अतिरिक्त आय

अतिरिक्त आय
अध्याय XIV बी
कुछ मामलों में अतिरिक्त आय कर का कार्यभार
158B. (1) कहाँ, किसी भी व्यक्ति के मामले में, कुल आय (इस भाग में इसके बाद के रूप में मूल्यांकन आय कहा जाता है) किसी भी निर्धारण वर्ष के लिए नियमित आकलन में निर्धारित किया है कि के लिए ऐसे व्यक्ति द्वारा दी गई आयकर रिटर्न में घोषित कुल आय से अधिक निर्धारण वर्ष (इसके बाद लौटे आय के रूप में निर्दिष्ट इस खंड में) किसी भी राशि से, मूल्यांकन अधिकारी के तहत मूल्यांकन के आधार पर अतिरिक्त आय इस तरह के व्यक्ति के अलावा योग से उनके द्वारा देय के रूप में निर्धारित किया जाएगा कि लिखित रूप में एक आदेश अतिरिक्त आय करेगा धारा 143 या धारा 144 , कहा, आकलन वर्ष के संबंध में, अतिरिक्त आयकर के वैसे, तीस प्रतिशत की दर पर इस तरह की अतिरिक्त राशि पर गणना की राशि का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होगा.
(2) उप - धारा के प्रयोजनों के लिए (1), -
ऐसे व्यक्ति को एक ही आकलन वर्ष के लिए आय के दो या अधिक रिटर्न सुसज्जित किया गया है, जहां (एक), कुल आय (2) के अंतिम उपधारा के तहत एक नोटिस के सेवा से पहले प्रस्तुत कर रिटर्न में घोषित धारा 143 ऐसे व्यक्ति पर होगी लौट आय के रूप में माना;
(ख) ऐसे व्यक्ति को किसी भी निर्धारण वर्ष का सम्मान करते हैं और उस वर्ष के तहत किया जाता है के लिए मूल्यांकन में आयकर रिटर्न प्रस्तुत करने में असफल रहता है, जहां धारा 144 , लौटा आय अग्रिम के माध्यम से, जो टैक्स पर कुल आय होने के लिए ले जाया जाएगा कर, स्रोत पर कर की कटौती और अन्यथा, भुगतान किया गया है, और ऐसी कोई कर लौटे आय शून्य होने के लिए रखा जाएगा, भुगतान किया गया है, जहां;
(ग) ऐसे व्यक्ति के तहत किसी भी निर्धारण वर्ष के लिए आय का रिटर्न प्रस्तुत करने में असफल रहता है, जहां धारा 139 , लेकिन वह के तहत एक नोटिस के साथ परोसा जाता है के बाद इस तरह के रिटर्न प्रस्तुत खंड 148 , लौटा आय जो टैक्स पर कुल आय होने के लिए ले जाया जाएगा , अन्यथा अग्रिम कर, स्रोत पर कर की कटौती और के माध्यम से भुगतान किया गया है, और इस तरह का कोई टैक्स का भुगतान किया गया है, जहां लौटे आय शून्य हो लिया जाएगा;
(3) के ऐसे व्यक्ति उपधारा के तहत ओएसएस की वापसी सुसज्जित किया गया है, जहां (डी) धारा 139 किसी भी निर्धारण वर्ष के लिए, उप - धारा के तहत अतिरिक्त आयकर (1) में है कि निर्धारित दर पर गणना की जाएगी उप जैसा भी मामला हो योग पर खंड या, जैसा भी मामला हो हानि, एक कम राशि के लिए कम या है जिसके द्वारा रकम की कुल, नियमित आकलन में आय का एक सकारात्मक राशि में बदल दिया.
(3) जहां, के तहत एक आदेश का एक परिणाम के रूप में खंड 147 या धारा 154 या खंड 155 या खंड 250 या खंड 254 या खंड 260 या खंड 262 या खंड 263 या खंड 264 या उप - धारा (4 के तहत पारित निपटान के एक आदेश ) के खंड 245D , अतिरिक्त आयकर उप - धारा के तहत देय है जिस पर राशि (1), वृद्धि हुई है या कम हो, जैसा भी मामला हो, अतिरिक्त आयकर तदनुसार वृद्धि हुई है या कम हो जाएगी और कर दिया गया है -
(मैं) अतिरिक्त आय कर में वृद्धि हुई है, जहां एक मामले में, मूल्यांकन अधिकारी देय, और मांग की इस तरह की सूचना राशि को निर्दिष्ट निर्धारित प्रपत्र में निर्धारिती पर मांग का एक नोटिस की सेवा करेगा वह तहत नोटिस नहीं समझा जाएगा अनुभाग 156 और इस अधिनियम के सभी प्रावधानों के हिसाब से लागू होंगे;
(Ii) अतिरिक्त आयकर कम हो जाता है, जहां मामले में, यदि कोई हो, वापस किया जाएगा, भुगतान अतिरिक्त राशि.
(4) मुख्य आयुक्त या आयुक्त, अपने विवेकाधिकार में, अपने ही प्रस्ताव पर किया जाए या नहीं तो, माफ या वह संतुष्ट है, तो किसी भी व्यक्ति द्वारा उप - धारा (1) के तहत देय अतिरिक्त आय कर की राशि को कम कर सकते हैं कि जैसा भी मामला हो पूरे या, कि उपधारा में निर्दिष्ट अतिरिक्त राशि के किसी भी हिस्से रास्ते से से (किसी भी स्पष्टीकरण की अस्वीकृति का एक परिणाम के रूप में मूल्यांकन आय या नुकसान कंप्यूटिंग में जोड़ा या अस्वीकृत किसी भी राशि के कारण है इस तरह के स्पष्टीकरण सदाशयी और मूल्यांकन आय या नुकसान की गणना करने के लिए एक ही है और सामग्री उनके द्वारा खुलासा किया गया है से संबंधित सभी तथ्य है यदि इस अधिनियम के किसी प्रावधान की व्याख्या या अन्यथा), ऐसे व्यक्ति द्वारा की पेशकश की:
बशर्ते कि-
उपायुक्त (अपील) या आयुक्त (अपील) के समक्ष अपील भी मूल्यांकन के आदेश के खिलाफ निर्धारिती द्वारा दायर की गई है, जहां (मैं), माफी या अतिरिक्त आय कर की राशि की कमी के लिए याचिका द्वारा दायर किया जा सकता है केवल ऐसी अपील पर निर्णय के बाद निर्धारिती;
(Ii) माफी या अतिरिक्त आय कर की राशि की कमी के लिए याचिका एक सौ रुपए का एक शुल्क के साथ किया जाएगा.
(5) कहाँ, के तहत एक खोज के पाठ्यक्रम में खंड 132 , निर्धारिती कोई पैसा, सर्राफा, आभूषण के मालिक या अन्य मूल्यवान वस्तु या चीज हो पाया और निर्धारिती ऐसी संपत्ति के उपयोग के द्वारा उसके द्वारा अधिग्रहण किया गया है कि दावा किया जाता है (पूरी तरह या आंशिक रूप से) उसकी आय, -
(एक) खोज की तिथि से पहले समाप्त हो गया है, लेकिन इस तरह वर्ष के लिए आयकर रिटर्न में इस तरह वापसी बताई गई तारीख से पहले प्रस्तुत कर दिया गया है, जहां कहा तिथि या, पहले सुसज्जित नहीं किया गया है जो किसी भी पिछले साल के लिए, ऐसी आय नहीं है उसमें घोषित कर दिया गया; या
(ख) खोज की तारीख को या उसके बाद समाप्त करने के लिए है, जो किसी भी पिछले साल के लिए,
कि इस तरह के आय खोज की तारीख को या उसके बाद सुसज्जित आय के किसी भी बदले में उनके द्वारा घोषित किया जाता है के होते हुए भी, तो ऐसी आय, इस धारा के तहत अतिरिक्त आयकर के दायित्व के प्रयोजनों के लिए, हिस्सा बनाने के रूप में व्यवहार नहीं किया जाएगा लौट आय की, जब तक कि -
(I) ऐसी आय है, या ऐसी आय में जिसके परिणामस्वरूप लेनदेन, दर्ज कर रहे हैं -
(ए) के एक मामले में खोज की तारीख से पहले, खंड (क) के अंतर्गत पड़ने; और
(बी) के एक मामले में खंड के अंतर्गत आने वाले (ख), या खोज की तारीख से पहले,
आय या ऐसी आय अन्यथा कहा तारीख से पहले मुख्य आयुक्त या आयुक्त को बताया है की किसी भी स्रोत के लिए उसके द्वारा बनाए रखा खाते की किताबें, यदि कोई हो, में; या
(Ii) निर्धारिती, खोज के पाठ्यक्रम में, उप - धारा के तहत एक बयान करता है (4) के खंड 132 पैसे, सर्राफा, आभूषण या अन्य मूल्यवान वस्तु या अपने कब्जे में या अपने नियंत्रण में पाया बात है, किया गया है कि (1) की उपधारा में निर्दिष्ट समय की समाप्ति से पहले प्रस्तुत करने आय के लिए भारतीय मानक ब्यूरो बदले में अब तक खुलासा नहीं किया गया है जो उनकी आय से बाहर का अधिग्रहण धारा 139 , और भी बयान में जो इस तरह के आय ढंग निर्दिष्ट करता है derwed और ऐसी आय के संबंध में, यदि कोई हो, ब्याज के साथ एक साथ कर देता गया है.
(6) इस धारा के अधीन देय अतिरिक्त आयकर शामिल-नहीं की जाएगी
उप - धारा (1) के प्रयोजनों के लिए नियमित मूल्यांकन पर निर्धारित कुल आय पर देय कर की राशि में (मैं) अनुभाग 234A ; या
(Ii) उप - धारा (1) के प्रयोजनों के लिए मूल्यांकन कर की राशि में खंड 234B .
गन्ने के साथ सहफसली खेती कर अतिरिक्त आय प्राप्त करें किसान
मेरठ ब्यूरो
Updated Sun, 16 Oct अतिरिक्त आय 2022 12:36 AM IST
सहारनपुर। भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के निदेशक डॉ. वीरेंद्र सिंह ने मंडल के तीनों जनपदों में गन्ने के अतिरिक्त आय साथ सहफसली खेती का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि गन्ने के साथ सहफसली खेती कर किसान अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकते हैं।
शनिवार को भारत सरकार के निदेशक ने जनपद के गांव नन्दी फिरोजपुर में किसान पद्मश्री सेठपाल सिंह के खेत पर जाकर गन्ना के साथ सहफसली का निरीक्षण किया। उन्होंने सहफसली पर पद्मश्री के अनुभव को जाना। उन्होंने गांव कुरलकी किसान विकास सिंह के खेतों में गन्ने के साथ सहफसली को देखा। ग्राम साखन कलां में स्वयं सहायता समूह द्वारा बड़चिप एवं सिंगल बड़ विधि से तैयार गन्ने की पौध का भी निरीक्षण अतिरिक्त आय किया। जनपद शामली के गांव रशीदगढ़, महावतपुर एवं बुटराड़ा में भी गन्ना के साथ सहफसली के खेतों को देखा।
उन्होंने मुजफ्फरनगर के ग्राम जट्ट नगला एवं बड़कली में गन्ने के साथ केले की खेती और गन्ने के साथ सरसों के खेतों का निरीक्षण भी किया। उन्होंने गन्ना विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों को गन्ने के साथ सहफसली के प्रति जागरूक किया जाए। उन्होंने गन्ना विभाग के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में अब तक हुई शरदकालीन गन्ना बुवाई एवं सहफसली खेती की समीक्षा भी की।
इस दौरान जिला गन्ना अधिकारी सहारनपुर एवं मुजफ्फरनगर डॉ. आरडी द्विवेदी, ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक इंद्रजीत सिंह एवं मार्कंडेय मौर्य, संजय सिंह, विनोद, सतीश एवं डॉ. यशपाल सिंह सहित अन्य मौजूद रहे।
सहारनपुर। भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के निदेशक डॉ. वीरेंद्र सिंह ने मंडल के तीनों जनपदों में गन्ने के साथ सहफसली खेती का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि गन्ने के साथ सहफसली खेती कर किसान अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकते हैं।
शनिवार को भारत सरकार के निदेशक ने जनपद के गांव नन्दी फिरोजपुर में किसान पद्मश्री सेठपाल सिंह के खेत पर जाकर गन्ना के साथ सहफसली का निरीक्षण किया। उन्होंने सहफसली पर पद्मश्री के अनुभव को जाना। उन्होंने गांव कुरलकी किसान विकास सिंह के खेतों में गन्ने के साथ सहफसली को देखा। ग्राम अतिरिक्त आय साखन कलां में स्वयं सहायता समूह द्वारा बड़चिप एवं सिंगल बड़ विधि से तैयार गन्ने की पौध का भी निरीक्षण किया। जनपद शामली के गांव रशीदगढ़, महावतपुर एवं बुटराड़ा में भी गन्ना के साथ सहफसली के खेतों को देखा।
उन्होंने मुजफ्फरनगर के ग्राम जट्ट नगला एवं बड़कली में गन्ने के साथ केले की खेती और गन्ने के साथ सरसों के खेतों का निरीक्षण भी किया। उन्होंने गन्ना विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों को गन्ने के साथ सहफसली के प्रति जागरूक किया जाए। उन्होंने गन्ना विभाग के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में अब तक हुई शरदकालीन गन्ना बुवाई एवं सहफसली खेती की समीक्षा भी की।
इस दौरान जिला गन्ना अधिकारी सहारनपुर एवं मुजफ्फरनगर डॉ. आरडी द्विवेदी, ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक इंद्रजीत सिंह एवं मार्कंडेय मौर्य, संजय सिंह, विनोद, सतीश एवं डॉ. यशपाल सिंह सहित अन्य मौजूद रहे।
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फुंडेर की मैनीबाई ने मछलीपालन को बनाया अतिरिक्त आय का जरिया
कोण्डागांव। राज्य शासन द्वारा मछलीपालन को कृषि का दर्जा दिये जाने के फलस्वरूप प्रदेश सहित कोण्डागांव जिले के मछली पालक किसान उत्साहित हैं। राज्य शासन द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ उठाकर अब छत्तीसगढ़ की महिलाएं भी मछलीपालन करके आर्थिक सम्पन्नता की ओर अग्रसर हो रही हैं। वे स्वयं तो आत्मनिर्भर की अतिरिक्त आय ओर अग्रसर हो रही हैं साथ में अन्य लोगों को भी रोजगार के अवसर उपलब्ध करा रही हैं। कोण्डागांव जिले के फरसगांव ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत फुंडेर की श्रीमती मैनीबाई पति स्व. बिरजूराम मछलीपालन व्यवसाय अपनाकर आत्मनिर्भर बन चुकी हैं। इस कार्य से उन्हें बीते वर्ष 22 से 23 हजार रुपये तक की आमदनी हुई है। वहीं इस साल उक्त डबरी में फिर से मछलीपालन कर रही हैं।
फरसगांव ब्लाक के ग्राम पंचायत फुंडेर निवासी श्रीमती मैनीबाई पहले खेती-किसानी एवं मजदूरी कर अपना जीवन-यापन कर रही थीं। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनान्तर्गत श्रीमती मैनीबाई को वर्ष 2020-2021 में स्वयं के 0.25 हेक्टेयर भूमि पर डबरी निर्माण कार्य की स्वीकृति प्राप्त हुई थी जिस पर मई 2021 में निर्माण कार्य पूरा किया गया। श्रीमती मैनीबाई बताती हैं कि इस डबरी में बीते वर्ष उनके द्वारा 5 किलोग्राम रोहू, कतला और तलबिया मछली के बीज डाला गया था, जिससे उन्हें गत् वर्ष 22 से 23 हजार रुपये का शुद्ध लाभ प्राप्त हुआ। इसे ध्यान देते हुए इस वर्ष उन्होंने डबरी में 7 किलोग्राम रोहू, कतला और तलबिया मछली के बीज डाला है। इसके साथ ही मत्स्यपालन विभाग के मैदानी अमले की सलाह पर मछलियों के बढ़वार हेतु खल्ली, चुन्नी चारा के साथ ही सड़े हुए गोबर के लड्डू दाना के रूप में दे रही हैं। वहीं समय-समय पर डबरी में जाल चलवा रही हैं। जिससे उन्हे इस वर्ष अच्छा उत्पादन होने की उम्मीद है। श्रीमती मैनीबाई को मछलीपालन व्यवसाय शुरू करने से अब अतिरिक्त आमदनी प्राप्त करने का जरिया मिला है और इस अतिरिक्त आय से वह अपनी रोजमर्रा के जीवन की सभी आवश्यकताओं को पूरा करने सहित बच्चों के पोषण पर ध्यान देने के साथ उन्हे अच्छी शिक्षा प्रदान कर रही हैं। वह बताती हैं कि इस अतिरिक्त आमदनी से वह बहुत उत्साहित हैं और भविष्य में इस व्यवसाय का विस्तार अतिरिक्त आय करेंगी।
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