एक मुद्रा कैरी ट्रेड की मूल बातें

स्विंग ट्रैडिंग कैसे करे?

स्विंग ट्रैडिंग कैसे करे?
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Swing Trading कैसे करे – शेयर मार्किट में स्विंग ट्रेडिंग कर के 7 दिन में पैसे कैसे कमाए

शेयर मार्किट में कम समय के अन्दर अगर सबसे ज्यादा पैसे कमाने का अगर कोई तरीका है तो वो Swing Trading है . क्योंकि स्विंग ट्रेडिंग कि मदद से आप एक निर्धारित समय के अन्दर पैसे कमा सकते है .

लेकिन आपको स्विंग ट्रेडिंग की पूरी जानकारी होनी चाहिए वरना आप ट्रेडिंग करके पैसे नही कमा पाएंगे.

तो चलिए सबसे पहले जानते है स्विंग ट्रेडिंग क्या है ?.

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Swing Trading Kya Hai

स्विंग ट्रेडिंग क्या है: स्विंग ट्रेडिंग इंट्राडे और सकैलपिंग ट्रेडिंग से अलग है क्योंकि इंट्राडे या सकैलपिंग ट्रेडिंग में आप एक ही दिन के अंदर शेयर मार्केट में शेयर को खरीदने और बेचने का काम करते है.

लेकिन स्विंग ट्रेडिंग में ऐसा नही होता. स्विंग ट्रेडिंग में हम कम कीमत में शेयर को खरीद कर रख लेते है.

और शेयर की कीमत बढ़ जाने पर शेयर को बेच के पैसे कमाते है.

अगर आप स्विंग ट्रेडिंग के बारे में और भी विस्तार से जानना चाहते है तो उसके लिए हमारी नीचे दी गई पोस्ट पढ़े.

चलिए अब जानते है कि स्विंग ट्रेडिंग कैसे करते है?

Swing Trading Kaise Kare

स्विंग ट्रेडिंग कैसे करे: स्विंग ट्रेडिंग करने के लिए सबसे पहले आपको एक स्ट्रेटेजी बनानी होगी कि आप किस कंपनी के Share खरीदेंगे और कितने दिन तक के लिए ट्रेडिंग करेंगे .

तो सबसे पहले स्विंग ट्रेडिंग के लिए शेयर को चुनने कि स्ट्रेटेजी बनाना सीखते है ताकि हम आसानी से स्विंग ट्रेडिंग करना सीख सके.

Swing Trading Strategy in Hindi

स्विंग ट्रेडिंग रणनीति हिंदी में: सबसे पहले हमे एक ऐसे शेयर को चुनना है जिसमे उतार-चढाव आते रहते है. अब शेयर को चुनने के बाद शेयर कि कीमत पर नजर रखनी है और उस कंपनी से संबधित न्यूज़ पढनी है .

ताकि हम जान सके कि इस कंपनी के शेयर कि कीमत बढ़ेगी या घटेगी क्योंकि अगर एक बार यह पता चल जाता है तो हमारे लिए शेयर खरीदना आसान होगा .

अब मान लेते है कि हमे पता चला कि आज दिनांक से Reliance company के शेयर कि कीमत बढ़ेगी, तो हम आज कि कीमत में जितने जायदा हो सके Reliance company के शेयर ख़रीदे लेंगे .

लेकिन हमे पता चला कि आज कि दिनांक से शेयर कि कीमत घटेगी तो हम शेयर कि कीमत के घटने का इंतजार करेंगे ताकि हम कम से कम कीमत पर reliance कंपनी के शेयर को खरीद सके .

चलिए आब जानते है कि स्विंग ट्रेडिंग कैसे करे ?

Swing Trading in HIndi

स्विंग ट्रेडिंग हिंदी में: स्विंग ट्रेडिंग को करने के लिए सबसे पहले हमे शेयर को खरीदना होगा और शेयर को खरीदने के लिए हम अपने ट्रेडिंग अकाउंट में जाकर शेयर को खरीदने का order लगा सकते है .

