शेयर मार्केट के फायदे

शेयर बाजार के कार्य, विशेषताएँ, लाभ, सीमाये/दोष
शेयर बाजार से आशय उस बाजार से है जहां नियमित कम्पनीयों के अंशपत्र, ऋणपत्र, प्रतिभूति, बाण्ड्स आदि का क्रय विक्रय होता है। शेयर बाजार एक संघ, संगठन या व्यक्तियों की संस्था है जो प्रतिभूतियों के क्रय-विक्रय या लेनदेन के उद्देश्य हेतु सहायक शेयर मार्केट के फायदे नियमन व नियंत्रण के लिए स्थापित किया जाता है फिर चाहे वह निर्गमीत हो या न हो।
शेयर बाजार के कार्य
1. अनवरत बाजार उपलब्ध कराना- शेयर बाजार सूचीबद्ध प्रतिभूतियों के नियमित एवं सुविधापूर्ण क्रय-विक्रय के लिए एक स्थान है। शेयर बाजार विभिन्न अंशों, ऋणपत्रों, बॉण्ड्स एवं सरकारी प्रतिभूतियों के लिए तात्कालिक एवं अनवरत बाजार उपलब्ध कराता है इसके माध्यम से प्रतिभूतियों के क्रय-विक्रय मे उच्च कोटि की तरलता पाई जाती हैं क्योंकि इसके धारक जब भी चाहें, अपनी प्रतिभूतियों का नकद भुगतान प्राप्त कर सकते हैं।
2. मूल्य एवं विक्रय सम्बन्धी सूचना प्रदान करना-एक शेयर बाजार विभिन्न प्रतिभूतियो के दिन-प्रतिदिन के लेने देन का पूर्ण विवरण रखता है और शेयर मार्केट के फायदे शेयर मार्केट के फायदे मूल्य एवं विक्रय की मात्रा की नियमित सूचना प्रेस एवं अन्य संचार माध्यमों को देता रहता है वास्तव मे आजकल आप टी.वी. चैनल जैसे-सी.एन.बी.सी. जी न्यूज, एन.डी.टी.वी. और मुख्य खबरों (हेड लाइन) के माध्यम से विशिष्ट अंशों के विक्रय की मात्रा एवं मूल्यों के सम्बन्ध मे मिनट-मिनट की जानकारी प्राप्तर कर सकते है। यह निवेशकों को उन प्रतिभूतियों के क्रय-विक्रय के सम्बन्ध में शीघ्र निर्णय लेने की सुविधा प्रदान करता है जिनके लेनदेन में वे इच्छुक है।
3. लेनदेन एवं निवेश में सुरक्षा प्रदान करना- शेयर बाजार में लनेदेन केवल उनके सदस्यों के मध्य पर्याप्त पारदर्शिता एवं नियमों विनियमों के कठोर मापदंड के अंतर्गत, जिसमें सुपुर्दगी व भुगतान का समय और प्रक्रिया भी निश्चित होती है, संपन्न होते है। यह शेयर बाजार में हुए लेनदेनों को उच्च कोटि की सुरक्षा प्रदान।
4. बचत की गतिशीलता एवं पॅूंजी नियंत्रण में सहायक- शेयर बाजार का कुशल कार्यप्रणाली एक सक्रिय एवं विकासशील प्राथमिक बाजार के लिए उपयोगी वातावरण का सृजन करती है स्कंध बाजार का अच्छा कार्य निष्पादन और अंशों के प्रति रूख नये निर्गमन बाजार को तेजी प्रदान करता है जिससे बचत को व्यावसायिक एवं औद्योगिक उपक्रमो में निवेश करने में गतिशीलता आती है केवल यही नहीं, बल्कि शेयर बाजार अंशों व ऋण-पत्रो के निवेश एवं लेनदेन में तरलता एवं लाभप्रदता प्रदान करता है।
5. कोष का उचित आबंटन- शेयर बाजार लेनदेन प्रक्रिया के फलस्वरूप कोषों का प्रवाह कम लाभ के उपक्रमों से अधिक लाभ के उपक्रमों की ओर होता है और उन्हें विकास का अधिक अवसर प्राप्त होता है अर्थव्यवस्था के वित्तीय स्त्रोतों का इस प्रकार से श्रेष्ठ आबंटन होता है।
अपनाएं ये दस तरीके, शेयर मार्केट में कभी नहीं होगा नुकसान
