व्यापारिक मुद्रा जोड़े

व्यापार तकनीक क्या है

व्यापार तकनीक क्या है

भूमंडलीकृत विश्‍व का बनना

चीन जैसे देशों में वेतन तुलनात्मक रूप से कम थे। फलस्वरूप विश्व बाज़ारों पर अपना प्रभुत्व कायम करने के लिए प्रतिस्पर्धा कर रही विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने वहाँ जमकर निवेश शुरू कर दिया। यहाँ पर नए उद्योगों की स्थापना हुई, रोज़गार के अवसर बढ़े और लोगों को आधुनिक जरूरत की वस्तुएँ टेलीविज़न, मोबाइल फ़ोन, कंप्यूटर और खिलौने आदि तुलनात्मक रूप से कम मूल्यों में प्राप्त होने लगे।
उद्योगों को कम वेतन वाले देशों में ले जाने से वैश्विक व्यापर और पूँजी प्रवाहों पर भी असर पड़ा।

खाद्य उपलब्ध्ता पर तकनीक के प्रभाव को दर्शाने के लिए इतिहास से दो उदहारण दें।

तकनीकी विकास ने खाद्य उपलब्धता को सुगम और अति प्रभावी बना दिया। इसके दो उदहारण इस प्रकार हैं:-

(i) यातायात और परिवहन साधनों में काफी सुधार किए गए। तेज़ चलने वाली रेलगाड़ियाँ बनाई गई है एवं बोगियों का भार भी कम किया गया। जलपोतों का आकार बढ़ाया गया जिससे किसी भी उत्पाद को खेतों से दूर-दूर के बाजारों में कम लागत पर और अधिक आसानी से पँहुचाया जा सके।

(ii) 1870 के दशक तक अमेरिका से यूरोप को मांस का निर्यात नहीं किया जाता था। उस समय तक अमेरिका से यूरोप को मांस का निर्यात नहीं किया जाता था। उस समय केवल ज़िंदा जानवर बहुत ज़्यादा घेरते थे। बहुत सारे तो लंबे सफ़र में मर जाते थे या बीमार पड़ जाते थे। बहुतों का वज़न गिर जाता था या वे खाने के लायक नहीं रह जाते थे। इसी वजह से मांस खाना एक महँगा सौदा था और यूरोप के ग़रीबो की पहुँच से बाहर था। दूसरी तरफ ऊँची कीमतों के कारण मांस उत्पादों की माँग और उत्पादन भी कम रहता था। नई तकनीक के आने पर यह स्थिति बदल गई। पानी के जहाज़ों में रेफ्रिजरेशन की तकनीक स्थापित कर दी गई जिससे जल्दी खराब होने वाली चीज़ों को भी लंबी यात्रा पर ले जाया जा सकता था।

तीन उदाहरण देकर दर्शायें कि अमेरिका जाने वाले नये समुद्री रास्तों की खोज के बाद विश्व में बदलाव आया ?

  • आलू व्यापार तकनीक क्या है का इस्तेमाल शुरू करने पर यूरोप के गरीबों की ज़िंदगी में बदलाव आया ।
  • उनका भोजन बेहतर हो गया और औसत उम्र बढ़ने लगी ।
  • गुलामों का व्यापार शुरु हो गया ।
  • यूरोप में धर्मिक टकराव होते रहते थे इसलिए हजारों लोग यूरोप से भागकर अमेरिका चले गये।

ब्रेटन वुड्स समझौते का क्या अर्थ है।

दितीय विश्वयुद्ध के पश्चात विश्व के औद्योगिक राष्ट्र के सामने विश्व अर्थव्यवस्था को स्थिरता प्रदान करने की एक चुनौती थी। इस चुनौती के लिए जुलाई 1944 में अमेरिका के न्यू हैंपशर के ब्रेटन वुड्स में एक सम्मेलन का आयोजन किया गया। सदस्य देशों के विदेशी व्यापार में लाभ और घाटे से निपटने के लिए ब्रेटन वुड्स सम्मेलन में ही अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की स्थापना की गई युद्धोत्तर पुनर्निर्माण के लिए पैसे का प्रबंध करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय पुनःनिर्माण एवं विकास बैंक (विश्व बैंक)का गठन किया गया। इसी कारण से विश्व बैंक और आई. एम. एफ. को ब्रेटन वुड्स संस्थान व्यवस्था या ब्रेटन वुड्स ट्विन भी कहा जाता है। इसी के आधार पर युद्धोत्तर अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था को अक्सर ब्रेटन वुड्स व्यवस्था भी कहा जाता है।

