व्यापारिक मुद्रा जोड़े

इंटरनेट ट्रेडिंग कैसे की जाती है

इंटरनेट ट्रेडिंग कैसे की जाती है
Binomo पर ट्रेड करने के लिए, आपको बस अपना ईमेल पता दर्ज करना है या अपने Google खाते को Binomo ऐप से लिंक करना है, पासवर्ड सेट करना है, खाते के लिए करेंसी चुनना है, ग्राहक समझौते और गोपनीयता नीति की शर्तों को पढ़ना और उन्हें स्वीकार करना है. इसके बाद, आप ट्रेड कर सकते/सकती हैं.

एक बार साइन-अप करने के बाद, ट्रेड से जुड़ी जानकारी देने वाला ट्यूटोरियल आपको Binomo प्लेटफॉर्म के बुनियादी फंक्शन से परिचित कराएगा. ट्रेड के अनुमान की कला सीखने और अपने ट्रेडिंग कौशल को निखारने के लिए, आपको वर्चुअल $1000 वाला एक मुफ्त डेमो अकाउंट मिलता है. यह एक ऐसा डेमो अकाउंट है जो आपको अपनी वास्तविक पूंजी को जोखिम में डालने से पहले ट्रेडिंग को आजमाने की सुविधा देता है.

जानिए फॉरेक्स ट्रेडिंग से कैसे बना सकते हैं पैसा

फॉरेक्स ट्रेडिंग में अलग-अलग देशों की करेंसी का लेन-देन होता है। इसे ही फॉरेक्स ट्रेडिंग कहते हैं। फॉरेक्स मार्केट में एक करेंसी को दूसरे देश की करेंसी में बदला जाता है।

आजकल के इस अर्थ युग में हर कोई पैसे के लिए परेशान नजर आ रहा है। लोग ऐसे निवेश की तलाश में है, जहां रुपये का पेड़ लगाने पर मनचाहा रिटर्न मिले। ऐसे में अगर आप बेहतर रिटर्न चाहते हैं, तो हम आपको सबसे बढ़िया और सबसे अच्छा उपाय बता रहे हैं। इस उपाय के जरिए आप करोडों, अरबों में खेल सकते हैं। इस उपाय का नाम है फॉरेक्स ट्रेडिंग। जी हां फॉरेक्स ट्रेडिंग के जरिए आप मनचाहा पैसा कमा सकते हैं। फॉरेक्स ट्रेडिंग का नाम सुनकर घबराने की जरूरत नहीं है। यह बहुत ही सरल है। एक बार आप इसे सीख गए, तो फिर समझो कि दुनिया की करेंसी जैसे डॉलर, यूरो आपकी मुट्ठी में होगी। तो फिर पहले समझते हैं फॉरेक्स ट्रेडिंग के बारे में:-

फॉरेक्स ट्रेडिंग:-

फॉरेक्स ट्रेडिंग को ही फॉरेक्स करेंसी ट्रेडिंग कहते हैं। इसी को एफएक्स (FX) मार्केट भी कहते हैं। यह शेयर बाजार की तरह काम करता है। जैसे शेयर बाजार में लेन-देन होता है। वैसे ही फॉरेक्स ट्रेडिंग में भी होता है। अंतर इस बात का है कि शेयर बाजार में शेयर का लेन-देन होता है वहीं फॉरेक्स ट्रेडिंग में अलग-अलग देशों की करेंसी का लेन-देन होता है। इसे ही फॉरेक्स ट्रेडिंग कहते हैं। इसे आप भी कर बैठे इंटरनेट के जरिए कर सकते हैं। फॉरेक्स मार्केट में एक करेंसी को दूसरे देश की करेंसी में बदला जाता है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात याद रखना है एक्सचेंज रेट का। एक करेंसी को दूसरे देश की करेंसी में बदलने की दर को एक्सेचेंज रेट कहते हैं। यानी आप यूरो से डॉलर में, डॉलर को यूरो में, रुपये को डॉलर में या किसी भी देश की करेंसी को किसी भी देश की करेंसी के साथ बदल सकते हैं।

