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Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख

Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख

Supreme Court ने कहा- Bitcoins वैध हैं या अवैध, इस पर अपना रुख स्पष्ट करे सरकार

बिटकॉइन या क्रिप्टोकरेंसी को लेकर केंद्र सरकार की ओर से आधिकारिक रूप से नहीं कहा गया कि ये अवैध हैं या नहीं. आज सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख करते हुए सरकार से इस पर अपना रुख साफ करने को कहा.

By: IANS एजेंसी | Updated at : 25 Feb 2022 01:50 PM (IST)

Edited By: Meenakshi

Bitcoin: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार से आज कहा है कि वह बिटकॉइन (Bitcoin) पर अपना रुख स्पष्ट करे कि यह वैध हैं या अवैध. मौजूदा समय में देश में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के इस्तेमाल पर कोई प्रतिबंध नहीं है और न ही इनका कोई नियमन (Regulator) है. जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्य कांत की दो सदस्यीय खंडपीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्य भाटी को कहा, 'आपको अपना रुख स्पष्ट करना होगा.'

87,000 बिटकॉइन से जुड़ा है मामला
खंडपीठ केंद्र सरकार के खिलाफ अजय भारद्वाज द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी. वकील शोएब आलम ने भारद्वाज की मंजूर की गयी जमानत याचिका खारिज करने की मांग की. ऐश्वर्य भाटी ने खंडपीठ को बताया था कि यह मामला 87,000 बिटकॉइन से जुड़ा है और आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहा है और उसे कई समन भेजे गये हैं. मामले की सुनवाई कर रहे जजों ने आरोपी को जांच अधिकारी से मुलाकात करने का निर्देश दिया और जांच में सहयोग करने के लिये कहा.

SC ने पूछा- बिटकॉइन वैध हैं या अवैध
इस पर खंडपीठ ने कहा कि यह अवैध है या नहीं. खंडपीठ ने साथ ही कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गत साल जुलाई में स्थिति रिपोर्ट पेश की थी. खंडपीठ ने कहा कि जांच अधिकारी आरोपी के जांच में सहयोग करने के संबंध में स्थिति रिपोर्ट पेश करेंगे. मामले की सुनवाई अगले चार सप्ताह के लिये स्थगित कर दी गयी है.

आरोपी को गिरफ्तार न करने का अंतरिम आदेश मान्य, चार हफ्ते के लिए सुनवाई स्थगित
खंडपीठ ने साथ ही कहा कि आरोपी के गिरफ्तार न करने का अंतरिम आदेश अगली सुनवाई तक मान्य रहेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्रिप्टो करेंसी के संदर्भ में भारतीय रिजर्व बैंक के आदेश को मार्च 2020 में पलटा गया था.

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Published at : 25 Feb 2022 01:49 PM (IST) Tags: Supreme Court Cryptocurrency Reserve Bank of India Bitcoin SC RBI Crypto Asset हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

Cryptocurrency पर बड़ी खबर- बैन पर नरम पड़ सकती है सरकार? RBI और SEBI के बीच रेगुलेट करने पर चर्चा: सूत्र

Cryptocurrency latest news: क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों के लिए राहत की खबर है. सूत्रों की मानें तो जल्द ही इसके फ्रेमवर्क पर आखिरी फैसला हो सकता है और नियमों में ढील दी जा सकती है.

Cryptocurrency latest news: भारत में क्रिप्टोकरेंसी कानूनी तौर पर मान्य नहीं है. लेकिन ये गैरकानूनी भी नहीं है. इसमें पैसा लगाने वालों के हितों का ख्याल रखने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. सरकार इसके लिए फ्रेमवर्क तैयार कर रही है. क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक डिजिटल करेंसी होती है. इसका कोई रेगुलेटर नहीं है और अभी तक किसी देश में इसे कोई कंट्रोल नहीं करता. साल 2009 में शुरू होने के बाद अलग-अलग क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में हैं, लेकिन पिछले कुछ समय से इनकी कीमतों में बड़ी तेजी देखने को मिली है.

पूरी तरह से बैन नहीं होगी क्रिप्टोकरेंसी?

पिछले काफी समय से यह सवाल उठ रहा है कि क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का भविष्य क्या है? इस बीच खबर आ रही है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपना रुख नरम कर सकती है. सूत्रों की मानें तो भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह से बैन में थोड़ी नरमी दी जा सकती है. ज़ी बिज़नेस चैनल को एजेंसी के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, सरकारी सूत्रों का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी की परिभाषा पर RBI, SEBI में सहमति नहीं बनी है.

