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ट्रेडिंग फॉरेक्स महाराष्ट्र

ट्रेडिंग फॉरेक्स महाराष्ट्र

दस माह में पैसा दोगुना करने का दे रहे थे लालच, तीन गिरफ्तार

बालाघाट. फॉरेक्स ट्रेडिंग में पैसा लगाओ और दस माह में पैसा दोगुना करो। कुछ इस तरह का लालच तीन युवक दे रहे थे। पुलिस ने पैसा दोगुना करने का लालच देने के आरोप में तीन युवकों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार युवकों बालाघाट के हीरालाल पिता तीरथलाल डेहरिया वार्ड क्रमांक 1 बूढ़ी, उपेश पिता हुकुमचंद मेश्राम निवासी वार्ड क्रमांक 13 सुभाष नगर बूढ़ी और नंदकुमार पिता पतिराम मंडलेकर निवासी देवनगर बैहर रोड बालाघाट शामिल है। आरोपियों के पास से पुलिस ने पांच लाख रुपए नगद, अलग-अलग बैंकों की पांच चेक बुक, दो मां नर्मदा फॉर्म लेंड की सील, तीन मोबाइल, एक लेपटॉप, दो ब्रोशर प्लान बुक जब्त किया है। आरोपियों के खिलाफ कोतवाली पुलिस ने अनैतिक जमा प्रतिषेध अधिनियम के तहत अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण को जांच में लिया है।
एसपी समीर सौरभ ने बताया कि कोतवाली पुलिस को शिकायत मिली थी कि गिरफ्तार तीनों युवक एक निजी होटल में सेमिनार का आयोजन कर रहे हैं। सेमिनार में स्कीम का लालच देकर दस माह में पैसे डबल करने का प्रलोभन दे रहे थे। सूचना के आधार पर कोतवाली पुलिस ने टीम का गठन कर छापामार कार्रवाई की। संबंधितों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। मौके से दस्तावेज सहित अन्य सामग्री को जब्त किया। इस दौरान आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे ऑनलाइन ट्रेनिंग (एमएनएफएक्स) देते हैं। फॅारेक्स ट्रेडिंग में पैसा लगाकर दस माह में राशि दोगुना करने का लालच देकर लोगों से पैसा ले रहे थे। लोगों का विश्वास हासिल करने हीरालाल डेहरिया स्वयं के नाम पर पंजीकृत मां नर्मदा फार्म लेंड के नाम से दोगुनी राशि का दस माह बाद का चेक भी दिया जा रहा था। एसपी ने बताया कि आरोपियों ने निवेशकों को अन्य लोगों के जोडऩे पर कमीशन देने का लालच भी दिया। इस तरह से आरोपी लोगों को पैसा दोगुना करने का प्रलोभन दे रहे थे। पुलिस इस मामले में आरोपियों से पूछताछ कर रही है।
ये सामग्री हुई जब्त
पुलिस ने हीरालाल डेहरिया के पास से पांच लाख रुपए नगद, पांच चेक बुक, दो मां नर्मदा फार्म लेंड की ट्रेडिंग फॉरेक्स महाराष्ट्र सील, एक मोबाइल फोन जब्त किया। इसी तरह उपेश मेश्राम के पास से दो ब्रॉशर प्लान बुक, एक मोबाइल फोन और नंदकुमार मंडलेकर के पास से एक लेपटॉप व मोबाइल फोन जब्त किया।

ट्रेडिंग फॉरेक्स महाराष्ट्र

ईडी के लोगो का फाइल फोटो

-अवैध ऑनलाइन फॉरेक्स ट्रेडिंग के लिए OctaFX के बैंक खाता फ्रीज किया

-चीन नियंत्रित 9 कंपनियों के अकाउंट भी फ्रीज, 9.82 करोड़ रुपये किए जब्त

नई दिल्ली, 29 सितंबर (हि.स)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वेबसाइट के माध्यम से अवैध ऑनलाइन विदेशी मुद्रा व्यापार के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए ऑक्टाफेक्स और उससे जुड़े संस्थाओं के 21.14 करोड़ रुपये जब्त कर लिए हैं। वहीं, दूसरी ओर चीन से नियंत्रित नौ कंपनियों के खातों में पड़ी 9.82 करोड़ रुपये की ट्रेडिंग फॉरेक्स महाराष्ट्र राशि जब्त कर ली है।

प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को जारी एक बयान में बताया कि अवैध ऑनलाइन विदेशी मुद्रा व्यापार मामले में ऑक्टाफेक्स (OctaFX) और संबंधित संस्थाओं के बैंक खातों में मौजूद 21.14 करोड़ रुपये की राशि को फ्रीज किया गया है। ईडी ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत यह कार्रवाई की है।

जांच एजेंसी ने चीन से नियंत्रित होने वाली नौ कंपनियों के खातों में पड़ी 9.82 करोड़ रुपये की राशि भी जब्त की है। एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच करते हुए चीन से नियंत्रित ट्रेडिंग फॉरेक्स महाराष्ट्र नौ संस्थानों के खातों में पड़ी यह राशि जब्त की है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने ‘एचपीजेड’ नामक ऐप-आधारित टोकन और इसी तरह के अन्य ऐप के दुरुपयोग से संबंधित मामले में यह कार्रवाई की है।

ईडी ने अवैध ऑनलाइन विदेशी मुद्रा व्यापार के लिए OctaFX से संबंधित 21 करोड़ रुपये से अधिक के खातों को फ्रीज किया

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कई बैंक खातों को सील कर दिया है। ऑनलाइन विदेशी मुद्रा (विदेशी मुद्रा) व्यापार में अवैध रूप से लिप्त होने के लिए मेसर्स OctaFX और संबंधित संस्थाओं से संबंधित 21.14 करोड़ शेष।

इससे पहले, ईडी ने अंतरराष्ट्रीय दलालों, अर्थात् OctaFx ट्रेडिंग ऐप और वेबसाइट www.octafx.com के माध्यम से अवैध ऑनलाइन विदेशी मुद्रा व्यापार के लिए मेसर्स OctaFX इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और संबंधित कंपनियों के विभिन्न परिसरों में तलाशी ली थी।

विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत अधिकारियों द्वारा की गई जांच के अनुसार, उपरोक्त ऑनलाइन ट्रेडिंग ऐप और वेबसाइट भारत में मेसर्स ऑक्टाएफएक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से काम कर रही हैं। लिमिटेड फॉरेक्स ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म, जिसे सोशल नेटवर्किंग साइटों पर व्यापक रूप से प्रचारित किया जा रहा है, उपयोगकर्ताओं को अपने प्लेटफॉर्म पर आकर्षित करने के लिए रेफरल-आधारित प्रोत्साहन मॉडल का पालन कर रहा है।

यह देखा गया है कि मुख्य रूप से यूपीआई/स्थानीय बैंक हस्तांतरण के माध्यम से उपयोगकर्ताओं से एकत्रित धन को विभिन्न नकली संस्थाओं के बैंक खातों में डाला जाता है और लेयरिंग के उद्देश्य से घरेलू स्तर पर अन्य बैंकों में स्थानांतरित किया जाता है। लेयरिंग जटिल वित्तीय लेनदेन की परतों के उपयोग के माध्यम से आपराधिक गतिविधि की आय को उनके मूल से अलग करने की प्रक्रिया है, जिससे धन को ट्रैक करने की प्रक्रिया को पूरा करना अधिक कठिन हो जाता है।

जांच के अनुसार, धन का उपयोग सीमा पार लेनदेन के लिए भी किया गया है। जांच में अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन विदेशी मुद्रा व्यापार दलालों और उनके भारतीय भागीदारों/एजेंटों के बीच सांठगांठ का भी पता चला है।

OctaFX ऐप और इसकी वेबसाइट को फॉरेक्स ट्रेडिंग में डील करने के लिए RBI द्वारा अधिकृत नहीं किया गया है। विदेशी मुद्रा व्यापार का संचालन और संचालन (किसी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज पर नहीं किया जा रहा है) अवैध है और फेमा नियमों का भी उल्लंघन करता है।

जांच के दौरान, यह सामने आया कि विभिन्न भारतीय बैंकों के कई खाते निवेशकों/उपयोगकर्ताओं को OctaFX ट्रेडिंग ऐप और वेबसाइट पर फॉरेक्स ट्रेडिंग को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से फंड इकट्ठा करने के लिए दिखाए जा रहे थे। संचित धन को एक साथ कई ई-वॉलेट खातों जैसे नेटेलर, स्क्रिल या डमी संस्थाओं के बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया गया था।

इसके अलावा, यह भी सामने आया है कि ट्रेडिंग ऐप पर धोखाधड़ी की गई राशि का एक बड़ा हिस्सा मैसर्स ज़ानमाई लैब्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से क्रिप्टो मुद्राओं/संपत्तियों को खरीदने के लिए इस्तेमाल किया गया था।

मेसर्स ज़ानमाई लैब भारतीय रुपये में प्राप्त राशि को वज़ीरक्स वॉलेट में जमा करने के लिए बैंकिंग चैनल और एक पुल प्रदान कर रहा है, जिसने राशि को बिनेंस एक्सचेंज (केमैन द्वीप में उपयोग किया जाने वाला एक क्रिप्टो एक्सचेंज) में स्थानांतरित कर दिया, जिससे भारतीय मुद्रा के हस्तांतरण की सुविधा हुई। क्रिप्टो मुद्राओं के रूप में विदेशी संस्थाएं। आगे की जांच की जा रही है।

विदेशी मुद्रा व्यापार में करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश

सरगना मध्यप्रदेश के देवास से गिरफ्तार, 500 लोगों से कर चुका है धोखाधड़ी

विदेशी मुद्रा व्यापार में करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश

नोएडा, वरिष्ठ संवाददाता। साइबर थाना पुलिस ने फॉरेक्स ट्रेडिंग (विदेशी मुद्रा के व्यापार) में निवेश कर मोटी कमाई का झांसा देकर करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले गिरोह का मंगलवार को पर्दाफाश किया है। गिरोह के सरगना को मध्यप्रदेश के देवास से गिरफ्तार किया गया। गिरोह देश के कई राज्यों में करीब 500 लोगों के साथ धोखाधड़ी कर चुका है। पुलिस को अबतक 15 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी का रिकॉर्ड मिल चुका है। गाजियाबाद के जीएसटी विभाग से सेवानिवृत्त कमिश्नर से भी इस गिरोह ने 15 लाख रुपये ठगे थे।

सेवानिवृत्त कमिश्नर ने फॉरेक्स ट्रेडिंग में पैसा निवेश करने का झांसा देकर रुपये ठगने का मुकदमा दर्ज कराया था। साइबर क्राइम थाना प्रभारी रीता यादव ने बताया कि इसकी जांच शुरू की गई तो इस गिरोह का पता चला। सरगना शोएब मंसूरी को देवास की शिमला कॉलोनी से गिरफ्तार किया गया। शोएब ने गिरोह के अन्य साथियों के साथ मिलकर पीड़ित से 15 लाख रुपये ठगे थे। आरोपी के बैंक खाते में जमा करीब सात लाख रुपये फ्रीज कर दिया गया है। पुलिस ने उससे दो मोबाइल फोन जब्त किया है।

डीमैट खाता खुलवाकर करते थे फर्जीवाड़ा

गिरोह ने मध्यप्रदेश के इंदौर और देवास में वर्ष 2020 में दफ्तर खोला था। उसने फर्जी कॉल सेंटर बनाया और इसमें काम करने के लिए कुछ युवक-युवतियों को वेतन के ट्रेडिंग फॉरेक्स महाराष्ट्र आधार पर रखा। गिरोह अलग-अलग ब्रोकिंग कंपनी से ट्रेडिंग करने वाले लोगों का डाटा लेता था। युवक-युवतियां लोगों को कॉल कर फर्जी कंपनी ट्रेडिंग फॉरेक्स महाराष्ट्र के माध्यम से ट्रेडिंग के लिए राजी करते थे। वह ग्राहकों को फॉरेक्स ट्रेडिंग में मोटा पैसा कमाने का लालच देते थे। इसके लिए 10 से 20 हजार रुपये में उनका डीमैट खाता खुलवाते थे। जालसाज ग्राहक की आईडी और पासवर्ड अपने पास रखते थे, ताकि वह उनके खाते को संचालित कर सकें।

प्ले स्टोर पर डाली थी फर्जी ऐप

गिरोह ने ट्रेडिंग के लिए फर्जी ऐप मेटा ट्रेडर्स-05 नाम से बनाकर प्ले स्टोर पर अपलोड कर दिया था। इसी ऐप के माध्यम से ग्राहकों को उनके खाते में धनराशि की बढ़ती संख्या नजर आती थी।

खातों में सिर्फ संख्या में बढ़ती थी धनराशि

आरोपी अलग-अलग ग्राहकों से डीमैट खातों में पैसा मंगवाते थे। फर्जी ऐप के जरिए डीमैट खातों में दिखाई देने वाली धनराशि डिजिटल रूप में केवल संख्या के रूप में ग्राहक को बढ़ती हुई दिखाई देती थी, जबकि असल में वह धनराशि बढ़ती नहीं थी। इस रकम को देखकर ग्राहक और ज्यादा पैसे का निवेश करता था।

जीएसटी सहित कई चार्ज के नाम पर भी ठगी

ग्राहक को मुनाफा देने की आड़ में गिरोह उनसे जीएसटी सहित विभिन्न चार्ज के रूप में भी लाखों रुपये ठगता था। जब ग्राहक खातों में दिख रही धनराशि का मुनाफा लेना चाहता था तो उससे जीएसटी, कन्वर्जन चार्ज और सेटलमेंट चार्ज के नाम पर विभिन्न बैंकों खातों में और पैसे ट्रांसफर करवा लिए जाते थे। पीड़ितों के खातों का एक्सेस गिरोह के पास होने के चलते वह निवेश की रकम नहीं निकाल पाते थे।

12वीं पास सरगना ने बड़े-बड़ों को ठगा

गिरोह में 16 लोग शामिल हैं। इनमें तीन सरगना है, जो अपनी टीम के सदस्यों के साथ ठगी को अंजाम देता है। इस गिरोह के ठगों की तलाश महाराष्ट्र सहित विभिन्न प्रदेशों की पुलिस को है। पुलिस की गिरफ्त में आया आरोपी शोएब 12 वीं पास है। वह अभी तक सरकारी अधिकारियों से लेकर इंजीनियर और अन्य बड़े पदों पर कार्यरत लोगों को ठगी का शिकार बना चुका है। कुछ दिन बाद ही आरोपी की शादी भी होने वाली है।

क्या है फॉरेक्स ट्रेडिंग

सामान्य शब्दों में फॉरेक्स ट्रेडिंग का अर्थ एक दूसरे के बीच विभिन्न विदेशी मुद्राओं का व्यापार करना है। यानि इस प्रक्रिया के तहत विभिन्न देशों की मुद्राओं में उनके मूल्य के घटते बढ़ते रहने के कारण व्यापार होता है। इसमें एक करेंसी को दूसरी करेंसी से बदला जाता है। ट्रेडिंग में सबसे ज्यादा जरूरी बात होती है एक्सचेंज रेट। मतलब एक करेंसी को दूसरी करेंसी से एक्सचेंज करने की दर क्या होगी।

शेयर मार्केट में कौन से फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट (वित्तीय साधनों) का कारोबार होता है?

जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो आप वास्तव में उस कंपनी में आंशिक हिस्सेदारी ले रहे होते हैं और कंपनी के शेयरधारक (शेयर होल्डर) बन जाते हैं. शेयर की कीमतों में हर पल उतार-चढ़ाव होता है.

शेयर मार्केट में कौन से फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट (वित्तीय साधनों) का कारोबार होता है?

TV9 Bharatvarsh | Edited By: मनीष रंजन

Updated on: Oct 20, 2022 | 11:39 AM

स्टॉक मार्केट केवल शेयरों तक ही सीमित नहीं है इसमें कई और फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट भी शामिल हैं . ये इंस्ट्रूमेंट एक बड़ा रिटर्न भी देते हैं . निवेशक अपना पैसा शेयर मार्केट में पूंजी बनाने के लिए लगाते हैं . कुछ निवेशक लंबी अवधि ( लॉन्ग टर्म ) के लिए और कुछ छोटी अवधि ( शॉर्ट टर्म ) के लिए पैसा लगाते हैं . आमतौर पर लोगों को लगता हैं कि शेयर मार्केट में सिर्फ शेयरों का ही कारोबार होता है लेकिन ऐसा नहीं है . शेयरों के अलावा और भी कई फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट ( वित्तीय साधन ) हैं , जिनका शेयर मार्केट में कारोबार होता है . इस आर्टिकल ( लेख ) में हम उनके बारे में बात करेंगे .

शेयर शेयर , स्टॉक एक्सचेंज का सबसे पॉपुलर ( लोकप्रिय ) फाइनेंशियल प्रोडक्ट ( वित्तीय उत्पाद ) है . जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो आप वास्तव में उस कंपनी में आंशिक हिस्सेदारी ले रहे होते हैं और कंपनी के शेयरधारक ( शेयर होल्डर ) बन जाते हैं . शेयर की कीमतों में हर पल उतार – चढ़ाव होता है . इस उतार ट्रेडिंग फॉरेक्स महाराष्ट्र – चढ़ाव से फायदा और नुकसान निर्धारित होता है .

डेरिवेटिव्स एक डेरिवेटिव दो पार्टियों के बीच एक कॉन्ट्रैक्ट है . डेरिवेटिव्स में निवेशक एक खास दिन और एक खास दर पर एसेट खरीदने या बेचने का कॉन्ट्रैक्ट ( अनुबंध ) करता है . इस एसेट में शेयर , करेंसी , कमोडिटी आदि शामिल हो सकते हैं . डेरिवेटिव्स को सोने ( गोल्ड ) और तेल ( ऑयल ) में निवेश के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है . मूल रूप से चार तरह के डेरिवेटिव्स होते हैं – फ्यूचर्स ( वायदा कारोबार ), ऑप्शंस , फॉरवर्ड्स और स्वैप . डेरिवेटिव ट्रेड के बारे में ज्यादा जानने के लिए 5paisa.com https://bit.ly/3RreGqO पर जाएं , जहां आपको डेरिवेटिव ट्रेडिंग के लिए कई प्रोडक्ट मिलेंगे .

म्यूचुअल फंड (Mutual fund ) म्यूचुअल फंड कई निवेशकों से पैसा जुटाकर विभिन्न एसेट में जैसे इक्विटी , मनी मार्केट , बॉन्ड और दूसरे फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स ( वित्तीय साधनों ) में पैसा लगाते हैं . इसमें आपके पोर्टफोलियो को फंड मैनेजर द्वारा मैनेज किया जाता है , जिनका काम निवेशकों को हाई रिटर्न दिलाना होता है . नए निवेशकों और शेयर मार्केट की कम जानकारी रखने वालों के लिए म्यूचुअल फंड एक अच्छा विकल्प ( ऑप्शन ) हो सकता है .

बॉन्ड (Bonds) सरकार या कंपनियां पैसा जुटाने के लिए बॉन्ड जारी करती हैं . वास्तव में बांड खरीदकर आप एक तरह से इसे जारी करने वाले को उधार दे रहे होते हैं . जारीकर्ता आपको इस ऋण ( लोन ) के लिए ब्याज ( इंटरेस्ट ) का भुगतान करता है . बॉन्ड को निवेश का एक सुरक्षित विकल्प माना जाता है क्योंकि वे निवेशकों को एक निश्चित ब्याज दर देते हैं . बॉन्ड को उनकी निश्चित आय ( फिक्स्ड इनकम ) की वजह से फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज ( निश्चित आय प्रतिभूतियां ) भी कहा जाता है .

मुद्रा (Currency) करेंसी को करेंसी मार्केट में खरीदा और बेचा जाता है जैसे फॉरेक्स मार्केट . करेंसी ट्रेडिंग में बैंक , कंपनियां , केंद्रीय बैंक ( जैसे भारत में आरबीआई बैंक ), इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट फर्म , ब्रोकर और सामान्य निवेशक शामिल होते हैं . करेंसी ट्रेडिंग में लेनदेन हमेशा जोड़ों में होता है . उदाहरण के लिए , USD/INR रेट का मतलब है कि एक अमेरिकी डॉलर को खरीदने में कितने रुपये लगेंगे . आप BSE, NSE, या MCX-SX जैसे एक्सचेंजों के जरिए करेंसी ट्रेड कर सकते हैं .

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