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वित्त और ऋण

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सूक्ष्म-वित्त विनियमन पर परामर्शक दस्तावेज

उद्देश्य: सूक्ष्म-वित्त उधारकर्ताओं को अति-ऋणग्रस्तता से बचाने के साथ-साथ सूचित निर्णय (informed decision) लेने के लिए उधारकर्ताओं को सशक्त बनाकर प्रतिस्पर्धी ताकतों को ब्याज दरों को कम करने में सक्षम बनाना।

महत्वपूर्ण तथ्य: इसे सूक्ष्म- वित्त क्षेत्र में विभिन्न विनियमित ऋणदाताओं के लिए नियामक ढांचे के सामंजस्य हेतु जारी किया गया है।

दस्तावेज के प्रमुख प्रस्ताव: सभी विनियमित संस्थाओं के लिए सूक्ष्म-वित्त ऋण की एक समान वित्त और ऋण परिभाषा;

  • परिवार के ऋण दायित्वों के पुनर्भुगतान के कारण बहिर्वाह (outflow) को पारिवारिक आय के प्रतिशत तक सीमित करना;
  • यह पारिवारिक आय के आकलन के लिए बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति की भी सिफारिश करता है।
  • बेहतर पारदर्शिता के लिए सूक्ष्म-वित्त ऋणों के मूल्य निर्धारण संबंधी एक मानक सरलीकृत तथ्य पत्रक (Standard simplified fact sheet) की शुरुआत;
  • विनियमित संस्थाओं की वेबसाइटों पर सूक्ष्म-वित्त ऋणों पर लगाए गए न्यूनतम, अधिकतम और औसत ब्याज दरों को प्रदर्शित करना।

Monsoon Session: 10 लाख करोड़ का ऋण बट्टे खाते में, वित्त राज्यमंत्री ने राज्यसभा में बताया

Monsoon Session: 10 लाख करोड़ का ऋण बट्टे खाते में, वित्त राज्यमंत्री ने राज्यसभा में बताया

(प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

देश के बैंकों ने पिछले 5 सालों में 10 लाख करोड़ रुपये का ऋण बट्टे खाते (loan write off) में डाल दिया। यह जानकारी राज्यसभा में केन्द्रीय राज्यमंत्री भागवत कराड ने दी है। वित्त राज्यमंत्री भागवत कराड ने बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 में बैंको ने बट्टे खाते में डाली जाने वाली राशि वित्त वर्ष 2020-21 के 2,02,781 करोड़ रुपये की तुलना में घटकर 1,57,096 करोड़ रुपये हो गई है।

वर्ष 2019-20 में बट्टे खाते में डाली जाने वाली राशि की रकम 2,34,170 करोड़ रुपये थी, जबकि वर्ष 2018-19 में 2,36,265 करोड़ रुपये थी। वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान बैंकों ने बट्टे खाते में 1,61,328 करोड़ रुपये डाली थी। कुल मिलाकर पिछले 5 वित्त वर्ष (2017-18 से 2021-22) में 9,91,640 करोड़ रुपये का बैंक ऋण बट्टे खाते में डाला गया है।

अपने द्वितीय गृह वित्त के लिए 4 तरीके

हमने हाल ही में एक दूसरे घर खरीदने के लिए आपके सुझावों को साझा किया है अब, आपको लगता है कि अगले सवाल यह है कि इस संपत्ति को वित्त कैसे करें मकायन आईक्यू पांच तरीके बताता है जिसमें आप ऐसा कर सकते हैं: द्वितीय-होम लोन आप अपने दूसरे घर के लिए होम लोन के लिए भी आवेदन कर सकते हैं। हालांकि, ऐसे मामलों में बैंक बहुत सख्त हैं और आपकी वित्तीय स्थिति का उचित अध्ययन करते हैं। दूसरी वित्त और ऋण ओर, बैंक आपको एक ऋण देना पसंद करेंगे यदि आपकी पहली संपत्ति का बाजार मूल्य दूसरे से ज्यादा है। अगर बैंक अभी भी आश्वस्त नहीं हुआ है, तो आप अपने निवेश के खड़े होने वाले दूसरे होम लोन को भी ले सकते हैं। इसमें शेयर, आभूषण, म्यूचुअल फंड और बीमा शामिल होंगे टॉप-अप लोन यदि आप अलग-अलग होम लोन लेने की योजना नहीं बनाते हैं और मौजूदा ईएमआई को जोड़ना चाहते हैं तो आप अपने पहले बंधक के लिए भुगतान कर रहे हैं, टॉप-अप लोन के लिए विकल्प चुन सकते वित्त और ऋण हैं। शीर्ष-अप ऋण के लिए आवेदन करने से आपको नई ऋण लेने की प्रक्रिया में आने की परेशानी भी होगी। शीर्ष-अप ऋण के बारे में अधिक जानने के लिए, यहां पढ़ें। संपत्ति के खिलाफ ऋण जब दूसरे घर को खरीदते हैं, तो आप अपने पहले घर को एक संपत्ति के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं जिसके खिलाफ आप एक गृह ऋण ले सकते वित्त और ऋण हैं। संपत्ति के खिलाफ ऋण के रूप में जाना जाता है, यह ऋण आपकी संपत्ति के मौजूदा बाजार मूल्य के खिलाफ दिया गया है। संपत्ति के खिलाफ ऋण के बारे में अधिक जानने के लिए, यहां पढ़ें। पहली संपत्ति वित्त और ऋण किराए पर लें यदि आप दूसरे घर खरीदा है क्योंकि यह आपको बेहतर रहने के लिए उपयुक्त है, तो आप अपनी पहली संपत्ति किराए पर कर सकते हैं इससे आपको अपने दूसरे घर के लिए ईएमआई का भुगतान करने में मदद मिलेगी।

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सूक्ष्म वित्त संस्थानों का सकल ऋण दिसंबर 2021 तक 2,56,058 करोड़ रुपये: रिपोर्ट

क्षेत्र के स्व-नियामक संगठन माइक्रोफाइनेंस इंस्टीट्यूशन्स नेटवर्क (एमएफआईएन) ने कहा कि कर्ज में सबसे बड़ा हिस्सा 13 बैंकों का है और इनका बकाया 1,03,569 करोड़ रुपये है। यह ऐसे संस्थानों द्वारा किए गए कर्ज वितरण का 40.4 फीसदी है।

गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थान (एनबीएफसी)-एमएफआई दूसरे सबसे बड़े सूक्ष्म कर्ज प्रदाता है जिनका ऋण राशि बकाया 87,444 करोड़ रुपये यानी उद्योग के कुल पोर्टफोलियो का 34.2 फीसदी है।

एफएफआईएन की रिपोर्ट में कहा गया कि लघु वित्त बैंकों का ऋण बकाया 42,847 करोड़ रुपये यानी एमएफआई उद्योग के कुल कर्ज वितरण का 16.7 फीसदी है।

रिपोर्ट के अनुसार बीते 12 महीने में, दिसंबर 2021 तक सक्रिय कर्ज खाते 0.8 फीसदी बढ़कर 10.58 करोड़ हो गए।

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Reports के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में ऋण वृद्धि 13 प्रतिशत रहने का अनुमान, जमा दरें बढ़ेंगी

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मुंबई: बैंकों की ऋण और जमा वृद्धि में बढ़ते अंतर वित्त और ऋण के बीच चालू वित्त वर्ष के दौरान जमा दरों में और वृद्धि की संभावना है. घरेलू रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के अनुसार, 26 अगस्त तक प्रणाली स्तर पर ऋण वृद्धि 15.5 प्रतिशत और जमा वृद्धि 9.5 प्रतिशत रही.

इससे जमा दरों में वृद्धि हो सकती है क्योंकि बैंक कर्ज की मांग को पूरा करने के लिए धन की व्यवस्था करते हैं.
एजेंसी ने कहा कि ऋण की मांग ने जमा वृद्धि को काफी पीछे छोड़ दिया है, इसलिए जमा दरों में बढ़ोतरी जारी रहेगी. एजेंसी ने अपने ऋण वृद्धि अनुमान की समीक्षा के बाद इसे बढ़ाकर 13 प्रतिशत कर दिया है, जो पहले 10 प्रतिशत था. कार्यशील पूंजी की ऊंची मांग और कॉरपोरेट खंड से मांग में पुनरुद्धार को ध्यान में रखते हुए कंपनी ने अनुमान में बदलाव किया है.
क्षमता बढ़ने के कारण जमा दरें भी ऊंची हो जाएंगी:
एजेंसी के अनुसार, रिकॉर्ड जमा और बैंकों के बीच जोखिम उठाने की क्षमता बढ़ने के कारण जमा दरें भी ऊंची हो जाएंगी. इसके लिए बैंक जमा को लेकर प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी. एजेंसी ने कहा कि बैंकिंग प्रणाली के लिए सकल गैर-निष्पादित संपत्तियां (जीएनपीए) अनुपात वित्त वर्ष 2021-22 में घटकर 6.1 प्रतिशत रह गया, जो वित्त वर्ष 2017-18 में 11.8 प्रतिशत पर था. सोर्स-भाषा

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