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बाजार तरलता क्या है?

बाजार तरलता क्या है?

बाजार में बढ़ी तरलता, जून में विदेशी निवेशकों ने घरेलू बाजारों में डाले 21,235 करोड़ रुपये

डॉलर

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने जून में भारतीय पूंजी बाजारों में शुद्ध रूप से 21,235 करोड़ रुपये डाले हैं। कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन के बीच अब अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे खुल रही बाजार तरलता क्या है? है और बाजार में तरलता भी बढ़ी है, जिससे भारतीय बाजारों को लेकर एफपीआई का आकर्षण बढ़ा है।

21,235 करोड़ रुपये रहा शुद्ध निवेश
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार एक से 26 जून के दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने शेयरों में 22,893 करोड़ रुपये डाले, लेकिन उन्होंने ऋण या बॉन्ड बाजार से 1,658 करोड़ रुपये की निकासी की। इस तरह उनका शुद्ध निवेश 21,235 करोड़ रुपये रहा।

तीन माह बाजार तरलता क्या है? तक बिकवाल बने रहे निवेशक
इससे पहले पिछले लगातार तीन माह तक विदेशी निवेशक शुद्ध बिकवाल बने रहे। उन्होंने मई में 7,366 करोड़ रुपये, अप्रैल में 15,403 करोड़ रुपये और मार्च में रिकॉर्ड 1.1 लाख करोड़ रुपये की निकासी की।

इस संदर्भ में ग्रो के सह-संस्थापक एवं मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) हर्ष जैन ने कहा कि, 'एफपीआई ने स्मॉल और मिडकैप शेयरों में निवेश बढ़ाया है। इन शेयरों में वे पिछले एक साल से निवेश कर रहे हैं।'

2019 में एफपीआई ने डाले थे 73,276.63 करोड़ रुपये
साल 2019 में एफपीआई ने घरेलू बाजारों (शेयर और ऋण दोनों) में शुद्ध रूप से 73,276.63 करोड़ रुपये डाले थे। बता दें कि जनवरी, जुलाई और अगस्त को छोड़कर एफपीआई साल 2019 के शेष महीनों में शुद्ध लिवाल रहे हैं।

क्या है एफपीआई ?
बता दें कि जब एक अंतरराष्ट्रीय निवेशक, किसी अन्य देश के उद्यम की निष्क्रिय होल्डिंग में निवेश करता है, यानी वित्तीय परिसंपत्ति में निवेश करता है, तो इसे एफपीआई के रूप में जाना जाता है।

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने जून में भारतीय पूंजी बाजारों में शुद्ध रूप से 21,235 करोड़ रुपये डाले हैं। कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन के बीच अब अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे खुल रही है और बाजार में तरलता भी बढ़ी है, जिससे भारतीय बाजारों को लेकर एफपीआई का आकर्षण बढ़ा है।

21,235 करोड़ रुपये रहा शुद्ध निवेश
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार एक से 26 जून के दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने शेयरों में 22,893 करोड़ रुपये डाले, लेकिन उन्होंने ऋण या बॉन्ड बाजार से 1,658 करोड़ रुपये की निकासी की। इस तरह उनका शुद्ध निवेश 21,235 करोड़ रुपये रहा।

तीन माह तक बिकवाल बने रहे निवेशक
इससे पहले पिछले लगातार तीन माह तक विदेशी निवेशक शुद्ध बिकवाल बने रहे। उन्होंने मई में 7,366 करोड़ रुपये, अप्रैल में 15,403 करोड़ रुपये और मार्च में रिकॉर्ड 1.1 लाख करोड़ रुपये की निकासी की।

इस संदर्भ में ग्रो के सह-संस्थापक एवं मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) हर्ष जैन ने कहा कि, 'एफपीआई ने स्मॉल और मिडकैप शेयरों में निवेश बढ़ाया है। इन शेयरों में वे पिछले एक साल से निवेश कर रहे हैं।'

2019 में एफपीआई ने डाले थे 73,276.63 करोड़ रुपये
साल 2019 में एफपीआई ने घरेलू बाजारों (शेयर और ऋण दोनों) में शुद्ध रूप से 73,276.63 करोड़ रुपये डाले थे। बता दें कि जनवरी, जुलाई और अगस्त को छोड़कर एफपीआई साल 2019 के शेष महीनों में शुद्ध लिवाल रहे हैं।

क्या है एफपीआई ?
बता दें कि जब एक अंतरराष्ट्रीय निवेशक, किसी अन्य देश के उद्यम की निष्क्रिय होल्डिंग में निवेश करता है, यानी वित्तीय परिसंपत्ति में निवेश करता है, तो इसे एफपीआई के रूप में जाना जाता है।

Reverse Repo Rate में कटौती से बढ़ेगी बाजार में नकदी की तरलता, यह है RBI का समय पर उठाया गया एक आवश्यक कदम

Reverse Repo Rate में कटौती से बढ़ेगी बाजार में नकदी की तरलता, यह है RBI का समय पर उठाया गया एक आवश्यक कदम

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को अपनी प्रेस कांफ्रेंस में कई बड़ी घोषणाएं की है। इसमें रिवर्स रेपो रेट में 0.25 फीसद की कटौती की घोषणा, सिस्टम में एलटीआरओ 2.0 के जरिए 50,000 करोड़ रुपये डालने से शुरुआत करने की घोषणा, बैंक क्रेडिट फ्लो में छूट के लिए नए प्रस्ताव पर विचार करने की घोषणा, एनपीए की 90 दिन की अवधि में मोरेटोरियम की अवधि शामिल नहीं करने की घोषणा, बैंकों का लिक्विडिटी कवरेज रेश्यो (LCR) 100 से घटाकर 80 करने की घोषणा और बैंकों को वित्त वर्ष 2020 के लिए डिवीडेंट का ऐलान नहीं करने देने की घोषणाएं मुख्य हैं।

आरबीआई ने शुक्रवार को बड़ा फैसला रिवर्स रेपो रेट को लेकर किया है। केंद्रीय बैंक ने रिवर्स रेपो रेट में 25 आधार अंक यानी 0.25 फीसद की कटौती की है। इससे अब यह घटकर 3.75 फीसद पर आ गई है। पहले रिवर्स रेपो रेट चार फीसद थी। आरबीआई की इस घोषणा से बाजार में लिक्विडिटी बढ़ाने में मदद मिलेगी।

जानिए क्या होता है रिवर्स रेपो

रिवर्स रपो रेट, रेपो रेट के ठीक उल्टा होता है। यह वह दर होती है, जिस पर बैंकों को उनकी और से आरबीआई में जमा धन पर ब्याज मिलता है। रिवर्स रेपो रेट मार्केट में नकदी की तरलता को कंट्रोल करने में काम आती है। जब भी बाजार में बहुत ज्यादा नकदी होती है, तो भारतीय रिज़र्व बैंक रिवर्स रेपो रेट में बढ़ोत्तरी कर देता है। वहीं, जब बाजार में नकदी की कमी होती है, तो आरबीआई रिवर्स रेपो रेट बाजार तरलता क्या है? को घटा देता है। इससे बाजार में लिक्विडिटी बढ़ जाती है।

रिवर्स रेपो रेट में कटौती का यह होता फायदा

रिवर्स रेपो रेट घटने से अब बैंकों को आरबीआई में जमा अपने धन पर कम ब्याज प्राप्त होगा। ब्याज में कमी से बचने के लिए बैंक अपनी रकम को आरबीआई से निकाल सकते हैं और बाजार में निवेश कर सकते हैं। इसका सीधा-सीधा अर्थ यह है कि रिवर्स रेपो रेट घटने से बाजार में नकदी की तरलता बढ़ेगी। बाजार में नकदी की कमी को दूर करनें में इससे काफी मदद मिल सकती है। अर्थव्यवस्था में भारी सुस्ती की संभावनों को देखते हुए यह आरबीआई द्वारा समय पर उठाया गया एक आवश्यक कदम है।

बाजार तरलता क्या है?

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(तरलता की परिभाषा) Definition of Liquidity in Hindi !!

  • Post author: Ankita Shukla
  • Post published: April 12, 2020
  • Post category: Gyan
  • Post comments: 0 Comments

तरलता की परिभाषा | Definition of Liquidity in Hindi !!

तरलता के द्वारा उस डिग्री को समझा जा सकता है जिस पर परिसंपत्ति की कीमत को बिना प्रभावित किए किसी संपत्ति या सुरक्षा को बाजार में जल्दी से खरीदा या बेचा जा सकता है। दूसरे और आसान शब्दों में समझे तो, तरलता हमारे पैसे को बाजार तरलता क्या है? प्राप्त करने के लिए बनाया गया है, जब भी हमको इसकी आवश्यकता पड़ती है। तरल सम्पति में बाजार तरलता क्या है? सबसे पहले कैश को माना जाता है, वहीं दूसरी तरह अचल संपत्ति, संग्रहणता और ललित कलाएं सभी अपेक्षाकृत शानदार हैं।

तरलता द्वारा परिसंपत्तियों को नकदी में परिवर्तित करना आसान हो जाता है और इसमें विभिन्न स्थितियों और संदर्भों के लिए अलग-अलग अर्थ होते हैं। तरलता एक तरह की सीमा है जिसमें परिसंपत्ति की कीमत को बिना प्रभावित किए किसी भी संपत्ति को जल्दी से खरीदा या बेचा जा सकता है।

तरलता का सूत्र | Formula of Liquidity in Hindi !!

तरलता अनुपात = करंट एसेट / करंट लायबिलिटीज

Ankita Shukla

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इथेरियम कैसे [ETH] तरलता इसे बाजार में अपनी स्थिति बनाए रखने में मदद कर सकती है

How Ethereum's [ETH] liquidity can help it retain its position in the market

अगर आपने में निवेश किया है एथेरियम (ETH), आप शायद जानना चाहते हैं कि यह वर्तमान में कितना अच्छा या बुरा (अपेक्षाकृत) प्रदर्शन कर रहा है। शायद, आप जो अधिक जानना चाहते हैं वह एथेरियम के लिए भविष्य में क्या है। हो सकता है, सबसे अच्छे उत्तर तरलता के रूप में मूल्य बनाए रखने की क्षमता में हों।

इथेरियम उच्चतम वाले नेटवर्क की सूची में सबसे ऊपर है टोटल वैल्यू लॉक्ड (TVL)। एक नेटवर्क के भीतर बंद तरलता की मात्रा निवेशकों के नेटवर्क में विश्वास के स्तर का एक अच्छा उपाय है। यह उपयोगिता के स्तर को भी रेखांकित करता है जिसे उक्त नेटवर्क कमांड कर सकता है। विशेष रूप से एक भालू बाजार के दौरान जितना अधिक मूल्य लॉक होता है, उपयोगिता के मामले में नेटवर्क उतना ही बेहतर होता है।

हाल के आंकड़ों के अनुसार, आर्बिट्रम और आशावाद प्रत्येक का सोलाना की तुलना में उच्च कुल मूल्य लॉक है। इसे परिप्रेक्ष्य में रखने के लिए, दोनों परत 2 नेटवर्क हैं जो एथेरियम मेननेट के लिए लेनदेन की सुविधा प्रदान करते हैं। तथ्य यह है कि दो Ethereum L2s में एक परत 1 नेटवर्क की तुलना में अधिक कुल मूल्य लॉक किया गया है, Ethereum के बड़े पैमाने पर नेतृत्व के बारे में बोलता है।

प्रेस समय में, इथेरियम में $ 71.6 बिलियन का टीवीएल था, जो इसके 1 साल के निचले स्तर $ 67 मिलियन के करीब था। हालांकि, यह लगभग 249 अरब डॉलर के नेटवर्क के ऐतिहासिक एटीएच की तुलना में कम है।

संलग्न चार्ट एथेरियम के टीवीएल पर भालू बाजार के प्रभाव को रेखांकित करता है। प्रूफ-ऑफ़-स्टेक में परिवर्तन के बावजूद, जून के निम्न स्तर से रिकवरी सीमित रही है। एर्गो, संभावना है कि जब बाजार तेजी से रिकवरी मोड में प्रवेश करेगा तो टीवीएल में सुधार होगा।

जहां तक ​​एथेरियम उपयोगिता की बात है, नेटवर्क ने अक्टूबर 2021 और मई 2022 के बीच स्मार्ट अनुबंधों में ईटीएच की स्वस्थ मांग को बनाए रखा। स्मार्ट अनुबंधों में बंद ईटीएच की मात्रा में मई 2022 और 14 सितंबर के बीच काफी गिरावट आई। ऐसा इसलिए, क्योंकि DeFi को एक बड़ा झटका लगा जिसने निवेशकों को झकझोर कर रख दिया बाजार तरलता क्या है? और PoS के विलय के बाद तक रिकवरी शुरू नहीं हुई।

इथेरियम की मांग

उथल-पुथल के बीच, बड़े पते ETH जमा कर रहे हैं। शीर्ष 1% द्वारा आयोजित आपूर्ति Q1 2022 में कम हो गई। फिर भी, पिछले कुछ महीनों में इसमें उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। यह क्या पुष्टि करता है कि एथेरियम व्हेल डुबकी खरीद रहे बाजार तरलता क्या है? हैं।

समर्पण की धमकी

कुछ सुधारों के बावजूद, का खतरा संधिपत्र कम मांग के बीच अभी भी लाइव है। यह स्पष्ट नहीं है कि क्या बाजार में गिरावट जारी रहेगी, ऐसे में निवेशक घबरा सकते हैं और कुछ और बेच सकते हैं।

प्रतीत होता है कि ETH को $ 1250 मूल्य सीमा के पास अल्पकालिक समर्थन मिला है, जबकि इसकी $ 1,346 प्रेस समय कीमत एक मामूली प्रीमियम का प्रतिनिधित्व करती है।

एथेरियम मूल्य कार्रवाई

स्रोत: ट्रेडिंग व्यू

ईटीएच निवेशकों को यह देखने के लिए उत्सुक होना चाहिए कि क्या कीमत मौजूदा अल्पकालिक समर्थन से ऊपर बनी रहेगी। इस स्तर से नीचे गिरने से मूल्य स्तर 1,000 डॉलर से कम हो सकता है।

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