बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन

Cryptocurrency Bill: भारत में बैन हुई क्रिप्टोकरेंसी तो देश की आठ फीसदी आबादी को लगेगा झटका, सरकार ने तैयार किया मसौदा!
नई दिल्ली। क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले भारतीयों के लिए बहुत बड़ी खबर सामने आ रही है। दरअसल क्रिप्टो बिल की खबर सामने आते ही लोगों की चिंता काफी बढ़ गई है। ऐसे में सवाल अब यह उठ रहा है कि यदि भारत में क्रिप्टोकरेंसी को बैन कर दिया गया, तो उन लोगों का क्या होगा, जिन्होंने भारी मात्रा में क्रिप्टों में निवेश किया है। सामने आई एक रिपोर्ट के अनुसार देश की लगभग आठ फीसदी आबादी ने अलग-अलग तरह की कई डिजिटल मुद्राओं में निवेश किया हुआ है।
दांव पर हजारों करोड़ रुपये
रिपोर्ट की माने तो भारत में 8 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जिन्होंन क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया हुआ है। निवेशकों ने करीब 70 हजार करोड़ रुपये वर्तमान में दुनियाभर में प्रचलित कई तरह की डिजिटल करेंसी में लगाए हुए है। इस तरह से यदि सरकार बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाती है तो यह दांव 70 हजार करोड़ रुपये लगा चुके भारतीय निवेशकों के लिए तगड़ा झटका साबित हो सकता है। बता दें कि साल 2009 में लॉन्च किए जाने के बाद साल 2013 तक सिर्फ बिटकॉइन ही एकमात्र डिजिटल करेंसी चलन में थी। धीरे-धीरे इस करेंसी का चलन बढ़ा और आज सात हजार से भी ज्यादा अलग-अलग तरह की करेंसी मार्केट में हैं। लेकिन दुनिया की सबसे लोकप्रिय डिजिटल मुद्रा अभी भी बिटक्वाइन ही बनी हुई है और इसके बाद इथेरियम का दूसरे नंबर पर है।
क्रिप्टाकरेंसी बिल का तैयार
कहा जा रहा है कि केंद्र की मोदी सरकार शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी बिल पेश करने वाली है। जिसके लिए मसौदा भी तैयार कर लिया गया है। खबर यह भी सामने आ रही है कि सरकार जल्द ही क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की तैयारियों में लगी हुई है। केंद्र सरकार इस शीतकालीन सत्र में 26 नए बिल को पेश करने वाली है। जिसमें तीन अध्यादेश भी शामिल होंगे। शीतकालीन सत्र के लिए जारी लेजिस्लेटिव एजेंडा से यह जानकारी दी गई है। जिसमें सबसे ज्यादा नजरें क्रिप्टोकरेंसी बिल पर ही टिकी हुई हैं।
बैन लगने पर होगा यह असर
कहा जा रहा है कि यदि सरकार क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े बिल ‘द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021’ के तहत भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने का फैसला करती है तो बिटक्वाइन समेत दूसरी सभी डिजिटल मुद्राओं निवेश करने वालों के लिए बड़ी परेशानी खड़ी हो सकती है।
RSS Chief dussehra speech: बिटकॉइन के बढ़ते चलन पर आरएसएस प्रमुख ने जताई चिंता, रेग्युलेशन की वकालत
भारत में निवेशकों के बीच बिटकॉइन (Bitcoin) जैसी क्रिप्टोकरेंसीज की दिवानगी बढ़ रही है। लेकिन इनके बारे में अभी कोई निश्चित गाइडलाइन नहीं है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (RSS Chief Mohan Bhagwat) ने देश और समाज के हित में इस तरह की चीजों पर रेग्युलेशन की वकालत की है।
आरएसएस प्रमुख ने बिटकॉइन के बढ़ते चलन पर चिंता जताई है।
हाइलाइट्स
- आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने बिटकॉइन पर चिंता जताई
- देश में युवाओं के बीच बिटकॉइन को लेकर की दिवानगी बढ़ रही है
- लेकिन इनके बारे में अभी देश में कोई निश्चित गाइडलाइन नहीं है
