महंगाई से बचाव

पिउ रिसर्च सैंटर के एक शोध के मुताबिक भारत के मध्य वर्ग को बीते साल महामारी की चपेट में आकर, 3.2 करोड़ नौकरियों से हाथ धोना पड़ा है। अब कोरोना की दूसरी लहर के चलते लाखों और नौकरियां दांव पर हैं, छिनने का भारी अंदेशा है। उधर मुंबई के थिंक टैंक सैंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी का दावा है कि अकेले इसी मई में एक करोड़ नौकरियों का सफाया हुआ है। इसी संस्था की रिपोर्ट जाहिर करती है कि विगत अप्रैल में ही 70 लाख लोगों का काम-धंधा छिन गया था।
महंगाई ने मध्यवर्गीय परिवारों के सपने किए चकनाचूर
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर और जाने-माने अर्थशास्त्री रघुराम राजन ने कुछ यूं अगाह किया है ‘अर्थव्यवस्था पर महामारी और महंगाई का अस्थायी वार कहीं लाइलाज रोग न बन जाए।’ कहते तो हैं कि जान है, तो जहान है। लेकिन जान बच जाने के बाद जहान की चिंता और भी दुखाने लगती है। कोरोना महामारी से बचाव के लिए बेशक सतर्कता जरूरी है, लेकिन बीते सवा साल से लॉकडाऊन पर लॉकडाऊन ने देश भर के मध्यवर्गीय परिवारों की आर्थिक सेहत का भी दम निकालने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
वित्तीय मुश्किलों से घिरे निम्न और उच्चमध्य वर्ग के घर-परिवार का बजट चारों खाने चित्त हो चुका है। आंकड़े बता रहे हैं कि पिछले 40 सालों में अर्थव्यवस्था अब तक के न्यूनतम स्तर पर लुढ़की हुई है। पैट्रोल से फल-सब्जी और दूसरे जरूरी सामान की महंगाई की डबल मार पड़ रही है। मध्य वर्ग तो जैसे-तैसे महंगाई के जुल्म बर्दाश्त कर लेता है, लेकिन गरीब वर्गों की कमर ही तोड़ देती है।
महंगाई से महंगाई से बचाव बचाव
मुंबई 13 नवंबर (वार्ता)। अमेरिकी फेड रिजर्व (US Fed Reserve) के ब्याज दर में बढ़ोतरी के आक्रामक रुख में नरमी आने की उम्मीद में बीते सप्ताह 1.4 प्रतिशत की छलांग लगा चुके घरेलू शेयर बाजार की अगले सप्ताह दिशा निर्धारित करने में खुदरा एवं थोक महंगाई (inflation) के आंकड़े, कपंनियों के तिमाही नतीजे और विदेशी संस्थागत निवेशकों (Foreign Institutional Investors) के रुख की अहम भूमिका होगी। बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 844.68 अंक की उड़ान भरकर सप्ताहांत पर 61 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के पार 61795.04 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange) का निफ्टी 220.25 अंक की छलांग लगाकर 18349.70 अंक पर रहा। वहीं, समीक्षाधीन सप्ताह बीएसई की महंगाई से बचाव दिग्गज कंपनियों के विपरीत मझौली और छोटी कंपनियों में गिरावट दर्ज की गई। इससे मिडकैप 181.87 अंक टूटकर सप्ताहांत पर 25465.20 अंक और स्मॉलकैप 122.18 अंक कमजोर पड़कर 28985.06 अंक पर आ गया। विश्लेषकों के अनुसार, अगले सप्ताह अक्टूबर की उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महंगाई और थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित महंगाई के आंकड़े जारी होने वाले हैं। इसके साथ ही आखिरी बैच में कंपनियों के चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के नतीजे भी आएंगे। अगले सप्ताह इनका असर बाजार पर देखने को मिलेगा। इसी तरह रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास के उस बयान पर भी अगले सप्ताह बाजार की प्रतिक्रिया आएगी, जिसमें उन्होंने कहा है कि अक्टूबर में खुदरा महंगाई की दर सात प्रतिशत से कम होगी। साथ ही विदेशी संस्थागत निवेशकों की लगातार जारी मजबूत निवेश धारणा की भी बाजार को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका होगी। विदेशी संस्थागत निवेश्कों (एफआईआई) ने नवंबर में अबतक कुल 84,048.44 करोड़ रुपये की लिवाली जबकि कुल 71,558.70 करोड़ रुपये की बिकवाली की है, जिससे उनका शुद्ध निवेश 12,489.74 करोड़ रुपये रहा है। वहीं, इस अवधि में घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) की निवेश धारणा कमजोर रही