भारत की खुद की डिजिटल करेंसी

टी रवि शंकर ने 'विधि सेंटर फॉर लीगल पॉलिसी' के ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान कहा कि हो सकता है कि सीबीडीसी को लेकर विचार क्रियान्वयन के करीब है। वित्त मंत्रालय द्वारा गठित एक उच्च स्तरीय अंतर-मंत्रालयी समिति ने नीति और कानूनी ढांचे का परीक्षण किया है। उसने देश में सीबीडीसी को डिजिटल मुद्रा के रूप में पेश करने की सिफारिश की है।
सीबीडीसी को छिपा नहीं पाएंगे
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) भारत की खुद की डिजिटल करेंसी इस साल चरणबद्ध तरीके से अपनी केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) शुरू करने की योजना बना रहा है। यह करेंसी शुरू में केवल थोक उद्यमों के इस्तेमाल के लिए होगी। आरबीआई इसे इस तरह डिजाइन कर रहा है कि इसके उपयोगकर्ताओं के लिए छिपाने की कोई गुंजाइश नहीं होगी।
केंद्रीय बैंक थोक उद्यमों में सीबीडीसी के उपयोग की जांच करने के बाद इसे खुदरा खंडों के लिए शुरू करेगा। सामान्य इस्तेमाल के लिए भारत की खुद की डिजिटल करेंसी अज्ञात लेनदेन को मंजूरी देने के बारे में बाद में फैसला लिया जाएगा।
एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, 'हम इस साल थोक खंड के लिए सीबीडीसी शुरू करने पर काम कर रहे हैं। शुरुआत में छिपाने के लिए कोई गुंजाइश नहीं होगी।' भारत की खुद की सॉवरिन समर्थित सीबीडीसी की सबसे पहले घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022 के केंद्रीय बजट में की थी।
उन्होंने कहा था, 'सीबीडीसी की शुरुआत से डिजिटल अर्थव्यवस्था को तगड़ी मजबूती मिलेगी। डिजिटल करेंसी से ज्यादा कारगर एवं सस्ती मुद्रा प्रबंधन प्रणाली संभव हो पाएगी। इसलिए ब्लॉकचेन एवं अन्य तकनीक इस्तेमाल कर डिजिटल रुपया शुरू करने का प्रस्ताव रखा जाता है, जिसे आरबीआई 2022-23 से जारी करना शुरू करेगा।'
डिजिटल करेंसी आज से हुई लांच जानिए इसके बारे में महत्वपूर्ण बातें
RBI से मिली जानकारी के अनुसार पिछली साल ही पता चला था कि जल्द ही आपके पास अपना खुद का भारत की खुद की डिजिटल करेंसी डिजिटल रुपया भी होगा. आपके लेन-देन का तरीका बदल जाएगा. पैसा अब जेब में रखने तक सीमित नहीं रहेगा. जेब से बाहर, यह आभासी दुनिया में प्रसारित होगा. यह आपको अपनी जेब में रखने के लिए नहीं मिलेगा. छापेंगे भी नहीं. बल्कि यह आपके लिए टेक्नोलॉजी के जरिए काम करेगा. जैसे- Cryptocurrency Bitcoin. जिसका क्रेज सबके सिर चढ़कर बोल रहा है. तो क्या हमारा अपना डिजिटल रुपया होगा. अच्छी बात यह है भारत की खुद की डिजिटल करेंसी कि हमारी सरकार, RBI इसे रेगुलेट करेगी. तो पैसे खोने का कोई खतरा नहीं होगा. इस पर अब RBI ने अपनी चुप्पी तोड़ दी है. अब इसे लेकर RBI ने जानकारी दी है.
पिछले साल बताया था RBI ने
RBI ने मौद्रिक नीति की घोषणा की. रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन आपके काम की एक बेहद दिलचस्प बात सामने आई. पिछले कुछ सालों से आप Virtual Currency, Digital Currency जैसे नाम सुनते आ रहे होंगे. अब तैयार हो जाइए, क्योंकि RBI अपनी डिजिटल करेंसी पर काम कर रहा है और साल के अंत तक इसका ड्राफ्ट भी तैयार हो जाएगा. RBI Governer शक्तिकांत दास ने कहा कि डिजिटल करेंसी का मॉडल साल के अंत तक आ जाएगा.
डिजिटल करेंसी की तकनीक और वितरण पर काम चल रहा है. यह कैसे काम करेसकी रूपरेखा भी तैयार की जा रही है. यह निजी वर्चुअल करेंसी यानी बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से होने वाले नुकसान से बचाव करेगा. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि रिजर्व बैंक इस पर काम कर रहा है. आपको बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2022 को बजट पेश करते हुए आने वाले वित्तीय वर्ष में RBI द्वारा डिजिटल करेंसी या सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी जारी करने की घोषणा की थी. निर्मला सीतारमण ने कहा था कि डिजिटल रुपया पेश करने का फैसला रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से सलाह मशविरा करने के बाद लिया गया है. RBI की डिजिटल करेंसी को मिलेगी कानूनी मान्यता पायलट प्रोजेक्ट के लिए State Bank Of India, Puniab National Bank, Union Bank Of India और Bank Of Baroda को शामिल किया गया है.
क्रिप्टो बैन: सही कदम या भूल
भारत में इन दिनों क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चर्चा हरेक की जुबान पर है भले ही उसने इसमें कभी निवेश किया हो या नहीं. अब सरकार इस पर कानून लाने वाली है, लेकिन यह काम भी बड़ा उलझन भरा है. जाानिए क्यों?
भारतीय संसद के इस हफ्ते शुरू हुए शीतकालीन सत्र की खास बात कृषि या विकास संबंधी परियोजनाएं न होकर एक ऐसी करेंसी या मुद्रा रही जो न देखी जा सकती है, न छुई जा सकती है और जिसकी कीमत तेजी से घटती-बढ़ती रहती है. इसे क्रिप्टोकरेंसी या डिजिटल करेंसी कहते हैं, जिस पर सरकार या बैंक का नियंत्रण नहीं होता है. यह करेंसी ब्लॉकचेन तकनीक पर बनी होती है, जो किसी डेटा को डिजिटली सहेजता है.
अब जो करेंसी किसी के नियंत्रण में नहीं है, उस पर सरकार कानून कैसे ला सकती है? इसका जवाब हां और ना दोनों है. भले ही सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई कानून न बनाया हो, लेकिन भारत का आयकर विभाग क्रिप्टो निवेश पर होने वाली इनकम पर टैक्स लेता है. हालांकि क्रिप्टो टैक्स के नियम ज्यादा साफ नहीं हैं, लेकिन अगर किसी निवेश पर टैक्स लिया जा रहा है तो इसका मतलब है कि सरकार उसे आय का स्रोत मान रही है.
नुकसानदेह हो सकता है सरकार का रवैया
सरकार की यह हिचक लंबे अर्से में नुकसान ही कराएगी क्योंकि कई छोटे-बड़े देशों ने क्रिप्टोकरेंसी को पेमेंट का माध्यम मान लिया है. मसलन, अमेरिका स्थित दुनिया के सबसे बड़े मूवी थिएटर चेन एएमसी ने कुछ क्रिप्टोकरेंसी से पेमेंट किए जाने को मंजूरी दे दी है. वहीं, कोरोना महामारी से बुरी तरह तबाह हो चुके टूरिज्म बिजनेस को दोबारा खड़ा करने के लिए थाइलैंड ने क्रिप्टो निवेशकों का स्वागत करते हुए कहा है कि वे उनके यहां आकर क्रिप्टो के जरिए सामान खरीद सकते हैं.
प्राइवेट बैंकों ने तो एटीएम भी लगा रखा हैतस्वीर: Christian Beutler/picture alliance/KEYSTONE/dpa
हालांकि, भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी को एसेट क्लास यानि स्टॉक, बॉन्ड जैसा मानने को तैयार दिख रही है. इसका मतलब है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी को करेंसी न मानकर निवेश का माध्यम मानने को तैयार है. संसद की ओर से जारी बुलेटिन की एक अन्य टिप्पणी भी भ्रम पैदा करने वाली है. सरकार ने कहा है कि वह प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगा देगी. यह प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी आखिर है क्या? सरकार ने इसे लेकर कोई व्याख्या नहीं दी है. क्रिप्टो जगत में प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी जैसी कोई चीज होती ही नहीं है क्योंकि सारी क्रिप्टोकरेंसी ‘प्राइवेट' ही हैं, ‘पब्लिक' या सरकार के नियंत्रण में तो हैं नहीं.
ब्लॉकचेन तकनीक से परहेज नहीं
एक अन्य मुद्दा जिस पर सरकार का रुख कन्फ्यूज कर रहा है वह है डिजिटल रुपये. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को ब्लॉकचेन तकनीक भा गई है क्योंकि इसकी वजह से रिकॉर्ड को भारत की खुद की डिजिटल करेंसी सहेजना और करेंसी को जारी करना आसान है. सरकार को भले क्रिप्टोकरेंसी से दिक्कत हो, लेकिन वह खुद रुपये को डिजिटली जारी करना चाहती है. यानि हो सकता है कि भारतीय रुपया जल्द ही बिटकॉइन या डॉजकॉइन की तरह डिजिटल हो जाए.
हाल के दिनों में सरकार के रवैये ने आम भारतीय क्रिप्टो निवेशकों को खूब छकाया. भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज जैसे वजीरएक्स और कॉइनडीसीएक्स पर निवेशकों ने जल्दबाजी में अपनी करेंसी बेच डाली. पुराने और मंझे हुए क्रिप्टो निवेशकों ने इसका फायदा उठाया और गिरे हुए भाव पर दाव लगाकर क्रिप्टोकरेंसी को अपनी झोली में डाल लिया. ऐसा ही होता है क्रिप्टोकरेंसी बाजार में, जहां कीमत के गिरने का इंतजार कर रहे निवेशक झट से पैसे लगाकर प्रॉफिट लेकर चले जाते हैं.
कंपनियों को सरकार के फैसले का इंतजार
भारत में स्थित क्रिप्टो कंपनियां फिलहाल सरकार के बिल लाने का इंतजार कर रही हैं. वह कई वर्षों से सरकार के साथ बातचीत कर रही थीं क्योंकि उन्हें मालूम है कि रेगुलेशन और कानून आने से उन्हीं का फायदा होगा और क्रिप्टो को लेकर आम लोगों में विश्वास जगेगा. यही वजह है कि क्रिप्टो बिल को लेकर तमाम अटकलों के बावजूद अरबों की संपत्ति वाला क्रिप्टो एक्सचेंज कॉइनडीसीएक्स अब अपना आईपीओ शेयर बाजार में लाने वाला है. आईपीओ के जरिए उसे विस्तार मिलेगा और वह आम लोगों में अपने शेयर बेचकर धन की उगाही कर सकेगा.
कई देशों में बिटकॉइन के प्रचार की कोशिशें हो रही हैंतस्वीर: Salvador Melendez/AP Photo/picture alliance
भारत को लेकर बड़ी कंपनिया आश्वस्त हैं कि यहां चीन की तरह क्रिप्टो पर बैन लगाकर तानाशाही नहीं चलेगी. एनालिटिक फर्म चेनएनालिसिस ने भी भारत को क्रिप्टो का हब करार दिया है, जो बिना किसी गाइडलाइंस के देश ने हासिल किया है. यह बड़ी उपलब्धि है और सरकार को इसे गंवाना नहीं चाहिए.
RBI digital currency: जल्द खुद की डिजिटल करेंसी ला सकता है केंद्रीय बैंक, डिप्टी गवर्नर ने बताया प्लान
देश-विदेश में डिजिटल करेंसी का क्रेज बढ़ता जा रहा है। पिछले कुछ समय से बाजार में डिजिटल करेंसी (जैसे-बिटक्वाइन, डॉजक्वाइन, आदि) में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी है। अब डिजिटल करेंसी पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से बड़ा बयान आया है।
खुद की डिजिटल करेंसी पेश करेगा आरबीआई
केंद्रीय बैंक के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने कहा है कि आरबीआई चरणबद्ध तरीके से अपनी खुद की डिजिटल करेंसी पेश करने की रणनीति पर काम कर रहा है। आरबीआई पायलट आधार पर थोक और खुदरा क्षेत्रों में इसे पेश करने की प्रक्रिया में है।
विस्तार
देश-विदेश में डिजिटल करेंसी का क्रेज बढ़ता जा रहा है। भारत की खुद की डिजिटल करेंसी पिछले कुछ समय से बाजार में डिजिटल करेंसी (जैसे-बिटक्वाइन, डॉजक्वाइन, आदि) में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी है। अब डिजिटल करेंसी पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से बड़ा बयान आया है।
खुद की डिजिटल करेंसी पेश करेगा आरबीआई
केंद्रीय बैंक के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने कहा है कि आरबीआई चरणबद्ध तरीके से अपनी खुद की डिजिटल करेंसी पेश करने की रणनीति पर काम कर रहा है। आरबीआई पायलट आधार पर थोक और खुदरा क्षेत्रों में इसे पेश करने की प्रक्रिया में है।
सोच- विचार के स्तर से काफी आगे भारत की खुद की डिजिटल करेंसी बढ़ा केंद्रीय बैंक
केंद्रीय बैंक सोच- विचार के स्तर से काफी आगे बढ़ चुका है। सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई केंद्रीय बैंक इस दिशा में काम कर रहे हैं। आगे आरबीआई के डिप्टी गवर्नर ने कहा कि उपभोक्ताओं को उन डिजिटल करेंसी में अस्थिरता के भयावह स्तर से बचाने की जरूरत है, जिन्हें कोई सरकारी गारंटी प्राप्त नहीं है। कई देशों के केंद्रीय बैंक सीबीडीसी की संभावना तलाशने में लगे हैं। कुछ देशों ने विशिष्ट उद्देश्य के लिए सीबीडीसी को लागू किया है। अन्य केंद्रीय बैंकों की तरह आरबीआई भी काफी समय से सीबीडीसी की विभिन्न पहलुओं पर गौर कर रहा है।
CBDC क्या है?
CBDC भारत का डिजिटल करेंसी है जिसको हम ई रुपिया बोलते हैं। सीबीडीसी का फूल फॉर्म Central Bank Digital Currency. सीबीडी की कीमत भारतीय ₹1 की जितनी होती है और इसको एक्सचेंज करना भी बहुत आसान है किसी भी आरबीआई रजिस्टर्ड बैंक में जाकर आप CBDC को रुपए में कन्वर्ट कर सकते हैं या आप रुपए को CBDC में बदल सकते हैं।
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी की रुपया को भारतीय रिज़र्व बैंक ही कंट्रोल करता है। भारतीय रिज़र्व बैंक के अनुसार मान्य बैंक आपको अपना डिजिटल रुपया का सभी रिकॉर्ड्स और नियंत्रण आरबीआई के पास ही है इसको किसी थर्ड पार्टी वह लेट के जरिए कंट्रोल नहीं किया जा सकता।