कैसे करें ट्रेडिंग :-

फॉरेक्स ट्रेडिंग आजकल ट्रेडिंग का सबसे ज्यादा हॉटस्पॉट प्लेस है। यहां एक से बढ़कर एक बिजनेस मैन ट्रेडिंग करते हुए नजर आएंगे। अगर आप भी ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो हम आपको बता रहे हैं कि ट्रेडिंग कैसे करें और इंटरनेट ट्रेडिंग कैसे की जाती है किस तरह से की जाती है। ट्रेडिंग करने के लिए सबसे पहले आपके पास डीमैट एकाउंट होना जरूरी है।

ट्रेडिंग करेंसी ऑनलाइन:-

जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है कि ऑनलाइन ट्रेडिंग यानी यहां पर आप ऑनलाइन ट्रेडिंग कर सकते हैं। इसके लिए आपका डीमैट एकाउंट होना जरूरी है। एकाउंट ओपने के बाद आपको हर देश की करेंसी के उतार-चढ़ाव पर ध्यान देना है। यानी एक्सचेंज रेट पर ध्यान देना है। इसमें जो एक्सचेंज रेट आपको अच्छा लगे, उसी में लॉक कर देना है। फॉरेक्स ट्रेडिंग के लिए ये सबसे बेहतर उपाय है।

ब्रोकरेज फर्म के जरिए कमाई:-

फॉरेक्स ट्रेडिंग में अगर आपने महारत हासिल कर ली, तो फिर ब्रोकरेज फर्म उसका अगला स्टेप है। इसमें आप ब्रोकरेज फर्म खल सकते हैं। इसके जरिए आप अन्य निवेशकों से ट्रेडिंग कराएं। इसमें आपको निवेशकों द्वारा खरीदने, बेचने पर कमीशन मिलेगा। इसके अलावा अगर आप निवेशक को बेहतर एक्सचेंज दिलाते हैं। आपकी साख भी बढ़ेगी। जिससे आपके यहां निवेशक बढ़ेंगे। इसमें आप बिना ट्रेडिंग किए हुए करोड़ों, अरबों कमा सकते हैं।

वेबसाइट के जरिए फॉरेक्स ट्रेडिंग:-

फॉरेक्स ट्रेडिंग में आप वेबसाइट खोलकर भी पैसे कमा सकते हैं। इस वेबसाइट पर आपको फॉरेक्स ट्रेडिंग करने वालों की जरूरते पूरी करनी होगी। वेबसाइट पर लोगों को फॉरेक्स ट्रेडिंग से संबंधित जानकारी देनी होगी। आप अपने वेबसाइट के जरिए लोगों को को एक से पांच साल की सदस्यता देकर उनको अपना ग्राहक बना सकते हैं। इसमें आपको डीमैट एकाउंट के बारे में जानकारी देनी होगी। फिर आप सलाहकार के रूप में फीस लेकर भी निवेशकों को सुविधा दे सकते हैं। यहां भी आप बिना ट्रेडिंग किए मोटी रकम कमा इंटरनेट ट्रेडिंग कैसे की जाती है सकते हैं।

मनी एक्सचेंज एजेंसी खोलना:-

एक्सचेंज रेट के बारे में अच्छी जानकारी रखने वालों के लिए एक्सेचेंज एजेंसी खोलना सबसे बढ़िया उपाय है। इसके जरिए आप लोगों की करेंसी को एक्सचेंज (बदल) सकते हैं। इसमें आपको हर दिन कमाई होती रहेगी। करेंसी को बदलने पर आपको शानदार कमीशन मिलेगा। कुल मिलाकर आप एक्सचेंज एजेंसी के जरिए भी बेहतर कमाई कर सकते हैं।

इस प्रकार से फॉरेक्स ट्रेडिंग की बारीकियों को समझने और एक्सचेंज रेट पर पैनी नजर इंटरनेट ट्रेडिंग कैसे की जाती है रखने वाले करोड़ों, अरबों की कमाई कर सकते हैं।

NSE – National Stock Exchange का इतिहास

NSE – National Stock Exchange का इतिहास भारत की दूसरी सबसे बड़ी स्टॉक एक्सचेंज के रूप में राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज (NSE – National Stock इंटरनेट ट्रेडिंग कैसे की जाती है इंटरनेट ट्रेडिंग कैसे की जाती है Exchange) को जाना जाता है। BSE स्टॉक एक्सचेंज की तरह ही इसका इतिहास भी काफी पुराना है।

