनिया में सबसे बड़ी एकीकृत नवीकरणीय ऊर्जा निर्माण सुविधाओं में से एक होगी।

अंबानी ने कहा, ‘‘रिलायंस 2030 तक 1,00,000 मेगावाट सौर ऊर्जा स्थापित करेगी और क्षमता सृजित करने में योगदान देगी। इसमें छतों पर लगायी जाने वाले सौर संयंत्रों और गांवों में विकेंद्रित सौर संयंत्रों का बड़ा योगदान होगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जामनगर हमारे पुराने ऊर्जा केंद्र के विकास का केंद्र था अब नये ऊर्जा करोबार के विकास का भी केंद्र बनेगा।’’

अंबानी ने कंपनी के भीतर दो अतिरिक्त विभागों- नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना प्रबंधन और निर्माण विभाग तथा नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना वित्त विभाग-के गठन की घोषणा की।

उन्होंने कहा कि ये सभी कदम भारत के विकेंद्रित हरित अर्थव्यवस्था को वास्तविक रूप देने में मददगार होंगे।

अंबानी ने यह भी कहा अगर हम सौर ऊर्जा का उपयोग कर पाये भारत जीवाश्म ईंधन यानी कच्चे तेल के आयातक से स्वच्छ ऊर्जा का निर्यातक देश बन जाएगा।

अपनी कुल आय का 68 प्रतिशत हाइड्रोकार्बन ऊर्जा कारोबार से हासिल करने वाली कंपनी ने पिछले साल 2020 में अगले 15 वर्ष यानी 2035 तक शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा था।

कंपनी ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब दुनिया की तमाम प्रमुख ऊर्जा कंपनियों पर पर्यावरण संरक्षण में मदद के लिये कम कार्बन उत्सर्जन की ओर बढ़ने को लेकर दबाव है।

अंबानी ने कहा, ‘‘पिछले साल मैंने 2035 तक शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा था। आज मुझे इसे क्रियान्वित करने के लिये महत्वकांक्षी रणनीति और योजना पेश करने को लेकर खुशी है. जीवाश्म (कोयला, पेट्रोल और डीजल) ईंधन से करीब तीन सदी तक आर्थिक वृद्धि को गति मिली। हम अब बहुत लंबे समय तक इसे जारी नहीं रख सकते।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

भारत के साथ मिलकर स्मार्ट शहर बनाने का ब्रिटेन का प्रस्ताव

Smart city report

वाणिज्य तथा निवेश मामलों के केंद्रीय मंत्री, लॉर्ड फ्रांसिस मॉड ने भारत के साथ सहयोग करने के उद्देश्य से आज एक रिपोर्ट का विमोचन किया जिसमें स्मार्ट शहरों के लिए ब्रिटेन द्वारा दिए जा सकने वाले सर्वोत्तम सहयोग के बारे में बताया गया है।

भारतीय प्रधानमंत्री के भारत में 100 स्मार्ट सिटी बनाने के लक्ष्य के मद्देनजर ब्रिटिश तथा भारतीय कंपनियों के लिए संभावित अवसरों को रेखांकित करने हेतु यूके ट्रेड एंड इनवेस्टमेंट (यूकेटीआई) इंडिया द्वारा अर्न्स्ट एंड यंग की रिपोर्ट ‘इंडियाज स्मार्ट सिटीज प्रोग्राम- द यूके ऑफर टू बिल्ड टुगेदर’ पेश की गई।

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को यह रिपोर्ट सौंपते हुए लॉर्ड मॉड ने कहा:

जबकि भारत 100 स्मार्ट शहर बसाने की अपनी महत्वाकांक्षा पर काम करने जा रहा है, ब्रिटेन इसमें एक महत्वपूर्ण साझेदार की भूमिका निभाने को आशान्वित है। स्मार्ट शहरों के निर्माण में हम अपनी विशेषज्ञता भारत के साथ साझा करने को इच्छुक हैं। हम इस अवसर को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं और यूकेटीआई की ओर से पेश यह रिपोर्ट उन बिन्दुओं को रेखांकित करती स्मार्ट निवेश है जहां ब्रिटेन भारत की आकांक्षाओं की पूर्ति में सर्वोत्तम सहायता कर सकता है।

