शेयर खरीदने के लाभ

यह संकेत है कि मौद्रिक नीति को लेकर अगली दो बैठकों में ब्याज दर में 1.25 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। इसके साथ अमेरिकी-डॉलर सूचकांक 111 से ऊपर चला गया। डॉलर के मुकाबले रुपया 80 से ऊपर पहुंच गया है।’
'मुंबई शेयर बाजार'
शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव और निवेशकों को होने वाले जोखिम को लेकर सेबी ने सतर्क कदम उठाया है. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) बाजार के रुझानों पर नियमित रूप से 'जोखिम' से जुड़ी जानकारी देने की तैयारी कर रहा है.
कंपनी शेयर खरीदने के लाभ ने यह नहीं बताया कि ये ठेके कितने के हैं. कंपनी ने शेयर बाजार को बताया कि ये ठेके ‘बड़ी’ श्रेणी के हैं. बड़ी श्रेणी के ठेके 2,500 करोड़ रुपये से पांच हजार करोड़ रुपये तक के होते हैं. कंपनी ने कहा, ‘‘एलएंडटी की निर्माण इकाई को विभिन्न श्रेणियों में प्रतिष्ठित ग्राहकों से ठेके मिले हैं. इसके अलावा भवन एवं कारखाना इकाई को मुंबई में एक कार्यालय व एक आवासीय शेयर खरीदने के लाभ परियोजना तैयार करने के लिये ठेका मिला है.
मंगलवार को मुंबई शेयर बाजार में उछाल का दिन रहा, दिन की शुरुआत से ही बाजार में तेजी का रुख रहा. आज के कारोबार की समाप्ति के समय बीएसई सेंसेक्स 519.11 अंक उछलकर 35,430.43 पर पहुंच गया.
शेयर बाजार गिरावट के साथ हुआ बंद, सेंसेक्स में 337 अंकों की गिरावट
बैंक निफ्टी भी 572.85 अंकों की गिरावट के साथ के बंद हुआ। जिससे बैंक निफ्टी गिरकर 40,630.60 के स्तर पर पहुंचकर बंद हुआ। घरेलू शेयर बाजारों में गुरुवार को लगातार दूसरे दिन गिरावट रही और बीएसई सेंसेक्स 337 अंक से अधिक टूटकर बंद हुआ। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर में वृद्धि तथा वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख के बीच बाजार नीचे आया।
सेंसेक्स के शेयरों में पावर ग्रिड, एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी लि., एक्सिस बैंक, बजाज फिनसर्व, आईसीआईसीआई बैंक और अल्ट्राटेक सीमेंट प्रमुख रूप से नुकसान में रहे।
दूसरी तरफ लाभ में रहने वाले शेयरों में टाइटन, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एशियन पेंट्स, मारुति और आईटीसी शामिल हैं।
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे।
शेयर क्या होता है? – What is Share?
अक्सर अखबारों या न्यूज़पेपर में आपने शेयर के बारे में तो जरूर पढ़ा सुना होगा? जब यह न्यूज़ पेपर अखबार में शेयर लिखा हुआ देखते हैं तो हमारे जेहन में एक बात तो जरूर आती है कि यह शेयर मार्केट से संबंधित है. लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि शेयर क्या होता है? What is Share in Hindi कोई भी कंपनी शेयर कब जारी करती है? किसी भी कंपनी को शेयर जारी करके क्या लाभ मिलता है? ऐसे ही कुछ सवाल है, जो शायद आपके जहन में भी आया होगा. आज के हमारे इस लेख में हम आप लोगों को इस बारे में जानकारी देने वाले हैं कि शेयर क्या होता है? What is Share in Hindi
शेयर (Share) का अर्थ बांटना या हिस्सेदारी होती है. जब भी आप शेयर बाजार से किसी कंपनी के शेयर खरीदे हैं, तो इसका अर्थ यह होता है कि आप उस कंपनी में आंशिक रूप से अपनी हिस्सेदारी खरीदते हैं. यानी कि आप उस कंपनी के हिस्सेदारी में हिस्सा खरीदते हैं. जब आप उस कंपनी का शेयर खरीदते हैं तो आप उस कंपनी के हिस्सेदार (Share Holder) या इक्विटी होल्डर (Equity Holder) बन जाते हैं. स्टॉक एक्सचेंज में आपके द्वारा शेयर खरीदने के लाभ खरीदी गई शेयर या हिस्सेदारी को इक्विटी या स्क्रिप्ट भी कहा जाता है.
कोई भी कंपनी शेयर क्यों जारी करती है? – Why Companies issue Share?