रातों रातों अमीर हर कोई बनना चाहता, मगर बन सिर्फ मुठ्ठी भर लोगों का ये सपना पूरा हो पाता है। इस तरह से अमीर बनने के लिए किस्मत और धैर्य और ज्ञान तीनों की जरूरत होती है।
शेयर मार्केट ने ना जाने कितने लोगों को आबाद कर दिया और ना जाने कितनी जिंदगियां महज कुछ सेकेंडों में बर्बाद कर दी
रातों रातों अमीर हर कोई बनना चाहता, मगर बन सिर्फ मुठ्ठी भर लोगों का ये सपना पूरा हो पाता है। इस तरह से अमीर बनने के लिए किस्मत, धैर्य और ज्ञान तीनों की जरूरत होती है। वैसे तो रातों रात अमीर बनने के कई रास्ते हैं पर , अगर सही रास्ते की बात करें तो वो कुछ ही हैं और उनमें से एक है शेयर बाजार। शेयर बाजार यानी सही जगह पैसा लगाओ और रातों रात अमीर बन जाओ। खैर शेयर मार्केट ने ना जाने कितने लोगों को आबाद कर दिया और ना जाने कितनी जिंदगियां महज कुछ सेकेंडों में बर्बाद कर दी। जो आबाद हो गए उन्होंने शेयर मार्केट को एक जुआ ना समझ इसकी गणित समझी, और जो बर्बाद हुए उन्होंने से इसे जुआ समझ अंधाधुंध पैसा लगाया और पलक झपकते ही उसे गंवा दिया। हम आपको उन दस चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके चलते आप शेयर मार्केट में पैसा इंवेस्ट कर राज बन जाएंगे, रंक नहीं।
धैर्य बरतें
कोई भी किला, सल्तनत रातों रात नहीं बनती, हर चीज में समय लगता है। किसी भी कंपनी के शेयर में इवेंस्ट करने के बाद अगर आप ये सोचें की कल आप लखपती हो जाएंगे तो आप बिलकुल गलत सोच रहे हैं। शेयर में इंवेस्ट करते समय सबसे बड़ी चीज जो आपको सफल बनाएगी वो है धैर्य। इंवेस्टमेंट करने के बाद धैर्य बहनाए रखें, देखें शेयर के दाम कितनी तेजी से बढ़ और घट रहे हैं और फिर सही समय आने पर उसे बेंच दे।
वैल्यू पर ध्यान दें
क़ॉमन स्टॉक्स के लेखक फिलिप फिशर ने कहा था कि शेयर मार्केट में उन लोगों की तादाद ज्यादा है जो हर शेयर की कीमत तो जानते हैं, मगर उसकी वैल्यू नहीं। एक कंपनी की शेयर की वैल्यू उसके कीमत से ज्यादा बड़ी है, क्यों की जितनी के उस प्रोडक्ट की वैल्यू होगी, उतनी ही ज्यादा शेयर मार्केट में वो शेयर लंबा टिकेगा और आपके नुकसान होने के आसार भी कम होंगे।
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कंपनी के प्रोडक्ट का फ्यूचर देखकर इंवेस्ट करें
अक्सर होता है कि हम किसी बड़ी कंपनी के किसी नए प्रोडक्ट के आते ही बिना उसकी जांच परख के शेयर मार्केट के फायदे उसपर इंवेस्ट कर देते हैं। ऐसे में जरूरी नहीं है कि उस कंपनी के इस नए प्रोडक्ट की वैल्यू भी आगे चलकर उतनी ही बड़ी हो जितनी उसके बाकी प्रोडक्ट की हो । ऐसे में बिना जाने पहचाने कहीं पर भी इंवेस्ट करने पर आपको नुकसान झेलना पड़ सकता है।
भविष्य के साथ भूत पर भी ध्यान दें
भविष्य अगर दूसरा छोर हैं तो भूतकाल पहला छोर। अगर किसी भी कंपनी का पुराना रिकॉर्ड ठीक ना हो और उसके किसीभी नए प्रोडक्ट पर जिसने फिलहाल मार्केट में अपने नाम का डंका बजा रखा है, उलपर इंवेंस्ट करने प आपको नुकसान हो सकता है। इसलिए किसी भी कंपनी के शेयर खरीदने से पहले उसकी क्रेडिबिलिटी चेक कर लें।
मार्केट को समझें