NSE यानी National Stock Exchange की स्थापना वर्ष 1994 में हुई थी। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना से पहले भारत में सिक्योरिटी एंड कैपिटल मार्केट दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले काफी पिछड़ा हुआ था, यही वजह है कि हर्षद मेहता स्कैम के बाद में भारतीय स्टॉक एक्सचेंज ने अपनी विश्वसनीयता को भी खो दिया था।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (National Stock Exchange) भारत में एक अग्रणी स्टॉक एक्सचेंज कंपनी के नाम से जाना जाता है। यह दुनिया भर में दूसरा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ एक्सचेंज (WFE) एक रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज 9 जून 2018 तक इक्विटी शेयर में काफी बढ़िया कारोबार किया था।

NSE – National Stock Exchange का इतिहास

NSE यानी National Stock Exchange की स्थापना साल 1994 में हुई थी। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने वर्ष 1994 में इलेक्ट्रॉनिक्स स्क्रीन इंटरनेट ट्रेडिंग कैसे की जाती है आधारित ट्रेडिंग, इंडेक्स ट्रेडिंग और वर्ष 2000 में इंटरनेट ट्रेडिंग शुरू की, जो भारत में अपनी तरह का पहला उत्पाद था। इसका मुख्यालय मुंबई में स्थित है।

SEBI की रिपोर्ट के अनुसार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने अपनी स्थापना वर्ष वर्ष 1994 के अगले 1 साल के अंदर ही ट्रेडिंग औसत वॉल्यूम के हिसाब से भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज बन गया था।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज वर्ष 1994 से स्क्रीन आधारित ट्रेनिंग की शुरुआत की और भारत में इस तरह की ट्रेडिंग प्लेटफार्म देने वाली पहली स्टॉक एक्सचेंज के रूप में उभरकर के सामने आई थी। इसके साथ ही इस साल 2000 में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में इंडेक्स फ्यूचर की शुरुआत की जो अपने आप में अनूठा था।

NSE – का विकास एक नजर में

क्रम संख्यावर्षविकास
11993NSE की स्थापना
21994Screen based trading की शुरुआत की गई
31996CNX NIFTY 50 INDEX की शुरुआत की गई थी
41996Demat account trading की शुरुआत
52000निफ़्टी 50 के ऊपर आधारित index future trading की शुरुआत
62001Single stock मे future and option की शुरुआत, इसी के साथ ही Nifty 50 पर आधारित इंडेक्स ऑप्शन ट्रेडिंग की भी शुरुआत की गई थी
72010Currency trading की शुरुआत की गई
82015CNX NIFTY का नाम बदलकर के NIFTY 50 कर दिया गया

वर्ष 1992 तक, BSE भारत में सबसे लोकप्रिय स्टॉक एक्सचेंज के रूप में माना जाता था। लेकिन नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना 1992 मे होने के बाद याद देश का पहला Dematerialised Stock Exchange के रूप में स्थापित किया गया था। तकनीकी रूप से उन्नत, स्क्रीन आधारित ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को पेश करने के लिए यह भारत में पहला स्टॉक एक्सचेंज माना जाता है। स्क्रीन आधारित ट्रेडिंग प्लेटफार्म ने भारत में व्यापार में क्रांति ला दी। जल्द ही नेशनल स्टॉक एक्सचेंज भारत में व्यापारियों और निवेशकों का पसंदीदा स्टॉक एक्सचेंज बन गया।

Admin Desk हम हिंदी भाषा में यहां सरल शब्दों में आपको ज्ञानवर्धक जानकारियां उपलब्ध कराने की कोशिश करते हैं। ज्यादातर जानकारी है इंटरनेट पर अंग्रेजी भाषा में मौजूद है। हमारा उद्देश्य आपको हिंदी भाषा में बेहतर और अच्छी जानकारी उपलब्ध कराना है।

क्रिप्टो करेंसी को देश में मिली व्यापार की मंजूरी, जानें आप कैसे कर सकते हैं ट्रेडिंग?

क्रिप्टो करेंसी से एक ऐसा माध्यम है जिससे की डिजिटल लेनदेन के दौरान पार्दर्शिता बनी रहती है.