मान लेते है कि हम जिस कंपनी के शेयर पर स्विंग ट्रेडिंग करने वाले है उस कंपनी के शेयर कि कीमत आज कि दिनांक में 135 रूपए प्रति शेयर है जो कि आने वाले कुछ दिनों में बढ़ने वाली है .

हमारे अनुमान से शेयर कि कीमत 10 रूपए प्रति शेयर तक बढ़ेगी . तो आब हम शेयर को 135 रूपए प्रति शेयर कि कीमत पर खरीद लेंगे और इसके बाद ख़रीदे स्विंग ट्रैडिंग कैसे करे? गए शेयर पर 145 रूपए प्रति शेयर कि कीमत का target लगा देंगे .

इसके बाद अब हम Stop Loss लगायेंगे ताकि हमे नुकसान न हो. तो हमने 5 रूपए नीचे यानि 130 रूपए प्रति शेयर पर stop loss लगा दिया ताकि अगर शेयर कि कीमत हमारे ख़रीदे गए शेयर कि कीमत से घट कर 130 रूपए शेयर पहुचे तो शेयर अपने आप बिक जाये और ज्यादा नुकसान न हो .

अगर आप stop loss के बारे में नहीं जानते तो हमारी नीचे दी गई पोस्ट पढ़े उसमे आपको stop loss के बारे में विस्तार से जानकारी मिलेगी .

Stop loss और Target लगाने के बाद अब हम रोज शेयर कि कीमत में हो रहे बदलाब को देखेगें ताकि हमे पता चल सके कि शेयर कि कीमत बढ़ेगी या घटेगी .

क्योंकि स्विंग ट्रेडिंग का सबसे बड़ा फायेदा यही है कि इसमें हमको ट्रेडिंग करने के लिए मन चाहे दिन मिलते है इसमें हमे इंट्राडे और स्कैल्पिंग ट्रेडिंग कि तरह एक ही दिन के अन्दर खरीदना और बेचना नहीं करना पढता .

अब मान लीजिये आपको लगता है कि आपने जो शेयर ख़रीदे है उसकी कीमत 150 रूपए प्रति शेयर तक जायगी तो आप अपने टारगेट को 145 रूपए प्रति शेयर से हटाकर 150 रूपए प्रति शेयर कर सकते है .

इस तरह आप कई दिन तक शेयर कि कीमत को बड़ा व् घटा कर ज्यादा मुनाफा कमा सकते है .

आपको हमारी यह पोस्ट स्विंग ट्रेडिंग कैसे करे अगर अच्छी लगी तो इस पोस्ट को अपने दोस्तों और परिवार के लोगों के साथ शेयर करे ताकि उन्हें भी मदद मिल सके .

अगर आपके मन में Swing Trading Kya Hai से जुड़े कोई सवाल है जो आप हमे पूछना चाहते है तो आप “सवाल पूछे” बटन को दावा कर अपने सवाल को पूछ सकते है .

Swing Trading कैसे करे | Swing Trading Strategies in Hindi

आज के इस लेख में हम आपको Swing trading in Hindi, Swing trading strategy in Hindi आदि के बारे में पूरी जानकारी दी है। जिस किसी को नहीं पता है की स्विंग ट्रेडिंग क्या है ? उसे इस लेख को पूरा पढ़ना चाहिए। लंबे समय के निवेश के लिए अधिक रिटर्न मिलता है लेकिन इंतजार भी अधिक करना होता है । कई बार तो 4–5 वर्ष का इंतजार भी करना होता है। इसमें रिस्क रेश्यो भी कम होता है लेकिन निवेश के लिए अधिक पैसों की जरूरत होती है।

स्विंग ट्रैडिंग क्या है [What is Swing Trading in Hindi]

स्विंग ट्रेडिंग के केवल एक ही उद्देश है की शेयर की कीमत को गिराबट या बढ़ोतरी को देखकर अपनी पोजीशन को होल्ड करना होता है। इसका समय 24 घंटे से लेकर कुछ हफ्तों और तक का होता है। लेकिन लंबे समय के निवेशों में अधिक

मुनाफा कमाने के लिए अधिक समय तक इंतजार करना होता है। Swing trading के माध्यम से निवेशक छोटे–छोटे मुनाफा प्राप्त करते है क्योंकि कम अवधि में अच्छा मुनाफा कमा सकते है। मार्किट में शेयर की कीमत का अनुमान लगाने के लिए ज्यादातर सभी ट्रेडर टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग करते है जिससे हमे शेयर की सही स्थिति का अनुमान लग जाता है।

स्विंग ट्रैडिंग कैसे करे [Swing trading strategy in Hindi ]

Swing trading करने के लिए आपको सबसे पहले अकाउंट खोलना होगा। कुछ कंपनियां डेमो अकाउंट भी देती है जिसके उपयोग से ट्रेडिंग को समझने में आसानी होती है और लाइव ट्रेडिंग करने से पहले कुछ अनुभव भी हो जाता है।

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के बाद एनालिसिस की जरूरत होती है, इसमें मदद के लिए financial tools उपलब्ध होते है जिससे हमे उचित रास्ता मिलता है।

स्विंग ट्रैडिंग के लिए शेयर कैसे चुने ?

जब आप समझ चुके है की Swing trading in Hindi क्या है। अब आप अपनी जरूरत के हिसाब से जोखिम उठाने के लिए तैयार हो जाएं , क्योंकि अब आपको एक ऐसे शेयर की खोज करनी होगी जो आपके रिस्क सहने के हिसाब से हो।

रिस्क मैनेज कैसे करे?

ऐसा जरूरी नहीं हैं कि आपके द्वारा लिया गया निर्णय सही साबित हो और आपको हमेशा मुनाफा हो, कई बार आपका अनुमान और स्ट्रेटजी अचानक उलट जाती है। आपको अपनी financial risk के अनुसार मुनाफा और हानि दोनों के लिए तैयार रहना चाहिए। Swing trading in Hindi

अपनी ऐसेट को मॉनिटर कैसे करे?

आपको अपने शेयर की कीमत को समय–समय स्विंग ट्रैडिंग कैसे करे? पर देखते रहना है कि का वह अच्छा प्रदर्शन कर रहा है या नही। फायदा दिखते ही मार्केट से शेयर को बेचकर बाहर निकलना ठीक रहता है क्योंकि ज्यादा कीमत बढ़ने के लालच में नुकसान भी हो जाता है। मार्केट में लाभ के अलावा नुकसान भी होता है कभी–कभी नुकसान होने के बाद भी मार्केट से शेयर को बेचकर बाहर निकलना होता है।
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स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें?

मार्केट ट्रेडिंग के लिए बेहतरी स्टॉक को कैसे चुने। ज्यादातर ट्रेडर्स मार्केट की स्थिति के अनुसार ही शेयर को खरीदते हैं। स्विंग ट्रेडिंग के लिए एक अच्छे स्टॉक को चुनने के लिए, आपको उससे जुड़ी हुई सभी खबरों पर ध्यान देना होगा। आपकी पूरी कोशिश हो कि शेयर अच्छा प्रदर्शन करता हो।

मार्केट ट्रेंड : बहुत से ऐसे ट्रेडर होते है जो मार्केट के ट्रेंड के अनुसार ही शेयर को चुनते है। कंपनी की स्थति जानने के लिए, उससे जुड़ी हुई सभी खबरों को समझना होगा। स्टॉक को किसी भी तरह से चुने लेकिन वह प्रदर्शन अच्छा कर रहा होना चाहिए।

लिक्विडिटी स्टॉक : इस लिक्विडिटी स्टॉक का मतलब होता है कि वह शेयर जो ट्रेडिंग मार्केट में अधिक मात्रा में खरीदे या बेचे जाते है। इनका प्रदर्शन कुछ इस तरह का होता है कि मार्केट में उस शेयर की जरूरत काफी अधिक है। बेहतर लिक्विडिटी वाले शेयर में कम मात्रा में रिस्क होता है।

दूसरे स्टॉक के साथ तुलना:

बेहतर स्टॉक को चुनने के लिए, आपको उसी सेक्टर से संबंधित अन्य स्टॉक के साथ तुलना करनी होती है इससे हमे ये पता लगता है कि किस शेयर का प्रदर्शन अच्छा है और किसका खराब है।

स्टॉक का ट्रैडिंग पैटर्न जरूर देखे : आपको जिस स्टॉक का प्रदर्शन अच्छा लग रहा हो, उसके बाद आप स्टॉक के पुराने ट्रेंडिंग पैटर्न को देखना काफी जरूरी होता है इससे हमे stock के भविष्य में कीमत के उतार-चढ़ाव के बारे में अनुमान लग जाता है। एक चीज और देखनी है शेयर की कीमत में थोड़ा ज्यादा उतार-चढ़ाव होगा तो समझो शेयर उतना ही अच्छा होता है।

कम बदलाव वाले स्टॉक: कुछ ट्रेडर अधिक उतार-चढ़ाव वाले शेयर को पसंद नही करते है क्योंकि उसमे पैटर्न को समझने में समस्या होती है। वह उन शेयर में निवेश करते जिसमे सामान्य रूप से कम उछाल या गिरावट दिखती है क्योंकि इससे उनको पैटर्न को समझने में आसानी होती है।

स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें? | How to Select Stocks for Swing Trading in Hindi?

How to Select Stocks for Swing Trading in Hindi

शेयर मार्केट में ट्रैडिंग के कई विकल्प है, जिन्हे निवेशकर्ता अपनी आवश्यकतानुसार चुन सकता है। जैसे दीर्घकालिक, मध्यकालिक या फिर एक दिन में सम्पन्न होने वाले लेन देन या इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)। दीर्घकालिक के लिए किए गए निवेशों में लाभ का प्रतिशत तो अधिक होता है परन्तु काफी लम्बे समय का इंतज़ार भी करना पड़ता है, कई बार ये अवधि 5 वर्ष या उससे भी अधिक की हो सकती है| इन निवेशों में जोखिम (Risk) तो काफी कम होता हैं लेकिन निवेश के लिए ज्यादा पूंजी (Corpus) की आवश्यकता होती है। अगर बात करे इंट्राडे ट्रेडिंग कि तो उसमे बाजार के बंद होने से पहले ही खरीद-बेच का सौदा कर दिया जाता है, इसमे जोखिम ज्यादा होता है पर ट्रैडिंग के लिए कम पूंजी कि जरूरत होती है। अब चाहे लंबे समय के लिए होने वाले ट्रैडिंग कि बात करे या एक दिन में पूरी होने वाली इंट्राडे ट्रेडिंग की सभी के अपने नफा नुकसान है। इन सबसे थोड़ा सा अलग एक अन्य ट्रैडिंग विकल्प भी है जिसे स्विंग ट्रैडिंग (Swing Trading) कहा जाता है।

स्विंग ट्रैडिंग क्या है? | What is Swing Trading?

स्विंग ट्रैडिंग का उद्देश स्टॉक के मूल्य में गिरावट या बढ़ोतरी को देखकर अपनी पोजिसन को होल्ड करने से है, ये अवधि 24 घंटे से लेकर कुछ हफ्तों तक हो सकती है ।

जहां लंबी अवधि के निवेशों में लाभ अर्जित करने के लिए लंबे समय का इंतजार करना पड़ता है, स्विंग ट्रेडिंग के जरिए निवेशक छोटे-छोटे लाभों को अर्जित कर कम समयावधि में अच्छा लाभ अर्जित किया जा सकता है ।

बाजार और शेयर के सही अनुमान लगाने के लिए ट्रैडर कई टेक्निकल सूचक (Indicator) का प्रयोग भी करते है जो शेयर के सही स्थिति के अनुमान लगाने में सहायक होते है।

स्विंग ट्रैडिंग कैसे करे? | How to Do Swing Trading?

ट्रैडिंग अकाउंट खोले: स्विंग ट्रेडिंग के लिए आपको सर्वप्रथम एक ट्रेडिंग अकाउंट खोलने की जरूरत होगी| आजकल कई ट्रेडिंग कंपनियां डेमो अकाउंट भी देती हैं जिनकी मदद से आप ट्रेडिंग को आसानी से समझ पाते हैं और लाइव ट्रैडिंग से पहले अभ्यास कर सकते है ।

बाजार का आंकलन करे: ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के पश्चात आपको बाजार विश्लेषण की जरूरत पड़ेगी, इस पर मदद के लिए कई वित्तीय टूल उपलब्ध हैं जो उचित मार्गदर्शन कर सकते हैं।

स्विंग ट्रैडिंग के लिए शेयर चुने: जब आप बाजार को अच्छे से समझ लिए हैं और अपनी जरूरत के अनुसार जोखिम के लिए तैयार हैं, अब जरूरत है आपको ऐसे स्टॉक या एजेंट की जो आपकी जरूरत के अनुसार फिट बैठता हो।

जोखिम प्रबंधन करे: ट्रेडिंग में यह आवश्यक नहीं है कि आपके द्वारा लिए गए निर्णय हमेशा सही हो और आपको हमेशा लाभ ही प्राप्त हो, कई बार सही बाजार आंकलन और रणनीति के बाद भी अप्रत्याशित हानि उठानी पड़ती है| आपको स्विंग ट्रैडिंग कैसे करे? अपनी वित्तीय जोखिम के अनुसार लाभ या हानि हर तरह के जोखिम के लिए तैयार रहना चाहिए।

अपनी ऐसेट को मॉनिटर करे: अपनी ऐसेट को मॉनिटर करते रहें, देखें कि क्या वह आपकी आशा के अनुरूप प्रदर्शन कर पा रहा है या नही। सही समय पर बाहर निकलना बेहतर विकल्प हो सकता है, लाभ के साथ यहाँ कभी-कभी हानि के साथ भी हमें बाहर निकलना पड़ता है।

How to Select Stock for Swing Trading? | स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें?

बाजार की दिशा: ट्रैड करते समय कुछ ट्रेडर्स मार्केट की स्थिति के अनुसार भी स्टॉक को चुनते हैं इसके लिए कंपनी के स्तिथि, उससे संबधित खबरों पर नजर रखनी चाहिए| कोशिश करे कि बेहतर प्रदर्शन कर रहे स्टॉक को ही चुना जाएI

तरलता या लिक्विडिटी: तरलता स्विंग ट्रेडर्स के लिए एक अच्छा पैमाना हो सकती हैं, अच्छी लिक्विडिटी का अर्थ है ऐसे स्टॉक जोकि ट्रेड मार्केट में बहुत बड़ी मात्रा में खरीदे या बेचे जाते हैं, ये प्रदर्शित करते है कि स्टॉक कि मांग बाजार में अच्छी है, अच्छे तरलता वाले स्टॉक अपेक्षाकृत कम जोखिम के साथ आते हैI

अन्य स्टॉक के साथ तुलना: इसमें स्टॉक की तुलना उसी सेक्टर से संबंधित अन्य स्टॉक के प्रदर्शन के साथ की जाती है ताकि अधिकतम प्रभावशाली या बेहतर प्रदर्शन वाले स्टॉक को चुना जा सके।

स्टॉक का ट्रैडिंग पैटर्न: स्टॉक के पुराने ट्रेडिंग पैटर्न को देखकर ही भविष्य के लिए उस स्टॉक के लिए अनुमान लगाए जाते है, अतः जो स्टॉक एक निश्चित उतार-चढ़ाव को दोहराते हो वो अच्छे विक्लप हो सकते है।

कम बदलाव वाले स्टॉक: ट्रेडर्स ज्यादा जंपी स्टॉक को लेना पसंद नहीं करते हैं, वह उन्हीं स्टॉक में निवेश करते हैं जो कि तुलनात्मक रूप से कम उछाल या गिरावट दिखाते हो ताकि उनके पैटर्न को अच्छे से समझा जा सकेI

Swing Traders | स्विंग ट्रेडर्स

स्विंग ट्रेडिंग, ट्रेडिंग की एक तरीका है, जिसमे स्टॉक को कुछ समयावधि तक अपने पास रखा जाता है और एक निश्चित लाभ को प्राप्त के उदेश्य से सही समय पर बेच दिया जाता है, ये समयावधि 24 घंटे से लेकर कुछ हफ्तों तक हो सकती है।

स्विंग ट्रेडिंग एक ऐसी निवेश शैली है जिसमें स्टॉक को खरीद कर होल्ड कर दिया जाता है, ताकि सही समय देखकर उससे लाभ अर्जित किया जा सके| ये लाभ काफी कम हो सकता है पर संयुक्त रूप से देखने पर ये अच्छी राशि दे सकता है|

Swing Trading क्या है? | स्विंग ट्रेडिंग कैसे शुरू कर सकते है ?

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दोस्तों आप में से बहुत से लोग स्टॉक मार्केट में शेयर्स को खरीदने और बेचने में इन्वेस्टमेंट करते होंगे लेकिन क्या आपको पता है कि स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है और स्विंग ट्रेडिंग कैसे की जाती है अगर नही, तो आइये आज हम आपको स्विंग ट्रेडिंग से रिलेटेड पूरी जानकारी लेते है तो जो कैंडिडेट स्विंग ट्रेडिंग बारे में पूरी जानकारी चाहते है वो हमारे इस आर्टिकल को पूरा जरुर पढ़े.

swing trading kya hai

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Table of Contents

स्विंग ट्रेडिंग क्या है (What is Swing Trading in Hindi)

स्विंग ट्रेडिंग एक ऐसी ट्रेडिंग होती है जहाँ पर ट्रेडर्स शेयर्स को खरीदने के कुछ दिन के बाद बेचते हैं मतलब कि एक दिन से ज्यादा के लिए शेयर्स खरीदते हैं और थोड़े समय तक होल्ड करने के बाद दाम बढ़ने स्विंग ट्रैडिंग कैसे करे? पर शेयर्स को बेच देते है जिससे उन्हें कुछ न कुछ फायदा हो जाता है.

एक अच्छी स्विंग ट्रेडर की ओप्पोर्चुनिटी को ढूंढने के लिए टेक्निकल एनालिसिस का और कभी-कभी फंडामेंटल एनालिसिस का भी उपयोग करता है साथ ही चार्ट के माध्यम से मार्केट ट्रेंड और पैटर्न्स का विश्लेषण करता है. स्विंग ट्रेडिंग को मंथली ट्रेडिंग भी कहा जाता है क्योंकि एक महीने के अंदर ही शेयर्स को खरीदना और बेचना होता है स्विंग ट्रेडिंग से महीने का 5% से 10% तक रिटर्न कमाया जा सकता है स्विंग ट्रेडिंग में टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस का उपयोग किया जाता है.

स्विंग ट्रेडिंग कैसे शुरू कर सकते है ?

स्विंग ट्रेडिंग शुरू करने के लिए किसी भी ब्रोकर के पास ट्रेडिंग अमाउंट और डीमैट अकाउंट होना जरूरी होता है क्युकी ट्रेडिंग अकाउंट शेयर को खरीदने के लिए और डीमैट अकाउंट ख़रीदे हुए शेयर्स को रखने के लिए जरूरी है.

Swing Trading काम कैसे करती है?

स्विंग ट्रेडर का काम किसी भी स्टॉक को खरीदने से पहले मार्केट का ट्रेंड शेयर्स की कीमत में उतार-चढ़ाव ट्रेडिंग चार्ट में बनने वाले पैटर्न का विश्लेषण करना होता है. सिम्पल तौर पर एक स्विंग ट्रेडर उन शेयर्स पर विश्लेषण करता है जिसमें ट्रेडिंग अधिक होती है. अन्य तरह की ट्रेडिंग की तुलना में स्विंग ट्रेडिंग में ज्यादा रिस्क होता है क्युकी इसमें गैप रिस्क शामिल होता है, अगर मार्केट के बंद होने के बाद कोई अच्छी खबर आती हैं तो स्टॉक के प्राइस मार्केट खुलने के बाद अचानक से ही बढ़ जाते हैं लेकिन अगर मार्केट के बंद होने के बाद कोई बुरी खबर आती हैं तो मार्केट खुलने के बाद स्टॉक के प्राइस में भारी गैप डाउन भी देखने को मिलती हैं इस तरह के रिस्क को ओवरनाईट रिस्क’ कहा जाता है.

स्विंग ट्रेडिंग करने के फायदे क्या है?

स्विंग ट्रेडिंग करने के निम्नलिखित फायदे है-

  • स्विंग ट्रेडिंग में शेयर्स को कुछ दिनों या कुछ हफ्तों के लिए होल्ड करके रखा जाता है इसलिएइंट्राडे की तुलना में लाइव मार्केट में ज्यादा समय रहने की जरूरत नहीं होती है.
  • स्विंग ट्रेडिंग मेंट्रेडर्स को बाजार के साइडवेज़ होने पर एक अच्छा रिटर्न मिलता है.
  • स्विंग ट्रेडिंग जॉब या बिज़नेस करने वाले लोगो के लिए सबसे अच्छा होता हैं.
  • स्विंग ट्रेडिंग में छोटे-छोटे रिटर्न्स साल में एक अच्छा रिटर्न भी बन जाता है.
  • इंट्राडे की तुलना में स्विंग ट्रेडिंग करना आसान होता हैं क्युकी इसमें सिर्फ आपको सिर्फ टेक्निकल एनालिसिस आना चाहिए.
  • इंट्राडे की तुलना में स्विंग ट्रेडिंग में स्ट्रेस लेवेल कम कुछ होता है.

स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान क्या है?

स्विंग ट्रेडिंग करने के कुछ नुकसान भी है-

  • स्विंग ट्रेडिंग में ओवरनाईट और वीकेंड रिस्क भी रहता है.
  • स्विंग ट्रेडिंग में गैप रिस्क भी शामिल होता है
  • अगर किसी तरह से मार्केट का अचानक ट्रेंड बदल जाता है तो यहां काफी देय भी नुकसान हो सकता है.

स्विंग ट्रेडिंग कैसे करे?

सुपोर्ट एंड रेसिसिटेंस: स्विंग ट्रेडिंग में सुपोर्ट एंड रेसिसिटेंस बहुत जरूरी होता है तो इसीलिये आप भी यही कोशिश यही करना कि सपोर्ट पर ब्रेकआउट के बाद शेयर्स ख़रीदे और रेजिस्टेंस पर ब्रेकडाउन पर बेच दे.
न्यूज़ बेस्ड स्टॉक: एक स्विंग ट्रेडर ऐसे शेयर्स को चुनता है जिसमें बाजार की किसी खबर का असर हो और उस खबर के कारण वह स्टॉक किसी एक दिशा में ब्रेकआउट देने की तैयारी में हो या ब्रेकआउट दे चुका हो, वह खबर बुरी या अच्छी किसी भी प्रकार की हो सकती है खबर अच्छी हुई तो ऊपर की तरफ ब्रेक आउट होगा, नहीं तो नीचे की तरफ ब्रेडडाउन होगा.
स्विंग ट्रेडिंग टेक्निक्स: स्विंग ट्रेडिंग के लिए आपको हमेशा हाई Liquidity शेयर्स को चुनना होता है इसके अलावा शेयर में एंट्री और एग्जिट के लिए MACD, ADX और Fast Moving Average का यूज किया जा सकता है.

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आज आपने क्या सीखा?

हमे उम्मीद है कि हमारा ये (swing trading kya hai) आर्टिकल आपको काफी पसन्द आया होगा और आपके लिए काफी यूजफुल भी होगा क्युकी इसमे हमने आपको स्विंग ट्रेडिंग से रिलेटेड पूरी जानकारी दी है.

हमारी ये (swing trading kya hai) जानकारी कैसी लगी कमेंट करके जरुर बताइयेगा और ज्यादा से ज्यादा लोगो के साथ भी जरुर शेयर कीजियेगा.

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