क्रिप्टोकरेंसी पर RBI और SEBI का नजरिया अलग

Cryptocurrency को RBI एसेट मानने को तैयार नहीं है. वहीं, SEBI भी इसे कमोडिटी नहीं मानता. दरअसल, सरकार चाहती है कि क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाने वालों के लिए रेगुलेशन बनने चाहिए. इसके फ्रेमवर्क पर भी काम चल रहा है. चर्चा है कि RBI और SEBI मिलकर क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े नियम तैयार कर रहे हैं और दोनों ही क्रिप्टो को रेगुलेट करेंगे.

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सरकार करेगी आखिरी फैसला

क्रिप्टोकरेंसी के कानून (Law on Cryptocurrency) पर आखिरी फैसला सरकार को करना है. लेकिन, इसका फ्रेमवर्क क्या होगा और किस तरह से इसे रेगुलेट किया जाएगा, इस पर अभी सफाई नहीं है. सूत्रों की मानें तो बजट 2022 में इसे रेगुलेट करने के लिए कानून लाया जा सकता है. अगर ऐसा होता है तो क्रिप्टोकरेंसी में निवेश (Cryptocurrency Investment) करने वालों को उनका पैसा डूबने का खतरा नहीं होगा. बता दें, RBI ने अगस्त 2021 की अपनी मॉनटरी पॉलिसी के दौरान यह इशारा दिया था कि RBI अपनी डिजिटल करेंसी पर भी काम कर रहा है और साल के अंत तक इसका मसौदा तैयार हो सकता है. RBI Governor शक्तिकांता दास ने कहा कि Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख डिजिटल करेंसी का मॉडल साल के अंत तक आ जाएगा.

टेक्नोलॉजी और डिस्ट्रीब्यूशन पर चल रहा है काम

डिजिटल करेंसी (Indian Digital Currency) की टेक्नोलॉजी और डिस्ट्रीब्यूशन पर काम चल रहा है. ये कैसे काम करेगी इसका फ्रेमवर्क भी तैयार हो रहा है. RBI के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर ने विधि सेंटर फॉर लीगल पॉलिसी के वेबिनार में कहा था कि भारत को भी डिजिटल करेंसी की जरूरत है. यह बिटकॉइन जैसी प्राइवेट वर्चुअल करेंसी यानी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से होने वाले नुकसान से बचाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि रिजर्व बैंक इस पर काम कर रहा है. RBI ने साफ कर दिया है कि प्राइवेट वर्चुअल करेंसी को लेकर उसने सरकार को अपनी चिंताएं बता दी हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- स्पष्ट करे केंद्र सरकार, क्रिप्टो करेंसी वैध है या नहीं; जानें क्या है मामला

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले के आरोपितों पर बिटक्वाइन की खरीद-बिक्री का आरोप है

अजय भारद्वाज नामक एक व्यक्ति व अन्य पर कथित रूप से देशभर के निवेशकों को बिटक्वाइन में निवेश से उच्च रिटर्न का लालच देकर 20000 करोड़ रुपये की ठगी का आरोप था। इस मामले में आरोपितों पर कई एफआइआर दर्ज थे जिन्हें खत्म करने की याचिका दायर की गई थी।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से कहा कि वह क्रिप्टो करेंसी पर अपना रुख साफ करे। कोर्ट ने अपनी मौखिक टिप्पणी में कहा, सरकार बताए कि क्रिप्टो करेंसी बिटक्वाइन में लेन-देन कानूनी है कि गैरकानूनी। यह टिप्पणी जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख सूर्यकांत की पीठ ने बिटक्वाइन लेन-देन घोटाले से संबंधित एक मामले की सुनवाई के दौरान की। अजय भारद्वाज और अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर अपने खिलाफ दर्ज मामले रद करने की मांग की है।

चार दर्जन माननीयों के विरुद्ध लंबित हैं CBI के मामले (फाइल फोटो)

बिटक्वाइन लेन-देन घोटाले से संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान किया सवाल

शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान जब केंद्र सरकार और प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश एडीशनल सालिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्य भाटी ने कहा कि अभियुक्त जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि केंद्र सरकार अपना रुख स्पष्ट करे और बताए कि क्रिप्टो करेंसी जिसमें बिटक्वाइन आदि शामिल हैं, में किया जाने वाला लेन-देन कानूनी है कि गैरकानूनी।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का आज से मध्य प्रदेश दौरा (फाइल फोटो)

एएसजी एश्वर्य भाटी ने कहा, इस पर केंद्र सरकार स्पष्ट करेगी अपना रुख

भाटी ने कहा, सरकार इस पर रुख स्पष्ट करेगी, लेकिन यह मामला क्रिप्टो करेंसी या बिटक्वाइन की वैधानिकता का नहीं है बल्कि इस मामले में अभियुक्त ने हजारों लोगों को बिटक्वाइन में निवेश पर ज्यादा लाभ का लालच देकर ठगा है। यह पोंजी स्कीम जैसा घोटाला है। अभियुक्त के खिलाफ पूरे देश में 47 एफआइआर दर्ज हैं। मामला 87,000 बिटक्वाइन से जुड़ा है जो करीब 20,000 करोड़ रुपये का है।

सुप्रीम कोर्ट ने सभी उच्च न्यायालयों को किया तलब (फोटो एएनआइ)

अभियुक्त को दिया आदेश

सुनवाई के बाद पीठ ने अभियुक्त को आदेश दिया कि जब भी बुलाया जाएगा वह प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश होगा और जांच में सहयोग करेगा। कोर्ट ने जांच अधिकारी को चार सप्ताह में नई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश भी दिया। मामले पर चार सप्ताह बाद फिर सुनवाई होगी। इस बीच अभियुक्त अजय भारद्वाज Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख को गिरफ्तारी से मिला संरक्षण अगली तारीख तक जारी रहेगा।

क्रिप्टोकरेंसी पर RBI की सख्ती से सहमी सरकार! डिप्टी गवर्नर ने कही ये बात

बीते संसद के शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार बिटकॉइन जैसे क्रिप्टो करेंसी के लिए विधेयक लाने की तैयारी में थी लेकिन इसे पेश नहीं किया जा सका। अब भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा ने कहा.

क्रिप्टोकरेंसी पर RBI की सख्ती से सहमी सरकार! डिप्टी गवर्नर ने कही ये बात

बीते संसद के शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार बिटकॉइन Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख जैसे क्रिप्टो करेंसी के लिए विधेयक लाने की तैयारी में थी लेकिन इसे पेश नहीं किया जा सका। अब भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा ने कहा है कि संभवत: आरबीआई के क्रिप्टो करेंसी को लेकर रुख से सरकार कानून लाने में देरी कर रही है।

पात्रा ने कहा, ‘‘आरबीआई का क्रिप्टो को लेकर विचार जगजाहिर है। मुझे लगता है कि इसी विचार की वजह से इसको लेकर विधेयक लाने में विलंब हुआ है। हम इस पर विस्तार से विचार-विमर्श करेंगे और सभी पहलुओं को देखेंगे।’’

आरबीआई का क्या कहना है: केंद्रीय बैंक आरबीआई क्रिप्टो करेंसी पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगाने के पक्ष में है। उसका कहना है कि इसका कोई अंतर्निहित मूल्य नहीं है ओर इससे वित्तीय स्थिरता को खतरा है।

आरबीआई की डिजिटल करेंसी पर: माइकल पात्रा के मुताबिक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की घोषणा के Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख अनुरूप केंद्रीय बैंक की डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) 2020-23 में आएगी। उन्होंने कहा कि देश इस मामले में धीरे-धीरे कदम बढ़ाएगा क्योंकि निजता तथा इसके मौद्रिक नीति पर प्रभाव को लेकर चिंता है।

सीबीडीसी के बारे में पात्रा ने कहा कि थोक मामले में इस प्रकार के उत्पाद हैं, लेकिन खुदरा क्षेत्र के लिये अभी काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हम इस पर धीरे-धीरे कदम बढ़ाएंगे. निजता का मुद्दा है। मौद्रिक नीति का लाभ आगे पहुंचाने का मुद्दा है।’’ पात्रा ने कहा कि आरबीआई इस मामले में धीरे-धीरे कदम उठा रहा है और सोच-विचार कर निर्णय करेगा।

Cryptocurrency पर अलग-अलग देशों में क्या हैं कानून-नियम? Crypto Bill के बहाने डालते हैं एक नजर

Cryptocurrency Bill लाए जाने की घोषणा के बाद पिछले हफ्ते क्रिप्टो बाजार धराशायी हो गया था. जब क्रिप्टो के नियमन की बात हो रही है तो एक बार देख लेते हैं कि दुनियाभर के बड़े देशों में क्रिप्टो को लेकर क्या स्टैंड है.

Cryptocurrency पर अलग-अलग देशों में क्या हैं कानून-नियम? Crypto Bill के बहाने डालते हैं एक नजर

इस हफ्ते संसद में आ सकता है Cryptocurrency Bill. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

क्रिप्टोकरेंसी बाजार के विनियमन के लिए भारत सरकार इस हफ्ते संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी बिल (Cryptocurrency Bill) पेश कर सकती है. सरकार ने पिछले हफ्ते स्पष्ट कर दिया था कि वो प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसीज़ को बैन करने का कदम उठा सकती है, वहीं उसका लक्ष्य केंद्रीय रिजर्व बैंक की ओर से एक आधिकारिक डिजिटल करेंसी लॉन्च करना है. ऐसे में ये तो तय है कि भारत में अब क्रिप्टोकरेंसी का बाजार फ्री-फ्लो नहीं रहेगा, अब तक सरकारी नियंत्रण से मुक्त रहे बाजार को सरकारी नियम-कानून मानने होंगे.

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क्रिप्टोकरेंसी बिल लाए जाने की घोषणा के बाद पिछले हफ्ते क्रिप्टो बाजार धराशायी हो गया था, हालांकि, बाजार विश्लेषकों Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख की ओर से ये उम्मीद लगाए जाने पर बाजार थोड़ा स्थिर हो पाया कि सरकार अपना रुख थोड़ा उदार रख सकती है. जब क्रिप्टो के नियमन की बात हो रही है तो एक बार देख लेते हैं कि दुनियाभर के बड़े देशों में क्रिप्टो को लेकर क्या स्टैंड है.

यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका

US में ओवरऑल क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सकारात्मक रुख है. हालांकि, भारत की तरह ही वहां भी केंद्र और राज्य सरकार के बीच समानांतर नियम चलते हैं, जिससे कि अलग-अलग राज्यों का रुख एक दूसरे और देश की सरकार से अलग हो सकता है. लेकिन क्रिप्टो पर जब तक वहां के फाइनेंशियल सिस्टम पर बुरा असर नहीं पड़ता, तबतक तो माहौल समर्थन वाला ही है. यहां अलग-अलग बिजनेस के अवसरों को जगह मिलती है, ऐसे में क्रिप्टो पर बैन की बात अभी यहां मुश्किल ही है.

यूनाइटेड किंगडम

यूके में भी क्रिप्टोकरेंसी को अभी कानूनी जामा नहीं पहनाया गया है, न ही इसे विनियमित करने के लिए कोई विधेयक लाया गया है. लेकिन, यूके ने क्रिप्टो ट्रेडिंग में डीलिंग करने के लिए रजिस्टर्ड बिजनेस को लाइसेंस देने का प्रावधान रखा है. और करेंसी ट्रेडिंग पर Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख जिस तरह टैक्स लगाया जाता है, क्रिप्टो ट्रेडिंग पर भी यूके वैसे ही टैक्स वसूलता है.

चीन

चीन क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बहुत सख्त है. इस साल के शुरुआती महीनों में बाजार को नीचे गिराने में चीन का बड़ा हाथ है. चीन ने शुरुआत में तो क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग और माइनिंग को मंजूरी दी थी, लेकिन इस साल इसने क्रिप्टो के खिलाफ कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए. पहले चीन ने क्रिप्टो माइनिंग बंद कराई और फिर इस साल जून में क्रिप्टो ट्रेडिंग को देश में बैन कर दिया. रिपोर्ट्स आई थीं कि चीन के एक्शन के चलते बहुत से क्रिप्टो माइनर्स को अपना पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर देश से बाहर शिफ्ट करना पड़ा था. जानकारी है कि चीन अपनी करेंसी युआन का एक डिजिटल वर्जन तैयार कर रहा है.

यूरोपियन यूनियन

यूरोपियन यूनियन में 27 देश आते हैं. एक संगठन के तौर पर यूनियन का एकसमान फैसला ले सकती है, लेकिन 27 देशों का रुख एक समान होना मुश्किल है, ऐसे में कुछ देश अलग रास्ता भी अपना सकते हैं. वैसे ईयू के अबतक के स्टैंड को देखें तो यूरोपियन कमीशन ने पिछले साल सितंबर में Markets in Crypto-Assets Regulation (Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख MiCA) विधेयक का ड्राफ्ट जारी किया था. जब यह विधेयक लागू होगा तो क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट यानी वित्तीय उपकरण के तौर पर देखा जाएगा, जिसके लिए नियामक संस्थाओं की मंजूरी लेनी जरूरी होगी.

अल सल्वाडोर

अगर क्रिप्टोकरेंसी पर अलग-अलग देशों के रुख के बारे में बात हो रही है, तो अल सल्वाडोर की बात जरूरी है. यह दक्षिण अमेरिकी देश ऐसा पहला देश है, जहां बिटकॉइन को यूएस डॉलर की तरह लीगल करेंसी का दर्जा दिया गया है. यहां के राष्ट्रपति नईब बुकुलेले ने बिटकॉइन को देश में गरीबी कम करने और बैंकिंग नेटवर्क में ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाने का रास्ता बताया है. हालांकि, उनके इस कदम का वहां खूब विरोध हुआ है.

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