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तेजी से बढ़ रहा क्रिप्टो करंसी का क्रेज

तेजी से बढ़ रहा क्रिप्टो करंसी का क्रेज
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क्रिप्टो में निवेश कर रहे हैं तो हो जाएं सावधान! लगातार बढ़ रहे हैं धोखाधड़ी के मामले

वर्ष 2021 में क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार में वित्तीय घोटालों की संख्या 50 फीसदी से ज्यादा बढ़कर 3300 के पार हो गई. वर्ष 2020 में ठगी के मामलों की संख्या 2052 थी.

क्रिप्टो में निवेश कर रहे हैं तो हो जाएं सावधान! लगातार बढ़ रहे हैं धोखाधड़ी के मामले

देवेन्द्र शर्मा | Edited By: संजीत कुमार

Updated on: Dec 23, 2021 | 7:06 AM

कोरोना महामारी के बीच क्रिप्टोकरेंसी सबसे ज्यादा चर्चाओं में रही है. इस वर्चुअल करेंसी ने बड़ी संख्या में निवेशकों को खूब मालामाल किया है. लेकिन कम समय में मोटी कमाई के चक्कर में निवेशकों का पैसा भी डूब रहा है. आपको बता दें कि साल 2021 में धोखाधड़ी करने वालों यानी स्पैमर ने क्रिप्टो निवेशकों से 58,000 करोड़ रुपए से ज्यादा ठग लिए. ब्लॉकचेन का विश्लेषण करने वाली फर्म चेन एनालिसिस की ताजा रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2021 में क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार में वित्तीय घोटालों की संख्या 50 फीसदी से ज्यादा बढ़कर 3300 के पार हो गई. वर्ष 2020 में ठगी के मामलों की संख्या 2052 थी.तेजी से बढ़ रहा क्रिप्टो करंसी का क्रेज

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो कर रही जांच

खबर तो ये भी है कि भारत में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानी एनसीबी क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन की जांच कर रही है. आशंका है कि इस करेंसी की आड़ में मादक पदार्थों का कारोबार किया जा रहा है. दुनिया भर में इस साल धोखाधड़ी करने वाले स्पैमर, निवेशकों की 7.7 अरब डॉलर की क्रिप्टोकरेंसी लेकर फरार हो चुके हैं. इस दौरान निवेशकों को रगपुल के जरिए सबसे ज्यादा चपत लगाई गई. दरअसल, रगपुल एक ऐसा जरिया है जिसमें एक नई क्रिप्टोकरेंसी के डेवलपर लोगों से निवेश करवा कर अचानक गायब हो जाते हैं. रिपोर्ट के अनुसार इस साल क्रिप्टो घोटालों में रगपुल का 2.8 अरब डॉलर का हिस्सा है. यह आंकड़ा सभी प्रकार के क्रिप्टोकरेंसी घोटालों का एक तिहाई से ज्यादा है.

निवेश में सतर्क रहने की जरूरत

वर्ष 2021 में दुनिया की लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन और इथेरियम की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिला है. इसके साथ ही इसमें निवेश को लेकर जोखिम भी काफी बढ़ गया है। दरअसल, भारत सहित सभी प्रमुख देशों में क्रिप्टो करेंसी को रेग्युलेट नहीं किया गया है. जाहिर है किसी सरकारी संस्थान में इसकी शिकायत का प्रावधान नहीं है. ऐसे में क्रिप्टो में निवेश करते समय ज्यादा सतर्क रहने तेजी से बढ़ रहा क्रिप्टो करंसी का क्रेज की जरूरत है.

भारत में भी बढ़ रहा है क्रिप्टोकरेंसी का क्रेज

क्रिप्टोकरंसी के ऊंचे रिटर्न को देखते हुए अब भारत में भी इसका क्रेज बढ़ने लगा है. देश के तेजी से बढ़ रहा क्रिप्टो करंसी का क्रेज सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज WazirX ने जानकारी दी है कि एक्सचेंज के जरिये उसका ट्रेडिंग वॉल्यूम एक साल में 18 गुना से ज्यादा बढ़ गया है. इसके साथ ही तेजी से बढ़ रहा क्रिप्टो करंसी का क्रेज एक्सचेंज पर यूजर साइनअप में तेज उछाल देखने को मिला है और यूजर बेस बढ़ कर 1 करोड़ तक पहुंच गया है. कारोबार बढ़ने के साथ ही आशंकाएं भी बढ़ गयी हैं कि धोखेबाज अब ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बना सकते हैं.

The Greater Fool Theory: क्या है ग्रेटर फूल थ्योरी ? बिल गेट्स ने क्यों की क्रिप्टोकरेंसी से इसकी तुलना?

Greater fool theory Explainer: दुनिया के चौथे सबसे अमीर शख्स बिल गेट्स Bill Gates ने क्रिप्टो करेंसी और नॉन फंजिबल टोकन्स (NFT) में निवेश करने को मूर्खतापूर्ण कदम करार दिया है.

बिल गेट्स

बिल गेट्स

अपूर्वा राय

  • नई दिल्ली,
  • 16 जून 2022,
  • (Updated 16 जून 2022, 11:28 AM IST)

भारत के लाखों निवेशकों ने बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी में किया है करोड़ों रुपये का निवेश

बिल गेट्स ने क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने को मूर्खतापूर्ण कदम कहा

डिजिटल करंसी क्रिप्टो और एनएफटी को दुनिया के चौथे सबसे अमीर शख्स बिल गेट्स Bill Gates ने बकवास बताया है. गेट्स ने क्रिप्टो करेंसी और नॉन फंजिबल टोकन्स (NFT) में निवेश करने को मूर्खतापूर्ण कदम करार दिया है. गेट्स शुरू से ही क्रिप्टो करेंसी के आलोचक रहे हैं. उनका मानना है कि वे ऐसी चीजों में पैसा लगाना पसंद करेंगे जिसका कोई वैल्यूएबल आउटपुट हो. डिजिटल एसेट्स पर बिल गेट्स को बिल्कुल भी भरोसा नहीं है. वे इनकी तुलना ग्रेटर फूल थ्योरी से करते हैं.

क्या है ग्रेटर फूल थ्योरी

यहां लोग बिना किसी कारण के महंगे दाम में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (NFTs) खरीदते हैं और उसे किसी दूसरे अमीर शख्स को बेच देते है इसे ही ग्रेटर फूल थ्योरी कहते हैं. आसान भाषा में समझें तो ग्रेटर फूल थ्योरी यह बताती है कि बाजार में हमेशा एक "बड़ा मूर्ख" होता है जो पहले से ही अधिक मूल्य वाली संपत्ति को और अधिक कीमत चुकाकर खरीद लेता है.

क्रिप्टोकरेंसी बाजार में आज उछाल

नवंबर 2021 में ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट कैप 2.9 लाख करोड़ डॉलर के पीक पर था. अमेरिका में महंगाई बढ़ने से क्रिप्टोकरेंसीज की कीमत प्रभावित हुई है. लगातार गिरावट के बाद आज ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट कैप (Global Crypto Market Cap) लगभग 3.56 फीसदी के उछाल के साथ 954 बिलियन डॉलर पर है.

भारत में बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का क्रेज

भारत में तेजी से क्रिप्टोकरेंसी का क्रेज बढ़ता जा रहा है. भारत में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से होने वाली आय पर 30 फीसदी टैक्स लगाया गया है. इतना ही नहीं जो निवेशक क्रिप्टोकरेंसी को मुनाफे में नहीं भी बेचते हैं उन्हें भी टैक्स चुकाना होगा. गिफ्ट में दिए गए क्रिप्टो पर भी टैक्स लगाया गया है. हालांकि भारत में क्रिप्टो को कानूनी दर्जा नहीं मिला है. रिजर्व बैंक बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी का विरोध करता रहा है. बावजूद इसके भारत के लाखों निवेशकों ने बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी में करोड़ों रुपये का निवेश किया हुआ है.

फीचर आर्टिकल: क्रिप्टोकरेंसी की भारत में स्थिति और निवेशकों का भविष्य

पिछले कुछ समय में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश सबसे हॉट इन्वेस्टमेंट के रूप में उभरा है। खासकर युवा निवेशकों के बीच यह तेजी से लोकप्रिय हुआ है। परंपरागत रूप से सुरक्षित तरीके से पैसा लगाने वाले निवेशक भी इसमें लगातार दिलचस्पी ले रहे हैं।

जहां एक और ब्लॉकचेन की मुख्य भूमिका वाले वेब 3.0 की बात हो रही है, वहीं देश में स्टार्टअप कल्चर भी तेजी से पैर पसार रहा है। ऐसे में दुनिया की सबसे अधिक युवा आबादी वाले देशों में शुमार भारत इस कल्चर को तेजी से अपना रहा है और ब्लॉकचेन आधारित तकनीकों पर बहुत अधिक ध्यान दिया जा रहा है।

क्रिप्टो टैक्स: क्रिप्टो निवेश अब मुख्यधारा में आ चुका है
भारत में क्रिप्टोकरेंसी निवेशक तेजी से बढ़ रहा क्रिप्टो करंसी का क्रेज हमेशा से इस बात को लेकर आशंकित रहे हैं कि देश में यह निवेश कानूनी रूप से वैध है या नहीं! इसी धारणा को स्पष्ट करने के लिए पहली बार देश में इस साल के बजट में क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स की बात की गई है।

इस वर्ष के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर अब 30 प्रतिशत कर लगेगा। कराधान उद्देश्य के लिए, क्रिप्टोकरेंसी को अब वर्चुअल डिजिटल एसेट (VDA) की परिभाषा में शामिल कर लिया गया है।

इसके अलावा, लेन-देन के विवरण को विनियमित और कैप्चर करने के लिए क्रिप्टो एक्सचेंज या किसी अन्य भुगतानकर्ता द्वारा क्रिप्टोकरंसी के विक्रेता से 1 प्रतिशत टीडीएस की कटौती का भी प्रावधान किया गया है, यदि कुल भुगतान 10,000 रुपए वार्षिक से ऊपर है। यह प्रावधान 1 जुलाई 2022 से लागू किए जा रहे हैं।

इस तरह से कहा जा सकता है कि अब भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश पूरी तरह से कानूनी रूप से वैध हो चुका है। जहां तक अधिक कर की बात है तो यह तेजी से बढ़ रहा क्रिप्टो करंसी का क्रेज एक लचीली व्यवस्था है। यह शुरुआती समय है और आने वाले समय में इस पर अधिक विचार किया जाएगा। इसके बाद निवेशकों को हित को देखते हुए इसमें आवश्यक बदलाव किए जा सकते हैं।

भारत बन रहा वेब 3.0 हब
वेब3 या वेब 3.0 एक नई शब्दावली है, जो ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है। इसका अर्थ एक ऐसे इंटरनेट स्पेस से है, जो विकेन्द्रीकृत प्रक्रिया को बढ़ावा देता है। सरल शब्दों में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के पास इंटरनेट चरण के स्वामी होने की शक्ति होती है। इसके तेजी से बढ़ रहा क्रिप्टो करंसी का क्रेज अनुसार इंटरनेट की दुनिया में आम इंटरनेट उपयोगकर्ता शेयरधारक होंगे।

वेब 3.0 मूल रूप से यह निर्धारित करता है कि किसी दिए गए इंटरनेट व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र में भाग लेने वाले सभी विभिन्न हितधारक अपने डेटा पर नियंत्रण कैसे बनाए रखते हैं। अच्छी बात यह है कि भारत धीरे-धीरे वेब 3.0 अर्ली एडॉप्टर के रूप में विकसित हो रहा है, जिसमें पूरे देश में कार्यक्रमों की योजना तेजी से बनाई जा रही है।

वेब 3.0 में इकोसिस्टम के लिए क्रिप्टो एसेट की जरूरत होती है और यही वजह है कि वेब 3.0 क्रिप्टो करेंसी के अभाव में सफल नहीं हो सकता। नए इकोसिस्टम में एक्सचेंज के मीडियम के रूप में क्रिप्टोकरेंसी का होना जरूरी है। यही कारण है कि वेब 3.0 का क्रेज क्रिप्टो व्यापार को और आगे ले जाएगा।

भारत में क्रिप्टो निवेश: लगातार विकास के पथ पर अग्रसर
भारत में क्रिप्टो निवेशक और HODLers उत्साहित हैं और आशावाद से भरे हुए हैं। HODLers शब्द का चलन क्रिप्टो करेंसी को खरीदकर उसे लंबे समय तक होल्ड करने वाले लोगों के लिए किया जाता है। भारत में क्रिप्टो को वैधानिक मान्यता मिलने, वेब 3.0 को जल्दी अपनाने की स्पर्धा और निवेश के लिए आधुनिक विकल्प ने अग्रणी क्रिप्टो एक्सचेंजों रजिस्टर्ड यूजर्स की संख्या तेजी से बढ़ाई है।

कॉइनस्विच कुबेर प्लेटफॉर्म पर 15 मिलियन यानी डेढ़ करोड़ से अधिक यूजर्स हैं और कंपनी अपनी वर्कफोर्स को दिसंबर 2022 तक 1000 तक तेजी से बढ़ रहा क्रिप्टो करंसी का क्रेज पहुंचाना चाहती है। कॉइनस्विच भारत का पहला ऐसा क्रिप्टो एक्सचेंज होगा, जो अपनी टीम में वेब 3.0 इंजीनियर्स की भर्ती करेगा। इसके अलावा​ क्रिप्टो के निवेशक इस वजह से भी बढ़ रहे हैं क्योंकि लोग बड़े पैमाने पर निवेश के दूसरे विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।

इसमे शामिल है: एनएफटी, मेटावर्स-संचालित निवेश और डिफाइ-आधारित निवेश।

कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि भारत में क्रिप्टो में काफी संभावनाएं हैं। निवेशकों की दिलचस्पी के साथ ही वेब 3.0 के विकास की वजह से क्रिप्टो समय की मांग बन चुके हैं। आधुनिक युग में नवीनतम तकनीकों के साथ यदि किसी निवेश को सबसे अधिक पसंद किया जा रहा है तो वह क्रिप्टो निवेश ही है।

क्रिप्टोकरेंसी बैंकिंग के क्या हैं फायदे और नुकसान, सब कुछ जानें

क्रिप्टोकरेंसी बैंकिंग ज्यादातर लोगों को अपने फंड को डिजिटल वॉलेट में रखने या इसे पारंपरिक पैसे खर्च करने की तरह खर्च करने की अनुमति देती है. लोग एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर अपने क्रिप्टोकरेंसी बैलेंस का प्रबंधन कर सकते हैं.

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  • नई दिल्ली,
  • 14 नवंबर 2021,
  • (Updated 14 नवंबर 2021, 11:59 AM IST)

क्या है क्रिप्टोकरेंसी

मदद के लिए कई डिजिटल प्लैटफॉर्म उपलब्ध

क्या है क्रिप्टोकरेंसी बैंकिंग

क्रिप्टो डेबिट कार्ड के जरिये कर सकते हैं खरीदारी

यूजर का वेरिफिकेशन जरूरी

देश में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का क्रेज बड़ी तेजी से बढ़ रहा है. आकर्षक मुनाफा पाने की चाहत में बड़ी संख्या में लोग क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं. इसे देखते हुए शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने क्रिप्टो ट्रेड’ विषय पर एक व्यापक बैठक की. आखिर क्या है क्रिप्टो करेंसी और लोग इसकी तरफ क्यों आकर्षित हो रहे हैं, आइये जानते हैं.

क्या है क्रिप्टोकरेंसी

मार्केट कैप के लिहाज से दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को वर्चुअल वॉलेट में रखा जाता है,जिनकी यूनीक कीज होती है. बिटकॉइन और अन्य डिजिटल सिक्के नकदी के बराबर हैं, लेकिन ये इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में होते हैं. ये एक तरीके की वर्चुअल मुद्रा होती है, जिसका फिजिकल एक्सिस्टेंस नहीं होता है. डिजिटल मुद्रा को ब्लॉकचेन नामक एक बही प्रणाली द्वारा विकेंद्रीकृत किया जाता है और यह किसी बैंक या केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा नियंत्रित नहीं होता.

मदद के लिए कई डिजिटल प्लैटफॉर्म उपलब्ध

क्रिप्टोकरेंसी के उदय और इसके नए युग के ब्लॉकचेन-आधारित तंत्र ने व्यापारियों, निवेशकों और वित्तीय संस्थानों को शुरुआत में ही अपनी ओर आकर्षित कर लिया था. हालांकि, वर्चुअल मीडियम से पैसे खर्च करने में उन लोगों को थोड़ी परेशानी आती है जो खर्चे के लिए नकद या नोट का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा क्रिप्टो करंसी का क्रेज करना पसंद करते हैं. हाल के दिनों में, लोगों को बिटकॉइन और ऐसे अन्य डिजिटल सिक्कों को दिन-प्रतिदिन इस्तेमाल में मदद करने के लिए नई सेवाओं और प्लेटफार्मों की शुरुआत की गई है.

क्या है क्रिप्टोकरेंसी बैंकिंग

क्रिप्टोकरेंसी बैंकिंग को लेकर लोगों के मन में कई संशय होते हैं, क्योंकि डिजिटल सिक्के केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा विनियमित नहीं होते हैं. एक्सचेंज कंपनियां और फर्म जो डिजिटल मुद्रा के प्रबंधन की सेवाएं प्रदान करती हैं, तकनीकी रूप से बैंक की तरह काम नहीं करती. क्रिप्टोकरेंसी बैंकिंग ज्यादातर लोगों को अपने फंड को डिजिटल वॉलेट में रखने या इसे पारंपरिक पैसे खर्च करने की तरह खर्च करने की अनुमति देती है. लोग एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर अपने क्रिप्टोकरेंसी बैलेंस का प्रबंधन कर सकते हैं.

क्रिप्टो डेबिट कार्ड के जरिये कर सकते हैं खरीदारी

क्रिप्टोकरेंसी बैंकिंग का मुख्य लाभ यह है कि एक्सचेंज प्लेटफॉर्म उपभोक्ताओं को किसी भी अन्य मुद्रा की तरह डिजिटल कॉइन बैलेंस का उपयोग करने की अनुमति देता है. आप चाहें तो इसे निवेश के रूप में रखने के बजाय, दिन-प्रतिदिन निकासी और खरीदारी करने के लिए नकद की तरह इस्तेमाल में लाया जा सकता है. क्रिप्टो डेबिट कार्ड जिसे आमतौर पर बिटकॉइन डेबिट कार्ड के रूप में जाना जाता है क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म द्वारा जारी किए जाते हैं. ये प्रीपेड डेबिट कार्ड की तरह काम करते हैं.

यूजर का वेरिफिकेशन जरूरी

इन कार्ड्स में क्रिप्टोकरेंसी डाल कर ऑनलाइन और इन-स्टोर खरीदारी में इस्तेमाल में लाया जा सकता है. आमतौर पर क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों पर क्रिप्टो कार्ड के लिए आवेदन करने के लिए व्यक्तियों को एक खाता या डिजिटल वॉलेट बनाने की आवश्यकता होती है. कुछ प्लेटफॉर्म के लिए उपयोगकर्ताओं को अपने केवाईसी(Know Your Customer) वेरिफिकेशन प्रक्रिया का उपयोग करके अपनी पहचान को वैलिडेट करने की आवश्यकता होती है.

क्या है Bitcoin? कैसे करते हैं इस वर्चुअल करेंसी में ट्रेडिंग, जानिए आपके काम का सबकुछ

Bitcoin की शुरुआत 2009 में हुई थी. शुरुआती कुछ सालों में बिटकॉइन में धीरे-धीरे बढ़ रही थी. लेकिन, 2015 के बाद से इसमें बड़ी तेजी देखने को मिली और यह दुनिया की नजरों में आ गई.

बिटकॉइन की कीमत दुनियाभर में एक समय पर समान रहती है. इसलिए इसकी ट्रेडिंग मशहूर हो गई. (Reuters)

दुनियाभर में क्रिप्टोकरंसी (CryptoCurrency) बिटकॉइन (Bitcoin) का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है. बिटकॉइन में निवेश करने वाले अमीर लोग इस ऑनलाइन करंसी (Online Currency) के जरिए अपनी पूंजी को तेजी से बढ़ाना चाहते हैं. यही वजह है कि इसके दाम भी नई ऊंचाइयां छू रहे हैं. 3 साल बाद एक बार फिर बिटकॉाइन में बड़ी तेजी देखने को मिली है. साल 2017 में बिटकॉइन में अपना रिकॉर्ड हाई (Bitcoin record High) बनाया था. इसके बाद नीचे की तरफ फिसलती गई. लेकिन, अब 3 साल का नया हाई बना दिया है. दुनियाभर में इस करंसी में लोग पैसा लगा रहे हैं. लेकिन, भारत सरकार (India Government) का मानना है कि उसके पास वर्चुअल करंसी (Virtual currency) का कोई डेटा नहीं है और इसलिए इसकी ट्रेडिंग में खतरा हो सकता है.

कब हुई थी बिटकॉइन की शुरुआत? (History of Bitcoin)
बिटकॉइन की शुरुआत 2009 में हुई थी. शुरुआती कुछ सालों में बिटकॉइन में धीरे-धीरे बढ़ रही थी. लेकिन, 2015 के बाद से इसमें बड़ी तेजी से बढ़ रहा क्रिप्टो करंसी का क्रेज तेजी देखने को मिली और यह दुनिया की नजरों में आ गई. कई देशों में इस वर्चुअल करंसी में ट्रेडिंग (Virtual Currency trading) को लीगल माना गया और बिटकॉइन की कीमत लगातार बढ़ती गई. मौजूदा वक्त में इसकी कीमत 18000 डॉलर के पार निकल चुकी है. यह एक तरह की डिजिटल करंसी (Digital Currency) है. इसकी शुरुआत सतोशी नाकामोतो (Satoshi Nakamoto) नाम के शख्स ने की थी. भारत में भी गुपचुप तरीके से बिटकॉइन ट्रेडिंग (Bitcoin me trading kaise karein) की जा रही है. हालांकि, सरकार ने अब तक इसे लेकर नीतियां नहीं बनाई हैं. वहीं, सुप्रीम कोर्ट से इसकी मंजूरी मिल चुकी है.

कैसे होती है बिटकॉइन में ट्रेडिंग? (How to trade in bitcoin?)
बिटकॉइन ट्रेडिंग डिजिटल वॉलेट (Digital wallet) के जरिए होती है. बिटकॉइन की कीमत दुनियाभर में एक समय पर समान रहती है. इसलिए इसकी ट्रेडिंग मशहूर हो गई. दुनियाभर की गतिविधियों के हिसाब से बिटकॉइन की कीमत घटती बढ़ती रहती है. इसे कोई देश निर्धारित नहीं करता बल्कि डिजिटली कंट्रोल (Digitally controlled currency) होने वाली करंसी है. बिटकॉइन ट्रेडिंग का कोई निर्धारित समय नहीं होता है. इसकी कीमतों में उतार-चढ़ाव भी बहुत तेजी से होता है.

बिटकॉइन का भी है एक्सचेंज (Bitcoin cryptocurrency trading exchange)
Kraken तेजी से बढ़ रहा क्रिप्टो करंसी का क्रेज के जरिए बिटकॉइन में ट्रेडिंग (Bitcoin trading) की जा सकती है. यह क्रिप्टोकरंसी का एक्सचेंज (Cryptocurrency exchange) है. जिसे 2011 में बनाया गया था. इसके लिए पहले अपना अकाउंट बनाना होता है. इसके बाद ईमेल के जरिए अकाउंट कन्फर्म करना होता है. अकाउंट वेरिफाइ (Account verification) होने के बाद आप ट्रेडिंग मेथड सिलेक्ट कर सकते हैं. ट्रेडिंग के लिए चार्ट (Bitcoin trading chart) मौजूद होता है, जिसमें बिटकॉइन की कीमत की हिस्ट्री होती है. आप समय पर बिटकॉइन का ऑर्डर (How to order bitcoin) देकर खरीद सकते हैं और बेच सकते हैं. बिटकॉइन की कीमतों में बदलाव बहुत ही अप्रत्याशित और तेज होता है. इन्वेस्टमेंट के हिसाब से लोगों को ये काफी लुभावना लगता है.

खरीद-फरोख्त की नहीं होती कोई जानकारी (Bitcoin investment details)
बिटकॉइन (Bitcoin) के लेनदेन का एक लेजर बनाया जाता है. दुनिया में लाखों व्यापारी भी बिटकॉइन से लेनदेन करते हैं. हालांकि, किसी भी केंद्रीय बैंक ने अभी इसको मान्यता नहीं दी है. अमेरिका की कई दिग्गज कंपनियां भी बिटकॉइन को स्वीकार करती हैं. इंटरनेट की दुनिया में इसकी तेजी से बढ़ रहा क्रिप्टो करंसी का क्रेज खरीद-फरोख्त कराने वाले कई एक्सचेंज हैं. इंटरनेट की कई वेबसाइट और ऐप के माध्यम से इसकी खरीद-फरोख्त होती है. इसमें खरीद-फरोख्त करने वालों की जानकारी छुपी रहती है.

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क्या है बिटकॉइन का नुकसान? (Disadvantage of Bitcoin)
बिटकॉइन करेंसी से सबसे बड़ा नुकसान यह है कि अगर आपका कंप्यूटर हैक हो गया तो फिर यह वापस नहीं होगी यानी रिकवर नहीं होगी. इतना ही नहीं इसकी चोरी होने की आप पुलिस में या कहीं भी शिकायत दर्ज नहीं करा सकते हैं.

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