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स्विंग ट्रेडिंग के लिए किस टाइम फ्रेम का उपयोग करें?

स्विंग ट्रेडिंग के लिए किस टाइम फ्रेम का उपयोग करें?
स्विंग ट्रेडिंग मार्केट में कम समय में निवेश करके मुनाफा कमाने हेतु कारगर है। परंतु यदि आपस में स्विंग ट्रेडिंग के लिए किस टाइम फ्रेम का उपयोग करें? सफल होना चाहते हैं तो आपको इसे सावधानी के साथ रिस्क मैनेजमेंट की सहायता से करना चाहिए। क्योंकि यदि आपको अपने लाभ के साथ-साथ अपने नुकसान के बारे में भी पता रहेगा तो आप मार्केट में होने वाले उतार-चढ़ाव से अपनी भावनाओं को नियंत्रित कर सकेंगे।

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आप किस प्रकार के विदेशी मुद्रा व्यापारी हैं?

कुछ चीजें क्या हैं जो एक अच्छे व्यापारी को एक महान से अलग करती हैं? हिम्मत, सहज ज्ञान, बुद्धि और, सबसे महत्वपूर्ण, समय। जिस प्रकार कई प्रकार के व्यापारी होते हैं, उसी प्रकार के अलग-अलग समय के तख्ते होते हैं जो व्यापारियों को उनके विचारों को विकसित करने और उनकी रणनीतियों को क्रियान्वित करने में सहायता करते हैं। इसी समय, टाइमिंग भी बाजार के योद्धाओं को कई चीजें लेने में मदद करता है जो कि व्यापारी के नियंत्रण से बाहर हैं। इनमें से कुछ वस्तुओं में स्थिति लीवरेजिंग, विभिन्न मुद्रा जोड़े की बारीकियों और बाजार में अनुसूचित और अनिर्धारित समाचार रिलीज के प्रभाव शामिल हैं। नतीजतन, विदेशी मुद्रा की दुनिया में भाग लेते समय समय हमेशा एक प्रमुख विचार है, और एक महत्वपूर्ण कारक है जो लगभग हमेशा नौसिखिए व्यापारियों द्वारा अनदेखा किया जाता है।

अपने व्यापारिक कौशल को अगले स्तर पर लाना चाहते हैं? समय सीमा के बारे में अधिक जानने के लिए और उन्हें अपने लाभ के लिए कैसे उपयोग करें, पढ़ें।

Swing trading क्या है?

Swing trading, trading एक ऐसा प्रकार है जिसमें किसी कंपनी के शेयर को 1 दिन से अधिक समय के लिए खरीदा जाता है शेयर को खरीदने से लेकर बेचने की अवधि 1 दिन से लेकर कुछ हफ्तों तक के लिए हो सकती है।

यह ट्रेडिंग मार्केट में short term gain तथा medium term gains के लिए की जाती है यह ट्रेडिंग का एक ऐसा रूप होता है जिसमें ट्रेडिंग एक तय समय के लिए की जाती है स्विंग ट्रेडिंग मे इस तय समय में हुए मार्केट में शेयर के प्राइस मूवमेंट से लाभ प्राप्त किया जाता है।

स्विंग ट्रेडिंग कम समय में ज्यादा प्रभावी होती है क्योंकि जहां एक तरफ निवेशकों को अपने निवेश पर 15 से 20 प्रतिशत रिटर्न अर्जित करने के लिए 1 साल या उससे अधिक का समय देना होता है वही एक स्विंग ट्रेडर का उद्देश्य कम समय में अच्छे लाभ कमा कर अपने लक्ष्यों की पूर्ति करना होता है क्योंकि स्विंग ट्रेडिंग की मदद से आप हफ्ते मैं अच्छा रिटर्न पा सकते हैं।

Swing trading में stock selection कैसे करें?

स्विंग ट्रेडिंग अन्य ट्रेडिंग के सिद्धांतों पर ही कार्य करती है ।परंतु इसमें व्यक्ति के पास अपने निर्णय लेने हेतु समय होता है। जिससे वह अपने नुकसान को सीमित कर सकता है। जिस प्रकार अन्य ट्रेडिंग प्रकारों में लाभ तथा हानि दोनों हो स्विंग ट्रेडिंग के लिए किस टाइम फ्रेम का उपयोग करें? सकती हैं उसी प्रकार इसमें भी जोखिम रहता है। इसलिए यदि आप अच्छी तरह से स्टॉक का चयन करें तो आप अपने नुकसान को कम तो कर ही सकते हैं ।साथ ही साथ अपने लाभ की संभावना को बढ़ा सकते हैं।

स्टॉक चयन करते समय निम्न बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।

मौलिक विश्लेषण

सर्वप्रथम किसी कंपनी के स्टॉक के चयन हेतु आपके पास उस कंपनी के विषय में कुछ मौलिक विश्लेषण होने चाहिए जैसे कि उस कंपनी का वैल्यूएशन कितना है वह कंपनी किस क्षेत्र में कार्यरत है तथा इससे पहले उसने कैसा कार्य किया है।

लिक्विडिटी

स्विंगट्रेडिंग करने से पहले आपको उसकी तरलता यह लिक्विडिटी के बारे में जान लेना चाहिए यदि उस शेयर की लिक्विडिटी अच्छी है तो आप कम समय में उससे अच्छा रिटर्न कमा पाएंगे।

स्विंग ट्रेडिंग के लिए किस टाइम फ्रेम का उपयोग करें?

मार्केट में स्विंग ट्रेडिंग करने से पहले आपको यह ध्यान रखने की आवश्यकता है कि इसका समय काल 1 दिन से कुछ हफ्ते तक का होता है अतः आपको इसके विश्लेषण हेतु टाइम फ्रेम की आवश्यकता होती है। जिससे आप उसका सटीक आंकलन करके लाभ प्राप्त कर सकें।

चार्ट का अध्य्यन मे आपको मार्केट का विस्तृत आंकलन करने की आवश्यकता होती है इसके लिए आप चार्ट के weekly टाइम फ्रेम या day time frame का उपयोग कर सकते हैं साथ ही ट्रेडिंग की प्लानिंग हेतु 1घंटे या 4घंटे के टाइम फ्रेम का उपयोग कर सकते हैं।

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम ( Best Trading Chart Time Frame For Intraday In Hindi )

किसी भी चार्ट में सबसे पहला एक मिनट का टाइम फ्रेम होता है जिसमे एक इंट्राडे ट्रेडर ब्रेकआउट ( Brakeout ) की स्थिति ढूंढने का प्रयास करता है।

परन्तु इसमे बहुत ज्यादा शुद्धता नही होती है क्योंकि एक मिनट मे बनने वाले चार्ट पैटर्न से केवल किसी स्टॉक की क्षणिक स्थिति ही पता चलती है इसलिए एक मिनट के टाइम फ्रेम पर ट्रेडिंग करना उचित नही होता है।

बेस्ट-ट्रेडिंग-चार्ट-टाइम-फ्रेम

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए पांच से पंद्रह मिनट का टाइम फ्रेम बेस्ट चार्ट टाइम फ्रेम होता है।

स्विंग ट्रेडिंग ( Swing Trading ) के लिए बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम

यदि हम स्विंग ट्रेडिंग करते हैं तो इसके लिए आधे घण्टे या एक घण्टे के टाइम फ्रेम का प्रयोग कर सकते हैं।

बहुत से इंट्राडे ट्रेडर भी आधे घंटे के टाइम फ्रेम को देखते हैं, क्योंकि चार्ट टाइम फ्रेम जितना बड़ा होगा उसके संकेत भी उतने ही सटीक होंगे।

किसी स्टॉक का सही ट्रेंड बड़े टाइम फ्रेम से ही सटीक पता चलता है। जो Trend आपको बड़े टाइम फ्रेम में दिखेगा वही Trend छोटे चार्ट टाइम फ्रेम में भी होगा।

उदाहरण के लिए यदि आधे घण्टे के टाइम फ्रेम में कोई स्टॉक तेजी दर्शा रहा है तो पांच मिनट के टाइम फ्रेम में भी वो तेजी ही दिखाएगा।

पोर्टफोलियो (Portfolio) के लिए बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम

जब लॉंग टर्म के लिए ट्रेडिंग की जाती है तो डेली ( Daily) या साप्ताहिक ( Weekly) चार्ट टाइम फ्रेम में विश्लेषण किया जाता है।

यदि लंबे समय तक निवेश के लिए कोई स्टॉक लेना हो तो मासिक और वार्षिक चार्ट टाइम फ्रेम भी देखा जाता है।

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परन्तु जब हम काफी लम्बे समय के लिए कोई स्टॉक खरीदते है तो वहाँ तकनीकी विश्लेषण के साथ – साथ फंडामेंटल ( Fundamental) की भी जांच की जाती है,

जानिए क्या होती है स्विंग ट्रेडिंग? क्‍या हैं इसके फायदे

  • nupur praveen
  • Publish Date - August 31, 2021 / 12:52 PM IST

जानिए क्या होती है स्विंग ट्रेडिंग? क्‍या हैं इसके फायदे

म्युचुअल फंड निवेश के मामले में भले ही काफी लोगों को अट्रैक्टिव लगते हों, लेकिन पुरानी धारणाओं के कारण लोग उनसे दूर रहना पसंद करते हैं. अगर आपने भी शेयर बाजार में हाल ही में शुरुआत की है तो स्विंग ट्रेडिंग आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है. स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) उन ट्रेडिंग टेक्निक्स में से एक है, जिसमें ट्रेडर 24 घंटे से ज्यादा समय तक किसी पोजीशन को होल्ड कर सकता है. इसका उद्देश्य प्राइस ऑस्‍कीलेशन या स्विंग्स के जरिए निवेशकों को पैसे बनाकर देना होता है. डे और ट्रेंड ट्रेडिंग में स्विंग ट्रेडर्स कम समय में अच्छा प्रॉफिट बनाने के लिए स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) का विकल्प चुनता है. स्विंग ट्रेडिंग टेक्नीक में ट्रेडर अपनी पोजीशन एक दिन से लेकर कई हफ्तों तक रख सकता है.

स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग में अंतर

शुरुआत के दिनों में नए निवेशकों को स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) और डे ट्रेडिंग एक ही लग सकते हैं, लेकिन जो स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग को एक दूसरे से अलग बनाता है वो होता है स्विंग ट्रेडिंग के लिए किस टाइम फ्रेम का उपयोग करें? टाइम पीरियड. जहां एक डे ट्रेडर अपनी पोजीशन चंन्द मिनटो से ले कर कुछ घंटो तक रखता है वहीं एक स्विंग ट्रेडर अपनी पोजीशन 24 घंटे के ऊपर से ले कर कई हफ्तों तक होल्ड कर सकता है. ऐसे मे बड़े टाइम फ्रेम में वोलैटिलिटी भी कम हो जाती है और प्रॉफिट बनाने की सम्भावना भी काफी अधिक होती है जिसके कारण ज्यादातर लोग डे ट्रेडिंग की अपेक्षा स्विंग ट्रेडिंग करना पसंद करते हैं.

स्विंग ट्रेडिंग टेक्निकल इंडीकेटर्स पर निर्भर करती है. टेक्निकल इंडीकेटर्स का काम मार्किट में रिस्क फैक्टर को कम करना और बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद आपको स्टॉक या इंडेक्स की सही दिशा का पता लगवाने में मद्दत करना होता है. जब आप अपने निवेश को किसी विशेष ट्रेडिंग स्टाइल पर केंद्रित करते हैं तो यह आपको राहत भी देता है. और साथ ही साथ आपको मार्किट के रोज़ के उतार-चढ़ाव पर लगातार नजर रखने की भी जरुरत नही पड़ती है. आपको सिर्फ अपनी बनाई गई रणनीति को फॉलो करना होता है.

स्विंग ट्रेडिंग से जुड़े कुछ जरूरी टर्म्स

स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) में अक्सर इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ शब्दों में एंट्री पोइंट, एग्जिट पॉइंट और स्टॉप लॉस शामिल हैं. जिस प्‍वाइंट पर ट्रेडर अलग अलग टेक्निकल इंडिकेटर की सहायता से खरीदारी करते है उसे एंट्री प्‍वाइंट कहा जाता है. जबकि जिस प्‍वाइंट पर ट्रेडर अपनी ट्रेड पोजीशन को स्क्वायर ऑफ करते हैं. उसे एग्जिट प्‍वाइंट के रूप में जाना जाता है. वही स्टॉप लॉस जिसे एक निवेशक के नुकसान को सीमित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. ऐसा प्‍वाइंट होता है जहाँ आप अपने रिस्क को सीमित कर देते है. उदाहरण के लिए जिस कीमत पर आपने स्टॉक खरीदा था. उसके 20% नीचे के लिए स्टॉप-लॉस ऑर्डर सेट करना आपके स्विंग ट्रेडिंग के लिए किस टाइम फ्रेम का उपयोग करें? नुकसान को 20% तक सीमित कर देता है.

स्विंग ट्रेडर्स अपनी निवेश रणनीति तैयार करने के लिए बोलिंगर बैंड, फिबोनाची रिट्रेसमेंट और मूविंग ऑसिलेटर्स जैसे ट्रेडिंग टूल्स का उपयोग करके अपने ट्रेड करने के तरीके बनाते हैं. स्विंग ट्रेडर्स उभरते बाजार के पैटर्न पर भी नजर रखते हैं जैसे

इनसाइड बार पैटर्न क्या है?- What is the स्विंग ट्रेडिंग के लिए किस टाइम फ्रेम का उपयोग करें? Inside Bar Pattern?

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इनसाइड बार(Inside Bar) पैटर्न(Pattern) एक कैंडलस्टिक पैटर्न(Candlestick Pattern) है, जहां प्राइस(Price) पूरी तरह से पिछले कैंडलस्टिक(candlestick) के अंदर रहता है।

एक इनसाइड बार(Inside Bar) के लिए एक कैंडल(Candle) का हाई(High) और लौ(Low) दोनों तभी मान्य माना जाता है जब वह पिछले कैंडलस्टिक(candlestick) के अंदर होता है

कैंडलस्टिक्स (candlestick) के विक्स (Wicks) को लेकर अक्सर कन्फूजन (Confusion) होता है।

क्या इनसाइड बार बुलिश या बेयरिश है?- Is the Inside Bar Bullish or Bearish?

इनसाइड बार एक अनिर्णय या इन-डिसिशन (In-Decision) कैंडलस्टिक पैटर्न (Candlestick Pattern) है।

प्राइस पिछले सेशन के हाई और लौ को तोड़ने में सक्षम नहीं होता है तभी इनसाइड बार बनता है।

क्या इनसाइड बार एक ट्रेंड कॉन्टीनुअशन पैटर्न है? -Is the Inside Bar Trend continuation Pattern?

यह तभी पता चलता है जब –

  1. यदि कोई इनसाइड बार एक स्ट्रांग ट्रेंड में बनता है, उदाहरण के लिए एक हायर हाई या अप ट्रेंड है, तो यह ट्रेंड्स के साथ प्राइस कॉन्टिनुएस(Continues) रखने से पहले एक ठहराव या पॉज(Pause) का संकेत दे सकता है।
  2. इसका सीधा मतलब है की वोलटिलती कंट्रक्शन (Volatility Contraction) होने के कारण प्राइस का मूवमेंट स्माल रेंज में चलता है।

क्योंकि एक स्ट्रांग ट्रेंड में इनसाइड बार प्राइस एक्शन (Price Action) में एक पॉज को रिप्रेजेंट करता है। किसी भी ट्रैड में एंट्री करने के लिए इनसाइड बार(Inside Bar) के ब्रेकआउट के साथ कन्फर्मेशन का वेट करते है। यह तब होता है जब प्राइस इनसाइड बार(Inside Bar) को हाई या लौ की डायरेक्शन में तोड़ती है।

क्या इनसाइड बार एक रिवर्सल पैटर्न है? – Is the Inside Bar Reversal Pattern?

यदि एक इनसाइड बार एक स्विंग पॉइंट(Swing Point) और मेजर सपोर्ट(Support) या रेजिस्टेंस (Resistance) एरिया में बनता है, तो इसका मतलब ट्रेंड में बदलाव या रिवर्सल हो सकता है और प्राइस द्वारा मदर कैंडल के लौ के ब्रेकडाउन पर इसका कन्फर्मेशन हो जाता है।

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डेली टाइम फ्रेम (Daily Time Frame) पर इनसाइड बार स्विंग ट्रेडिंग के लिए किस टाइम फ्रेम का उपयोग करें? रिवर्सल और साप्ताहिक या वीकली टाइम फ्रेम (Weekly Time Frame) पर ब्रेकआउट (Breakouts) सबसे अच्छा काम करता है।

यह महत्वपूर्ण है कि प्रत्येक इनसाइड बार(Inside Bar) का ट्रेड न करें क्योंकि इससे खराब ट्रेड हो सकते हैं।

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