शेयर एक्सचेंज

Stock Exchange Kya Hai (स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है ?)
नमस्कार दोस्तों,आज बात करेंगे Stock Exchange के बारे में.और जानेंगे Stock Exchange Kya Hai, वो कैसे काम करता है ,भारत में कितने Stock Exchange है.इन सब सवालों के जवाब आज की इस पोस्ट में मिलने वाली है.
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Table of Contents
Stock Exchange Kya Hai(What Is Stock Exchange?)
Share market एक ऐसा ठिकान हे जहा कंपनियों के Securities (share, debenture,bonds) को ख़रीदा और बेचा जाता है,तो ये जो ठिकान/जगह है, जहा इन Securities को ख़रीदा और बेचा जाता है बस उसी ठिकान को ही Stock Exchange कहते है.
History of Stock Exchange
नीदरलैंड में साल 1602 में दुनिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज Establish किया गया था,जिसे आज के टाइम Euronext Amsterdam Stock Exchange(EASE) के नाम से पहचाना जाता है.
पुराने टाइम पर Stock Exchnage में शेयर का लेन देन Certificate के फॉर्म में होता था, लेकिन आज के इंटरनेट के जमाने में इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में किया जाता है.
Stock Exchange In India
वैसे तो भारत में Stock exchange की शुरुआत 1875 में की गई,लेकिन आज के टाइम हमारे भारत देश में सिर्फ 2 Main Stock exchange है.
- BSE (Bombey S tock Exchange)
- NSE (National Stock Exchange)
BSE-Bombey Stock Exchange
BSE इंडिया का दूसरा सबसे बड़ा Stock exchange है,और इसका index सेंसेक्स है.
साल 9 July 1875 में BSE का उद्घाटन Mr. प्रेमचंद रॉय के हस्ते किया गया था.और वो उस टाइम Big Bull के नाम से जाने जाते थे. BSE की गिनती भारत के सबसे पुराने वाले Stock Exchange नहीं बल्की एशिया के सबसे पुराने वाले Stock Exchange में की जाती है.
अगर आपको BSE के बारे में और जनना है तो उनके website के उपर जरूर visit करे,https://www.bseindia.com
NSE-National stock exchange
इंडिया का सबसे बड़ा Stock Exchnage NSE है,और शेयर एक्सचेंज उसका index Nifty है.
साल 1992 में NSE की शुरुआत हो गई,और ये इकलौता ऐसा stock exchnage है इंडिया में जिस ने टाइम के हिसाब से अपने आप में बदलाव किए.उन मै से एक है इलेक्ट्रोनिक तरीके से shares को buy ओर sale करना.
ये भारत का पूरी तरह से पहला Fully computerized stock exchange है.
अगर आपको NSE के बारे में और जनना है तो उनके website के उपर जरूर visit करे,https://www.nseindia.com
कैसे NSE बना भारत का सबसे बड़ा Stock exchnage ?
तो इसका जवाब काफी आसन है,आज के टाइम shares का volume BSE से ज्यादा NSE पर होती है मतलब shares की जो खरीदी और बिक्री है वो BSE से ज्यादा NSE पर होती है,इसलिए NSE एक बड़ा stock exchnage है इंडिया में.
Stock exchnage के बारे में इतना सब जान लिया है, तो अब वाहा से share कैसे खरीद ते है ये भी जान लेते है.
शेयर खरीदने के स्टेप्स
Shares Kaise Kharide In Hindi ?
शेयर खरीदने के स्टेप्स को एक example के जरिए समझ ते है.ताकि आप और अच्छे से समझ सके.
Mr A🙋 को कुछ शेयर खरीदने है मार्केट से तो,सबसे पहिले Mr A🙋 को Stock broker से अपना Trading और Demat अकाउंट ओपन करवाना होगा.
एक बार Mr A. ने Stock broker से अपना Trading और Demat अकाउंट ओपन करवा लिया, उसके बाद Mr A को अपने ट्रेडिंग अकांउट में कुछ पैसे डालने होंगे उसके बाद किसी एक शेयर को सेलेक्ट करके उसका ऑर्डर लगाना होगा.
