ETF क्या है?

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Gold ETF investments: सोने में निवेश, गोल्ड ईटीएफ से निवेशकों की निकासी, हालांकि खातों की संख्या में वृद्धि
- Date : 12/08/2022
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जुलाई के महीने में गोल्ड ईटीएफ से निवेशकों ने बड़ी मात्रा में निकासी की है। लेकिन खातों की संख्या बढ़कर 46.43 लाख तक पहुँची। आखिर इसका क्या कारण है? जानते हैं गोल्ड ईटीएफ के बारे में।
Gold ETF: म्यूचुअल फंड उद्योग संगठन की रिपोर्ट ETF क्या है? ETF क्या है? के अनुसार पिछले महीने सोने में निवेश करनेवाले खाताधारकों की संख्या में वृद्धि हुई है। लेकिन साथ ही निवेशकों द्वारा निकासी भी की जा रही है। देखा गया है कि ETF क्या है? जुलाई के महीने में सोने में निवेश के लिए निवेशकों का रुझान कम हुआ ETF क्या है? है। ईटीएफ गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड के मुताबिक 2022 में जुलाई माह के दौरान ₹457 करोड़ निकाले गए हैं। लेकिन वहीं इसी महीने ईटीएफ फोलियो की संख्या में 37,500 की बढ़त भी हुई है। फोलियो की कुल संख्या अब 46.43 लाख हो गई है। इस लेख में जानने की कोशिश करेंगे कि निवेशकों ने निकासी किन कारणों से की होगी।
म्यूचुअल फंड का हिस्सा है गोल्ड ईटीएफ
दरअसल गोल्ड ईटीएफ एक अच्छा विकल्प है यदि आप सोने में निवेश करना चाहते हों। यह म्यूचुअल फंड का हिस्सा है और इसकी खरीद यूनिट के हिसाब से की जाती है। इसमें शेयर की तरह ही कारोबार होता है। यूनिट बेचने पर निवेशक को सोने के मूल्य के बराबर रकम मिलती है, सोना नहीं मिलता। यह एक ग्राम सोने के जेवर खरीदने से सस्ता और अच्छा विकल्प है। एक ग्राम के जेवर, एक ग्राम सोने के यूनिट से कहीं अधिक महंगे होते हैं क्योंकि उस पर मेकिंग चार्ज का भी अतिरिक्त भुगतान ग्राहक को करना पड़ता है। गोल्ड ईटीएफ के निवेश में ऐसा कोई अतिरिक्त चार्ज भी नहीं है और इसमें चोरी का भी कोई डर नहीं है।
ऐसा माना जा रहा है कि
- शेयरों में तेजी होने के कारण उसका लाभ लेने की दृष्टि से निकासी की जा रही है।
- ब्याज की दरों में वृद्धि होने के कारण पीली धातुओं की कीमतों में कमी आई है जिसके कारण भी ईटीएफ से निकासी की गई।
- सोने की मांग और आपूर्ति पर रुपये में गिरावट का भी असर पड़ा है।
- गोल्ड ईटीएफ की ओर निवेशकों का रुझान ETF क्या है? कम होने का कारण सोने की कम कीमत भी माना जा रहा है और इसके कारण निकासी की गई है।
निवेशकों को सलाह - जल्दबाजी में निर्णय न लें
“निवेशकों को घबराहट में या जल्दबाजी में गोल्ड ईटीएफ से निकासी नहीं करनी चाहिए,” यह कहना है आईआईएफएल के उपाध्यक्ष अनुज गुप्ता का। गुप्ता के अनुसार शेयरों में तेजी का लाभ लेने के लिए निकासी अभी नहीं करनी चाहिए। उन्हें उम्मीद है कि रूस-यूक्रेन के संकट और चीन-ताइवान के तनाव को देखते हुए सोने की कीमतों में उछाल आ सकता है। वहीं भारत में भी त्योहारों का समय आने वाला है। ऐसे में गोल्ड ईटीएफ में यदि निवेश किया जाए और यह निवेश बनाए रखा जाए तो यह सौदा मुनाफे वाला हो सकता है।
