एक मुद्रा कैरी ट्रेड की मूल बातें

विदेशी मुद्रा व्यापार

विदेशी मुद्रा व्यापार
इस पहल के तहत, भारतीय आयातक (importers) रुपये में भुगतान करेंगे, जिसे भागीदार देश के कॉरेसपोंडेट बैंक के वोस्ट्रो अकाउंट में जमा किया जाएगा. इसी तरह, भारतीय निर्यातकों (exporters) को भागीदार देश के वोस्ट्रो अकाउंट में शेष राशि से निर्यात आय का भुगतान रुपये में किया जाएगा.

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विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति

विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (१९९९) अथवा संक्षेप में फेमा पूर्व में विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम (फेरा) के प्रतिस्थापन के रूप में शुरू किया गया है । फेमा ०१ जून, २००० को अस्तित्व में आया । विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (१९९९) का मुख्य उद्देश्य बाहरी व्यापार तथा भुगतान को सरल बनाने के उद्देश्य तथा भारत में विदेशी मुद्रा बाजार के क्रमिक विकास तथा रखरखाव के संवर्धन विदेशी मुद्रा व्यापार के लिए विदेशी मुद्रा से संबंधित कानून को समेकित तथा संशोधन करना है । फेमा भारत के सभी भागों के लिए लागू है । यह अधिनियम भारत के बाहर की स्वामित्व वाली अथवा भारत के निवासी व्यक्ति के नियंत्रण वाली सभी शाखाओं, कार्यालयों तथा एजेन्सियों के लिए लागू है ।. और अधिक

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दुनियाभर के बिजनेस को लुभाने के लिए RBI ने चली नई चाल

दुनियाभर के बिजनेस को लुभाने के लिए RBI ने चली नई चाल

केंद्रीय बैंक के अनुसार, इस कदम से भारत से निर्यात को गति मिलेगी. दुनियाभर में भारतीय बिजनेस का डंका बजेगा. इसके साथ ही घरेलू मुद्रा में वैश्विक व्यापारिक समुदाय की बढ़ती रुचि का समर्थन मिलेगा. RBI ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब डॉलर के मुकाबले रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर है.

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India - RBI) ने सोमवार को घरेलू व्यापारियों के लिए आयात और निर्यात (Import-Export) का निपटान "रुपये" में करने की व्यवस्था की घोषणा की. विशेषज्ञों ने इसका उद्देश्य प्रतिबंधों से प्रभावित रूस के साथ व्यापार को सुविधाजनक बनाना बताया है.

ईडी विदेशी मुद्रा व्यापार ने विदेशी मुद्रा कारोबार कंपनी की 21.14 करोड़ विदेशी मुद्रा व्यापार रुपये जमा को किया जब्त

विदेशी मुद्रा विनिमय प्रबंध अधिनियम (फेमा) के प्रावधानों के तहत इन इकाइयों के खिलाफ तलाशी अभियान चलाए जाने के बाद ईडी ने यह कदम उठाया है। इस कंपनी की पहचान ऑक्टाएफएक्स की भारतीय शाखा के तौर पर की गई है।

यह कंपनी ऑक्टाएफएक्स ट्रेडिंग नाम से एक ऐप के अलावा एक वेबसाइट का संचालन भी करती है। इससे जुड़ी इकाइयों पर क्रिप्टो मुद्राओं में कारोबार करने का भी आरोप है।

ईडी ने एक बयान में कहा कि कंपनी के खिलाफ शुरू की गई जांच में सामने आया कि यह ऑनलाइन ट्रेडिंग ऐप और वेबसाइट भारत स्थित विदेशी मुद्रा व्यापार फर्म ऑक्टाएफएक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर भारत में परिचालन कर रही थी।

जांच एजेंसी ने कहा, ‘‘विदेशी मुद्रा कारोबार के इस मंच का सोशल नेटवर्किंग मंचों पर काफी प्रोत्साहन किया जा रहा है। अपने मंचों पर उपयोगकर्ताओं को लाने के लिए प्रोत्साहन मॉडल भी चलाए जाते हैं। उपयोगकर्ताओं से इकट्ठा की जाने वाली राशि को डमी इकाइयों के जरिये भेज दिया जाता है।’’

विदेशी मुद्रा बाजार क्यों महत्वपूर्ण है?

