लिक्विड फंड्स क्या हैं?

लिक्विड फंड्स मेंइनली कमर्शल पेपर्स, कॉर्पोरेट एफडीस, टिबिल्स, शॉर्ट लिक्विड फंड्स क्या हैं? टर्म बॉन्ड्स इन सब चीजों में ही निवेश करते हैं। और क्योंकी इन चीजों में इंटरेस्ट पहले से फिक्स होता है। इस वजह से लिक्विड फंड्स में इक्विटी फंड्स की कंपैरिजन में रिस्क बहुत ही कम होता है।
लिक्विड फंड्स क्या हैं?
अस्वीकरण :
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Liquid Funds क्या है?
तीसरा पॉइंट है कॉस्ट यानी एक्सपेंस रेशियो। दोस्तो एक्सपेंस रेशियो वो कोस्ट होता है जो म्यूचुअल फंड हमसे ईयरली हमारे पैसों को मैनेज करने के लिए लेती है और क्योंकि Liquid Funds के रिटर्न इक्विटी फंड के रिटर्न से बहुत कम होते हैं।
इस वजह से हमें उन Liquid Funds में ही निवेश करना चाहिए जिसका एक्सपेंस रेशियो सबसे कम हो। क्योंकि हम एक्सपेंस रेशियो जितना कम फीस देंगे वो हमारे रिटर्न्स में ही add होगा। जनरली लिक्विड फंड के एक्सपेंस रेशियो 0.1 परसेंट से लेकर 0.5 परसेंट तक होते हैं। और किसी भी फंड में निवेश करने से पहले चाहे वो लिक्विड फंड हो या इक्विटी फंड या कोई और हम एक्सपेंस रेशियो जरूर देखना चाहिए।
इनवेस्टमेंट होराइजन
चौथा प्वाइंट है इनवेस्टमेंट होराइजन यानी कि हम कितने टाइम के लिए इनवेस्टमेंट करना चाहते हैं। दोस्तो Liquid Funds में अक्सर वैसे पैसे इन्वेस्ट करना चाहिए जिसकी जरूरत हमें एक साल में होगी। यानी हमने जैसा बताया कि Liquid Funds को हमें लिक्विड फंड्स क्या हैं? एक सेविंग फंड या इमरजेंसी फंड के फॉर्म में यूज करना चाहिए।
पर्सनल फाइनेंस: सेविंग अकाउंट में पड़े पैसे को छोटी अवधि के लिए लिक्विड फंड में करें निवेश, मिलेगा शानदार रिटर्न
हमारे देश में ज्यादातर लोगों पर सेविंग अकाउंट रहता ही है जिसमे वो अपना अतिरिक्त बचा हुआ पैसा रखते हैं। कई बार हमें इस पैसे की जरूरत कुछ हफ्तों या महीनों तक नहीं होती है। ऐसी स्थिति में, हम आम तौर पर सेविंग बैंक अकाउंट में हमारे अतिरिक्त पैसों को रख देते हैं। लेकिन हमें लिक्विड फंड्स क्या हैं? इस पैसे पर कोई खास रिटर्न नहीं मिलता है। लेकिन अगर आप चाहें तो अपने इस पैसे को लिक्विड फंड में निवेश करके ज्यादा फायदा कमा सकते हैं। आज हम आपको बता रहे हैं कि अपने अतिरिक्त पैसे को लिक्विड फंड या सेविंग अकाउंट में से कहां रखना सही रहेगा।
लिक्विड फंड क्या है?
लिक्विड फंड एक तरह के म्यूचुअल फंड हैं। ये गवर्नमेंट सिक्योरिटीज, सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट, ट्रेजरी बिल्स, कॉमर्शियल पेपर्स और दूसरे डेट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं। ये ऐसे फंड होते हैं, जिनमें 91 लिक्विड फंड्स क्या हैं? दिन तक मेच्योरिटी पीरियड यानी छोटी अवधि के लिए भी निवेश किया जा सकता है। इनमें जोखिम भी कम होता है। इस फंड में सेविंग्स अकाउंट से ज्यादा ब्याज मिल जाता है। हालांकि आप चाहें तो 91 दिन से पहले भी पैसा निकल सकते हैं। जरूरत पर लिक्विड फंड को एक दिन के अंदर ही कैश कराया जा सकता है।
4 साल में दोगुना तक लिक्विड फंड्स क्या हैं? हो जाएगा आपका पैसा, जानिए कहां करें इनवेस्ट
यदि आप 5 साल से कम समय के लिए निवेश करना चाहते हैं तो डेब्ट फंड में 1 लाख रुपये निवेश करने पर विचार करें। डेब्ट फंड, बैंक एफडी की तुलना में अधिक टैक्स कुशल है और यह ज्यादा रिटर्न भी देते हैं।
आदिल शेट्टी,
नोटबंदी के बाद सेविंग अकाउंट और फिक्स्ड डिपोजिट (एफडी) की दरों में गिरावट आने से म्यूचुअल फंड्स में लोगों की दिलचस्पी काफी बढ़ गई है। नोटबंदी के बाद ज्यादातर लोगों ने अपने सेविंग और करंट बैंक अकाउंट में इतना पैसा जमा कर दिया है कि बैंकों के पास नकदी का ज्यादा हो गई है। इसलिए बैंकों ने सेविंग बैंक (एसबी) और एफडी दरों में कटौती कर दी है। यहां तक कि छोटी-मोटी बचत योजनाओं में भी कम ब्याज मिल रहा है, जिससे लोग ज्यादा रिटर्न पाने की चाह में म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने लगे हैं। सरकार समर्थित अभियान ‘म्यूच्यूअल फंड्स सही है’ के कारण भी म्यूचुअल फंड्स में निवेश बढ़ा है।
रिस्क न लेने वाले निवेशकों के लिए म्यूचुअल फंड्स
लिक्विड फंड्स क्या हैं?
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