गोल्ड ईटीएफ में ₹20,038 करोड़ का निवेश है और ईएलएसएस में ₹1.47910 करोड़ का निवेश है। वहीं मल्टी कैप फंड में ₹59,303 करोड़ और मिड कैप फंड में ₹168,438 करोड़ का निवेश है। अगर लार्ज कैप फंड में कुल निवेश की बात की जाए तो यह ₹231,851 करोड़ है तो स्मॉल कैप फंड में ₹113,332 करोड़ और फोकस फंड में ₹99,933 करोड़ का निवेश है।
क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड? निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान
अगर आप कम पैसों से निवेश करना शुरू करना चाहते हैं तो आप एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) में निवेश कर सकते हैं। ETF के जरिए निवेशकों का पैसा शेयरों के एक सेट में निवेश किया जाता है, जिसमें इक्विटी, बॉन्ड या गोल्ड जैसे एसेट शामिल होते हैं। ETF क्या है? स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड की वजह से इनका कारोबार भी शेयर मार्केट की तरह होता है। अगर आप भी ETF में निवेश करने जा रहे हैं तो कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें।
एसेट्स के बास्केट को ETF कहते हैं, जिसकी बिक्री और खरीद स्टॉक ETF क्या है? एक्सचेंज के माध्यम से होती है। ETF का मूल्य शुद्ध संपत्ति मूल्य (NAV) पर निर्भर करता है। NAV की कीमत म्यूचुअल फंड की तरह बाजार बंद होने के बाद ETF क्या है? निर्धारित की जाती है। देश की मार्केट में मुख्यत: पांच प्रकार के ETFs में निवेश कर सकते हैं, जिसमें गोल्ड ETF, इंडेक्स ETF, बॉन्ड ETF, सिल्वर ETF और इंटरनेशनल ETF शामिल हैं।
अगर मालामाल होना है तो सिल्वर ETF में करें निवेश, सिर्फ 100 रुपए से बनाएं ढेर सारा पैसा
गोल्ड (Gold Investment) की तर्ज पर ही बाजार में सिल्वर ईटीएफ का भी ऑप्शन (Silver ETF) आ गया है। सिल्वर ईटीएफ के लिए दिसम्बर 2021 में बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने मंजूरी दे दी है। सिल्वर ईटीएफ में चौंकाने वाली सबसे खास बात है कि बेहद कम पैसों में आप इसमें निवेश कर सकते हैं। जानकर हैरान रह जाएंगे कि निवेश की शुरुआत सिर्फ 100 रुपए से हो सकती है।
उत्तर प्रदेश में चांदी के आभूषण लोगों की पहली पसंद हैं। राजधानी लखनऊ में 29 जनवरी को एक किलो चांदी का भाव 61,100 है। आजकल चांदी में निवेश तेजी से बढ़ा है। पहले सोने और चांदी की फिजिकल होल्डिंग की परंपरा थी। पर अब लोग पैसे को तेजी से दोगुना करना चाहते हैं। निवेश के लिए नई जगहों की तलाश करते रहते हैं। शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड और ETF (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स) निवेश की ETF क्या है? पहली पसंद हैं। गोल्ड (Gold Investment) की तर्ज पर ही बाजार में सिल्वर ईटीएफ का भी ऑप्शन (Silver ETF) आ गया है। सिल्वर ईटीएफ के लिए दिसम्बर 2021 में बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने मंजूरी दे दी है। और सिल्वर ईटीएफ में निवेश की नई गाइडलाइन (Silver ETF Investment Guidelines) जारी कर दी गई है। सिल्वर ईटीएफ में चौंकाने वाली ETF क्या है? सबसे खास बात है कि बेहद कम पैसों में आप इसमें निवेश कर सकते हैं। जानकर हैरान रह जाएंगे कि निवेश की शुरुआत सिर्फ 100 रुपए से हो सकती है।
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सिल्वर ETF में निवेश क्यों?