है। उन्होंने बाजार में कुल 50,810.78 करोड़ रुपये का निवेश किया जबकि 56,455.65 करोड़ रुपये निकाल लिए, जिससे वह 5,644.87 करोड़ रुपये के बिकवाल रहे। बीते सप्ताह मंगलवार को गुरू नानक जयंती के उपलक्ष्य में अवकाश रहने के कारण बाजार में केवल चार दिन ही कारोबार हुआ, जिनमें से दो दिन तेजी और दो दिन गिरावट रही। चीन के काेविड प्रतिबंधों को समाप्त करने से इनकार करने के बावजूद वैश्विक बाजार में जारी तेजी से उत्साहित निवेशकों की स्थानीय स्तर पर ऊर्जा, ऑटो, कमोडिटीज, बैंकिंग, धातु, तेल एवं गैस और रियल्टी समेत 18 समूहों में हुई लिवाली की बदैलत सोमवार को सेंसेक्स 234.79 अंक की छलांग लगाकर 61 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के ऊपर 61185.15 अंक और निफ्टी 85.65 अंक चढ़कर 18202.80 अंक पर रहा।
वहीं, वैश्विक स्तर के कमजोर संकेतों के साथ ही घरेलू स्तर पर रियल्टी, ऑटो सहित अधिकांश प्रमुख समूहों में हुयी बिकवाली से बुधवार को सेंसेक्स 151.60 अंक टूटकर 61033.55 अंक पर और निफ्टी 45.80 अंक गिरकर 18157 अंक पर रहा। अमेरिका में महंगाई के आंकड़े जारी होने से पहले स्थानीय स्तर पर हुई चौतरफा बिकवाली गुरुवार को सेंसेक्स 419.85 अंक लुढ़ककर 60,613.70 अंक और निफ्टी 128.80 अंक गिरकर 18,028.20 अंक पर आ गया।
अमेरिका में महंगाई उम्मीद के विपरीत कम बढ़ने से फेड रिजर्व के ब्याज दर में बढ़ोतरी के आक्रामक रुख में नरमी आने की संभावना से उत्साहित निवेशकों की स्थानीय स्तर पर हुई दमदार लिवाली की बदौलत शुक्रवार को शेयर बाजार तूफानी तेजी लेकर शिखर पर पहुंच गया। सेंसेक्स 1181.34 अंक की उड़ान भरकर 61795.04 अंक के शिखर पर और निफ्टी 321.50 अंक की छलांग लगाकर 18349.70 अंक पर पहुंच गया।
राहुल ने सावरकर पर निशाना नहीं साधा, सिर्फ तथ्य रखे हैं; एमवीए पर असर नहीं होगा: जयराम रमेश
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने शुक्रवार को राहुल गांधी का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने हिन्दुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर पर निशाना नहीं साधा है बल्कि सिर्फ ‘‘ऐतिहासिक तथ्यों’’ को सामने रखा है।
कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के महाराष्ट्र में बुल्ढाणा जिले के शेगांव पहुंचने पर, यहां संवाददाता सम्मेलन में रमेश ने कहा कि उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना भले ही सावरकर पर राहुल गांधी के विचारों का समर्थन नहीं करती है, लेकिन इसका महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन पर कोई प्रभाव नहीं होगा।
गौरतलब है कि अकोला जिले के वाडेगांव में महंगाई से बचाव बृहस्पतिवार को संवाददाता सम्मेलन के दौरान राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि सावरकर ने तत्कालीन ब्रिटिश सरकार की मदद की और उनके डर से दया याचिका (क्षमा याचना) पर हस्ताक्षर किया था। कांग्रेस नेता इससे पहले भी कह चुके हैं कि सावरकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के प्रतीक हैं। राहुल गांधी की टिप्पणी के बाद प्रदर्शन हो रहे हैं और उद्धव ठाकरे ने यहां तक कह दिया है कि वह स्वतंत्रता सेनानी पर कांग्रेस नेता के बयान से इत्तेफाक नहीं रखते हैं।
ग्लोबल मार्केट से कमजोर संकेत, अमेरिका, यूएस और एशियाई बाजारों में गिरावट
नई दिल्ली (New Delhi), 17 नवंबर . ग्लोबल मार्केट से आज कमजोर संकेत मिल रहे हैं. अमेरिकी बाजार से लेकर यूरोपीय बाजार और एशियाई बाजारों में लगातार दबाव की स्थिति बनी हुई है. हालांकि यूएस फ्यूचर्स में आज बढ़त के साथ कारोबार होता नजर आ रहा है. अमेरिका में खुदरा बिक्री के आंकड़े की मजबूती के बावजूद अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा एक बार फिर ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने का संकेत देने की वजह से पिछले कारोबारी सत्र में अमेरिकी बाजार गिरावट के साथ बंद हुए थे.
पिछले कारोबारी सत्र में डाओ जोंस 39 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ. वहीं एसएंडपी 500 इंडेक्स 33 अंक टूट कर 3,958 अंक के स्तर पर बंद हुआ. जबकि नैस्डैक 174.75 अंक यानी 1.54 प्रतिशत की गिरावट के साथ 11,183.66 अंक के स्तर पर बंद हुआ. कल ही अमेरिका में अक्टूबर महीने के खुदरा बिक्री के आंकड़े आए थे. पिछले 8 महीने के दौरान खुदरा बिक्री के आंकड़ों में सबसे ज्यादा बढ़त दर्ज की गई है. खुदरा बिक्री के आंकड़ों से अमेरिकी बाजार को उत्साह जरूर मिला, लेकिन थोड़ी ही देर बाद अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा एक बार फिर ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने का संकेत देने की वजह से बाजार पर दबाव की स्थिति बन गई. जिसकी वजह से अमेरिकी बाजार गिरावट के साथ बंद हुए. अमेरिकी बाजार में पिछले कारोबारी सत्र में 11 में से 9 सेक्टर्स में गिरावट का रुख बना रहा. इसी तरह कुल एक्टिव शेयरों में से 61 प्रतिशत शेयर कमजोरी के साथ बंद हुए.
बैंकों के एमडी-सीईओ के साथ बैठक में आरबीआई गर्वनर ने डिपॉजिट्स ग्रोथ रेट में कमी पर जताई चिंता!
बिज़नेस न्यूज डेस्क - खुदरा महंगाई दर में गिरावट और दिसंबर में होने वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक से पहले आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और निजी बैंकों के प्रबंध निदेशकों और सीईओ के साथ बड़ी बैठक की है। आरबीआई गवर्नर ने वित्तीय बाजार में महामारी और उथल-पुथल के दौरान वाणिज्यिक बैंकों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका की प्रशंसा की। लेकिन आरबीआई गवर्नर ने कर्ज की मांग की तुलना में डिपॉजिट ग्रोथ में महंगाई से बचाव गिरावट पर भी चिंता जताई है। आरबीआई ने मौद्रिक नीति समिति की चार बार हुई बैठक में रेपो रेट में 1.90 फीसदी की बढ़ोतरी की। आरबीआई के इस कदम के बाद बैंकों ने तुरंत कर्ज महंगा कर दिया। लेकिन उसके मुकाबले डिपॉजिट रेट बढ़ाने में कंजूसी की। जिसका परिणाम यह हुआ है कि भले ही बैंकों की साख वृद्धि अर्थात ऋणों की मांग में जबरदस्त वृद्धि हुई हो, लेकिन उसकी तुलना में बैंकों की जमा वृद्धि दर नहीं बढ़ी है। बैंकों को अब नकदी संकट का सामना करना पड़ रहा है। ज्यादा रिटर्न नहीं मिलने के कारण लोग बैंकों में पैसा रखने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं।