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विदेशी मुद्रा व्यापार के प्रकार

विदेशी मुद्रा व्यापार के प्रकार
विदेशी मुद्रा भंडार देश के रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं, विदेशी मुद्रा व्यापार के प्रकार जिनका उपयोग जरूरत पड़ने पर देनदारियों का भुगतान करने में किया जाता है। पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार एक स्वस्थ विदेशी मुद्रा व्यापार के प्रकार अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। इसका उपयोग आयात को समर्थन देने के लिए आर्थिक संकट की स्थिति में भी किया जाता है। कई लोगों को विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी का मतलब नहीं पता होगा तो, हम उन्हें बता दें, किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी अच्छी बात होती है। इसमें करंसी के तौर पर ज्यादातर डॉलर होता है यानि डॉलर के आधार पर ही दुनियाभर में कारोबार किया जाता है। बता दें, इसमें IMF में विदेशी मुद्रा असेट्स, स्वर्ण भंडार और अन्य रिजर्व शामिल होते हैं, जिनमें से विदेशी मुद्रा असेट्स सोने के बाद सबसे बड़ा हिस्सा रखते हैं।

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विदेशी मुद्रा कार्ड दरें

100 इकाइयों के लिए उद्धृत जेपीवाई को छोड़कर विदेशी मुद्रा की एक इकाई के लिए रुपयों में उद्धृत दरें है.

दिनांक 05/12/2022 को 12:30 PM बजे की कार्ड दर

  • प्रीपेड विदेशी मुद्रा कार्ड क्रय दर
  • प्रीपेड विदेशी मुद्रा कार्ड बिक्री दर
  • सौ इकाई में जेपीवाय की सांकेतिक दरें
  • इस प्रकाशन में शामिल सभी दरें सांकेतिक हैं और मौजूदा बाजार के अनुरूप परिवर्तित होंगी.

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विदेशी व्यापार किसे कहते हैं इसका क्या महत्व है ?

मनुष्य की आवश्यकताएँ अनन्त हैं। कुछ आवश्यकता की वस्तुए तो देश में ही प्राप्त हो जाती है तथा कुछ वस्तुओं को विदेशों से मंगवाना पड़ता है। भोगोलिक परिस्थितियों के कारण प्रत्येक देश सभी प्रकार की वस्तुए स्वयं पैदा नहीं कर सकता है। किसी देश में एक वस्तु की कमी है तो दूसरे देश में किसी दूसरी वस्तु की। इस कमी को दूर करने के लिए विदेशी व्यापार का जन्म हुआ है।


दो देशों के मध्य होने वाले वस्तुओं के परस्पर विनिमय या आदान’-प्रदान को विदेशी व्यापार कहते हैं। जो देश माल भजेता है उसे निर्यातक एवं जो देश माल मंगाता है उसे आयातक कहते हैं एवं उन दोनों के बीच होने वाल े आयात-निर्यात को विदेशी व्यापार कहते हैं।

विदेशी मुद्रा भंडार और गोल्ड रिजर्व में फिर छाया गिरावट का दौर

Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। देश में जितना भी विदेशी मुद्रा भंडार और स्वर्ण भंडार जमा होता है, उसके आंकड़े समय-समय पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किए जाते हैं। इन आंकड़ों में उतार-चढ़ाव होता रहता है। काफी समय तक विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) में बढ़त दर्ज होने के बाद अब एक बार फिर इसमें बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। उधर स्वर्ण भंडार (Gold Reserves) में भी इस बार गिरावट दर्ज हुई है। इस बात का खुलासा RBI द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों से हुआ है। बता दें, यदि विदेशी मुद्रा परिस्थितियों में बढ़त दर्ज की जाती है तो, कुल विदेशी विनिमय भंडार में भी बढ़त दर्ज होती है।

विदेशी मुद्रा व्यापार के गुण

आइए हम एक विदेशी मुद्रा मुद्रा व्यापार की विशिष्ट विशेषताओं को देखें। ओवर-द-काउंटर प्रकृति के कारण, मुद्रा बाजार एक डॉलर या यूरो दर में व्यापार नहीं करता है, बल्कि केवल उस विशेष बाजार पर लागू दरों की एक अलग संख्या में व्यापार करता है। कोई केंद्रीय घर या हब या एक्सचेंज या क्लियरिंग हाउस नहीं है क्योंकि व्यापारी इस ओटीसी प्रकृति के कारण प्रत्येक के साथ सीधे सौदा करते हैं। आमतौर पर ये दरें एक दूसरे के करीब होती हैं; अन्यथा आर्बिट्राजर्स कहे जाने वाले विशेष व्यापारी दरों में अंतर का फायदा उठाते हैं और इससे भारी मुनाफा कमाते हैं। दुनिया भर में मुख्य व्यापारिक केंद्र लंदन, न्यूयॉर्क, टोक्यो और सिंगापुर में हैं।

जैसे-जैसे समय क्षेत्र भिन्न होते हैं,

व्यापार लगभग 24 घंटे एक दिन किया जाता है। दर में उतार-चढ़ाव मुद्रास्फीति, बैंकों की ब्याज दरों, सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि, व्यापार घाटे और अधिशेष, सीमा पार एम एंड ए सौदों, आर्थिक स्थितियों, वित्तीय स्वास्थ्य और कुछ अन्य मैक्रो आर्थिक स्थितियों में परिवर्तन के कारण होता है।

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