निम्नलिखित के प्रभावों की व्याख्या करते हुए संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखें:
भारतीय अर्थव्यवस्था पर महामंदी का प्रभाव।

भारतीय अर्थव्यवस्था पर महामंदी के प्रभाव:
(i) महामंदी ने भारतीय व्यापार को काफी प्रभावित किया। 1928 से 1934 के बीच देश के आयात-निर्यात घट कर लगभग आधे रह गए थे। जब अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कीमतें गिरने लगीं तो यहाँ भी कीमतें नीचे आ गईं। 1928 से 1934 के बीच भारत में गेहूँ की कीमत 50% गिर गई।
(ii) शरीर निवासियों के मुक़ाबले किसानों और काश्तकारों को ज़्यादा नुकसान हुआ। यद्धपि कृषि उत्पादों की कीमत तेजी से नीचे गिरी लेकिन सरकार ने लगान वसूली में छूट देने से साफ़ इंकार कर दिया। सबसे बुरी मार उन काश्तकारों पर पड़ीं जो विश्व बाज़ार के लिए उपज पैदा करते थे।
(iii) पूरे देश में काश्तकार पहले से भी ज़्यादा क़र्ज़ में डूब गए। खर्चे पूरे करने के चक्कर में उनके बचत खत्म हो चुकी थी, ज़मीन सूदखोरों के पास गिरवी पड़ी थी, घर में जो भी गहने-ज़ेवर थे बिक चुके थे।

बिज़नेस अकॉउंटिंग सॉफ्टवेयर
जो काम करे
ऑनलाइन और ऑफ़लाइन

व्यापार एक मुफ़्त बिज़नेस अकॉउंटिंग सॉफ्टवेयर है जो भारत के छोटे बिज़नेसमैन के लिए इनवॉइस, इन्वेंट्री, अकॉउंटिंग की ज़रूरत को पूरा और बहुत कुछ आसान करने के लिए बना है! इसका लक्ष्य है कि यह एक बिज़नेसमैन के कामों के बोझ को कम कर सके ताकि वे अपना बिज़नेस बढ़ाने पर ज़्यादा ध्यान दे सकें ना कि कागज़ी कामों पर।

अपने बिज़नेस के लिए सही तकनीक अपनाएँ:

प्ले स्टोर रेटिंग्स
5 में से 4.6 स्टार्स

स्मॉल/मीडियम बिज़नेस (SME)

आज भी, भारत में 70% SMEs कागज़ पर ही बिल बनाते हैं। ऐसा होने से, उनका ज़्यादातर समय मैन्युअल एंट्री और कैलकुलेशन करने में ही चला जाता है। जब छोटी चीज़ें गलत हो जाती हैं, तो पूरे बिज़नेस का नुकसान होता है, वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि इसमें शुरू से ठीक करने की गुंजाइश नहीं होती है। संसाधन/रिसोर्सेज़ नहीं होने के कारण भी बिज़नेस का मालिक बहुत परेशान हो जाता है और ज़रूरी चीज़ें भी नहीं कर पाता है। स्माल बिज़नेस अकॉउंटिंग को डिजिटल अपग्रेड की ज़रूरत है। एक ऐसा अपग्रेड जो आसान हो और प्रभावशाली भी। हमने उनके लिए एक बेहद आसान समाधान लाने की कोशिश की है और इसलिए बनाया VYAPAR!