By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 04 Mar 2020 01:32 PM (IST)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज देश में क्रिप्टो करेंसी में व्यापार की अनुमति प्रदान कर दी है. इससे पहले 2018 में भारतीय रिजर्व बैंक ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया था. भारत में क्रिप्टो करेंसी का कारोबार करने वालों की संस्था इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने इसे चुनौती देते हुए कहा था कि भारत सरकार ने क्रिप्टो करेंसी पर रोक नहीं लगाई है. आपने क्रिप्‍टो करेंसी के बारे में सुना होगा. ये डिजिटल पैसे लेन देन का एक बेहतरीन माध्यम है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि क्रिप्टो करेंसी के जरिए लेन देन या व्यापार कैसे होता कैसे है ?

क्रिप्‍टो करेंसी कैसे खरीदें ? आप डिजिटल कॉइन खरीकर शुरुआत कर सकते हैं. ये डिजिटल कॉइन आपके डिजिटल वॉलेट में जाएंगे. कॉइनबेस एक सुपर क्लीन यूजर इंटरफेस प्रदान करता है और अगर आपको क्रिप्टो करंसी में व्यापार का कोई एक्सपीरियंस नहीं है तो घबराने की जरूरत नहीं है. कई वेबसाइट्स हैं जो आपको क्रिप्टो करेंसी में व्यापार करने की सहूलियत देती हैं. इसके साथ ही आप जैसे ही इन वेबसाइट में लॉग इन करेंगे तो आपको तुरंत कुछ बिटकॉइन रिवॉर्ड के तौर पर मिल जाएंगे.

क्रिप्‍टो करेंसी में कैसे करें भुगतान? क्रिप्‍टो करेंसी की मदद से ट्रेडिंग की जाती है. साथ ही आप इससे भुगतान भी कर सकते हैं. अगर आपका कोई व्यवसाय करते तो प्रोडेक्ट्स को खरीदने के लिए क्रिप्‍टो करेंसी से भुगतान कर सकते हैं. इससे आपको व्यपार में फायदा हो सकता है. यहां भी आपको कुछ बिट कॉइन रिवॉर्ड के तौर पर मिल सकते हैं.

क्या हैं क्रिप्टो करेंसी से होने वाले नुकसान? इंटरनेट करेंसी होने की वजह से इसे आसानी से हैक किया जा सकता है. इस करेंसी को किसी भी सेंट्रल एजेंसी द्वारा नियंत्रित नही किया जाता है इसलिए किसी ग्राहक का पैसा डूबने या विवाद को हल करने के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं है. बिटकॉइन के जरिए लेन-देन करने वालों को लीगल और फाइनेंशियल इंटरनेट ट्रेडिंग कैसे की जाती है रिस्क उठाना पड़ता है. दरअसल, इस करेंसी को लेकर उठने वाली समस्याओं को हल करने की कोई उचित व्यवस्था नहीं है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बिटकॉइन का इस्तेमाल गैरकानूनी और आतंकवादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.

News Reels

क्या है बिट कॉयन या वर्चुअल करेंसी? डिजिटल पैसे लेनदेन के माध्यम का फायदा ये भी है कि इस लेनदेन में पारदर्शिता बनी रहती है. साथ ही इसका प्रोसेस भी बहुत आसान है. साथ ही ये बाकी तरीकों के मुकाबले काफी हद्द तक सिक्योर भी है. यह तकनीक ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर बेस्ड है. इस आर्टिकल को पढ़कर आप भी जान सकते हैं कि किस तरह से क्रिप्‍टो करेंसी से पैसा कमाया जा सकता है.

क्रिप्‍टो करेंसी एक वर्चुअल करेंसी है और क्रिप्टो करेंसी में सबसे लोकप्रिय बिटकॉइन है. बिटकॉइन को 2009 में लॉन्‍च किया गया था और इसके बाद से कई और क्रिप्टो करेंसी लॉन्च हो चुकी हैं. इस करेंसी को सरकार जारी नहीं करती है इसलिए उसे रेगुलेट भी नहीं कर सकती हैं. भले ही इसके नाम में करेंसी या कॉयन जुड़ा हो, लेकिन दुनिया के किसी भी केंद्रीय बैंक मसलन, भारतीय रिजर्व बैंक ने इसे जारी नहीं किया है.