शेयर मार्केट जुए से ज्यादा मार्केट को समझने का खेल है। सही समय परल सही जगह पर इंवेस्ट करना ही सफलता का एकमात्र मूलमंत्र है। अगर सही समय पर सही जगह इंवेस्ट करने के बाद , सही समय पर अपना पैसा निकालना जानते हैं तो आपको कोई दिक्कत नहीं हो सकती है औऱ आप कभी नुकसान नहीं झेंलेंगे।
खुद को समझें
शेयर मार्केट, शेयर की कीमत, प्रोडक्ट वैल्यू ये सब समझने से पहले आपको जरूरत है कि आप खुद को समझें, और जाने की आपमें क्या अच्छा या बुरा है। ये समझें की आप कितना रिस्क ले सकतें हैं और कितना अपने इमोशन पर काबू रख सकते हैं।
मार्केट को समझें
खुद को समझने के बाद अगर आप शेयर मार्केट में पैसा लगाना चाहते हैं तो पैसा लगाने से पहले शेयर मारेकट को समझें। शेयर मार्केट की कार्यप्रमाली को समझें और देखें की किस तरह का रिस्क है, कितना रिस्क है, कितना नुकसान है कितना फायदा है और इसके बाद ही आप शेयर मार्केट में पूरे दमखम के साथ उतरें।
विजेताओं से सीखें
शेयर मार्केट के खेल में कोई आपको कुछ नहीं बताएगा, आप को सबकुछ खुद ही समझना पड़ेगा। इस केस में आप शेयर मार्केट के चैंपियनों को पढ़े उनके हर मूव को करीब से देखें और फिर उसी तरह काम करें।
प्लान करें
शेयर मार्केट में यूं ही पैसा ना झोंक दें। इसके लिए प्लान करें, समझें कि किस समय आपको किस शेयर पर पैसा लगाकर उसे कितने में खरीदना है औऱ किस वक्त आपको उसे किस कीमत पर बेंच देना है। इस तरह से आप नुकसान के रिस्क को किसी तरह कम कर पाएंगे।
नुकसान से सीखें
पुरानी कहावत है कि शेयर बाजार में आपका पहला नुकसान सबसे छोटा नुकसान होता है। इसलिए नुकसान पर कभी भी इतना ज्यादा परेशान ना हों, उससे सीख लें और आगे बढ़ जाएं। वहीं प्राफिट होने पर बहुत ज्यादा उत्साहित ना हों।
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विदेशी बाजार में निवेश के क्या हैं फायदे?
अपने शेयर मार्केट के फायदे पोर्टफोलियो को डायवर्सिफार्इ करने का एक तरीका विदेशी बाजारों में निवेश करना है.
2. विदेश में निवेश करने से कर्इ तरह के दमदार उद्योगों और कंपनियों में निवेश के रास्ते खुल जाते हैं. ये कंपनियां घरेलू बाजार में लिस्ट नहीं होती है. इस तरह इन कंपनियों के शानदार प्रदर्शन का फायदा आप नहीं उठा पाते हैं.
3. इसका एक और बड़ा फायदा यह है कि आपको मुद्रा में उतार-चढ़ाव के जोखिम से राहत मिलती है. आपको अपने निवेश पर रिटर्न डॉलर में मिलता है. रुपये में गिरावट होने पर विदेशी मुद्रा में निवेश का मूल्य बढ़ जाता है. इसका आपको दोहरा फायदा होता है.
4. भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के अनुसार, लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (एलआरएस) के तहत किसी भारतीय नागरिक को विदेश में हर साल 2,50,000 डॉलर तक निवेश करने की छूट है.
5. विदेशी बाजार में निवेश घरेलू ब्रोकरों के जरिए किया जा सकता है. इनका अंतरराष्ट्रीय ब्रोकरों के साथ करार होता है. अंतरराष्ट्रीय ब्रोकरों के जरिए सीधे भी निवेश किया जा सकता है. एक और विकल्प म्यूचुअल फंडों का है. कर्इ म्यूचुअल फंड विदेशी बाजार में निवेश करते हैं. इनके जरिए भी आप विदेशी शेयरों में निवेश कर सकते हैं.
इस पेज की सामग्री सेंटर फॉर इंवेस्टमेंट एजुकेशन एंड लर्निंग (सीआईईएल) के सौजन्य से. गिरिजा गादरे, आरती भार्गव और लब्धि मेहता का योगदान.
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शेयरों में पैसा लगाने के लिए सिप का करें इस्तेमाल, होंगे ये फायदे
सिप के रास्ते निवेश करने से जोखिम घटता है. साथ ही आप अनुशासित तरीके से निवेश कर पाते हैं.
जब बाजार में हलचल ज्यादा होती है, तब सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए निवेश करने की सलाह दी जाती है.
निवेश से जुड़ा जोखिम घटता है
कुल मिलाकर कहें तो सिप के रास्ते निवेश करने से जोखिम घटता है. साथ ही आप अनुशासित तरीके से निवेश कर पाते हैं. नतीजतन, शेयर मार्केट के फायदे आप नियमित रूप से बचत करते हैं. इससे लंबी अवधि में पैसा बनाने में मदद मिलती है.
यह खासतौर से उन निवेशकों के लिए बहुत अच्छा है जो अधिक जोखिम उठाना पसंद नहीं करते हैं. सिप का इस्तेमाल आमतौर पर म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए होता है. इसमें आप पहले से तय समय पर किसी फंड की नेट एसेट वैल्यू (NAV) खरीदते हैं. सिप से आपको औसत कीमत पर म्यूचुअल फंड की यूनिट खरीदने में मदद मिलती है.
जानकारों का कहना है कि शेयर बाजार में तब तक उतार-चढ़ाव बना रह सकता है, जब तक मैक्रो लेवल पर कंपनियों की प्रॉफिट ग्रोथ नहीं बढ़ती है. इन हालातों में शेयरों में सीधे निवेश करने वाले नियमित अंतराल पर सिप के जरिए निवेश कर सकते हैं.
घटती है शेयर खरीदने की लागत
इससे उन्हें शेयर खरीदने की लागत कम करने में मदद मिलेगी. ज्यादातर ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म शेयरों में सीधे निवेश के लिए सिप की सुविधा देते हैं. इसमें आप तय अवधि के लिए नियमित अंतराल पर किसी कंपनी के तय शेयर या उसमें तय रकम लगा सकते हैं.
ब्रोकरेज फर्म को एक बार सूचना देने के बाद सिप अपने-आप होता रहता है. आप अपनी सुविधा के हिसाब से शेयरों में साप्ताहिक, हर पखवाड़े या मासिक आधार पर निवेश कर सकते हैं.
मसलन, कोई निवेशक हर महीने किसी कंपनी के 10 शेयर या उसमें 5,000 रुपये लगाने का फैसला कर सकता है. अगर आपकी तरफ से तय तारीख को शेयर की कीमत 250 रुपये है तो 10 शेयर खरीदने पर आपका खर्च 2,520 रुपये आएगा.
दूसरी तरफ, अगर आप हर महीने 5,000 रुपये निवेश का विकल्प चुनते हैं तो कंपनी के 19 शेयर मिलेंगे. इसमें पहले से तय 5,000 रुपये की रकम में से 4,788 रुपये का इस्तेमाल होगा. यह उदाहरण सिर्फ इसलिए लिया गया ताकि आप सिप को अच्छी तरह समझ सकें. इसमें ब्रोकरेज हाउस की फीस या कमीशन शामिल नहीं है.
500 करोड़ रुपये से अधिक के मार्केटकैप वाले 900 शेयरों का विश्लेषण हमने इसका पता लगाने के लिए किया कि एकमुश्त निवेश की तुलना में सिप निवेश से किन शेयरों ने एक, दो और तीन साल में कहीं अधिक रिटर्न दिया है. इसके लिए हर महीने की आखिरी ट्रेडिंग तारीख को क्लोजिंग प्राइस माना गया है. आंकड़े अगस्त 2014 के बाद के हैं.
