शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या है?

आपकी न्यूनतम योग्यता 10+2 या हायर सेकंडरी सर्टिफिकेट होनी चाहिए। हालांकि, कुछ ब्रोकर आपको अपने सब-ब्रोकर के रूप में नियुक्त करने से पहले कम से कम स्नातक की डिग्री पसंद कर सकते हैं। साथ ही वित्तीय बाजारों के बारे में आपको ज्ञान होना चाहिए। कई परीक्षाएं हैं जो आप एक अच्छा ब्रोकर बनने के लिए योग्यता साबित करने के लिए दे सकते हैं। कुछ प्रसिद्ध परीक्षाएं हैं, एनसीएफएम ((NSE certification in Financial Markets),), बीसीएसएम (BSE certification on securities markets), एनआईएसएम कोर्सेस, आदि।
शेयर बाजार के नियम
चाहे आप ट्रेडर हो या निवेशक आपके लिए शेयर बाजार नाम अनसुना नहीं होगा लेकिन शेयर बाजार में निवेश कर अच्छा मुनाफा कमाने के लिए सिर्फ पैसो की ज़रुरत नहीं, ज़रूरी है की आपको शेयर बाजार के नियम की जानकारी हो?
शेयर बाजार के नियमो का अनुसरण कर आप जान पाएंगे की कब और कैसे शेयर बाजार में निवेश करना फायदेमंद हो सकता है, तो आइये आज शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या है? इस लेख में जानते है शेयर मार्केट में निवेश करने से जुड़ी आवश्यक बातें ।
Share Market Rules in Hindi
स्टॉक मार्केट एक निवेशक को ज़्यादा पैसे और मुनाफा कमाने का मौका देते है, एक सही स्ट्रेटेजी और नियमो की जानकारी प्राप्त कर आप स्टॉक मार्केट में निवेश कर अपनी इनकम को कई गुना तक बढ़ा सकते है, लेकिन ये तभी मुमकिन है जब शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या है? आप शेयर बाजार से सही तरह से वाकिफ हो ।
जैसे की अगर आपको डीमैट खाता खोलना हो तो उसके लिए ज़रूरी है की आप एक सही स्टॉकब्रोकर का चयन करे और उसके बाद मार्केट में सही समय में ट्रेड या निवेश करे ।
अब ये सब बातो को सही से जानने के लिए नीचे दिए गए स्टॉक मार्केट नियम को जाने और उसके अनुसार सही सोच और समझ के साथ निवेश करें ।
1. अनरेगिस्टर्ड स्टॉकब्रोकर से दूर रहे
स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग और निवेश करते समय, आपको ज्यादा सावधान रहने की आवश्यकता होती है। ट्रेडिंग के लिए अकाउंट खोलने समय ब्रोकर के ब्रांड और बाजार में पकड़ की जांच करना चाहिए। आपको केवल प्रसिद्ध और भरोसेमंद ब्रोकर के साथ ही अकाउंट खुलवाना चाहिए।
सेबी के नए मार्जिन नियम
वैसे स्टॉक मार्केट के नियम सभी सेगमेंट के लिए एक जैसे ही होते है लेकिन अगर हम डिलीवरी नियम (delivery trading rules in hindi) के अतिरिक्त इंट्राडे ट्रेडिंग के नियमो की बात करे तो सेबी कुछ नियम आया है जिससे रिटेल ट्रेडर डे ट्रेडिंग में किसी भी तरह के नुक्सान से बचे रहे । अब इसी तरह से 2020 दिसंबर मार्जिन के लिए एक नियम लेकर आया था जिसके अनुसार हर तिमाही मार्जिन में 25% की गिरावट आती रहेगी और सितम्बर 01, 2021 में ये नियम पूरी तरह से लागू हो जायेगा जिसमे ट्रेडर सिर्फ 5 गुना तक का मार्जिन ही प्राप्त कर पाएंगे।
इंट्राडे ट्रेडर हालांकि इस नियम से खुश नहीं थे क्योंकि पहले जहाँ वह कम राशि के साथ भी ज़्यादा ट्रेड कर पाते थे, इस नियम के बाद उन्हें कम मार्जिन का उपयोग कर हे ट्रेड करने का अवसर प्राप्त होगा ।
अलग-अलग निवेश की तुलना में शेयर बाजार में निवेश करके मुनाफा कमाना ज्यादा बेहतर है। लेकिन इसके भी दो पहलू हैं, शेयर मार्केट में मुनाफा कमाने के साथ जोखिम की संभावना भी जुड़ी होती है।
क्या क्या दस्तावेज चाहिए
जब आप और आपके ब्रोकर की योग्यता मिल जाती हैं तो आपको कुछ दस्तावेज जुटाना होगा। इनमें पैन कार्ड, आधार कार्ड और एजुकेशन प्रूफ (जैसे कुछ ब्रोकर 10+2 की शैक्षिक योग्यता को अनिवार्य करते हैं) जैसे कुछ आईडी और दस्तावेज देने होंगे। इसके अलावा, आपके निवास और आपके कार्यालय के पते का प्रमाण तस्वीरों के साथ और सीए के रेफरेंस लेटर की आवश्यकता होगी। जांच लें कि क्या इसके अलावा भी कुछ आवश्यक है।
बुद्धिमानी से ब्रोकरेज फर्म चुनें
आपको कभी भी ऐसा कुछ नहीं बेचना चाहिए, जिसे कोई खरीदने को राजी न हो। इस वजह से ब्रोकरेज फर्मों के बारे में गहन रिसर्च करें। निवेशक किसे पसंद कर रहे हैं, जानने की कोशिश करें। आपके ब्रोकर के पास अच्छी ब्रांड इक्विटी और रिकॉल वैल्यू होनी चाहिए। यह नए ग्राहक हासिल करने में मददगार होगा। आम तौर पर, ग्राहक उन फर्मों को प्राथमिकता देते हैं जिनके पास फ्लैट फीस स्ट्रक्चर, वैल्यू-एडेड सर्विसेस होती हैं, और स्पॉट-ऑन सिफारिशों भी देती हैं।
आवश्यकताओं को जांच लें
सब-ब्रोकर बनने की कुछ शर्तें होती हैं जिन्हें आपको पूरा करना होगा। एक सब-ब्रोकर या मास्टर फ्रैंचाइज़ी मालिक के रूप में आपको लगभग 200 वर्ग फुट के ऑफिस स्पेस की आवश्यकता होगी। यह स्पेस आमतौर पर ब्रोकरेज फर्म पर निर्भर करता है, जिसके साथ आप जा रहे हैं। आपको लगभग एक से दो लाख या उससे अधिक रुपए का रिफंडेबल शुल्क भी जमा करना होगा। अंत में अपने ब्रोकर की कमीशन स्ट्रक्चर जांच लें। हालांकि, वर्तमान परिस्थितियों के साथ और वर्क-फ्रॉम-होम विकल्प के साथ, व्यावसायिक स्पेस की आवश्यकता वैकल्पिक हो सकती है।
Career Tips: स्टॉक मार्केट में करियर कैसे बनाएं? इन्वेस्टमेंट के साथ ऐसे कमाएं रुपये
भारतीय शेयर बाजार में टाटा मोटर्स, हीरो मोटरकॉर्प, टीवीएस, महिंद्रा जैसे ईवी सेक्टर में कुछ महत्वपूर्ण नाम हैं.
Career Tips, Stock Broker Jobs: इन दिनों बहुत लोग स्टॉक मार्केट (Stock Market Jobs) में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. कई लो . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : November 05, 2021, 14:28 IST
नई दिल्ली (Career Tips, Stock Broker शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या है? Jobs). अगर आप देश-दुनिया की खबरों में दिलचस्पी रखते हैं तो शेयर मार्केट (Share Market), स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange), स्टॉक ब्रोकर (Stock Broker), निफ्टी (Nifty) और सेंसेक्स (Sensex) से जरूर परिचित होंगे. कम समय में ज्यादा पैसे कमाने के लिए भी लोग अक्सर स्टॉक एक्सचेंज में पैसे निवेश करते हैं. इसे शेयर मार्केट कहा जाता है और जो व्यक्ति किसी इन्वेस्टर और शेयर मार्केट के बीच काम करता है, उसे स्टॉक ब्रोकर कहा जाता है. इस फील्ड में भी जॉब की अपार संभावनाएं मौजूद हैं (Stock Broker Jobs).
आपकी जानकारी के लिए बता दें, ब्रोकर के बिना शेयर मार्केट का बिजनेस अधूरा रहता है. स्टॉक एक्सचेंज और इन्वेस्टर के बीच स्टॉक ब्रोकर एक कड़ी की तरह काम करता है. ब्रोकर के बिना किसी भी इन्वेस्टर या निवेशक के लिए स्टॉक मार्केट में बेस्ट परफॉर्मेंस दे पाना मुश्किल है (Stock Broker Work Profile). डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए भी स्टॉक ब्रोकर की जरूरत पड़ती है.
ट्रेडिंग अकाउंट में लाखों रुपए के नुकसान से शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या है? बचना है तो गलती से भी न भूलें इन टिप्स को
हाल के दिनों में फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और आपको इनसे बचकर रहने की जरूरत है। अगर आप थोड़ी सी भी चूक होगी तो आपको लाखों रुपए का चूना लग सकता है। आजकल शेयर मार्केट में ट्रेडिंग में सभी लोगों की दिलचस्पी होती है और आप में से बहुत लोग शेयर बाजार में ट्रेडिंग भी करते होंगे, आपके ट्रेडिंग अकाउंट में काफी स्टॉक्स होंगे और उनकी वैल्यू भी काफी होगी। ऐसे में अगर आप सावधानी नहीं रखेंगे तो आपको लाखों रुपए का नुकसान होने की आशंका है। हम आपको बता रहे हैं, शेयर बाजार में ट्रेडिंग करते समय किन बातों को गलती से भी नहीं भूलना चाहिए-
SEBI के इस नए रूल से महंगी हो जाएगी शेयर ट्रेडिंग, यहां समझें इस नियम का मतलब
SEBI के एक नियम में ब्रोकरेज कॉस्ट बढ़ जाएगी। यह नियम 7 अक्टूबर (शुक्रवार) से लागू हो गया है। इस नियम में यह कहा गया है कि ब्रोकर (Brokers) को अपने क्लाइंट्स के ट्रे़डिंग अकाउंट्स को हर महीने या हर तिमाही के पहले शुक्रवार को स्कॉवयर-ऑफ करना होगा। यह क्लाइंट्स की तरफ से चुने गए ऑप्शन (मासिक या तिमाही) पर निर्भर करेगा। आइए इस नियम के बारे में शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या है? विस्तार से जानते हैं।
आपके लिए इस नियम का मतलब यह है कि आपके ट्रेडिंग अकाउंट में जो भी बैलेंस (इस्तेमाल नहीं किया गया) होगा, उसे ब्रोकर आपकी तरफ से चुने गए दिन को आपके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर देगा। ब्रोकरेज फर्म जीरोधा (Zerodha) के फाउंडर नितिन कामत (Nithin Kamath) का अनुमान है कि यह पैसा 25,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हो सकता है।