प्रतिभूति और सामूहिक निवेश

क्या म्यूचुअल फंड में निवेश करना सुरक्षित है?
निवेश निधि की सुरक्षा उस संपत्ति के विकास पर निर्भर करती है जिसमें वे निवेश करते हैं। दूसरे शब्दों में, पोर्टफोलियो का मूल्य नीचे या ऊपर जाएगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि इसे बनाने वाली संपत्ति क्या करती है। अन्य मानदंड जो फंड के जोखिमों को प्रभावित कर सकते हैं, दूसरों के बीच, वह भौगोलिक क्षेत्र, जिसमें यह संदर्भित है, क्षेत्र, मुद्रा, या किसी के निवेश मानदंड से संबंधित अन्य विशिष्ट पहलू हैं। निश्चित पृष्ठभूमि।
कई प्रकार के निवेश फंड हैं, उनमें से अधिकांश एक विशिष्ट निवेशक प्रोफ़ाइल के उद्देश्य से हैं, इसलिए पूरे प्रस्ताव का अध्ययन करना और उस पर प्रतिभूति और सामूहिक निवेश निर्णय लेना सुविधाजनक है जो जरूरतों और इच्छाओं के लिए सबसे अच्छी प्रतिक्रिया देता प्रतिभूति और सामूहिक निवेश है। विशिष्ट निवेशक का.
निवेश कोष जोखिम
किसी भी वित्तीय उत्पाद में किसी न किसी तरह का जोखिम होता है। हालांकि, फंड एक अच्छा निवेश माध्यम है ताकि औसत निवेशक मध्यम या लंबी अवधि में रिटर्न प्राप्त कर सके लेकिन, यह जानना जरूरी है कि निवेश फंड की गारंटी नहीं है राज्य, जैसा कि बैंक जमा के साथ होता है, एक निश्चित राशि तक। हालांकि राष्ट्रीय प्रतिभूति बाजार आयोग इस प्रकार के सामूहिक निवेश संस्थानों पर नजर रखता है।
निवेश कोष में जोखिम धारणा
विभिन्न प्रकार के फंड के अनुसार जोखिम
हम देखते हैं कि निवेश फंड में अन्य उत्पादों की तुलना में अधिक जोखिम होता है। हालांकि, हम यह भी जानते हैं कि विभिन्न विशेषताओं वाले म्यूचुअल फंड कई प्रकार के होते हैं। इस कारण से, इन फंडों में से प्रत्येक में अधिक या कम जोखिम शामिल होता है जैसा कि आप किसी भी प्रतिभूति और सामूहिक निवेश पाठ्यक्रम में शेयर बाजार में निवेश करना या वित्तीय बाजारों में विशिष्ट प्रशिक्षण सीखने के लिए पता लगा सकते हैं।
फंड जो मुद्रा बाजार की संपत्ति में निवेश करते हैं
सिद्धांत रूप में, मुद्रा बाजार की संपत्ति में निवेश करने वाले फंडों में सीमित जोखिम होता है। वे अधिक लंबी अवधि के रिटर्न की पेशकश नहीं करते हैंओ, लेकिन दूसरी ओर वे केवल अल्पकालिक ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव से प्रभावित होते हैं।
फिक्स्ड इनकम फंड
अगला, कम जोखिम वाले फंड वे हैं जो निश्चित आय में निवेश करते हैं। इस तरह से समझना, विभिन्न राज्यों, एजेंसियों या कंपनियों द्वारा जारी किए गए बांड या बिल इन वित्तीय उत्पादों से जुड़े एक निश्चित आय कोष का जोखिम बाजार की अस्थिरता, रेटिंग में बदलाव से संबंधित है। बांड जारीकर्ता और मध्यम और दीर्घकालिक ब्याज दरों में संभावित बदलाव।
उपरोक्त के साथ, हमें क्रेडिट जोखिम पर विचार करना चाहिए यानी यह जोखिम कि बांड जारीकर्ता मूलधन और ब्याज के भुगतान का सामना नहीं कर पाएगा समाप्ति तिथि।खासकर जब फंड तथाकथित हाई-यील्ड बॉन्ड में निवेश करता है।
मिश्रित फंड
मिश्रित फंड के मामले में, जोखिम निश्चित आय और इक्विटी के संयोजन पर निर्भर करता है। आमतौर पर यह समझा जाता है कि परिवर्तनीय आय का अनुपात जितना अधिक होता है, इस प्रकार के फंड में निवेशक अधिक जोखिम लेता है।
इक्विटी फंड
