भारत का विदेशी मुद्रा भंडार

पिछले 7 वर्षो में सेना का काया कल्प हो गया भारत का विदेशी मुद्रा भंडार है, हम दो दो बार चीन के साथ लंबे समय तक बॉर्डर पर आमने सामने रहे, कभी हर बात पर पाकिस्तान हमें आंख दिखाता था अब उसकी बोलती बंद है। देश में रेल, सड़क, हवाई मार्ग सब का काया कल्प हुआ है ।
India Forex Reserves: विदेशी मुद्रा कोष बढ़कर 547.25 अरब डॉलर पहुंचा, जानें कितना रहा सोने का भंडार
By: ABP Live | Updated at : 25 Nov 2022 08:30 PM (IST)
विदेशी मुद्रा भंडार
India Forex Reserves 2022: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) की तरफ से देश के विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) के आंकड़े जारी कर दिए है. आपको बता दे कि 18 नवंबर तक देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2.54 अरब डॉलर बढ़कर 547.25 अरब डॉलर पहुंच गया है.
RBI ने जारी किये आंकड़े
आरबीआई (RBI) ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी है. 18 नवंबर को समाप्त सप्ताह में लगातार दूसरे हफ्ते भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2.537 अरब डॉलर बढ़कर 547.252 अरब डॉलर हो गया है. पिछले साल अगस्त 2021 के बाद उच्चतम साप्ताहिक वृद्धि के बाद यह 14.721 भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बिलियन अमरीकी डालर बढ़कर 544.715 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया था.
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार- कल, आज और कल
आर बी आई भारत का विदेशी मुद्रा भंडार के रिपोर्ट के अनुसार 4 जून, 2021 तक भारत की विदेशी मुद्रा भंडार 605 अरब डालर ( लगभग 44 लाख करोड़ रुपए ) की हो गई है । यह अब तक की सर्वाधिक बड़ी मुद्रा भंडार है । 2014 में विदेशी मुद्रा भंडार में सिर्फ 304 अरब डालर थे। पिछले 7 सालों में विदेशी मुद्रा भंडार में दुगने की वृद्धि होना एक बहुत ही सुखद संदेश है और वो भी तब जब हम राफेल, अपाचे सहित कई लाख करोड़ का सैन्य सामग्री विदेशों से खरीद चुके हैं ।
कभी इसी विदेशी मुद्रा के लिए हमारे देश के प्रधानमंत्री चंदशेखर जी ने देश का सोना गिरवी रखा था और उस समय रिजर्व बैंक के गवर्नर प्रख्यात अर्थशास्त्री मन मोहन सिंह ही थे । मनमोहन सिंह के पिछले 2 कार्यकालों में कोई बड़े आयुध खरीद नहीं हुए यहां तक कि देश के रक्षा मंत्री ने संसद में कहा था कि हमारे पास हेलीकॉप्टर खरीदने के भी पैसे नही है और मन मोहन सिंह ने कहा था कि पैसे पेरो पर नहीं उगते हैं ।
भारत से लेकर चेक गणराज्य तक के घट रहे विदेशी मुद्रा भंडार, वैश्विक स्तर पर रिकॉर्ड 1 लाख करोड़ डॉलर की कमी
दुनिया भर में विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign-Currency Reserves) में काफी तेजी से गिरावट आ रही है. इसकी वजह है कि भारत से लेकर चेक गणराज्य तक, कई देशों के केंद्रीय बैंकों ने अपनी-अपनी मुद्रा को समर्थन देने के लिए हस्तक्षेप किया है. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल वैश्विक मुद्रा भंडार लगभग 1 लाख करोड़ डॉलर या 7.8 प्रतिशत घटकर 12 लाख करोड़ डॉलर रह गया है. ब्लूमबर्ग ने इस डाटा को कंपाइल करना साल 2003 से शुरू किया था. विदेशी मुद्रा भंडार में यह तब से लेकर अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है.
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 96 अरब डॉलर घटा
उदाहरण के लिए, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार इस साल 96 अरब डॉलर घटकर 538 अरब डॉलर रह गया है. देश के केंद्रीय बैंक आरबीआई का कहना है अप्रैल से अब तक के वित्तीय वर्ष के दौरान भंडार में आई गिरावट में 67 प्रतिशत का योगदान एसेट वैल्युएशन बदलाव का है. इसका अर्थ है कि शेष गिरावट, भारतीय मुद्रा को आगे बढ़ाने के लिए केंद्रीय बैंक के हस्तक्षेप की वजह से है. रुपये में इस साल डॉलर के मुकाबले करीब 9 प्रतिशत की गिरावट आई है और पिछले महीने यह रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया.
जापान ने 1998 के बाद पहली बार मुद्रा को समर्थन देने के लिए सितंबर में येन की गिरावट को धीमा करने के लिए लगभग 20 अरब डॉलर खर्च किए. इसका, इस साल जापान के विदेशी मुद्रा भंडार के नुकसान में लगभग 19% हिस्सा होगा. चेक गणराज्य में मुद्रा हस्तक्षेप ने फरवरी से भंडार को 19% कम किया है. हालांकि गिरावट की भयावहता असाधारण है, लेकिन मुद्राओं की रक्षा के लिए विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग करने की प्रथा कोई नई बात नहीं है. जब विदेशी पूंजी की बाढ़ आती है तो केंद्रीय बैंक डॉलर खरीदते हैं और मुद्रा की वृद्धि को धीमा करने के लिए अपने भंडार का निर्माण करते हैं. बुरे समय में वे इससे पूंजी निकालते हैं.
भारत का भंडार 2017 के स्तर से अभी भी 49% अधिक
ब्लूमबर्ग के मुताबिक, अधिकांश केंद्रीय बैंकों के पास अभी भी हस्तक्षेप जारी रखने के लिए पर्याप्त शक्ति है. भारत में विदेशी मुद्रा भंडार अभी भी 2017 के स्तर से 49% अधिक है, और नौ महीने के आयात का भुगतान करने के लिए पर्याप्त है. हालांकि कुछ केंद्रीय बैंक ऐसे भी हैं, जहां यह भंडार तेजी से खत्म हो रहा है. इस साल 42% की गिरावट के बाद, पाकिस्तान का 14 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार तीन महीने के आयात को कवर करने के लिए पर्याप्त नहीं है.
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देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार दूसरे हफ्ते बढ़कर 547.25 अरब डॉलर पर
नई दिल्ली (New Delhi)/मुंबई (Mumbai) , . आर्थिक र्मोचे पर सरकार के लिए राहत देने वाली खबर है. विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार दूसरे हफ्ते इजाफा हुआ है. देश का विदेशी मुद्रा भंडार 18 नवंबर को समाप्त हफ्ते में 2.537 अरब डॉलर (Dollar) बढ़कर 547.252 अरब डॉलर (Dollar) पर पहुंच गया है.
रिजर्व बैंक (Bank) ऑफ इंडिया (आरबीआई (Reserve Bank of India) ) की ओर से शुक्रवार (Friday) को भारत का विदेशी मुद्रा भंडार जारी आंकड़ों के मुताबिक विदेशी मुद्रा भंडार 18 नवंबर को समाप्त हफ्ते में 2.537 अरब डॉलर (Dollar) बढ़कर 547.252 अरब डॉलर (Dollar) पर पहुंच गया. इससे पिछले हफ्ते 11 नवंबर को समाप्त हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 14.73 अरब डॉलर (Dollar) बढ़कर 544.भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 72 अरब डॉलर (Dollar) के पार पहुंच गया था. रिजर्व बैंक (Bank) के मुताबिक अगस्त, 2021 के बाद देश के विदेशी मुद्रा भंडार में इस हफ्ते सबसे तेज वृद्धि हुई थी.
एनआरआइ के कदम पड़ने से विदेशी मुद्रा भंडार को भी मिला दम
अजमेर. देश का भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पर्यटन उद्योग कोरोना के बुरे दौर से तेजी से उबर रहा है। इस उद्योग को वापस पटरी पर लाने में अप्रवासी भारतीय खास भारत का विदेशी मुद्रा भंडार भूमिका निभा रहे हैं। इस दौर में विदेशी पर्यटकों ने भारत से दूरी बनाई पर अप्रवासी भारतीय बड़ी संख्या में भारत आए हैँ। जिससे भारत का विदेशी मुद्रा भंडार को खासा सहारा मिला है। वर्ष 2019 में भारत में कुल 179.1 लाख अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों का आगमन हुआ जिसमें से 69.8 लाख अप्रवासी भारतीय थे। वर्ष 2020 में अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या 63.3 लाख रह गई। इसमें 35.9 लाख भारतीय अप्रवासी थे। हालात सामान्य होने पर वर्ष 2021 में अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या 70 लाख पर पहुंची तो भारत आने वाले अप्रवासियों की तादाद भी 54.8 लाख पर पहुंच गई।