विकल्प ट्रेड

निवेश करने के लिए बेहतर विकल्प कौन सा है: ETF या इंडेक्स फंड्स?
इंडेक्स म्यूचुअल फंड्स और ETF निष्क्रिय निवेश के साधन हैं जो एक अंतर्निहित बेंचमार्क इंडेक्स में निवेश करते हैं। इंडेक्स फंड्स म्यूचुअल फंड्स की तरह काम करते हैं जबकि ETF में शेयरों की तरह कारोबार होता है। इसलिए समान निष्क्रिय निवेश रणनीति के लिए एक विकल्प ट्रेड के मुकाबले दूसरे को चुनना आपकी निवेश वरीयता पर निर्भर करता है।
ETF इंट्राडे ट्रेड, लिमिट या स्टॉप ऑर्डर्स और शॉर्ट-सेलिंग के लिए उपयुक्त हैं लेकिन अगर आप उन लोगों में से नहीं हैं जो बाज़ार की चाल को भांपना पसंद करते हैं, तो इंडेक्स फंड्स आपके लिए हैं। यद्यपि अक्सर होने वाली ट्रांज़ैक्शन्स कमीशन से जुड़े खर्च को बढ़ा सकती हैं और आपके रिटर्न को घटा सकती हैं, उनमें इंडेक्स फंड्स की तुलना में कम एक्सपेंस रेशो भी होती है। लेकिन इंडेक्स फंड्स आपकी वित्तीय आवश्यकताओं के लिए उपयुक्त विभिन्न विकल्प प्रदान करते हैं, जैसे लंबी-अवधि के लक्ष्यों के लिए ग्रोथ ऑप्शन बनाम नियमित आमदनी के लिए डिविडेंड ऑप्शन। आप इंडेक्स फंड में SIP के माध्यम से थोड़ी-थोड़ी रकम के विकल्प ट्रेड साथ नियमित रूप से निवेश कर सकते हैं। ETF के विपरीत, इंडेक्स फंड्स में निवेश करने के लिए आपको डीमैट अकाउंट की ज़रूरत भी नहीं है।
यद्यपि दोनों निष्क्रिय निवेश के माध्यम से व्यापक बाज़ार तक पहुँच पेश करते हैं, सुविधा के लिए उनके बीच परिचालन-संबंधी अंतर निर्णायक कारक बन सकते हैं। जैसे जब आप मुम्बई से गोवा यात्रा करना चाहते हैं, तो आप ट्रेन या रातभर चलने वाली बस चुन सकते हैं। यद्यपि दोनों आपके अंतिम उद्देश्य को पूरा करते हैं, पर सुविधा के लिए एक मोड के मुकाबले दूसरे को चुनना पूरी तरह से व्यक्तिगत पसंद है।
कैरी ट्रेड रणनीति
कैरी ट्रेड एक ट्रेडिंग रणनीति है, जो कम ब्याज दर पर उधार ले रही है और उच्च ब्याज दर वाली परिसंपत्ति में निवेश कर रही है। दूसरे शब्दों में एक ले व्यापार एक कम ब्याज के साथ एक मुद्रा में उधार लेने के आधार पर समय की सबसे अधिक है उधार ली गई राशि को दूसरी मुद्रा में परिवर्तित करना और परिवर्तित करना। और, ज़ाहिर है, इस विधि का उपयोग स्टॉक, वस्तुओं, अचल संपत्ति और बांड पर किया जा सकता है जो दूसरी मुद्रा में मूल्यांकित हैं.
और किसी भी व्यापार रणनीति के रूप में, कैरी ट्रेड रणनीति में पेशेवरों और विपक्षों का भी है:
विपक्ष
-
, में तेज गिरावट का खतरा है, जो शायद लाभ को मार डालेगा.
- अचीवित परिसंपत्तियों के साथ- वे मूल्य में परिवर्तन कर सकते हैं और आय के मूल्य को छोड़ सकते हैं.
- हेडिंग एक विकल्प है, लेकिन बहुत लाभप्रद नहीं है, क्योंकि घाटे का बीमा करने पर खर्च किया गया पैसा ब्याज दरों में अंतर से अर्जित लाभ व्यापारियों को कवर करेगा.
- यह ट्रेडिंग रणनीति एक वित्तीय बुलबुला बना सकती है.
पेशेवरों
- कैरी ट्रेडिंग रणनीति के सबसे आकर्षक पक्षों में से एक इसकी सादगी है.