ये वो फंड हैं जो सबसे ज्यादा रिटर्न देते हैं, लेकिन ये सबसे ज्यादा जोखिम वाले भी हैं, क्योंकि ये इक्विटी में निवेश करते हैं लिस्टेड कंपनियों के शेयर अस्थिर होते हैं, लेकिन ये ज्यादा हो सकते हैं लंबी अवधि में लाभदायक है, इसलिए लंबी अवधि के निवेश के लिए इस प्रकार के फंड की सिफारिश की जाती है।
अंत में, उल्लेख करें कि असाधारण स्थितियों में एक निश्चित तरीके से एक फंड में फंसना संभव है,क्योंकि प्रबंधक पैसे निकालने या बेचने की संभावना को फ्रीज कर सकता है शेयर, एक निश्चित समय के लिए, सभी प्रतिभागियों के हित को सुनिश्चित करते हुए।
सेबी ने ग्रीन बड्स की सामूहिक निवेश योजना को लेकर कार्रवाई की
मुंबई, (भाषा)। कर्नाटक में गलत तरीके से लोगों से 300 करोड़ रुपये जुटाने के मामले में कार्रवाई करते हुए बाजार नियामक सेबी ने ग्रीन बड्स एग्रो फार्म तथा उसके निदेशकों को इस प्रकार की योजनाएं चलाने से रोक दिया है। साथ ही उनसे संपत्ति और निवेशकों के बारे में ब्यौरा देने को कहा है। कंपनी को एक दंपत्ति मिलकर चला रही है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ःसेबीः ने ग्रीन बड्स के खिलाफ जांच शुरू की। नियामक को यह रिपोर्ट मिली थी कि कंपनी तथा उसके निदेशकों ने कर्नाटक में 6 लाख निवेशकों से 300 करोड़ रुपये जमा प्रतिभूति और सामूहिक निवेश किये हैं। निवेशकों में गांववाले तथा महिलाएं हैं। सेबी के अनुसार कंपनी अनाधिकृत `सामूहिक निवेश योजना' के जरिये लोगों से धन जुटा रही थी और इस पर 20 से 25 प्रतिशत ब्याज दर देने का वादा कर रही थी। बाजार नियामक ने 16 मई को दिये आदेश में कहा कि ग्रीन बड्स ने इस प्रकार की सामूहिक निवेश योजना चलाने के लिये कोई मंजूरी नहीं ली थी। कंपनी अवैध तरीके से लोगों से धन जुटा रही थी जो प्रथम दृष्ट्या धोखाधड़ी है। सेबी ने ग्रीन प्रतिभूति और सामूहिक निवेश बड्स तथा उसके निदेशकों. बेट्टाहल्ली रवीन्द्रनाथ लक्ष्मीगौड़ा, जयंती सुब्बरयप्पा तथा अन्य एसोसिएट अरूण प्रसाद. को निवेशकों से मौजूदा योजना के जरिये किसी प्रकार का धन संग्रह करने से प्रतिभूति और सामूहिक निवेश मना किया है। साथ ही किसी प्रकार की नई योजना शुरू करने से भी मना किया है। साथ ही संपत्ति और निवेशकों के बारे में ब्यौरा देने को कहा गया है।
कर्मभूमि कंपनी निवेशकों का पैसा तीन माह में लौटाए : सेबी
नई दिल्ली| पूंजीबाजार नियामक सेबी ने कर्मभूमि रियल एस्टेट और इसके निदेशकों से कहा है कि वह अवैध रूप से जुटाई गई धनराशि को तीन माह के भीतर निवेशकों को लौटा दे। सेबी ने इसके साथ ही कंपनी और इसके निदेशकों को चार साल के लिए पूंजी बाजार में जाने से भी रोक लगा दी। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की जांच में पाया गया कि कंपनी नियामकीय मंजूरी लिए बिना ही सामूहिक निवेश योजना चला रही थी। कंपनी निवेशकों से कृषि भूमि की खरीद फरोख्त योजना के तहत निवेशकों से धन जुटा रही थी।
सेबी ने 30 नवंबर के अपने आदेश प्रतिभूति और सामूहिक निवेश में कहा, कंपनी चूंकि बिना पंजीकरण के ही सामूहिक निवेश योजनाएं चला रही थी इसलिए उसे यह निर्देश देना जरूरी हो जाता है कि वह निवेशकों से जुटाया धन जरूरी ब्याज सहित लौटाए।
PACL Chit Fund Refund: PACL निवेशक ध्यान दें! ठप रहेगा रिफंड प्रोसेस, अगले 5 दिन काम नहीं करेगा पोर्टल
SEBI की एक हाई अथॉरिटी कमिटी ने बुधवार को बताया है कि तकनीकी दिक्कतों के कारण PACL निवेशकों के लिए ‘रिफंड पोर्टल’ पांच दिन तक ‘ठप’ रहेगा. यह समिति ही पीएसीएल निवेशकों की उनका पैसा वापस लौटाने की प्रक्रिया देख रही है.