Platforms
Android & Windows

"हम अपने देश के ऐसे हिस्से की ज़िंदगी आसान बनाने की बात कर रहे हैं जो कि सबसे बड़ा है, यानी कि ‘स्मॉल बिज़नेस सेक्टर हमारे अर्थव्यवस्था की धड़कन। स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइज (SME ) को पिछड़ा बनाने में कईं कारणों में से एक मुख्य कारण है सही तकनीक तक उनका ना पहुँच पाना। इस स्थिति को आसान बनाने से SME को पोषण मिलेगा और आगे फलने -फूलने में मदद भी मिलेगी । आने वाले सालों में भारत को सबसे शानदार बिज़नेस क्षेत्र के रूप में सामने लाने के लिए सभी बिज़नेस को पैसा गिनते रहने की जगह पैसा बनाने पर ध्यान देना चाहिए। असल में Vyapar मॉडर्न डिजिटल तरीक़े से बिज़नेस अकॉउंटिंग को आसान बनाने में मदद करता है!"

- Sumit Agarwal, CEO, Vyapar.

डिवाइस
मोबाइल, डेस्कटॉप, टैबलेट

सबसे ज़रूरी बात है कि Vyapar (एंड्रॉइड/डेस्कटॉप ऐप दोनों रूप में उपलब्ध) जैसा बिज़नेस अकॉउंटिंग ऐप बिज़नेस का फाइनेंशियल डेटा हमेशा 100% सही रखता है। यह ऑफ़लाइन काम करता है, और कभी भी धोखा देने वाले इंटरनेट से बिना जोड़े भी इस्तेमाल किया जा सकता है। व्यापार ऐप एक ढाँचा तैयार कर देता है कि बिज़नेस के पास क्या क्या है(असेट्स), बिज़नेस पर कितना उधार है(लाइबिलिटीज़) और बिज़नेस की वैल्यू क्या है(इक्विटी)। यह बिज़नेस के कामों के लिए एक सही योजना बनाने में मदद करता है।

नर्सरी का बिजनेस कैसे शुरू करें, यहां जानें | Plant nursery business in व्यापार तकनीक क्या है hindi

nursery business: पौधों की नर्सरी का बिजनेस कैसे शुरू करें, how to start nursery business, प्लांट नर्सरी का बिज़नेस कैसे करें?

nursery business in hindi: हर किसी को पेड़-पौधे और हरियाली पसंद होता है। पौधे घर-आंगन की खूबसूरती बढ़ा देते हैं। ऑफिस हो या घर की बालकनी, इनकी खूबसूरती बढ़ाने के लिए लोग मंहगे से मंहगे पौधे खरीदते हैं। बाजार में इन सजावटी पेड़-पौधों की बहुत अधिक मांग है। अधिकांश लोग अपने घरों, रेस्टोरेंट, पार्क या फिर घर के आस-पास की सड़कों को हर-भरा देखना पसंद करते हैं।

ऐसे में अगर आप पौधों की नर्सरी का बिजनेस (nursery business) करने की सोच रहे हैं तो प्लांट नर्सरी का व्यवसाय एक अच्छा बिज़नेस आइडिया है। इससे आप 50 हजार से लेकर 1 लाख तक हर महीने कमा सकते हैं।

तो आइए, द रुरल इंडिया के इस लेख में जानें- पौधों की नर्सरी का बिजनेस कैसे शुरू करें (how to start nursery business)

इस लेख में आप जानेंगे-

पौधों की नर्सरी क्या है

नर्सरी व्यापार के उद्देश्य

नर्सरी का व्यापार कैसे शुरू करें

नर्सरी के लिए जरूरी चीजें

नर्सरी में लगाने वाले पौधे

नर्सरी व्यापार में लाभ

नर्सरी व्यापार में खर्च

नर्सरी क्या है (what is nursery)

नर्सरी ( nursery) कृषि का ही एक ऐसा हिस्सा है, जहां पर बीज या अन्य संसाधनों के द्वारा पेड़-पौधों को तैयार किया जाता है। इन तैयार किए गए पौधों को सजावट के तौर पर किचन, बगीचे या अन्य व्यापारिक उद्देश्य से बाजार में उचित दर पर बेचा जाता है। यह एक ऐसा कृषि व्यवसाय है जिसमें कमाई के साथ-साथ पर्यावरण सरंक्षण में बेहद अहम भूमिका निभा सकते हैं।