यह रिपोर्ट भारत को उसके महत्वाकांक्षी स्मार्ट शहर कार्यक्रम में सहयोग करने की ब्रिटिश कंपनियों की क्षमता का विश्लेषण करती है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “भारत की महत्वाकांक्षा 100 नए स्मार्ट शहर बनाने की है और इसमें ब्रिटेन सहायता कर सकता है। …ब्रिटिश कंपनियों को भारत के समक्ष यह दर्शाते हुए स्पष्ट करना होगा कि वे भारतीय आवश्यकताओं को समझते हैं और उनमें इस दिशा में सहयोग करने की स्मार्ट निवेश क्षमता है, और साथ ही भारतीय साझेदारों या भारतीय प्रधिकारों के समक्ष स्पष्टतापूर्वक अवसरों को प्रस्तुत करना होगा ताकि वे इस संदर्भ में रुचि दिखाएं। भारतीय स्मार्ट शहरों में मौजूदा कौशल अंतराल के मद्देनजर ब्रिटेन की क्षमता के विश्लेषण के आधार पर,… भारतीय स्मार्ट शहर के मार्केट में सहयोग करने के लिए ब्रिटिश कंपनियों के पास महत्वपूर्ण अवसर मौजूद हैं।”

इस रिपोर्ट में ऐसे अनेक क्षेत्रों की पहचान की गई है जहां ब्रिटिश विशेषज्ञता भारत के लिए उपयोगी होगी, इसमें शामिल हैं- भौतिक क्षेत्र (सार्वजनिक परिवहन, जलापूर्ति, अपशिष्ट प्रबंधन, स्वस्थ पर्यावरण का निर्माण), डिजिटल क्षेत्र (आईसीटी, डेटा, सॉफ्टवेयर, ऐनालिटिक्स और स्मार्ट मीटरिंग), व्यावसायिक क्षेत्र (पेशेवर सेवाएं, नियामक मानदंड, वित्तीय और कानूनी), तथा सामाजिक (नगर निकाय की सेवाएं, समुदाय आधारित डिजायन और सेवाएं, ई-गवर्नेंस, स्वास्थ्य सेवा) जो कि स्मार्ट शहरों के लिए भारत सरकार के ड्राफ्ट फ्रेमवर्क में उल्लेखित चार स्तंभों के अनुरूप हैं।

आगे की जानकारी:

  • ग्रेट फॉर कोलैब्रेशन एक नया महत्वाकांक्षी तथा विशिष्ट अभियान है, जो भारत- ब्रिटेन के वाणिज्यिक सहयोग को प्रमुखता से प्रदर्शित करता है। इस अभियान की शुरुआत, भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ के आह्वान के प्रत्युत्तर में की गई है। इस अभियान में नई भगीदारियों को प्रोत्साहन तथा समर्थन प्रदान किया जाएगा, तथा भारत के प्रति ब्रिटेन की प्रतिबद्धता के मानक पर बेहतर जागरुकता को प्रोत्साहित किया जाएगा। कुल मिलाकर, यह दोनों देशों के बीच व्यवसाय की संवृद्धि पर लक्षित है।

स्टुअर्ट ऐडम, निदेशक,
प्रेस और संचार
ब्रिटिश उच्चायोग,
चाणक्यपुरी, नई दिल्ली- 110021
टेलीफोन: 44192100; फैक्स: 24192411

जल्दी निवेश शुरू करने के लिए स्मार्ट विकल्पों को अपनायें

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टुडे एक्सप्रेस न्यूज़ । रिपोर्ट अजय वर्मा । गुरुग्राम, 01 September, 2022: एक व्यक्ति अपनी निवेश यात्रा के दौरान कई उतार-चढ़ावों से गुजरता है। जोखिम और निवेश को लेकर हर व्यक्ति की धारणा दूसरे से अलग होती है। निवेश को लेकर विभिन्न दृष्टिकोण (जैसे वैल्यू और ग्रोथ निवेश) हैं, जिसे एक निवेशक बाजार की स्थितियों और व्यक्तिगत प्राथमिकताओं के आधार पर अपना सकता है। हालांकि इन सबके बीच एक मंत्र जिसने सभी प्रकार के निवेशकों के लिए बेहतर काम किया है, वह है निवेश की यात्रा को जल्द से जल्द शुरू करना।

भारत उभरते बाजारों में से एक है और यहां युवाओं की उच्‍च आबादी निवास करती है। इसे देखते हुए, भारत में पिछले कुछ वर्षों में युवा निवेशकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। नए जमाने की ब्रोकरेज कंपनियों के मुताबिक, पहली बार निवेश करने वाले निवेशकों में से 70% से अधिक (उनके साथ जुड़े) 30 साल से कम उम्र के हैं।

इस बात के अलग-अलग कारण हैं जो यह बताते हैं कि क्यों बुद्धिमान निवेशक विकल्पों को अपनाकर जल्दी शुरुआत करना सबसे अच्छा काम है ताकि कोई व्यक्ति अपने पोर्टफोलियो पर सर्वाधिक रिटर्न अर्जित कर सकता है।

यहां कुछ टिप्स बताए गए हैं, जो कम उम्र से निवेश को प्रोत्साहित करती हैं:

चक्रवृद्धि का फायदा

किसी भी निजी निवेशक को शुरुआती निवेश से मिलने वाले पहले लाभों में से एक ‘चक्रवृद्धि प्रभाव’ है। सीधे शब्दों में कहें तो चक्रवृद्धि प्रभाव का मतलब किसी निवेश की उच्च रिटर्न अर्जित करने की क्षमता से है क्योंकि एक वर्ष के ब्याज/लाभांश को शुरुआती कोष में फिर से निवेश किया जा सकता है। इसलिए, किसी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निवेश में देरी करने का मतलब केवल यह होगा कि निवेशक को प्रति माह काफी राशि खर्च करनी पड़ सकती है। यह सेवानिवृत्ति योजना के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जब कोई निवेशक मासिक या वार्षिक चक्रवृद्धि ब्याज की एक निश्चित दर अर्जित करने के लिए एक व्यवस्थित निवेश योजना या एसआईपी बनाता है। इस मामले में, जल्दी की गई शुरुआत हमेशा एक उच्च रिटर्न (और पूंजी) के साथ समाप्त होगी।

अधिक जोखिम लेने की क्षमता
कई अध्ययनों से इस बात की पुष्टि होती है कि उम्र बढ़ने के साथ एक निवेशक की जोखिम लेने की क्षमता कम हो जाती है। इसके अलावा, उच्च जोखिम अक्सर निवेश पर अधिक रिटर्न की उम्मीद से जुड़ा होता है। जब कोई निवेशक जल्दी शुरू करता है, तो जोखिम लेने की क्षमता अधिक होती है; इसलिए, मल्टी-बैगर स्टॉक में निवेश किया जा सकता है, और निवेश के लिए विभिन्न अपरंपरागत क्षेत्रों का पता लगाया जा सकता है। इसके अलावा, कम जिम्मेदारियों के साथ एक निवेशक सीमित प्रारंभिक निवेशों से अच्छे रिटर्न के लिए इक्विटी या यहां तक कि एफएंडओ में ट्रेडिंग कर उच्च जोखिम उठाने के लिए तैयार हो सकता है।

कॅरियर की तरक्की के शुरुआती वर्षों के दौरान बचत और निवेश की आदतों में सुधार
स्टॉक मार्केट सिक्युरिटीज जैसे इक्विटी शेयर और बॉन्ड में व्यवस्थित या एकमुश्त निवेश शुरू करने से उन युवाओं में बचत की स्मार्ट आदत पैदा हो सकती है जिन्होंने हाल ही में कमाई शुरू की है। पहली बार कमाने वालों को पहली बार अपने बैंक खातों में नियमित रूप से धन की आमद को लेकर खुशी होती है। लेकिन निवेश को जल्दी शुरू करने से नकदी प्रवाह को प्रभावी रूप से व्यवस्थित करने में मदद मिलती है और आप गैर प्राथमिकता वाली वस्तुओं पर खर्च करने से बच जाते हैं। घर या कार खरीदने और उच्च शिक्षा की योजना बनाने जैसे दीर्घकालिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए उचित वित्तीय योजना महत्वपूर्ण है। निवेश यात्रा की शुरुआत में यह सुनिश्चित करने में मदद मिलती है कि आम तौर पर जीवन के बाद के चरण में आने वाली चुनौतियों को कम किया जाता है।

व्यवस्थित और छोटे आकार के निवेश
जब कोई व्यक्ति लंबी अवधि के निवेश के लिए योजना बनाता है तो प्रति माह या प्रति हफ्ते निवेश की जाने वाली राशि छोटी होती है और यह निवेशकों की सहूलियत के मुताबिक होती है। निवेशक के दिमाग में तात्कालिकता का समग्र स्तर सीमित होता है और वह उसी के मुताबिक समझदारी से भरा निर्णय लेता है। निवेशक बाजार में कम मात्रा में व्यवस्थित निवेश कर समान लक्ष्यों को पहले हासिल कर सकता है। शुरुआती निवेश हमेशा लंबी अवधि में फायदेमंद होती है।

सारांश
वैसे जो निवेशक जल्द ही निवेश की यात्रा शुरू करते हैं, वे परिष्कृत उपकरणों का इस्तेमाल कर बाजार का व्यापक विश्लेषण कर सकते हैं, जो मौलिक और द्वितीयक अनुसंधान पर आधारित होता है। किसी व्यक्ति की धारणा और आवश्यकताओं के अनुसार निवेश करना महत्वपूर्ण है, लेकिन निवेश के लक्ष्यों को प्राप्त करने, बजट तैयार करने और परिसंपत्ति विविधीकरण की शुरुआत में जल्दी शुरुआत करना निश्चित रूप से फायदेमंद होता है। समय-समय पर पुनर्संतुलन करना और अंततः उच्च रिटर्न का आनंद उठाना अन्य घटक हैं जो कम उम्र से निवेश शुरू करने की प्रवृत्ति का समर्थन करते हैं। श्री प्रभाकर तिवारी, सीजीओ, एंजेल वन लिमिटेड

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