शेयर बाजार में सफल कैसे हों

Stock Market : बाजार में है गिरावट, वॉरेन बफेट और होवार्ड मार्क्स की ये बातें मानेंगे तो बच जाएंगे नुकसान से
दिग्गज निवेशक वॉरेन बफेट (Warren Buffett) का कहना है कि लहर के साथ सवारी करना आसान है, लेकिन इसका सामना करना मुश्किल है.
Warren Buffett Tips : शेयर बाजार से वो ही निवेशक पैसे बनाते हैं जो भयभीत नहीं होते और घबराते नहीं हैं. मशहूर निवेश बॉरेन बफेट का कहना है कि निवेशक को तब डरना चाहिए, जब बाकि लोग लालची हो रहे हों और लालची होना चाहिए जब बाकि लोग डर रहे हों.
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- Last Updated : February 07, 2022, 18:15 IST
नई दिल्ली. दिग्गज निवेशक वॉरेन बफेट (Warren Buffett) का कहना है कि लहर के साथ सवारी करना आसान है, लेकिन इसका सामना करना मुश्किल है. शेयर बाजार में जब गिरावट (Stock Market Fall) आती है तो उनकी यह बात सोलह आने सच हो जाती है. ज्यादातर निवेशक घबराहट में आ जाते हैं और हाथ खड़े कर देते हैं. उन्हें लगता है कि वो इस खतरे का सामना नहीं कर सकते और अगर ज्यादा देर यहां टिके तो उन्हें बहुत नुकसान होगा.
जितना नुकसान उन्हें शेयर मार्केट में आई गिरावट से नहीं होता, उससे ज्यादा चोट उन्हें घबराहट में लिए गए निर्णय पहुंचाते हैं. मार्केट में मंदी का तूफान गुजर जाता है, तब उन्हें अहसास होता है कि उन्होंने दिमाग की बजाय दिल की बात सुनकर कैसे अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार ली. आज, यानि सोमवार को भी मार्केट में गिरावट आई है. बिकवाल बाजार पर हावी हैं. आइए जानते हैं कि दिग्गज निवेशक वारेन बफेट और होवार्ड मार्क्स (Howard Makrs) क्या राय देते हैं.
वॉरेन बफेट का मंत्र (Warren Buffett’s Mantra)
वॉरेन बफेट की निवेशकों को एक राय बहुत पहले दी थी. सही में देखा जाए तो शेयर बाजार में गिरावट के दौर को निवेश रणनीति बनाने में यह सबसे ज्यादा काम आ सकती है. बफेट का मंत्र है कि “जब दूसरे लालची हों तो डरें और जब दूसरे डरें तब आप लालची बनें.” बफेट के इस मंत्र का अर्थ है कि जब दूसरे निवेशक धड़ाधड़ खरीददारी कर रहे हों तो आपको बहुत संभलकर निवेश करना चाहिए. लेकिन, जब मार्केट में मंदी हो. लोग भयभीत होकर बिकवाली कर रहे हों तो आपको उस स्थिति का फायदा उठाते हुए खरीददारी करनी चाहिए और डरपोक बनने के बजाए लालची बनना चाहिए.
दिल को न शेयर बाजार में सफल कैसे हों होने दें दिमाग पर हावी
वॉरेन बफेट का कहना है कि जोखिम तब नहीं होता जब, परिस्थितियां अनुकूल न हों. जोखिम तब होता है जब किसी निवेशक (Investor) को यह पता नहीं होता कि वह कर क्या रहा है. इसलिए अगर बाजार में भारी गिरावट है तो दिमाग का प्रयोग ज्यादा करिए. यह जानने कि कोशिश जरूर करें कि जो निर्णय आप ले रहे हैं, वह बिना सोच-विचार के बस बाजार की चाल के अनुसार तो नहीं ले लिया है.