आपको बता दें, नर्सरी में अंतर्गत अच्छी गुणवत्ता के बीजों से पेड़-पौधो को आसानी से तैयार किया जाता है। नर्सरी में कई तरह के पेड़-पौधों को तैयार किया जाता है। जैसे- सजावट के पौधे, फलों के पौधे, फूल के व्यापार तकनीक क्या है पौधे आदि।

नर्सरी व्यापार के उद्देश्य (nursery business objectives)

खेतों और घरों के लिए अच्छी किस्म के बीजों व पेड़-पौधे उपलब्ध करना

सजावटी पौधों को सही तरीके से तैयार करना

छोटे-बड़े पेड़-पौधों को बाजार में बेच कर अच्छा मुनाफा कमाना

नर्सरी का व्यापार कैसे शुरू करें (how to start nursery business)

नर्सरी का व्यापार शुरू करने के लिए सर्वप्रथम आपको एक अच्छी जगह का चुनाव करना होगा। जहां पर पेड़-पौधे की अच्छे से वृद्धि हो सकें। ऐसी जगह का चुनाव करें, जहां प्रदूषण न हो और साफ-सफाई हो।

नर्सरी का व्यापार आप छोटे स्तर पर भी आसानी से शुरू कर सकते हैं। इसे आप अपने घर के आंगन से भी शुरू कर सकते है। शहरों में तो इसे सड़कों के किनारे खड़ी पड़ी जमीन पर आसानी से कर सकते हैं। हाइवे, राजमार्गों के किनारे नर्सरी का बिजनेस खूब चलता है।

नर्सरी के लिए जरूरी चीजें

पौधे को सही तरीके से तैयार करने के लिए मिट्टी का सही होना बेहद जरूरी है। पेड़-पौधों के अच्छे पोषण के लिए मिट्टी में रेत, खाद आदि डालकर तैयार करना होता है और साथ ही समय-समय पर मिट्टी की सिंचाई भी करनी होती है।

रासायनिक और जैविक खाद

नर्सरी के व्यापर में आपको रासायनिक और जैविक खाद की भी जरूरत पड़ती है। क्योंकि पेड़-पौधों और बीजों में विभिन्न तरह की कई बीमारियां लगना का खतरा बना रहता है। इसलिए आपको आपको विभिन्न कीटनाशक, जीवनाशक और अन्य रसायनों की जरूरत पड़ेगी।

नर्सरी के व्यापार में आपको कुछ जरूरी उपकरण की भी आवश्यकता पड़ेगी, जो आपके रोजाना के काम को और भी सरल बनाएंगी। जैसे- पौधे को पानी देना, उनकी कटाई करना, उन्हे ट्रांसपोर्ट करना आदि के लिए बाजार में कई उपकरण मौजूद है, जिससे आप अपनी जरूरत के हिसाब से खरीद सकते हैं।

नर्सरी में लगाने वाले पौधे (nursery plants)

नर्सरी व्यवसाय में लगाने वाले पौधे को तीन भागों में विभाजित किया गया है, जिसकी बाजार में बहुत मांग होती हैं। जो इस प्रकार है।-

स्ट्रेच प्लांट नर्सरी- यह वह पौधों होते है, जो घरों या ऑफिस के अंदर या बाहर रखे जाते हैं। इस तरह के पौधों को लोग अपने घर की या ऑफिस की सजावट के लिए बहुत अधिक खरीदते हैं।

व्यापारिक नर्सरी- इसमें वे सभी पौधे आते है, जिसे पेड़ों और बीजों को बड़े स्तर पर तैयार किया जाता है। इन पेड़ों और बीजों को किसानों की खेती के लिए बाजार में बेचा जाता है। साथ ही इस नर्सरी में विभिन्न सरकारी प्रोजेक्ट में ट्री प्लांटेशन भी किया जाता है।

लैंडस्केप प्लांट नर्सरी- लैंडस्केप प्लांट नर्सरी में बागवानी करने के लिए उत्तम माना जाता है, जिसमें ग्राहक अपने घरों के बगीचे के लिए अपने हिसाब से पौधों को खरीदते हैं।