फिर वो ऑर्डर ब्रोकर के पास जाता है,और वो ब्रोकर उस ऑर्डर को Stock exchnage में दे देता है,conformation के लिए
और जब ऑर्डर conform हो जाता है,तो ब्रोकर Mr A को बता देगा कि आपका ऑर्डर Confirm हो चुका है.
उसके बाद Mr A ने खरीदी हुई सारे शेयर की detail, ब्रोकर depository को देता है.& depository उसका E- Certificate बनाकर Mr A के Demat अकाउंट में जमा कर देता है.⬇️
शेयर खरीदने की प्रोसेस
शेयर मार्केट में पहली बार इस स्टॉक एक्सचेंज कंपनी ने रचा इतिहास, शेयर निवेशकों की हुई चांदी
BSE Market Capitalization: कल गुरुवार को जो रेकॉर्ड भारतीय शेयर मार्केट ने तय किया वह भारत के इतिहास में पहली बार दर्ज होने वाला रेकॉर्ड है। बांम्बे स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड शेयरों का मार्केट कैपिटलाइजेशन अब तक के सबसे ऊंचे स्तर 282.66 लाख करोड़ रुपये पर जा पहुंचा है। जिसके कारण शेयर निवेशको को काफी लाभ हो रहा है। मार्केट में लगातार तेजी के कारण निवेशकों की संपत्ति में 1.79 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है। 17 जून, 2022 को बीएसई ( BSE) में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैपिटलाईजेशन 235 लाख करोड़ रुपये के करीब था जो अब बढ़कर 282.66 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
रिसर्च एनालिस्ट प्रशांत तापसे ने कहा
मेहता इक्विटीज लि. के रिसर्च एनालिस्ट प्रशांत तापसे ने कहा, बाजार शेयर एक्सचेंज में बृहस्पतिवार को अच्छी तेजी रही। इसका प्रमुख कारण वॉल स्ट्रीट में बुधवार को आई तेजी तथा कच्चे तेल के दाम में लगातार जारी गिरावट है। कच्चे तेल का दाम फरवरी के बाद लगातार अपने निचले स्तर पर ट्रेड कर रहा है। गुरुवार को निवेशकों की खरीदारी के चलते कारोबार खत्म होने पर मुंबई स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक सेंसेक्स 659 अंकों की उछाल के साथ 59,688 तो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 174 अंकों की तेजी के साथ 17,798 अंकों पर बंद हुआ है. सेंसेक्स 60,000 के लेवल तो निफ्टी 18,000 के लेवल को छूने के कगार पर है।
दिल्ली स्टॉक एक्सचेंज
हेल्लो दोस्तों आज मे आपके लिए एक स्टॉक एक्सचेंज के बारेंमे आर्टिकल लेकर आया हु जोकि ‘दिल्ली स्टॉक एक्सचेंज‘ के बारेंमे हैं वैसे यह स्टॉक एक्सचेंज केवल कुछ क्षेत्र तक ही सीमित हैं हालांकि यह स्टॉक एक्सचेंज भारत के अहम 23 स्टॉक एक्सचेंजों की सूचि में आता फिरतो हमें इसे जानना और समजना बनता हैं तो चलिए इस महत्वपूर्ण टोपिक को शुरू करते हैं
दिल्ली स्टॉक एक्सचेंज की सामान्य बातें :-
‘Delhi Stock Exchange’ आज हम इस स्टॉक एक्सचेंज के बारेंमे जानने वाले है, ‘दिल्ली स्टॉक एक्सचेंज’ जिसे ‘डीएसई’ के शोर्ट नाम से भी जाना जाता है
हमने भारत के दो अहम स्टॉक एक्सचेंज ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’ के बारेंमे अलग आर्टिकल में विस्तार से जाना और साथ ही हमारे देश में यही दो स्टॉक एक्सचेंजीस नहीं बल्कि SEBI की मान्यता प्राप्त भारत में कुल 23 स्टॉक एक्सचेंजीस शामिल है