डर नहीं हो सकता निवेश निर्णय का आधार
मशहूर निवेशक होवार्ड मार्क्स (Howard Marks) का कहना है कि बिकवाली करने के बहुत-से अच्छे कारण हो सकते हैं. लेकिन अगर आप केवल गलती होने या घाटा होने के डर मात्र से बिकवाल बन जाते हैं, तो ये आपके लिए बहुत घातक है. बिकवाली का निर्णय (Selling Decision) निवेश के दृष्टिकोण पर आधारित होना चाहिए, जो ठोस वित्तीय विश्लेषण, दृढ़ निश्चय और निवेश अनुशासन से बना हो. यह निर्णय कभी निवेशक के मनोविज्ञान (Psychology) पर आधारित नहीं हो सकता. मार्क्स का कहना है कि इक्विटी निवेशक (Equity Investor) का निर्णय अगर किसी डर पर आधारित है तो, निश्चित ही वह गलत फैसला ही होगा. मार्क्स का कहना है कि निवेश में शेयर बाजार में सफल कैसे हों डर, हड़बड़ी और मनोवैज्ञानिक धारणाओं का कोई स्थान नहीं है.
पोर्टफोलियो में तुरंत हेरफेर ठीक नहीं
होवार्ड मार्क्स का कहना कि अगर को कोई निवेशक मार्केट की पल-पल बदलती परिस्थितियों के अनुसार अपने पोर्टफोलियो में जल्दी-जल्दी बदलाव करता है तो वो कमाई नहीं कर सकता. इसलिए निवेश निर्णय मार्केट की स्थितियों के अनुसार नहीं, बल्कि तार्किक मूल्यांकन और परिस्थितियों के गहन अध्ययन के बाद ही लें, घबराहट में नहीं.
दूसरों की गलतियों से उठाएं फायदा
होवार्ड मार्क्स का मानना है सफल निवेश निर्णय दूसरों की गलतियों को देखकर लिए जाते हैं. अगर कोई डर कर शेयर बेच रहा है तो उसकी यह गलती एक सच्चे निवेशक को खरीददारी करने एक बेहतरीन मौका दे रही है. और उसे डरे हुए इंसान की गलती से लाभ कमाना चाहिये. मार्केट गुरु का कहना है कि निवेश निर्णय का आधार किसी भी एसेस्ट की क्षमताओं का सही मूल्यांकन होता है.
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Investment करने से पहले कि कुछ बातें
शेअर बाजार में ज्यादातर नुकसान नहीं लोग करते हैं जो नये होते हैं। इसलिये हम आज बतायेंगे कि Things to Know Before Investing in Stock Market hindi 2022 ताकी आपका मेहनत का पैसा आपको गलत निर्णय से गवाने ना पड़ें।
कुछ दिन पहले हि शेयर बाजार के ऊपर एक वेबसेरीज आई थी जिसका नाम था 'स्कॅम 1992' जिसमे एक डाॅयलाॅग था 'शेअर मार्केट एक ऐसा कुआं है जो पुरे देश के पैसों कि प्यास बुझा सकता है' दरसल में यह सही मायनों में सच ही हैं। लेकिन ज्यादातर नये लोग जो शेअर मार्केट में आते हैं वह नुकसान ही कर बैठते हैं इसके बहुत सारे कारण है और इसी के बारे में हम आज आपको विस्तार से आपको बतायेंगे तो यह आर्टिकल आखिर तक पढ़ें।
शेयर मार्केट में में इन्वेस्टमेंट करने से पहले ये बातें जरुर जान लिजिए
1.उन्हीं शेयर में इन्वेस्ट करें जिन्हें आप जानते हैं