हर कंपनी यह चाहती है कि, आप अपने बिजनेस को आगे बढ़ा है. कंपनी को अपने बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए काफी पैसों की आवश्यकता होती है. बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए काफी ज्यादा पूंजी की जरूरत होती है. ऐसे में कंपनियां आम जनता से पैसे उठाने के लिए शेयर (Share) जारी करती है. कंपनी अपना बिजनेस का विस्तार करने के लिए कॉर्पोरेट ढांचा तैयार करती है. इसके लिए स्टॉक एक्सचेंज में आईपीओ के जरिए अपने शेयर पब्लिक के लिए लाती है. जिससे कि निवेशक बड़ी तादाद में उन शेयरों पर अपनी हिस्सेदारी खरीदते हैं. कोई भी कंपनी IPO के जरिए अपने शेयर को स्टॉक मार्केट में सूचीबद्ध करवाती है. निवेशक के लिए किसी भी सूचीबद्ध कंपनी के शेयर को खरीदने में आसानी होती है. कंपनी द्वारा घोषित किए गए डिविडेंड, बोनस शेयर और राइट शेयर पर निवेशकों का भी अधिकार होता है.
शेयर खरीदने के लाभ
30 इसके शेयरों की खरीद के लिए कंपनी या इसके द्वारा ऋण की देकर खरीद पर प्रतिबंध 31 .
6 (1) कोई भी कंपनी के शेयरों के द्वारा या गारंटी द्वारा सीमित और शेयर पूंजी के फलस्वरूप कमी इस अधिनियम के प्रावधानों के तहत किया जाता है जब तक कि एक शेयर पूंजी होने के अपने शेयरों को खरीदने की शक्ति होगी.
(2) किसी सार्वजनिक कंपनी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से चाहे और एक ऋण, गारंटी, सुरक्षा का प्रावधान या अन्यथा, के उद्देश्य के लिए किसी भी वित्तीय सहायता, या बनाया एक खरीद या सदस्यता के साथ या करने के संबंध में के माध्यम से, चाहे देना होगा किसी भी व्यक्ति के द्वारा या कंपनी में या अपनी होल्डिंग कंपनी में किसी भी शेयर के लिए बनाया जा.
(3) उप - धारा में कुछ भी नहीं (2) को लागू नहीं होगी
(क) | अपने व्यापार के सामान्य पाठ्यक्रम में एक बैंकिंग कंपनी द्वारा पैसे के उधार; |
(ख) | विशेष संकल्प के माध्यम से और के रूप में ऐसी आवश्यकताओं के अनुसार कंपनी द्वारा अनुमोदित किसी भी योजना के अनुसार पैसे की एक कंपनी द्वारा प्रावधान पूरी तरह से कंपनी में चुकता शेयर या अपनी होल्डिंग कंपनी के लिए, या सदस्यता की खरीद के लिए निर्धारित किया जा सकता , अगर की खरीद, या कंपनी के कर्मचारी द्वारा आयोजित कर्मचारियों या ऐसे शेयरों के लाभ के लिए न्यासियों द्वारा आयोजित की शेयरों के लिए अभिदान; |
(ग) | नहीं खरीद या के लिए सदस्यता लेने के लिए उन्हें सक्रिय करने के लिए उनके वेतन या एक दृश्य के साथ छह महीने की शेयर खरीदने के लाभ अवधि के लिए मजदूरी से अधिक राशि के लिए अपने निदेशकों या प्रमुख प्रबंधकीय कर्मियों के अलावा अन्य कंपनी के रोजगार में व्यक्तियों के लिए एक कंपनी द्वारा ऋण देने, कंपनी या फायदेमंद स्वामित्व के माध्यम से उनके द्वारा आयोजित होने इसकी होल्डिंग कंपनी में पूरी तरह चुकता शेयरों: |
योजना के रूप में इस तरह के तरीके में बोर्ड की रिपोर्ट में किया जाएगा जो संबंधित को शेयरों के संबंध में कर्मचारियों द्वारा सीधे प्रयोग नहीं मतदान के अधिकार के संबंध में खुलासे निर्धारित किया जा सकेगा. |
सूचना का अधिकार प्राप्त होता है
कंपनी द्वारा अपने Share holders को समय समय पर कंपनी के कामकाज से जुड़ी information दी जाती है | इस सूचना का benefit यह होता है की व्यक्ति कंपनी से मिली अधिकारिक Information के बलबूते महत्वपूर्ण निर्णय लेने में कामयाब हो पाता है | हालाँकि जैसे की हम उपर्युक्त वाक्य में बता चुके हैं की being a shareholder कोई भी व्यक्ति कंपनी के दैनिक कार्यों में हिस्सा नहीं लेता है|
लेकिन कंपनी द्वारा लिए जाने या लिए गए निर्णयों की Information उसको दी जाती है, ताकि जिन कार्यों को आगे बढाने के लिए एक Share holder की सहमती जरुरी होती है उन कार्यों को आगे बढ़ाया जा सके |
इसके अलावा जब कोई कंपनी अपने शेयर होल्डर को कंपनी को आगे बढाने हेतु लिए गए महत्वपूर्ण फैसलों और अन्य रिपोर्ट के बारे में उनको Information देती है तो इसका सबसे बड़ा benefit यह होता है की व्यक्ति अपने विवेक से यह निर्णय लेने में सक्षम हो पाता है की उसके द्वारा ख़रीदे गए शेयर को वह कब तक रखेगा, और कितने रखेगा, हो सकता है की शेयर होल्डर और शेयर ख़रीदे और यह भी हो सकता है की वह अपने सारे शेयर बेच दे |
Share Holder बनने से अतिरिक्त शेयरों का लाभ मिलता है
Extra Share benefits से आशय कंपनी की उस क्रिया से है जिसमे कंपनियां समय समय पर अपने शेयर धारकों को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ अतिरिक्त लाभ मुहैया कराती हैं | इनमे right issue और bonus share जैसे benefits प्रमुख हैं | right issue किसी कंपनी द्वारा केवल और केवल अपने वर्तमान Share holders के लिए जारी किया जाता है, इसमें कंपनी share holders को उसके शेयर तात्कालिक दामों से कम दामों में बेचती है और शेयर खरीदने के लाभ यदि कोई व्यक्ति being a share holder right issue खरीदने से मना कर देता है |
तब कंपनी उसको शेयर खरीदने के लाभ बाहर के व्यक्ति को बेचती है | इसके अलावा कंपनी Bonus issue जारी करके अपने share holders को उनके पास मौजूद शेयरों के मुताबिक bonus share देती है | उदाहरणार्थ : माना ABC नामक कंपनी अपना Bonus issue जारी करके प्रत्येक दो शेयर पर एक बोनस शेयर की घोषणा करती है तो इस स्थिति में जिस शेयर होल्डर के पास कंपनी के 100 शेयर हैं bonus shares को मिला के 150 हो जायेंगे |
मीटिंग में भाग लेने और वोटिंग का अधिकार मिलता है
किसी भी निर्णय को अंजाम तक पहुँचाने के लिए विचार विमर्श बेहद जरुरी होता है | यही कारण है की कंपनियों में भी निर्णय लेने से पहले अधिकारिक लोगों के बीच विचार विमर्श किये जाते हैं | कंपनी इन निर्णयों में विचार विमर्श का अधिकार अपने शेयर होल्डरों को उनके द्वारा लिए गए कंपनी के शेयरों के अनुपात के आधार पर प्रदान करती है |
हर साल कंपनी को अपने आप को आगे बढाने के लिए विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श की आवश्यकता पड़ती है और यदि कोई ऐसा मुद्दा जो विचार विमर्श के माध्यम से हल नहीं होता तो इस स्थिति में कंपनी शेयर होल्डर को वोट देने का अधिकार देती है | और उसी निर्णय को अंतिम रूप दे दिया जाता है जिस निर्णय के साथ अधिक निवेशक खड़े रहते हैं |
पोस्टल वॉलेट की सुविधा मिलती है
निवेशकों की समस्या को ध्यान में रखते हुए Postal wallet नामक concept प्रचलन में आया है, इस concept की खासियत यह है की being a shareholder कोई भी व्यक्ति कंपनी के महत्वपूर्ण निर्णयों में अपनी भागीदारी पोस्टल के माध्यम से भी कर सकता है | इसमें शेयर होल्डर को मीटिंग में उपस्थित होना जरुरी नहीं होता बल्कि वह अपना वोट पोस्ट ऑफिस के माध्यम से कंपनी को भेज सकता है |
और इसकी अहमियत भी उतनी ही होती है जितनी उपस्थित निवेशको के वोट की | कंपनी इस Postal wallet में निवेशकों को निर्णय सम्बन्धी सभी जानकारी जैसे निर्णय क्यों लिया जा रहा है इत्यादि details भेजती है | जिसमे being a share holder व्यक्ति अपने शेयरों की संख्या और पक्ष विपक्ष में वोट देकर वापस भेजता है |
उपर्युक्त benefits के अलावा being a share holder व्यक्ति को कंपनी विभिन्न benefits जैसे शेयरों की खरीद फरोख्त की आज़ादी अर्थात निवेशक चाहे तो अपने शेयर किसी भी कीमत पर बेच सकता है | और कंपनी के सरप्लस पर भी शेयरों के आधार पर हिस्सेदारी देती है |