आज के समय में नर्सरी का व्यापार बहुत ही फायदेमंद है। क्योंकि लोग अपने घर या ऑफिस को सुंदर दिखाने के लिए पौधे को अधिक खरीदते हैं। अगर आप एक छोटे स्तर पर भी नर्सरी का व्यवसाय शुरू करते है और उसे खुद बाजार में जाकर बेचते है, तो आप आराम से लगभग 25 से 50 हजार रुपए का लाभ कमा सकते हैं।

नर्सरी व्यापार में खर्च (nursery business expenses)

अगर आप खुद की जमीन पर एक बड़े स्तर पर नर्सरी का व्यापार शुरू करते है, तो आप सालाना लाखों की कमाई आसानी से कर सकते हैं, लेकिन जितने बड़े स्तर पर आप इसका व्यापार करेंगे उतनी ही इसमें लागत लगती है। लागत के साथ इस व्यवसाय में उतना ही टाइम और बेहद ध्यान देने की भी जरूरत होती है। व्यापार तकनीक क्या है इस व्यवसाय में सही ज्ञान होने से आप इससे अच्छा लाभ कमा सकते हैं।

नर्सरी बिज़नेस की मार्केटिंग कैसे करें?

शहर के नजदीक ही नर्सरी खोलें, इससे आपके पौधों की बिक्री शहर और गांव दोनों जगहों पर हो सकती है।

क्या व्यापार Teleconferencing है?

unifiedcom_whiteboard-04_Polycom.jpg

व्यापार teleconferencing जानकारी और लोग हैं, जो व्यापक रूप से एक-दूसरे से अलग किया जा सकता है के बीच विचारों का आदान प्रदान का एक तरीका है। Teleconferencing का उपयोग, के साथ लोगों को दूर और दूरस्थ कनेक्शन में तुरन्त अन्य लोगों के साथ, तेजी से विनिमय की सुविधा कनेक्ट कर सकते हैं और जुड़े लोगों को ध्यान में रखते हुए। इस प्रौद्योगिकी दुनिया भर के उपयोग में वृद्धि व्यापार तकनीक क्या है के रूप में लोगों को घर से काम करने वाले कर्मचारियों के रूप में अच्छी तरह से दूर स्थानों और दूरस्थ शाखा कार्यालयों में स्थित कर्मचारियों पर निर्भर है।

Teleconferencing के लिए प्रयोग किया जाता तकनीक में काफी अंतर है। सबसे बुनियादी तकनीक बस फोन, एक से अधिक टेलीफोन कनेक्ट कर रहा है ताकि लोगों के एक समूह के रूप में फोन पर बात कर सकते हैं पर निर्भर करता है। व्यापार teleconferencing भी अधिक परिष्कृत ऑडियो सिस्टम, वीडियो फ़ीड, जो एक दूसरे सम्मेलन के दौरान, यह देखने के लिए लोगों की अनुमति के साथ शामिल हो सकते हैं और डेटा फ़ीड इतना है कि लोग दस्तावेज़ों और अन्य सामग्री जबकि वे सम्मेलन व्यापार कर सकते हैं।

व्यवसायों अक्सर पाते हैं कि teleconferencing एक महत्वपूर्ण उपकरण है। व्यापार teleconferencing मीटिंग कॉल करने के लिए लोगों की अनुमति देता है जल्दी से और हर कोई एक ही भौतिक स्थान में दिखाने के लिए की जरूरत नहीं है, क्योंकि उपस्थिति की सुविधा। लोग आसानी से करने के लिए सम्मेलन के रूप में की जरूरत है, जोड़ा जा सकता है और कारोबार सम्मेलन कमरे की तरह उपकरण का उपयोग कर सकते हैं, एकाधिक सम्मेलन कमरे में एक साथ बैठक और ऑडियो और वीडियो बात पर अलग अलग स्थानों में लोगों के साथ फ़ीड।