अक्सर क्या होता हैं हम किसी न्युज या खबरों को सुनके एक स्टाॅक को खरिदने कि सोचते हैं लेकिन आपने कभी सोचा है की ऐसी खबरें आपको बहुत देरी से मिलती है जब आपने बड़ी देर कर दी हैं क्योंकि जब आपके पास ऐसी कोई खबर या न्युज आई हैं तो यह सोचो कि कितने लोगों को इसके बारे में पहले से मालुम होगा यह सोचो और कईबार क्या होता हैं कि अपना फसा हुआ पैसा निकालने के लिये अक्सर ऐसी खबरें फैलाई जाती है और आप जब इसमें इन्वेस्टमेंट करते हो तो आपको नुकसान होता है।
इसलिये ऐसी ही स्टाॅक्स पर निवेश करों जिसके बारे में आपको पता हो या आप इस्तमाल करते हों और यह ऐसे शेयर हो जो कोई भी बता सके की अगले 10 साल तक इसकी डिमांड कम ना हों।
2. आपको ट्रेंड या खबरों से दुरी बनानी हैं
नये इन्वेस्टर ज्यादातर यही गलती कर देते हैं कि किसीके सुनी सुनाई बातों पर आंख बंद करके विश्वास रख देते हैं या कोई शेयर खबरों में बना हुआ है और पहले से हि वह बहुत भाग चुका हैं।
सभी जिस स्टाॅक या सेक्टर कि बात कर रहे हैं हो सके तो उसमें दुरी बनालो क्योंकी ऐसा नहीं है कि ट्रेंड पे हैं यानी आगे जाके वह सेक्टर या शेयर काफी ग्रो करेगा ऐसा नहीं होता ट्रेंड या न्युज 2 दिन या 4 दिन में बदलती है इसलियें जो सब कर रहे हैं उसमें आप संभल कर चलें।
3. हमेशा अच्छे स्टाॅक्स ना ढुंढें
ज्यादातर नये लोग शेयर बाजार में आते हैं और अपना ज्यादातर समय स्टाॅक्स को ढुंढने में हि लगते हैं या पोर्टफोलियो को बदलते रहते हैं। अगर आपने एकबार अच्छे से रिसर्च करके कोई शेयर चुना है तो उसको समय दें नाकी थोड़े थोड़े समय में उसपर पर उसे बदलते रहे कोई एक दो खबरों के कारण। कोई भी शेयर एक रात में मल्टीबैगर नहीं बनता अगर आप 10 शेयरों में निवेश करेंगे तो उसमें 2 या 3 शेयर सालों बाद आपको बेहतरीन रिटर्न्स दे जायें ना कि 10 के 10 स्टाॅक्स। हो सके तो बार बार अपने पोर्टफोलियो में प्रोफिट और लाॅस शेयर बाजार में सफल कैसे हों ना देखो।
इसलिये अच्छे स्टाॅक्स को ढुंढने कि वजह उसे थोड़ा वक्त दे हो सकता है आगे जाके कोई स्टाॅक MRF या Wipro जैसा निकल कर आ सकता हैं।
4. हमेशा सिखना हैं
अगर आप नये हैं तो शुरुवात में आपको थोड़ा बहुत किसी स्टाॅक्स या सेक्टर में लाॅस भी होता है तो घबराना नहीं हैं आपको उससे सिखना हैं कि कहा आपकी ऐनालायसी गलत हो गयीं और उस गलती को दुबारा नहीं दौराना हैं। शुरवात में ज्यादातर लोग गलतियां करते ही हैं। अगर आप लाॅस भी करते हो लेकिन आप उससे कुछ सिख रहें हों तो आपको शेयर बाजार में सफल होने से कोई नहीं रोक सकता हैं।
ऐसा कोई बड़ा इन्वेस्टर नहीं होगा जिसने एक रुपयें भी जिंदगी में गवायें नहीं होंगे। हर एक चीज़ से आपको सिखना हैं समझना हैं तभी आप शेयर मार्केट में सफल बन सकते हों। अगर आप भय और लालच को कंट्रोल करना सिख गये तो आप शेयर मार्केट सिख गयें यह याद रखना।
5. किसी एक में 10% से ज्यादा निवेश नहीं करें