मगर आज हम इस आर्टिकल (दिल्ली स्टॉक एक्सचेंज) में उन मेसे एक ‘दिल्ली स्टॉक एक्सचेंज’ के बारेंमे जानेंगे, ‘दिल्ली स्टॉक एक्सचेंज’ नई दिल्ली, भारत में स्थित है और इसकी स्थापना 25 जून 1947 में हुई थी तब से इसने विभिन्न क्षेत्रों में निवेश को सुगम बनाकर अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है
जिससे भारत के उत्तरी क्षेत्र में एक उचित उत्साहजनक इक्विटी पंथ का निर्माण हुआ है और साथ ही ‘डीएसई’ देश के सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंजों में से एक है
इनसे पहले दो संस्थाए हुआ करती थी ‘दिल्ली स्टॉक एंड शेयर ब्रोकर्स एशोसिएशन लिमिटेड’ और ‘दिल्ली शेयर एक्सचेंज लिमिटेड’ बाद में इन दोनों संस्थाओ को मर्ज करके भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों मेसे एक और पांचवें स्टॉक एक्सचेंज के रूप में ‘दिल्ली स्टॉक एक्सचेंज’ का गठन हुआ
यह उतर भारत में टर्मिनलों में कुल 50 से ज्यादा शहरों के साथ जुदा हुआ हैं, इस स्टॉक एक्सचेंज में लगभग 3000 से भी अधिक सूचीबद्ध कंपनीयों के स्टॉक लिस्टेड है, ‘Delhi Stock Exchange’ SEBI से पूर्णरूप से BSE से बाजार नियामक की अनुमति प्राप्त कर चूका हैं
दिल्ली स्टॉक एक्सचेंज की DP सर्वीस
Delhi Stock Exchange (डीएसई) की डीमेटरियलाईजड़ ट्रेडिंग की बात करे तो ‘Delhi Stock Exchange’ की डीमेट शाखा को ‘नेशनल सिक्योरिटीज डिपोजिटरी लिमिटेड’ (NSDL) की संस्था के साथ कोलोब्रेसन किया गया है
‘Delhi Stock Exchange’ में ट्रेडिंग करने के बाद जो शेयर होते है उसे इन संस्था के द्वारा सुरक्षित Demat Account में रखा जाता है इसकी शुरुआत सितम्बर, 1998 को हुई थी हालाकी, शेयरों को भोतिक यानि डीमेट फॉर्म में रूपांतरित करने का विकल्प दो महीने बाद शुरु किया गया था
‘डीएसई’ का इरादा भारत में पूंजी बाजार के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए अपने उत्पादक संसाधनों को चैनलाइज करने का है
चलिए अब ‘Delhi Stock Exchange’ (डीएसई) में किन – किन समयों में क्या – क्या बदलाव किये गए है उनकी टेबल लिस्ट देखते हैं
दिनांक (Date) | डीएसई की समय सरचना की जानकारी |
---|---|
जून, 1956 | Chopri, में लेनदेन की रिकॉर्डिंग |
दिसंबर, 1957 | एससीआरए (प्रतिभूति अनुबंध (विनियमन) अधिनियम, 1956) के तहत मान्यता |
मार्च, 1982 | SCRA के तहत स्थायी मान्यता |
फरवरी, 1987 | कम्प्यूटरीकृत व्यापार की शुरुआत |
फरवरी, 1988 | डीएसई सूचकांक का शुभारंभ |
मार्च, 1989 | निवेशक संरक्षण कोष का गठन |
अप्रैल, 1992 | डीएसई इंडेक्स 1,000 अंक के पार |
जून, 1996 | सहायक कंपनी यानी डीएसई फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (डीएफएसएल) का गठन |
अगस्त, 1997 | ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का शुभारंभ |
दिसंबर, 1997 | डीएसई हाउस का उद्घाटन |
जून, 2009 | जमा-आधारित ट्रेडिंग सदस्यता (डीटीएम) का शुभारंभ |
Delhi Stock Exchange (डीएसई) ने अपनी 1.25 अरब व्यापार गारंटी फंड की शुरुआत 27 जुलाई 1998 की थी, ‘Delhi Stock Exchange’ के सभी शेयरों के लेनदेन की गारंटी टीजीएफ स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से दी जाती है
यदि कोई सदस्य समझौता प्रतिबद्धता का सम्मान करने में विफल रहता है, तो टीजीएफ प्रतिबद्धता को पूरा करने और बिना किसी व्यवधान के सभी निपटान को पूरा करने का प्रयास करता है
निष्कर्ष :-
तो दोस्तों हमनें इस टोपिक में ‘दिल्ली स्टॉक एक्सचेंज’ की सामान्य बातोँ को शेयर एक्सचेंज जाना जिसमें भारत में मोजूद अहम 23 स्टॉक एक्सचेंजों में यह स्टॉक एक्सचेंज 5 वें नंबर पर आता हैं साथ ही इसकी डिपोजिटरी सर्वीस यानि डिमेट विभाग भारत की अहम संस्था NSDL के नेतृत्व में आती हैं जिनसे इनकी अहमियत और भी हाई हो जाती हैं तो फ़िलहाल इस आर्टिकल में इतनाही फिर मिलेंगे, धन्यवाद
मुंबई स्टॉक एक्सचेंज में पहली बार लिस्टेड हुई बिहार की दो कंपनियां
मुबंई एक्सचेंज में एसएमई प्लेटफार्म पर बिहार की दो कंपनियां एक साथ सूचीबद्ध हुई हैं। एसएमई प्लेटफार्म पर सूचीबद्ध होने वाली आदित्य कंज्यूमर मार्केटिंग लिमिटेड 156वीं और आदित्य विजन लिमिटेड 162वीं कंपनियां हैं।
बंबई शेयर बाजार में बुधवार को शुरुआती कारोबार में उछाल देखने को मिली।
बिहार की दो कंपनियों ने शेयर मार्केट में दस्तक दे दी है। ऐसा पहली बार हुआ जब मुबंई एक्सचेंज में एसएमई प्लेटफार्म पर बिहार की दो कंपनियां एक साथ सूचीबद्ध हुई हैं। इन दोनों कंपनियों के नाम है आदित्य कंज्यूमर मार्केटिंग लिमिटेड और आदित्य विजन लिमिटेड। बताया जा रहा है कि इन दोनों कंपनियों का प्रमोटर एक ही हैं जोकि बिहार में पिछले कई सालों कंज्यूमर रिटेल और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे फ्रिज, कूलर, एसी, टीवी आदि के कारोबार में हैं।
आदित्य कंज्यूमर मार्केटिंग लिमिटेड और आदित्य विजन लिमिटेड यह दोनों कंपनियां पटना में ही पंजीकृत है और इनका मुख्यालय भी पटना में ही है। एसएमई प्लेटफार्म पर सूचीबद्ध होने वाली आदित्य कंज्यूमर मार्केटिंग लिमिटेड 156वीं और आदित्य विजन लिमिटेड 162वीं कंपनियां हैं। बता दें कि इन दोनों कंपनियों शेयर मार्केट में आने के लिए सेबी और बीएसई ने काफी मदद की। जिसके लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) और मुंबई स्टॉक एक्सचेंज ने कई बार पटना जाकर सेमिनार भी किए।
बता दें के सेबी के अध्यक्ष यूके सिन्ह जो कि खुद भी बिहार हैं और बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। उनकी यह दिली इच्छा थी कि बिहार की कंपनियां शेयर मार्केट में कदम रखें। बिहार में किए जाने वाले सेमिनार में सेबी और मुंबई स्टॉक एक्सचेंज ने कंपनियों को शेयर मार्केट में आने के लिए होने वाली दिक्कतों को दूर करने का वादा भी किया। वहीं इन दोनों कंपनियों को सूचीबद्ध करवाने के लिए सेबी और मुंबई स्टॉक एक्सचेंज ने पूरी मदद की।
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मुंबई स्टॉक एक्सचेंज बिहार की कंपनियों को शेयर मार्केट से जुड़ने के लिए होने वाल परेशानियों को दूर करने के लिए काम कर रही है। आदित्य कंज्यूमर मार्केटिंग लिमिटेड और आदित्य विजन लिमिटेड को भी हर तरह की मदद दी जा रही है। इन दोनों कंपनियों के अलावा और भी कई कंपनियां मुंबई स्टॉक एक्सचेंज के संपर्क में हैं।
