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FBS क्या है

FBS क्या है
फास्टिंग के दौरान: फास्टिंग के दौरान ब्लड शुगर लेवल 70-100 mg/dl के बीच होता है। लेकिन अगर फास्टिंग के दौरान रक्त शर्करा का स्तर 100-126 mg/dl के बीच हो जाए, तो उसे प्री-डायबिटीज की श्रेणी में रखा जाता है। हालांकि, अगर यह स्तर 130 mg/dl या फिर उससे अधिक हो तो यह बेहद ही खतरनाक माना जाता है।

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FBS क्या है

एफबीएस का फुल फॉर्म, fbs Kya Hai, fbs Full Form, fbs Meaning, fbs Abbreviation

fbs का Full Form क्या है? यह सवाल आपके दिमाग में कभी न कभी आया ही होगा। ज्यादातर लोगों का मानना है कि एफबीएस शब्द Short form है, जिसका मतलब है कि हम आपको यहां हिंदी में बताएंगे।

fbs Full Form in Hindi क्या है fbs का फुल फॉर्म के बारे में अधिक जानें Football Bowl Subdivision क्या है।

fbs Full Form Hindi

fbs का फुलफॉर्म Football Bowl Subdivision और हिंदी में एफबीएस का मतलब फुटबॉल बाउल उपखंड है। एनसीएए फुटबॉल बाउल सबडिविजन (एफबीएस) कॉलेज फुटबॉल, जिसे पहले डिवीजन आईए के रूप में जाना जाता था, अपने चैंपियन को निर्धारित करने के लिए एक संगठित टूर्नामेंट के बिना एनसीएए-प्रायोजित खेल है।

Full Form of fbs in Hindi
परिभाषा: Football Bowl Subdivision
हिंदी अर्थ: फुटबॉल बाउल उपखंड
श्रेणी: Sports & Games

एफबीएस क्या है? What is fbs in Hindi

fbs DEFINATION:

क्या आप जानते हैं fbs का हिन्दी में क्या मतलब होता है? एफबीएस क्या होता है जिसे हिंदी में फुटबॉल बाउल उपखंड कहते है।

पाइए fbs की जानकारी और हिन्दी में परिभाषा अपनी हिंदी भाषा में बहुत ही आसान शब्दों में पढ़ सकते हैं, Sahu4You.com को रोजाना पढ़ें, साथ ही हमसे फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर जरूर जुड़े।

फास्टिंग के दौरान कितना होना चाहिए ब्लड शुगर लेवल? जानिये जांच का सही तरीका

फास्टिंग के दौरान कितना होना चाहिए ब्लड शुगर लेवल? जानिये जांच का सही तरीका

खाने से पहले जिन लोगों को डायबिटीज की परेशानी नहीं है उनका ब्लड शुगर 100 mg/dl से कम होना चाहिए

हाई ब्लड शुगर (High Blood Sugar) जिसे मेडिकल टर्म में हाइपरग्लाइसेमिया कहा जाता है, यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें खून में FBS क्या है ग्लूकोज का स्तर काफी अधिक बढ़ जाता है। डायबिटीज के रोगियों के लिए यह स्थिति बेहद ही खतरनाक होती है, क्योंकि इसके कारण हार्ट अटैक, किडनी फेलियर, ब्रेन स्ट्रोक और मल्टीपल ऑर्गन फेलियर जैसी जानलेवा स्थितियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में डायबिटीज के मरीजों को अपना ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रखना बेहद ही जरूरी होता है। बता दें, एक वयस्क व्यक्ति, जो पूरी तरह से स्वस्थ है उसका नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल 70-99 mg/dl के बीच होता है।

RBS test क्या होता है?

RBS का पूरा नाम Random Blood sugar होता है. यह एक प्रकार का ब्लड जांच है जो sugar की जाँच करने के लिए किया जाता है. इसका नॉर्मल रेंज 80-120 mg/dl होता है. Random Blood sugar टेस्ट एक ऐसा जाँच है जिसे दिन में किसी भी समय खाना खाने के बाद भी कराया जा सकता है.

  • यदि हमारे शरीर में ग्लूकोज की मात्रा ज्यादा हो जाती है तो इसे hyperglycemia कहतें हैं.
  • यदि हमारे शरीर में ग्लूकोज की मात्रा कम हो जाती है तो इसे hypoglycemia कहतें हैं.

RBS test कब कराना चाहिए?

RBS test से हमारे ब्लड में उपस्थित sugar की मात्रा का पता चलता है.इसलिए यदि आपको Diabetes है ,मोटापा है या फिर Diabetes के लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो इस स्थिति में आपको ब्लड शुगर की जांच करा लेना चाहिए.तो चलिए जानतें हैं कि Diabetes के कौन- कौन से लक्षण दिखाई दे सकते हैं.

  1. बार-बार पैशाब लगना
  2. अत्यधिक पानी पीने की इच्छा होना
  3. शरीर का फूलना
  4. थकान महसूस होना
  5. घावों का नहीं भरना
  6. कहीं कटने पर अत्यधिक खून बहना.
  7. वजन घटना
  8. अत्यधिक भूख लगना

Random Blood sugar की जांच कराने से पहले क्या करें?

जब भी आप random blood sugar की जांच कराने जाते हैं तो इसके लिए किसी खास तैयारीयों की जरूरत नहीं होती है परन्तु यदि rbs test के अलावा Fasting blood sugar और PPBS test कराने की सलाह दे तो आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए -

  • यदि आपको FBS test कराने की सलाह दी जाती है तो आपको लगभग 8-10 घंटे तक(पूरी रात) पेट को खाली रखना होगा. रात के खाने में sugar की मात्रा ना ले और साधारण भोजन करें.इस स्थिति में आप केवल पानी पी सकते हैं.जिससे FBS test की report अच्छी आएगी.
  • यदि आप किसी तरह की दवाइयों का सेवन कर रहे हैं तो उसके बारे में अपने डॉक्टर को जरूर बताएं.
  • यदि आप शराब, धुम्रपान या फिर किसी अन्य तरह की नशा करते हैं तो भी डॉक्टर को जरूर बताएं साथ ही इसे छोड़ दें.
  • कई बार अत्यधिक Excercise और Stress करने से भी ब्लड शुगर की मात्रा में कमी आ सकती है. इसलिए टेस्ट से पहले ज्यादा व्यायाम ना करें.

​वन स्टेप टेस्ट

इस टेस्ट में डॉक्टर आपका फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल देखता है। उसके बाद आपको 75 ग्राम ग्लूकोज दिया जाता है। फिर डॉक्टर आपका नॉनफास्टिंग शुगर लेवल सैंपल लेता है जो 2 घंटे बाद हर 60 मिनट में लिया जाता है। इसके लिए पहले आपको 8 से 14 घंटे तक भूखा रहना पड़ता है।

​खाने के टाइम पर टारगेट शुगर लेवल

फास्टिंग - 92 mg/dl (5.1 mool/L)

1 घंटे बाद - 180 mg/dL (10.0 mool/L)

2 घंटे बाद - 153 mg/dL (FBS क्या है 8.5 mool/L)

इससे ज्यादा वैल्यू आने का मतलब है कि आपको जेस्टेशनल डायबिटीज है।

​प्रेग्‍नेंसी के दौरान ग्लूकोज टेस्ट से होने वाले नुकसान

ज्यादातर महिलाओं को इससे कोई खास परेशानी नहीं होती है। इस टेस्ट के लिए पहले महिलाओं को 8 से 10 घंटे तक भूखे रहना पड़ता है। फिर अचानक से ग्लूकोज सल्यूशन न पीने से कुछ महिलाओं को FBS क्या है उल्टी, सर दर्द, जैसी शिकायत हो सकती हैं। इसके साथ ही कुछ महिलाओं में चक्कर आना, ब्लीडिंग होना, स्किन इन्फेक्शन जैसे लक्षण भी देखे गए हैं।

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