इसमें माना गया है कि हर महीने 10 शेयर खरीदे गए. इन खरीदे गए शेयर मार्केट के फायदे सभी शेयरों की 19 अगस्त, 2019 की वैल्यू को निवेश की अंतिम रकम माना गया है. सिप रिटर्न के लिए सालाना IRR और एकमुश्त निवेश के लिए चक्रवृद्धि दर (CAGR) को रिटर्न का पैमाना बनाया गया.शेयर मार्केट के फायदे
आइए, इसके लिए अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइजेज में तीन साल के सिप का विश्लेषण करते हैं. 36 महीने यानी अगस्त 2016 से जुलाई 2019 के बीच हर महीने कंपनी के 10 शेयर खरीदे गए. 19 अगस्त 2019 को अपोलो का शेयर भाव 1,484 रुपये था. इसलिए इस दौरान निवेश की कुल वैल्यू 5.34 लाख रुपये हुई. इसमें सालाना सिप IRR 15 फीसदी बैठता है.
दूसरी तरफ, अगस्त 2016 में आपने कंपनी के 360 शेयर एक साथ खरीदे होते तो कुल वैल्यू 4.85 लाख रुपये होती. कारण है कि तब इसके शेयर 1,348.85 रुपये पर मिल रहे थे. इसमें तीन साल का सीएजीआर 3.2 फीसदी होता है.
हमने 18 ऐसे शेयरों का पता लगाया जिन्होंने एकमुश्त निवेश की तुलना में कहीं अधिक सिप रिटर्न दिया है. इनमें हम चार शेयरों का जिक्र कर रहे हैं. इनकी बुनियादी बातें अच्छी हैं. लेकिन, ज्यादा वैल्यूएशन के कारण शेयर भाव में उठापटक हो सकती है. सिप का अधिक फायदा तभी होता है जब शेयर के दाम में भी उतार-चढ़ाव ज्यादा हो.
छोटे लेकिन नियमित निवेश से मिलता है ज्यादा रिटर्न
एशियन पेंट्स
कंपनी के जून तिमाही के नतीजे अच्छे रहे. लेकिन, विश्लेषकों का कहना है कि अभी इसके शेयरों का जो वैल्यूएशन है, उसमें कंपनी की अनुमानित ग्रोथ का असर पड़ चुका है. वहीं, बाजार में भी बहुत हलचल नहीं दिख रही है. इसके शेयर पहले ही ब्लूमबर्ग के कंसेंसस एस्टिमेट को पार कर चुके हैं. लिहाजा, भविष्य में एशियन पेंट्स के शेयर भाव में उतार-चढ़ाव बने रहने की संभावना है.
मैरिको
कंपनी की मार्केट लीडरशिप बनी हुई है. इसकी वॉल्यूम ग्रोथ घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार दोनों में जून तिमाही में अच्छी रही. इसमें सिप रूट से निवेश करना फायदेमंद हो सकता है. विश्लेषकों का कहना है कि कंपनी के शेयर अभी जिस वैल्यूएशन पर मिल रहे हैं, उसमें मैरिको की लॉन्ग टर्म ग्रोथ पर असर पड़ चुका है. उनका यह भी कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कंपनी के प्रदर्शन में उतार-चढ़ाव हो सकता है.
पिडिलाइट इंडस्ट्रीज
जून 2019 तिमाही में कंपनी की वॉल्यूम ग्रोथ में रिकवरी हुई. कंपनी ने प्रोडक्टों के दाम भी बढ़ाए हैं. इससे आने वाले समय में उसके मुनाफे में अच्छी बढ़ोतरी हो सकती है. आईसीआईसीआई डायरेक्ट का मानना है कि कंपनी के मौजूदा शेयर भाव पर आमदनी और मुनाफे में तेज अनुमानित ग्रोथ, मजबूत बैलेंसशीट और स्वस्थ रिटर्न रेशियो का असर पड़ चुका है.
एसआरएफ
इस कंपनी का भी जून तिमाही का नतीजा बढ़िया रहा. ब्रोकरेज फर्म एडलवाइज की हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि एसआरएफ के केमिकल बिजनेस की ग्रोथ में आने वाले समय में भी तेजी बनी रहेगी.
विदेश में कंपनी पैकेजिंग फिल्म्स बिजनेस का विस्तार कर रही है. इससे भी उसे फायदा होगा. हालांकि, पैकेजिंग फिल्म्स बिजनेस में ओवरसप्लाई की आशंका भी बनी हुई है. दूसरी तरफ, ऑटो सेक्टर की सुस्ती से कंपनी के बिजनेस पर बुरा असर पड़ सकता है.
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इक्विटी शेयर क्या है? शेयर कितने प्रकार के होते हैं? लेटेस्ट जानकारी लीजिए
हिंदी भाषा के प्रेमी ‘‘शेयर मार्किट इन हिंदी’ शब्दों का प्रयोग करके इंटरनेट पर शेयर मार्केट की जानकारी चाहते हैं। शेयर मार्केट से पैसा कमाना चाहते हैं या आपने अब मन बना लिया है कि मुझे अब शेविंग करना है तो यह लेख वाकई आपके लिए फायदेमंद होगा। कृपया अंत तक पढ़े।
मित्रों सबसे पहले शेयर किया है ? यह आपको मैं बताना चाहता हूं। कोई भी कंपनी पूंजी के लिए अपनी शेयर को मार्केट में उतारता है।
Quick Answer: इक्विटी शेयर कंपनी के स्वामित्व का वह हिस्सा है जो देनदारियों के भुगतान के बाद उसकी संपत्ति के अवशिष्ट मूल्य का प्रतिनिधित्व करता है। इक्विटी शेयरधारक आमतौर पर कंपनी के फैसलों पर वोट देने और अपने शेयरों पर लाभांश प्राप्त करने के हकदार होते हैं। |
कोई भी निवेशक कुछ शेयर को खरीद लेता है तो उसे इस कंपनी का हिस्सेदार हो जाता है। कंपनी के फायदे और नुकसान में निवेशक दोनों ही स्थिति में कंपनी के पार्टनर बन जाते हैं।
शेयर बाजार वह बाजार है जहां पर निवेशक किसी भी रजिस्टर कंपनी के शेयर को खरीद और बेच सकते हैं। आज के समय रुपया कमाने के लिए शेयर को ऑनलाइन खरीदा और बेचा जा सकता है।
शेयर कितने प्रकार के होते हैं?
अक्सर लोग यह पूछते हैं कि शेयर कितने प्रकार के होते हैं और इसे कौन खरीद सकता है। आपको बता दूं कि शेयर दो प्रकार के होते हैं –
- प्रेफरेंस शेयर
- इक्विटी शेयर.
प्रेफरेंस शेयर क्या होता है?
प्रेफरेंस शेयर कंपनी का वह शेयर होता है जिसमें कंपनी डूब जाए या घाटे में जाए या कंपनी बड़े मुनाफा कमा लें, इन सभी स्थिति में निवेशकों को तय की गई लाभांश एवं मूलधन वापस मिल जाता है।
इक्विटी शेयर क्या होता है?
“इक्विटी शेयर” वह होता है जिसमें लाभांश तय नहीं होता है और जिसमें निवेशक यानी शेयर होल्डरों को मालिक माना जाता है।
मान लीजिए कि किसी कंपनी ने अपने 100 शेयरों को मार्केट में बेच दिया। किसी निवेशक ने उसमें से 50 शेयर को खरीद लिया इसका यह मतलब हुआ कि निवेशक अब उस कंपनी का 50% हिस्सेदार है।
कम्पनी अपने सभी कर्ज व कर्ज का ब्याज और प्रेफरेंश शेयरहोल्डरों का बकाया रकम चुकाने के बाद इक्विटी शेयर होल्डरों को लाभांश के साथ मूलधन वापस देता है।
इक्विटी शेयर होल्डरों को ही कम्पनी के मामलों में मत का अधिकार होता है जो लोकतांत्रिक होता है। जिसके पास ज्यादा शेयर होते हैं वही बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर को चुन सकते हैं।
कंपनी को ज्यादा बड़ा फायदा होने पर सबसे ज्यादा फायदा इक्विटी शेयर होल्डरों क्या होता है। उस के विपरीत कंपनी के डूब जाने या फिर नुकसान होने पर सबसे ज्यादा नुकसान भी इक्विटी शेयर होल्डरों का होता है।
इक्विटी शेयर को प्राइमरी एवं सेकेंडरी मार्केट से खरीदा जा सकता है। अगर आप आईपीओ या एफपीओ खरीदते हैं तो उसे प्राइमरी मार्केट कहते हैं। जबकि मान्यता प्राप्त ब्रोकरों से खरीदते हैं तो उसे सेकेंडरी मार्केट कहते हैं।
एक इक्विटी शेयर एक प्रकार की सुरक्षा है जो किसी कंपनी में स्वामित्व का प्रतिनिधित्व करती है। इक्विटी शेयरधारक अपनी स्वामित्व हिस्सेदारी के अनुपात में लाभांश और मतदान के अधिकार के हकदार हैं।
सार्वजनिक बाजारों में इक्विटी शेयरों का कारोबार किया जा सकता है, जिससे निवेशकों को कंपनी के शेयर की कीमत बढ़ने पर लाभ कमाने का मौका मिलता है।
मुझे इक्विटी शेयर कैसे मिलेगा?
इक्विटी शेयर प्राप्त करने का सबसे अच्छा तरीका कंपनी के निवेशक संबंध विभाग से संपर्क करना और व्यक्तिगत निवेशकों के लिए उनकी नीतियों के बारे में पूछना है। कई कंपनियां आपको सीधे कंपनी से शेयर खरीदने की अनुमति देती हैं, लेकिन कुछ केवल स्टॉक ब्रोकर के माध्यम से शेयर बेचती हैं।
आप यह देखने के लिए ऑनलाइन ब्रोकरेज से भी जांच कर सकते हैं कि क्या उनके पास कोई विशेष निवेश है जो आपकी रुचियों से मेल खाता है।
इक्विटी शेयर के क्या फायदे हैं?
इक्विटी शेयरों के कुछ फायदे हैं। पहला यह है कि वे अपने धारकों को मतदान विशेषाधिकार और लाभ का एक हिस्सा प्रदान करते हैं।
इसके अतिरिक्त, उनके पास ऋण प्रतिभूतियों की तुलना में अधिक मूल्य होता है और, जैसे, अधिक सुरक्षित निवेश प्रदान कर सकते हैं। अंत में, ऋण प्रतिभूतियों की तुलना में इक्विटी शेयरों को बेचना आसान होता है, जो उन्हें अधिक तरल बनाता है।
इक्विटी शेयरों में निवेश कैसे करें और आकर्षक रिटर्न कैसे अर्जित करें
जब इक्विटी शेयरों में निवेश करने की बात आती है, तो इसमें शामिल जोखिमों और संभावित रिटर्न को समझना महत्वपूर्ण है। इक्विटी में निवेश करके, आप कंपनी के एक हिस्से के मालिक बन जाते हैं और अगर कंपनी अच्छा प्रदर्शन करती है तो लाभांश और पूंजीगत लाभ अर्जित करने के लिए खड़े होते हैं।
हालांकि, हमेशा जोखिम होता है कि स्टॉक की कीमत गिर सकती है, जिससे आपको अपने निवेश पर नुकसान हो सकता है। निवेश करने से पहले कंपनी पर सावधानीपूर्वक शोध करना और अपने जोखिम को कम करने के लिए विभिन्न प्रकार के शेयरों में अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाना महत्वपूर्ण है।
इक्विटी शेयरों के साथ अपना भविष्य कैसे सुरक्षित करें
एक इक्विटी शेयर एक प्रकार की सुरक्षा है जो किसी कंपनी में स्वामित्व हित का प्रतिनिधित्व करती है। इक्विटी शेयरधारक आमतौर पर मतदान के अधिकार के हकदार होते हैं और जब कंपनी उन्हें भुगतान करती है तो लाभांश प्राप्त करने के लिए।
इक्विटी शेयरों के साथ अपना भविष्य सुरक्षित करने के लिए, आपको पहले कंपनी और उसकी प्रबंधन टीम पर शोध करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह एक अच्छा निवेश है।
आपको इक्विटी में निवेश से जुड़े जोखिमों के बारे में भी पता होना चाहिए, जैसे कि कंपनी के शेयर की कीमत गिरने पर नुकसान की संभावना।
Conclusion Point
आम भाषा में कहे तो आप निवेशक सिर्फ इक्विटी शेयर ही खरीद सकते हैं। जैसा कि आप जानते होंगे, इक्विटी शेयर खरीदने के लिए आपके पास डीमेट अकाउंट होना आवश्यक है।
आशा करता हूं कि आप लोगों को इक्विटी शेयर क्या है और शेयर कितने प्रकार के होते हैं जान लें से संबंधित लेख अच्छा लगा होगा।