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दलाल कैसे बने?

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दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला का आज 62 वर्ष की आयु में मुंबई में निधन हो गया.

जानिए कैसा था राकेश झुनझुनवाला का सफर

राकेश झुनझुनवाला ने निवेश की दुनिया में साल 1985 में कदम रखा था। इस दौरान उन्होंने महज 5 हजार रुपये से निवेश की शुरुआत की थी और निधन से पहले उनकी कुल 'नेटवर्थ' 41 हजार करोड़ रुपये से अधिक की थी । झुनझुनवाला ने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट से सीए की डिग्री भी ली। बताया जाता है कि शेयर बाजार में झुनझुनवाला की दिलचस्पी पिता के कारण हुई। उनके पिता टैक्स ऑफिसर थे। उनके पिता अक्सर अपने दोस्तों के साथ शेयर बाजार की बातें किया करते थे। झुनझुनवाला अपने पिता की बातें गौर से सुनते थे। इसके बाद से उन्होंने दलाल स्ट्रीट दलाल कैसे बने? को समझना शुरू कर दिया और यहीं से उन्होंने निवेश की दुनिया में उड़ान भरनी शुरू कर दी। निवेश की दुनिया में जब उन्हें फायदा होने दलाल कैसे बने? लगा तो उन्हें पक्का यकीन हो गया कि अगर कहीं से बड़ा पैसा बनाया जा सकता है तो वह सिर्फ यही जगह है।

झुनझुनवाला ने एक कार्यक्रम में बताया था कि उन्होंने अपना सफर 5 हजार रुपये से शुरू किया था और सीए भाई की मदद से महज 2 साल में उनकी नेटवर्थ 50 लाख रुपये हो गई। 1990 के बजट को वह बेहद अहम बताते हैं, जिसके बाद तगड़ा बूम आया था। तब झुनझुनवाला की नेटवर्थ 2 करोड़ रुपये थी, जो कुछ ही समय में 20 करोड़ रुपये हो गई। वह कहते हैं कि रिस्क लेना जरूरी है, लेकिन उसका नतीजा भी पता होना चाहिए।

टाटा के शेयर से चमकी थी किस्मत

झुनझुनवाला शुरू से ही रिस्क लेने वाले थे। उसने अपने भाई के ग्राहकों से बैंक सावधि जमा की तुलना में अधिक रिटर्न के साथ इसे वापस करने के वादे के साथ पैसे उधार लिए। 1986 में, उन्होंने अपना पहला महत्वपूर्ण लाभ तब कमाया जब उन्होंने 43 रुपये में टाटा टी के 5,000 शेयर खरीदे और तीन महीने के भीतर स्टॉक बढ़कर 143 रुपये हो गया। उसने अपने पैसे से तीन गुना से अधिक कमाया। उन्होंने तीन साल में 20-25 लाख रुपये कमाए। झुनझुनवाला ने पिछले कुछ वर्षों में टाइटन, क्रिसिल, सेसा गोवा, प्राज इंडस्ट्रीज, अरबिंदो फार्मा और एनसीसी में सफलतापूर्वक निवेश किया है।

कैसे बने शेयर मार्केट के बेताज बादशाह

राकेश झुनझुनवाला महज तीन साल में ही शेयर में पैसे लगाकर करोड़ों का मुनाफा कमा लिया। इसके बाद उन्होंने आए कई कंपनियों में दांव लगाए और खूब लाभ कमाया। लेकिन झुनझुनवाला को जिसने बिग बुल बनाया वह थी टाटा की टाइटन कंपनी। दरअसल, झुनझुनवाला ने साल 2003 में टाटा समूह की कंपनी टाइटन में पैसा लगाए थे। उस वक्त उन्होंने महज तीन रुपये के हिसाब से टाइटन के छह करोड़ शेयर खरीद लिए थे जिसकी वैल्यू 7000 करोड़ रुपये से अधिक हो गई।