नयें निवेशक ज्यादा रिटर्न्स के कारण एक हि किसी स्टाॅक्स या शेअर पे फोकस करते हैं और अपना सारा पैसा स्टॉक या शेअर पर लगा देते हैं और किसी कारणवंश या ग़लत खबरों से भी एक शेअर या एक सेक्टर अचानक ही कम समय में ही निचे आ जाता है और आपका पोर्टफोलियो में बहुत बड़ा लाॅस दिखता हैं इसलियें अपनी इन्वेस्टमेंट को हमेशा डायवर्सिफाइड करके रखें। मतलब एक हि स्टाॅक या सेक्टर पर भरोसा ना रखें क्योंकि उसमें आपके बहुत बड़ा नुकसान हो सकता हैं।
हमेशा अपना इन्वेस्टमेंट डायवर्सिफाइड करके रखें यानी किसी भी एक में अपना पुरे इन्वेस्टमेंट का 10% से ज्यादा ना रखें। इससे आपका रिस्क बहुत कम हो जायेगा। अक्सर फायनाशियल बजेट के दौरान अगर किसी सेक्टर को अनदेखा कर दिया जाता है तो इसका असर सालों साल उस सेक्टर या स्टाॅक पर पड़ता हैं और अगर आप ऐसे हि एक पर अपना पैसा निवेश कर बैठे हैं तो आपको लाॅस बुक करके बाहर निकलना होगा या आपको उसके बढ़ने तक इंतजार करना होगा। इसलिये आपके पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाइड बनाना आवश्यक हैं।
आपने क्या सीखा:
नये निवेशक Stock Market में शुरवात में क्या गलतिया करते है और इससे हम कैसे बच सकतें हैं इसके बारे में हमने पुरे विस्तार से यहा बताया हैं। ऐसे कौन कौन सी चींजे है जीसे अगर आप फोलो करतें हैं तो आप एक अच्छे निवेशक बन सकतें हैं और अपने निवेश को सेव या बढ़ा सकते हैं।
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8 हजार रुपए से कैसे बनाए 2.8 करोड़? जानें दुनिया के तीसरे अमीर शख्स की स्ट्रैटजी
अगर आप भी आसानी से पैसा कमाना चाहते हैं तो ऐसे में आपको बताते हैं दुनिया के तीसरे सबसे अमीर शख्स की बताई गई वो टिप्स, जिनके जरिए आप आसानी से पैसा बना सकते हैं.
- News18Hindi
- Last Updated : May 11, 2019, 08:16 IST
ज्यादातर लोग शेयर मार्केट से पैसे कमाने के बारे में पढ़ते और सुनते शेयर बाजार में सफल कैसे हों तो जरूर हैं, लेकिन ऐसा करने में कामयाब नहीं हो पाते हैं. कई बार मार्केट में पैसा लगाना उनके लिए ऐसा साबित होता है कि वो अपनी जमा पूंजी भी खो देते हैं. अगर आप शेयर बाजार के जरिये कमाई करना चाहते हैं तो हम आपको बता रहे हैं, कुछ ऐसे टिप्स जो खुद दुनिया के तीसरे सबसे अमीर शख्स वारेन बफे ने दिए हैं. बफे शेयर बाजार के बड़े खिलाड़ी माने जाते हैं. उनके इन्वेस्टमेंट टिप्स फॉलो कर आप भी अमीर बन सकते हैं.
वारेन बफे ने 11 साल की उम्र में पहला शेयर खरीदा था. यह 1942 की पहली तिमाही थी, जिसके तुरंत पर्ल हार्बर घटना हुई थी. वह कहते हैं, 'मैंने एक शेयर में 114.75 डॉलर (आज के हिसाब से 8 हजार रुपए) लगाए थे. अगर उसी रकम को मैंने एसएंडपी 500 में लगाया होता और उससे मिले डिविडेंड को उसी शेयर में निवेश करता रहता तो अनुमान लगाइए कि आज वह कितनी रकम होती.'
8 हजार रुपये ऐसे बन जाते 2.80 करोड़ रुपये
वारेन बफे कहते हैं, 'सोचिए, क्या यह 10 हजार डॉलर होती या 75 हजार डॉलर होती? चलिए मैं ही आपकी कुछ मदद कर देता हूं. ये आंकड़े बेहद कम हैं. इसका जवाब है 4 लाख डॉलर (2.80 करोड़ रुपए). इस प्रकार यदि छोटी सी उम्र में मैने 114 डॉलर एसएंडपी 500 में लगाए होते तो यह आज 4 लाख डॉलर होते.
लंबी अवधि का सोचकर ही करें निवेश
अगर आपको पेड़ की छाया चाहिए तो सालों पहले वह पेड़ लगाना होगा. यानी लंबी अवधि का सोचकर ही निवेश करें. मौके बार-बार नहीं आते, जब सोने की बारिश हो तो हाथ आगे करने की बजाए बाल्टी लगानी चाहिए. अवसरों पर हमेशा नजर रखें, जो दुनिया में कहीं भी मिल सकते हैं. अवसर किसी भी इंडस्ट्री में भी हो सकते हैं.
दूसरों को देखकर बाजार में पैसा न लगाएं
निवेश करने के बाद बार-बार शेयर की कीमतों को देखना गलत तरीका है. तुरंत गिरावट या बढ़त देखकर शेयर बेचने या खरीदने से निवेशकों को नुकसान हो सकता है. अगर आप किसी शेयर को दस साल तक नहीं रख सकते तो उसे 10 मिनट तक भी रखने के बारे में ना सोचें. दूसरों को देखकर बाजार में पैसा न लगाएं, निवेश तभी करें जब आपको इस बारे में समझ हो.
ऐसी जगह इन्वेस्ट करें जो हमेशा प्रॉफिट देता रहे
जब दूसरे लोग बाजार में लालची हो शेयर बाजार में सफल कैसे हों रहे हैं तो आप डरपोक बन जाएं, जब बाकी लोग डर रहे हों तो आप लालची हो जाएं. हमेशा ऐसे काबिल मैनेजर्स को साथ रखना चाहिए, जिनके हित आपसे मिलते हों. ऐसा निवेश करें जो पूरी जिंदगी के लिए हो, जो आपको हमेशा प्रॉफिट देता रहे.
पोर्टफोलियो को हमेशा डाइवर्सिफाई रखें
खुद में यकीन करें कि आप एक सफल निवेशक बन सकते हैं. अपने पोर्टफोलियो को हमेशा डाइवर्सिफाई करें. अलग अलग अच्छी कंपनियों में पैसा लगाएं, जिससे जोखिम कम होगा. अगर आप खुद को एक ऐसी नाव में पाते हैं जो लगातार लीक हो रही है तो उसके सुरागों को बंद करने में लगने वाली एनर्जी नाव को बदलने में लगने वाली एनर्जी से कम प्रोडक्टिव होगी.
संयम रखने से ही बढ़ता है पैसा
एक दिन के ट्रेडर बनने की बजाए लंबी अवधि का लक्ष्य लेकर बाजार में आएं. लक्ष्य पूरा होने तक इंतजार करें, संयम रखने से ही पैसा बढ़ता है. ज्यादा रिटर्न की लालच न रखें, अगर 15 से 20 फीसदी रिटर्न दिख रहा है तो निवेश करें. बाजार में निवेश किया है तो सामंजस्य और सब्र जरूरी है. ज्यादातर निवेशक ऐसा न करके अपने ही दुश्मन बन जाते हैं. संयम रखने से ही निवेश बढ़ता है.
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5 WAYS TO EARN MONEY FROM STOCK MARKET: शेयर बाजार से पैसा कमाने के पांच शानदार तरीके, जो देंगे आपको मोटी कमाई करने का मौका
ऐसे बहुत से नामों के बारे में आपने सुना होगा, जिन्होंने शेयर बाजार से अच्छी कमाई कर सभी को हैरानी में ड़ाल दिया है. राकेश झुनझुनवाला से लेकर डॉली खन्ना जैसे कुछ ऐसे नाम हैं, जिन्हें शेयर बाजार के सबसे बड़े विश्लेषक के तौर पर जाना जाता है और उनकी रणनीतियों पर अध्ययन किया जाता है. ताकि उनकी रणनीतियों को अपनाकर दूसरे व्यक्ति भी शेयर बाजार से मोटी कमाई कर सकें. अगर आप भी ऐसे व्यक्तियों में से एक हैं जो शेयर बाजार से पैसे कमाने की तरकीबों के बारे में जानना चाहते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. चलिए बात करते हैं कि कैसे स्टॉक मार्केट आपको भी फायदा पहुंचा सकता है और किन रणनीतियों को आपको इनवेस्ट करने से पहले इस्तेमाल करना चाहिए.
स्टॉक मार्केट से पैसा कमाने के शानदार टिप्स (How to Invest in Stock Market):-
तेजी और मंदी शेयर बाजार का चरित्र है, क्या ये फिर गिरेगा
शेयर बाजार का इतिहास गवाह है कि जब यह बुरी तरह गिरता है तो उस समय ही बाद में आने वाली तेजी की नींव भी रखी जाती है.
बाम्बे स्टॉक एक्सचेंज | फाइल फोटो
पिछले दिनों भारतीय शेयर बाजार ने चमक बिखेर दी और सेंसेक्स 60,000 के पार तो हो गया लेकिन उसने यह सवाल भी खड़ा किया कि क्या इन बुलंदियों पर जाने के बाद यह अब धराशायी हो जाएगा? उसके इस रिकॉर्ड ऊंचाई पर जाने के बाद तरह-तरह की आशंकाएं खड़ी हो गईं हैं. हालांकि पिछले हफ्ते इसमें पांच हफ्तों के बाद गिरावट आई और यह 1282 अंक गिरकर 58,766 पर चला गया. निफ्टी में भी 321 अंकों की गिरावट आई और 17,532 अंकों पर था.
इससे पहले कि यह बहस तेज हो कि क्या यह गिरावट स्थायी है, सोमवार को सेंसेक्स में 625 अंकों की बढ़ोत्तरी हो गई.
लेकिन विशेषज्ञ यहां मानते हैं कि शेयर बाज़ार के इन ऊंचाइयों पर जाने की कोई ठोस वजह नहीं है. यह या तो अति उत्साह में की गई खरीदारी है या सटोरियों का खेल. अगर हम ध्यान से देखें तो इस समय निवेश के सारे रास्ते बंद हो गये हैं. रियल एस्टेट मंदी के भीषण दौर से गुजर रहा है, सोना नई ऊंचाइयों पर जाने के बाद नीचे तो आया है लेकिन इतना भी नहीं कि खरीदारी हो सके, सरकारी बांडों और ऋण बाजारों में भी खास रिटर्न नहीं है. फिक्स्ड डिपॉजिट में ब्याज दरें इतनी कम हो गईं हैं कि यह निरर्थक हो गया है. सच तो है कि महंगाई की दर इतनी ज्यादा हो गई है कि उसके कारण डिपॉजिट पर मिलने वाला ब्याज निगेटिव में चला गया है. इसका मतलब हुआ कि अब फिक्स्ड डिपॉजिट में पैसे डालने का कोई फायदा नहीं है. तो फिर सेविंग के जरिये कमाने का क्या जरिया बचता है? शेयर बाजार और उस पर आधारित म्यूचुअल फंड. यही कारण है कि निवेशक इनमें बड़े पैमाने पर धन लगा रहे हैं. इन दोनों ने निवेशकों को निराश नहीं किया और अच्छा रिटर्न भी दिया है. सिर्फ इस साल ही सेंसेक्स 13,000 अंकों से भी ज्यादा बढ़ गया है. उधर म्यूचुअल फंडों में कई तो ऐसे हैं जिन्होंने 50 प्रतिशत से भी ज्यादा रिटर्न दे दिया है.
उभरती अर्थव्यवस्था, भारत और एफडीआई
लेकिन लाख टके का सवाल है कि क्या सिर्फ इस कारण से ही शेयर बाजार इतना ऊपर चला गया? इसके कई उत्तर हैं. सबसे बड़ा फैक्टर है, सारी दुनिया में ब्याज दरों का गिरना. इस समय अमेरिका और पश्चिमी देशों और जापान वगैरह में ब्याज दरें शून्य पर हैं. भारत में भी यह अपने न्यूनतम पर हैं. ऐसे में निवेशक बैंकों से पैसा लेकर या वहां जमा न कर भारतीय शेयर बाजारों में लगा रहे हैं. विदेशी वित्तीय संस्थान और एनआरआई ने भी निवेश किया. इस बात का अंदाजा इसी से मिलता है कि 2021-22 (जून) में यहां के वित्तीय बाजारों में उन्होंने 4433 करोड़ रुपए का निवेश किया है. यह राशि बाजार में आग लगाने का काम कर रही है.
दरअसल, इस समय उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में निवेश के लिए उपयुक्त स्थानों में भारत ऊंचे स्थान पर है. इस समय यहां निवेश करना विदेशी निवेशकों के लिए फायदे का सौदा है. यहां की तमाम परिस्थितियां उनके अनुकूल हैं. ऐसे में निवेशक आश्वस्त भाव से निवेश कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि लगातार तीसरे साल भी विदेशी निवेशकों ने भारत में कुल कुल 9 अरब डॉलर निवेश कर दिया है.
लेकिन ऐसा नहीं है कि सिर्फ विदेशी निवेशकों ने ही यहां पैसा लगाया है. देसी निवेशक भी शेयर बाजार की बहती गंगा में हाथ धोने के लिए बड़ी तादात में उतर गये हैं. आज म्यूचुअल फंडों और सिप के माध्यम से निवेशक बड़े पैमाने पर इसमें पैसे लगा रहे हैं और उनमें लगभग 70 प्रतिशत ऐसे लोग हैं जिन्होंने शेयर बाजार में कभी पैसा नहीं लगाया था.
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उधर, डीमैट अकाउंट खोलना आसान बनाकर सेबी ने भी लोगों को इस ओर आकर्षित किया है. इस साल ही नहीं पिछले साल भी लाखों नए डीमैट अकाउंट खुले हैं. सेबी के ही आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल अप्रैल से इस साल जनवरी तक एक करोड़ से भी ज्यादा डीमैट अकाउंट खुले हैं. इस समय देश में सात करोड़ से भी ज्यादा डीमैट अकांउट खोले जा चुके हैं. नई टेक्नोलॉजी और ऐप ने पैसे लगाना एकदम आसान कर दिया है. अब नए निवेशक लगातार पैसे लगा रहे हैं सीधे भी और म्यूचुअल फंडों के जरिये भी.
म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री अपने स्लोगन ‘म्यूचुअल फंड सही है’ से लोगों को इस ओर आकर्षित करने में सफल हो रही है. आंकड़े बताते हैं कि शेयर बाजारों में बड़े पैमाने पर निवेश इनके जरिये ही हो रहा है. नए लोग जो बाजार के उतार-चढाव से शेयर बाजार में सफल कैसे हों शेयर बाजार में सफल कैसे हों घबराते हैं, शेयर बाजारों में ही निवेश कर रहे हैं. एक तरह से तो यह अच्छी बात है क्योंकि बाजार के धराशायी होने पर उन्हें जोर का झटका धीरे से लगेगा. इसके अलवा सेबी और सरकार ने म्यूचुअल फंडों पर शेयर बाजार में सफल कैसे हों भी लगाम कस दी है और वे अब उतनी मनमानी नहीं कर सकते हैं.
बाजार की इस जबर्दस्त तेजी ने बहुत सी धारणाओं को झुठलाया है कि शेयर बाजार अर्थव्यवस्था का आइना होता है. आज स्थिति दूसरी है. जीडीपी में जितनी तेजी आई है उससे कहीं ज्यादा शेयर बाजारों में तेजी आई है. दरअसल, इन दोनों के बीच एक स्वस्थ संतुलन होना चाहिए. कंपनियों के तिमाही या सालाना परिणाम कहीं से देश की अर्थव्यवस्था की हालत को बयान नहीं कर रहे हैं, अतिशयोक्ति से काम ले रहे हैं.
दूसरी बात है जो और भी खतरनाक है, वह है कि चूंकि शेयर बाजार का सीधा संबंध कंपनियों से हैं, उनके परिणाम चाहे वे सालाना हों या तिमाही इस मानदंड पर खरे नहीं उतर रहे हैं. इन दिनों कंपनियों के परिणाम बेशक अब अच्छे आ रहे हैं लेकिन उनके शेयर बहुत गर्म हो गए हैं. इनमें से कई तो अपने पीई रेशियो से कई गुना ज्यादा हो गए हैं. इस समय मार्केट कैप और जीडीपी का अनुपात 130 प्रतिशत को पार कर गया है. बाजार इकोनॉमी से कहीं आगे निकल गया है और यह चिंता का विषय है क्योंकि यह बता रहा है कि सेंसेक्स और निफ्टी अब ठोस जमीन पर नहीं खड़े हैं. ये कंपनियों के तीन साल आगे होने वाली कमाई को मानकर अभी से चल रहे हैं. ऊंचे वैल्यूएशन के अपने खतरे हैं और ऐसे में बाजार के धारशायी होने की संभावना बढ़ जाती है. अब हमारा शेयर बाजार उस ओर इशारा कर रहा है.
राजनीतिक अर्थव्यवस्था और अर्थव्यवस्था
मतलब साफ है कि तेजी से भागते बाजार को कभी भी ब्रेक लग सकता है और यह कभी भी औंधे मुंह गिर सकता है. कुछ एनालिस्ट मानते हैं कि अब बाजार के 10 से 25 प्रतिशत तक गिरने की संभावना बनती जा रही है क्योंकि यह ठोस जमीन पर खड़ा नहीं है.
एक बात और जो याद रखनी चाहिए कि शेयर बाजार अवधारणाओं या सेंटिमेंट पर चलते हैं. ये काफी आगे तक के फैक्टर को डिस्काउंट कर लेते हैं. इस बार भी ऐसा हो रहा है. देश में राजनीतिक स्थिरता है और अर्थव्यवस्था ‘वी’ शेप में ऊपर की ओर जा रही है. इसलिये भी निवेशक यहां पैसे लगा रहे हैं.
एक बात जो देखने की है और वह यह कि इस समय बीएसई या निफ्टी में बड़े पैमाने पर शेयर ऐसे हैं जो बढ़े ही नहीं, बढ़े तो नाम भर के ही जबकि उनकी कंपनियां काम अच्छा ही कर रही हैं. दूसरी ओर कुछ शेयर ऐसे हैं जो अपने अधिकतम पर हैं या फिर दोगुनी कीमत के हो गये हैं. यानी यह एक बड़ा विरोधाभास है.
बाजार अगर धराशायी होता है तो निवेशकों को भारी चोट पहुंचेगी और खलबली मच जाएगी, लेकिन समझदार निवेशकों के लिए एक सलाह है कि उस समय बाजार का दामन छोड़कर आप घाटा ही उठाएंगे. शेयर बाजार का इतिहास गवाह है कि जब यह बुरी तरह गिरता है तो उस समय ही बाद में आने वाली तेजी की नींव भी रखी जाती है. तब शायद थोड़ा यानी एकाध साल तक प्रतीक्षा करनी हो सकती हो सकती है. तेजी और उसके बाद मंदी, यह शेयर बाजार की नियति है.