PACL Chit Fund Refund Latest News 2022: PACL निवेशकों को 1 नवंबर, 2022 से रिफंड ऐप्लीकेशन में संशोधन करने का मौका मिलना शुरू हुआ है, लेकिन तकनीकी गड़बड़ियों के चलते अगले पांच दिनों के लिए उनका कोई काम नहीं हो पाएगा. भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (Securities and Exchange Board) की एक हाई अथॉरिटी कमिटी ने बुधवार को बताया है कि तकनीकी दिक्कतों के कारण PACL निवेशकों के लिए ‘रिफंड पोर्टल’ पांच दिन तक ‘ठप’ रहेगा. यह समिति ही पीएसीएल निवेशकों की उनका पैसा वापस लौटाने की प्रक्रिया देख रही है.
सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति आर एम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली समिति निवेशकों की पुष्टि करने के बाद संपत्तियों के निपटान के जरिये उनका पैसा लौटाने की प्रक्रिया देख रही प्रतिभूति और सामूहिक निवेश है. समिति कई चरणों में रिफंड की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर चुकी है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 2016 में सेबी ने इस समिति प्रतिभूति और सामूहिक निवेश का गठन किया था.
समिति ने अक्टूबर में 15,000 रुपये तक के दावों वाले निवेशकों के लिए एक ‘सुविधा’ तैयार की थी. यह सुविधा उन निवेशकों के लिए थी जिनके आवेदनों में कुछ कमी रह गई थी. ये निवेशक sebipaclrefund.co.in पोर्टल पर इन खामियों को दुरुस्त कर सकते हैं. यह सुविधा एक नवंबर, 2022 से शुरू होकर 31 जनवरी, 2023 तक उपलब्ध कराई गई थी. सेबी की वेबसाइट पर जारी बयान के मुताबिक, ‘‘तकनीकी दिक्कतों के कारण रिफंड पोर्टल पर पांच दिन तक आवेदन दोबारा जमा नहीं किए जा सकेंगें.’’
क्या है पूरा मामला?
Pearl Group के नाम से भी जानी जाने वाली PACL ने कृषि और रियल एस्टेट व्यवसाय के नाम पर धन जुटाया था. सेबी ने पाया था कि कंपनी ने 18 साल की अवधि में एक गैरकानूनी सामूहिक निवेश योजना (CIS) के जरिये 60,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटाई थी. आरोप है कि पर्ल्स ने निवेशकों से पैसा जुटाने के लिए उन्हें आकर्षक ब्याज दर की पेशकश की, जबकि एजेंट को तगड़ा कमीशन दिया. ऐसे में ब्याज और कमीशन के लालच में बड़ी संख्या में लोगों ने अपना पैसा लगा दिया.
मार्केट रेगुलेटर SEBI ने दिसंबर, 2015 को PACL और उसके नौ प्रवर्तकों समेत निदेशकों की सभी संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया था, जो कि निवेशकों के पैसे वापस करने में फेल रहे थे.