बड़ी परियोजनाओं अक्सर लोग हैं, जो हो सकता है अलग अलग समय क्षेत्रों में रहते हैं, अलग अलग वातावरण में काम, और पर विभिन्न कार्यक्रम संचालित की एक संख्या से प्रयासों के समन्वय की आवश्यकता होती है। ऐतिहासिक दृष्टि से, लोग एक मीटिंग की साइट के लिए यात्रा करने के लिए, या जो वास्तव में teleconference के लिए लोगों के साथ करने का प्रयास करने के लिए कॉन्फ़्रेंसिंग के लिए डिज़ाइन नहीं किया गया था प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए मजबूर किया गया। व्यापार teleconferencing तेजी से व्यापार स्थितियों विकसित करने के लिए प्रतिसाद करने के लिए लोगों की अनुमति बहुत तेजी से सक्रिय किया जा सकता। उदाहरण के लिए, जब तेजी से आर्थिक अशांति ही प्रस्तुत करता है एक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय फर्म के सदस्यों के सम्मेलन कर सकते हैं।

कई कंपनियों के व्यापार teleconferencing में विशेषज्ञ। वे स्थापित कर सकते हैं और तकनीक का इस्तेमाल किया बनाए रखने, लोगों के लिए सुरक्षित प्रौद्योगिकी सहित जो गोपनीय रखने के लिए सक्षम होना करने के लिए की जरूरत है और संरक्षित सम्मेलनों। अन्य मामलों में, लोगों को एक कंपनी के लिए सूचना प्रौद्योगिकी विभाग में जो अनुकूलित जरूरतों को पूरा कर सकते हैं एक प्रणाली विकसित करने में सक्षम हो सकता है। कई कंप्यूटर अब बुनियादी teleconferencing उपकरण है जो लोगों के लिए ऑडियो का उपयोग कर सकते हैं और वीडियो चैट और सम्मेलनों के साथ आते हैं। लोग भी ऑनलाइन सुरक्षित कमरे चैट और समान वातावरण में जो भी इंटरनेट पर या सुरक्षित डेटा कहाँ संग्रहीत है सर्वर पर फ़ाइल स्थानांतरण और स्थानों के लिए लिंक के आदान प्रदान के लिए अवसर प्रदान करता है teleconference कर सकते हैं।

यदि आप एक वीडियो सम्मेलन कैमरे की आवश्यकता है, Tenveo आप के लिए सबसे अच्छा विकल्प है। हम usb 3.0, यूएसबी 2.0, HDMI, HD-SDI है 、 YPBPR 、 CVBS उत्पादन, फिक्स्ड फोकस, 3 X 10 X, 18 X, 20 X 30 X ऑप्टिकल, 720p, 1080p, HD1080P SD, HD ज़ूम वीडियो सम्मेलन कैमरों और, 2-6 मीटर की त्रिज्या पूर्ण द्वैध गूंज कैंसिलेशन और वक्ता , USB ड्राइवर मुक्त, प्लग और खेलो Omni-दिशात्मक माइक्रोफोन।

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का अर्थ, महत्व/लाभ, हानियां

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का अर्थ (antarrashtriya vyapar ka arth)

antarrashtriya vyapar arth mahatva labha haniya;एक ही देश के विभिन्न क्षेत्रों, स्थानों या प्रदेशों के बीच होने वाला व्यापार "घरेलू" "आंतरिक व्यापार" कहलाता भै। इसके विपरीत, दो या अधिक देशो के बीच होने वाला व्यापार "अंतर्राष्ट्रीय व्यापार" या विदेशी व्यापार कहलाता है।

अन्य शब्दों मे," जब वस्तुओं एवं सेवाओं का क्रय-विक्रय दो भिन्न देशो के मध्य जल, थल तथा वायु मार्गों द्वारा होता है तो उसे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कहते है। जैसे-- अगर भारत, इंग्लैंड के साथ व्यापार करे वह अंतर्राष्ट्रीय व्यापार होगा।

फ्रेडरिक लिस्ट के अनुसार," घरेलू व्यापार हम लोगो के बीच होता है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार हमारे और उनके बीच होता है।"

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का महत्व/लाभ

1. श्रम विभाजन तथा विशिष्टीकरण के लाभ

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भौगोलिक श्रम विभाजन के कारण कुल विश्व उत्पादन अधिकतम किया जा सकता है, क्योंकि प्रत्येक देश उन्ही वस्तुओं का उत्पादन करता है, जिसमे उसे अधिकतम योग्यता एवं कुशलता प्राप्त होती है। इसके फलस्वरूप उत्पादन की अनुकूलतम दशाएं प्राप्त हो जाती है और उत्पादन अधिकतम होता है।

2. साधनों का पूर्ण उपयोग

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मे एक देश मे सिर्फ उन्ही उद्योग-धंधो की स्थापना की जाती है, जिनके लिए जरूरी साधन देश मे उपलब्ध होते है। इससे देश मे उपलब्ध साधनों का पूर्ण उपयोग होने लगता है एवं राष्ट्रीय आय मे वृद्धि होती है।

3. उत्पादन कुशलता मे वृद्धि

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मे प्रतिस्पर्धा का क्षेत्र स्पष्ट से बढ़कर संपूर्ण विश्व हो जाता है। विश्वव्यापी प्रतियोगिता मे सिर्फ वे ही उद्योग जीवित रहते है जिनके उत्पादन की किस्म उच्च तथा कीमत कम होती है। अतः हर देश अपने उद्योग-धंधो को जीवित रखने तथा उनका विस्तार करने हेतु कुशलतम उत्पादन को अपनाता है। इससे देश की उत्पादन तकनीक मे सुधार होता है।

4. संकटकाल मे सहायता

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के कारण कोई भी देश आर्थिक संकट का आसानी से सामना कर सकता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी देश मे अकाल की स्थिति उत्पन्न हो जाती है तो वह देश, विदेशों से खाद्यान्न आयात करके अकाल का सामना कर सकता है।

5. रोगजार तथा आय मे वृद्धि

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार तकनीक क्या है व्यापार मे वस्तुओं का उत्पादन सिर्फ घरेलू मांग को पूरा करने के लिए ही नहीं होता है वरन् विदेशों मे बेचने हेतु भी वस्तुओं का उत्पादन किया जाता है। इससे राष्ट्रीय उत्पादन मे वृद्धि के कारण लोगो की आय बढ़ जाती है। ज्यादा उत्पादन के लिए ज्यादा मजदूरों की जरूरत होती है फलस्वरूप रोजगार स्तर मे भी वृद्धि हो जाती है।

6. एकाधिकारों पर रोक

विदेशी व्यापार के कारण देश मे एकाधिकारी व्यवसाय पनप नही सकते, क्योंकि उन्हे सदैव विदेशी प्रतियोगिता का खतरा बना रहता है। इसी प्रकार, विदेशी व्यापार के फलस्वरूप एकाधिकार की प्रवृत्ति को ठेस पहुंचती है।

7. उपभोक्ताओं को लाभ

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से उपभोक्ताओं को चार लाभ प्राप्त है। प्रथम, व्यापार तकनीक क्या है उन्हे उपभोग के लिए अच्छी तथा सस्ती वस्तुएं मिलती है। द्वितीय, चयन का क्षेत्र बढ़ जाने से सार्वभौमिकता मे वृद्धि होती है अर्थात् वे अपनी मनचाही वस्तुओं का उपयोग कर सकते है।

8. मूल्यों मे समता

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के कारण सभी राष्ट्रो मे वस्तुओं के मूल्यों मे समानता होने की प्रवृत्ति पाई जाती है। इसका कारण यह है कि कम मूल्य वाले देश से ज्यादा मूल्य वाले देश मे वस्तुओं का निर्यात होने लगेगा जिससे प्रथम प्रकार के देशो मे मूल्यों मे वृद्धि और द्वितीय प्रकार के देशों मे मूल्यों मे कमी होने लगेगी। अंततः सभी देशों मे मूल्य एक समान हो जाएंगे।

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार देश के औद्योगिक विकास मे भी सहायक होता है। उद्योगों के विकास हेतु जो साधन देश मे उपलब्ध नही है, उनका विदेशों से आयात किया जा सकता है। उदाहरण के लिए इंग्लैंड अपने उद्योगों के लिए कच्चा माल विदेशों से आयात करता है। इसी तरह भारत मे उत्पादन तकनीक का आयात करके औद्योगिक विकास किया गया है।