विदेशी मुद्रा बाजार के बिना विश्व अर्थव्यवस्था ठप हो जाएगी, क्योंकि मुद्राओं की विनिमय दरों को निर्धारित करने के लिए पर्याप्त तंत्र नहीं होगा। इसके अलावा, इसके परिणामस्वरूप कुछ देशों ने बड़े पैमाने पर विनिमय दरों में हेरफेर किया है, जिससे विनिमय दर में बड़े असंतुलन पैदा हुए हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था.

इसलिए, भविष्य में, विदेशी मुद्रा बाजार की संभावनाएं बहुत बड़ी हैं। यह बाजार कभी भी रोमांचक नहीं रहेगा, निवेशकों के लिए बहुत सारे लाभदायक व्यापारिक अवसर पैदा करेगा।

अस्वीकरण

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US dollar का टूटेगा दबदबा! रुपये में विदेशी व्यापार को बढ़ावा देगी सरकार, कारोबारियों को मिलेंगे ये सारे फायदे

Alok Kumar

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: September 07, 2022 12:41 IST

US dollar vs rupee- India TV Hindi

Photo:FILE US dollar vs rupee

Highlights

  • घरेलू मुद्रा की गिरावट रोकने में भी मदद मिलेगी
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अहम मुद्रा बनाने में मदद मिलेगी
  • आयात के लिए डॉलर की मांग कम हो जाएगी

US dollar का दबदबा आने वाले दिनों में टूट सकता है। विदेशी मुद्रा व्यापार दरअसल, भारत सरकार विदेशी व्यापार में रुपये के इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए आज अहम बैठक करने जा रही है। इसमें वित्त मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के प्रतिनिधि समेत सभी प्रमुख बैंकों के अधिकारी शामिल होंगे। वित्तीय सेवा सचिव संजय मल्होत्रा बैठक की अध्यक्षता करेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार लेनदेन की अनुमति देने से व्यापार सौदों के निपटान के लिए विदेशी मुद्रा की मांग घटने के साथ घरेलू मुद्रा की गिरावट रोकने में भी मदद मिलेगी। इससे रुपये विदेशी मुद्रा व्यापार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लेनदेन के लिए अहम मुद्रा बनाने में मदद मिलेगी। इस समय भारत और रूस के बीच विदेशी मुद्रा व्यापार हो रहे व्यापार के बड़े हिस्से का लेनदेन रुपये में ही हो रहा है। आइए, जानते हैं कि रुपये में विदेशी व्यापार बढ़ने से कारोबारियों को क्या फायदे मिलेंगे।

भारत को क्‍या लाभ मिलेगा

विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना महामारी के बाद वैश्विक हालात बदले हैं। कई देश दिवालिया हो गए हैं तो कई फॉरेन एक्‍सचेंज रिजर्व की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसे में इन देशों के साथ भारत का व्‍यापार प्रभावित हो रहा है। रुपये में विदेशी व्यापार को बढ़ावा देने से इन देशों के साथ कारोबार बढ़ाने में मदद मिलेगी। भारतीय कारोबारी को बड़ा बाजार विदेशी मुद्रा व्यापार मिलेगा। इसके साथ ही द्विपक्षीय व्यापार में बैलेंस बनाने में इस प्रक्रिया से मदद मिल सकती है। रुपये में इनवॉयस और पेमेंट से ट्रांजैक्‍शन कॉस्‍ट और फॉरेन करेंसी में ट्रांजैक्‍शन से जुड़े मार्केट रिस्‍क भी कम होंगे। एक्सपोर्टर्स को रुपये की कीमत में मिले इनवॉयस के बदले एडवांस भी मिल सकेगा। वहीं, कारोबारी लेनदेन के बदले बैंक गारंटी के नियम भी FEMA (Foreign Exchange Management Act) के तहत कवर होंगे।

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