भागवत ने कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म (OTT Platform) में क्या-क्या दिखाया जा रहा है। इसका कोई मानक (Standard) नहीं हैं। कोरोना काल से हमारे बच्चों के हाथों में मोबाइल (Smartphone) आ गया और वे इस पर क्या देखते हैं, इस पर कोई नियंत्रण नहीं है। देश में नशीले पदार्थों (Drugs) बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन का सेवन बढ़ता जा रहा है। बिटकॉइन जैसी करेंसी पर किस राष्ट्र का, किस नियम का उस पर नियंत्रण है, मुझे नहीं पता। देश और समाज के हित में इन चीजों पर नियंत्रण करना जरूरी है।
क्रिप्टो पर कोई नियंत्रण नहीं
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी (Corona Pandemic) में हमने जो अच्छी आदतें अपनाई हैं, उन्हें इस महामारी के जाने के बाद भी जारी रखना चाहिए। कोरोना काल में जो विवाह हुए हैं वो कम खर्चे में हुए हैं। हमको फालतू का व्यय रोकना चाहिए। बचा हुआ पैसा रोटी, कपड़ा, मकान, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि में खर्च करना चाहिए। ड्रग्स पर पूरी तरह से बैन होना चाहिए। सरकारों को इसको पूरी तरह से रोकना चाहिए। सरकारें तो कर रही हैं लेकिन वक्त लगेगा। इसमें समाज को पहल करनी चाहिए।
देश में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अभी कोई निश्चित गाइडलाइन (Guideline on Cryptocurrency) नहीं है। 2018 में सरकार ने एक सर्कुलर के जरिए क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पूरे प्रकरण की सुनवाई करते हुए सर्कुलर पर रोक लगाने के साथ इसे मान्यता दे दी थी। तब सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को डिजिटल करेंसी (Digital Currency) पर कानून बनाने के लिए कहा था। सरकार अब क्रिप्टोकरेंसीज पर ड्राफ्ट बिल बना रही है। माना जा रहा है कि इसके बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
क्रिप्टो को लेकर बढ़ रही है दीवानगी
भारत में निवेशकों के बीच क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दिवानगी बढ़ रही है। निवेशक बिटकॉइन को नए जमाने का सोना मान रहे हैं। चाइनालिसिस (Chainalysis) के मुताबिक क्रिप्टोकरेंसी में भारत में निवेश एक साल में 20 करोड़ डॉलर से बढ़कर 40 अरब डॉलर पहुंच गया है। देश में 1.5 करोड़ से ज्यादा ऐसे निवेशक हैं, बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन जो डिजिटल कॉइन (digital coin) खरीद और बेच रहे हैं। क्रिप्टो में निवेश में ज्यादा दिलचस्पी 18 से 35 साल के लोग दिखा रहे हैं।
एक गलती और लोगों के खातों में पहुंची 650 करोड़ की Cryptocurrency, जानें फिर क्या हुआ?
लंदन। क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) बेचने वाली एक कंपनी से ऐसी गलती हो गई कि अब उसके CEO को लोगों से अपील (Appeal to the people to the CEO) करनी पड़ रही है. दरअसल, कंपनी ने गलती से कई यूजर्स के खातों में लगभग 90 मिलियन डॉलर की क्रिप्टोकरेंसी(90 million dollar cryptocurrency) भेज दी और अब उसकी वापसी के लिए लोगों से अनुरोध किया जा रहा है. बता बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन दें कि क्रिप्टोकरेंसी(cryptocurrency) का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है. खासतौर पर कोरोना (Corona) काल में निवेश के नए विकल्प के रूप में लोगों ने इसमें जमकर पैसा लगाया है.
खबरों के अनुसार, मशहूर क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म(cryptocurrency platform) कंपाउंड (Compound) ने हाल ही में बताया कि एक बग ने यूजर्स को गलती से लगभग 90 मिलियन डॉलर (लगभग 650 करोड़ रुपये) की क्रिप्टोकरेंसी भेज दी. जिसे वापस लेने के लिए कंपनी के सीईओ ने यूजर्स से अनुरोध किया है. यह सब तब हुआ बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन जब बिना इन्वेस्ट किए ही यूजर्स के खाते में ये क्रिप्टोकरेंसी पहुंच गई.
यह भी पढ़ें | क्रिप्टो एक्सचेंज की तबाही से भारत में भी भय का माहौल, देश में क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं
कंपनी के सीओ रॉबर्ट लेशनर ने अपने ट्वीट में कहा है कि यदि आपको कंपाउंड प्रोटोकॉल त्रुटि से एक बड़ी, गलत राशि प्राप्त हुई है तो कृपया इसे कंपाउंड टाइमलॉक पर वापस कर दें. इसके साथ ही उन्होंने लोगों को रेवेन्यू सर्विस को रिपोर्ट करने की चेतावनी भी दी है. बताया जा रहा है कि डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस प्लेटफॉर्म ‘कंपाउंड’ में अपडेट के बीच एक तकनीकी गलती की वजह से उसके कई यूजर्स को गलती से क्रिप्टोकरेंसी भेज दी गई.
पिछले कुछ समय से क्रिप्टोकरेंसी का चलन काफी तेजी से बढ़ा है. भारत में भी इनमें निवेश करने वालों की संख्या बढ़ रही है. करीब तीन साल पहले रिजर्व बैंक ने बिटकॉइन, एथेरियम, डॉगकॉइन जैसी तमाम क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रतिबंध को हटाने का आदेश दिया, जिसके बाद बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन इसमें निवेश में इजाफा हुआ. बताया जा रहा है कि क्रिप्टोकरेंसी में जमकर हो रहे निवेश को देखते हुए अब इस पर बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन कई चरणों में टैक्स लगाने की तैयारी हो रही है. बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल मुद्रा है जिससे सिर्फ ऑनलाइन लेनदेन किया जा सकता है.
Cryptocurrency पर सरकार विचार करने को तैयार, बिल भी लाने की है बात
Cryptocurrency in India: क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है, जो ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर बेस्ड है. इस करेंसी में कोडिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है.
सरकार क्रिप्टो करेंसी पर कुछ और कानून बनाने पर विचार कर रही है. (रॉयटर्स)
Cryptocurrency in India: दुनिया के कई देशों में अलग-अलग क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) चलन में हैं. इनमें बिटकॉइन का नाम काफी पॉपुलर है. ठीक इसी तरह की एक क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अब बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन भारत में भी चर्चा हो रही है. इसको लेकर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने कहा है कि सरकार प्रशासन में सुधार के लिए क्रिप्टोकरेंसी सहित नई टेक्नोलॉजी पर विचार करने को तैयार है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री ने उद्यमियों के संगठन ईओ पंजाब की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद प्रशासन के विभिन्न पहलुओं में टेक्नोलॉजी को अपनाने के मजबूत समर्थक हैं.
इनोवेशन और नई टेक्नोलॉजी का स्वागत (Innovation and new technology welcome)
खबर के मुताबिक, उन्होंने कहा कि मैं कहना चाहता हूं कि हम इनोवेशन और नई टेक्नोलॉजी का स्वागत करते हैं. ब्लॉकचेन एक नई उभरती हुई तकनीक है. क्रिप्टोकरेंसी वर्चुअल करेंसी (Virtual currency) का एक रूप है. मेरा दृढ़ विश्वास है कि हमें हमेशा खुले दिमाग से नए विचारों का मूल्यांकन, खोज और प्रोत्साहन करना चाहिए. इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा था कि सरकार अभी भी क्रिप्टोकरेंसी पर अपनी राय तैयार कर रही है.
सरकार बिल भी ला सकती है (The government can also bring the bill)
इससे पहले पिछले दिनों खबर आई कि क्रिप्टो करेंसी पर केंद्र सरकार (Central Government) जल्द ही बिल ला सकती है. इस बारे में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने ही जानकारी दी थी. उन्होंने कहा था कि सरकार का मानना है कि देश में क्रिप्टो करेंसी (crypto currency) के लिए पर्याप्त कानून नहीं है. ऐसे में सरकार क्रिप्टो करेंसी पर कुछ और कानून बनाने पर विचार कर रही है.