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धमतरी : शिक्षक संगठन के नेता ही बने दलाल, स्थल चयन के लिए मांग रहे शिक्षकों से राशि

धमतरी : शिक्षक संगठन के नेता ही बने दलाल, स्थल चयन के लिए मांग रहे शिक्षकों से राशि

धमतरी, 6 नवंबर (हि.स.)। जिले में 250 से 300 सहायक शिक्षकों की पदोन्नति प्राथमिक शाला प्रधानपाठक पद के लिए हुआ है। ऐसे शिक्षकों से मनपसंद स्थल चयन के लिए शिक्षक संगठनों के कुछ नेता दलाल बनकर सक्रिय हैं और रुपये की मांग कर रहे हैं। प्रत्येक शिक्षक से 50 हजार से एक लाख रुपये तक मांग कर रहे हैं, इससे शिक्षक परेशान हैं। ऐसे में शिक्षकों ने काउंसिलिंग के माध्यम से स्थल चयन करने की मांग कर रहे हैं, ताकि दलालों से बचा जा सके।

सहायक शिक्षकों की पदोन्नति प्राथमिक शाला प्रधानपाठक पद के लिए धमतरी समेत प्रदेश के अधिकांश जिलों में हुई है। कई जिलों में पदोन्नत हुए प्रधानपाठकों ने ज्वाइनिंग कर लिया है, लेकिन धमतरी जिले में अभी तक पदोन्नत हुए दलाल कैसे बने? प्रधानपाठकों को पदोन्नत स्थल नहीं दिया गया है। पदोन्नत हुए कुछ शिक्षकों की मानें तो दो से तीन दिनों के भीतर पदोन्नत स्थल लिस्ट जिला शिक्षा विभाग से जारी होने वाला है। वहीं पदोन्नत हुए कई शिक्षकों के पास मनपसंद जगह दिलाने के नाम पर कई दलाल सक्रिय हो चुके हैं, जो उन्हें 50 हजार से एक लाख रुपये तक मांग कर रहे हैं। दलाल अपनी पहुंच जिला शिक्षा विभाग के कई अधिकारी, कर्मचारियों के साथ बता रहे हैं। दलालों के चक्कर में आकर कई पदोन्नत शिक्षकों ने जगह मिलने से पहले ही एडवांस के रूप में आधी राशि भी दे चुके हैं।

काउंसिलिंग करने की मांग

जिले में शिक्षकों के कई संगठन हैं, इन्हीं संगठनों में से कुछ पदाधिकारी इन दिनों पदोन्नत शिक्षकों को अपनी पहुंच बताकर बेहतर जगह दिलाने का भरोसा दिलाकर रुपये की मांग कर रहे हैं। इस बात की चर्चा शिक्षकों में बनी हुई है। दलालों से तंग आ चुके कई पदोन्नत हुए शिक्षकों की मांग है कि जिला शिक्षा विभाग सभी पदोन्नत हुए शिक्षकों का काउंसिलिंग कराए। उन्हें मनपसंद और सुविधा के अनुसार दलाल कैसे बने? स्कूल में पदस्थ करें। जिला शिक्षा विभाग से सीधे लिस्ट जारी होने के कारण कई दलाल इन दिनों सकि्रय हो चुके हैं, जो उनके घर तक भी पहुंच रहे हैं। मोबाइल के माध्यम से भी संपर्क कर रहे हैं, ऐसे में शिक्षक हलाकान है। इसे देखते हुए जिला शिक्षा विभाग सीधे लिस्ट जारी न करके काउंसिलिंग करें और पदोन्नत शिक्षकों को राहत प्रदान करें।