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BSE: भारत के पहले स्टॉक एक्सचेंज की नींव आज ही के दिन रखी गई थी, कभी शेयर दलाल पेड़ के नीचे करते थे काम
नई दिल्ली। आमतौर पर आप जीस भी देश में देखेंगे वहां एक ही स्टॉक एक्सचेंज है। लेकिन भारत में दो स्टॉक एक्सचेंज हैं। एक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और दूसरा बंबई स्टॉक एक्सचेंज। हैरानी की बात ये है कि भारत के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज से ज्यादा बंबई स्टॉक एक्सचेंज का शेयर एक्सचेंज अधिक महत्व है। सौ साल से ज्यादा पुराना बंबई स्टॉक एक्सचेंज भारत ही नहीं, बल्कि एशिया का सबसे पहला शेयर बाजार है।
पहले दलाल स्ट्रीट के नाम से जाना जाता था
बंबई स्टॉक एक्सचेंज को हाल के कुछ सालों तक दलाल स्ट्रीट के नाम से जाना जाता था। इसकी स्थापना 9 जुलाई 1875 में एक एसोसिएशन के रूप में हुई थी। शुरूआत में इस स्टॉक एक्सचेंज का नाम नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर एसोसिएशन था। इससे पहले 1840 में शेयर दलाल एक बरगद के पेड़ के नीचे खड़े होकर शेयरों की खरीद-फरोख्त किया करते थे। वहीं से इसे एक एसोसिएशन बनाने की रूपरेखा तैयार की गई और 1875 में इसे बाजार के रूप में स्थापित किया गया।
आज बंबई स्टॉक एक्सचेंज के नाम से जाना जाता है
बतादें कि 1860 के दशक में मुंबई में करीब 250 शेयर दलाल हुआ करते थे। लेकिन 1865 में अमेरिकी गृहयुद्ध के बाद भारत में दलालों का कामकाज पूरी तरह से ठप्प हो गया। शेयरों के भाव औंधे मुंह गिर गए। ऐसे में शेयर दलालों ने अपनी एसोसिएशन बनाने का फैसला किया और एक गैर औपचारिक एसोसिएशन की रचना हुई। लेकिन 1874 में शेयर दलालों को एक निश्चित जगह दे दी गई। जिसे कुछ साल पहले तक दलाल स्ट्रीट और आज बंबई स्टॉक एक्सचेंज के नाम से जाना जाता है।
मुंबई के निर्माण में स्टॉक एक्सचेंज की अहम भूमिका
जुलाई 1875 में 318 लोगो ने एक रूपये प्रवेश शुल्क के साथ शेयर बाजार मुंबई की संस्था गठित की और द नेटिव एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन का औपचारिक जन्म हुआ। इसके बाद एसोसिएशन ने शेयर खरीद फरोख्त के लिए एक भवन के निर्माण के साथ दलालों के हितों की रक्षा के लिए काम करना शुरू किया। हालांकि शेयर बाजार को बेहतर बनाने के लिए ब्रिटिश उच्चाधिकारी जे. एम. मेक्लिन को याद किया जाता है। मेक्लिन ने ब्रिटिश शासनकाल के दौरान 18 जनवरी 1899 के दिन मुंबई के नेटिव शेयर दलालों को वह सम्मान दिलाने का प्रयास किया जिसके वे हकदार थे। मुंबई के निर्माण में बंबई स्टॉक एक्सचेंज की भूमिका अहम मानी जाती है।
दुनिया का पहला स्टॉक एक्सचेंज जिसने इंटनेट का इस्तेमाल किया
आजादी के बाद साल 1956 में सिक्योरिटी कॉन्ट्रैक्ट रेग्युलेशन एक्ट के जरिए BSE को भारत सरकार ने अधीकृत कर लिया। इसी के साथ यह देश का पहला स्टॉक एक्सचेंज बन गया जिसे भारत सरकार ने अधीकृत किया। बतादें कि बीएसई दुनिया का पहला ऐसा स्टॉक एक्सचेंज है जिसने केंद्रीयकृत इंटरनेट ट्रेडिंग सिस्टम शुरू किया है।