क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी (What is cryptocurrency)
क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है, जो ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर बेस्ड है. इस करेंसी में कोडिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है. इसके जरिए करेंसी के ट्रांजेक्शन का पूरा लेखा-जोखा होता है, जिससे इसे हैक करना बहुत मुश्किल है.
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RSS Chief dussehra speech: बिटकॉइन के बढ़ते चलन पर आरएसएस प्रमुख ने जताई चिंता, रेग्युलेशन की वकालत
भारत में निवेशकों के बीच बिटकॉइन (Bitcoin) जैसी क्रिप्टोकरेंसीज की दिवानगी बढ़ रही है। लेकिन इनके बारे में अभी कोई निश्चित गाइडलाइन नहीं है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (RSS Chief Mohan Bhagwat) ने देश और समाज के हित में इस तरह की चीजों पर रेग्युलेशन की वकालत की है।
आरएसएस प्रमुख ने बिटकॉइन के बढ़ते चलन पर चिंता जताई है।
हाइलाइट्स
- आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने बिटकॉइन पर चिंता जताई
- देश में युवाओं के बीच बिटकॉइन को लेकर की दिवानगी बढ़ रही है
- लेकिन इनके बारे में अभी देश में कोई निश्चित गाइडलाइन नहीं है
भागवत ने कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म (OTT Platform) में क्या-क्या दिखाया जा रहा है। इसका कोई मानक (Standard) नहीं हैं। कोरोना काल से हमारे बच्चों के हाथों में मोबाइल (Smartphone) आ गया और वे इस पर क्या देखते हैं, इस पर कोई नियंत्रण नहीं है। देश में नशीले पदार्थों (Drugs) का सेवन बढ़ता जा रहा है। बिटकॉइन जैसी करेंसी पर किस राष्ट्र का, किस नियम का उस पर नियंत्रण है, मुझे नहीं पता। देश और समाज के हित में इन चीजों पर नियंत्रण करना जरूरी है।
क्रिप्टो पर कोई नियंत्रण नहीं
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी (Corona Pandemic) में हमने जो अच्छी आदतें अपनाई हैं, उन्हें इस महामारी के जाने के बाद भी जारी रखना चाहिए। कोरोना काल में जो विवाह हुए हैं वो कम खर्चे में हुए हैं। हमको फालतू का व्यय रोकना चाहिए। बचा हुआ पैसा रोटी, कपड़ा, मकान, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि में खर्च करना चाहिए। ड्रग्स पर पूरी तरह से बैन होना चाहिए। सरकारों को इसको पूरी तरह से रोकना चाहिए। सरकारें तो कर रही हैं लेकिन वक्त लगेगा। इसमें समाज को पहल करनी चाहिए।
देश में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अभी कोई निश्चित गाइडलाइन (Guideline on Cryptocurrency) नहीं है। 2018 में सरकार ने एक सर्कुलर के जरिए क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पूरे प्रकरण की सुनवाई करते हुए सर्कुलर पर रोक लगाने के साथ इसे मान्यता दे दी थी। तब सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को डिजिटल करेंसी (Digital Currency) पर कानून बनाने के लिए कहा था। सरकार अब क्रिप्टोकरेंसीज पर ड्राफ्ट बिल बना रही है। माना जा रहा है कि इसके बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
क्रिप्टो को लेकर बढ़ रही है दीवानगी
भारत में निवेशकों के बीच क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दिवानगी बढ़ रही है। निवेशक बिटकॉइन को नए जमाने का सोना मान रहे हैं। चाइनालिसिस (Chainalysis) के मुताबिक क्रिप्टोकरेंसी में भारत में निवेश एक साल में 20 करोड़ डॉलर से बढ़कर 40 अरब डॉलर पहुंच गया है। देश में 1.5 करोड़ से ज्यादा ऐसे निवेशक हैं, जो डिजिटल कॉइन (digital coin) खरीद और बेच रहे हैं। क्रिप्टो में निवेश में ज्यादा दिलचस्पी 18 से 35 साल के लोग दिखा रहे हैं।