एक रिपोर्ट के अनुसार आने वाला वक्त चांदी का है। जैसे अर्थव्यवस्थाएं मजबूत होंगी, चांदी की मांग आसमान छूने लगेगी। बढ़ती महंगाई वाले दौर में सोने के मुकाबले चांदी की कीमत ज्यादा बढ़ेगी। ऐसे में महंगाई से बचाव के साधन (हेजिंग टूल) के तौर पर चांदी बेहतर साबित होगी।
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सिल्वर ETF में निवेश का तरीका?
चाहे कोई भी ETF हो निवेश के लिए डीमैट अकाउंट जरूरी है। सिल्वर ईटीएफ के न्यू फंड ऑफर (एनएफओ) में पैसा लगा सकते हैं। मान लीजिए आप चक गए तो दूसरा आप्शन है। स्टॉक एक्सचेंज से खरीद सकेत हैं। आईसीआईसीआई प्रू, आदित्य बिड़ला सन ETF क्या है? लाइफ के सिल्वर ईटीएफ के एनएफओ आए थे पर उनकी अंतिम तिथि बीत गई है। अभी कुछ नए एनएफओ (न्यू फंड ऑफर) आने वाले हैं।
सबसे बड़ा फायदा अधिक लिक्विडिटी और कम स्टोरेज कॉस्ट।
निवेश को लेकर शुद्धता या गुणवत्ता की कोई चिंता नहीं।
आर्थिक संकट में मददगार।
महंगाई को लेकर यह बेहतर तरीके से हेज उपलब्ध कराता है।
चांदी में निवेश से पोर्टफोलियो का ओवरऑल रिस्क होता है कम।
चांदी के भाव में तेजी की संभावना अधिक।
चांदी का इस्तेमाल सोलर पैनल, मेडिकल इंस्ट्रूमेंट्स, स्विचेज, सैटेलाइट आदि।
गोल्ड ETF: रिकॉर्ड कीमत, कोरोना की मार, फिर भी निवेश का बेस्ट ऑप्शन
बीते कुछ महीनों में कोरोना और लॉकडाउन की वजह से गोल्ड की डिमांड में बड़ी गिरावट आई है. डिमांड में गिरावट की एक बड़ी वजह गोल्ड की कीमतें भी हैं. वर्तमान में गोल्ड की कीमत 52 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर है. जाहिर सी बात है ETF क्या है? कि लोगों ने गोल्ड की खरीदारी कम कर दी है.
इन तमाम अड़चनों के बावजूद गोल्ड ईटीएफ में निवेश बढ़ा है. वैश्विक स्तर पर गोल्ड ईटीएफ में करीब 300 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है. लेकिन सवाल है कि आखिर ये गोल्ड ईटीएफ क्या है और इसमें निवेश क्यों बढ़ रहा है. आइए, समझते हैं पूरे मामले को.
आखिर क्या है भारत बांड ईटीएफ, कितना मिलता है निवेश पर रिटर्न
भाजपा के बाद सबसे अधिक चंदा कांग्रेस पार्टी को मिला। (फाइल फोटो)
बांड यील्ड में 4.3 फीसदी की गिरावट आने की वजह से अमीर निवेशकों की ओर से टैक्स फ्री बांड से रुपया निकाला जा रहा है। वहीं इनमें कुछ भारत बांड ईटीएफ में निवेश कर रहे हैं। भारत बांड ईटीएफ में ट्रिपल ए रेटिंग की कंपनियों को शामिल किया गया है। 2030 और 2031 में मैच्योर करने वाले भारत बॉन्ड ईटीएफ में निवेश से टैक्स कटने के बाद 6 फीसदी रिटर्न हासिल किया जा सकता है।
वैसे भारत भारत बॉन्ड ईटीएफ में निवेश करना काफी आसान है और इसकी प्रक्रिया भी काफी आसान है। भारत बॉन्ड ईटीएफ को खरीद-फरोख्त एक्सचेंज में की जाती है। जो अपने फंड का निवेश सरकारी कंपनियों के बांड में करता है। बॉन्ड की मैच्योरिटी अवधि फंड की मैच्योरिटी के करीब होती है।