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की प्रमुख हानियां

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की प्रमुख हानियां इस प्रकार है--

1. विदेशों पर निर्भरता

विदेशी व्यापार के कारण एक देश की अर्थव्यवस्था दूसरे देश पर कुछ वस्तुओं के लिए निर्भर हो जाती है। परन्तु यह निर्भरता सदैव ही अच्छी नही होती, विशेषकर युद्ध के समय तो इस प्रकार की निर्भरता अत्यन्त हानिकारक सिद्ध हो सकती है।

2. कच्चे माल की समाप्ति

विदेशी व्यापार द्वारा देश के ऐसे बहुत से साधन समाप्त हो जाते है, जिनका प्रतिस्थापन संभव नही होता है। अनेक कोयला, पेट्रोल तथा अन्य खनिज पदार्थ इसी प्रकार समाप्त होते जा रहे है। यदि उन वस्तुओं का उपयोग देश के भीतर ही औद्योगिक वस्तुओं को तैयार करने मे किया जाए तो एक ओर तो इनके उपयोग मे बचत की जा सकती है और इनका अधिक लाभपूर्ण उपयोग हो सकता है।

3. विदेशी प्रतियोगिता से हानि

विदेशी व्यापार के कारण औद्योगिक इकाइयों को विदेशी उद्योगों से प्रतियोगिता करनी पड़ती है, किन्तु विशेष रूप से अल्पविकसित देश इनके सामने टिक नहीं सकते है और उनका ह्रास होने लगता है। 19 वीं सदी मे विदेशी प्रतियोगिता के कारण भारतीय लगु और कुटरी उद्योगों को भारी आघात लगा।

4. अंतर्राष्ट्रीय द्वेष

विदेशी व्यापार ने प्रारंभ मे तो अंतर्राष्ट्रीय सद्भावना और सहयोग को बढ़ाया, किन्तु वर्तमान समय मे यह अंतर्राष्ट्रीय द्वेष और युद्ध का आधार बना हुआ है। इसी ने उपनिवेशवाद को जन्म दिया और अनेक राष्ट्रो को दास बनाया।

5. देश का एकांगी विकास

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मे प्रत्येक देश केवल उन्ही वस्तुओं का उत्पादन करता है, जिनमें उसे तुलनात्मक लाभ प्राप्त होता है। इस प्रकार, देश मे सभी उद्योग-धन्धों का विकास न होकर, केवल कुछ ही उद्योग धन्धों का विकास संभव होता है। इस प्रकार के एकांगी विकास से देश के कई साधन बेकार ही पड़े रहते है।

6. राशिपातन का भय

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के माध्यम से कभी-कभी विकसित देशों द्वारा पिछड़ें हुए देशो मे वस्तुओं का राशिपातन किया जाता है, अर्थात् विकसित देश पिछड़े हुए देशो मे अपने माल को बहुत ही कम मूल्यों पर बेचना शुरू करते है। कभी-कभी तो वे अपने माल को उत्पादन लागत से भी कम मूल्यों पर बेचना शुरू कर देते है। स्पष्ट है कि इस प्रकार के राशिपातन से देशी उद्योगों पर बड़ा घातक प्रभाव पड़ता है और शीघ्र ही वे ठप्प हो जाते है। जब एक बार देशी उद्योग-धंधे समाप्त हो जाते है तो विदेशी उद्योगपतियों द्वारा पुनः अपने माल का मूल्य बढ़ा दिया जाता है।

7. हानिकारक वस्तुओं के उपभोग की आदत

विदेशी व्यापार के कारण एक देश मे ऐसी वस्तुओं का आयात किया जा सकता है जो हानिकारक होती है। चीन मे अफीम के आयात के फलस्वरूप वहां के लोग अफीमची हो गए।

8. कृषि प्रधान देशों को हानि

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के कारण कृषि प्रधान देशों को औद्योगिक देशों की तुलना मे हानि उठानी पड़ती है। इसका कारण यह है कि कृषि प्रधान देश उन वस्तुओं का निर्यात करता है जिनका उत्पादन घटती हुई लागत के नियम के अंतर्गत होता है।

रेटिंग: 4.86
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 305
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *