स्टॉक ट्रेड

स्टॉक ट्रेड
किसी भी न्यूज़ या इवेंट के कारण प्राइस ऍक्शन और अस्थिरता के आधार पर ट्रेडिंग को न्यूज़ या इवेंट बेस्ड ट्रेडिंग के रूप में जाना जाता है। न्यूज़ या इवेंट या तो निर्धारित होते है या अचानक हो सकते हैं। अनुसूचित समाचार पहले से ही नियोजित होते स्टॉक ट्रेड हैं, जबकि अचानक आने वाले न्यूज़ इवेंट्स अनिर्धारित या अनियोजित होते हैं। एक अनुसूचित घटना पर उचित उम्मीदों के साथ ट्रेड कर सकते हैं, लेकिन अनिर्धारित न्यूज़ या इवेंट्स पर ट्रेड करना बहुत मुश्किल है क्योंकि वो स्पष्टीकरण के अधीन हैं।
समाचार और घटनाएँ ग्लोबल या डोमेस्टिक हो सकती हैं। ग्लोबल न्यूज़ दुनिया भर के मार्केट्स को प्रभावित कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, 2008 के सबप्राइम मॉर्गेज क्राइसिस ने दुनिया भर के मार्केट्स को झटका दिया था। डोमेस्टिक न्यूज़ इवेंट्स जैसे चुनाव परिणाम का स्थानीय प्रभाव हो सकता है।
न्यूज़ या इवेंट्स का व्यापक वर्गीकरण
कॉर्पोरेट: कॉर्पोरेट न्यूज़ या इवेंट्स कंपनी विशिष्ट होते हैं। यह एक प्रोडक्ट, मर्जर और एक्वीजीशन, डिमर्जर, अर्निंग्स आदि का शुभारंभ हो सकता है। तिमाही अर्निंग्स जैसे इवेंट्स निर्धारित किए जाते हैं क्योंकि एक्सचेंजों को इसके बारे में सूचित करना होता है। तिमाही अर्निंग्स के परिणाम का काफी अनुमान लगाया जा सकता है और उसके अनुसार ट्रेडों की योजना बनाई जा सकती है। हालांकि, कुछ अनिर्धारित कॉर्पोरेट इवेंट्स या अनाउंसमेंट हैं जो स्टॉक प्राइस पर प्रभाव का अनुमान लगाने में चुनौतियों का सामना कर सकती हैं।
डेटा संचालित: ये अनुसूचित इवेंट्स हैं जैसे कि रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (आरबीआई) की द्वि-मासिक पॉलिसी रिव्यु, इंफ्लेशन जैसे डेटा जारी करना, ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट्स (जीडीपी) में वृद्धि जैसे तिमाही मैक्रो संकेतक, रोजगार डेटा इत्यादि। ये डेटा पॉइंट्स ट्रेडों के लिए तदनुसार योजना बनाने की अनुमति देते हैं। हालांकि, कई बार मैक्रो इंडिकेटर्स मार्केट को चौंका सकते हैं। अप्रत्याशित की उम्मीद करने के बारे में सावधान रहना होगा। उदाहरण के लिए, विशेष रूप से अमेरिका में प्रकाशित कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस इन्वेंटरी जैसी रिपोर्टों के दौरान, इन मार्केट्स और इन ऊर्जा वस्तुओं की कीमतों में उस समय के आसपास अत्यधिक अस्थिरता पाई जा सकती है। कई वेबसाइट इकनॉमिक कैलेंडर देती हैं जिसमें वे तिथियां होती हैं जिन पर विभिन्न इकनॉमिक डेटा जारी होने की उम्मीद होती है।
पॉलिसीस: मैक्रो-इकोनॉमिक न्यूज़ जैसे पॉलिसीस में बदलाव या नई नीतिगत पहल, टैक्सेशन इंडस्ट्रियल पॉलिसीस में बदलाव जो आम तौर पर देश में सभी को प्रभावित करते हैं। उन्हें विशेष उद्योगों तक ही सीमित रखा जा सकता है।
उदाहरण के लिए, बजट में लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट पर कॅपिटल गेन्स टॅक्स की घोषणा स्टॉक की कीमतों को प्रभावित कर सकती है। इसी तरह, 20 वर्षों में वाहनों को स्क्रैप करने जैसी पॉलिसीस पर सरकार का निर्णय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को प्रभावित कर सकता है। जिससे नए वाहनों की मांग बढ़ेगी और ऑटोमोबाइल सेक्टर को मदद मिलेगी।
जिओपोलिटिकल: जिओपोलिटिकल इवेंट्स का दुनिया भर के मार्केट्स पर भारी प्रभाव पड़ सकता है। वे ग्लोबल इवेंट्स की रेंज हैं जिनमें युद्ध, संघर्ष, जलवायु परिवर्तन, प्रवास और ब्रेक्सिट स्टॉक ट्रेड जैसी प्रमुख पॉलिटिकल इवेंट्स शामिल हो सकती हैं।
ब्लैक स्वान इवेंट्स : वे अप्रत्याशित, नकारात्मक और दुर्लभ इवेंट्स हैं जिनके गंभीर परिणाम होते हैं। कई लोग कोविड-19 को एक काले हंस की घटना मानते हैं, हालांकि उस दृष्टिकोण को ब्लैक स्वान की अवधारणा पेश करने वाले सांख्यिकीविद् नसीम निकोलस तालेब ने चुनौती दी है। ब्लैक स्वान के समय में ट्रेडिंग करना वास्तव में चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
न्यूज़ और इवेंट्स के आधारित ट्रेडिंग
- न्यूज़ या इवेंट्स पर ट्रेडिंग करने के लिए अनुभव और स्टॉक पर उनके प्रभाव को समझने की क्षमता की आवश्यकता होती है
- न्यूज़ से लाभ उठाने में सक्षम होने के लिए न्यूज़ की सही व्याख्या करने में सक्षम होना चाहिए
- सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमें इस बात पर विचार करने की आवश्यकता है कि क्या न्यूज़ को पहले ही कीमत में शामिल कर लिया गया है या यदि कीमत में बदलाव के लिए और जगह बाकि है
ऐसे कई तरीके हैं जिनसे न्यूज़ का ट्रेड किया जा सकता है लेकिन आइए हम दो व्यापक तरीकों पर टिके रहें:
दिशात्मक ट्रेड : इस ट्रेड में, न्यूज़ से सकारात्मक अपेक्षा के आधार पर कीमत बढ़ती है। जैसे ही खबर आती है, कीमत बढ़ती रहती है, और जब खबर कन्फर्म होती है, तो इस ट्रेंड की पुष्टि भी होती है। यह नकारात्मक न्यूज़ के विपरीत है।
रिवर्सल ट्रेड: इस ट्रेड में सकारात्मक खबर की उम्मीद से शेयर की कीमत ऊपर होती है। हालाँकि, जैसे ही न्यूज़ आती है, कीमत गति को जारी रखने में विफल रहती है। यह या तो एक विशेष सीमा में रहता है या तेजी से नीचे जाने लगता है। कोई भी यहां अपना लॉन्ग ट्रेड बुक कर सकता है और शॉर्ट के लिए जा सकता है। यह नकारात्मक न्यूज़ के विपरीत है।
न्यूज़ ट्रेडिंग में प्रमुख पॉइंट्स में से एक आपके स्टॉप लॉस का स्थान है। न्यूज़ का एक पार्ट हमेशा अस्थिरता को ट्रिगर करता है जिसके परिणामस्वरूप तेज कीमतों में उतार-चढ़ाव होता है। यदि कोई स्टॉप लॉस नहीं रखता है तो उसे नुकसान उठाना पड़ सकता है।
फायदे और नुकसान
फायदे : यदि यह एक नियमित डेटा-संचालित या एक नियोजित कॉर्पोरेट घटना है तो ट्रेड की योजना बनाई जा सकती है । ट्रेड को एंट्री, एग्जिट और स्टॉप लॉस से ही प्लान किया जा सकता है। एक ही दिन में कई ट्रेड के अवसर संभव हैं।
नुकसान: न्यूज़ स्टॉक ट्रेड बेस्ड ट्रेडिंग में रिस्क भी होती हैं। रातोंरात पोजीशन लेना जोखिम भरा है क्योंकि खबर नकली हो सकती है या इसकी पुष्टि नहीं हो सकती है। जैसे ही न्यूज़ प्रवाह के साथ अस्थिरता का निर्माण शुरू होता है, बिड/आस्क स्प्रेड का परिणाम बड़े पैमाने पर हाई इंपैक्ट कॉस्ट में हो सकता है। ट्रेडर को ट्रेड दक्षिण की ओर जाते ही उससे बाहर निकलने के लिए कुशल और फुर्तीला होना चाहिए।
क्या शेयरों के ट्रेड-टू-ट्रेड सेगमेंट के बारे में जानते हैं आप?
ट्रेड-टू-ट्रेड (T2T) एक ऐसा सेगमेंट है जहां शेयर केवल अनिवार्य डिलीवरी के आधार पर ट्रेड किए जा सकते हैं.
ट्रेड-टू-ट्रेड (T2T) एक ऐसा सेगमेंट है जहां शेयर केवल अनिवार्य डिलीवरी के आधार पर ट्रेड किए जा सकते हैं. इसका मतलब यह है कि ट्रेड-टू-ट्रेड शेयर की इंट्राडे ट्रेडिंग नहीं हो सकती है. इस सेगमेंट के हर एक खरीदे/बेचे गए शेयर की पूरा पेमेंट देकर डिलीवरी लेनी पड़ती है. इस सेगमेंट में उपलब्ध शेयरों का निपटान ट्रेड-टू-ट्रेड आधार पर किया जाता है.
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के चंदन तपाड़िया कहते हैं, "T2T सेगमेंट में इंट्राडे ट्रेडिंग की अनुमति नहीं है. शेयरों की डिलीवरी लेना और उनका पूरा भुगतान जरूरी होता है."
2. T2T सेगमेंट में शेयर के जाने का पैमाना क्या है?
सेबी के साथ विचार-विमर्श के बाद स्टॉक एक्सचेंज किसी शेयर को T2T सेगमेंट में डालने या उससे निकालने का फैसला करते हैं. स्टॉक एक्सचेंज और सेबी की वेबसाइटों पर इसके पैमाने लिस्ट हैं. इसकी समय-समय पर समीक्षा होती है. समीक्षा के दिन प्रतिभूति को कम से कम 22 कारोबारी दिनों के लिए 5 फीसदी के प्राइस फिल्टर बैंड में होना चाहिए. इस मापदंड को न पूरा करने पर शेयर 'T'सेगमेंट में नहीं जा सकता है.
3. क्या T2T सेगमेंट से बाहर आकर शेयर दोबारा सामान्य तरह से ट्रेड कर सकता है?
बिल्कुल. शेयर T2T सेगमेंट से बाहर आ सकता है. एक्सचेंज और सेबी के दिशानिर्देशों के अनुसार इसमें सामान्य तरह से ट्रेडिंग शुरू हो सकती है.
4. कौन-से शेयर अभी T2T सेगमेंट में हैं?
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के अनुसार, अभी Atlas Cycle, Tree House, Punj Lloyd, Rolta और Melstar जैसे शेयर T2T सेगमेंट में हैं.
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लुढ़के RIL, Maruti जैसे शेयर, वोलेटाइल ट्रेड में फ्लैट रहा बाजार
इससे पहले गुरुवार को सेंसेक्स 770.48 अंक (1.29 फीसदी) गिरकर 58,766.59 अंक पर बंद हुआ था. निफ्टी 216.50 अंक (1.22 फीसदी) के नुकसान के साथ 17,542.80 अंक पर रहा था. बुधवार को बाजार में कोई कारोबार नहीं हुआ था. गणेश चतुर्थी के कारण बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी पर ट्रेड बंद था. इससे पहले मंगलवार को बाजार में शानदार रैली देखने को मिली थी.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 02 सितंबर 2022,
- (अपडेटेड 02 सितंबर 2022, 3:55 PM IST)
Stock Market Today: ग्लोबल मार्केट में मिले-जुले रुख के बीच घरेलू बाजार के ऊपर अभी भी प्रेशर बना हुआ है. घरेलू बाजार ने एक दिन पहले आई बड़ी गिरावट के बाद आज शुक्रवार को कारोबार की शुरुआत तो बढ़त के साथ की, लेकिन प्रेशर से उबरने में नकामयाब रहा. दोनों प्रमुख सूचकांक बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) और एनएसई निफ्टी (NSE Nifty) आज के वोलेटाइल कारोबार के बाद लगभग स्थिर बंद हुए.
प्री-ओपन सेशन में हल्की तेजी
घरेलू बाजार प्री-ओपन सेशन (Pre-Open Session) में थोड़ी रिकवरी करने में सफल रहा था. प्री-ओपन सेशन में सेंसेक्स करीब 200 अंक की बढ़त के साथ 58,970 अंक के पास कारोबार कर रहा था. एनएसई निफ्टी करीब 55 अंक मजबूत होकर 17,600 अंक के पास कारोबार कर रहा था. वहीं, सिंगापुर में एसजीएक्स निफ्टी (SGX Nifty) का फ्यूचर कांट्रैक्ट सुबह के नौ बजे मामूली 4 अंक गिरकर 17,564.5 अंक पर कारोबार कर रहा था. इससे संकेत मिल रहा था कि घरेलू बाजार आज कारोबार की फ्लैट शुरुआत कर सकता है. सुबह के 09:20 बजे सेंसेक्स करीब 170 अंक की बढ़त के साथ 58,936 अंक के पास कारोबार कर रहा था था. वहीं निफ्टी लगभग 45 अंक मजबूत होकर 17,580 अंक के पास कारोबार कर रहा था.
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दिन के कारोबार के दौरान बाजार वोलेटाइल रहा. सेंसेक्स की बात करें तो एक समय यह 200 अंक से ज्यादा के नुकसान के साथ 58,558.64 अंक तक गिर गया था. हालांकि सेशन समाप्त होने से पहले इसने कुछ रिकवरी की. कारोबार समाप्त होने के बाद सेंसेक्स मामूली 36.74 अंक (0.06 फीसदी) की तेजी के साथ 58,803.33 अंक पर बंद हुआ. वहीं दूसरी ओर निफ्टी 3.35 अंक (0.019 फीसदी) गिरकर 17,539.45 अंक पर बंद हुआ. सेंसेक्स की कंपनियों में मारुति और रिलायंस के शेयर सबसे ज्यादा नुकसान में रहे. दोनों के शेयरों में आज 1.19 फीसदी की गिरावट आई. इंडसइंड बैंक भी 01 फीसदी से ज्यादा के नुकसान में रहा.
पिछले सप्ताह से प्रेशर में बाजार
इससे पहले गुरुवार को सेंसेक्स 770.48 अंक (1.29 फीसदी) गिरकर 58,766.59 अंक पर बंद हुआ था. निफ्टी 216.50 अंक (1.22 फीसदी) के नुकसान के साथ 17,542.80 अंक पर रहा था. बुधवार को बाजार में कोई कारोबार नहीं हुआ था. गणेश चतुर्थी के कारण बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी पर ट्रेड बंद था. इससे पहले मंगलवार को बाजार में शानदार रैली देखने को मिली थी. मंगलवार को कारोबार समाप्त होने के बाद सेंसेक्स 1564.45 अंक (2.70 फीसदी) चढ़कर 59,537.07 अंक पर बंद हुआ था. इसी तरह निफ्टी 446.40 अंक (2.58 फीसदी) मजबूत होकर 17,759.30 अंक पर बंद हुआ था.
सोमवार को घरेलू बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली थी. कारोबार समाप्त होने के बाद सेंसेक्स 861.25 अंक (1.46 फीसदी) गिरकर 57,972.62 अंक पर और निफ्टी 246 अंक (1.40 फीसदी) लुढ़ककर 17,312.90 अंक पर बंद हुआ था. घरेलू बाजार पिछले सप्ताह से ही प्रेशर में है. पिछले सप्ताह के दौरान सेंसेक्स में 812 अंक से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली थी. साप्ताहिक आधार पर देखें तो सेंसेक्स करीब 30 अंक के नुकसान में रहा.
ग्लोबल मार्केट में मिला-जुला रुख
बुधवार को अमेरिकी बाजार में मिला-जुला रुख देखने को मिला. डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज (Dow Jones Indutrial Average) 0.46 फीसदी की तेजी स्टॉक ट्रेड के साथ बंद हुआ था. वहीं टेक फोकस्ड इंडेक्स नास्डैक कंपोजिट (Nasdaq Composite) में 0.26 फीसदी की गिरावट रही थी. वहीं एसएंडपी 500 में (S&P 500) 0.30 फीसदी की तेजी देखने को मिली थी. आज शुक्रवार के कारोबार में एशियाई बाजार भी मिक्स्ड हैं. जापान का निक्की (Nikkei) स्टॉक ट्रेड 0.21 फीसदी के घाटे में कारोबार कर रहा है. वहीं हांगकांग के हैंगसेंग (Hangseng) में 0.62 फीसदी की गिरावट आई हुई थी. चीन का शंघाई कंपोजिट (Shanghai Composite) 0.21 फीसदी की तेजी में है.
ट्रेड Nikkei (225),स्टॉक मार्केट इंडेक्स
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फिक्स्ड स्प्रेड इन पिप्स | 300 | 300 | 300 |
Floating Spread in pips | 300 | 300 | 150 |
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