- कैरी ट्रेडिंग भी व्यापारी का लाभ उठाने का उपयोग करें, जो सौदा और भी मीठा देता है.
- लाभकारी.
अभी अगर कोई व्यापारी इस रणनीति का उपयोग करने का निर्णय लेता है, तो कौशल होना जरूरी है और यदि कोई परिवर्तन होना है तो सतर्क रहना चाहिए.
कैरी ट्रेडिंग में जोखिम प्रबंधन
इसमें कोई शक नहीं है कि फॉरेक्स ट्रेडिंग रणनीति काफी रसदार है लेकिन इस रणनीति को पॉलिश करने के लिए जोखिम प्रबंधन का उपयोग करने की सलाह दी जाती है । जोखिम के बिना प्रबंधन, व्यापारी के खाते को अप्रत्याशित मोड़ से मिटाया जा सकता है। कैरी ट्रेडों में प्रवेश करने का सबसे अच्छा समय तब होता है जब बुनियादी बातों और बाजार भावना उन्हें समर्थन देते हैं। उचित हेजिंग मत भूलना.
तो जब एक ले व्यापार में पाने के लिए और जब बाहर निकलना है??
कैरी ट्रेडिंग रणनीति का उपयोग करने का सबसे अच्छा समय तब होता है जब बैंक सोच रहे होते हैं, या बढ़ती ब्याज दरें - कई लोग मुद्रा खरीदना शुरू कर रहे हैं, इसलिए मुद्रा जोड़ी के मूल्य को आगे बढ़ा रहे हैं। जब तक मुद्रा का मूल्य गिर नहीं जाता है व्यापारियों को लाभ का प्रबंधन होगा.
कैरी ट्रेडिंग रणनीति का उपयोग करने का सबसे बुरा समय ब्याज दरों में कमी की अवधि के दौरान है। मौद्रिक नीति विकल्प ट्रेड में परिवर्तन भी मुद्रा मूल्यों में परिवर्तन का मतलब है-जब दरों में गिरावट कर रहे हैं, मुद्रा के लिए मांग भी के रूप में छोड़ देता है अच्छा।.
समाप्ति
कैरी ट्रेड स्ट्रैटेजी के लिए एक लाभ में परिणाम के लिए आदेश में, वहां ब्याज दर में वृद्धि या कोई आंदोलन के कुछ डिग्री की जरूरत है.
व्यापार उदाहरण ले
मान लीजिए कि विकल्प ट्रेड निवेशक 0 ब्याज के साथ 1000 जापानी येन उधार लेता है, फिर येन को अमेरिकी डॉलर में परिवर्तित करता है, और 5,3% ब्याज के साथ अमेरिकी बांड खरीदने के लिए राशि का उपयोग करता है। निवेशक 5,3% का लाभ कमा देगा, जब तक अमेरिकी डॉलर और के बीच विनिमय दर येन एक ही रहता है.
कई निवेशक मुद्रा कैरी ट्रेड बनाते हैं, क्योंकि यह सरल और लाभदायक है, खासकर जब लीवरेज का उपयोग किया जाता है। इसके बारे में और देखें विदेशी मुद्रा में क्या है. उदाहरण के लिए यदि व्यापार ऊपर उल्लिखित 10:1 का लाभ उठाने था, व्यापारी 53% लाभ कमाएंगे। लेकिन हां, बड़ा संभावित लाभ बड़ा जोखिम है, अगर अमेरिकी डॉलर और येन परिवर्तन के बीच विनिमय दर-f.e. यदि अमेरिकी डॉलर येन के संबंध में गिर जाता है, व्यापार मूल्य खो देंगे। तो जब लाभ उठाने में शामिल है और विनिमय दर में परिवर्तन, व्यापारी दस गुना अधिक मूल्य खो देंगे (यदि व्यापारी उचित बचाव नहीं करता है).
कैरी ट्रेड स्ट्रैटजी पर बॉटम लाइन
लब्बोलुआब यह है कि कैरी ट्रेडिंग रणनीति लाभदायक है, खासकर जब लीवरेज का उपयोग किया जाता है, काफी सरल और जोखिम भरा। उस व्यापारी को हरा करने के लिए उचित जोखिम प्रबंधन को लागू करना होगा। व्यापारी को पता है जब एक ले व्यापार में पाने के लिए और जब करने के लिए है निकल जाओ। और सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है, जोखिम भरा रणनीति के इस प्रकार का उपयोग करने से पहले आप कौशल और अनुभव है.
वोकेशनल में 12वीं के बाद विकल्प नहीं, मेधावी भी कर रहे परम्परागत कोर्स
सब हेडिंगः 26 साल से लागू वोकेशनल कोर्स मरणासन्न, अब 9 नए ट्रेड पर फूंक रहे करोड़ों रुपए 0 राजीव गांधी केंद्र प्रवर्तित योजना के तहत 1990 में स्कूलों में लागू हुए थे वोकेशनल ट्रेड फैक्ट फाइल - 4200 हाई एवं हायर सेकंडरी स्कूल - 391 स्कूल में नए 9 वोकेशनल कोर्स लागू - 29 ट्रेड 300 से ज्यादा हायर सेकंडरी स्कूलों में पहले से लागू नईदुि
सब हेडिंगः 26 साल से लागू वोकेशनल कोर्स मरणासन्न, अब 9 नए ट्रेड पर फूंक रहे करोड़ों रुपए
0 राजीव गांधी केंद्र प्रवर्तित योजना के तहत 1990 में स्कूलों में लागू हुए थे वोकेशनल ट्रेड
- 4200 हाई एवं हायर सेकंडरी स्कूल
- 391 स्कूल में नए 9 वोकेशनल कोर्स लागू
- 29 ट्रेड 300 से ज्यादा हायर सेकंडरी स्कूलों में पहले से लागू
रायपुर । नईदुनिया प्रतिनिधि
बच्चों को रोजगार के काबिल बनाने के लिए सरकार ने वोकेशनल कोर्स तो शुरू किए पर बारहवीं के बाद इसमें पढ़ाई का विकल्प नहीं है। विश्वविद्यालयों-कॉलेजों में कोर्स नहीं है। नतीजतन वोकेशनल कोर्स वालों को मजबूरी में परम्परागत कोर्स बीए, बीए क्लासिक्स, बीएचएससी आदि करना पड़ रहा है। केंद्र सरकार ने राजीव गांधी केंद्र प्रवर्तित योजना के तहत 1990 में 29 वोकेशनल कोर्स को राज्य के 300 से अधिक हायर सेकंडरी स्कूलों में लागू किया था। अब फंड के अभाव में ये ट्रेड या तो बंद हो रहे हैं या कागजों पर ही चल रहे हैं। छात्रों की संख्या साल दर साल घट रही है। पुराने वोकेशनल कोर्स मरणासन्न हो गए हैं। अब हाई-हायर सेकंडरी स्कूलों में 9 नए ट्रेड फिर लागू कर दिए गए हैं। हर स्कूल में एक ट्रेड के लिए 3 से 5 लाख रुपए फंड देकर लैब स्थापित किया जा रहा है। पुराने कोर्स के लिए प्रैक्टिकल कराने फंड नहीं है, लिहाजा कैरियर को लेकर भटकाव की स्थिति बन गई है।
टॉपर को करना पड़ा बीए
भुवनेश्वरी साहू ने 2016 में बैंकिंग असिस्टेंट वोकेशनल कोर्स में 93.26 फीसदी अंक के साथ दानी गर्ल्स स्कूल से बारहवीं उत्तीर्ण की। वोकेशनल कोर्स में टॉपर रही भुवनेश्वरी ने बताया कि वे बैंकिंग में ही आगे की पढ़ाई करना चाहती थीं। इसके लिए शिक्षकों से बात की, लेकिन इसमें आगे कोई कोर्स नहीं होने से अब डिग्री गर्ल्स कॉलेज में बीए कर रही हैं।
दानी गर्ल्स स्कूल की छात्रा पूर्णिमा ने भी बैंकिंग वोकेशनल कोर्स से बारहवीं पास की। 82 प्रतिशत अंक से उत्तीर्ण यह छात्रा भी बीए कर रही हैं।
अमरनाथ सिदार शार्ट हैंड वोकेशनल कोर्स में प्रो. जेएन पाण्डेय स्कूल से बारहवीं किया। लेकिन वोकेशनल में ग्रेजुएशन करने का विकल्प नहीं मिला।
घटी विद्यार्थियों की संख्याः 1990 के दशक में जब वोकेशनल कोर्स लागू किए गए तब छात्रों की संख्या 25 हजार थी। 2017 में वोकेशनल कोर्स वाले छात्रों की संख्या घटकर 2 हजार 20 पर आ गई है। बीते 5 सालों में छात्रों की संख्या तीन हजार के ऊपर नहीं गई है।
सिलेबस हो गया आउटडेटेडः 1990 में पंडित सुंदरलाल शर्मा व्यावसायिक संस्थान भोपाल ने वोकेशनल का कोर्स डिजाइन किया था। तब से आज तक इन कोर्स में कोई बदलाव नहीं किया गया।
पहले से चल रहे ये कोर्सः पुराने वोकेशनल कोर्स में एग्रीकल्चर इकोनॉमिक्स एंड फॉर्म मैनेजमेंट, हार्टीकल्चर, पोल्ट्री फॉर्म, ऑफिस मैनेजमेंट, बुक कीपिंग एंड अकाउंटेंसी, कोऑपरेटिव मैनेजमेंट, स्टेनो टाइपिंग, फ्रूट एंड वेजिटेबल प्रिजर्वेशन, बेकरी एंड कंफेक्शनरी, गारमेंट मेकिंग, बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन, रिपेयर ऑफ रेडियो एंड टीवी, मोपेड, स्कूटर, मोटरसाइकिल रिपेयर, रिपेयर ऑफ इलेक्ट्रिक डोमेस्टिक एप्लायन्सेस एंड इलेक्ट्रिक मोटर रिवाइंडिंग, डेयरी फॉर्मिंग, फॉर्म मेकेनिक्स, बैंकिंग असिस्टेंट, स्टोर कीपिंग, फोटोग्राफी, पिं्रटिंग, बाइंडिंग एंड पेपर कटिंग, कम्प्यूटर अप्लीकेशन, वेल्डिंग टेक्नोलॉजी एंड फेब्रिकेशन, हॉस्पिटल हाउस कीपिंग, लेदर टेक्नोलॉजी, टेक्सटाइल डिजाइनिंग, वुड गुड्स मेकिंग एंड कार्विंग, एक्स रे टेक्नीशियन, मेडिकल लैबोरेटरी टेक्नोलॉजी, आक्सजीलरी नर्सिंग एंड मिडवाइफयरी, फैशन डिजाइनिंग एंड गारमेंट मेकिंग व अन्य लागू हैं।
ये नए कोर्स : आरएमएसए के तहत नए 270 स्कूलों में टेलीकम्यूनिकेशन, बैंकिंग फाइनेंस, एनिमेशन और मल्टीमीडिया ट्रेड में पढ़ाई हो रही है। इनमें आईटी 121, हेल्थ केयर 76, एग्रीकल्चर 20, ऑटोमोबाइल 16 और रिटेल 9 स्कूलों में पढ़ाया जा रहा है। कुल 391 स्कूलों में नए ट्रेड लागू हैं। नौवीं और दसवीं में संचालित पाठ्यक्रम में हिन्दी, अंग्रेजी और संस्कृत में से केवल दो भाषा को चुनने की आजादी होगी। तीसरे विषय के तौर पर वोकेशनल कोर्स का कोई भी एक ट्रेड चुनना पड़ेगा।
शहर के स्कूलों में हाल ए आज
नौ साल पहले बंद हो गया स्टोर कीपिंग कोर्सः राजधानी के दानी गर्ल्स स्कूल में संचालित स्टोर कीपिंग वोकेशनल कोर्स नौ साल पहले ही बंद हो गया है। इस कोर्स के लिए नई फैकल्टी की नियुक्ति और कोर्स रिवाइज नहीं होने से विद्यार्थियों का मोहभंग हो गया।
फैशन डिजाइनिंग एंड गारमेंट मेकिंग हो गया सुस्तः मायाराम सुरजन स्कूल में संचालित फैशन डिजाइनिंग एंड गारमेंट मेकिंग कोर्स सुस्त पड़ गया है। मशीनें हैं, लेकिन 26 साल पुरानी। कोर्स भी अपडेट नहीं हुआ है और न ही नई फैकल्टी की नियुक्ति हो पाई।
प्रैक्टिकल, लैब के लिए फंड नहीं: हिन्दू हाई स्कूल में स्टेनो, इलेक्ट्रिकल और अन्य कोर्स संचालित किए जा रहे हैं, लेकिन इनकी लैब के लिए फंड नहीं मिल रहा है। हालांकि शिक्षकों के पद लैप्स न हो, इसलिए इन कोर्स में विद्यार्थियों को दाखिला विकल्प ट्रेड दिलाने के लिए स्कूल अपने स्तर पर प्रैक्टिकल करा रहा है।
यह सही है कि मंडल में चल रहे पुराने वोकेशनल कोर्स में विद्यार्थियों की संख्या लगातार घट रही है। इन कोर्स के प्रति उत्साह कम होना चिंताजनक है। इन पाठ्यक्रमों में संशोधन करने की जरूरत है। पंडित सुंदरलाल शर्मा व्यावसायिक संस्थान भोपाल से ही संशोधित हो सकता है। वोकेशनल से बारहवीं पास विद्यार्थी बीए या बीकॉम कर रहे हैं। - संजय शर्मा, उपसचिव, माशिमं
कोर्स लागू करने से पहले नहीं बनी कोई नीति
मंडल में पुराने जो भी वोकेशनल कोर्स हैं, वे जॉब ओरिएंटेड हैं या नहीं, इसके लिए कोई नीति ही नहीं बनाई गई। सिर्फ कोर्स लागू कर देने से कुछ नहीं होता है। उसकी मार्केट में कितनी वैल्यू है, इस पर भी चिंतन करने की जरूरत है। वोकेशनल कोर्स का क्रियान्वयन कराने के लिए बेहतर लैब स्थापित होने चाहिए थे, लेकिन ये सिर्फ कागजों पर ही चल रहे हैं। इसलिए विद्यार्थियों का रुझान घट रहा है। - बीकेएस रे, शिक्षाविद
समझदारी से लें फैसला, कुछ खास टिप्स अपनाकर आप सुरक्षित कर सकते हैं अपना जीवन
हर व्यक्ति अपने भविष्य की आर्थिक सुरक्षा को लेकर चिंतित रहता है। यह लेख बताता है कि अपनी आय में से बचत कर निवेश अवश्य करें लेकिन उसके पहले निवेश के विकल्प, रिस्क और रिटर्न को ठीक से समझें। इसमें यह निहित है कि किस निवेश में रिस्क ज्यादा है और किसमें कम।
Updated Oct 19, 2022 | 05:40 PM IST
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समझदारी से लें फैसला, कुछ खास टिप्स अपनाकर आप सुरक्षित कर सकते हैं अपना जीवन
- अपने अर्जित विकल्प ट्रेड धन को इस तरह उपयोग एवं निवेश करें जिससे बुढ़ापे में किसी पर निर्भर न होना पड़े।
- निवेश जरूरी है, लेकिन कब निवेश करना और कब बाहर आना यह समझना भी जरूरी।
- मौदूदा समय में निवेश के कई विकल्प मौजूद हैं। आपको सोच समझकर की निर्णय लेना चाहिए।
Investment Options: किसी भी व्यक्ति के जीवन में निवेश बहुत ज्यादा महत्व रखता है। वृद्धावस्था में या तो आपके बच्चे आपका साथ देते हैं या जो आपने धन बचाया है और लंबे काल तक जो निवेश किया है वह बुढ़ापे में आपकी विकल्प ट्रेड देखभाल करता है। तो यह सर्वसाधारण के लिए आवश्यक है कि वह निवेश की बारीकियां समझे । निवेश को ठीक प्रकार से समझें और अर्जित धन को समुचित तरीके से निवेश करें । यही निवेशक धन आपके बच्चों के लालन-पालन में काम आएगा और साथ ही वृद्धावस्था की आवश्यकताओं की पूर्ति भी करेगा। अपने द्वारा अर्जित धन का उपयोग भी इसी प्रकार करना है ताकि उसमें से निवेश भी हो जिससे वृद्धावस्था में आपको किसी अन्य पर निर्भर रहने की आवश्यकता ना पैदा हो ।
निवेश करने के पहले यह सोच लें कि आप चल- अचल संपत्ति में कहां कैसे निवेश करेंगे। बॉन्ड्स खरीदेंगे या शेयर में पैसे लगाएंगे। अगर शेयर में पैसे लगाएंगे, तो बड़ी या छोटी या मध्यम विकल्प ट्रेड किस कंपनी में निवेश करेंगे।
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निवेश करते समय यह समझना आवश्यक है कि निवेश के जो भी विकल्प हैं, चाहे वह चल संपत्ति हो या अचल संपत्ति, सबकी अपनी - अपनी विशिष्टताएं हैं। कोई व्यक्ति जायदाद बना सकता है। यानी अचल संपत्ति का निर्माण कर सकता है । सोने और चांदी (Gold Silver) में निवेश कर सकता है। किसी कमोडिटी में निवेश कर सकता है। बॉन्ड्स में निवेश कर सकता है। शेयर में निवेश कर सकता है। शेयरों में भी बड़ी कंपनियों में निवेश कर सकता है, मध्यम वर्ग की कंपनियों में निवेश कर सकता है और लघु उद्योग की कंपनियों में भी निवेश कर सकता है। निवेश करने के पहले इन मूल अवधारणाओं को समझना आवश्यक है।
- हर निवेश की ट्रेड साइकिल है। कोई कम रिटर्न कोई अधिक रिटर्न देता है और इसके भी कारण हैं। ट्रेड साइकिल अलग-अलग प्रकार की होती हैं-
- पहला- रिस्क, दूसरा- लिक्विडिटी और तीसरा रिटर्न। हर प्रकार के निवेश के विकल्प का जो रिटर्न लिक्विडिटी प्रोफाइल है, वह अलग-अलग प्रकार का होता है। यह भी समझना आवश्यक है कि हर निवेश की एक ट्रेड साइकिल है। कभी एक निवेश का विकल्प रिटर्न देता है । दूसरे निवेश का विकल्प अधिक रिटर्न देता है।
- मार्केट में जो इंटरेस्ट रेट है उसका बॉन्ड मार्केट के प्राइस पर प्रभाव पड़ता है। ब्याज दर का शेयर मार्केट पर भी प्रभाव पड़ता है । हर प्रकार के शेयर के जो विकल्प हैं उनकी ट्रेड साइकिल अलग-अलग प्रकार की है । यह सारी ट्रेड साइकिल एक दूसरे के समानांतर नहीं हैं । जब यह ट्रेड साइकिल नीचे होती है तो उसी समय दूसरे विकल्प ऊंचाई पर होते हैं। इसी प्रकार से हर निवेश के विकल्प की उतार-चढ़ाव की प्रक्रिया चलती रहती है ।
- तीसरी आवश्यक बात है विकल्पों के ट्रेड साइकिल को समझना। यह समझें कि कोई भी निवेश हमेशा ऊपर नहीं जाएगा । ऊपर जाकर एक उच्चतम स्तर बनाने के बाद नीचे आएगा। जब नीचे का निम्नतम स्तर बन जाएगा तो फिर वह ऊंचाई की तरफ चलेगा । तो अपने अर्जित धन का निवेश इन सबको समझ कर और ट्रेड साइकिल का ध्यान रखते हुए करना होगा।
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अपनी आवश्यकताएं और विशेषताएं समझें तथा उसके अनुसार निवेश का विकल्प चुनें। युवा, प्रौढ़ और वृद्ध सभी के लिए निवेश जरूरी लेकिन कब निवेश करना और कब बाहर आना यह समझना भी उतना ही आवश्यक है।
निवेश करने वाले को यह भी समझना जरूरी है कि हर निर्देशित विकल्प के Risk-Return लिक्विडिटी प्रोफाइल अलग-अलग हैं । अपने जीवन की आवश्यकताओं को समझ कर किसी भी निवेशक को यह निर्णय लेना होगा कि वह कौन से विकल्प चुनता है। निवेश का विकल्प तब चुनना अधिक लाभकारी होगा जब वो ट्रेड साइकिल अपने निम्नतम स्तर पर है । इसी तरह उस समय उस विकल्प से निकल जाना बेहतर होगा जब वो ट्रेड साइकिल अपने उच्चतम स्तर पर है। लंबे समय तक निवेशक रहना अपने वृद्धावस्था के लिए एक अच्छा धनराशि उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक है। युवाओं से यह अपेक्षित है कि वह अपने जीवन के प्रारंभिक काल से निवेश करना शुरू करें, ट्रेड साइकिल को समझें ,risk-return लिक्विडिटी के प्रोफाइल को समझें ताकि उन्हें आगे किसी प्रकार की आर्थिक समस्याओं का सामना न करना पड़े।
फेस्टिव सीजन में शॉपिंग का है मूड, बाय नाउ, पे लेटर या क्रेडिट कार्ड में से कौन सा विकल्प है बेहतर?
वास्तव में निवेश सभी के लिए आवश्यक है और किसी भी उम्र में आप इसकी शुरुआत कर सकते हैं। युवा और बुजुर्ग सभी के लिए निवेश के विकल्प है और आज की परिस्थिति में जीवन की सुरक्षा के लिए यह आवश्यक है।
(Disclaimer: यहां टाइम्स नाउ नवभारत द्वारा किसी भी योजना में निवेश की सलाह नहीं दी जा रही है। यह सिर्फ जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी योजना में निवेश करने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।)