शेयर मार्केट का गणित

रिटर्न ऑन एसेट (ROA) = नेट प्रॉफिट / औसत कुल संपत्ति (Total Asset)
शेयर मार्केट क्या है सीखें और पैसे कमाए – What Is Share शेयर मार्केट का गणित Market In Hindi
Share Market In Hindi: बिना निवेश किए पैसे कमाना थोड़ा मुश्किल है पर शेयर बाजार में निवेश कर पैसे कमाना आसान है.
आज हर कोई व्यक्ति एक खुशहाल जीवन जीने के लिए बहुत पैसे कमाना चाहता है जिसके लिए वह नौकरी में कड़ी मेहनत भी करता है, लेकिन नौकरी में कड़ी मेहनत करने के बाद भी वह एक खुशहाल जीवन जीने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं कमा पाता है.
लेकिन शेयर बाजार पैसों का एक ऐसा कुआ है जो सारे देश की प्यास बुझा सकता है. जिन लोगों को शेयर बाजार की अच्छी समझ होती है वह शेयर बाजार से करोड़ों रूपये शेयर मार्केट का गणित की कमाई करते हैं.
अगर आप भी जानना चाहते हैं कि Share Market क्या है, शेयर मार्केट कैसे सीखें, शेयर मार्केट में पैसा कैसे लगायें और शेयर मार्केट से पैसा कैसे कमाए तो इस लेख को पूरा अंत तक जरुर पढ़ें. इस लेख में हमने आपको इन सब के अतिरिक्त शेयर मार्केट का गणित और शेयर मार्केट से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण शब्दों के बारे में बताया है जिससे कि आपको शेयर बाजार के बारे में अच्छी समझ मिले.
तो चलिए शुरू करते हैं इस लेख को और जानते हैं शेयर बाजार क्या होता है हिंदी में.
Share Market Kya Hai ( शे यर मार्केट की abcd)
अक्सर हम शेअर मार्केट की बाते पढते है, सुनते है पर असल मे शेअर मार्केट कैसे काम करता है | लोग इससे कैसे पैसे कमाते है यह सब बहोतसे लोगो को नहीं पता होता शेअर मार्केट का गणित कैसे चलता है | इसलिए आज हम शेअर मार्केट के बारे मे शेयर मार्केट का गणित कुछ बाते यहा समजने की कोशिश करेंगे की आखिर शेअर मार्केट कैसे काम करता है |
शेअर मार्केट का गणित:
शेअर मार्केट यांनी ऐसा मार्केट जहा पर अलग-अलग कंपनी के शेअर बेचे जाते है या खरिदे जाते है| शेअर मार्केट मे कुछ लोग अच्छा पैसा कमा पाते है तो कुछ लोग सारा पैसा गवा देते है | Share यांनी कंपनी का एक छोटासा हिस्सा होता है जो की बेचा और खरिदा जाता है| एक कंपनी का Share खरिदना मतलब उस कंपनी मे हिस्सेदार बन जाना| अगर कंपनी को मुनाफा होता है और अगर आपने उस कंपनी के share खरिद कर रखे है तो मुनाफे का हिस्सा आपको भी मिलता रहेगा और अगर कंपनी को घाटा हुआ तो आपको भी घाटा होगा|
शेअर मार्केट मे शुरुवात कहा से करे :
शेअर मार्केट मे Invest करने के लिये आपको Demat Account निकालना जरुरी है| बिना Demat Account के आप शेअर को बेंच या खरिद नहीं सकते |
डिमेट अकाऊंट शेयर मार्केट का गणित क्या होता है:
जैसे हम पैसे रखने के लिए Bank मे Saving Account निकालते है वैसे ही हमे खरिदे हुये शेअर को रखने के लिये Demat Account की जरुरत होती है|
डिमेट अकाऊंट कहा से निकाला जाता है? :
आप दो जगह से Demat Account खोल सकते हैं| एक तो आप सीधे बॅक मे ही खोल सकते हैं या तो किसी Broker House से खोल सकते हैं| जादातर लोग Broker से ही Demat Account खुलवा लेते है क्यो की Broker आपको Share खरिदने और बेचने मे कम चार्ज लेता है और उनके जादा फायदे भी आपको मिलते है | वैसे तो बहोत सारे Broker आपको Demat अकाऊंट खुलवाके देते है जैसे Zerodha, Angle Broking, Motilal Oswal..आजकल तो आप घर बैठे ही आपका Demat अकाऊंट चुटकीयो मे खोल सकते है इसके लिए आपको निचे दिये गये चीजो की जरुरत पडेगी|
आजकल E-KYC के जरिये आप आसानी से घर बैठे अपना अकाऊंट खोल सकते हैं| अगर Broker के यहा आप अपना अकाऊंट खोलते है तो आप उनके दिये गये Application की मदत से मोबाईल मे भी Share को बेच या खरिद सकते हैं|
कहा से खरिदे और बेचे ?
NSE और BSE माने तो शेअर बेचनेवाली दो दुकाने है जहाँ से आप शेअर खरिद सकते हैं| जो जो कंपनीया इस दो Exchange मे रजिस्टर की गई है उस कंपनी के शेअर आप खरिद और बेंच सकते हैं| हमारे जो Broker होते है वो Stock Exchange के सदस्य होते है| बीना Stock Exchange के हम सीधे शेअर मार्केट से शेअर नहीं खरिद सकते| ये सभी securities and exchange Board of India (SEBI) के अंडर मे शेयर मार्केट का गणित आता है इसलिए धोकाधाडी का खतरा ना के बराबर रहता है|
शेयर मार्केट को कैसे समझें:
शेअर मार्केट मे तभी उतरे जब आपको उसका अच्छे से ज्ञान हो नहीं तो ना उतरे क्यो की बीना शेअर मार्केट के जानकारी के आप अपना सारा पैसा गवा सकते हैं| शेअर मार्केट को समझने के लिये आप Economic Times, Money Control जैसी वेबसाईट को रोज पढा करे Zee business, CNBC Awaaz जैसे चॅनेल देखा करे | बडे बडे इनवेस्टर और Economist के Interview देखा करें | इससे आपको जादातर अंदाजा आ जायेगे की शेअर मार्केट दरसल कैसे काम करता है|
कौनसा शेअर खरिदे कौनसा बेचे:
ऐसा कोई रुल नहीं है की आप किसी कंपनी का शेअर खरिदे अथवा बेचे आप कौनसे भी कंपनी के शेअर ले अथवा ना ले| शेअर खरिदते वक्त आपको शेयर मार्केट का गणित बहोत सारे बातो का ध्यान रखना होता है|
ऐसी बहुत सारी कंपनीया होती है जो हप्ते मे आपका पैसा कई गुना कर देती है पर ऐसी Froud शेयर मार्केट का गणित कंपनीयो से सावधान ही रहे ये कब NSE और BSE से डिलिस्ट कर दिये जाये आपको पता भी नहीं लगेगा| अगर आप शेअर मार्केट मे नये निवेशक है तो आप 'निफ्टी 50 इंडेक्स' मे जो '50 कंपनीया' है उसमे ही जादातर पैसा डाले क्यो की 'निफ्टी 50' के '50 कंपनीया' सर्वश्रेष्ट '50' कंपनीया मानी जाती है| अगर आपको ठिक-ठाक जानकारी है तो ही आप मिडकॅप और स्माॅलकॅप की कंपनीयो मे निवेश कर सकते हैं|
शेयर मार्केट में पैसा कैसे लगाएं:
अगर आप शेयर मार्केट में पैसे लगाने कि सोच हि रहे हैं तो पहले आप अच्छे से शेयर मार्केट को समझने तक एक छोटीसी राशी ही डाले जब आपको उसमें अनुभव बढ़ेगा वैसे वैसे आपको मार्केट कि गतविधीयों का पता चलता जायेगा। शुरवात में आप ज्यादातर लार्ज कैप या निफ्टी 50 में शामिल कंपनियों पर फोकस करें क्योंकी उसमें ज्यादा रिस्क नहीं होता।
share market se daily paise kaise kamaye:
अगर आपको शेअर मार्केट से रोज इनकम करनी हो हैं यह पहले दिन से नहीं होगा इसके लिये आपको शेयर बाजार को वक्त देना होगा बहुतसी चीजें सिखनी होगी इससे आपको जैसे जैसे एक्सपिरियंस बढ़ेगा वैसे वैसे आपका काॅन्फिडंस बढ़ेगा। आप शुरवात में पेपर ट्रेंडिंग करके प्रेक्टिस करें जब आपको यकिन हो जाये कि आपकी स्टेटर्जी से आपको फायदा हो रहा है तब आप रियल स्टाॅक ट्रेडिंग करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
Q: शेयर मार्किट क्या है?
Ans: यह एक ऐसी जगह हैं जहां कंपनी शेयरों को बेचा और खरिदा जाता हैं।
Q: शेयर मार्केट में पैसा लगाने के लिये क्या आवश्यक हैं?
Ans: इसके लिये आपको Demat Account कि आवश्यकता हैं।
Q: शेअर मार्केट कहा कहा से सिख सकते हैं?
Ans: इसे हम क्लासेस, किसी एक्सपर्ट, खुद से या सेल्फ लर्निंग से भी सिख सकते हैं।
शेयर मार्केट का गणित समझे, सटीक कैलकुलेशन में छुपा है कमाई का मंत्र
ये ऐसे पैमाने हैं जिनसे सही शेयर की पहचान की जा सकती है
- bse live
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शेयर मार्केट में कमाई के लिए इसका गणित समझना जरूरी है। SPECULATION के भरोसे कमाई की उम्मीद करना सही स्ट्रैटेजी नहीं है।शेयर मार्केट में कमाई के लिए इसका गणित समझना जरूरी है। SPECULATION के भरोसे कमाई की उम्मीद करना सही स्ट्रैटेजी नहीं है। इसलिए किसी भी कंपनी के शेयर खरीदने से पहले उसे अंकगणित की कसौटी पर कसा जाना चाहिए। मसलन, बैलेंसशीट कैसा है। कितना कैश रिजर्व है, कर्ज की स्थिति, कंपनी का वैल्युएशन कैसा है। ये ऐसे पैमाने हैं जिनसे सही शेयर की पहचान की जा सकती है। आज हम निवेश के लिए वैसी ही कंपनियां चुनकर लाए हैं, जिनके अंकगणित बेहद मजूबत है।
प्रदीप पंड्या का अंकगणित के हिसाब से कमाई का स्टॉकः SBI LIFE
प्रदीप का कहना है कि ये इंश्योरेंस सेक्टर की कंपनी है। इंश्योरेंस सेक्टर में इस कंपनी का मार्केट शेयर 13 प्रतिशत है। देश में इंश्योरेंस पेनेट्रेशन सिर्फ 3.7 प्रतिशत है और दुनिया में औसत इंश्योरेंस पेनेट्रेशन 6.3 प्रतिशत है इसलिए इस कंपनी का स्टॉक लेने पर निवेशकों को कमाई हो सकती है।
हर्षदा सावंत का अंकगणित के हिसाब से कमाई का स्टॉकः INDIAMART INTERMESH
हर्षदा ने कहा कि मार्च के निचले स्तर 1761 से शेयर 49 प्रतिशत चढ़ा है। आंकड़ों पर नजर डालें तो पहली तिमाही में कंसो मुनाफा 128 प्रतिशत बढ़कर 74 करोड़ हुआ है। पहली तिमाही में कंसो आय 3.9 प्रतिशत बढ़कर 153 करोड़ हो गई है। पहली तिमाही में कंसो EBITDA 99.7 प्रतिशत बढ़कर 73.3 करोड़ हो गया है। इसके अलावा EBITDA मार्जिन में 2.30 प्रतिशत का उछाल दिखाई दिया है। इस स्टॉक को 2350 रुपये के भाव पर Norges बैंक ने 1.48 लाख शेयर खरीदे हैं। हर्षदा का कहना है इसमें निवेश करने से निवेशकों को फायदा हो सकता है।
शेयर मार्केट का गणित कैसे काम करता है?
शेयर मार्केट एक ऐसी दुनिया है जिसमें अधिकतम ट्रेडर और निवेशक शेयर मार्केट का गणित समझे बिना ही मार्केट में निवेश या ट्रेड करना शुरू कर देते है। यह आमतौर पर वह ट्रेडर होते है जिन्होने अभी – अभी स्टॉक मार्केट की दुनिया में कदम रखा है।
ज्यादातर नए लोग शेयर बाजार में करोड़पति बनने का विचार लेकर आते हैं। और अपना सारा पैसा शेयर बाजार में यही सोचकर लगाते हैं कि बहुत जल्दी ही अमीर बनने बाले है। इसी के चलते वह बिना किसी रिसर्च के गलत शेयर ले लेते है और ये उम्मीद करते है कि अव तो ये ऊपर ही जायेगा लेकिन जिस कंपनी में वह निवेश करते है वह लगातार गिरता रहता है और अपने पैसे को गंवा देते है।
अगर आप चाहते है कि आप ये सब गलतीयां न हो, जो ज्यादातर लोग करते है तो आपको शेयर मार्केट का गणित और शेयर मार्केट कैसे काम करता है ये समझना होगा। इसलिए इस लेख में शेयर मार्केट का गणित हम समझेंगे कि शेयर मार्केट का गणित क्या है और कैसे काम करता है।
शेयर मार्केट का गणित क्या है?
शेयर मार्केट का गणित का मतलव है कि एक निवेशक या ट्रेडर के रूप में समझना कि शेयर मार्केट कैसे काम करता है और यह समझना कि किसी भी स्टॉक का फंडामेंटल रिसर्च शेयर मार्केट का गणित करने में किन – किन गणितीय फॉर्मूलो को इस्तेमाल किया जाता है?
#1 Probability – संभावना
स्टॉक मार्केट को कोई भी Predict नहीं करता है कि अगले पल स्टॉक मार्केट में क्या होने वाला है, क्योंकि स्टॉक मार्केट संभावना पर चलता है इसलिए स्टॉक मार्केट का 100% कोई भी अनुमान नहीं लगा सकता है।
Probability गणित का टॉपिक है जिसे आपने अपने 10वी कक्षा में पढ़ा होगा, इसलिए इस को समझना आसान है। एक Quote है “No One can Predict the Stock Market” इसलिए किसी भी स्टॉक की रिसर्च कर आप उसके फंडामेंटल और भविष्यों के लक्ष्यों के आधार पर सिर्फ अनुमान लगा सकते है कि वह स्टॉक कहा तक जा सकता है।
#2 Financial Ratios – फाइनेंसियल रेश्यो
फाइनेंसियल रेश्यो किसी कंपनी की परफॉरमेंस को समझने में मदद करते है और साथ ही उसे सेक्टर की अन्य कंपनियों से तुलना करने में भी मदद करते है कि निवेश के उद्देश्य से रेश्यो के आधार पर नौक – सी कंपनी निवेश के लिए बेहतर है।
स्टॉक मार्केट में बहुत से फाइनेंसियल रेश्यो है लेकिन हम सिर्फ उन्ही फाइनेंसियल रेश्यो को समझेंगे जो किसी स्टॉक का फंडामेंटल रिसर्च करने में मदद करते है।
Return On Assets (ROA) – रिटर्न ऑन एसेट
रिटर्न ऑन एसेट्स (ROA) एक प्रोफिटेबिलिटी मेट्रिक है जो कंपनी कि उस एफिशिएंसी को मापता है जिस पर एक कंपनी अपनी संपत्ति का उपयोग ज्यादा से ज्यादा नेट प्रॉफिट करने के लिए करती है।
एक कंपनी का रिटर्न ऑन एसेट निकालने के लिए शेयर मार्केट का गणित कंपनी के नेट प्रॉफिट को उसकी औसत कुल संपत्ति यानि एसेट से विभाजित (Devide) किया जाता है, जिसे आप नीचे फार्मूला में देख सकते है:
रिटर्न ऑन एसेट (ROA) = नेट प्रॉफिट / औसत कुल संपत्ति (Total Asset)
इसके अलावा, रिटर्न ऑन एसेट की गणना करने पर हमें इसकी वैल्यू प्रतिशत में मिलती है जो है हमें साल – दर – साल कंपनी अपने एसेट पर कितना नेट प्रॉफिट कर रही है यह दिखाती है और साथ ही अन्य कंपनियों से तुलना करने में भी मदद करता है। रिटर्न ऑन एसेट किसी भी कंपनी में निवेश से पहले देखा जाने बाला एक अहम पहलु है।
Return On Capital Employed (ROCE) – रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड
रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड (ROCE) एक फाइनेंसियल मैट्रिक्स है जो यह मापता है कि एक कंपनी प्रॉफिट कमाने के लिए अपने पैसो का कितनी कुशलता से उपयोग कर रही है।
दूसरे शब्दों में, यह रेश्यो दर्शाता है कि एक कंपनी नियोजित प्रत्येक रुपये से कितना प्रॉफिट अर्जित करती है। इस तरह से यह रेश्यो किसी कंपनी की प्रोफिटेबिल्टी और एफिशिएंसी का विश्लेषण करने में हमारी मदद करता है।
रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड (ROCE) = Earnings before interest and tax (EBIT) / Capital Employed
EBIT : यह कंपनी का वह प्रॉफिट होता है जो टैक्स और ब्याज को छोड़कर सभी खर्चो के बाद प्राप्त होता है।
Capital Employed: Total Asset – Current Liabilities
Return On Equity (ROE) – रिटर्न ऑन इक्विटी
रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) शेयरधारकों द्वारा योगदान किए गए प्रत्येक डॉलर के इक्विटी निवेश पर कंपनी कितना नेट प्रॉफिट कर रही है ये मापने में मदद करता है।
रिटर्न ऑन इक्विटी की गणना करने के लिए, नेट इनकम को शेयरधारक इक्विटी से विभाजित (Devide) किया जाता है।
ROE जितना अधिक होगा, कंपनी का मैनेजमेंट उतना ही कुशल है कि वह अपनी इक्विटी फाइनेंसिंग से कंपनी की इनकम और ग्रोथ बढ़ा रहे है।
रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) = नेट इनकम / औसत शेयरधारकों की इक्विटी
Price to Earnings Ratio (P/E) प्राइस टू अर्निंग रेश्यो
प्राइस टू अर्निंग रेश्यो (P/E) कंपनी के शेयर प्राइस और प्रति शेयर आय (ईपीएस) के बीच का एक संबंध है। यह निवेशकों के बीच बहुत लोकप्रिय रेश्यो है जो निवेशकों को कंपनी के मूल्य की बेहतर समझ विकसित है।
अगर सरल शब्दों में कहे तो प्राइस टू अर्निंग रेश्यो यह बताता है कि एक कंपनी प्रति शेयर पर कितना रुपये कमा रही है। इस रेश्यो को सामान इंडस्ट्री की कंपनी से तुलना करने में इस्तेमाल कर सकते है।
प्राइस टू अर्निंग रेश्यो (P/E) = वर्तमान शेयर प्राइस / प्रति शेयर आय
Price to Book Value Ratio (P/B) – प्राइस टू बुक वैल्यू
यह किसी शेयर मार्केट का गणित कंपनी के बकाया शेयरों के कुल मूल्य और उसकी इक्विटी के बुक वैल्यू के बीच संबंध को दर्शाता है। पी / बी रेश्यो एक निवेशक के शेयर मार्केट का गणित लिए एक बहुत ही अहम रेश्यो है जो निवेशकों को स्टॉक की सही कीमत प्राप्त करने के लिए कंपनी की नेट एसेट की तुलना उसकी कीमत से करता है।
अगर किसी निवेशक को अंडरवैल्यू स्टॉक खोजने है तो यह रेश्यो आपकी मदद कर सकता है…
प्राइस टू बुक वैल्यू (P/B) = मार्केट कैपिटलाइजेशन / बुक वैल्यू ऑफ़ इक्विटी
Debt to Equity Ratio – डेट-टू-इक्विटी रेश्यो
डेट-टू-इक्विटी रेश्यो का उपयोग कंपनी की अपने दायित्वों आदि का भुगतान करने की क्षमता को मापने के लिए किया जाता है। यडेट-टू-इक्विटी रेश्यो किसी विशेष कंपनी के समस्त स्वास्थ्य को दर्शाता है।
अधिक डेट-टू-इक्विटी रेश्यो
एक अधिक डेट-टू-इक्विटी रेश्यो वाली कंपनी अधिक जोखिम की ओर इशारा करती है। उदाहरण के लिए,
यदि कोई अपने विकास के लिए मार्केट बहुत अधिक मात्रा में पैसा उधार ले रही है जिसे उस ब्याज देना है जिसकी बजह से कंपनी के खर्चे बढ़ जाये और कभी – कभी ऐसा भी होता है कि कंपनी अपने ऊपर कर्ज को चूका नहीं पाती है और बैंक्रप्ट हो जाती है।
कम डेट-टू-इक्विटी रेश्यो
कम डेट-टू-इक्विटी रेश्यो का मतलब है कि कंपनी के शेयरधारकों की इक्विटी डेब्ट की तुलना में बहुत ज्यादा है, और इसे अपने व्यवसाय और विकास के संचालन के लिए किसी भी धन की आवश्यकता नहीं है। इसलिए प्रत्येक निवेश के लिए इस रेश्यो को देखना जरूरी हो जाता है कि वह कंपनी कितने कर्जे में है और वह कंपनी कर्ज चुका भी पायेगी या नहीं।
हमें उम्मीद है कि आपको समझ आ गया होगा कि मार्केट का गणित क्या है और कैसे काम करता है लेकिन फिर भी अगर आपका कोई सवाल रहता है तो आप हमें कमेंट कर सकते है।