दलालों के चंगुल में न फंसे शिक्षक

जिला शिक्षा अधिकारी बृजेश बाजपेयी का कहना है कि कोई भी पदोन्नत शिक्षक-शिक्षिकाएं दलालों के चंगुल में न फंसे। जिस स्कूल में वे पदस्थ है, यदि वहां रिक्त पद है, तो उन्हें वहीं पदोन्नत किया जाएगा। यदि एक ही स्कूल में दो शिक्षकों की पदोन्नति हुई है और उस स्कूल में पद एक है, तो एक को वहीं पदस्थापना किया जाएगा और दूसरे को आसपास रिक्त वाले स्कूल में भेजा जाएगा। पद नहीं होने पर संकुल व ब्लाॅक स्तर पर ही दिया जाएगा। अन्य जगह नहीं भेजा जाएगा। काउंसिलिंग संभव नहीं है। स्थल चयन के लिए किसी की पहुंच काम नहीं आएगा, शासन के नियमानुसार किया जाएगा। इससे पहले भी शिक्षकों को जानकारी दी जा चुकी है।

हिन्दुस्थान समाचार/ रोशन सिन्हा

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Big Bull के निधन पर दलाल स्ट्रीट से लेकर राजनीतिक जगत में शोक, पीएम समेत कई बड़ी हस्तियों ने जताया दुख

उदय कोटक ने बिग बुल को याद करते हुए लिखा, “राकेश झुनझुनवाला: मेरे स्कूल और कॉलेज के साथी रहे. एक साल मेरे जूनियर. हमारी नियमित रूप से बात होती थी, खासकर कोविड के दौरान. आपकी याद आएगी राकेश!”

Big Bull के निधन पर दलाल स्ट्रीट से लेकर राजनीतिक जगत में शोक, पीएम समेत कई बड़ी हस्तियों ने जताया दुख

दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला का आज 62 वर्ष की आयु में मुंबई में निधन हो गया.

Rakesh Jhunjhunwala Death Reactions: दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला का आज 62 वर्ष की आयु में मुंबई में निधन हो गया. मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल ने उनके निधन की पुष्टि की है. झुनझुनवाला को 2-3 हफ्ते पहले ही अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया था और वह घर आ गए थे. कुछ दिनों पहले ही उन्होंने अकासा एयरलाइंस की शुरुआत की थी. बता दें कि झुनझुनवाला का रुझान कॉलेज में पढ़ते समय ही शेयर बाजार की ओर बढ़ गया. उन्हें यकीन था कि अगर कम से समय में कहीं से बहुत ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है तो वह जगह सिर्फ शेयर बाजार है. झुनझुनवाला के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण समेत देश की कई बड़ी हस्तियों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है और दुख जताया है. आइए जानते हैं कि उनके निधन पर किसने क्या कहा.

वे भारत की प्रगति को लेकर भावुक थे: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राकेश झुनझुनवाला के निधन पर ट्वीट कर दुख जताया है. उन्होंने लिखा, “राकेश झुनझुनवाला अदम्य थे. जीवन से भरपूर, मजाकिया और व्यावहारिक. वह अपने पीछे वित्तीय दुनिया में एक अमिट योगदान छोड़ गए हैं. वह भारत की प्रगति को लेकर भी बहुत भावुक थे. उनका जाना दुखद है. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं. ओम शांति.”

गृह मंत्री ने भी जताया दुख

गृह मंत्री अमित शाह ने भी राकेश झुनझुनवाला के निधन पर ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है, “राकेश झुनझुनवाला जी के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ. उनके विशाल अनुभव और शेयर बाजार की समझ ने अनगिनत निवेशकों को प्रेरित किया है. उन्हें उनके बुलिश आउटलुक के लिए हमेशा याद किया जाएगा. उनके परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदना है. ओम शांति शांति.”

वित्त मंत्री ने क्या कहा?

इसी तरह, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी बिग बुल के निधर पर दुख जताया है. उन्होंने लिखा, “श्री राकेश झुनझुनवाला दलाल कैसे बने? नहीं रहे. निवेशक, साहसिक जोखिम लेने वाला, शेयर बाजार की उत्कृष्ट समझ, संचार में स्पष्ट- अपने आप में एक लीडर. हमारे बीच हुई कई बातचीत याद है. उन्हें भारत की ताकत और क्षमताओं में दृढ़ विश्वास था. मेरी संवेदनाएं.”

आपकी याद आएगी राकेश! : उदय कोटक

कोटक महिंद्रा बैंक के सीईओ उदय कोटक ने ट्विटर पर बिग बुल को याद करते हुए ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा, “राकेश झुनझुनवाला: मेरे स्कूल और कॉलेज के साथी. एक साल मेरे जूनियर. वित्तीय बाजारों को समझने में आश्चर्यजनक रूप से तेज थे. हमने नियमित रूप से बात की, खासकर कोविड के दौरान. आपकी याद आएगी राकेश!”

हम उन्हें मिस करेंगे : गौतम अडानी

बिग बुल के निधन पर शोक व्यक्त करने वालों में भारत के सबसे अमीर शख्स गौतम अडानी भी शामिल हैं. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, “भारत के सबसे महान निवेशक के असामयिक निधन से बेहद दुखी हूं. श्री झुनझुनवाला ने अपने शानदार विचारों से एक पूरी पीढ़ी को इक्विटी बाजारों में भरोसा करने के लिए प्रेरित किया. हम उन्हें मिस करेंगे. भारत उन्हें याद करेगा, हम उन्हें कभी नहीं भूलेंगे. RIP.”

यहां तक कि दलाल स्ट्रीट के बड़े नामों ने भी बिग बुल को याद करते हुए ट्वीट किया है. हेलिओस कैपिटल के फाउंडर और फंड मैनेजर समीर अरोड़ा बिग बुल के साथ अपने दिनों को याद करते हुए लिखते हैं, “बहुत दुखद खबर. राकेश बड़े दिल वाले एक महान व्यक्ति थे. मुझे हमेशा याद है कि जब मैं मुंबई से सिंगापुर जा रहा था तो उन्होंने एक विदाई पार्टी दी थी और मुझे सरस्वती की एक मूर्ति दी थी, जो अभी भी हमारे पास है.” दलाल स्ट्रीट के एक और दिग्गज, IIFL सिक्योरिटीज के डायरेक्टर संजीव भसीन ने भी बिग बुल राकेश झुनझुनवाला के निधन पर दुख जताया है.

मेटावर्स में रियल एस्टेट एजेंट/ ब्रोकर कैसे बनें? | How To Become Real Estate Broker In The Metaverse In Hindi

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मेटावर्स में रियल एस्टेट करोड़ो में बिक रहा है। मेटावर्स में रियल एस्टेट बिज़नेस 2030 तक $1 ट्रिलियन का बिज़नेस होने वाला है। अभी 2022 में यह बिज़नेस $500 मिलियन की वर्थ पर है और आनेवाले 8-9 साल में 2000% ग्रो करने की संभावना है।

मेटावर्स रियल एस्टेट दलाल कैसे बने? क्या है? (What is Metaverse Real Estate)

डिजिटल वर्ल्ड में कई क्रिप्टो प्रोजेक्टर अपने गेम या मेटावर्स बनाते है। जहा पर आप लैंड को खरीदकर उसमे घर बना सकते हो, उसे रेंट पर दे सकते हो, कॉन्सर्ट कर सकते हो, कोई डिजिटल इवेंट कर सकते है, NFT टोकन माइन कर सकते है, या फिर उसे ज्यादा कीमत पर बेच कर आप प्रॉफिट कमा सकते है। जैसे रियल लाइफ में कोई भी एसेट का इस्तेमाल या लेनदेन होती है वैसे ही यहा पर ये सब चीजें एक वर्चुअल दुनिया मे होती है।

मेटावर्स में कोई एक दुनिया NFT का इस्तेमाल करके कोई डिजिटल जमीन या प्रॉपर्टीज बना सकती है, और यह किसी दूसरी डिजिटल दुनिया को ऑनलाइन आने से नही रोक सकती। यानी भविष्य में फेसबुक जैसी कंपनी अपनी मेटावर्स दुनिया बना सकती है। वर्चुअल दुनिया मे रियल एस्टेट की कीमत उसपे आनेवाले लोगो की संख्या, ट्रैफिक पर निर्भर करती है। उदाहरण के लिए, जैसे एक वेबसाइट की वैल्यू तब ज्यादा होती है जब उसपे ज्यादा ट्रैफिक हो।

मेटावर्स में रियल एस्टेट एजेंट की आवश्यकता और अनुभव

कई कंपनियां अपना मेटावर्स बना रही है। इसी कारण लोगो का रुझान इसमें निवेश करने में बढ़ता जा रहा है। अब सवाल यह है कि अगर इस वर्चुअल दुनिया मे रियल एस्टेट ब्रोकर होते है, तो कोई और कैसे बन सकता है?

पहले ये जानते है कि आखिर मेटावर्स में कोई डील करने के लिए एजेंट या ब्रोकर की जरूरत क्यों पड़ती है?

जैसे आप रियल दुनिया मे कोई घर या जमीन खरीदते वक्त किसी एजेंट का सहारा लेते है, वैसे ही मेटावर्स पर जमीन अक्सर किसी विश्वसनीय दलाल या कोई सेकेंडरी मार्केट के द्वारा पीयर टू पीयर होती है। यहाँ पर अक्सर खरीदारी किसी प्लेटफार्म या सेकंडरी मार्केट के माध्यम से होती है। इस प्रकार की ट्रेडिंग में रिस्क भी होता है।

कुछ कम्युनिटी के पास ऐसे एजेंट्स की डिटेल्स होती है जो बड़ी खरीद की सुविधा देते है। इन कम्युनिटीज में ब्रोकर एक विश्वसनीय सदस्य होते है जिनके प्रोजेस्ट में बड़े पोर्टफोलियो भी होते है और वे जानते है कि किसके पास सबसे क़ीमती एसेट्स है।

जो नए इन्वेस्टर अच्छी और कीमती एसेट्स की तलाश में होते है उनके लिए ब्रोकर महत्वपूर्ण सुविधा प्रदान करने में सही भूमिका निभाते है।

वर्चुअल दुनिया में हर एक चीज पूरी प्रणाली के लिए जानी जाती है, क्योंकि हर एक चीज कहीं न कहीं डेटाबेस में उपलब्ध है। और इस डेटा को

जैसा कि मैं चीजों को देखता हूं, मेटावर्स में प्रोफेशनल व्यक्ति का एकमात्र वास्तविक मूल्य निर्णय और ज्ञान है। डेटा पूरी तरह से पारदर्शी है, और पूरी तरह से सभी के लिए खुला है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं दलाल कैसे बने? है कि हर कोई एक ही निष्कर्ष पर आएगा। जानकारी सभी के लिए उपलब्ध है, पर जरूरत होती है अच्छे रिसर्च और एनालिसिस की जो कि एक अनुभवी ही कर सकता है।

मेटावर्स में रियल एस्टेट एजेंट किसी लॉ या लाइसेंस के कारण नही होंगे, बल्कि रियल एस्टेट सलाहकार होंगे जिनके पास उनके कौशल, उनके निर्णय और विश्लेषण करने की क्षमता और अनुभव होगा। इसके लिए आपको किसी लाइसेंस की जरूरत नही होगी, यहाँ आपको आपके प्रदर्शन, दलाल कैसे बने? प्रतिभा और परिणाम के आधार पर भुगतान किया जायेगा।

मेटावर्स में रियल एस्टेट एजेंट कैसे काम करते है?

आप यहाँ पर ट्रेनिंग कर सकते हो, घूम सकते हो, टीम या क्लाइंट के साथ मीटिंग कर सकते है।

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