ये भी पढ़ें-

Published at : 04 Mar 2020 01:32 PM (IST) Tags: Cryptocurrency हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

Binomo की मदद से खोलें नए वित्तीय अवसरों के द्वार

Binomo एक सुरक्षित ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है और अंतर्राष्ट्रीय वित्त आयोग का

Binomo एक सुरक्षित ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है और अंतर्राष्ट्रीय वित्त आयोग का "A" कैटगरी का सदस्य है.

पिछले एक दशक में ऐसी ऑनलाइन ट्रेडिंग वेबसाइटों में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है जो नए ट्रेडर के अलावा अनुभवी ट्रेडर को भी एक प्लेटफॉर्म प्रदान करती हैं.

  • News18Hindi
  • Last Updated : January 29, 2022, 15:46 IST

मार्केट में नए जमाने के निवेश विकल्पों की भरमार होने से, ज्यादातर लोग पारंपरिक निवेश स्कीम जैसे कि बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट के जरिए पैसे की सेविंग करने के बजाय ट्रेडिंग जैसे आधुनिक वित्तीय विकल्पों को अपना रहे हैं.

हमने पिछले कुछ वर्षों में टेक्नोलॉजी में एक जबर्दस्त तरक्की देखी है. बैंक में लंबी कतारों में खड़े होने और थकाऊ कागजी कार्रवाई करने से लेकर, ऐप के जरिए घर बैठे आराम से ऑनलाइन ट्रेडिंग करने तक हमने निवेश करने के तरीकों में भारी बदलाव देखा है.

पिछले एक दशक में ऐसी ऑनलाइन ट्रेडिंग वेबसाइटों में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है जो नए ट्रेडर के अलावा अनुभवी ट्रेडर को भी एक प्लेटफॉर्म प्रदान करती हैं. इसके अलावा, इनके जरिए आसानी से और बिना किसी झंझट के डिजिटल रूप से पेमेंट किए जा सकते हैं. इसलिए बहुत से लोग ऑनलाइन ट्रेडिंग को कमाई का नया जरिया बनाने के लिए उत्सुक हैं.

Binomo ऐसा ही आधुनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है जिसने नए वित्तीय अवसरों के द्वार खोले हैं. आइए हम Binomo.com के बारे में और समझें कि आप इस प्लेटफॉर्म पर ट्रेडिंग कैसे शुरू कर सकते/सकती हैं.

Binomo क्या है?
Binomo उन नए ट्रेडर और विशेषज्ञों को एक ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करता है जो ट्रेडिंग में रुचि रखते हैं और अपने ट्रेडिंग कौशल को निखारना चाहते हैं. यह आपको, ऐप्लिकेशन की मदद से कहीं से भी ट्रेड करने की सुविधा देता है. Binomo ऐप के एंड्रॉइड वर्शन को Google Play Store से या iOS वर्जन को Apple के App Store से डाउनलोड किया जा सकता है.

Binomo पर ट्रेडिंग, स्टॉक मार्केट की ट्रेडिंग से थोड़ी अलग है. Binomo ट्रेडिंग, फिक्स्ड टाइम ट्रेड्स (एफटीटी) सिद्धांतों पर काम करती है, जिसे सटीक पूर्वानुमान के रूप में भी जाना जाता है. यहां, आप अनुमान लगा सकते/सकती हैं कि एक तय समय में किसी एसेट की कीमत बढ़ेगी या घटेगी. आपको अपने अनुमानों के आधार पर ही रिवॉर्ड मिलता है. अगर आपका अनुमान (यानी ट्रेड) सही है, तो आपको ट्रेड वैल्यू का 90% तक मिलेगा.

हालांकि, इस बात को ध्यान में रखा जाना जरूरी है कि सही अनुमान सही निर्णयों का नतीजा होते हैं. सही ट्रेडिंग निर्णय लेने के लिए, आपको चार्ट का विश्लेषण करने का तरीका सीखना होगा. साथ ही, प्रमुख इंडीकेटर और हर महत्वपूर्ण बात को समझना होगा. तार्किक विश्लेषण से ही सही अनुमान लगाए सकते हैं और इससे ही आप अतिरिक्त इनकम पा सकते हैं.

News18 Hindi

Binomo एक भरोसेमंद ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है
Binomo एक सुरक्षित ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है और अंतर्राष्ट्रीय वित्त आयोग का “A” कैटगरी का सदस्य है. यह वेरिफाई माई ट्रेड द्वारा प्रमाणित है और ग्लोबल फाइनेंस और मार्केट में उत्कृष्टता के लिए, इसे 2015 का FE अवार्ड और 2016 का IAIR अवार्ड भी मिल चुका है.

Binomo अपने उपयोगकर्ता के डेटा की सुरक्षा की परवाह करता है. इसीलिए यह प्लेटफॉर्म SSL प्रोटोकॉल का इस्तेमाल करता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पर्सनल और फाइनेंशियल यूज़र डेटा एन्क्रिप्टेड और सुरक्षित रहें.

Binomo प्लेटफॉर्म पर ट्रेड की शुरुआत कैसे की जा सकती है इंटरनेट ट्रेडिंग कैसे की जाती है
Binomo प्लेटफॉर्म को इस मकसद से बनाया गया है, ताकि उपयोगकर्ताओं को इसके इस्तेमाल में आसानी हो और ऑनलाइन ट्रेडिंग को ठीक से समझा जा सके. इसके लिए, उपयोगकर्ता के मुताबिक सीधी व चरण-दर-चरण रजिस्ट्रेशन प्रोसेस बनाई गई है.

News18 Hindi

Binomo पर ट्रेड करने के लिए, आपको बस अपना ईमेल पता दर्ज करना है या अपने Google खाते को Binomo ऐप से लिंक करना है, पासवर्ड सेट करना है, खाते के लिए करेंसी चुनना है, ग्राहक समझौते और गोपनीयता नीति की शर्तों को पढ़ना और उन्हें स्वीकार करना है. इसके बाद, आप ट्रेड कर सकते/सकती हैं.

एक बार साइन-अप करने के बाद, ट्रेड से जुड़ी जानकारी देने वाला ट्यूटोरियल आपको Binomo प्लेटफॉर्म के इंटरनेट ट्रेडिंग कैसे की जाती है इंटरनेट ट्रेडिंग कैसे की जाती है बुनियादी फंक्शन से परिचित कराएगा. ट्रेड के अनुमान की कला सीखने और अपने ट्रेडिंग कौशल को निखारने के लिए, आपको वर्चुअल $1000 वाला एक मुफ्त डेमो अकाउंट मिलता है. यह एक ऐसा डेमो अकाउंट है जो आपको अपनी वास्तविक पूंजी को जोखिम में डालने से पहले ट्रेडिंग को आजमाने की सुविधा देता है.

ट्रेडिंग की कला में महारत हासिल करने के बाद मात्र ₹350 का निवेश करके डेमो अकाउंट से रीयल ट्रेडिंग अकाउंट में स्विच किया जा सकता है.

निष्कर्ष
ऑनलाइन ट्रेडिंग में स्मार्ट शुरुआत के लिए, Binomo के साथ ऑनलाइन निवेश करने वाले 20 लाख से अधिक लोगों की कम्यूनिटी में शामिल हों.

(यह लेख Binomo की ओर से स्टूडियो 18 द्वारा लिखा गया है.)

ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|

क्रिप्टोकरेंसी: भारत में क्या है लीगल स्टेटस? कैसे होती है खरीदी-बिक्री? कैसे कर सकते हैं इस्तेमाल?

aajtak.in

बुधवार को पूरी क्रिप्टो दुनिया हिल गई थी. क्योंकि, इसे मार्केट कैप में करीब 1 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हुआ था और Binance और कॉइनबेस सहित कई बड़े ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म क्रैश हो गए थे, जिससे निवेशकों को निराशा हुई थी. हालांकि, बाद के घंटों में Bitcoin, Ethereum और Dogecoin जैसी कई क्रिप्टोकरेंसी में सुधार देखने को मिला था. ये हालिया गिरावट वित्तीय और भुगतान संस्थानों को क्रिप्टोकरेंसी सेवाएं देने से बैन करने के चीन के फैसले के बाद आई थी.

Cryptocurrencies

चीन की तीन सरकारी संगठनों नेशनल इंटरनेट फाइनेंस एसोसिएशन ऑफ चाइना, चाइना बैंकिंग एसोसिएशन और पेमेंट एंड क्लियरिंग एसोसिएशन ऑफ चाइना ने सोशल मीडिया पर चेतावनी जारी की थी. संगठनों इंटरनेट ट्रेडिंग कैसे की जाती है ने निवेशकों से कहा था कि अगर उन्हें क्रिप्टो-करेंसी इन्वेस्टमेंट ट्रांजैक्शन्स में कोई लॉस होता है तो उनके पास कोई प्रोटेक्शन नहीं होगा.

Cryptocurrencies

चीन के फैसले पर बाजार की प्रतिक्रिया और उसके बाद क्रिप्टोकरेंसी में भारी गिरावट, इन डिजिटल कॉइन्स की अस्थिर प्रकृति को उजागर करती है, जिसे ट्रांजैक्शन का फ्यूचर माना जा रहा है. ये भारत में क्रिप्टो के लीगल स्टेटस और उस पर सरकार के रुख पर भी ध्यान केंद्रित करता है.

Cryptocurrencies

भारत में क्रिप्टोकरेंसी का लीगल स्टेटस

भारत में क्रिप्टोकरेंसी के लीगल स्टेटस को लेकर बहुत कन्फ्यूजन है. ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार ने इस साल की शुरुआत में एक बिल प्रस्तावित किया था, जिसमें Bitcoin और Dogecoin सहित सभी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान था. हालांकि, बाद में इसमें और कोई डेवलपमेंट नहीं हुआ. एक हालिया रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया था कि सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को पूरी तरह से बैन करने का आइडिया ड्रॉप कर दिया है.

Cryptocurrencies

क्रिप्टोकरेंसी भारत में गैरकानूनी नहीं है. लेकिन, इन्हें रेगुलेट नहीं किया जाता. यानी आप बिटकॉइन खरीद और बेच सकते हैं. यहां तक बतौर इन्वेस्टमेंट इसे रख भी सकते हैं. लेकिन, इसकी देखभाल या सुरक्षा के लिए कोई गवर्निंग बॉडी नहीं है.

Cryptocurrencies

WazirX के फाउंडर और CEO निश्चल शेट्टी ने हमारी सहयोगी वेबसाइट इंडिया टुडे टेक से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा, 'भारत में अभी इसे लेकर बहुत कनफ्यूजन है. क्योंकि, देश में इसके लिए कोई रेगुलेशन नहीं है. जब लोग इसके बारे में सुनते हैं तो डर जाते हैं. वास्तव में इंटरनेट पर मौजूद बहुत सारे चीजें अनरेगुलेटेड हैं. इनमें Ola और Uber के नाम शामिल हैं. यहां तक की ई-कॉमर्स भी अनरेगुलेटेड है.' इन्वेस्टर्स के लिए सबसे जरूरी बात ये है कि रेगुलेटेड नहीं होने से फ्रॉड और स्कैम की संभावना बढ़ जाती है.

Cryptocurrencies

क्रिप्टो कैसे खरीदें और बेचें?

बाजार में ढेरों क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म्स हैं. ऐसे में देश में Bitcoin और Dogecoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी को खरीदना और बेचना काफी आसान है. देश में मौजूद पॉपुलर प्लेटफॉर्म्स में WazirX, Zebpay, Coinswitch Kuber और CoinDCX GO के नाम शामिल हैं. इन्वेस्टर्स Coinbase और Binance जैसे इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म्स से Bitcoin, Dogecoin और Ethereum जैसी दूसरी क्रिप्टोकरेंसी भी खरीद सकते हैं.

Cryptocurrencies

शेयर बाजारों के उलट, ये सभी प्लेटफॉर्म चौबीसों घंटे काम करते हैं. इसका मतलब ये है कि आप हफ्ते में किसी भी दिन और दिन के किसी भी समय पैसे का निवेश और निकासी कर सकते हैं. क्रिप्टोकरेंसी को खरीदने और बेचने की प्रक्रिया भी काफी आसान है. आपको केवल इन प्लेटफॉर्म्स पर साइन अप करना होगा. इसके बाद अपना KYC प्रोसेस पूरा कर वॉलेट में मनी ट्रांसफर करना होगा. इसके बाद आप खरीदारी कर पाएंगे. इन्वेस्टर्स के पास क्रिप्टो की खरीदी-बिक्री के लिए प्री-डिसाइडेड लिमिट सेट करने का भी ऑप्शन होगा.

Cryptocurrencies

क्रिप्टो को खरीदने के लिए कोई लिमिट तय नहीं है. इन्वेस्टर्स बहुत छोटे अमाउंट से भी शुरू कर सकते हैं. चुनौती ये है कि अधिकांश बैंक क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म के साथ काम करने को तैयार नहीं हैं, जिसने इससे लेनदेन की प्रक्रिया को मुश्किल बना दिया है.

Cryptocurrencies

निश्चल इसे एक्सप्लेन करते हुए कहते हैं 'बैंक हमें सही तरीके से डिपॉजिट एक्सेप्ट करने का ऑप्शन नहीं दे रहे हैं और अगर बैंकिंग सिस्टम क्रिप्टो प्लेटफॉर्म का सपोर्ट नहीं करेगा, तो वे कैसे ठीक से काम कर सकते हैं. अभी, हमें हर हफ्ते एक नए बैंक को प्लेटफॉर्म पर इंटीग्रेट करना होगा. क्योंकि मौजूदा बैंक काम करना बंद कर देते हैं. इसका सीधा असर यूजर्स पर पड़ता है.'

Cryptocurrencies

साफ तौर पर क्रिप्टो इंडस्ट्री भारत में काफी नई है. इनमें UPI ट्रांजैक्शन्स भी काम नहीं आते. ऐसे में इन्वेस्टर्स को इसमें इन्वेस्ट करने से पहले इन बातों का ध्यान रखना होगा. क्रिप्टोकरेंसी की खरीदी बिक्री के लिए दूसरा ऑप्शन P2P ट्रांजैक्शन्स हैं. यानी पर्सन टू पर्सन ट्रांजैक्शन्स. इसमें आप इंट्रेस्टेड बायर/सेलर ढूंढ कर एक्सचेंज कर सकते हैं.

Cryptocurrencies

क्रिप्टो के साथ आप क्या कर सकते हैं?

क्रिप्टो मार्केट ने पिछले कुछ सालों में काफी ग्रोथ पाई है. लेकिन, फैक्ट ये है कि इसके साथ आप ज्यादा कुछ कर नहीं सकते. उदाहरण के तौर पर बात करें तो आप इससे सैंडविच नहीं खरीद सकते. ऐसे में वास्तविक दुनिया में ये बहुत हद तक किसी काम का नहीं है. लेकिन, बतौर 'स्टोर ऑफ वैल्यू' ये बहुत काम आ सकता है. इसकी तुलना चांदी या सोने से की जा सकती है, जिन्हें लोग इसलिए खरीदते हैं क्योंकि उनमें वैल्यू बढ़ने की संभावना देखते हैं.

Cryptocurrencies

इस पर शेट्टी ने कहा, 'बिटकॉइन का मकसद बिल्कुल गोल्ड की तरह है, यानी वैल्यू स्टोर करना. वास्तव में, यह सोने की तुलना में ज्यादा एक्सेसिबल है क्योंकि इसे खरीदने के लिए आपको केवल एक मोबाइल फोन और इंटरनेट की जरूरत होती है. लेकिन सोने को बहुत आसानी से यूज किया जा सकता है, यही बात क्रिप्टो को और अधिक अस्थिर बनाता है.

Cryptocurrencies

इन सबके अलावा हर क्रिप्टोकरेंसी की अपनी अलग वैल्यू है. जैसे Bitcoin को गोल्ड के सब्सटीट्यूट के तौर पर देखा जाता है. तो वहीं, कुछ Shiba Inu जैसे कॉइन हैं, जिनका कोई काम नहीं है ना इनकी कोई वैल्यू है. ये मीम कॉइन्स हैं. ऐसे में कई फैक्टर्स हैं जो किसी कॉइन का वैल्यू डिसाइड करते हैं.

Cryptocurrencies

दुनिया में जो चीज सीमित मात्रा में उपलब्ध होती है, उसकी वैल्यू काफी ज्यादा होती है. यही बात क्रिप्टोकरेंसी पर भी लागू होती है. इसलिए Bitcoin इतना पॉपुलर है. क्योंकि, ये लिमिटेड है. दूसरी तरफ Dogecoins में कोई लिमिट नहीं है. ऐसे मे ये आगे चलकर फेल हो सकता है. साथ ही कॉइन का इस्तेमाल कैसे होगा, ये फैक्टर भी इसकी वैल्यू डिसाइड करता है. अगर इसका इस्तेमाल किसी खास पर्पज के लिए किया जाए, तो इसकी वैल्यू बढ़ सकती है.

रेटिंग: 4.50
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 438
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *