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खरीदें और पकड़ रणनीति

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किसान आंदोलन को लंबा चलाने की रणनीति पर विचार, हरियाणा संभालेगा मोर्चा

जो किसान और आम लोग आंदोलन से दूर हैं, उन्हें जोड़ने की कोशिशें तेज हो गई हैं

By Shahnawaz Alam

On: Wednesday 17 February 2021

Kisan Mahapanchayat

हरियाणा के रोहतक जिले में गढ़ी सांपला में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया। फोटो: शाहनवाज आलम

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्‍ली के बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन का कोई हल नहीं निकलने और भारत सरकार से बातचीत बंद करने के बाद से किसान बेचैन है, लेकिन आंदोलन से पीछे हटने को न तो किसान संगठन संयुक्‍त किसान मोर्चा तैयार है और न ही आम किसान।

खासकर हरियाणा के किसान अब नए सिरे से रणनीति बनाने पर विचार कर रहे हैं। किसान मान कर चल रहे हैं कि सरकार के साफ रवैये के बाद अब आंदोलन को लंबे समय तक चलाना होगा, इसलिए उन लोगों को जोड़ा जाए, जो अब खरीदें और पकड़ रणनीति तक आंदोलन से दूर हैं। यही वजह है कि अब हरियाणा में झज्‍जर, पानीपत, चरखी-दादरी, भिवानी और करनाल में 16 जगहों पर आंदोलन की शुरुआत होने जा रही है। जिसमें स्‍थानीय लोग विरोध प्रदर्शन करेंगे।

किसानों के अलावा आम लोगों तक भी अपनी बात पहुंचाने के लिए किसान नेताओं ने 16 फरवरी को रोहतक के गढ़ी-सांपला में आयोजित सर्व खाप पंचायत में किसान नेताओं ने फसलों की एमएसपी के मांग के साथ पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम और महंगाई का जिक्र किया।

किसान आंदोलन में अब असहयोग आंदोलन और कॉरपोरेट कंपनियों के बहिष्‍कार की रणनीति अपनाकर काम करने पर जोर दिया जा रहा है। रोहतक की पंचायत में शामिल होने आए बलराज कुंडू कहते हैं कि आंदोलन को तेज करने के लिए हरियाणा से फल, सब्‍जी और दूध की सप्‍लाई दिल्‍ली के लिए बंद करने पर विचार किया जाना चाहिए। दिल्‍ली के तीन तरफ हरियाणा है और सभी खाद्य पदार्थों की सप्‍लाई यहां से होती है। दिल्‍ली के खास लोगों को जब परेशानी होगी तो किसानों का महत्‍व समझ में आएगा।

झज्‍जर के गांव ढाकला के ओम प्रकाश धनखड़ कहते हैं कि बसंत पंचमी के बाद फसल की कटाई और आंदोलन दोनों को साथ लेकर चलने के लिए गांवों तक की रणनीति तैयार की जा रही है। इसमें हर गांव से एक के साथ दस अलग-अलग परिवार के लोगों को जोड़कर किसान आंदोलन में लाने की तैयारी की गई है। इससे किसानों का आंदोलन भी चलेगा और खेती-किसानी का काम भी प्रभावित नहीं होगा। इस बार परीक्षा की देरी के कारण युवाओं को खेती के कामों में जोड़ा जा रहा है। जिससे किसान आंदोलन मजबूत होगा।

पंचायत में शामिल हुई पंजाबी सिंगर सोनिया मान कहती हैं कि हरियाणवीं और पंजाबी सिंगर दोनों किसान आंदोलन को उठा रहे हैं, ताकि अधिक से अधिक युवा किसानों के मुद्दों को समझ सकें। किसानों की दर्द-तकलीफ और मांग को हर म्‍यूजिकल और वीडियो प्रारूप में प्रस्‍तुत करने की कोशिश हो रही है। पंजाब, हरियाणा के एक्‍टर, सिंगर सभी किसान परिवार से है, जब बुनियाद ही नहीं रहेगी तो हम कैसे बचेंगे। किसान आंदोलन को युवाओं से जोड़ने के लिए लगातार वीडियो एलबम बन रहे है।

हरियाणा में पहली बार अनुसूचित और पिछड़े वर्ग को आंदोलन से जोड़ने के लिए 19 फरवरी को हिसार के बरवाला में 36 बिरादरी की किसान पंचायत करने का निर्णय लिया है। भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के प्रदेश अध्‍यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी कहते हैं कि सरकार पर लगातार दबाव बनाने के लिए सभी जगहों पर महापंचायत की जा रही है। लोगों से सत्‍ताधारी नेताओं का बहिष्‍कार करने की अपील की गई है और इसका असर हो रहा है।

सांपला के किसान धर्मेंद्र मलिक का कहते हैं कि उनके गांव के 400 किसान परिवार सरसो की खेती करते हैं, लेकिन सरकार की उदासीनता की वजह से खेती-किसानी सभी के लिए घाटे का सौदा साबित होता है। इस वजह से अब सभी गांव के लोग किसान आंदोलन से जुड़ रहे है।

मांगे राम ने कहा, हरियाणा में आंदोलन जोर पकड़ चुका है। इसके बाद प्रदेश में पंचायत चुनाव है। सरकार किसानों को नाराज नहीं करना चाहती है, इसलिए किसानों की फसल एमएसपी पर खरीदी जाएगी, लेकिन किसान भी यह बात जानता है, इसलिए अब गांव-गांव में आंदोलन खड़ा हो रहा है।

किसान आंदोलन से जुड़ने के लिए गांव में चौपाल सज रही है। खेती-किसानी की बातें हो रही है। युवाओं को खेत से जोड़ने की पहल की जा रही है। किसान चाहते हैं कि एमएसपी पर कानून अमल में लाया जाए और अगली फसल खरीदने तक आंदोलन जरूर चले।

अफ्रीकी अर्थव्यवस्था पर कब्जे की फिराक में चीन ! सिल्क रोड रणनीति के तहत करेगा $8.43 बिलियन का निवेश

बीजिंगः दुनिया पर कब्जे का सपना देख रहा चीन चीन दूर दराज के क्षेत्रों में लगातार अपनी पैठ मजबूत कर रहा है। एशिया के कई देशों को अपने ऋण जाल में फंसाने वाला ड्रैगन अब अफ्रीकी देशों को अपना निशाना बनाने की फिराक में है और लगातार अपनी साजिश में कामयाब भी हो रहा है। चीन अपनी कोविड आर्थिक रणनीति के तहत अफ्रीका में डिजिटल पैठ का विस्तार कर रहा है । जानकारी के अनुसार इस रणनीति के तहत मुख्य चीनी कंपनिया महाद्वीप में $8.43 बिलियन का निवेश करने की योजना बना रही हैं । चीन-अफ्रीकी संबंधों के विशेषज्ञों के अनुसार, इस रणनीति के हिस्से के रूप में चीन सरकार अपने तकनीकी दिग्गजों - हुआवे, जेडटीई और क्लाउडवॉक को अफ्रीका में मोबाइल टेलीफोनी, सोशल मीडिया और ई-कॉमर्स अनुप्रयोगों में प्रवेश करने की सिफारिश कर रही है।

यह डिजिटल रणनीति सिल्क रोड या डीएसआर पहल का हिस्सा है जिसके तहत प्रमुख अफ्रीकी राज्यों नाइजीरिया, जाम्बिया, अंगोला, इथियोपिया और जिम्बाब्वे में दूरसंचार और डिजिटल बुनियादी ढांचे को स्थापित किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार साल 2020 में जिम्बाब्वे के साथ मुद्रा विनिमय समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद चीन नाइजीरिया के वित्तीय क्षेत्र में भी अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है । चीन की योजना नाइजीरिया में अपने बैंक स्थापित करने की है । हाल ही में नाइजीरिया की राजधानी अबुजा में चीन का मिड-ऑटम त्योहार मनाया गया। इस दौरान नाइजीरिया में चीनी राजदूत कुई जियानचुन ने कहा कि वह चीन के कुछ बड़े बैंकों के साथ बातचीत कर रहे हैं, ताकि इनका संचालन नाइजीरिया में भी हो सके। कुई ने नाइजीरिया और चीन के बढ़ते संबंधों के बारे में बात की और दोनों देशों के विकास में बैंकिंग और बैंकिंग प्रणालियों के महत्व पर जोर दिया।

बता दें कि साल 2020 में जिम्बाब्वे, दक्षिण अफ्रीका, नाइजीरिया और घाना के बाद चीन के साथ मुद्रा विनिमय समझौते पर हस्ताक्षर करने वाला चौथा अफ्रीकी देश बना था। हाल के समय में अफ्रीकी देशों और चीन के बीच व्यापार में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है। चीन अब उप-सहारा अफ्रीका का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार माना जाता है। साल 2000 के दशक की शुरुआत से, अफ्रीका के साथ चीन का व्यापार 2,000 प्रतिशत से अधिक तक बढ़ गया है, जो 2019 में 200 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया था। चीन ने उस वक्त अफ्रीका में व्यापार में सहायता के लिए सड़कों और आवश्यक बुनियादी ढांचे के विकास में मदद करने के लिए अपने 1 बिलियन डॉलर के बेल्ट एंड रोड अफ्रीका इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड की घोषणा की थी।

इसके बाद से यहां के व्यापार पर चीन की पकड़ लगातार मजबूत होती जा रही है। 2017 तक कथित तौर पर पूरे महाद्वीप में 10,000 से अधिक चीनी-स्वामित्व वाली कंपनियां काम कर रही थीं। इन चीनी व्यवसायों की वेल्यू 2 ट्रिलियन डॉलर से अधिक की है। चीन खुद को एक बढ़ती हुई महाशक्ति के रूप में स्थापित कर रहा है, जो खुद को पश्चिम से अलग और बेहतर आर्थिक साझेदार दिखाने की कोशिश करता है। हालांकि अफ्रीका में उसकी मौजूदगी रणनीतिक भी मानी जाती है। नाइजीरिया और बाद में पूरे अफ्रीका महाद्वीप में बैंकों की स्थापना करने से चीन को उसके ग्लोबल रिजर्व करंसी बनने के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगी।

'सागर' में चीन को मिलेगी शिकस्त, नौसेना की रणनीति तैयार

चीन के मंसूबों को नाकाम करने के लिए इंडियन नेवी अपने आपको सभी मोर्चों पर मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है। नेवी के रणनीतिकार इस तरह की योजना पर काम कर रहे हैं कि सागर में चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके।

Updated Nov 1, 2022 | 01:44 PM IST

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indian navy

सागर में चीन को शिकस्त देने की तैयारी(सौजन्य-Indian Navy)

2047 तक भारतीय नौसेना पूरी तरह से 'आत्मनिर्भर' बन जाएगी, नई दिल्ली में नेवल कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में इसके लिए रोड मैप जारी किया गया है। इतना ही नहीं आत्मनिर्भरता के साथ ही अब भारतीय नौसेना अपनी आक्रामकता को भी बढ़ा रही है ताकि भारतीय महासागर क्षेत्र में चीन के बढ़ते दबदबे को करारा जवाब दिया जा सके। पहले स्वदेशी एयर क्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत के कमिश्न के बाद भारतीय नौसेना में स्वदेशीकरण का अभियान तेजी पकड़ चुका है। 2022 के नौसेना कमांडरों के सम्मेलन के दूसरे संस्करण में नौसेना प्रमुख समेत सभी कमांडर भारतीय नौसेना को और ज्यादा ताकतवर बनाने के प्लान को अंतिम रूप दे रहे हैं।

रोड मैप तैयार

इस सम्मेलन में भारतीय नौसेना के सभी ऑपरेशनल और एरिया कमांडर प्रमुख ऑपरेशनल, मैटेरियल, लॉजिस्टिक्स, मानव संसाधन विकास, प्रशिक्षण और प्रशासनिक समीक्षा के लिए भाग ले रहे हैं। भारतीय नौसेना की गतिविधियां और भविष्य का रोडमैप तैयार करने के साथ ही खरीदें और पकड़ रणनीति नौसेना के कमांडर्स इंडियन ओशन रीजन समेत भारत की समुद्री सीमा पर चीन के बढ़ते प्रभाव को लेकर, भारत की तैयारी पर भी प्लान बना रहे हैं। जिसमें भारत में निर्मित युद्धपोत, सबमरींस और हेलीकॉप्टर्स के इंडक्शन पर तो जोर दिया ही जा रहा है वहीं अंतर्राष्ट्रीय युद्ध अभ्यास में भी अपना दबदबा बनाकर चीन को संकेत देने की बात की जा रही है। इसी कड़ी में भारतीय नौसेना क्वाड देशों की नेवल एक्सरसाइज मालाबार में हिस्सा लेने वाली है।

2047 तक आत्मनिर्भर होने का लक्ष्य

इस कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में नौसेना की युद्ध क्षमता को और बढ़ाने और अन्य दो सेवाओं के साथ संचालन को अधिक प्रभावी और बेहतर बनाने के तरीकों पर भी चर्चा की जा रही है। 2047 तक 'आत्मनिर्भरता' प्राप्त करने के उद्देश्य से 'मेक इन इंडिया' के माध्यम से स्वदेशीकरण को बढ़ाने के लिए एक विस्तृत रोडमैप कमांडरों द्वारा जारी किया जाएगा।सम्मेलन के दौरान, रक्षा मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामलों पर नौसेना कमांडरों को संबोधित करेंगे और उनके साथ बातचीत करेंगे। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना के प्रमुख भी नौसेना कमांडरों के साथ बातचीत करेंगे ताकि तीन सेवाओं के बीच तालमेल को बेहतर किया जा सके।

बिटगेट ने नई सुविधा “रणनीति प्लाजा” के साथ सामाजिक व्यापार का नवाचार किया

नई सुविधा उपयोगकर्ताओं को स्वचालित ट्रेडिंग रणनीतियों की एक श्रृंखला का पालन करने का विकल्प प्रदान करती है और सिस्टम को सुविधा और लचीलेपन के साथ ट्रेडों को सुविधाजनक बनाने के लिए सदस्यता के बाद रणनीतियों को स्वचालित रूप से निष्पादित करने की अनुमति देती है।

रणनीतिकार अपनी अनूठी स्वचालित ट्रेडिंग रणनीतियां बना सकते हैं और उन्हें स्ट्रैटेजी प्लाजा पर साझा कर सकते हैं। साथ ही, नियमित उपयोगकर्ता प्रत्येक रणनीतिकार की प्रोफ़ाइल और उनकी रणनीतियों द्वारा योगदान किए गए प्रदर्शन की समीक्षा कर सकते हैं, और अपने पसंदीदा रणनीतिकारों की सदस्यता लेने और उन रणनीतियों का पालन करने का विकल्प चुन सकते हैं।

रणनीतिकारों की सदस्यता लेने के बाद, व्यापारिक रणनीतियों को स्वचालित रूप से अगले 30 दिनों में उपयोगकर्ताओं के लिए निष्पादित किया जाएगा, जिसमें रणनीतिकारों द्वारा की गई रणनीति को शुरू करने और समाप्त करने की कार्रवाई शामिल है, साथ ही मैन्युअल ऑर्डरिंग के साथ व्यापार की प्रतिलिपि बनाना भी शामिल है।

स्ट्रैटेजी प्लाजा न केवल अनुभवी और उत्कृष्ट व्यापारियों द्वारा निर्धारित विभिन्न प्रकार की ट्रेडिंग रणनीतियों के साथ उपयोगकर्ताओं को लाभान्वित करेगा, बल्कि रणनीतिकारों को साझा करने से लाभ में भी मदद करेगा, क्योंकि कुछ रणनीतिकारों के लिए सदस्यता शुल्क की आवश्यकता हो सकती है।

वन-क्लिक कॉपी ट्रेड और बिटगेट इनसाइट्स जैसी अन्य सोशल ट्रेडिंग सुविधाओं के साथ, स्ट्रैटेजी प्लाजा बिटगेट को वन-स्टॉप ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के रूप में आगे बढ़ा सकता है, जिसमें राय साझा करने, सामाजिक संपर्क और कॉपी ट्रेडिंग का सहज एकीकरण है, जो अच्छी तरह से सामाजिक प्रदान करता है। हर किसी की जरूरतों के अनुरूप बेहतर ट्रेडिंग सेवाएं।

बिटगेट के प्रबंध निदेशक ग्रेसी चेन ने कहा, “बिटगेट उपयोगकर्ताओं को सर्वश्रेष्ठ सामाजिक व्यापार अनुभव प्रदान करने पर केंद्रित है। अतिरिक्त सुविधा, स्ट्रैटेजी प्लाजा, प्लेटफॉर्म की पेशकश में विविधता लाती है और उपयोगकर्ताओं के ट्रेडिंग पोर्टफोलियो को और अनुकूलित करती है, साथ ही एक अनुभवी व्यापारी होने के लाभों में सुधार करती है।

हमें उम्मीद है कि हमारे सोशल ट्रेडिंग उत्पादों को अपग्रेड करने के लिए नए टूल्स और इनोवेशन विकसित करने के हमारे निरंतर प्रयास के साथ, उपयोगकर्ता अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में अधिक सक्षम होंगे। सोशल ट्रेडिंग के बिटगेट के प्रमुख उत्पाद वन-क्लिक कॉपी ट्रेड को लॉन्च होने के बाद से उद्योग में भारी लोकप्रियता मिली है।

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बिटगेट के बारे में

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अस्वीकरण: यह एक सशुल्क पोस्ट है और इसे समाचार/सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए।

आपकी सामग्री रणनीति के 7 गुम तत्व

मैं किसी भी अन्य व्यवसाय मालिक की तरह शर्त लगाता हूं जिसे आप अधिक क्लाइंट और आदर्श चाहते हैं, आप उन्हें अपने दरवाजे पर दस्तक देना चाहते हैं। आखिरकार, एक लीड खरीदें और पकड़ रणनीति से बेहतर क्या है जिसने आपको स्वयं पाया है और उद्धरण के लिए पहुंच गया है?

सामग्री विपणन दर्ज करें।

सामग्री अवसर प्रदान करता है। यह आपके व्यवसाय को नई संभावनाओं की एक बड़ी संख्या में उजागर कर सकता है। सामग्री के साथ आप खरीददार चक्र के विभिन्न चरणों में संभावित ग्राहकों को लक्षित कर सकते हैं, अलग-अलग खरीदार इरादों के साथ उल्लेख नहीं करना। आप अपनी लीड को तब तक पोषित कर सकते हैं जब तक कि वे उनके लिए कोई समस्या खरीदने या ठीक करने के लिए तैयार न हों।

लेकिन यहां पकड़ है, यह सब स्वयं ही नहीं होता है। महान सामग्री बनाना पर्याप्त नहीं है। अपनी सामग्री विपणन प्रयासों से अधिक लाभ उठाने के लिए, आपको अपने लक्षित दर्शकों तक पहुंचने के लिए इसे सक्रिय रूप से प्रचारित करने की आवश्यकता है। जैसा कि किसी ने एक बार कहा था, एक सफल सामग्री रणनीति 20% निर्माण और 80% पदोन्नति है।

लेकिन ज्यादातर समय, कुछ महत्वपूर्ण तत्वों को खोकर आपकी सामग्री रणनीति कम हो जाती है।

आपकी सामग्री रणनीति के 7 गुम तत्व

1। कोई भुगतान संवर्धन नहीं

आपकी सामग्री आपके लक्षित दर्शकों के सामने तेजी से समाप्त होनी चाहिए। इसे बाहर निकालने के लिए, भुगतान विज्ञापन का उपयोग करें। लेकिन, ज़ाहिर है, सामग्री के हर हिस्से में भुगतान पदोन्नति का हकदार नहीं है।

जब भारी परिमाण के टुकड़े की बात आती है, हालांकि (सामग्री जो आपकी साइट पर बड़ी संख्या में योग्य लीडों को आकर्षित करने के लिए डिज़ाइन की गई है - ईबुक, श्वेत पत्र, रिपोर्ट इत्यादि), भुगतान विज्ञापन अब तक जरूरी है।

2। आपकी सामग्री के साथ लैंडिंग पेज का उपयोग नहीं कर रहा है

लीड पीढ़ी की रणनीति के अन्य टुकड़े काम नहीं कर रहे हैं, यहां तक ​​कि सबसे अच्छी सामग्री भी असफल हो सकती है। जिनमें से एक लैंडिंग पेज हैं - आपके व्यवसाय के विशिष्ट पहलू को समर्पित वेब पेज।

आपकी वेबसाइट के विपरीत, जो आपकी खरीदें और पकड़ रणनीति सभी संभावनाओं को पूरा करने के लिए है, लैंडिंग पेज आपको एक बहुत ही विशिष्ट लीड पर पिच करने की अनुमति देता है, किसी विशेष समस्या वाले किसी व्यक्ति को इसका समाधान होता है। लैंडिंग पृष्ठों के लिए धन्यवाद, यदि सामग्री का एक विशेष टुकड़ा आपके लक्षित दर्शकों को आकर्षित करता है, तो उनके व्यवसाय की मदद करने के तरीके के बारे में और जानने के लिए उनके पास एक व्यावसायिक संदर्भ बिंदु होगा।

3। अन्य विपणन रणनीतियों के साथ एकीकरण की कमी

सामग्री विपणन पूरे विपणन संचार का एक अभिन्न हिस्सा है। अधिकांश समय हालांकि, यह अन्य विपणन गतिविधियों से अलग से बनाया गया है।

ब्लॉग पोस्ट, वीडियो, ग्राफिक्स, कॉमिक स्ट्रिप्स और अन्य सामग्री प्रकार, हालांकि, आपके समग्र विपणन और ब्रांडिंग प्रयासों का पूरक हो सकते हैं और इसके बाहर काम नहीं कर सकते हैं।

4। सामग्री प्रकार की कोई विविधता नहीं

यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सामग्री विपणन को प्रायः ब्लॉगिंग के समानार्थी माना जाता है। ब्लॉग पोस्ट सबसे सामान्य सामग्री प्रकारों में से एक हैं, सत्य। हालांकि, कई अन्य प्रकार आप उपयोग कर सकते हैं, न केवल शिक्षित करने के लिए, बल्कि अपने दर्शकों का मनोरंजन भी कर सकते हैं।

कॉमिक स्ट्रिप्स, क्विज़, मेम, वीडियोज़, गेम्स, ऐप, व्हाइट पेपर, पीडीएफ रिपोर्ट्स और ईबुक सभी एक सामग्री मिश्रण बनाती हैं जिसका आपको फायदा होना चाहिए।

स्वाभाविक रूप से, सभी सामग्री प्रकार खरीदें और पकड़ रणनीति आपके उद्योग में काम नहीं करेंगे। लेकिन कम से कम आपको अपनी सामग्री रणनीति की योजना बनाते समय ब्लॉगिंग से परे जाने की कोशिश करनी चाहिए।

5। सामग्री व्यक्तियों की कमी

आपकी सामग्री रणनीति बनाते समय एक चुनौती एक विशिष्ट श्रोताओं से बात कर रही है। चूंकि आप उस व्यक्ति को नहीं देख सकते जो आपके शब्दों को पढ़ने जा रहा है, इसलिए उनसे संबंधित होना मुश्किल है और उनके साथ दिमाग में लिखना मुश्किल है। इसे दूर करने के लिए, आपको अपनी सामग्री को बेहतर लक्षित करने में सहायता के लिए सामग्री व्यक्तित्व विकसित करना चाहिए।

6। इन्फ्लूएंसर शामिल नहीं है

उद्योग प्रभावशाली आपकी सामग्री का लाभ उठाने के लिए बहुत अच्छे हैं। चूंकि उनके पास पहले से ही एक दर्शक हैं, वे जो भी साझा करते हैं या तुरंत शामिल होते हैं, वे ध्यान देते हैं। उन्हें अपनी सामग्री रणनीति और विपणन में शामिल करें, खासकर शुरुआती चरणों में अपनी वेबसाइट को अपने दर्शकों के सामने तुरंत डालने के लिए।

ऐसा करने के कुछ बेहतरीन तरीकों में साक्षात्कार या विशेषज्ञ राउंडअप शामिल हैं।

7। आपकी सामग्री के प्रदर्शन को मापना नहीं

अंत में, यह जानना मुश्किल है कि आपकी सामग्री रणनीति इसके प्रदर्शन को मापने के बिना सफल है या नहीं। केपीआई को ट्रैक करने के लिए एक सरल एक्सेल स्प्रैडशीट बनाने से कई सारे तरीके हैं जो आपको आवश्यक सभी डेटा आउटपुट करने वाले परिष्कृत परीक्षण प्लेटफॉर्म का उपयोग करने के लिए करते हैं। कुंजी आपकी सामग्री रणनीति में क्या काम कर रही है, इसका आकलन, विश्लेषण और दोहराना है।

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